उत्तरप्रदेश में संविदा कर्मचारियों को भी मिलेगा सातवें वेतनमान का न्यूनतम वेतन, कैबिनेट बैठक में हुआ निर्णय
उत्तरप्रदेश राज्य सरकार के विभागों में संविदा पर तैनात ऐसे सभी कर्मचारी जो भर्ती के लिए जारी विज्ञापन के आधार पर सृजित पद के सापेक्ष सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पारदर्शी तरीके से नियुक्त किए गए हैं, उन्हें अब सातवें वेतनमान में अपने पद के सापेक्ष न्यूनतम मिलेगा। इन संविदा कर्मचारियों को अभी तक छठवें वेतनमान में अपने स्तर का न्यूनतम वेतन मिल रहा है। ऐसे संविदा कर्मचारियों की संख्या 2150 है। संविदा कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने से राज्य सरकार पर 29 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा।
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिए इस निर्णय की जानकारी वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने दी। उन्होंने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को प्रदेश में लागू करने के लिए गठित की गई वेतन समिति (2016) ने ऐसे संविदा कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की थी।
इन संविदा कर्मचारियों में से ज्यादातर स्वास्थ्य, सिंचाई और लोक निर्माण जैसे विभागों में कार्यरत है। इनमें अधिकांश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं तो लगभग 250 स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात डाक्टर भी हैं।
मुख्य सचिव समिति ने वेतन समिति की इस सिफारिश का परीक्षण करने के बाद शासन से इसे लागू करने की संस्तुति की थी। मुख्य सचिव समिति की संस्तुति के क्रम में कैबिनेट ने संविदा कर्मियों को सातवें वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने का निर्णय किया है।
Feb 16 2023, 11:15