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विधानसभा में जाति आधारित जनगणना को लेकर सपा विधायकों का हंगामा


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा में जाति आधारित जनगणना को लेकर गुरुवार को हंगामा किया और नारेबाजी की जिसके कारण सदन की कार्यवाही 35 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी।प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य संग्राम सिंह ने सरकार से जानना चाहा कि जाति आधारित जनगणना पिछली बार कब कराई गई थी और क्या लोकसभा चुनाव से पहले कराई जाएगी। सरकार की ओर से सवाल के जवाब में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक जनगणना केंद्र सरकार का काम है और इसमें राज्य सरकार की फिलहाल कोई भूमिका नहीं है।

एक पूरक प्रश्न में संग्राम सिंह ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि असमानता का एक बड़ा अंतर है क्योंकि एक प्रतिशत लोगों के पास 40.5 प्रतिशत संसाधन हैं और 50 प्रतिशत लोग तीन प्रतिशत संसाधनों से अपनी आजीविका चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जाति आधारित जनगणना की जा रही है।इसका जवाब देते हुए शाही ने कहा कि यूपी बहुत आगे निकल चुका है। हम यूपी को रिवर्स गियर में नहीं ले जा सकते।

हम इसे बिहार में नहीं ले जाना चाहते, जहां अराजकता, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद है। हम ‘सबका साथ, सबका विकास,सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र के साथ उत्तर प्रदेश को देश का सबसे अच्छा राज्य बनाना चाहते हैं।जवाब से असंतुष्ट शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व में सपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में आ गए। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपनी बेंच पर लौट आएं और अन्य सदस्यों को अपने प्रश्न पूछने दें, लेकिन सपा सदस्य नारेबाजी करते रहे, जिसके कारण सदन को शुरू में 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया, जिसे बाद में दोपहर 12.20 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया।

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में उत्तर प्रदेश सबसे आगे


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में केंद्र की योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने के लिए पूरी तत्परता से काम किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना को लागू करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना के अंतर्गत ड्रोन सर्वे का कार्य जल्द पूरा करने का दिशा-निर्देश दिया है।

90,900 ग्रामों में ड्रोन सर्वे हुआ पूरा

राजस्व विभाग की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने बताया कि स्वामित्व योजना का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के लगभग समस्त जिलों के 90,900 ग्रामों में अब तक ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। साथ ही 34,193 ग्रामों की घरौनियां तैयार कर ली गई हैं। इस प्रकार अब तक कुल 50,58,229 घरौनियां तैयार हो चुकी हैं, जिनमें 25 जून 2022 तक 34,69,879 घरौनियों को वितरित कर दिया गया है। वहीं 25 जून के बाद अब तक 15,88,350 नई घरौनियां तैयार कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि आगामी जून तक सभी ग्रामों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

क्या है प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2020 अप्रैल में की गई थी। योजना का मकसद है कि ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इस योजना के जरिए सरकार तकनीक का इस्तेमाल करके ग्रामीण भारत को सशक्त और मजबूत बनाना चाहती है।

ऐसे में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इसके जरिए गांव के उन लोगों को अपनी जमीन का मालिकाना हक मिल रहा है जिनकी जमीन किसी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं है।

कागज नहीं होने पर भी मिल रहे घरौनी के कागजात

ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए स्वामित्व योजना आने से ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड के लिए योजना के तहत आवेदन नहीं करना पड़ेगा। सरकार जैसे-जैसे ग्रामीण भारत में सर्वे और मैपिंग का काम करती जाएगी, वैसे-वैसे लोगों को उनकी जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड मिलता जाएगा। ध्यान रखने की बात यह है कि जिन लोगों के पास पहले से जमीन के कागजात मौजूद हैं उन लोगों को तुरंत अपने कागजात की फोटो कॉपी करके जमा करानी होगी। वहीं जिन लोगों के पास जमीन के कागज नहीं हैं उन्हें सरकार की तरफ से घरौनी नाम का डॉक्यूमेंट दिया जा रहा है।

लोगों को मिलेंगे यह फायदे

घरौनी मिलने से लोगों को कई फायदे होंगे। जमीन खुद के नाम होने पर गांव के लोग उसे आसानी से किसी को भी बेच या उसकी संपत्ति खरीद सकेंगे। इसके साथ ही वह बैंक से लोन आदि की सुविधा भी आसानी से उठा पाएंगे।

मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में लखनऊ शहर के कई चौराहों के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न


लखनऊ। मण्डलायुक्त डॉ रौशन जैकब की अध्यक्षता में लखनऊ शहर के कई चौराहों के सम्बन्ध में नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, यातायात विभाग के अधिकारियों के साथ नगर की यातायात व्यवस्था/जाम की समस्या के सम्बन्ध में आयुक्त सभाकक्ष में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग मनीष वर्मा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि नगर के प्रमुख चौराहों पर यातायात को सुगम बनाने के लिये जो भी सड़के मरम्मत योग्य है उनकी टेण्डरिंग करा लिया जाये। जिससे कोई सड़कें मरम्मत से वंचित न रह जायें। मुख्य मार्ग जिसमें पब्लिक का आवागमन ज्यादा रहता है उन सड़कों के मरम्मत का कार्य प्राथमिकता पर किया जाये।बैठक के दौरान मण्डलायुक्त ने कहा कि अवध चौराहे पर वेडिंग जोन, पार्किंग, साइनेज, अतिक्रमण हटाना, रोटरी के आदि कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जाना सुनिश्चित करें।

चौराहे के 50 मीटर के अन्दर कोई भी वाहन की पार्किंग न की जाये। सड़कों पर अव्यवस्थित/अवरोध उत्पन्न करने वाले विद्युत के खम्भों को हटाये जाने के निर्देश सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को दिया।उन्होंने कहा कि दुबग्गा, चारबाग, कमता के चौराहों के जाम की समस्या से निजात पाने के लिए कार्य योजना बनाकर आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की उपस्थिति में 500 मिलियन डॉलर का एमओयू दुबई में हस्ताक्षरित


लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह की उपस्थिति में दुबई में संयुक्त अरब अमीरात के रिटेल ग्रुप लूलू के निदेशक ने उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षर किया। विशेष सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग योगेश कुमार एवं लूलू ग्रुप निदेशक सलीम एमए द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर गल्फ फूड-2023, दुबई कार्यक्रम के दौरान किया गया। एमओयू के अन्तर्गत लूलू ग्रुप सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश से 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की सब्जियों एवं फलों के खरीद एवं निर्यात अपने 247 हाइपरमार्केट के माध्यम से करेगा।

इससे सब्जियों एवं फलों की खेती करने वाले किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। उनके द्वारा उत्पादित फल और सब्जी प्रदेश से निकलकर विदेशो में भी जाकर बिकेंगे।

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन से प्रदेश के कृषि एवं औद्यानिक उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और अफ्रीकी देशों को अधिक मात्रा में पहुंचाना आसान हो सकेगा। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में इस एमओयू के माध्यम से उत्तर प्रदेश के किसानों के औद्यानिक खेती के उत्पाद विदेशों में जाने से किसानों की आर्थिक स्थिति में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विभिन्न प्रकार की आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करा रही है।

प्रदेश के किसानों को औद्यानिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उनकाक् उत्साहवर्धन करने के लिए सम्मानित भी किया जा रहा है। उद्यान मंत्री ने बताया कि लूलू समूह के वर्तमान में 10 देशों में 247 हाइपरमार्केट और शापिंग माल हैं और भारत में भी इसकी विस्तृत उपस्थिति है। खुदरा व्यापार के अलावा, लूलू समूह उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में अपना करोबार संचालन कर रहा है और भारत की खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य निर्यात कंपनियों में से एक है। यह हर साल भारत से मध्य पूर्व में 01 बिलियन अमेरिकी डालर (8,000 करोड़ रुपये) मूल्य के खाद्य और कृषि-उत्पाद का निर्यात करता है।

इस अवसर पर लूलू ग्रुप के अध्यक्ष युसुफ अली ने कहा कि वे यूपी सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करके बेहद खुश और उत्साहित हैं, इससे भारत से हमारे निर्यात को और बढ़ावा मिलेगा और कृषि क्षेत्र तथा किसानों को भी सहायता मिलेगी। हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए सब्जियों और फलों का मूल्यवर्धन करने के लिए उत्तर प्रदेश में अपना प्रसंस्करण और पैकेजिंग केंद्र स्थापित करेंगे। उत्तर प्रदेश से मंगाई जाने वाली मुख्य कृषि उपज में आम, मौसमी सब्जियों, फलों को किसानों से वाजिब मूल्य पर क्रय कर अपने हाइपर मार्केट के माध्यम से भी विक्रय करेंगे। उन्होने बताया कि लूलू ग्रुप उत्तर प्रदेश के आम उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए मध्य पूर्व क्षेत्र में माह जून व जुलाई में विशेष यूपी मैंगो फेस्टिवल का आयोजन करेगा।

पांच आईएएस व 15 पीसीएस अफसरों का तबादला


लखनऊ । यूपी में गुरुवार को पांच आईएएस व 15 पीसीएस अफसरों के तबादले कर दिए गए हैं। आईएएस यशु रुस्तगी को विशेष सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग पर तैनाती दी गई है। इसके अलावा, आईएएस गौरव सिंह सोगरवाल को गोरखपुर नगर निगम का नगर आयुक्त बनाया गया है। वह अभी तक महाराजगंज के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात थे। आईएएस आकांक्षा राना को मुख्य विकास अधिकारी, अलीगढ़ नियुक्त किया गया है। वह अभी तक मुख्य विकास अधिकारी हरदोई के पद पर जिम्मेदारियां संभाल रही थीं।

इसी तरह आईएएस सौम्य गुरूरानी को मुख्य विकास अधिकारी, हरदोई के पद पर नियुक्ति दी गई है। वह ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रयागराज के पद पर तैनात थीं। अभी तक मुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज के पद पर तैनात रहीं शिपू गिरी को वाराणसी नगर निगम का नगर आयुक्त बनाया गया है। इसके पहले, शासन ने देर रात 15 आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया। मुरादाबाद की भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में हाल ही में आईजी के पद पर प्रोन्नत पूनम श्रीवास्तव को पीटीएस मेरठ भेजा गया है। सीबीसीआईडी में डीआईजी बाबूराम को उनके स्थान पर मुरादाबाद भेजा गया है। एसपी अभिसूचना नित्यानंद राय को डीजीपी मुख्यालय की विधिक शाखा भेजा गया है।

एसपी रूल्स एंड मैनुअल निजाम हसन को पीटीएस मेरठ और लखनऊ कमिश्नरेट में सहायक पुलिस उपायुक्त शशांक सिंह को भी यहीं तैनात रखा जाएगा। इसके अलावा बरेली में सहायक पुलिस अधीक्षक चंद्र मीना को वाराणसी कमिश्नरेट, सहारनपुर में एएसपी ग्रामीण सूरज कुमार राय को आगरा कमिश्नरेट, गाजीपुर के एएसपी ग्रामीण अभिषेक भारती को प्रयागराज कमिश्नरेट, आजमगढ़ में सहायक पुलिस अधीक्षक शक्ति मोहन अवस्थी को नोएडा कमिश्नरेट भेजा गया है। वहीं मुरादाबाद के सहायक पुलिस अधीक्षक सादर जैन को सहारनपुर का एएसपी ग्रामीण बनाया गया है।

आगरा कमिश्नरेट में तैनात सत्यनारायण को मुजफ्फरनगर में एएसपी, मेरठ के सहायक पुलिस अधीक्षक विवेक चंद्र यादव को गाजियाबाद कमिश्नरेट, अभिसूचना मुख्यालय में सहायक पुलिस अधीक्षक प्रीति यादव को नोएडा कमिश्नरेट और प्रयागराज में सहायक पुलिस उपायुक्त सरावानन टी. को वाराणसी कमिश्नरेट भेजा गया है। इसके अलावा कानपुर कमिश्नरेट में तैनात मृगांक शेखर सिंह को वहीं तैनात रखने का निर्णय लिया गया है।

सपा विधायक विजमा यादव को डेढ़ साल की सजा, 21 साल पुराने मामले में आया फैसला


लखनऊ । सपा विधायक विजमा यादव को दोषी करार दिया गया है। उन्हें डेढ साल की सजा सुनाई गई है। कई धाराओं में एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी माना। वह सपा के टिकट पर प्रतापपुर से विधायक हैं। आरोप है कि सपा विधायक विजमा यादव पर आरोप है कि उनके उकसाने पर ही भीड़ ने अनियंत्रित होकर पुलिस टीम पर गोली बम से हमला किया। इसमें पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट लगी थी। घटना में विजमा यादव शामिल थीं।

कहा गया कि 21 सितंबर 2000 को दोपहर ढाई बजे सहसों पुलिस चौकी के सामने श्याम बाबू के पुत्र आनंद जी उर्फ छोटू, सात वर्ष के बालक की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर उसके शव को सड़क पर रखकर ईट, बल्ली लगाकर नाजायज तरीके से मजमा लगाकर बलवा किया। सभी लोग घातक असलहों से लैस थे, थाना प्रभारी, सराय इनायत कृपाशंकर दीक्षित तथा अन्य पुलिस अधिकारियों को जान से मारने की नीयत से ईट, पत्थर फेंके, जाम लगाकर सड़क पर अवरोध उत्पन्न किया जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई थी।

16 गवाह पेश किए गए

इस मामले में तत्कालीन एसआई कृपाशंकर दीक्षित की ओर से सराय इनायत थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाह पेश किए गए। साथ ही अभियोजन साक्ष्य द्वारा 12 घायलों के साक्ष्य भी पेश किए गए। इस मामले में विजमा यादव समेत 15 आरोपियों पर मुकदमा चल रहा था।इस मामले की सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट प्रयागराज के जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने सजा सुनाई है। प्रयागराज की प्रतापपुर सीट से विजमा यादव 2022 में चौथी बार सपा विधायक चुनी गई हैं। विजमा के पति सपा विधायक जवाहर पंडित की 1996 में सिविल लाइंस इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

बजट लोक कल्याणकारी और ऐतिहासिकः मंत्री आशीष पटेल


लखनऊ। प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा, बांट माप एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री आशीष पटेल ने बुधवार को विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 06 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये के प्रस्तुत किये गये बजट को लोक कल्याणकारी एवं ऐतिहासिक बजट बताया। उन्होंने सभी वर्गो के हितों के लिए बजट लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का हार्दिक आभार व्यक्त किया।

उन्होंने बताया कि यह बजट सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मूलमंत्र के अनुरूप है। बजट में उत्तर प्रदेश के गरीब, वंचितों, पिछड़ों, किसानों, महिलाओं, युवाओं, गांव-गरीब तथा कामगारों सहित सभी वर्गों के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है। यह बजट उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने तथा एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

श्री पटेल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में प्राविधिक शिक्षा में राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु क्रमशः 50 करोड़ रूपए एवं 33 करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया है। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोण्डा, बस्ती, प्रतापगढ़ तथा मिर्जापुर में कक्षाओं के संचालन हेतु प्रत्येक कॉलेज 01 करोड़ 50 लाख रूपए का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों/अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व से निर्मित भवनों के जीर्णोंद्धार एवं अनुरक्षण हेतु 02 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है

श्री पटेल ने बताया कि प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें 220 संस्थायें स्वीकृत हैं जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 52 राजकीय पाॅलीटेक्निक निर्माणाधीन/अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं। वर्तमान में 1372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र/छात्राओं को प्रवेश। समस्त संस्थाओं को सम्मिलित करते हुये कुल प्रवेश क्षमता 2,23,779 है। उन्होंने बताया कि छात्र/छात्राओं को अधिक रोजगार तथा इमर्जिंग टेक्नोलाजी आधारित उद्योग हेतु 2022-23 से ‘न्यू ऐज कोर्स’ के अन्तर्गत 04 पाठ्यक्रम में शिक्षण प्रशिक्षण 21 राजकीय पालीटेक्निकों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश क्षमता 1575 है।

मजिस्ट्रेट चार्जशीट का संज्ञान लेते समय उसमें धारा घटा या बढ़ा नहीं सकते हाईकोर्ट का अहम आदेश


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि किसी आपराधिक केस में पुलिस द्वारा जांच के उपरांत दाखिल की गई चार्जशीट में उल्लिखित धाराओं को घटाया बढ़ाया नहीं जा सकता।

उक्त निर्णय न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान द्वारा ताडकनाथ के प्रार्थना पत्र पर अधिवक्ता जिज्ञासा सिंह को सुनकर दिया गया।उपरोक्त मामले में प्रार्थी के विरुद्ध भा.दं.सं.की धारा 302, 323, 504, 506, 427 व 447 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई थी।

जिस पर पुलिस द्वारा जांच के उपरांत धारा 323,504, 506 के अंतर्गत चार्जशीट दाखिल की गई।परंतु मजिस्ट्रेट द्वारा विपक्षी की प्रोटेस्ट पेटिशन पर प्रार्थी के विरुद्ध भां.दं.स. की धारा 302, 427 व 447 के अंतर्गत सम्मन जारी कर दिए गए जो कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात राज्य बनाम गिरीश राधाकृष्णन वर्दे केस में दिए गए निर्णय के विपरीत था।

अतः उच्च न्यायालय द्वारा प्रार्थी ताडकनाथ के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए मजिस्ट्रेट के उक्त सम्मन आदेश को निरस्त कर दिया गया।

योगी सरकार उद्यमी मित्रों के सेलेक्शन में देगी 50 नंबर का वेटेज


लखनऊ। प्रदेश में निवेशकों की समस्याओं के निस्तारण एवं उनकी हर तरह से मदद करने के लिए तत्पर योगी सरकार ने इसके लिए उद्यमी मित्र नियुक्त करने की योजना बनाई है।

ऐसे में अभ्यर्थी 9 मार्च तक https://oims.org.in/App पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।इन उद्यमी मित्रों की नियुक्ति उनकी शिक्षा, कार्य अनुभव एवं अन्य मापदंडों के आधार पर की जाएगी। इसके लिए योगी सरकार ने उन्हे 50 अंकों का वेटेज देने का फैसला किया है। इसके साथ ही उनका इंटरव्यू और कंप्यूटर टेस्ट भी लिया जाएगा।

कुल 50 अंकों का दिया जाएगा वेटेज

मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना के तहत उद्यमी मित्रों को नियुक्ति में कुल 50 अंकों का वेटेज दिया जाएगा। इसे चार कैटेगरी ( ए, बी, सी और डी) में बांटा गया है। ए कैटेगरी में एमबीए में 60 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थी को 10 अंकों, 70 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थी को 15 अंकों, 75 प्रतिशत अंक पाने वाले को 17.50 अंकों और 80 प्रतिशत अंक पाने वाले को 20 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।

वहीं बी कैटेगरी में अन्य मापदंडों के आधार पर 5 अंकों का वेटेज दिया जाएगा, जिसमें प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी और आईआईएम से एमबीए करने पर 3 अंकों का वेटेज दिया जाएगा या केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विवि, एनआईटी से एमबीए करने पर नवीनतम एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर वेटेज दिया जाएगा, जिसमें 1 से 30 रैंकिंग पर 3 अंकों का वेटेज जबकि 31 से 50 रैंकिंग पर 2 अंकों का वेटेज और 51 से ऊपर रैंकिंग पर 1 अंक का वेटेज दिया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा पुरस्कार पाने पर 2 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।

इसी तरह सी कैटेगरी में कार्य अनुभव पर कुल 20 अंकों का वेटेज दिया जाएगा, जिसमें 1 वर्ष से अधिक लेकिन 2 वर्ष से कम अनुभव पर 10 अंकों, 2 वर्ष या 2 वर्ष से अधिक लेकिन 3 वर्ष से कम अनुभव पर 15 अंकों और 3 वर्ष या 3 वर्ष से अधिक अनुभव पर 20 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।

25 अंकों का इंटरव्यू और 10 अंकों का होगा कम्प्यूटर टेस्ट

वहीं डी कैटेगरी में देश की टॉप कम्पनी फ़ॉरच्युन ग्लोबल, ईकोनॉमिक्स टाइम्स, फोबर्स ग्लोबल, एशिया बेस्ट अथवा किसी सरकारी संस्थान में कार्यरत होने पर 5 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।इन सभी मानकों पर खरे उतरने के बाद रिक्तियों की संख्या का तीन गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिये बुलाया जाएगा, जिसमें 25 अंकों का इंटरव्यू होगा और 10 अंकों का कम्प्यूटर टेस्ट होगा।

योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश फिल्म नीति-2023 को दी मंजूरी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश को फिल्म निर्माण का केंद्र बनाने के लिए यूपी में फिल्मों की शूटिंग के साथ फिल्म में यूपी के कलाकारों को किरदार अदा करने का मौका देने पर सब्सिडी दी जाएगी। योगी कैबिनेट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश फिल्म नीति-2023 को मंजूरी दी है। फिल्म निर्माण के लिए कुल शूटिंग दिवस के दो तिहाई दिन यूपी में शूटिंग करने पर दो करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, फिल्म प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करने पर भी 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।

सरकार ने फिल्म निर्माण के लिए वातावरण तैयार करने और विभिन्न आवश्यक संसाधनों का शूटिंग के लिए समग्र विकास करने के लिए फिल्म नीति लागू की है। नोएडा में एक हजार एकड़ में फिल्मसिटी बनाई जा रही है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी फिल्म निर्माण की सुविधाओं के विकास की योजना है। फिल्मसिटी में बनने वाली फिल्मों को भी इस नीति के अनुसार रियायत दी जाएगी।

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 1000 एकड भूमि पर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी की स्थापना की जा रही फिल्म सिटी से लगभग 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की सम्भावना के साथ-साथ रोजगार एवं वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी ।