क्षमता 300 यूनिट की ,20 यूनिट ब्लड ही उपलब्ध
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले की आबादी की करीब 18 से 20 लाख के आसपास है। लोगों को आपात स्थित में खून उपलब्ध कराने के लिए जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक बनाया गया है। 300 यूनिट की क्षमता वाले इस ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में खून उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अक्सर लोगों को खून के लिए निजी चिकित्सालय पर निर्भर होना होता है।
बृहस्पतिवार की दोपहर तक ब्लड बैंक में केवल 20 यूनिट ब्लड शेष बचा था। जिसमें ए, बी, एबी पॉजीटिव और एबी निगेटिव ब्लड हैं। जिसमें एबी निगेटिव केवल एक यूनिट और ए निगेटिव, बी निगेटिव व ओ निगेटिव ब्लड ग्रुप ब्लड बैंक में मौजूद नहीं है। ब्लड की जरूरत पड़ने पर जिला चिकित्सालय पहुंचने वाले कई मरीजों की शिकायत होती है कि अक्सर ब्लड नहीं मिल पाता।
जिसके कारण उन्हें निजी अस्पतालों या दूसरे जिले की ओर रूख करना होता है। ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. पीके सिंह ने बताया कि गर्भवती महिला, कैंसर, एचआईवी, थैलसीमा आदि सहित कुछ अन्य बीमारी के मरीजों के लिए खून नि:शुल्क दिया जाता है। इसके अलावा जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजाें को भी नि:शुल्क ब्लड मिलता है। जिले के इकलौते ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में ब्लड मौजूद नहीं है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में स्थित ब्लड बैंक में केवल 20 यूनिट ब्लड शेष बचा है, जबकि इस ब्लड बैंक की क्षमता 300 यूनिट की है। हालांकि इसमें 150 यूनिट ब्लड टेस्टिंग के बाद और 150 यूनिट बिना टेस्टिंग का रखा जाता है।
रक्तदाताओं की कमी के चलते है यह समस्या
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार रक्तदाताओं की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। बताया कि रक्तदान शिविर में ही इकट्ठा खून मिल पाता है। सामान्य दिनों में हर माह करीब 5 से 6 रक्तदाता ही रक्तदान करते हैं। जिसके कारण 300 क्षमता वाले यूनिट में केवल 20 यूनिट ब्लड मौजूद है।
खून लेने की नियम
मरीज का उपचार जिले के किसी भी सरकारी चिकित्सालय में चल रहा है तो उसके ब्लड ग्रुप का ब्लड मौजूद होने पर निशुल्क दिया जाता है। वहीं निजी अस्पताल में अगर इलाज चल रहा है तो उसके लिए 1050 रुपये शुल्क का भुगतान करना होता है और निजी अस्पताल का लेटर भी देना होता है। रक्तदान के बाद फ्रीजर में अधिकतम 35 दिनों तक खून सुरक्षित रहता है। इस बीच खपत न होने पर अन्य सरकारी चिकित्सालय के ब्लड बैंक में भेज दिया जाता है, क्योंकि समय बीतने के बाद सुरक्षित रखा गया खून बेकार हो जाता है।
सीएमएस, जिला चिकित्सालय डा. राजेन्द्र कुमार ने बताया कि बल्ड बैंक में खून उपलब्ध होने पर हर जरूरतमंद को चिकित्सालय से खून दिया जाता है। बशर्ते जो प्रॉसेज है, उसे पूरा करना पड़ता है। रक्तदाताओं को 90 दिनों के अंदर जरूरत पड़ने पर खून नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
Mar 30 2023, 15:29