जनपद की 12.34 लाख की आबादी में खोजे जा रहे कुष्ठ रोगी
गोरखपुर। जिले में 12.34 लाख की आबादी के बीच से नये कुष्ठ रोगियों को खोजने का अभियान शुरू किया गया है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ गणेश प्रसाद यादव ने भटहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से मंगलवार को इस अभियान की शुरूआत की । इसी कुष्ठ रोग खोजी एवं सतत निगरानी अभियान के तहत पिछले वर्ष 29 लाख की आबादी के बीच 79 नये कुष्ठ रोगी खोज कर उनका इलाज शुरू किया गया था ।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि शीघ्र पहचान और इलाज से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है। इलाज में ज्यादा देरी होने पर यह दिव्यांगता का रूप ले लेता है । भेदभाव और कलंक की भावना और लक्षणों के प्रति सचेत न होने के कारण कुष्ठ रोगी समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं जिससे जटिलताएं बढ़ जाती हैं । यही वजह है कि आशा कार्यकर्ता और एक पुरुष कार्यकर्ता की टीम बना कर कुष्ठ रोगियों को खोजने के लिए स्क्रीनिंग की जा रही है। कुष्ठ शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है, इसलिए कुष्ठ की स्क्रीनिंग गहनता से की जाती है। लोगों को चाहिए कि अगर शरीर पर कहीं भी सुन्नपन, दाग याधब्बा हो जिसका रंग चमड़ी के रंग से हल्का हो तो टीम से स्क्रीनिंग अवश्य करवाएं।
डॉ यादव ने बताया कि अगर दाग धब्बों की संख्या पांच या पांच से कम है व नसें प्रभावित नहीं होती हैं तो रोगी को पासी बेसिलाई (पीबी) कुष्ठ रोगी कहते हैं जबकि पांच से अधिक दाग धब्बों के साथ नसें प्रभावित होने पर रोगी मल्टी बेसिलाई(एमबी) कुष्ठ रोगी कहा जाता है। पीबी रोगी छह माह के इलाज में ठीक हो जाते हैं जबकि एमबी रोगी का इलाज बारह माह तक चलता है। 131 सुपरवाइजर की देखरेख में 1311 टीम फरवरी और पूरे मार्च माह में नये कुष्ठ रोगियों को खोजेंगी । इस बार उन इलाकों में अभियान चल रहा है जो पिछली बार के अभियान में छूट गये थे।
भटहट सीएचसी के अधीक्षक डॉ अश्वनी चौरसिया ने बताया कि कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों का संवेदीकरण किया जा चुका है और उन्हें नये रोगियों को ढूंढ कर सेवा दिलवाने को कहा गया है। क्षेत्र में अभियान का निरीक्षण भी जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता, कार्यक्रम से जुड़े रतनराल श्रीवास्तव, महेंद्र चौहान और आसिफ खां की टीम द्वारा किया गया । इस दौरान आशा कार्यकर्ता किरन साहनी और पुरुष कार्यकर्ता चंद्रसेन को स्क्रीनिंग कीबारीकियों की जानकारी भी दी गयी ।
प्रत्येक कार्यकर्ता को 1000 रुपये
जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता ने बताया कि स्क्रीनिंग में जुटी टीम के प्रत्येक कार्यकर्ता को अभियान के बाद 1000 रुपये देने का प्रावधान है । इसके अलावा अगर आशा कार्यकर्ता नया कुष्ठ रोगी ढूंढती हैं तो उन्हें 250 रुपये दिये जाएंगे लेकिन अगर वह कुष्ठ रोगी दिव्यांग होता तो मात्र 200 रुपये दिये जाएंगे। पीबी कुष्ठ रोगी का इलाज पूरा करवाने पर आशा कार्यकर्ता को 400 रुपये जबकि एमबी कुष्ठ रोगी का इलाज पूरा करवाने पर 600 रुपये देने का प्रावधान है।
छिपाते हैं बीमारी
भटहट ब्लॉक के छोटी माघी गांव में कुष्ठ स्क्रीनिंग से जुड़े पुरुष कार्यकर्ता चंद्रसेन का कहना है कि घर घर जाकर बीमारी के लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है । लोग लक्षणों को छिपाते हैं । उन्हें समझाया जा रहा है कि कुष्ठ छिपाने से दिव्यांगता का खतरा है । लोगों को प्रेरित कर स्क्रीनिंग का प्रयास किया जा रहा है।
Feb 23 2023, 18:18