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न्यूजीलैंड में भूकंप के तेज झटकों से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर 7.1 रही तीव्रता, सुनामी की चेतावनी

#earthquake_in_new_zealand 

न्यूजीलैंड में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.1 आंकी गई है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक भूकंप न्यूजीलैंड के केरमाडेक द्वीप समूह में 10 किलोमीटर की गहराई में आया है। भूकंप के झटकों के बाद आस-पास द्वीपों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है।

भूकंप गुरुवार को स्थानीय समय के अनुसार दोपहर 1:56 बजे आया। भूकंप का केंद्र केरमाडेक द्वीप समूह के सबसे बड़े राउल द्वीप के लगभग 195 किलोमीटर (121 मील) दक्षिण-पूर्व में या ऑकलैंड के उत्तर-पूर्व में 1,125 किलोमीटर (700 मील) की दूरी पर केंद्रित था।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। वहीं, अमेरिका के सुनामी वार्निंग सिस्टम की ओर से 300 किलोमीटर के दायरे में आने वाले द्विपों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। भूकंप के बाद समंदर में लहरें उठने लगीं।इसके तुरंत बाद केरमाडेक द्वीप समूह, फिजी, न्यूजीलैंड और टोंगा के लिए सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई, लेकिन जब यह तय हो गया कि कोई खतरा नहीं है, तो सुनामी अलर्ट को वापस ले लिया गया।

तुर्की और सीरिया था विनाशकारी भूकंप

बता दें कि इससे पहले 6 फरवरी को तु्र्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 रही थी। भूकंप से दोनों देशों में 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई। वहीं लाखों घर और इमारतें ढेर हो गए। भारत ने भी दोनों देशों में मदद के लिए एनडीआरएफ और सेना की मेडिकल टीम भेजी थी।

जानें कैसे आता है भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलॉजी (एनसीएस) के अनुसार पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटलेट्स हैं। यह प्लेटलेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जिस जगह पर प्लेटलेट्स टकराते है उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। इस टकराव की वजह से इन प्लेटलेट्स के कोने मुड़ने लगते हैं। इसके अलावा अधिक दबाव के कारण यह प्लेटलेट्स टूटने भी लग जाती हैं। प्लेटलेट्स टूटने के कारण पैदा हुई ऊर्जा बाहर निकलने लगती है। इस कारण से पैदा होने वाली तनाव से ही भूकंप आता है।

जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में एक गिरजाघर में गोलीबारी की घटना में सात की मौत, कई अन्य घायल, बढ़ सकती है मृतकों की संख्या


जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में एक गिरजाघर में गोलीबारी की घटना हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में सात लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने आशंका जताई गई है। हैम्बर्ग पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि अलस्टरडॉर्फ इलाके में स्थित यहोवा विटनेस चर्च में गोलीबारी की यह घटना हुई। मौके पर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। हैम्बर्ग पुलिस ने ट्वीट किया कि हम फिलहाल हमले के कारणों की जांच कर रहे हैं।

पुलिस ने ट्वीट किया कि शुरुआती जांच के मुताबिक ग्रॉस बोरस्टेल जिले में डेलबोगे स्ट्रीट पर विटनेस चर्च में गोलीबारी की गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, कुछ की जान भी गई है। बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को मौके पर तैनात किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन के बीच आसपास रहने वाले निवासियों को घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई है।

एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि हमलावर के फरार होने के अभी कोई संकेत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि क्या हमलावर भी मृतकों में शामिल है। कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने अभी पुष्टि नहीं की है कि हमले में कितने लोग मारे गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमने गोली चलने की आवाज सुनी। हमलावर ने लगातार 12 राउंड फायर किया। 

रात नौ बजे के आसपास हुई गोलीबारी की घटना

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय समयानुसार रात नौ बजे के बाद गोलीबारी की घटना के बारे में पुलिस को सूचना मिली। अधिकारी फौरन घटनास्थल पर पहुंचे तो कई लोगों को गंभीर रूप से घायल और कुछ को मृत पाया। उन्होंने कहा कि पुलिस के पहुंचने तक भी ऊपर से गोली चलने की आवाज सुनाई दे रही थी। जब पुलिस अधिकारी ऊपर गए तो उन्हें एक और व्यक्ति मृत मिला।

दक्षिणी इराक के एक शहर नसीरिया में मिली पांच हजार साल पुरानी फ्रीज और बीयर बनाने का प्राचीन तरीका, खुदाई में मिलीं चौंकाने वाली चीजें

दक्षिणी इराक के एक शहर नसीरिया में मिली पांच हजार साल पुरानी फ्रीज और बीयर बनाने का प्राचीन तरीका मिला है। जब भी पुराने स्थलों की खुदाई होती है तो संबंधित विभागों के द्वारा ऐसे-ऐसे खुलासे किए जाते हैं कि लोग हैरान रह जाते हैं। ऐसी चीजें निकलकर सामने आ जाती हैं जिसके बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

हाल ही में इराक से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जब करीब पांच हजार साल पुराने फ्रीजर सिस्टम की खोज की गई है। यह सिस्टम खुदाई में निकला है। इतना ही नहीं इसके साथ ही बीयर बनाने का एक समीकरण भी उतना ही पुराना सामने आया है।

नसीरिया के प्राचीन खंडहर

दरअसल, इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना दक्षिणी इराक के एक शहर की है। यहां कई आर्कियोलॉजिस्ट की एक टीम ने लगभग 5000 साल पुराने अवशेषों की खोज की है। यह सारी खोज सामने तब आई जब वहां खुदाई की जा रही थी। इस दौरान आर्कियोलॉजिस्ट की टीम ने एक ओवन, कुछ बेंच, एक प्राचीन मिट्टी के रेफ्रिजरेटर की खोज की है। इसके अलावा फूड बाउल और अन्य बर्तनों का पता लगाया गया है। ये खोजें नसीरिया के उत्तर-पूर्व में प्राचीन लगश के खंडहरों में की गई हैं।

बीयर पीने के सबूत मिले 

चौंकाने वाली बात यह रही कि बाउल में मछली और जानवरों की हड्डियां भी पाई गई है। इसके साथ ही बीयर पीने के सबूत मिले हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय और पीसा विश्वविद्यालय की टीमों के द्वारा इन अवशेषों का पता लगाया गया है। जिस जगह पर ये सारी खोजें की गई हैं उसे सुमेरियन सभ्यता के पहले शहरी केंद्रों के रूप में जाना जाता रहा है।

बीयर पानी से भी बेहद आम पेय था!

बताया जा रहा है कि इस खोज के बाद अब इस शहर को अल-हिबा नाम दिया गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ता ग्रुप में शामिल रहे हॉली पिटमैन ने अपने एक बयान में बताया है कि रेफ्रिजरेटर के पीछे खाना पकाने के लिए एक ओवन भी मिला है। ये एक ऐसी जगह हो सकती है, जहां लोग खाना खाने आ सकते थे। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि सुमेरियन लोगों के लिए बीयर पानी से भी बेहद आम पेय था। खुदाई के दौरान बीयर का नुस्खा भी मिला है, जो एक पत्थर पर लिखा है। फिलहाल इसको लेकर जांच शुरू हुई है और संबंधित विभागों में रिसर्च शुरू कर दी गई है

*तुर्की में त्राहीमामः विनाशकारी भूकंप के बाद शवों के मिलने का सिलसिला जारी, अब तक 8 हजार के करीब मौतें*

#turkeysyriaearthquakes 

तुर्की और सीरिया में भूकंप से आई तबाही के बाद अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। हर तरफ चीख-पुकार और मलबों के बीच अपनों को खोजते मायूस चेहरे नजर आ रहे हैं। विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। भूकंप और उसके बाद के झटकों के कारण धराशायी हुई इमारतों में से और शवों के बरामद होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 8 हजार के करीब पहुंच गया है। भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि हजारों इमारतों के मलबे में बचे लोगों को ढूंढ़ने के लिए बचावकर्मी लगे हुए हैं।

अभी और बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं है। अधिकारियों को आशंका है कि भूकंप और बाद के झटकों से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों की तलाश में अब भी जुटे हैं। कम तापमान और भूकंप के बाद के करीब 200 झटके महसूस किए जाने के कारण बचाव कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रेस्क्यू में एक लाख से ज्यादा लोग जुटे

तुर्किये और सीरिया में मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू के काम में करीब एक लाख से ज्यादा लोग जुटे हुए हैं। तुर्किए के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि कहारमनमाराश इलाके में 6 फरवरी को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक भूकंप के कुल 435 झटके दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद से राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक कुल 60,217 कर्मचारी और 4,746 वाहन और निर्माण उपकरण तैनात किए जा चुके हैं। इसके अलावा अलग-अलग देशों की ट्रेंड टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। भारत सरकार ने भी रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी है। इसी तरह अमेरिका, चीन समेत कई देशों से दोनों देशों को मदद पहुंचाई जा रही है। हालांकि, इसके बावजूद रेस्क्यू टीम कम पड़ गई है।

एक्सपर्टस का दावा भूकंप के चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया

इस बीच एक्सपर्टस ने बताया है कि यह भूकंप इतना ताकतवर था कि इसके चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया है। इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने इस बारे में डिटेल जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स 5 से 6 मीटर तक खिसक सकती है। उन्होंने आगे बताया कि असल में तुर्की कई मेन फॉल्टलाइन पर स्थित है। यह एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यहां भूकंप आने का खतरा सबसे अधिक रहता है। वहां के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेटके बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है।