*लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग, जानें कैसे तोड़ी परंपरा*
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शी जिनपिंग तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बन गए हैं। शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर जिनपिंग को चीन का अगला राष्ट्रपति चुन लिया गया। चीन की राजनीति में ऐसा कई दशकों बाद हो रहा है जब कोई नेता लगातार तीसरी बार देश के राष्ट्रपति के रुप में देश के शासन की बागडोर अपने हाथों से संचालित करेगा।
नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के लगभग 3,000 सदस्यों ने सर्वसम्मति से शी जिनपिंग को राष्ट्रपति बनाने के लिए मतदान किया। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव में कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था। शी को चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में तीसरे कार्यकाल के लिए भी चुना गया है। बीते साल अक्टूबर में चीन की पीपल्स पार्टी की सालाना नेशनल पीपल्स कांग्रेस का आयोजन किया गया था। उसी नेशनल पीपल्स कांग्रेस में शी जिनपिंग को सर्वोच्च नेता चुना गया था। शुक्रवार को जिनपिंग ने आधिकारिक तौर पर अपना पद संभाल लिया। शुक्रवार को ही जिनपिंग को चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का अध्यक्ष भी चुन लिया गया।
40 साल पुराना नियम टूट गया
शी जिनपिंग के सत्ता में आने से पहले चीन के राष्ट्रपति पांच साल के दो कार्यकाल या अधिकतम 68 साल की उम्र तक ही राष्ट्रपति रह सकते थे लेकिन साल 2013 में सत्ता में आए शी जिनपिंग ने इस नियम को खत्म कर दिया। यही वजह है कि शी जिनपिंग 69 साल के होने और दो कार्यकाल सफलतापूर्वक कर लेने के बाद भी तीसरी बार अभूतपूर्व तरीके से देश के राष्ट्रपति चुने गए। तीसरी बार शी जिनपिंग के राष्ट्रपति बनने के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का 40 साल पुराना नियम टूट गया।
माओ त्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता
1976 में मॉर्डन चीन के जनक माओ त्से तुंग यानी माओ की मौत के बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना इकबाल शी जिनपिंग को सौंप दिया है। जिनपिंग से पहले माओ ही ऐसे नेता रहे जिन्होंने 1949 से लेकर 1976 तक देश की सत्ता संभाली थी। उनको मॉर्डन चीन का जनक माना जाता है, जिनके नेतृत्व में चीन की क्रांति सफल हुई थी। वह एक राजनीतिक विचारक थे और उन्होंने ही चीन की एकमात्र ताकतवर राजनीतिक पार्टी सीसीपी की स्थापना की थी।
Mar 10 2023, 13:38