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बहुप्रसिद्ध टीवी सीरियल 'रामायण' के कई किरदार आज हमारे बीच मौजूद नहीं, जानिए, कौन कौन से किरदार निभाने वाले कौन से कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे

आज भी प्रसिद्ध टीवी सीरियल रामायण की याद आने या इसका कोई एपिसोड देख लेने पर उठने का मन नहीं करता। 36 साल पहले रामानंद सागर की 'रामायण' का पहला एपिसोड प्रसारित हुआ था। लेकिन, आज भी यदि कोई इनके किरदारों को देख लेता है तो उन्हें सम्मान देता है। उन्हें भगवान की तरफ पूजने लगता है। हालांकि, दुखद ये है कि इस बहुप्रसिद्ध टीवी सीरियल 'रामायण' के कई किरदार आज हमारे बीच मौजूद नहीं हैं। हमें जीवन जीने का सलीका सिखाने वाले दारा सिंह (हुनमान), मुकेश रावल (विभीषण), विजय अरोड़ा (मेघनाथ) जैसे कई कलाकार अब हमारे बीच नहीं हैं। कुछ बीमारी की वजह से तो कुछ जिंदगी की असल समस्याओं की वजह से इस दुनिया से चले गए। आइए इन कलाकारों के बारे में जानते हैं।

दारा सिंह (हनुमान)

जब भी भगवान राम का जिक्र होता है तब हनुमान जी का नाम अपने आप आ जाता है। बता दें, रामानंद सागर की रामायण में हनुमान जी का किरदार दिग्गज अभिनेता दारा सिंह ने निभाया था। पहले दारा सिंह ने पहलवानी में नाम कमाया और फिर अभिनय की दुनिया में छाप छोड़ी। हनुमान जी का किरदार निभाने के तकरीबन 24 साल बाद दारा सिंह का निधन हो गया। 84 साल की उम्र में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और जब अस्पताल में भर्ती कराया गया तब उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

श्याम सुंदर कालानी (सुग्रीव)

रामायण में सुग्रीव का किरदार निभाने वाले अभिनेता श्याम सुंदर कलानी का हाल ही में निधन हुआ था। दरअसल, अभिनेता लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। बता दें, श्याम सुंदर कलानी ने रामायण में सुग्रीव का किरदार निभाने के साथ-साथ ‘जय हनुमान’ में हनुमान जी भूमिका भी निभाई थी।

ललिता पवार (मंथरा)

दिग्गज अभिनेत्री ललिता पवार ने रामायण में रानी कैकेयी की दासी मंथरा का किरदार निभाया था। यूं तो हिंदी सिनेमा में उन्हें खलनायिका के तौर पर खूब पहचान मिली थी। लेकिन, फिर कैंसर ने 24 फरवरी 1998 के दिन उनकी जान ले ली। 

मुकेश रावल (विभीषण)

मुकेश रावल ने रावण के भाई विभीषण का किरदार निभाया था। साल 2016 की बात है। मुकेश रावल अपने बेटे की मौत के सदमे से जूझ रहे थे। एक दिन खबर आई कि ट्रेन से कटकर उनकी मौत हो गई। 

चंद्रशेखर वैद्य (राजा दशरथ के महामंत्री सुमंत)

रामायण में राजा दशरथ के महामंत्री सुमंत का किरदार अभिनेता चंद्रशेखर वैद्य ने निभाया था। दो साल पहले ही उम्र संबंधी दिक्कतों के चलते उनका निधन हो गया था।

विजय अरोड़ा (मेघनाद)

रामायण में मेघनाद का किरदार विजय अरोड़ा का साल 2007 में पेट के कैंसर के चलते निधन हो गया था। बता दें, उन्होंने अपने करियर में 110 फिल्मों और करीब 500 से अधिक सीरियल्स में काम किया था।

जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर हाइवे पर केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए, उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी

जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर हाइवे पर शनिवार शाम केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू एक सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए। उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक इस इस हादसे में किसी को भी चोट नहीं आई है। केंद्रीय मंत्री भी पूरी तरह ठीक हैं। हादसे के बाद सुरक्षाकर्मियों ने केंद्रीय मंत्री रिजिजू को फौरन कार से उतारकर दूसरी गाड़ी में बैठाया और काफिला आगे बढ़ गया।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने खुद ट्वीट कर इस मामले की जानकारी दी। दरअसल, रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उनके काफिला में उनकी कार को पास से जा रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इसके बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। उनके सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत मोर्चा संभाला। हालांकि हादसे में किसी को भी चोट नहीं आई।

इस घटना पर पुलिस ने कहा, “कानून मंत्री किरण रिजिजू शनिवार को जम्मू-कश्मीर में एक ट्रक से अपनी कार की टक्कर में बाल-बाल बच गए। जम्मू में उधमपुर के पास एक पूरी तरह से लदे ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी।”

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हादसे का वीडियो

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस टीम ने भी मामले की जांट शुरू कर दी है। केंद्रीय मंत्री की कार के हादसे का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू की कार और टक्कर मारने वाला ट्रक साफ दिख रहा है। इसके अलावा किरेन रिजिजू की कार के पास दौड़ते सुरक्षाकर्मी भी दिख रहे हैं। वीडियो में सुरक्षाकर्मी केंद्रीय मंत्री को कार से निकालकर दूसरी गाड़ी की तरफ ले जाते दिख रहे हैं। वहीं रिजिजू के काफिले के कुछ और लोग भी अफरातफरी में दिख रहे हैं।


यूक्रेन के विदेश मामलों की पहली उप मंत्री अमिन झापरोवा आज भारत की आधिकारिक यात्रा पर, पीएम मोदी को दे सकती हैं कीव आने का न्योता

यूक्रेन के विदेश मामलों की पहली उपमंत्री अमिन झापरोवा 9 अप्रैल रविवार को भारत की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचेंगी। उनकी चार दिवसीय भारत यात्रा का 12 अप्रैल को पूरा होगा। रूस के साथ युद्ध के बीच यूक्रेन की मंत्री का यह पहली भारत यात्रा है। भारत यात्रा के दौरान अमीन झापरोवा विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बातचीत करेंगी। इस आधिकारिक चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों, यूक्रेन की मौजूदा हालत और आपसी हित से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की जा सकती है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पूर्वी यूरोपीय देश की पहली यात्रा

यूक्रेन पर पिछले साल रूस के सैनिकों का हमला शुरू होने के बाद से पूर्वी यूरोपीय देश की पहली विदेश उप मंत्री झापरोवा पहली आधिकारिक यात्रा पर निकली हैं। भारत में वह विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी। इसके अलावा उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से भी उनकी मुलाकात तय है।

पीएम मोदी को दे सकती हैं कीव आने का न्योता

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर अमीन झापरोवा अपनी भारत यात्रा के दौरान रूस के हमले से क्षतिग्रस्त ऊर्जा बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए मानवीय मदद और उपकरणों की मांग कर सकती हैं। उनकी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधिकारिक रूप से यूक्रेन की राजधानी कीव आने का न्योता दिए जाने की भी उम्मीद है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से कई बार शांति कायम करने और बातचीत से मुद्दे सुलझाने को लेकर बातचीत की है।

कूटनीति और बातचीत ही शांति का एकमात्र तरीका

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने कई बार और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर कहा है कि कूटनीति और बातचीत ही संघर्ष के मुद्दे को खत्म कर शांति स्थापित करने का एकमात्र तरीका है। पीएम मोदी ने 4 अक्टूबर, 2022 को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत में भी कहा था कि “कोई सैन्य समाधान नहीं” हो सकता है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच शांति के किसी भी प्रयासों में भारत योगदान देने के लिए हमेशा तैयार है।

रांची में 15 मिनट तक चलीं ताबड़तोड़ गोलि‍यां, दहल उठा इलाका; पुलिस पर लापरवाही का आरोप, कमेंट करने पर बढ़ा विवाद


रांची के सुखदेगव नगर थाना क्षेत्र स्थित आनंद नगर में तबातोड़ फायरिंग की घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल हो गया। लोग अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। अपराधियों ने करीब 15 मिनट तक फायरिंग की। घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, इसके बाद मामला शांत हुआ।

सुखदेव नगर इलाके में रहने वाले वार्ड पार्षद ओम प्रकाश ने पुलिस को बताया कि दागी किस्म के युवक विक्रम का मोहल्ले में रहने वाले लोगों के साथ विवाद हो गया था। विवाद खत्म होने के बाद शनिवार को दोपहर में आरोपित विक्रम अपने साथियों के साथ पहुंचा और फायरिंग करने लगा।

फायरिंग की घटना को अंजाम देने के बाद विक्रम मौके से फरार हो गया। पुलिस ने विक्रम को किशोरगंज चौक के पास पकड़ लिया, लेकिन पुलिस इसकी पृष्टि नहीं कर रही है।

पुलिस घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी का फुटेज खंगाल रही है। फुटेज में कुछ आरोपितों का चेहरा सामने आया है। पुलिस सत्यापन कर उन्हें पकड़ने का प्रयास कर रही है।

कमेंट करने पर बढ़ा विवाद

पुलिस का कहना है कि मोहल्ले में रहने वाले अमित के साथ विरेंद्र नाम के युवक के बीच शुक्रवार को विवाद हुआ था। विरेंद्र ने अमित पर कमेंट किया था। इस बात को लेकर शनिवार को दोनों गुटों के बीच मारपीट की घटना हुई थी।

इसी गुस्से में विरेंद्र ने घटना की जानकारी विक्रेम को दिया। विक्रम पहले भी हत्या के मामले में जेल जा चुका है। विक्रम अपने साथियों के साथ मोहल्ले में पहुंचा और फायरिंग की घटना को अंजाम दिया।

पुलिस की लापरवाही से हुई फायरिंग 

सुखेदव नगर थाना की पुलिस को सुबह में विवाद होने की जानकारी दी गई थी, लेकिन थानेदार राजेश सिन्हा ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को भी नहीं दी गई।

विक्रम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से उसका मनोबल बढ़ गया और अपने साथियों के साथ पहुंच पर फायरिंग की घटना को अंजाम दे दिया।

लोगों का कहना है कि पार्षद का चुनाव होने वाला है। इस घटना के पीछे वचर्स्व कायम करने की नीयत से फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस हर बिंदु पर गंभीरता से जांच पड़ताल कर रही है।

यूक्रेन के विदेश मामलों की पहली उपमंत्री अमिन झापरोवा आज भारत की आधिकारिक यात्रा पर, पीएम मोदी को दे सकती हैं कीव आने का न्योता


यूक्रेन के विदेश मामलों की पहली उपमंत्री अमिन झापरोवा 9 अप्रैल रविवार को भारत की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचेंगी। उनकी चार दिवसीय भारत यात्रा का 12 अप्रैल को पूरा होगा। रूस के साथ युद्ध के बीच यूक्रेन की मंत्री का यह पहली भारत यात्रा है। भारत यात्रा के दौरान अमीन झापरोवा विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बातचीत करेंगी। इस आधिकारिक चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों, यूक्रेन की मौजूदा हालत और आपसी हित से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की जा सकती है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पूर्वी यूरोपीय देश की पहली यात्रा

यूक्रेन पर पिछले साल रूस के सैनिकों का हमला शुरू होने के बाद से पूर्वी यूरोपीय देश की पहली विदेश उप मंत्री झापरोवा पहली आधिकारिक यात्रा पर निकली हैं। भारत में वह विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी। इसके अलावा उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से भी उनकी मुलाकात तय है।

पीएम मोदी को दे सकती हैं कीव आने का न्योता

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर अमीन झापरोवा अपनी भारत यात्रा के दौरान रूस के हमले से क्षतिग्रस्त ऊर्जा बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए मानवीय मदद और उपकरणों की मांग कर सकती हैं। उनकी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधिकारिक रूप से यूक्रेन की राजधानी कीव आने का न्योता दिए जाने की भी उम्मीद है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से कई बार शांति कायम करने और बातचीत से मुद्दे सुलझाने को लेकर बातचीत की है।

कूटनीति और बातचीत ही शांति का एकमात्र तरीका

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने कई बार और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर कहा है कि कूटनीति और बातचीत ही संघर्ष के मुद्दे को खत्म कर शांति स्थापित करने का एकमात्र तरीका है। पीएम मोदी ने 4 अक्टूबर, 2022 को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत में भी कहा था कि “कोई सैन्य समाधान नहीं” हो सकता है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच शांति के किसी भी प्रयासों में भारत योगदान देने के लिए हमेशा तैयार है।

अडाणी मुद्दे पर क्यों जेपीसी जांच के पक्ष में नहीं हैं शरद पवार? खुद बताई वजह

#sharad_pawar_speaks_on_demands_of_jpc_against_gautam_adani_issue

एक तरफ कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष अडाणी मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने में लगा है। विपक्ष लगातार इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रहा है। वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने की राय इनसे अलग है।शरद पवार ने अदाणी मुद्दे पर जेपीसी के गठन की मांग से खुद को अलग करते हुए कहा कि इससे कुछ खास फायदा नहीं होगा।एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में शरद पवार ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सवाल भी उठाया और कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को इतनी महत्ता क्यों दी जा रही है? 

जेपीसी से ज्यादा सुप्रीम की कमेटी पर भरोसा-पवार

शरद पवार ने कहा, मेरी पार्टी ने अदाणी मुद्दे पर जेपीसी का समर्थन किया है, लेकिन मुझे लगता है कि जेपीसी पर सत्तासीन पार्टी का कब्जा रहेगा, इसलिए इससे सच्चाई सामने नहीं आ पाएगी। तो मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला पैनल ज्यादा बेहतर तरीके से सच्चाई सामने ला सकता है।पवार ने कहा कि अदाणी मामले में जेपीसी से ज्यादा सुप्रीम की कमेटी पर मुझे भरोसा है।

देश के लिए उनके योगदान के बारे में सोचना चाहिए-पवार

पवार ने आगे कहा, आज कल अंबानी-अदाणी का नाम सरकार की आलोचना के लिए इस्तेमाल होने लगा है, लेकिन हमें यह देश के लिए उनके योगदान के बारे में सोचना चाहिए। मुझे लगता है कि हमारे लिए बेरोजगारी, महंगाई और किसानों का मुद्दा ज्यादा अहम है।

इस मामले पर हो रहे हंगामे का आसर देश की अर्थव्यवस्था पर-पवार

एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि अदाणी ग्रुप को टारगेट किया जा रहा है। जब हम ऐसे मुद्दे उठाते हैं जो पूरे देश में हंगामा मचाते हैं तो इसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है।

ओवैसी ने गोडसे को बताया देश का पहला आतंकवादी, कहा-लोग उसकी फोटो लेकर घूम रहे, पुलिस बैठी है चुप

#india_s_first_terrorist_is_nathuram_godse_says_owaisi 

हैदराबाद में रामनवमी जुलूस के दौरान लोग नाथूराम गोडसे की तस्वीर लेकर नाचते दिखाई दिए। इस मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देश का पहला आतंकी बताया।

ओवैसी ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे शहर हैदराबाद में लोग नाथूराम गोडसे की फोटो लेकर नाच रहे हैं और पुलिस खामोश बैठी है। ओवैसी ने आगे कहा कि यही पुलिस अगर कुछ लोग ओसामा बिन लादेन की फोटो लिए घूम रहे होते तो उनके घर तोड़ देती।ओवैसी का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह कह रहे हैं, 'हमारे शहर में कोई खड़े होकर कहता है कि मैं हिंदू राष्ट्र बनाऊंगा। हद तो यह हो गई है कि शहर हैदराबाद में नाथूराम गोडसे की फोटो लेकर निकलते हैं।

ओवैसी ने आगे कहा कि समझ नहीं आता वो लोग नाथूराम गोडसे का फोटो लेकर क्यों घूम रहे हैं, जो देश का पहला आतंकवादी था। जिसने गांधी को गोली मारी थी। इस सब के बाद पुलिस चुप बैठी है। ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोग कौन हैं? और ये कैसी पुलिस है जो चुप बैठी है। 

कुछ दिनों पहले रामनवमी के मौके पर हैदराबाद में निकाली गई जुलूस में कुछ लोग नाथूराम गोडसे की तस्वीर हाथों में लिए नजर आए थे। उस दिन भी गोडसे की तस्वीर रामनवमी के जुलूस में शामिल किए जाने को लेकर काफी हंगामा मचा था।हैदराबाद में जिस रामनवमी जुलूस में नाथूराम गोडसे की तस्वीर दिखाई गई उसका नेतृत्व भाजपा के निलंबित भाजपा विधायक टी. राजा सिंह कर रहे थे। विवादास्पद नेता के नेतृत्व में शोभा यात्रा के दौरान कुछ प्रतिभागियों को एक गाने पर नाचते हुए और भगवा झंडे लहराते हुए गोडसे की तस्वीर ले जाते हुए देखा गया था।

'मेरा राजा किसी की नहीं सुनता' डिटेल में पढ़िए, राहुल गांधी पर वार करते हुए आंध्र प्रदेश के पूर्व CM भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस पर और


अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व और अंतिम मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। किरण प्रह्लाद जोशी की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। किरण ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि उन्होंने राज्य के विकास के लिए यह कदम उठाया है।

कांग्रेस आलाकमान पर साधा निशाना

पूर्व कांग्रेस नेता किरण कुमार रेड्डी ने दिल्ली में भाजपा ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस आलाकमान पर हमला बोला। उन्होंने इशारो-इशारों में कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता उनकी नहीं सुनते थे। रेड्डी ने कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने राहुल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक कहावत है- 'मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है, वह अपने बारे में नहीं सोचता, किसी की सलाह नहीं सुनता।'

पीएम मोदी से प्रभावित

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि किरण कुमार रेड्डी के परिवार के कई सदस्य कांग्रेस में थे। कुछ समय पहले जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मुझे बताया कि वह पीएम मोदी से प्रभावित हैं, इसलिए वह आज बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि किरण भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेंगे क्योंकि एक विधायक और मंत्री के रूप में उनकी छवि बहुत साफ रही है।

पिता की मौत के बाद बने थे सीएम

किरण रेड्डी अपने पिता और आंध्र के पूर्व पीएम राजशेखर रेड्डी की 2009 में मौत के बाद राज्य के सीएम बने थे। अविभाजित आंध्र प्रदेश में 2010 में उस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम पैदा हुआ था, जिसके चलते उन्होंने राज्य की कमान अपने हाथों में ली थी।  

बता दें कि किरण रेड्डी के राजनीति करियर की शुरुआत 1989 में हुई थी। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर ही वायलपाडु से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2014 में जब यूपीए सरकार ने आंध्र और तेलंगाना का बंटवारा किया था तो किरण रेड्डी ने नाराजगी जताते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी Jai Samaikyandhra Party पार्टी बनाई। हालांकि, 2018 में राहुल गांधी ने उनकी वापसी करवा दी थी।

पूरी तरह बर्बाद होने की कगार पर जा पहुंचा पाकिस्तान, पढ़िए, अमेरिकी शोध संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में क्या दावा किया

आर्थिक और राजनीतिक परेशानी से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने एक नई चुनौती सिर उठाने लगी है। यह चुनौती है विदेशी कर्ज और उसे चुकाने की समय सीमा। एक अमेरिकी शोध संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान के सामने दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है। इस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने रिपोर्ट में कर्ज की रकम और इसे चुकाने का समय सीमा तक का जिक्र किया है। बता दें कि पाकिस्तान में इन दिनों जबर्दस्त कैश क्राइसिस है। लोगों के पास खाने के सामान खरीदने तक के पैसे नहीं हैं। सरकार द्वारा बांटे जा रहे फ्री राशन की लाइनों में भगदड़ मचने से अब तक में कई लोग जान गंवा चुके हैं।

रिपोर्ट में यह है दावा

अमेरिका स्थित शीर्ष शोध संस्थान यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) ने अपनी एनालिटिकल रिपोर्ट में पाकिस्तान के लिए वॉर्निंग जारी की है। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को अप्रैल 2023 से जून 2026 के बीच 77.5 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है। ऐसे में नकदी संकट से जूझ रहे देश के सामने दिवालिया होने का खतरा है। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि इसके चलते पाकिस्तान को काफी खतरनाक समस्याओं का सामना करना पड़ा सकता है। जियो न्यूज ने गुरुवार को यूएसआईपी के हवाले से बताया कि आसमान छूती महंगाई, राजनीतिक संघर्ष और बढ़ते आतंकवाद के बीच पाकिस्तान बड़े पैमाने पर विदेशी ऋण देनदारियों के कारण दिवालिया होने के जोखिम का सामना कर रहा है।