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बंगाल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट सख्त, ममता सरकार का दिया निर्देश, कहा-पुलिस से न संभले तो पैरा मिलिट्री तैनात करें

#calcutta_high_courts_order_on_bengal_govt_for_hanuman_jayanti 

रामनवमी के जुलूस के दौरान पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में दो गुटों के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त है। रामनवमी पर हिंसा के बाद हनुमान जयंती की शोभायात्रा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया है। ममता बनर्जी की सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने को कहा है।

धारा 144 वाले इलाकों में जुलूस नहीं निकलने का निर्देश

हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए कहा, ममता सरकार ये सुनिश्चित करें कि हनुमान जयंती के दौरान निकाले जाने वाले जुलूस में कानून और व्यवस्था की ऐसी स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए। जिन इलाकों में सरकार धारा 144 लगाती है उन इलाकों से किसी भी कीमत में जुलूस नहीं निकलना चाहिए। अगर व्यवस्था को संभालने में राज्य सरकार सक्षम नहीं है तो उन इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए।

पश्चिम बंगाल में पिछले छह दिन से चल रही हिंसक घटनाओं पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार को तत्काल कानून और सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के लिए सेंट्रल फोर्सेज की मांग करे और फोर्स मिलते ही पूरे बंगाल के उन सभी इलाकों में तैनात करें, जहां हिंसा की आशंका है। हालांकि कोर्ट ने सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती राज्य पुलिस के सहयोगी तौर पर करने को कहा है।

बीते दिनों रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पश्चिम बंगाल के हुगली और हावड़ा जिलों में हिंसा हुई थी। रामनवमी पर हावड़ा के बाद हुगली में भी हिंसा हुई थी। इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार से रिपोर्ट तलब की थी।

नया रिकॉर्ड बना रहा कोरोना, 24 घंटे में चार हजार से ज्यादा केस आए सामने, संक्रमितों की संख्या 23000 के पार

#india_covid_19_cases 

देश में कोरोना एक बार फिर से विकराल हो गया है। देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में 4 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि मंगलवार को 3038 मामले सामने आए थे।इससे पहले 28 सितंबर को 4,271 मामले सामने आए थे।वहीं,बढ़ते संक्रमण के चलते जान गंवाने वालों की संख्या भी बढ़ गई है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में 4435 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 15 लोगों की मौत हुई।इसमें चार मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पुडुचेरी, राजस्थान में एक-एक मौत हुई है। वहीं, केरल में कोरोना से पूर्व में हुईं चार मौतों को आंकड़ों में जोड़ा गया है।

फिलहाल देश में 23,091 एक्टिव केस हैं। ये 18 अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा हैं। तब 23,376 लोगों का इलाज चल रहा था।वहीं इस दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण को 2508 लोग मात देने में कामयाब रहे, यानी स्वस्थ्य हुए। इसके साथ ही देश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 47 लाख 33 हजार 719 हो गई है। जबकि ठीक होने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़कर 4 करोड़ 41 लाख 79 हजार 712 हो गया है। वहीं देश में अब तक कुल 5 लाख 30 हजार 916 लोग कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दम तोड़ चुके हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, डेली पॉजिटिव रेट इस समय 3.38 फीसदी तो वीकली पॉजिटिव रेट 2.24 प्रतिशत है। कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में अब रिकवरी रेट बढ़कर 98.76 फीसदी पहुंच गया है। जबकि मृत्यु दर 1.19 फीसदी पर बरकरार है। वहीं सक्रिय मामलों में कुल संक्रमणों का 0.05 प्रतिशत शामिल है।

बुलेटप्रूफ हेलमेट पहनकर कोर्ट पहुंचे इमरान खान, सोशल मीडिया पर खूब बन रहा मजाक, बीजेपी नेता ने भी वीडियो शेयर कर कसा तंज

#imran_khan_seen_going_to_court_covered_in_black_helmet 

पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक उठा-पटक चरम पर है।इस बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को एक आतंकवाद-निरोधी अदालत के सामने पेश हुए। कोर्ट में पेशी के दौरान इमरान खान बुलेटप्रूफ हेलमेट पहनकर पहुंचे थे। इमरान का इस तरह कोर्ट जाने का मामला सुर्खियों में है। 

मंगलवार (4 अप्रैल) को इमरान अदालत में पेशी के लिए पहुंचे तो उन्होंने बुलेटप्रूफ हेलमेट पहना हुआ था। पीटीआई के ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया गया। वीडियो में, इमरान खान को बुलेटप्रूफ हेलमेट पहने देखा जा सकता है। इस दौरान वह चारों ओर से बुलेटप्रूफ शील्ड से घिरे हुए थे। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग इसपर खूब चुटकियां ले रहे हैं।इस पर बीजेपी नेत्री खुशबू सुंदर ने इमरान खान पर तंज कसा है।

बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने अपने ट्वीट में लिखा- 'पड़ोसियों के घर में खलबली मची हुई है, संभावित हेड शॉट्स से बचाने के लिए अपने पूर्व पीएम के सिर पर एक बाल्टी है, याद दिलाना चाहती हूं, दोनों देश एक ही समय में आजाद हुए थे। जो मायने रखता है वह है मूलभूत सिद्धांत, जिस पर राष्ट्र का निर्माण होता है- प्यार और नफरत नहीं!'

इमरान खान को लेकर किए गए खुशबू सुंदर के इस ट्वीट पर डीएमके के सरवनन अन्नादुरई ने उनसे सवाल किया है। अन्नादुरई ने पूछा- 'आप यह सलाह किसे दे रही हैं? क्या कोई अंदाजा है दोस्तों? ' सरवनन अन्नादुरई के इस सवाल पर खुशबू सुंदर ने भी रिप्लाई किया है। उन्होंने लिखा- 'दुख की बात है कि आप एक साधारण कथन और एक सलाह के बीच के अंतर को नहीं पढ़ सकते हैं! काश! 'किसी' के प्रति आपकी नफरत आपको यह समझने के लिए अंधा कर देती है, मेरे दोस्त।'

बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का दावा है कि उनकी जान को खतरा है। नवंबर 2022 में एक रैली के दौरान हुए हमले के बाद से इमरान खान फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। इसी वजह से वह बुलेटप्रूफ हेलमेट पहनकर कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे थे। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीर सावरकर पर दिए बयान के लिए नितिन गडकरी ने राहुल गांधी को कहा शुक्रिया, जानें ऐसा क्यों बोले

#nitingadkarithanksrahulgandhi

वीर सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस खासतौर से राहुल गांधी हमेशा से हमलावर रहे हैं। मोदी सरनेम मामले में सजा मिलने के बाद उन्होंने कहा था ति वो गांधी हैं, सावरकर नहीं, किसी से डरते नहीं।उनके इस बयान के बाद महाविकास अघाड़ी के हिस्सा उद्धव ठाकरे कड़ी प्रतिक्रिया जता चुके हैं।इन सबके बीच केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सावरकर को लेकर दिए राहुल के बयान पर उन्हें शक्रिया कहा है। नितिन गडकरी ने सावरकर गौरव यात्रा में कहा कि शुक्र है राहुल गांधी का जिनकी वजह से सावरकर के विचार और संदेश अब घर घर तक पहुंच रहा है। राहुल गांधी को यह लगातार करते रहना चाहिए।

सावरकर का अपमान करने से वे छोटे नहीं हो जाते-गडकरी

भाजपा और शिवसेना मिलकर महाराष्ट्र के हर जिले में वीर सावरकर गौरव यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार को नागपुर में थे।इस दौरान उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने वीर सावरकर का अपमान किया, लेकिन इस अपमान से सावरकर का कद छोटा नहीं हुआ है। गडकरी ने कहा, सावरकर को घर-घर ले जाने का मौका मिला है। इसके लिए हम राहुल गांधी के आभारी हैं कि उन्होंने हमें सच्चाई और सावरकर को घर-घर पहुंचाने का मौका दिया। राहुल गांधी को ये जारी रखना चाहिए।

राहुल ने ये नहीं पढ़ा कि उनकी दादी ने सावरकर के बारे में क्या कहा-गडकरी

राहुल गांधी से माफी की मांग करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने यह नहीं पढ़ा कि उनकी दादी इंदिरा गांधी, दादा फिरोज गांधी ने सावरकर के बारे में क्या कहा। गडकरी ने कहा कि यह सावरकर थे जिन्होंने दिखाया कि हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है। उन्होंने जाति की बाधाओं को तोड़ दिया।

हम आपके लिए एसी लगवा देंगे- फडणवीस 

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी नागपुर में राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी भी सावरकर या गांधी नहीं बन सकते हैं। राहुल गांधी कहते हैं वह माफी नहीं मांगेंग, वह सावरकर नहीं हैं। आप सावरकर या गांधी बन भी नहीं सकते हैं। सावरकर बनने के लिए कई बलिदान करने पड़ते हैं। वह अंडमान की जेल में एक छोटे से कमरे में रहे जो एक टॉयलेट के बराबर था। यहां बिल्कुल अंधेरा था, यहीं पर वह शौच भी किया करते थे। हम आपके लिए एक एसी लगवा देंगे, फिर भी आप वहां नहीं रह पाएंगे राहुल गांधी।

दो अप्रैल से महाराष्ट्र से शुरू हुई ये यात्रा

महाराष्ट्र में रविवार (2 अप्रैल) को अपने गृह नगर ठाणे से सीएम एकनाथ शिंदे ने "वीर सावरकर गौरव यात्रा" की शुरुआत की थी। दरअसल बीजेपी और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने बीते महीने देश में सावरकर के योगदान को इज्जत देने के लिए और उनके खिलाफ कांग्रेस नेता के तंज का जवाब देने के लिए राज्य के हर जिले में इस यात्रा को निकालने का एलान किया था।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गिरफ्तारी के बाद हुए रिहा, बोले-बोले- नर्क में जा रहा है अमेरिका

#trump_facing_legal_proceedings_said_our_country_is_going_to_hell

एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डैनियल्स केस में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आरोपों का सामना कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप एडल्ट फिल्मों की एक्ट्रेस को मुंह बंद रखने के लिए पैसे देने के आरोपों से जुड़े केस की सुनवाई के लिए मैनहट्टन की कोर्ट पहुंचे थे। पेशी से पहले मैनहैटन जिला अटॉर्नी के कार्यालय में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।हालांकि, करीब एक घंटे की सुनवाई के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। अब इस मामले में ट्रंप की व्यक्तिगत पेशी के साथ अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी।

कोर्ट में पेशी के दौरान ट्रंप ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खुद को बेकसूर बताया।ट्रंप ने पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देने के संबंध में कुछ भी गलत करने से इंकार किया है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद ट्रंप को करीब 1.22 लाख डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया। 

अदालती कार्यवाही का सामना करने के बाद वो फ्लोरिडा में अपने समर्थकों के सामने पेश हुए और कहा कि वास्तव में हमारा देश नर्क की ओर जा रहा है। पूरी दुनिया हम पर हंस रही है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अमेरिका में ऐसा कुछ हो सकता है। मैंने अपने देश की निडरता से रक्षा करने के लिए एकमात्र अपराध किया है। उन्होंने अभियोजक अल्विन ब्रैग की कड़ी आलोचना की। 

ट्रंप न्यूयॉर्क के मैनहट्टन कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश हुए थे। न्यूयॉर्क की सड़कों पर 35 हजार से ज्यादा पुलिस वाले और सीक्रेट सर्विस के एजेंट तैयार थे। हालांकि उन्हें आरोप बताने के बाद छोड़ दिया गया था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप 8 कारों के काफिले से अदालत पहुंचे और सीधे कोर्ट के अंदर चले गए।

बता दें कि अमेरिका के इतिहास में, 234 सालों में पहली बार ऐसा हो हुआ है कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार किया गया है।डोनाल्ड ट्रंप के सपोर्टर पूरे देश में सड़कों पर उतर आए हैं और उनकी गिरफ्तारी और उनके खिलाफ चलाए जा रहे अभियोग का विरोध कर रहे हैं।

वहीं, अदालत में पेश होने से पहले ट्रंप ने अपने समर्थकों के नाम एक ईमेल जारी करते हुए कहा कि आज मेरी गिरफ्तारी से पहले यह मेरा आखिरी संदेश है। ट्रंप ने अपने संदेश में लिखा कि आज हम अमेरिका में न्याय के खत्म होने का शोक मनाते हैं। आज वह दिन है जब एक सत्तारूढ़ राजनीतिक दल अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी को कोई अपराध नहीं करने के लिए गिरफ्तार करता है। ट्रंप ने आगे लिखते हुए कहा कि हमारा देश एक थर्ड वल्र्ड कम्युनिस्ट देश बनता जा रहा है, जो असहमति को अपराधी बना देता है और अपने राजनीतिक विरोध को जेल में डाल देता है।

कांग्रेस से बगावत करने वाले गुलाम नबी ने की पीएम की तारीफ, कहा-नरेंद्र मोदी ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया

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कांग्रेस से बगावत कर अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधा है।गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी उनके साथ बदले की भावना से काम नहीं किया। संसद में नेता विपक्ष रहने के दौरान वह भाजपा के विरोध में कई मुद्दों पर मुखर रहे, लेकिन पीएम मोदी ने फिर भी उनके साथ राजनेता के जैसे ही व्यवहार किया।

बुधवार को गुलाम नबी की ऑटोबायोग्राफी 'आजाद' लॉन्च होने वाली है। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह इसकी लॉन्चिंग करेंगे। आजाद ने इसमें अपने 55 साल के राजनीतिक अनुभवों का जिक्र किया है। बुक लॉन्च से पहले आजाद का बयान आया है।

उन्होंने एक राजनेता की तरह व्यवहार किया-आजाद

पूर्व राज्यसभा सांसद एवं डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के संस्थापक ने गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी उनके साथ बदले की भावना से काम नहीं किया। आजाद ने कहा, ' मैंने उनके साथ जो किया उसके लिए मुझे मोदी को श्रेय देना चाहिए। वह बहुत उदार हैं। नेता विपक्ष के रूप में मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा चाहें वह धारा 370 हो या सीएए या हिजाब का मामला। लेकिन उन्होंने एक राजनेता की तरह व्यवहार किया, उसका बदला नहीं लिया।

मैं कांग्रेस को पूरी तरह से एक्सपोज नहीं करना चाहता-आजाद

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कांग्रेस की वर्तमान स्थिति पर कहा कि जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी इस आघात को सहन कर सकते थे। उनमें सहनशक्ति थी, उन्हें जनता का समर्थन हासिल था और उनका सम्मान था। वर्तमान में कांग्रेस लीडरशिप का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है।उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस को पूरी तरह से एक्सपोज नहीं करना चाहता हूं। मेरे कांग्रेस नेतृत्व के साथ कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसकी विचारधारा से मुझे कोई दिक्कत नहीं है।

जी-23 ग्रुप के नेताओं के बीजेपी के समर्थन का दिया जवाब

कांग्रेस के जी-23 ग्रुप के नेताओं के बीजेपी करीबी होने का आरोप पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये बकवास है. अगर जी-23 बीजेपी के प्रवक्ता थे तो उन्हें कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया है? मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है, बाकी लोग अभी वहीं हैं. ये दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है।

बता दें कि पिछले साल कांग्रेस से अलग होकर आजाद ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाई। जानकारी सामने आई है कि अपनी नई किताब में आजाद ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि जब गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त 2019 को संसद में आर्टिकल 370 हटाने की घोषणा की थी और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था, तब विपक्ष धरने पर बैठा, लेकिन जयराम रमेश उस प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।

सिक्किम के नाथुला में भीषण हिमस्खलन, 7 की मौत, 150 से ज्यादा फंसे, बचाव में जुटी सेना

#sikkim_avalanche_7_tourists_died_and_feared_trapped_in_avalanche_in_nathu_la

सिक्किम नाथू ला में भारी हिमस्खलन की खबर आ रही है।इस घटना में 7 पर्यटकों की मौत हो गई है और 11 घायल हुए हैं।150 से अधिक पर्यटक अभी भी 15 मील से आगे फंसे हुए हैं।बाकी लोगों की तलाशी के लिए बचाव अभियान सेना, राज्य आपदा प्रबंधन टीम और पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है।

सिक्किम में गंगटोक को नाथुला से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू रोड पर ये हादसा हुआ है।ये हादसा दोपहर 12:20 बजे का है।सेना के अधिकारियों ने ये जानकारी दी है कि मृतकों में चार पुरुष, एक महिला और एक बच्चा शामिल है। हिमस्खलन के बाद गंगटोक को नाथू ला से जोड़ने वाले 15वें मील जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर बचाव अभियान जारी है।राहत बचाव के काम में सिक्किम पुलिस, सिक्किम के ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन, पर्यटन विभाग के अधिकारियों और वाहन चालक जुटे हुए हैं। बर्फ में फंसे 30 पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया है। उन्हें गंगटोक के एसटीएनएम अस्पताल और सेंट्रल रेफरल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चेकपोस्ट के महानिरीक्षक सोनम तेनजिंग भूटिया ने बताया कि पास केवल 13वें मील के लिए जारी किए जाते हैं, लेकिन पर्यटक बिना अनुमति के 15वें मील की ओर जा रहे हैं. ये घटना 15वें मील में हुई। फिलहाल सिक्किम पुलिस, सिक्किम के ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन, पर्यटन विभाग के अधिकारियों और वाहन चालकों की ओर से बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की पत्नी वसुधा रोहतगी ने दिल्ली के पॉश गोल्फ लिंक इलाके में 2160 स्क्वायर यार्ड का 160 करोड़ रुपए में खरी


देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल और सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी की पत्नी वसुधा रोहतगी ने हाल ही में दिल्ली क पॉश गोल्फ लिंक इलाके में शानदार बंगला खरीदा है। 2160 स्क्वायर यार्ड के इस बंगले के लिए उन्होंने 160 करोड़ की भारी-भरकम रकम चुकाई। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वसुधा रोहतगी के बंगले का रजिस्ट्रेशन पिछले महीने ही हुआ है। स्टांप ड्यूटी के रूप में 6.4 करोड रुपए चुकाए हैं।

बंगले की खासियत

मुकुल रोहतगी और वसुधा रोहतगी के नए बंगले का प्लॉट एरिया 1806.35 स्क्वायर मीटर और पूरी बिल्डिंग का कवर्ड एरिया 1869.7 स्क्वायर मीटर है। गोल्फ लिंक दिल्ली के सबसे महंगे और पॉश इलाकों में गिना जाता है। यह खान मार्केट से वाकिंग डिस्टेंस पर है। वसुधा रोहतगी के पड़ोसियों की बात करें तो Rategain के भानु चोपड़ा, मैक्सोप इंजीनियरिंग के शैलेश अरोड़ा और डीबी ग्रुप के पवन अग्रवाल भी यहीं रहते हैं।

कौन हैं वसुधा रोहतगी

वसुधा रोहतगी की गिनती भी देश के दिग्गज वकीलों में होती है। सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट वसुधा ने कुछ वक्त पहले परिवार की देखभाल के लिए वकालत छोड़ दी थी। वसुधा रोहतगी, देश के दिग्गज वकील रहे दिवंगत जीएल सांघी की बेटी है।

वसुधा रोहतगी ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और कानून की पढ़ाई की। मूल रूप से नागपुर की रहने वालीं वसुधा रोहतगी और मुकुल रोहतगी के दो बेटे हैं और दोनों ही वकील हैं।

लग्जरी गाड़ियों की भी हैं शौकीन

वसुधा रोहतगी और मुकुल

 रोहतगी लग्जरी कारों के शौकीन भी हैं। दोनों के पास बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज और बेंटले है। दोनों को लॉन्ग ड्राइव का शौक है और अक्सर नई जगहों को एक्सप्लोर करते रहते हैं।

कौन हैं मुकुल रोहतगी

वसुधा गुप्ता के पति और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी Biography की बात करें तो साल 2021 में उनकी कुल नेटवर्थ 100 करोड़ से ज्यादा की आंकी गई थी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक मुकुल रोहतगी सुप्रीम कोर्ट में एक हियरिंग के 35 लाख रुपये तक चार्ज करते हैं। 17 अगस्त 1955 को जन्मे मुकुल रोहतगी दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज अवध बिहारी रोहतगी के बेटे हैं। मुकुल रोहतगी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स (ऑनर्स) की पढ़ाई की है। इसके बाद साल 1975 में उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से लॉ की पढ़ाई की थी।

राहुल गांधी ने सांसदी वापस पाने के लिए इन पिता पुत्री पर किया भरोसा, जज का ऑफर ठुकरा चुके हैं आरएस चीमा


आरएस चीमा की गिनती देश के टॉप क्रिमिनल लॉयर्स में, बाप-बेटी की जोड़ी सिख दंगों से लेकर 2 जी जैसे हाईप्रोफाइल केस लड़ चुकी 

सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा राहुल गांधी का मुकदमा लड़ रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत के सेशन कोर्ट में अपनी सजा को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। कुछ दिन पहले ही आपराधिक अवमानना से जुड़े मामले में सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी को यह सजा ‘मोदी सरनेम’ से जुड़ी टिप्पणी के मामले में हुई थी।

बाप-बेटी की जोड़ी लड़ रही राहुल गांधी का मुकदमा

सूरत के सेशन कोर्ट में राहुल गांधी की तरफ से जो वकील मुकदमा लड़ रहे हैं, उनमें सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा, एडवोकेट तरन्नुम चीमा और किरीट पनवल शामिल हैं। ‘बार एंड बेंच’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिग्गज एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी टीम इस टीम की स्ट्रैटेजिक एडवाइजर के तौर पर मदद कर रहे हैं।

जज का ऑफर ठुकरा चुके हैं आरएस चीमा

राहुल गांधी की तरफ से पेश वकीलों की अगुवाई कर रहे आरएस चीमा की गिनती देश के टॉप क्रिमिनल लॉयर्स में होती है। पंजाब और दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले चीमा साल 1977 से वकालत कर रहे हैं और कोलगेट स्कैम से लेकर सिख दंगों से जुड़ा केस लड़ चुके हैं। चीमा, सीबीआई के लिए भी तमाम हाई-प्रोफाइल मुकदमे लड़ चुके हैं।

आरएस चीमा दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई की तरफ से बतौर स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) पेश हुए थे और सज्जन कुमार को बरी करने के फैसले को पलटवा दिया था। उन्होंने और चर्चित कोलगेट स्कैम में भी कई आरोपियों को सजा दिलवाई थी।

सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर रह चुके हैं। इसके अलावा पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल (AG) भी रहे हैं। वह इस पद पर 2 साल तक रहे। चीमा को जज बनने का ऑफर भी मिला था, लेकिन उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया था।

पहले भी लड़ चुके हैं राहुल का मुकदमा

यह पहली बार नहीं है जब आरएस चीमा राहुल गांधी के लिए मुकदमा लड़ेंगे। इससे पहले वह नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए मुकदमा लड़ चुके हैं और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को क्रॉस एग्जामिन किया था। स्वामी ही इस मामले के शिकायतकर्ता हैं।

कौन हैं तरन्नुम चीमा?

राहुल गांधी की दूसरी वकील तरन्नुम चीमा हैं, जो आरएस चीमा की बेटी हैं। बाप-बेटी की जोड़ी क्रिमिनल केसेज के लिए खासी मशहूर है तरन्नुम, एक दशक से ज्यादा वक्त से वकालत कर रही हैं। आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा की बाप-बेटी की जोड़ी 2G ट्रायल में डिफेंस टीम का हिस्सा थी। तरन्नुम चीमा ने 1984 के सिख दंगे और कोलगेट मामले में अपने पिता की मदद की थी। तरन्नुम चीमा, तमाम नेताओं का PMLA से जुड़ा मुकदमा भी लड़ चुकी हैं।

1600 मुकदमें लड़ चुके हैं किरीट पनवल

राहुल गांधी के तीसरे वकील एडवोकेट किरीट पनवल हैं। पनवल, चार दशक से ज्यादा वक्त से वकालत कर रहे हैं और उनकी गिनती सूरत के मशहूर क्रिमिनल लॉयर्स में होती है। किरीट पनवल अब तक मर्डर से जुड़े 1600 मुकदमें लड़ चुके हैं। वह आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं से जुड़े एक रेप केस में भी अपीयर हो चुके हैं।

गुजराती फिल्म ‘नर्मदा तारा वही जाता पानी’ के प्रोड्यूसर पनवल, नवयुग लॉ कॉलेज और वीटी चोकसी लॉ कॉलेज में लेक्चरर भी रहे हैं और उन्होंने ‘सत्या माहिती’ नाम से किताब भी लिखी है, जो उनके अनुभवों पर आधारित है।

उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह का तलाक, 22 साल बाद रिश्ता खत्म, काफी दिनों से चल रही थी अनबन, पढ़िए, क्या था विवाद का क

यूपी सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह का तलाक हो गया। लखनऊ के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेन्द्र नाथ सिंह ने तलाक की अर्जी पर ये फैसला सुनाया है। दरअसल, मंत्री दयाशंकर और पत्नी स्वाति में काफी दिनों से अनबन चल रही थी। स्वाति सिंह ने साल 2012 में भी तलाक की अर्जी दाखिल की थी। 18 मई 2001 को हुई शादी आज टूट गई।

बता दें कि यूपी चुनाव से ठीक पहले स्वाति सिंह का एक ऑडियो वायरल होने के बाद पति-पत्नी का विवाद चर्चाओं में आ गया था। इसी के बाद भाजपा ने स्वाति सिंह का टिकट काट दिया और दयाशंकर सिंह को बलिया नगर से मैदान में उतारा। दयाशंकर सिंह चुनाव जीतकर विधायक भी बन गए हैं। इसके बाद मंत्री बन गए । इस बीच स्वाति सिंह फिर से फैमिली कोर्ट पहुंच गई। इससे पहले स्वाति सिंह ने 2012 में दयाशंकर से तलाक लेने की अर्जी कोर्ट में दी थी। लेकिन मंत्री बनने के बाद केस की पैरवी बंद कर दी। 2018 में फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के कोर्ट नहीं पहुंचने पर केस ही बंद कर दिया था। इसके बाद स्वाति सिंह दोबारा केस खोलने के लिए फैमिली कोर्ट पहुंचीं। उनकी अर्जी पर एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट ने आर्डर रिजर्व कर लिया

 विवाद का कारण

भाजपा ने इस बार स्वाति सिंह के बदले पति दयाशंकर को मैदान में उतारा था। दयाशंकर सिंह चुनाव में बलिया से जीते हैं और मंत्री बनने की रेस में हैं। पहले दयाशंकर सिंह और स्वाति लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से चुनाव लड़ने का टिकट मांग रहे थे। एक ही सीट पर पति-पत्नी के दावे पर पार्टी ने स्वाति का टिकट काटकर सरोजनीनगर से राजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जबकि दयाशंकर को बलिया सदर सीट से मैदान में उतारा गया था।