छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून हुआ लागू, एबीपीएसएस झारखण्ड ने सीएम भूपेश बघेल का जताया आभार
देशभर के पत्रकारों को एकत्र कर विभिन्न राज्यों में जमीनी पत्रकारिता कर सच की लड़ाई लड़ रहे सभी पत्रकारों के हितार्थ उनपर हुए जुल्म के खिलाफ पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर अग्रसर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति को बहुत बड़ी सफलता हासिल हुई है।वैसे समय में जब राष्ट्र का चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों को अपनी स्मिता व पहचान के लिए स्वयं संघर्ष करना पड़ता रहा है।खासकर छत्तीसगढ़ जैसे नक्सलवाद से प्रभावित प्रदेश में दर्जनों पत्रकारों,कलमकारों व मीडियाकर्मियों की हत्याएं हो चुकी हैं,संगठन इस मांग को लेकर जद्दोजहद करता रहा।जिसमें छत्तीसगढ़ में पहली मुकाम हासिल हुई है। बता दें कि सम्पूर्ण भारत में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए जाने की मांग को लेकर एबीपीएसएस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जिग्नेश कालावाडिया के नेतृत्व में अपने जांबाज़ पत्रकारों मुख्य रूप से राकेश सिंह परिहार, महफूज़ ख़ान,गोविंद शर्मा,रत्नाकर त्रिपाठी,दिलशाद खान,नितिन सिन्हा,राजदीप तोमर,सुनील चौधरी,सरोज जोशी आदि के साथ अनवरत संघर्ष करता रहा है।जिसकी एक सफलता के रूप में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपना वादा पूरा किया। पत्रकार सुरक्षा कानून को उन्होंने 22 मार्च को विधानसभा में पेश कर पारित किया, जो देश का पहला राज्य बना,जिससे सभी पत्रकारों में खुशियां उमड़ पड़ी है।जिसके लिए अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिग्नेश कालावाड़िया, राष्ट्रीय महासचिव महफूज खान,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश परिहार,गोविंद शर्मा,नितिन सिन्हा आदि ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया।साथ ही अन्य राज्यो के मुख्य मंत्रियों व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि अब समय आ गया है कि देश के चौथे स्तंभ को और मजबूत करते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून पूरे भारत में लागू किया जाए।
छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने कहा कि श्री भूपेश बघेल 2017 में राज्य के बिलासपुर में आयोजित अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए थे। जिसमे उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार बनी तो पत्रकार सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में विधान सभा में लाएंगे और इसे लागू किया जायेगा और चौथा स्तंभ स्वतंत्र होकर अपने कार्य को कर सकेगा और उन्होंने जो कहा था, वह 22 मार्च को पत्रकार सुरक्षा कानून पारित कर पूर्ण किया। जिसका छत्तीसगढ़ के पत्रकारों की तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया गया है।यहां बता दें कि झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन भी गत वित्त बजट अधिवेशन के दौरान पूरे झारखंड में पत्रकार सम्मान सुरक्षा योजना लागू किए जाने की घोषणा कर चुके हैं।जिसके लिए एबीपीएसएस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश तिवारी समेत पूरी झारखंड इकाई ने मुख्य मंत्री श्री सोरेन के प्रति आभार प्रकट किया है।इधर संगठन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए कानून में कुछ बातो के समावेश कराने की जरूरत थी, जिससे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराया जायेगा और उसे दुरस्त कराने का संगठन प्रयास करता रहेगा।

देशभर के पत्रकारों को एकत्र कर विभिन्न राज्यों में जमीनी पत्रकारिता कर सच की लड़ाई लड़ रहे सभी पत्रकारों के हितार्थ उनपर हुए जुल्म के खिलाफ पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर अग्रसर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति को बहुत बड़ी सफलता हासिल हुई है।वैसे समय में जब राष्ट्र का चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों को अपनी स्मिता व पहचान के लिए स्वयं संघर्ष करना पड़ता रहा है।खासकर छत्तीसगढ़ जैसे नक्सलवाद से प्रभावित प्रदेश में दर्जनों पत्रकारों,कलमकारों व मीडियाकर्मियों की हत्याएं हो चुकी हैं,संगठन इस मांग को लेकर जद्दोजहद करता रहा।जिसमें छत्तीसगढ़ में पहली मुकाम हासिल हुई है। बता दें कि सम्पूर्ण भारत में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए जाने की मांग को लेकर एबीपीएसएस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जिग्नेश कालावाडिया के नेतृत्व में अपने जांबाज़ पत्रकारों मुख्य रूप से राकेश सिंह परिहार, महफूज़ ख़ान,गोविंद शर्मा,रत्नाकर त्रिपाठी,दिलशाद खान,नितिन सिन्हा,राजदीप तोमर,सुनील चौधरी,सरोज जोशी आदि के साथ अनवरत संघर्ष करता रहा है।जिसकी एक सफलता के रूप में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपना वादा पूरा किया। पत्रकार सुरक्षा कानून को उन्होंने 22 मार्च को विधानसभा में पेश कर पारित किया, जो देश का पहला राज्य बना,जिससे सभी पत्रकारों में खुशियां उमड़ पड़ी है।जिसके लिए अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिग्नेश कालावाड़िया, राष्ट्रीय महासचिव महफूज खान,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश परिहार,गोविंद शर्मा,नितिन सिन्हा आदि ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया।साथ ही अन्य राज्यो के मुख्य मंत्रियों व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि अब समय आ गया है कि देश के चौथे स्तंभ को और मजबूत करते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून पूरे भारत में लागू किया जाए।
छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने कहा कि श्री भूपेश बघेल 2017 में राज्य के बिलासपुर में आयोजित अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए थे। जिसमे उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार बनी तो पत्रकार सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में विधान सभा में लाएंगे और इसे लागू किया जायेगा और चौथा स्तंभ स्वतंत्र होकर अपने कार्य को कर सकेगा और उन्होंने जो कहा था, वह 22 मार्च को पत्रकार सुरक्षा कानून पारित कर पूर्ण किया। जिसका छत्तीसगढ़ के पत्रकारों की तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया गया है।यहां बता दें कि झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन भी गत वित्त बजट अधिवेशन के दौरान पूरे झारखंड में पत्रकार सम्मान सुरक्षा योजना लागू किए जाने की घोषणा कर चुके हैं।जिसके लिए एबीपीएसएस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश तिवारी समेत पूरी झारखंड इकाई ने मुख्य मंत्री श्री सोरेन के प्रति आभार प्रकट किया है।इधर संगठन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए कानून में कुछ बातो के समावेश कराने की जरूरत थी, जिससे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराया जायेगा और उसे दुरस्त कराने का संगठन प्रयास करता रहेगा।

गिरिडीह में देवरी थाना पुलिस की बूट के नीचे दब कर चार दिन के नौनिहाल की मौत के मामले को रांची में उठाए जाने के बाद सीएम हेमंत सरकार के द्वारा मामले को संज्ञान में लिया गया। जिसके बाद घटना के दूसरे दिन एसपी अमित रेनू ने जहां देवरी थाना प्रभारी संगम पाठक को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं एक पुलिस अधिकारी समेत चार को एक ही आरोप में सस्पेंड कर दिया है। हालांकि अभी इस मामले में फिलहाल कोई भी वरीय अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहे है।
धनबाद के कतरास इलाके में गुरुवार को तड़के चाल गिरने से चार लोगों की मौत हो गई. यह घटना सुबह 5:30 बजे की है .जानकार बताते हैं कि घटनास्थल बीएस माइनिंग आउटसोर्सिंग के अंतर्गत आता है. हो सकता है कि कोयला चुनने के लिए ग्रामीण गए हो और कोयले का चट्टान ऊपर से गिर गया हो, जिससे दबकर उनकी मौत हो गई हो. हालांकि लाश बरामद नहीं की जा सकी है. लोग बताते हैं कि कोयला चुनने वाले लाश को लेकर भाग गए हैं. घटना की सूचना के बाद वहां भारी भीड़ जुट गई. सीआईएसएफ के जवान भी पहुंचे. एक घायल महिला का कहीं इलाज चल रहा है. यह क्षेत्र बीसीसीएल के वेस्ट मोदीडीह के कतरास एरिया में आता है. क्षेत्र तेतुलमारी थाना में पड़ता है.इधर विधान सभा में बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने कहा है कि चार नहीं बल्कि दस लोगों की मौत हुई है,चाहे तो फोटो भी दिखा सकते हैं,घटनास्थल सीसीएल मुख्यालय से नजदीक है।
सूबे के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन बुधवार को कुछ देर के लिए गिरिडीह में रुके। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां पर अधिकारियों से बात करने के बाद उनका काफिला देवघर के लिए निकल गया। बताया गया कि बुधवार की सुबह ही राज्यपाल रांची से देवघर के लिए निकले थे। रास्ते में गिरिडीह के परिसदन भवन में रुके। उनके स्वागत के लिए जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणू, एसडीओ विशालदीप खालको, डीएसपी संजय राणा व एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। दूसरी तरफ सुरक्षा का पुख्ता इंतज़ाम भी किया गया था। जिस मार्ग से राज्यपाल गुजरे वह इलाक़ा नक्सल प्रभावित है, ऐसे में सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, मुफ़्फ़सिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी डटे हुए थे।
गिरिडीह में दोपहिया और चार पहिया वाहन पर अनऑथराइज्ड साइन बोर्ड लगाने वालों की अब खैर नहीं। गिरिडीह यातायात पुलिस ने मंगलवार को अंबेडकर चौक के समीप जांच अभियान चलाकर बिना प्राधिकृत गाड़ियों के सामने रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावे अन्य कुछ लिखा हुआ पाए जाने पर चालान काटा गया। इस दौरान चार पहिया और दो पहिया वाहन के सामने नंबर प्लेट की जगह रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावे कुछ भी लिखा हुआ पाया गया उसे रोककर नंबर प्लेट को खोला किया और ₹500 का चालान भी काटा गया। इस बाबत यातायात प्रभारी प्रेम रंजन उरांव ने बताया कि पूर्व से सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार अन ऑथराइज साइन बोर्ड का प्रयोग अपने वाहन में नहीं करना है। इसके बावजूद कई लोग आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं इसी को लेकर जांच अभियान चलाकर बिना प्राधिकृत गाड़ियों के सामने रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावे कुछ भी लिखे पाए जाने पर चालान काटा जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करें। यदि आप प्राधिकृत नहीं है, तो नंबर प्लेट के स्थान पर रजिस्ट्रेशन नंबर के अलग है कुछ भी ना लिखें। उन्होंने कहा कि आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी इस अभियान में यातायात पुलिस कृष्णकांत , विश्वनाथ उरांव , एएसआई परमेश्वर टोपो, सहायक पुलिस दुर्गादास ,सुमित किस्कू,अजय वर्मा,समेत अन्य जवान शामिल थे।
गिरिडीह जिले में आज दो अलग अलग स्थानों में संचालित ईंट भट्ठों में चार मजदूरों के शव मिलने का मामला सामने आया है।पहली घटना तिसरी थाना क्षेत्र की है,जहां खटपोंक पंचायत के बाघमारी गांव के पास बंगला ईट भट्टा के दो मजदूरों का शव मिलने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई। घटना की खबर मिलते ही आसपास के ग्रामीणों की काफी भीड़ जमा हो गई। वहीं ईट भट्ठा के संचालक रामावतार यादव ने दोनो मजदूरों का शव देखने के बाद घटना की जानकारी मृतक के परिजनों को दी। तिसरी थाना क्षेत्र के खटपोंक के रहने वाले दोनो मजदूर सिकंदर यादव और संजय राय की मौत की खबर सुनते ही परिजन मौके पर पहुंचे और चीत्कार करना शुरू कर दिया।
मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि दोनो मजदूर की हत्या की गई है। क्योंकि दोनो मजदूरों के पीठ में चोट के निशान है। इससे साफ प्रतीत होता है कहीं न कहीं ये दोनो मजदूर किसी साजिश के शिकार हुए है। मृतक के परिजनों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।घटना की जानकारी देते हुए ईट भट्टा के संचालक रामावतार यादव ने बताया कि दोनों मजदूर शनिवार की देर रात शराब पीने गांव गए थे। उसके बाद वे दोनों वापस आकर भट्ठे पर ही सो गए थे। जब वह सुबह उठे तो उन्हे दोनों मजदूर मृत मिले।पुलिस द्वारा घटना की जांच पड़ताल की जा रही है।इधर गावां थाना क्षेत्र के परसौनी में संचालित एक बंगला ईट भट्टा में दो मजदूरों के शव मिले हैं। शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। वहीं तरह तरह के चर्चे हो रहे हैं।वहीं परिजनों का रो रो कर बरा हाल है।बता दें कि दिहाड़ी पर कार्य करने वाले इन मजदूरों को शनिवार को भट्ठों के मालिक या ठिकेदार द्वारा पेमेंट किया जाता है।संभावना यह भी जतायी जा रही है कि कहीं यह मौतें शराब पीने के कारण ना हुई हो।लोगों में पुलिस के प्रति नाराजगी देखी जा रही है।
कहा,अब तो हिन्दुस्तान के रुप में हिन्दु राष्ट्र ही है
Mar 24 2023, 11:13
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