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कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन किरण रेड्डी बीजेपी में शामिल

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दक्षिण भारत में अपनी सियासी जमीन तलाश रही बीजेपी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अविभाजित आंध्र प्रदेश के आखिरी सीएम किरण कुमार रेड्डी ने आज कांग्रेस को बड़ी झटका देते हुए बीजेपी का दामन ताम लिया। किरण रेड्डी ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर अपना त्यागपत्र भेज दिया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एन किरण रेड्डी को बीजेपी की सदस्यता दिलाई। शुक्रवार को पहले पार्टी मुख्यालय पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का हाथ थाम लिया। 

ये हमारी बहुत बड़ी ताकत होंगे- प्रह्लाद जोशी

कार्यक्रम के दौरान प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बीजेपी में दक्षिण भारत के वरिष्ठ नेता किरण कुमार रेड्डी का स्वागत करता हूं. रेड्डी परिवार की तीन पीढ़ी कांग्रेस में रही है. इनके पिता अमरनाथ रेड्डी आन्ध्र प्रदेश के चार बार विधायक रहे और मंत्री भी। किरण भी चार बार विधायक रहे, स्पीकर रहे, चिप व्हिप और मुख्यमंत्री भी रहे। उन्होंने कहा कि नेता के साथ-साथ वे क्रिकेट के एक अच्छे खिलाड़ी भी रहे हैं। रणजी भी खेली है और अब बीजेपी से नई पारी शुरु की है। यहां यकीकनन वे और अच्छा रन बनाएंगे। ये हमारी बहुत बड़ी ताकत होंगे।

बताई कांग्रेस छोड़ने की वजह

वहीं बीजेपी में शामिल होने के बाद किरण कुमार रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ने कारण बताया और कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व के गलत फैसलों की वजह से वह कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर मजबूर हुए। इस दौरान वह कांग्रेस पर निशाना साधते भी नजर आए औऱ कहा पार्टी को लगता है कि सिर्फ वो ही सही है और बाकी सब गलत हैं। रेड्डी ने आगे कहा, कांग्रेस आलाकमान ने स्थानीय नेताओं से कभी कोई राय नहीं ली। कभी किसी की नहीं सुनी। ये केवल एक राज्य की बात नहीं है, बल्कि सभी राज्य की है। सभी राज्दों के वो कमान नियंत्रित करने की बात करेंगे लेकिन कभी जिम्मेदारी नहीं लेंगे।

पहले भी दे चुके हैं इस्तीफा

ये पहली बार नहीं था जब किरण कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। इससे पहले भी उन्होंने 2014 में तत्कालीन यूपीए सरकार के आंध्र प्रदेश को विभाजित करने और तेलंगाना को अलग करने के फैसले के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। फैसले का विरोध इस कदर था कि उन्होंने इस्तीफा देने के तुरंत बाद अपनी खुद की पार्टी 'जय समैक्य आंध्र' बनाई। लेकिन 2014 के चुनावों में पार्टी ठीक प्रदर्शन नहीं कर सकी और बाद के सालों में रेड्डी ने फिर से कांग्रेस ज्वाइन कर ली। अब, आज उन्होंने आधिकारिक रूप से बीजेपी ज्वाइन कर ली है।

चीन पर भड़का डब्ल्यूएचओ, कोरोना की उत्पत्ति से जुड़े और अधिक डेटा की मांग

#who_again_asked_for_data_said_china_should_cooperate 

कोरोना की उत्पति के तीन साल के बाद भी ये सवाल बना हुआ है कि महामारी की उत्पत्ति कैसे हुई? हालांकि हर बार इस महामारी को लेकर चीन दुनियाभर के देशों के निशाने पर रहा है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दावा किया है कि चीन के पास कोविड की उत्पत्ति का डेटा है जो उसने अभी दुनिया और उनके साथ साझा नहीं किया है। ये कहते हुए संगठन ने चीन से जल्द से जल्द उक्त जानकारी साझा करने का दबाव बनाया है।

अगर बीजिंग गायब डेटा दे, तो पता चल जाएगा कि कोविड कैसे शुरू हुआ

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने चीन पर कोविड-19 की उत्पत्ति पर जानकारी साझा करने का दबाव डाला है। टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने जिनेवा में कहा कि चीन के पास जो जानकारी है, बिना उस पूरा डेटा के सारी बातें सिर्फ परिकल्पना हैं। उन्होंने का कि इसलिए हम चीन से इस पर सहयोग करने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर बीजिंग गायब डेटा देता है तो हमें पता चल जाएगा कि क्या हुआ या कोविड कैसे शुरू हुआ?

कोरोना वायरस के चीन की एक लैब से निकलने की आशंका

एक महीने पहले अमेरिका के एनर्जी डिपार्टमेंट ने एक रिपोर्ट में आशंका जताई थी कि हो सकता है कि कोरोना वायरस चीन की एक लैब से निकला हो। इससे पहले भी कई बार चीन के वुहान की लैब से कोरोना वायरस निकलने की बात कही जा चुकी है। हलांकि चीन ने कभी इसकी पुष्टि नहीं की। यूएस एनर्जी डिपार्टमेंट की ये रिपोर्ट इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इनके पास साइंटिफिक एक्सपर्ट हैं।

कोविड को लेकर कई थ्योरी प्रचलित

बता दें कि दुनिया में कोविड के प्रसार को लेकर कई थ्योरी प्रचलित हैं, जिनमें से एक थ्योरी यह है कि कोविड का प्रसार जानवर से आदमियों में हुआ और फिर यह आदमियों से आदमियों के बीच फैलना शुरू हुआ। लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिक इस थ्योरी से संतुष्ट नजर आते हुए नहीं दिखते हैं। इसके पीछे उनका सवाल है कि, क्या ऐसा वाकई में संभव है कि जानवरों से वायरस इंसान में आया हो और फिर दुनिया भर को संक्रमित कर दिया हो?

देश में फिर हाहाकार मचा रहा कोरोना, 24 घंटे में आए 6 हजार से ज्यादा नए केस

#india_covid_19_cases

देश में कोरोना के रोजाना मामलों में आई तेजी ने एक बार फिर से लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। दैनिक मामलों में पिछले तीन दिनों में बड़ा उछाल देखा जा रहा है। शुक्रवार को पूरे देश में कोरोना वायरस के 6 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में एक्टिव मामलों की संख्या 28303 पहुंच गई है। गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को 13 फीसदी अधिक केस सामने आए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों में चिंता बढ़ा दी है।

24 घंटे में कोरोना के नए मामले में 715 की तेजी

कल के मुकाबले देश में आज भी कोरोना के दैनिक मामले में तेजी दर्ज की गई है। देश में आज कोरोना के 6050 नए केस सामने आए हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से 14 लोगों की मौत की खबर है। इससे पहले गुरुवार को देश में कोरोना के 5335 नए केस सामने आए थे जबकि 6 लोगों की मौत हुई थी। इस तरह पिछले 24 घंटे में कोरोना के नए मामले में 715 की तेजी दर्ज की गई है जो कल के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा है।

इन राज्यों ने बढ़ाई चिंता

जिन राज्यों को लेकर हालात ज्यादा चिंताजनक हैं उनमें केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं। इन राज्यों में कोरोना वायरस के एक्टिव मामले लगातर बढ़ रहे हैं। केरल में तो एक्टिव मामले में 9422 पहुंच गया है।

इससे पहले गुरुवार को देश में 195 दिन बाद कोरोना 5,335 नए मामले आए थे। पिछले साल 23 सितंबर को कोरोना के 5,383 दैनिक मामले सामने आए थे। देश में अब तक 4.47 कारोड़ लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।

देश में फिर हाहाकार मचा रहा कोरोना, 24 घंटे में आए 6 हजार से ज्यादा नए केस

#indiacovid19_cases

देश में कोरोना के रोजाना मामलों में आई तेजी ने एक बार फिर से लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। दैनिक मामलों में पिछले तीन दिनों में बड़ा उछाल देखा जा रहा है। शुक्रवार को पूरे देश में कोरोना वायरस के 6 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में एक्टिव मामलों की संख्या 28303 पहुंच गई है। गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को 13 फीसदी अधिक केस सामने आए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों में चिंता बढ़ा दी है।

24 घंटे में कोरोना के नए मामले में 715 की तेजी

कल के मुकाबले देश में आज भी कोरोना के दैनिक मामले में तेजी दर्ज की गई है। देश में आज कोरोना के 6050 नए केस सामने आए हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से 14 लोगों की मौत की खबर है। इससे पहले गुरुवार को देश में कोरोना के 5335 नए केस सामने आए थे जबकि 6 लोगों की मौत हुई थी। इस तरह पिछले 24 घंटे में कोरोना के नए मामले में 715 की तेजी दर्ज की गई है जो कल के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा है।

इन राज्यों ने बढ़ाई चिंता

जिन राज्यों को लेकर हालात ज्यादा चिंताजनक हैं उनमें केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं। इन राज्यों में कोरोना वायरस के एक्टिव मामले लगातर बढ़ रहे हैं। केरल में तो एक्टिव मामले में 9422 पहुंच गया है।

इससे पहले गुरुवार को देश में 195 दिन बाद कोरोना 5,335 नए मामले आए थे। पिछले साल 23 सितंबर को कोरोना के 5,383 दैनिक मामले सामने आए थे। देश में अब तक 4.47 कारोड़ लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।

#manish_sisodia_letter_for_country_on_pm_modi_degree

जेल में बंद मनीष सिसोदिया ने देश के नाम लिखी चिट्ठी, प्रधानमंत्री मोदी की शिक्षा पर उठाया सवाल, कहा-पीएम का कम पढ़ा लिखा होना देश के लिए बेहद खतरनाक


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार प्रधानमंत्री मोदी की शिक्षा को लेकर हमलावर है। अब इस मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया की एंट्री हो गई है। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया ने जेल से देश के नाम एक चिठ्ठी लिखी है, जिसमें प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर सवाल उठाया है। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, प्रधानमंत्री का कम पढ़ा लिखा होना देश के लिए खतरनाक है।सिसोदिया ने कहा है कि पीएम विज्ञान की बातें नहीं समक्षते और न ही शिक्षा के महत्व को समझते हैं।

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अपनी चिट्ठी में पीएम पर तंज करते हुए लिखा, आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। दुनिया भर में विज्ञान और टेक्नॉलॉजी में हर रोज नई तरक्की हो रही है। सारी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बात कर रही है। ऐसे में जब मैं पीएम को यह कहते हुए सुनता हूं कि गंदे नाले में पाइप डालकर उसकी गंदी गैस से चाय या रवाना बनाया जा सकता है, तो मेरा दिल बैठ जाता है। क्या नाली की गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है? नहीं। जब पीएम कहते हैं कि बादलों के पीछे उड़ते जहाज को रडार नहीं पकड़ सकता तो पूरी दुनिया के लोगों में वो हास्य के पात्र बनते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे उनका मजाक बनाते हैं। उनके इस तरह के बयान देश के लिए बेहद खतारनाक हैं। इसके कई नुकसान हैं, जैसे पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े-लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है।

सिसोदिया ने आगे लिखा है कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी जी का एक वीडियो देखा था, जिसमें वे कह रहे हैं कि वो पढ़े लिके नहीं है। केवल गांव के स्कूल तक उनकी शिक्षा हुई है। क्या अनपढ़ या कम पढ़ा लिखा होना गर्व की बात है? जिस देश के प्रधानमंत्री को कम पढ़ लिखे होने पर गर्व हो, इस दे के आम आदमी के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतजाम कभी नहीं हो सकता।

बता दें कि इससे पहले बी सिसोदिया देश के नाम जेल से पत्र लिख चुके हैं। तिहाड़ जेल में बंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मार्च की शुरूआत में देश के नाम खुला पत्र लिखा था।भाजपा की केंद्र सरकार पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए सिसोदिया ने लिखा था कि भाजपा लोगों को जेल में डालने की राजनीति कर रही है। हम बच्चों को पढ़ाने की राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का गुनाह इतना है कि प्रधानमंत्री के समक्ष वैकल्पिक राजनीति खड़ी कर दी, इसलिए केजरीवाल सरकार के दो मंत्री फिलहाल जेल में हैं। जेल की राजनीति भले ही सफल होते दिख रही है, लेकिन भारत का भविष्य स्कूल की राजनीति में है। अगर पूरे देश की राजनीति तन-मन-धन से शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के काम में जुट गई होती तो देश में हर बच्चे के लिए विकसित देशों की तरह अच्छे स्कूल बन गए होते।

20 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है अमृतपाल सिंह, आज कर सकता है सरेंडर, पंजाब में हाई अलर्ट, अधिकारियों की छुट्टियां रद्द

#amritpal_singh_may_surrender_security_agencies_alert_in_punjab 

वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह करीब 20 दिन से पुलिस से भाग रहा है।अमृतपाल सिंह को कई तस्वीरों और वीडियो में पुलिस को चकमा देने के लिए कई वाहनों को ले जाते हुए देखा गया है। इतने दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई ऐसा ठोस सबूत नहीं लगा है कि उसे दबोचा जा सके। इस बीच वारिस पंजाब दे के प्रमुख भगोड़े अमृतपाल सिंह की सरेंडर करने की अटकलें लगातार तेज होती जा रही है। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आज दमदमा साहिब में एक विशेष सभा बुलाई है, जिसके बाद से अमृतपाल के सरेंडर करने की बातें होनी लगी है। जिसके बाद अमृतसर स्थित अकाल तख्त साहिब और भटिंडा के तलबो साबो स्थित श्री दमदमा साहिब, दोनों धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार हरप्रीत सिंह की ओर से शुक्रवार को तलवंडी साबो के तख्त श्री दमदमा साहिब में 'विशेष सभा' बुलाई गई है। तलवंडी साबो के दमदमा साहिब में हो रही है इस बैठक का मकसद धर्म प्रचार, राष्ट्रीय अधिकारों की रक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर मंथन है। बैठक में देश-विदेश के जत्थेदार, लानेदार, निहंग और सिख बुद्धिजीवी शामिल होने वाले है।

तलवंडी साबो के दमदमा साहिब में हो रही विशेष सभा को लेकर पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग के साथ-साथ खुफिया एजेंसिया भी अलर्ट मोड पर है। पुलिस की कोशिश है कि वह किस भी धार्मिक स्थल में प्रवेश न कर सके। इतना ही नहीं पुलिस की तरफ से विशेष सर्च ऑपरेशन तक चलाया गया है। हालांकि पुलिस अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

अमृतपाल को कट्टरपंथी सिख संगठन समर्थन दे रहे हैं. अकाली दल (अमृतसर) के चीफ और लोकसभा सांसद सिमरनजीत सिंह ने तो उसे पाकिस्तान भाग जाने की सलाह दी. वहीं राजनीतिक पार्टी अकाली दल ने भी उसे समर्थन दिया और कानूनी मदद करने का ऐलान किया है

बेटे ने थामा बीजेपी का हाथ, आहत एके एंटनी ने कहा-यह मेरे लिए ये तकलीफदेह

#anilantonyjoinsbjpakantonysaysiampainedbydecision

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। अब अनिल एंटनी को लेकर उनके पिता एके एंटनी की प्रतिक्रिया सामने आई है। बेटे के कांग्रेस छोड़, भाजपा में जाने से एके एंटनी खासे आहत दिखे। उन्होंने कहा कि, "यह मेरे लिए ये तकलीफदेह।"

पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने अपने बेटे अनिल एंटनी के भाजपा में शामिल होने के फैसले पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए एंटनी ने कहा कि वे अपने बेटे के कदम से बहुत आहत हैं और उन्हें यह मंजूर नहीं है। एके एंटनी ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी वफादारी "गांधी परिवार" के साथ रहेगी। उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा- "मेरी वफादारी हमेशा नेहरू-गांधी परिवार के साथ रहेगी। मैं अपनी अंतिम सांस तक कांग्रेस कार्यकर्ता रहूंगा।

देश के संवैधानिक मूल्यों को नष्ट कर रही -एके एंटनी

कांग्रेस नेता एके एंटनी गांधी परिवार के काफी करीब माने जाते रहे हैं। सोनिया से लेकर राहुल गांधी तक के वो भरोसेमंद रहे हैं। बेटे के इस फैसले से एके एंटनी खासे नाराज भी दिखे और इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना भी साध दिया। एके एंटनी ने कहा- अनिल के भाजपा में शामिल होने के फैसले ने मुझे आहत किया है। यह बहुत ही गलत फैसला है। भारत का आधार एकता और धार्मिक सद्भाव है। 2014 के बाद, मोदी सरकार सत्ता में आई, वे व्यवस्थित रूप से विविधता और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर कर रहे हैं। भाजपा केवल एकरूपता में विश्वास करती है, वे देश के संवैधानिक मूल्यों को नष्ट कर रही है।

उसने एक अलग रास्ता चुना है-एके एंटनी

एके एंटनी ने कहा, मैंने अपने बेटे को हमेशा देश के लिए काम करना सिखाया है न कि एक परिवार के लिए। लेकिन उसने एक अलग रास्ता चुना है। वह एक ऐसी पार्टी में शामिल हो गया है जो देश को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने और हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकता। यह गलत और पीड़ादायक है।

बता दें कि बीजेपी ने अपने स्थापना दिवस पर कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया। अनिल एंटनी ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, वी मुरलीधरन, केरल बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।

गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ की सीबीआई जांच की सिफारिश, विदेशों से चंदा लेने का मामला

#centre_asks_cbi_to_probe_oxfam_over_alleged_violations_of_foreign_funds

गृह मंत्रालय ने गुरुवार को एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। विदेशों से चंदा लेने के मामले में गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।ऑक्सफैम इंडिया ने विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2020 के लागू होने के बाद भी विदेशी अंशदान को विभिन्न संस्थाओं को हस्तांतरित करना जारी रखा था। यह नियम इस तरह के हस्तांतरण को बैन करता है। यह संशोधन 29 सितंबर, 2020 को लागू हुआ था। 

सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग द्वारा किए गए एक ‘सर्वेक्षण’ के दौरान कई ई-मेल पाए गए, जिनसे पता चला कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एफसीआरए-पंजीकृत संगठनों को धन भेजकर या लाभकारी परामर्श मार्ग के माध्यम से एफसीआरए के प्रावधानों को दरकिनार करने की कथित तौर पर योजना बना रहा था। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण ने ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों या इकाइयों की विदेश नीति के एक संभावित साधन के रूप में ‘उजागर’ किया, जिन्होंने वर्षों से संगठन को उदारतापूर्वक वित्त पोषित किया है। 

सूत्रों ने कहा कि सामाजिक गतिविधियों के लिए पंजीकृत ऑक्सफैम इंडिया ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को धन भेजा। उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों के बाद, गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की।यह ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी साफ होता है। डेटा में धारा 194जे के तहत 2019-20 वित्तीय वर्ष में सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को 12,71,188 रुपये का भुगतान दिख रहा है।

जांच में पाया है कि ऑक्सफैम इंडिया विदेशी देशों और विदेशी संस्थाओं के लिए विदेश नीति तैयार कराने में भी एक माहौल बनाने की कोशिश करता है। ऑक्सफैम इंडिया ने अपने अपने एफसीआरए अकाउंट की जगह अपने एफसी यूटिलाइजेशन अकाउंट में 1.50 करोड़ रुपये लिए हैं, जो गैरकानूनी है।

पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में हुए शामिल, बीजेपी को कितना होगा फायदा?

#ak_antony_son_anil_joining_bjp

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की आलोचना करने वाले उनके ट्वीट के बाद जनवरी में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से भी अनिल एंटनी के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी। 

भाजपा नेता पीयूष गोयल, वी मुरलीधरन और पार्टी की केरल इकाई के प्रमुख के सुरेंद्रन ने आज एक औपचारिक कार्यक्रम में पूर्व कांग्रेस नेता का अपनी पार्टी में स्वागत किया। पीयूष गोयल ने अनिल एंटनी का पार्टी में स्वागत करते हुए उनकी जमकर तारीफ की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनिल एंटनी स्टैनफोर्ड से पढ़े हैं। उनका क्रेडेंशियल्स बहुत उम्दा है। गोयल ने कहा कि अनिल केरल और भारत के भविष्य के लिए चिंतित रहते हैं। इन्होंने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया था, जिसमें मोदी पर आधारहीन आरोप लगाए गए थे।

बता दें कि पार्टी छोड़ने से पहले अनिल एंटनी केरल में कांग्रेस का सोशल मीडिया सेल चलाते थे। उन्होंने पार्टी छोड़ने से पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को "भारत के खिलाफ पक्षपातपूर्ण" कहा था। गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के विरोध में उन्होंने ट्वीट किया था और बीबीसी की इस हरकत को भारत की संप्रभुता को कम करने से जोड़ते हुए एक ट्वीट किया था। उसके अगले ही दिन उन्होंने 25 जनवरी को कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। जनवरी में इस्तीफा देने के बाद से ही अनिल एंटनी लगातार कांग्रेस को लेकर हमलावर थे और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की प्रशंसा में जुटे हुए थे।

अनिल एंटनी का बीजेपी में शामिल होना केरल की राजनीति के लिहाज से महत्व बढ़ जाता है। हम सब जानते हैं कि अनिल के पिता ए के एंटनी का केरल की राजनीति में बहुत बड़ा कद रहा है। उनकी गिनती उन चुनिंदा नेताओं में होती रही है, जिनके कारण केरल में पिछले 6 दशक से कांग्रेस का जनाधार कायम रहा है। के करुणाकरण और ए के एंटनी ही वो नेता हैं, जिन पर केरल की जनता 70 के दशक से भरोसा करते आ रही थी। ऐसे में ए के एंटनी के बेटे अनिल का ये रुख बीजेपी के साउथ मिशन के लिए बेहद अहम हो जाता है।

विरोध के बावजूद चीन ने अरुणाचल प्रदेश को फिर बताया अपना हिस्सा, कहा- अपने अधिकारों के तहत नाम बदले, भारत ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

भारत के कड़े विरोध के बावजूद चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना हक जताया है। चीन ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश पर अपनी संप्रभुता का दावा किया। एक प्रेस कॉफ्रेंस में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा है कि जेंगनेन (अरुणाचल प्रदेश) चीन का हिस्सा है। उन्होंने कहा- स्टेट काउंसिल के जियोग्राफिकल नामों के प्रशासन की शर्तों के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने जेंगनेन (अरुणाचल प्रदेश) के कुछ हिस्सों के नाम बदले हैं। चीन ने ऐसा अपने अधिकारों के तहत किया है। चीन ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदले थे।

अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा है और रहेगा: विदेश मंत्रालय

चीन के नाम बदलने वाले कदम पर पलटवार करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को कहा था- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।

अमेरिका ने भी किया चीन का विरोध

अमेरिका ने भी भारतीय क्षेत्र पर चीन के दावे का विरोध किया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी करीन जीन-पियरे ने कहा- अमेरिका ने उस क्षेत्र को लंबे समय से मान्यता दी हुई है। हम जगहों के नाम बदलकर क्षेत्र पर दावा करने की एकतरफा कोशिशों का विरोध करते हैं।

अरुणाचल की राजधानी ईटानगर के नजदीकी इलाके का नाम भी बदला दरअसल, चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को भारत के राज्य के तौर पर मान्यता नहीं दी। वो अरुणाचल को ‘दक्षिणी तिब्बत’ का हिस्सा बताता है। उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया है।

चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' के मुताबिक सोमवार को चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री ने 11 नाम बदले जाने को मंजूरी दे दी। यह सभी इलाके जेंगनेन (चीन के दक्षिण राज्य शिजियांग का हिस्सा) में आते हैं। इनमें से 4 रिहायशी इलाके हैं। इनमें से एक इलाका अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के बेहद करीब है। 5 पहाड़ी क्षेत्र और दो नदियां हैं। चीन ने इन इलाकों के नाम मन्दारिन और तिब्बती भाषा में रखे हैं।

कांग्रेस बोली- चीन की इस हरकत के लिए PM मोदी जिम्मेदार

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चीन के अरुणाचल की जगहों का नाम बदलने का जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ठहराया है। कांग्रेस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि PM मोदी ने जून 2020 में चीन को क्लीन चिट दे दी थी। अब हमें उसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। चीन की सेना देसपांग के मैदान में भारत के पेट्रोलिंग के अधिकारों को खारिज कर रही है। जबकि पहले इस इलाके में बिना रोक-टोक भारत की पहुंच थी।

2021 में भी चीन ने बदले थे 15 जगहों के नाम

नाम बदलने के पीछे चीन का क्या दावा है?

2021 में चीन ने अरूणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम बदले थे। इनमें से 8 रिहायशी इलाके थे, 4 पर्वत, 2 नदियां और एक पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता था। चीन अरुणाचल के इलाकों के नाम क्यों बदलता है इसका अंदाजा वहां के एक रिसर्चर के बयान से लगाया जा सकता है।

2015 में चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंस के रिसर्चर झांग योंगपान ने ग्लोबल टाइम्स को कहा था, 'जिन जगहों के नाम बदले गए हैं वो कई सौ सालों से हैं। चीन का इन जगहों का नाम बदलना बिल्कुल जायज है। पुराने समय में जेंगनेन ( चीन में अरुणाचल को दिया नाम) के इलाकों के नाम केंद्रीय या स्थानीय सरकारें ही रखती थीं।

इसके अलावा इलाके के जातीय समुदाय जैसे तिब्बती, लाहोबा, मोंबा भी अपने अनुसार जगहों के नाम बदलते रहते थे। जब जैंगनेम पर भारत ने गैर कानूनी तरीके से कब्जा जमाया तो वहां की सरकार ने गैर कानूनी तरीकों से जगहों के नाम भी बदल दिए।'

झांग ने ये भी कहा था कि अरुणाचल के इलाकों के नाम बदलने का हक केवल चीन को होना चाहिए।

क्या इससे सच में नाम बदल जाएंगे?

इसका जवाब है- नहीं। दरअसल, इसके लिए तय रूल्स और प्रॉसेस है। अगर किसी देश को, किसी जगह का नाम बदलना है तो उसे UN ग्लोबल जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट को पहले से जानकारी देनी होती है।

इसके बाद, UN के जियोग्राफिक एक्सपर्ट उस इलाके का दौरा करते हैं। इस दौरान प्रस्तावित नाम की जांच की जाती है। स्थानीय लोगों से बातचीत की जाती है। तथ्य सही होने पर नाम बदलने को मंजूरी दी जाती है और इसे रिकॉर्ड में शामिल किया जाता है।

अरुणाचल और अक्साई चिन पर भी विवाद

दोनों देशों में 3488 किलोमीटर लंबी LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) को लेकर विवाद है। हालांकि चीन अरुणाचल प्रदेश वाले हिस्से को भी विवादित मानता है।

अरुणाचल प्रदेश की 1126 किलोमीटर लंबी सीमा चीन के साथ और 520 किलोमीटर लंबी सीमा के साथ मिलती है।

चीन का दावा है कि अरुणाचल पारंपरिक तौर पर दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है, वहीं भारत अक्साई चिन इलाके को अपना बताता है।

1962 के युद्ध में चीन ने अक्साई चिन वाले हिस्से पर कब्जा कर लिया था।