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यूपी बजट वर्ष 2023-24: योगी सरकार के बजट में पुलिस विभाग का दिखा दबदबा, मिले 2260 करोड़


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सूबे की सत्ता संभालते ही प्रदेश में अपराध और अपराधियों के लिखाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी का नतीजा है कि जिस प्रदेश को वर्ष 2017 से पहले पूरे देश में लचर और बीमारू कानून व्यवस्था के जाना जाता था आज उसी उत्तर प्रदेश को मजबूत कानून व्यवस्था के लिए देश ही नहीं विदेशों में भी सराहना मिल रही है। प्रदेश में कानून का राज स्थापित होने से देश ही नहीं विदेशी निवेशक उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।

वहीं योगी सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने और उसके प्रभावी नियंत्रण के लिए 2260 करोड़ रुपये की भारीभरकम धनराशि दी है, इससे जहां पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सरकारी आवास की सुविधा मिलेगी, वहीं विभिन्न जिलों के कमिश्नरेट कार्यालय अपनी भूमि पर संचालित होंगे। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ आबादी को सुरक्षित माहौल देने, कानून व्यवस्था के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के साथ पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ करना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।

इसके साथ ही महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों को नियन्त्रित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही करके उन्हे सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति योगी सरकार निरन्तर प्रयासरत है। इसी के तहत प्रदेश के विभिन्न शहरों में लागू पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कार्यालय और कार्यालय से जुड़ी अन्य गतिविधियों के संचालन के लिए 850 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इससे विभिन्न शहरों में लागू पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को और रफ्तार मिलेगी। इस धनराशि से पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था वाले शहरों में पुलिस विभाग अपनी जमीन पर कार्यालय का निर्माण कर सकेंगे, जो विभिन्न शहरों में अभी किराये पर चल रहे हैं। वह अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कार्यालय का निर्माण समेत अन्य सुविधाओं के लिए इस धनराशि का इस्तेमाल कर सकेंगे।

योगी सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में सबसे बड़ी धनराशि पुलिस विभाग को आवासीय सुविधा के लिए दिये हैं ताकि प्रदेश के विभिन्न शहरों में तैनात पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आवास के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। योगी सरकार ने पुलिस विभाग को आवासीय सुविधा के लिए एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि दी है। इससे पुलिस विभाग विभिन्न शहरों में अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आधुनिक आवास का निर्माण कर सकेगा। वहीं शहरी क्षेत्रों में आवासीय सुविधा के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में आपदाओं से निपटने वाली एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) को नये वाहनों की खरीद के लिए 10 करोड़ की धनराशि दी गई है ताकि वह और मजबूती से आपदा से निपट सकें।

सरकार के इस बजट ने किसानों, युवाओं, महिलाओं को निराश किया है: अखिलेश यादव


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया है। जिसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार के इस बजट की आलोचना की है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है।अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ये बजय दिशाहीन बजट दिखाई देता है, मुझे लगता है कि ये सरकार 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी नहीं बना पाएगी। यहां इज यफ डूइंग क्राइम है, इज ऑफ डूइंग मुकदमा है। राज्य में गाने पर मुकदमा हो रहा है। इसमें जातीय जनगणना के लिए कोई बजट नहीं है।

सपा प्रमुख ने कहा, इसमें ना आज की समस्याओं का समाधान और ना ही भविष्य के किसी फैसले को आगे लेकर जाने का कोई रास्ता दिखाई देता है। इस बजट ने किसानों, युवाओं, महिलाओं को निराश किया है। इस बजट में मुझे नहीं लगता कि किसी भी औद्योगिक नीति के तहत उत्तर प्रदेश में निवेश आ पाएगा। अगर कोई ऐसे इंतजाम हो तो सरकार बताए। अखिलेश यादव ने पिछला बजट खर्च नहीं होने पर कहा, विकास के लिए बजट से अधिक दूरदृष्टि और इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है, जिसका अभाव भाजपाई राजनीति में हमेशा से रहा है, इसीलिए उप्र के कई विभाग बीते साल के आबंटित बजट का आधा भी खर्च नहीं कर पाये।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष का बजट प्रस्तुत करने के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं वित्त विभाग की पूरी टीम को हृदय से बधाई. अंत्योदय के प्रण व समग्र विकास के संकल्प को आकार देता यह बजट उ.प्र. को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

किसान नेता राकेश टिकैट ने इस बजट को ऊंट के मुंह में जीरा और दिशाहीन करा दिया


लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आज यूपी विधानसभा में बजट 2023-24 पेश किया। इस बजट को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रहा है। जहां सत्ता पक्ष इसे यूपी के विकास का बजट बता रहा है तो वहीं विपक्षी दलों ने इस पर निशाना साधा है. विपक्षी दलों ने इस बजट को ऊंट के मुंह में जीरा और दिशाहीन बजट करार दिया है। इन तमाम बातों के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी बयान सामने आया है।

यूपी सरकार के बजट में किसानों समेत मध्यवर्गीय परिवारों को छूट दी गई है, तो वहीं सरकार ने इस बजट को प्रदेश का सबसे बड़ा बजट घोषित किया है। इस बारे में जब किसान नेता राकेश टिकैत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बजट में किसानों के लिए कोई खास योजना नहीं है। सरकार ने एक बार फिर से किसानों को ठगा है। बजट से किसानों को कुछ नहीं मिला।

इस दौरान टिकैत ने किसानों के लिए तेलंगाना सरकार की योजना की तारीफ की और सरकार से मांग की कि इस तरह की योजना यूपी के किसानों के लिए भी लाई जाए। इससे पहले मंगलवार को राकेश टिकैत ने कहा था कि जैसा दिल्लीवालों ने बजट दिया है वैसा ही बजट यूपी वाले भी देंगे। इस दौरान उन्होंने फसलों की एमएसपी और फसलों के दाम बढ़ाने की मांग की थी।

बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव रखने वाला है : सीएम योगी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास को समर्पित है। बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव रखने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत काल का यह पहला बजट यूपी को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने और अगले पांच वर्ष में दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

25 करोड़ जनता की भावना को प्रतिनिधित्व करने वाला है बजट

विधानमंडल के तिलक में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट से यूपी में आने वाले बदलाव की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की भावना को प्रतिनिधित्व करने वाला है। बजट नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार बजट प्रावधान को समयबद्ध तरीके लागू करने में सक्षम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में वित्तीय अनुशासन का पूरी तरह पालन किया गया है। बजट में कुशल वित्तीय प्रबंधन की झलक देखने को मिल रही है। राजकोषीय घाटे को निर्धारित सीमा 3.5 फीसदी से कम कर 3.24 प्रतिशत तक करने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते छह वर्ष में जनता का सकारात्मक सहयोग मिला है।

दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में प्रदेश के युवाओं को शिक्षित करने के साथ उनके कौशल विकास का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में बजट घोषणाओं के साथ निजी क्षेत्र में रोजगार, स्वरोजगार से दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट से रोजगार की संभावना बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 2017-18 से सरकार ने हर वर्ष थीम आधारित बजट पेश किया है। 2017-18 का बजट किसानों को समर्पित था। 2018-19 में बजट ढांचागत विकास और औद्योगिक विकास के लिए था। 2019-20 का बजट मिशन शक्ति, महिला सुरक्षा, महिला सम्मान और महिला स्वावलंबन के लिए समर्पित था। 2020-21 का बजट युवा शक्ति, कौशल विकास, रोजगार और प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए था। 2021-22 का बजट प्रदेश की समग्र विकास को ध्यान में रखकर स्वावलंबन से सशक्तिकरण को समर्पित था। 2022-23 का बजट अंत्योदय से आत्मनिर्भरता का बजट था। 2023-24 का बजट में 25 करोड़ आबादी की विकास और कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश के त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास को समर्पित बजट है।

बिना कोई नया टैक्स लगाए रेवेन्यू सरप्लस राज्य बना यूपी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बीते छह वर्ष में जनता पर बिना कोई नया कर लगाए प्रदेश को रेवेन्यू सरप्लस राज्य बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल डीजल पर राज्य का वैट कम कर जनता को महंगाई से राहत दिलाई। यूपी में पेट्रोल डीजल देश में सबसे सस्ता होने से यहां उपभोक्ता वस्तुएं महंगी नहीं हुई। जनता को राहत मिली। उन्होंने कहा कि पारदर्शी कर प्रणाली लागू करने, राजस्व कर चोरी रोकने और राजस्व संग्रह को बढ़ाने से यूपी रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बना है। इससे प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जा रहा है।

*संकल्प पत्र के 130 में से 110 वादे पूरे

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र प्रस्तुत कर जनता से 130 वादे किए थे। सरकार ने पहले और दूसरे बजट में 110 वादों को शामिल किया है। संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए 64 हजार करोड़ रुपये समर्पित किए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राजस्व कर की चोरी रोक कर, वित्तीय अनुशासन और बेहतर वित्तीय प्रबंधन से अर्थव्यवस्था के दायरे को बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016-17 में सरकार ने 3.40 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया था। 2023-24 के लिए सरकार ने 6.90 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश किया है, जो 2016-17 की तुलना में दोगुना से अधिक है। उन्होंने कहा कि बीते छह वर्ष में यूपी की प्रति व्यक्ति आय और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी दोगुना से अधिक वृद्धि हुई है। यह डबल इंजन सरकार की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को स्वास्थ्य बीमा एवं पेंशन योजना की बजट में अपेक्षा थी: संजय गुप्ता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ,प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश त्रिपाठी, नगर अध्यक्ष हरजिंदर सिंह, गोमती प्रभारी मनीष पांडे, ट्रांस गोमती चेयरमैन अशोक यादव ,अध्यक्ष अनिरुद्ध निगम ,उपाध्यक्ष श्यामसुंदर अग्रवाल ने कहा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में निश्चित रूप से चिकित्सा, शिक्षा ,महिला सुरक्षा, पर्यटन, धार्मिक क्षेत्रों में अधिक से अधिक धनराशि का प्रावधान किए जाने से प्रदेश का समुचित विकास होगा।

संजय गुप्ता ने कहा कि  एमएसएमई क्षेत्र एवं स्टार्टअप के लिए धनराशि के आवंटन से नये उद्योग लगाने वालों को लाभ मिलेगा जिससे व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलने से भी प्रदेश के व्यापारियों के व्यापार में वृद्धि होगी।

व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा बजट में सरकार ने सीधे तौर पर व्यापारियों को कुछ भी नहीं दिया जोकि व्यापारियों की अपेक्षा के विपरीत रहा श प्रदेश के व्यापारियों को जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए व्यापारी स्वास्थ्य बीमा एवं व्यापारी पेंशन योजना तथा बाजारों के लिए सीसीटीवी कैमरा योजना शुरू किए जाने की उम्मीद थी।

उन्होंने कहा किंतु इसके बावजूद यह बजट प्रदेश के विकास की गति को बढ़ावा देने वाला है उन्होंने कहा व्यापारियों के लिए भी सरकार को सीधे तौर पर कुछ ना कुछ अवश्य करना चाहिए क्योंकि व्यापारी समाज सीधे तौर पर सरकार को राजस्व संग्रह करके देता है।

योगी सरकार ने पेश किया बज:, युवा, महिला, गरीब, दिव्यांग और किसान का रखा ध्यान


लखनऊ। हमने तो समंदर के रुख बदले हैं। मोदी-योगी ने सोचने के सलीके बदले हैं। आप कहते थे कुछ नहीं होगा। हमने आपके भी सोचने के तरीके बदले हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जैसे ही इन पंक्तियों के साथ अपने बजट भाषण का समापन किया, पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जैसी उम्मीद थी, योगी का बजट उसी के अनुरूप रहा। बजट में प्रदेश की जनता की खुशहाली और उसकी तरक्की के साथ ही प्रदेश को आगामी वर्षों में वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के लक्ष्य का पूरा रोडमैप नजर आया।

युवा, महिला, गरीब, वृद्ध, दिव्यांग, किसान समेत सीएम योगी ने बजट में हर वर्ग और तबके का ध्यान रखा तो वहीं प्रदेश में जीआईएस-23 के तहत होने वाले भारी निवेश को दृष्टिगत रखते हुए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट पर भी विशेष फोकस रहा। यह बजट कई अन्य मामलों में भी ऐतिहासिक रहा। यह योगी सरकार का लगातार छठवां, जबकि दूसरे कार्यकाल और अमृतकाल का पहला बजट भी था। वहीं, यह प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट भी रहा। प्रस्तुत बजट का आकार 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपए (6,90,242.43 करोड़ रुपए) है।राज्य सरकार का पिछले वर्ष का मूल बजट 6.15 लाख करोड़ रुपए और अनुपूरक बजट 33,769 करोड़ रुपए का था।

किसानों का रखा ध्यान

हमेशा की तरह इस बार भी किसानों को इस बजट में खास तवज्जो दी गई। उनके हितों के साथ-साथ उनकी एजुकेशन पर भी फोकस रहा। बजट घोषणा के अनुसार, द मिलियन फार्मर्स स्कूल हेतु किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जाएगा। नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 831 करोड 93 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना पर 113 करोड़ 52 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। किसानों के लिए निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रुपए खर्च किए जाने का ऐलान किया गया है। यही नहीं, नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स के लिए 753 करोड 70 लाख रुपए तो यूपी मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम पर 55 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रदेश के 4 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना के लिए भी 20 करोड़ रुपए की व्यवस्था को भी स्वीकृति मिली है। इसके साथ ही कुशीनगर में 50 करोड़ से महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय की शुरुआत होगी।

महिलाओं का बढ़ाया मान

सीएम योगी के बजट में महिलाओं का भी मान बढ़ाया गया है। इसके तहत मुख्यमंत्री कन्या सुमगला योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 1050 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव है तो मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। महिला सामर्थ्य योजना पर 83 करोड़ रुपए तो निराश्रित विधवाओं के भरण पोषण के लिए सरकार 4032 करोड़ रुपए खर्च करेगी। प्रदेश में कानून एवं शान्ति व्यवस्था के दृष्टिगत महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए 3 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।

युवाओं को मिलेगा मुकाम

सीएम योगी के बजट में युवाओं को कई सौगातें दी गई हैं। स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना में पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट / स्मार्टफोन देने के लिए 3600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आईटी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सरकार ने वस्त्रोद्योग क्षेत्र में 40 हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है। कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रुपए की व्यवस्था है। 31 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने तथा स्टाटर्अप्स के लिए सीड फंड हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड के लिए 20 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 3 वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने के लिए 10 करोड़ रूपए तथा युवा अधिवक्ताओं के लिए कॉर्पर्स फंड हेतु 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था।

बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को दिया सम्मान

वृद्ध और दिव्यांग भी योगी सरकार की प्राथमिकता में हैं और इसकी झलक बजट में भी देखने को मिली। बजट घोषणा में योगी सरकार ने वृद्धावस्था / किसान पेंशन योजना के अंतर्गत 7240 करोड़ रुपए के खर्च का प्राविधान किया है। वहीं दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान के लिए 1120 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। कुष्ठावस्था पेंशन योजना के लिए 42 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है।

गरीबों का भी उत्थान

अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन लोगों की बेटियों की शादी पर सरकार 150 करोड़ रुपए अनुदान देगी। असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना हेतु 12 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के तहत कार्यस्थल पर श्रमिक की मृत्यु की दशा में 05 लाख रुपए, स्थायी दिव्यांगता पर 04 लाख रुपए एवं आशिक दिव्यांगता पर 03 लाख रुपए की सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान है।

बजट हाइलाइटर्स

- प्रदेश में ओडीओपी एवं हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहित करने के लिए यूनिटी मॉल की स्थापना होगी जिस पर 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

- मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नए शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 2023-2024 में 12,39,877 आवासों का लक्ष्य प्रस्तावित है। योजना हेतु 9000 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था दी गई है।

- आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश में 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट तथा 16 घरेलू एयरपोर्ट समेत कुल 21 एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएंगे।

- महाकुंभ मेला, 2025 की तैयारी के लिए 2,500 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।

- आकांक्षी नागर योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है।

- मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1203 करोड़ रुपए प्रस्तावित।

- केंद्र सरकार की मदद से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) नामक नई योजना के लिए 510 करोड़ रुपए का बजट।

- ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना के लिए 300 करोड़ रुपए।

- खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए 30 करोड़ रुपए की व्यवस्था।

- मेरठ में मेजर ध्यानचंद्र खेल विश्विद्यालय की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए।

- 14 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं संचालन के लिए 2491 करोड़ 39 लाख का बजट।

बजट एक नजर में

-बजट का आकारः 6,90,242.43 करोड़ रुपए

-नई योजनाओं पर खर्चः 32,721.96 करोड़ रुपए

-कुल प्राप्तियां - 6,83,292.74 करोड़ रुपए

-राजस्व प्राप्तियां – 5,70,865.66 करोड़ रुपए

-पूंजीगत प्राप्तियां – 1,12,427.08 करोड़ रुपए

-कर राजस्वः 4,45,871.59 करोड़ रुपए

-राज्य कर राजस्वः 2,62,634 करोड़ रुपए

-केंद्रीय करों में राज्य का अंशः 1,83,237.59 करोड़ रुपए

-कुल व्यय (अनुमानित)- 6,90,242.43 करोड़ रुपए

-राजस्व बचतः 68,511.65 करोड़ रुपए

-राजकोषीय घाटाः 84,883.16 करोड़ रुप

समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला है बजट : योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में प्रस्तुत ‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। यह बजट प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला है।

निकाय चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने की मुहिम तेज


लखनऊ। निकाय चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी की तैयारी जोरों पर है। इसी संदर्भ में उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव समिति के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह और लखनऊ जिला अध्यक्ष रोहित श्रीवास्तव ने मलिहाबाद और काकोरी नगर पंचायतों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। मलिहाबाद नगर पंचायत में सभाजीत सिंह ने आप कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर और योजनाबद्ध तरीके से निकाय चुनाव में सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को उनके दायित्वों से अवगत कराया।

इसी तरह काकोरी नगर पंचायत में सशक्त संगठन एवं निकाय चुनाव में किस प्रकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सफल नीतियों मार्गदर्शन पर चलकर जन समर्थन प्राप्त करना है इस विषय पर गंभीर चर्चा हुई।चुनाव समिति के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत निश्चित है क्योंकि जिस प्रकार दूसरे राजनीतिक दलों के भ्रष्टाचार, अनैतिक कृत्य और जनविरोधी नीतियों से जनता दुखी हो चुकी है तो स्पष्ट रूप से देशवासियों को आम आदमी पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों पर अब पूर्णतया विश्वास हो चुका है और आप को जनता का आशीर्वाद और समर्थन प्राप्त हो रहा है।

लखनऊ जिला अध्यक्ष रोहित श्रीवास्तव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत जल्द जिले की सभी पंचायतों में बूथ स्तर तक का संगठन निर्माण करने के लिए पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए जो पदाधिकारी और कार्यकर्ता तय समय में जिम्मेदारी को पूरा नहीं करेगा उनको उस पद से हटाकर कोई दूसरी जिम्मेदारी दी जाएगी।

बड़ा फैसला: रोडवेज यात्रा में दुर्घटना स्थिति में राहत राशि बढ़ी, अब पांच की जगह मिलेगा सात लाख


लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिये लागू यात्री राहत योजना में प्रदान की जाने वाली सहायता राशि को डेढ़ गुना किया गया है। अब मृत्यु की स्थिति में सहायता राशि को पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख कर दिया गया है। अवयस्क को ढाई लाख से बढ़ाकर पौने चार लाख किया गया है। जिन बच्चों का टिकट नहीं लगता है उनके लिए सवा लाख से बढ़ाकर करीब पौने दो लाख किया गया है। स्थायी विकलांगता होने पर सहायता राशि पहले जैसी ही रहेगी। गम्भीर घायलों होने की स्थिति में 25 हजार तात्कालिक सहायता दी जायेगी तथा इलाज पर खर्च हुई धनराशि पर साढ़े सात लाख तक प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी है। परिवहन निगम में कार्यरत महिला कर्मचारियों को शासनादेश के अनुरूप बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य कर दिया गया है।

अब 34 सीट की बसों का भी हो सकेगा अनुबंध

परिवहन निगम में अनुबंधित मिड-सेग्मेन्ट वातानुकूलित बसों की योजना में अब तक 40 सीटर बसे अनुमन्य थी। लेकिन अब 34 सीटर तक बसों को अब अनुबंध किया जा सकेगा। 10 से 24 बसे लगाने पर 7.50 रुपया प्रति किलोमीटर के प्रशासनिक शुल्क में 25 पैसे प्रति किलोमीटर की छूट तथा 25 से 50 बस लगाने वाले वाहन स्वामी को 50 पैसे प्रति किलोमीटर की छूट अनुमन्य होगी। यही व्यवस्था हाई एण्ड बसों पर लागू की गयी है। 5 से 9 बसे लगाने पर 8.00 रुपए प्रति किलोमीटर के प्रशासनिक शुल्क 25 पैसे की छूट व 10 या अधिक बस लगाने पर 50 पैसे की छूट अनुमन्य होगी।

15 साल से अधिक पुरानी बसे अब नहीं चलेंगी

परिवहन निगम के बस बेडे की 15 वर्ष से अधिक की उम्र की समस्त बसों को संचालन को रोक दिया गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकीपुरम स्थित भूमि से निगम बसों का संचालन सीतापुर मार्ग पर प्रारम्भ करने की पहल के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान करते हुए बस अड्डे के प्रांगड़ को ठीक किये जाने एवं चाहरदीवारी बनाई जायेगी।

लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने सेतु अनुरक्षण पॉलिसी 2023 की लांच


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित तथागत सभागार में उत्तर प्रदेश सेतु अनुरक्षण पॉलिसी 2023 की लांचिंग की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में है, इसी को दृष्टिगत रखते हुए सेतु अनुरक्षण पॉलिसी बनायी गई है। जितिन प्रसाद ने कहा कि यह नीति अपने तरह की पहली नीति है जो अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण होगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह नीति विभाग की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी। इस पालिसी के तहत विभाग समस्त सेतुओं का एक जीआईएस डेटावेस तैयार करेगा। इस डेटावेस में एक एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन सिस्टम भी होगा जो अधिकारियों पुल को की वस्तुस्तिथि की समीक्षा करने में सहयोग करेगा।

जितिन प्रसाद ने बताया कि इसके अतिरिक्त इस नीति में विभिन्न श्रेणी के निरीक्षण के व्यापक दिशानिर्देश स्थापित किये गए है जिसके द्वारा अधिकारी सेतुओं का एक विस्तृत एवं बिंदुवार निरीक्षण कर सकेंगे जिससे इन संरचनाओं के जीवन काल को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इन दिशानिर्देशों के तहत सेतुओं का नियमित निरीक्षण वर्ष में दो बार मई और नवंबर में (बरसात के पहले और बाद में) किया जाएगा। यदि नियमित निरीक्षण में पुल की संरचना में कोई समस्या पाई जाती है तो निरीक्षण की आवृत्ति आवश्यकता अनुसार बढ़ा दी जाएगी।

श्री प्रसाद ने बताया कि यह नीति आधुनक तकनीकों का सेतु निरीक्षण में समावेश कर सेतु अनुरक्षण को और प्रभावी बनाएगा ।इन उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर विभाग वार्षिक सेतु अनुरक्षण का बजट तैयार करेगा। जितिन प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज आर्थिक समृद्धि के नए आयाम तय करने की और अग्रसर हैं। हम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने के लिए कटिबद्ध हैं। इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण कदम प्रदेश में एक विस्तृत सड़क नेटवर्क विकसित करना है जो स्वास्थ्य और शिक्षा सम्बन्धी सेवाओं को समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचाने के लिए मूलभूत ढाँचे का काम कर सके।

आज उत्तर प्रदेश के पास राष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है एवं हमारी सड़कों की कुल लंबाई 4 लाख कि.मी. से अधिक है। इस विषय में यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि नेटवर्क का आधारभूत ढांचा खड़ा करना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है उसका नियमित रखरखाव करना। इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग ऐसे नीतिगत कदम उठा रहा है जिनसे इस आधारभूत ढाँचे का समुचित रखरखाव हो सके एवं यह दीर्घकाल तक जनता के लिए उपयोगी रहे। सेतु अनुरक्षण नीति 2023 इसी दिशा में एक आवश्यक निर्णय है।

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे मोहनलालगंज क्षेत्रवासी


लखनऊ। फरवरी माह की शुरुआत से ही मौसम का मिजाज तल्ख है। तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। तेज गर्मी और धूप के कारण थोड़ी देर में ही लोग प्यास से व्याकुल हो रहे हैं। विडम्बना यह है कि लोगों को शुद्ध व शीतल पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नगर पंचायत द्वारा कस्बे में लगाए गए वाटर कूलर पिछले कई महीनों से खराब पड़े हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण लाखों की लागत से लगे वाटर कूलर धूल फांक रहे हैं, नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के चलते ये प्याऊ खुद ही प्यासे नजर आ रहे।

मई-जून की भीषण गर्मी शुरू होने से पूर्व ही नगर की पेयजल व्यवस्था है। मोहनलालगंज रायबरेली रोड पर स्थित कालेवीर बाबा मंदिर व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगाये गए वाटर कूलर पिछले कई महीनों से खराब पड़े हैं। कस्बे में स्थित कालेबीर बाबा प्रांगण में रोजाना हजारों भक्तों का आना जाना लगा रहता है तो वहीं स्वास्थ्य केंद्र पर भी मरीजों व तीमारदारों की काफी भीड़ जुटती है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि शिकायत करने के बावजूद भी मोहनलालगंज नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं, वहीं श्रद्धालुओं ने बताया कि नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी जानबूझकर अनजान बने हुए हैं जिससे राहगीरों और मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भीसड गर्मी में पानी को तरसना पड़ रहा है लेकिन वहीं जिम्मेदार अधिकारी इससे बेखबर हैं ।