शिव के छठे ज्योतिर्लिंग पर सियासत, भीमाशंकर पर असम सरकार के दावे पर भड़की एनसीपी, कहा-हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की चोरी
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देश में एक नया विवाद शुरू हो गया है। ये विवाद हो रहा है भगवान शिव के छठे ज्योतिर्लिंग को लेकर। पौराणिक कथाओं के मुताबिक शिव के बारह ज्योतिर्लिंग है। ऐसी मान्यता है कि इन जगहों पर स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए थे, जिसके कारण इन स्थानों पर ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई। इन बारह ज्योतिर्लिंगों में छठे स्थान पर डाकिनी में भीमाशंकर का जिक्र है। हालांकि, असम सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से जारी एक विज्ञापन में दावा किया गया है कि भीमाशंकर मंदिर असम में डाकिनी पहाड़ी, कामरूप में है। असम सरकार के इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
दरअसल महाशिवरात्रि के मौके पर असम सरकार की ओर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आमंत्रित करने के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया है। असम सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से 14 फरवरी को विभिन्न समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। विज्ञापन में लिखा है, ‘भारत के छठे ज्योतिर्लिंग स्थल डाकिनी पर्वत, कामरूप में आपका स्वागत है’। इसी विज्ञापन में विभिन्न ज्योतिर्लिंग स्थलों की सूची भी दी गई है।
शिव पुराण का जिक्र कर भीमशंकर की कथा बताई गई
इस विज्ञापन में शिव पुराण का जिक्र करते हुए भीमशंकर की कथा भी बताई गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की तस्वीर के साथ अपील में कहा गया है, 'प्राकृतिक सुंदरता के बीच भीमशंकर ज्योतिर्लिंग के पवित्र स्थान में आइए। हम महाशिवरात्रि की आध्यात्मिकता में लीन हो जाएं।' असम सरकार के विज्ञापन में भीमाशंकर की कथा का जिक्र है। इसमें शिवपुराण के हवाले से लिखा है कि रावण के भाई कुंभकर्ण का भीम नाम का पुत्र था। पिता की मृत्यु के बाद उसका जन्म हुआ था। उसे अपने पिता की मृत्यु भगवान राम से होने का पता नहीं था। जब अपनी माता से उसे इसका पता चला तो ब्रह्माजी की तपस्या कर विजयी होने का वरदान मांगा। वरदान मिलने के बाद वह अत्याचारी हो गया। युद्ध में उसने देवताओं को भी हरा दिया। इसके बाद देवता भगवान शिव के पास गए। शिव ने देवताओं को आश्वासन दिया कि जल्द राक्षस के अत्याचार का अंत होगा। महादेव ने युद्ध में राक्षस भीम को राख कर दिया। इसके बाद शिव भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में यहां विराजमान हैं।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक खजाने को चुराने का फैसला-सुप्रिया सुले
असम सरकार के विज्ञापन के दावे पर महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है।एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने भी ट्विटर पर असम सरकार की आलोचना की।उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी ने अब महाराष्ट्र के उद्योगों सहित सांस्कृतिक और आध्यात्मिक खजाने को चुराने का फैसला किया है। उन्होंने श्रीमद आदि शंकराचार्य के बृहद रत्नाकर स्तोत्र का उल्लेख करते हुए कहा, असम में बीजेपी सरकार जो कर रही है वह बिल्कुल अस्वीकार्य है और बिना किसी आधार के है। सुप्रिया सुले ने आगे ट्वीट करते महाराष्ट्र के भीमाशंकर स्थित मंदिर का प्रारंभिक इतिहास भी बताया। पुणे ज्योतिर्लिंग के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त आते हैं। बीजेपी शासित असम राज्य ने गुवाहाटी के पास पमोही में शिवलिंग को छठे ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथजी शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्रजी फडणवीस से विनम्र अनुरोध करते हुए कहा, कृपया महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए इस पर तत्काल ध्यान दें।
बीजेपी महाराष्ट्र से भगवान शिव को भी छीनना चाहती- सचिन सावंत
वहीं कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने ट्वीट किया, उद्योगों (महाराष्ट्र के) को छोड़ दें, बीजेपी महाराष्ट्र से भगवान शिव को भी छीनना चाहती है। अब, बीजेपी असम सरकार का दावा है कि भीमाशंकर का छठा ज्योतिर्लिंग असम में स्थित है न कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में। हम इस बेतुके दावे की कड़ी निंदा करते हैं।साथ ही सावंत ने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और बीजेपी सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए।
Feb 15 2023, 16:07