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मानहानि केस में राहुल गांधी को मिला केजरीवाल का साथ, बोले-अदालत के फैसले से असहमत

#delhi_cm_arvind_kejriwal_on_rahul_gandhi_punishment

गुजरात के सूरत के जिला कोर्ट ने राहुल गांधी को 2019 में दिए मोदी सरनेम वाले बयान मामले में दोषी करार दिया और दो साल की सजा सुनाई। हालांकि कांग्रेस सांसद को कोर्ट से ही जमानत मिल गई। कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। वहीं कांग्रेस को दूसरी पार्टियों का भी साथ मिल रहा है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा के बाद ट्वीट कर इस फैसले से असहमति जताई है। साथ ही राहुल का पक्ष लेते हुए और बीजेपी पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विरोधी दलों एवं नेताओं पर मुकदमे करके उन्हें फंसाने की साजिश कर रही हैं।

अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए ट्विट किया। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘ग़ैर भाजपा नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि के मुक़दमे में फ़ंसाना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना. हम अदालत का सम्मान करते हैं पर इस निर्णय से असहमत हैं। 

इससे पहले आज गुजरात के सूरत की एक अदालत ने भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी की ओर से दायर एक आपराधिक मानहानि मामले में गांधी को दोषी पाया। मामला 2019 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले का है, जब राहुल गांधी कर्नाटक में प्रचार कर रहे थे और उन्होंने कहा कि ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी है। यह टिप्पणी नीरव मोदी जैसे भगोड़े कारोबारियों के संदर्भ में थी। इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है।

बीजेपी का मिशन 2024: दिल्ली-राजस्थान समेत चार राज्यों के अध्यक्ष बदले, जानें किसे मिली जिम्मेदारी?

#bjp_organisational_changes 

2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले इस साल कुछ राज्यों में विधानसभा चुना भी तय है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक्सन मेड में आ गई है। भाजपा ने आगामी चुनावों को देखते हुए संगठन में बड़े बदलाव किए हैं। बीजेपी ने बृहस्पतिवार को चार राज्यों में महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव किए। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से दिल्ली, राजस्थान, बिहार और उड़ीसा में नए भाजपा प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति के पत्र जारी किए गए हैं। पत्र के मुताबिक सीपी जोशी अब राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष होंगे, जबकि दिल्ली प्रदेश भाजपा की कमान वीरेंद्र सचदेवा को सौंपी गई है।मनमोहन सामल को उड़िशा का पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं सम्राट चौधरी बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष होंगे। भाजपा की ओर से जारी पत्र के अनुसार सभी की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू की गई है।

सम्राट से बिहार को साधना कितना होगा सटीक?

बिहार के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए गए सम्राट चौधरी इस समय विधान परिषद के सदस्य हैं। वे सदन में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। 2015 में भाजपा में आने से पहले लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल, नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' में भी रह चुके हैं। वे कुशवाहा समाज से आते हैं, यानी उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने से नीतीश कुमार के कोइरी-कुशवाहा जाति के वोट बैंक में सेंध लग सकती है।सम्राट चौधरी को प्रदेश की कमान देकर भाजपा ने पिछड़े-दलितों के वोट बैंक को साधने का संकेत दिया है।

सीपी जोशी पर बड़ा दांव

राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी ने सीपी जोशी पर दांव खेला है। सीपी जोशी राजस्थान में भाजपा का ब्राह्मण चेहरा हैं। वह चित्तौड़गढ़ से सांसद हैं। जोशी को गैर-विवादास्पद चेहरा माना जाता है। विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने के इरादे से इनकी नियुक्ति की गई है। ब्राह्मण समुदाय से आने वाले सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने इस समुदाय को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। इसी सप्ताह केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य में ब्राह्मण सम्मेलन कर राज्य की राजनीति में ब्राह्मणों को उचित प्रतिनिधित्व और सम्मान देने की बात कही थी।

वहीं सीपी जोशी को राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष चुनकर पार्टी ने एक तरह से गुटबाजी को रोकने की कोशिश की है। दरअसल,अब तक प्रदेश अध्यक्ष रहे सतीश पुनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का अलग-अलग खेमा है।इन दोनों के अलावा राजस्थान में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का अलग खेमा है।भाजपा के लिए सबसे बड़ी समस्या अलग-अलग खेमे बना चुके इन नेताओं को एकजुट करना था। इस कड़ी में माना जा रहा है कि सीपी जोशी कारगर साबित हो सकते हैं। सीपी जोशी के सभी नेताओं से अच्छे संबंध हैं और उनको किसी एक खेमे का नहीं माना जाता है।

वीरेंद्र सचदेवा बने दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष

दिल्ली में वीरेंद्र सचदेवा को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर तैनात किया गया है। इनसे पहले आदेश गुप्ता दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर थे। दिल्ली एमसीडी चुनाव में पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के क्षेत्र में ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा उस सीट पर भी हारी थी, जहां आदेश गुप्ता रहते हैं। इन सब को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष को बदला है। 

उड़ीसा में मनमोहन सामल संभालेंगे कमान

उड़ीसा में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मनमोहन सामल को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इनसे पहले उड़ीसा भाजपा की कमान समीर मोहंती के हाथों में थी। बताया गया है कि 2024 लोकसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा ने मनमोहन को तैनाती दी है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मनमोहन राज्य की धामनगर विधानसभा से विधायक भी रहे हैं। साथ ही बीजेडी और भाजपा गठबंधन की सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं।

अदाणी मामले में अपने खुलासों से हलचल मचाने वाले हिंडनबर्ग का दावा- अाने वाली है एक और 'बड़ी रिपोर्ट'


हिंडनबर्ग की सबसे चर्चित रिपोर्ट अमेरिका की ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी निकोला को लेकर रही। इसके बाद भारत के अदाणी ग्रुप पर भी इस रिसर्च फर्म ने रिपोर्ट जारी की।

शेयर बाजार में अपनी रिपोर्ट्स के जरिए भूचाल लाने के लिए लोकप्रिय हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब एक और 'बड़ी रिपोर्ट' जल्द लाने की बात कही है। शॉर्ट सेलिंग फर्म ने एक ट्वीट में कहा कि जल्द ही एक बड़ी रिपोर्ट आ रही है। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट के चलते भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी को शेयर बाजार में भारी नुकसान हुआ था। इतना ही नहीं अदाणी की कई कंपनियां सेबी की निगरानी में भी रही थीं। 

क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?

हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है। इसे कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है। इस कंपनी का नाम हिंडनबर्ग आपदा पर आधारित है जो 1937 में हुई थी, जब एक जर्मन यात्री हवाई पोत में आग लग गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे।

कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही?

पहले किन रिपोर्ट्स को लेकर चर्चा में रहा हिंडनबर्ग?

अदाणी समूह कोई पहला नहीं है जिसपर अमेरिकी फर्म ने रिपोर्ट जारी की है। इससे पहले इसने अमेरिका, कनाडा और चीन की करीब 18 कंपनियों को लेकर अलग अलग रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके बाद काफी घमसान मचा। ज्यादातर कंपनियां अमेरिका की ही थीं, जिनपर अलग-अलग आरोप लगे।

हिंडनबर्ग की सबसे चर्चित रिपोर्ट अमेरिका की ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी निकोला को लेकर रही। इस रिपोर्ट के बाद निकोला के शेयर 80 फीसदी तक टूट गए थे। निकोला को लेकर जारी रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर और पूर्व कर्मचारियों की मदद से कथित फर्जीवाड़े को उजागर किया गया था। निकोला के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष ट्रेवर मिल्टन ने तुरंत कंपनी से इस्तीफा दे दिया। रिपोर्ट के बाद कंपनी जांच के दायरे में है।

क्या अब राहुल की लोकसभा सदस्यता भी जाएगी? मोदी सरनेम विवाद में सजा के बाद कांग्रेस नेता के पास क्या हैं विकल्प


 चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात की सूरत जिला अदालत ने सजा सुना दी है। सूरत कोर्ट ने राहुल को दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनाई। हालांकि, अदालत से उन्हें जमानत भी मिल गई है। अदालत ने राहुल को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया था। राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद की सदस्यता पर तलवार लटक रही है। आपको बताते हैं कि राहुल गांधी के पास अब क्या विकल्प हैं, लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है।

क्या है मामला?

ये मामला मोदी सरनेम पर की गई विवादित टिप्पणी का है। दरअसल, 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान कहा था, "नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम एक ही क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?" राहुल की इस टिप्पणी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ। बीजेपी नेता का कहना था कि राहुल गांधी ने इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।

जाएगी राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता?

राहुल गांधी को अगर दो साल से ज्यादा की सजा होती, तो उनकी संसद सदस्यता पर खतरा मंडरा सकता था। केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी को अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है। ऐसे में उनकी संसद की सदस्यता बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक, अगर विधायकों या सांसदों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी संसद या विधानसभा की सदस्यता छिन जाएगी।

राहुल गांधी के पास क्या विकल्प 

सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत देते हुए 30 दिन के लिए सजा को सस्पेंड कर दिया है। यानी कोर्ट से उन्हें ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त मिल गया है। राहुल सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें 30 दिन के भीतर ही अदालत में याचिका दाखिल करनी होगी।

कोर्ट से सजा के ऐलान के बाद राहुल गांधी को आई बापू की याद, कहा-सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन

#rahul_gandhi_remembers_mahatma_gandhi_after_being_convicted_in_modi_surname 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से 2019 में मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले पर गुरुवार को सूरत की एक कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने उन्हें मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है।सजा सुनाए जाने के बाद बापू को राहुल गांधी ने बापू को याद किया।राहुल गांधी ने फैसले के बाद महात्मा गांधी का कोट लेते हुए कहा कि सत्य मेरा भगवान है।

वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट ने आज गुरुवार को सजा सुना दी, साथ ही उन्हें कोर्ट से जमानत भी मिल गई। कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद वह जिला अदालत से रवाना हो गए।रवाना होने के दौरान सूरत कोर्ट के फैसले पर राहुल गांधी ने महात्मा गांधी का एक कोट लेते हुए ट्वीट कर कहा, मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।

हम कानून के मुताबिक इसके खिलाफ लड़ेंगे-खड़गे

वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय मल्लिकार्जुन खरगे ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें जमानत मिल गई है। हम शुरू से जानते हैं कि वे जज बदलते रहे। हम कानून और न्यायपालिका में भरोसा रखते हैं और हम कानून के मुताबिक इसके खिलाफ लड़ेंगे। 

मेरे भाई कभी डरे नहीं-प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।

24 घंटे में कोरोना से 1300 लोग संक्रिमत, नए मामले में की संख्या 140 दिनों में सबसे अधिक, एक्टिव मामले 7600 के पार

# corona_cases_in_140_days_maximum_patients_found 

देश में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। एक तरफ H3N2 के मामले बढ़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कोविड के मामलों में उछाल आया है। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,300 नए मामले सामने आए हैं। एक दिन में नए मामलों की यह संख्या बीते 140 दिनों में सबसे अधिक है।

केन्द्रीय मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 1300 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही देश में अब कुल एक्टिव मामलों की संख्या 7,605 हो गई है। संक्रमण का पॉजिटिविटी रेट 1.46% और साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 1.08% पर पहुंच गया है और रिकवरी रेट घटकर 98.79% हो गया है। मंत्रालय ने बताया कि देशभर में अबतक कोविड वैक्सीन के 220.65 करोड़ डोज लगाए गए हैं. इनमें 95.2 करोड़ दूसरी डोज और 22.86 करोड़ एहतियाती डोज लगाई गई है. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों को बढ़ता देख टेस्टिंग भी बढ़ा दी गई है और 24 घंटे में 89,078 सैंपल की जांच की गई है. संक्रमण की शुरुआत से अबतक 92.06 करोड़ सैंपल की जांच की गई है।

दरअसल, कोरोना के नए वैरिएंट XBB.1.16 की वजह से हो सकता है कि मामले बढ़ रहे हों। एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी संदेह जताया है कि नए वैरिएंट की वजह से ही ताजा मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही उन्होंने अपील की, कि इसमें घबराने की बात नहीं है। संक्रमण म्यूटेट करता रहता है और XBB.1.16 वैरिएंट भी उसी में एक है। संक्रमण के इस वैरिएंट की वजह से जबतक मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती, तबतक यह माना जा सकता है कि यह वैरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है।

देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक अहम बैठक की। इस दौरान देश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान कोविड के ताजा हालात और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को नामित आईएनएसएसीओजी जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं के साथ सकारात्मक नमूनों के संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने का निर्देश दिया। इस कदम से नए वेरिएंट, यदि कोई हो की ट्रैकिंग और उस पर समय रहते प्रतिक्रिया देने में मदद करेगी। पीएम ने रोगियों, स्वास्थ्य पेशेवरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अस्पताल परिसर में मास्क पहनने सहित कोविड से बचाव के उचित व्यवहार पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जब वरिष्ठ नागरिक और सह-रुग्णता वाले लोग भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाते हैं तो उन्हें मास्क पहनने की सलाह दी जानी चाहिए।

मोदी सरनेम विवाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा, सूरत सेशंस कोर्ट ने सुनाया फैसला


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोषी करार दिए गए हैं। सूरत जिला अदालत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनकी कथित 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया है। कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनायी है।

 राहुल गांधी ने क्या दिया था बयान

राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है? राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।

राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा, जानबूझकर नहीं दिया बयान

मानहानि मामले में सुनवाई के दौरान सूरत सेशंस कोर्ट में मौजूद राहुल गांधी ने कहा, उन्होंने जानबूझकर बयान नहीं दिया है। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था। राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे।

राहुल गांधी के समर्थन में लगे नारे

राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताने के लिए बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी शहर के विभिन्न स्थानों पर एकत्र हुए। उन्होंने पोस्टर थाम रखे थे, जिन पर शेर-ए-हिंदुस्तान और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की तानाशाही के आगे कांग्रेस नहीं झुकेगी लिखा था।

मुंबई में अवैध 'दरगाह' पर चला शिंदे सरकार का बुलडोजर, राज ठाकरे की चेतावनी के बाद कार्रवाई

#maharashtra_police_deploy_after_mns_chief_raj_thackeray_claims 

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने बुधवार को दावा किया था कि मुंबई में माहिम तट पर एक ‘अवैध दरगाह’ बन गई है। राज ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा था कि दरगाह को तुरंत ध्वस्त नहीं किया गया तो उसी जगह पर वो भव्य गणपति का मंदिर बनाएंगे। राज ठाकरे की चेतावनी के बाद मुंबई में माहिम बीच पर निर्माणाधीन दरगाह को ध्वस्त किया जा रहा है। मुंबई के माहिम समुद्र तट पर भारी पुलिस तैनाती के बीच कथित तौर पर अतिक्रमित स्थल पर बनी दरगाह को हटाने का अभियान शुरू हो गया है। अतिक्रमण स्थल को बुलडोजर के जरिए तोड़ा जा रहा है। नगर निगम की टीम भी भी इसे ध्वस्त कर रही है। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

राज ठाकरे ने बुधवार को गुड़ी पड़वा के मौके पर शिवाजी पार्क में अपनी रैली के दौरान एक क्लिप चलाया था और दावा किया कि मुंबई में माहिम तट पर एक ‘अवैध दरगाह’ बन गई है।उन्होंने ड्रोन से ली गई तस्वीर का हवाला देते हुए कहा कि आखिर किसकी दरगाह बनाई जा रही है। अगर उस दरगाह को तुरंत ध्वस्त नहीं किया गया तो उसी जगह पर वो भव्य गणपति का मंदिर बनाएंगे।क्लिप के जरिए दावा किया कि माहिम तट के पास दरगाह बनाया जा रहा है। पहले तो इस जगह पर कुछ भी नहीं था। अगर इस अवैध निर्माण पर रोक नहीं लगी तो वो उसे ध्वस्त करने से नहीं हिचकेंगे।

यह वीडियो एमएनएस के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है। वीडियो में बताया गया है कि समंदर के बीच में नए हाजी अली दरगाह को बनाया जा रहा है। दिन के उजाले में अवैध निर्माण किया जा रहा है। लेकिन पुलिस और नगरपालिका के अधिकारियों को यह सब दिखाई नहीं दे रहा है।

23 मार्चः कभी ना भूलने वाली वो तारीख, जब हंसते-हंसते फांसी के तख्ते पर चढ़ गए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव

#shaheed_diwas_23_march 

आज 23 मार्च है। आज की तारीख भारत के इतिहास में दर्ज वो महत्वपूर्ण तारीख है, जब आजादी के मतवाले हंसते हंसते फांसी के फंदे से झूल गए थे। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वर्ष 1931 में क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को फांसी दी गई थी।

28 सितंबर 1907 को जन्मे भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में फांसी के फंदे को “गले लगाया” था। उनके साथ राजगुरु और सुखदेव को भी अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर चढ़ा दिया था। लाहौर षडयंत्र के आरोप में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें फांसी पर लटका दिया था।

भारत की आजादी के लिए ना जाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राण इस आजादी की लड़ाई में त्याग दिए थे। इन्हीं में से एक थे शहीद भगत सिंह, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के आगे आजादी का झंडा लिए राष्ट्रवादी आंदोलन चलाए। भगत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ जब मोर्चा खोला, तो उन्होंने नारा दिया कि 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।' 

बात उस वक्त की है, जब क्रांतिकारी 'पब्लिक सेफ्टी बिल' और 'ट्रेड डिस्प्यूट्स बिल' का विरोध कर रहे थे। 'ट्रेड डिस्प्यूट बिल' पहले ही पास किया जा चुका था, जिसमें मजदूरों द्वारा की जाने वाली हर तरह की हड़ताल पर पाबंदी लगा दी गई थी। 'पब्लिक सेफ्टी बिल' में सरकार को संदिग्धों पर बिना मुकदमा चलाए हिरासत में रखने का अधिकार दिया जाना था। दोनों बिल का मकसद अंग्रेजी सरकार के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाना था। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अंग्रेजी हुकूमत की खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिलज् के विरोध में सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे। ये बम शहीद-ए-आजम भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने फेंके थे।

भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त असेंबली बम कांड में दोषी पाए गए। इसमें दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई और बटुकेश्वर दत्त को काला पानी जेल भेज दिया गया। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को सांडर्स की हत्या का भी दोषी माना गया। 7 अक्टूबर 1930 को फैसला आया कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 24 मार्च 1931 के दिन फांसी पर लटकाया जाए। लेकिन जनता के गुस्से से डरी अंग्रेज सरकार ने 23-24 मार्च की आधी रात में ही इन वीरों को फांसी दे दी।

ब्रिटिश शासन ने लोगों के विरोध को देखते हुए निर्धारित दिन से एक दिन पहले ही क्रांतिकारियों को कानूनी और मानवीय परंपराओं की अवहेलना करते हुए फांसी दे दी। उनके शव उनके परिवारों को नहीं सौंपे गए बल्कि चोरी-छिपे सतलुज के किनारे ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया और फिर अस्थियों को नदी में बहा दिया गया।

सारे चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों है?' बयान से जुड़े मानहानि केस में फैसला आज, सूरत की कोर्ट में मौजूद रहेंगे राहुल गांधी

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मोदी सरनेम मामले में सूरत की अदालत फैसला सुनाने वाली है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी खुद अदालत में मौजूद रहेंगे।पिछले शुक्रवार को अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के लिए फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख निर्धारित की थी। 

चार साल पुराने मामले मे आज फैसला

राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला चार साल पुराना है और लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव प्रचार से जुड़ा हुआ।दरअसल आम चुनाव 2019 के समय राहुल गांधी ने कहा था कि सारे चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों है। बता दें कि उस वक्त ललित मोदी, नीरव मोदी का मुद्दा सुर्खियों में था। बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ केस किया था। 

एयरपोर्ट से लेकर कोर्ट तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था

सूरत में आज गहमागहमी का माहौल रहने की उम्मीद है। मानहानि के मुकदमे में फैसला आने के चलते बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता भी सूरत पहुंच रहे हैं।कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में सूरत आने की अपील की थी। राहुल गांधी के सूरत आने की वजह से एयरपोर्ट से लेकर कोर्ट तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है।

क्या था पूरा मामला?

2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान 13 अप्रैल को राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में कहा था कि 'सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं? राहुल गांधी के इस बयान के बाद सूरत के वेस्ट से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस कर दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय का अपमान किया। इसके बाद यह केस सूरत की कोर्ट में पहुंचा था। इस सिलसिले में राहुल गांधी को 9 जुलाई, 2020 को सूरत की कोर्ट में पेश होना पड़ा था। इस साल की शुरुआत में पूर्णेश मोदी ने केस में जल्दी फैसला करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने सूरत की कोर्ट से तेज सुनवाई का आदेश देते हुए ऊपरी अदालत में सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद पिछले एक महीने से सूरत कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। इसके बाद सूरत कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च को तारीख निर्धारित की थी।