*जदयू से अलग होकर तीसरी बार बनाई अपनी नई पार्टी, नाम रखा रालोजद*
डेस्क : पूर्व केन्द्रीय मंत्री व् जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सोमवार को जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बिहार विधान परिषद की सदस्यता भी वे शीघ्र त्याग देंगे। अपने समर्थकों संग तकरीबन डेढ़ दिन के मंथन के बाद सोमवार दोपहर प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने जदयू से तीसरी बार राह जुदा होने तथा नई पार्टी के गठन का एलान किया। पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) रखा गया है। उपेन्द्र इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं।
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कुशवाहा ने तीसरी बार नई पार्टी बनाई है। अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि जमीर बेचकर हम अमीर नहीं बन सकते। हमलोगों के सामने दो रास्ते थे। पहला, या तो हम मूकदर्शक बनकर जननायक कर्पूरी ठाकुर की विरासत को उन हाथों में जाते देखते, जिन्होंने (राजद) बिहार को नोच-मरोड़ दिया। दूसरा, बिहार उन हाथों में न जाए, इसके लिए संघर्ष करें। साथियों ने प्रस्ताव पारित कर दूसरा रास्ता चुनने और कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नई राजनीतिक पार्टी बनाने का निर्णय लिया।
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गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा मार्च 2021 में जेडीयू में शामिल हुए थे। इसी के साथ अपनी पार्टी रालोसपा का जेडीयू में विलय कर दिया था. विलय की घोषणा करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि यह देश और राज्य के हित में है.
उन्होंने कहा था कि विलय वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति की मांग थी. इसके पहले वे 2013 में जेडीयू से अलग हुए थे और अलग पार्टी रालोसपा बनाई थी. साल 2014 में कुशवाहा एनडीए में शामिल हो गए थे, जबकि नीतीश कुमार आरजेडी के साथ चले गए थे.
2014 में उपेंद्र कुशवाहा को तीन लोकसभा सीटें बिहार में मिली थीं और सभी पर जीत हुई थी. कुशवाहा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी बनाए गए. साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुशवाहा की पार्टी ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन महज़ तीन सीटों पर ही खाता खोल पाई थी इसके बाद साल 2018 में कुशवाहा एनडीए से अलग हो गए थे और केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था
Feb 21 2023, 09:51