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कल्याण सेवा संस्थान कॉलेज ऑफ फार्मेसी सिमुलतला मे फ्रेसर पार्टी का हुआ आयोजन, सीनियर छात्रों ने नये छात्रों का किया भव्य स्वागत

पटना : कल्याण सेवा संस्थान कॉलेज ऑफ फार्मेसी सिमुलतला जमुई के तत्वाधान में 2021 के छात्रों द्वारा अपने जूनियर 2022 बैच के छात्रों के लिए FRESHER PARTY का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र छात्रों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति की गयी। 

कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के सचिव डॉ. उमेश प्रसाद गुप्ता, माया गुप्ता निदेशक रितेश कुमार गुप्त, डॉ. विकाश कुमार गुप्ता एवम डॉ. जे. एन. पंडित द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वल्लित कर किया गया। 

इस मौके पर सचिव द्वारा अपने अविभाषण में संस्थान की उपलब्धियों के बारे में छात्रों को अवगत कराया एवम उनके उज्जवल भविष्य के लिए मार्गदर्शित किया। 

उन्होंने कहा कि फार्मेसी एक उच्च कोटी का प्रोफेसनल कोर्स है। जिससे छात्रों को रोजगार के अलावा समाज सेवा का भी अवसर मिलता है। 

कहा कि आनेवाले समय में भारत विश्व में सबसे बड़ा दवाओं का निर्यातक बनने की राह पर अग्रसर है। इससे उत्पन्न होने वाले अवसरों के लिए विद्यार्थियों को तैयार रहने की सलाह दी। 

कार्यक्रम में राम कुमार भट्टर, करण कुमार, रोहित कुमार, सुश्री फौजिया, शादिक, सरफराज, अख़लाक़ शद्री, संजय कुमार, देवव्रत, श्रीमती मीना, श्रीमती मालती, मनोज झा एवम रामेश्वर ठाकुर उपस्थित थे।

पटना: समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 30 विभूतियों को मिला इंडिया डायनामिक अवार्ड्स

पटना : राजधानी पटना के कालिदास रंगालय में रविवार को समाज के विभिन्न क्षेत्र में अप्रतिम योगदान देने वाले विभूतियों को सम्मानित किया गया । 

मौका था सूत्रा इवेंट्स एंड एंटरटेनमेंट द्वारा आयोजित इंडिया डायनामिक अवार्ड्स - 2023 कार्यक्रम का जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले 30 लोगों को सम्मानित किया गया। 

कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सचिव दिलीप कुमार, विशिष्ट अतिथि डॉ. बिंदा सिंह, डॉ. जुली बनर्जी, डॉ. नीतू नवगीत, समीर परिमल, अभिनव पवन, विक्रांत चौहान, ईशा यादव, नीतू गुप्ता के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। 

इसके पश्चात आयोजनकर्ता ने आगत अतिथियों को अंगवस्त्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना नृत्य से की गयी। 

इसके बाद आगत अतिथियों द्वारा सामाजिक एवं कला क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 30 विभूतियों को सम्मान के रूप में मोमेंटो, अंगवस्त्र एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति दी गयी जिसे देख दर्शक मोहित हो गए। 

कार्यक्रम का संचालन कर रही निहारिका अखौरी ने कार्यक्रम में आने के लिए अतिथियोंए कलाकारों तथा सम्मानित हुए विभूतियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारे संस्था द्वारा इन लोगों को सम्मानित करना हमारे लिए एक गर्वपूर्ण क्षण है। 

इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाना है ताकि वो समाज के लिए और भी प्रेरणादायी कार्य कर सकें।

 कार्यक्रम में कृति राज सिंह, शुभांगी, श्याम श्रवण, अश्वनी आनंद, रोमी सिंह, रितिका सोनी, कृति सिंह, पुष्पा तिवारी, देव कुमार, सायक देव मुखर्जी, प्रभात रंजन, सारिका कृष्णा अखौरी, डॉ. अश्वनी कुमार, प्रेम भूषण, हरिओम चौबे, सुनील कविराज, नयन कुमार, मुन्ना पंडित सहित 30 लोगों को समाज के विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आगत अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का मंच संचालन दिव्यांशी नयन ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन निहारिका अखौरी ने किया।

पटना: 87वी शिव जयंती के उपलक्ष में सर्वधर्म सम्मेलन का हुआ आयोजन

पटना: ब्रह्माकुमारी संस्था के पटना सब जोन के मुख्य सेवा केंद्र कंकड़बाग पटना के द्वारा 87वी शिव जयंती के उपलक्ष में कदम कुआं स्थित हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में एक सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम में अलग-अलग धर्म से जुड़े विशिष्ट लोगों ने भाग लिया। 

जिसमें मुख्य रुप से कैथोलिक चर्च के फादर जेम्स जॉर्ज, पटना साहिब गुरुद्वारा के उपाध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह जी, गायत्री परिवार की तरफ से श्री रमेश सिंह जी, इस्कॉन की तरफ से श्री वीर राघव दास जी ,जैन धर्म से श्री विजय जैन जी ने ईश्वर एक है विषय पर अपने अपने वक्तव्य दिए।

 कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए पटना सब जोन मुख्यालय कंकड़बाग सेवा केंद्र की संचालिका बीके संगीता दीदी ने बताया कि विश्व में आज शांति और भाईचारे के लिए कितने भी प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन दिन प्रतिदिन दुनिया के हालात और भी खराब होते जा रहे हैं ।इसे बेहतर करने का यही एकमात्र उपाय है कि हम अपने स्व को जाने और सभी मनुष्य आत्माओं के पिता जिसे अलग-अलग धर्म में अलग अलग नाम से पुकारते हैं उसे जाने ।जब हम एक पिता की संतान है तो फिर भेदभाव और नफरत कैसी? 

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए माननीय उद्योग मंत्री समीर महासेठ जी ने भी इस बात की आवश्यकता पर बल दिया कि जब सभी धर्म के धर्मगुरु सामूहिक रूप से प्रयास करें तभी विश्व में शांति और एकता कायम हो सकती है ।

इसके लिए उन्होंने भी इस तरह सभी धर्म गुरुओं को इस कार्यक्रम के तहत एक मंच पर लाने की आवश्यकता पर बल दिया ।साथ ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा की जाने वाली सेवाओं की भूरी भूरी प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में ब्रम्हाकुमारी डॉक्टर कीर्ति ने राजयोग की अनुभूति कराई।

 कार्यक्रम का संचालन बी के ज्योति ने किया बी के सत्येन्द्र ने।मंचासीन अतिथियों एवं उपस्थित श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन किया।

पटना: बिहार तेली साहू सभा की ओर से आगामी चुनाव को लेकर हुई बैठक

पटना: बिहार तेली साहू सभा की ओर से पटना के दरोगा पथ के बैंक्वेट हॉल में आगामी चुनाव को लेकर बैठक हुई।

बैठक की अध्यक्षता बिहार तेली साहू सभा के प्रदेश अध्यक्ष रणविजय साहू ने की। मंच संचालन अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार साहू ने किया l

इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष रणविजय साहू ने कहा कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी राजनीति में हिस्सेदारी होती है। जबकि बिहार में तेली जाति का आबादी 7 परसेंट है, बावजूद इसके वर्तमान में तेली जाति से राज्यसभा के सदस्य नहीं हैं और विधान परिषद के सदस्य नहीं है। सामाजिक दृष्टिकोण से और राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर चिंता का यह विषय हैl

बिहार तेली साहू सभा के संगठन के संगठनात्मक चुनाव को लेकर प्रदेश से आए हुए तेली जाति के लोगों ने रणविजय साहू जी पर आस्था व्यक्त किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से महेंद्र प्रसाद साह ,भीम कुमार अकेला ,सुरेश साहू ,सिम्मी प्रसाद ,संजीव शेखर गुप्त, विनय कुमार उर्फ गुड्डू, मनोज कुमार साहू, विमल कुमार बिट्टू ,सतनारायण सा, विपुल गांधी ,मनोज कुमार मंटू, डॉक्टर नीरज साहू, रंजीत साह, रंजय दास, ज्योत्सना कुमारी, सूरज शाह ,विश्वनाथ गुप्ता राजेश शाह ,शंभू प्रसाद साह, हीरालाल शाह, रघुनाथ शाह, अनिल शाह ,सुनील शाह, अधिवक्ता प्रमोद शाह सहित हजारों लोग उपस्थित थे।

पटना: एग्रो बिहार का किया गया समापन, किसानों ने जमकर खरीदे कृषि यंत्र

पटना: कृषि विभाग के सचिव डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार द्वारा आज गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार एवं सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजित 09 से 12 फरवरी तक चार दिवसीय एग्रो बिहार, 2023 राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला-सह-प्रदर्शनी का समापन किया गया। 

सचिव, कृषि विभाग ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के किसानों ने बड़ी संख्या में कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाया। आज इस मेला में विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर-कम-बाईंडर, स्ट्राॅ रीपर, राईस मिल, मल्टी क्राॅप थ्रेसर, सीड-कम-फटिलाईजर ड्रील, थ्रेसर सहित 187.77 लाख रूपये के 114 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 76,18,600 रूपये अनुदान दिया गया। इस प्रकार, 04 दिनों में लगभग 11 करोड़ रूपये के कुल 665 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 481.73 लाख रूपये का अनुदान दिया गया। राज्य सरकार द्वारा राज्य में किसानों को 90 प्रकार के कृषि यंत्रों के क्रय पर 94.05 करोड़ रूपये अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।

सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर, स्लैसर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई। राज्यस्तर के इस कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेला में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्र जैसे स्ट्राॅ रीपर, रीपर-कम- बाईंडर, सुपर सीडर आदि की भी बिक्री बड़ी संख्या में हुई है, इससे पता चलता है कि राज्य के किसान मृदा एवं पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में फसल अवशेष जलने की घटना में कमी आयेगी। इस कार्यक्रम में विभाग के सभी मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग काफी अच्छा रहा। 

एग्रो बिहार मेला में 341 किसानों को चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला का निरीक्षण एवं मिट्टी परीक्षण योजना से संबंधित पुस्तिका उपलब्ध करायी गयी। साथ ही, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संबंध में जानकारी दी गई। इस वर्ष इस मेले का आयोजन काफी सुन्दर तरीके से किया गया। उन्होंने कहा कि इस साल इस प्रदर्शनी-सह-मेला का आयोजन सफल रहा। 

उन्होंने इस मेला के आयोजन में सहयोग करने के लिए विभागीय एवं सी॰आई॰आई॰ के पदाधिकारियों/कर्मचारियों विशेषकर राज्य के किसानों को धन्यवाद दिया। 

डाॅ॰ कुमार ने कहा कि वर्ष 2011 से एग्रो बिहार राज्यस्तरीय यांत्रिकरण मेला का आयोजन कोरोना वर्ष को छोड़कर प्रत्येक वर्ष पटना में किया जाता रहा है।

 इस मेले की विशेषता यह है कि यहाँ एक ही स्थान पर आधुनिक कृषि यंत्रों के निर्माता-विक्रेता एवं किसान का सीधा संवाद होता है तथा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र भी मेला में उपलब्ध रहता है। कृषि विभाग की इस पहल से राज्य के किसानों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी लेने एवं उन्हें खरीदने का मौका मिलता है। 

साथ ही, मेला परिसर में संचालित किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को विभागीय पदाधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी तथा कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना के वैज्ञानिकगणों द्वारा जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में फसल उत्पादन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। 

उन्होंने कहा कि आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 30 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये, जिनमें आत्मा योजना के माध्यम से मेला में आज तक सभी 38 जिलों से 17630 किसानों को भ्रमण पर कराया गया। आज पटना, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा तथा सुपौल 07 जिलों के किसानों को भ्रमण पर लाया गया। 

इस मेला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्शन किया गया। कृषकों द्वारा बड़ी संख्या में अपनी मनपसंद कृषि यंत्रों का क्रय कर सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान का लाभ उठाये। 

मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

 उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को निदेश दिया कि वर्ष 2024 में आयोजित होने वाले एग्रो बिहार मेला-सह-प्रदर्शनी के लिए अभी से तिथि निर्धारित कर लिया जाये, ताकि मेला का आयोजन और अच्छी तरह से किया जा सके।

इस समारोह में सभी कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों को द्वारा संयुक्त रूप से प्रमाण-पत्र एवं मोमेन्टो प्रदान किया गया। 

इस अवसर पर विशेष सचिव-सह-कृषि निदेशक श्री विजय कुमार, अपर निदेशक (शष्य) श्री धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक, निदेशक भूमि संरक्षण श्री बैंकटेश नारायण सिंह, संयुक्त निदेशक, कृषि अभियंत्रण श्री जय प्रकाश नारायण, निदेशक, बामेती श्री आभान्शु सी॰ जैन सहित कृषि विभाग एवं सी॰आई॰आई॰ के अन्य पदाधिकारी तथा कर्मचारीगण, कृषि यंत्र निर्माता/विक्रेता सहित बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन उपस्थित थे। 

एग्रो बिहार 2023 का मुख्य आकर्षण:

लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 125 से अधिक स्टाॅल लगाये गये।

इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग लिये।

राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्यमी भी मेला में भाग लिये।

राज्य के सभी जिलों से आत्मा के माध्यम से कुल 17,630 किसानों को मेला भ्रमण कराया गया। 

प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महत्व, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रण व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।

कृषि विभाग के भूमि संरक्षण, उद्यान, मिट्टी जाँच, बसोका, बामेती से संबंधित योजनाओं/क्रिया-कलापों को प्रदर्शित किया गया।

मेला में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्यपालन, गव्य विकास, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, कम्फेड से संबंधित योजनाओं/क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया गया ।

इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) एवं यंत्र निर्माताओं तथा उद्योग विभाग के पदाधिकारियों की बैठक (B to G Meet) का आयोजन किया गया।

स्थानीय विद्यालयों के छात्र/छात्राओं के बीच चित्रकला प्रतियोगिता तथा क्विज का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। 

मेला परिसर में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रतिदिन कृषकों/आगंतुकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मेला में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई।

पटना न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अतंर्गत वेस्ट प्वाइंट प्री स्कूल का उद्घाटन एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने किया!

भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लागू नई शिक्षा नीति 2020 के सपने को साकार करने हेतु प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने आज न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत 5 साल से नीचे के बच्चों के लिए नालंदा

लर्निंग के सी ई ओ तमल मुखर्जी एवं निदेशक तिमिर मुखर्जी के सहयोग से समनपुरा राजा बाजार स्थित वेस्ट प्वाइंट प्रीस्कूल का उद्घाटन  फीता काट कर किया!

इस अवसर पर सैयद शमायल अहमद ने कहा की 5 साल से नीचे के बच्चों के लिए भारत सरकार ने जो सिलेबस तैयार किया है वह बच्चों की बेसिक ज्ञान के लिए अत्यंत उपयुक्त है इस नई शिक्षा पद्धति को पूर्ण रूप से लागू करने हेतु बिहार एवं देश के अन्य भागों में 1000 प्री स्कूल खोलने का लक्ष्य रखा गया है!

इस मौके पर उपस्थित दो हजार से ज्यादा अभिभावकों छात्रों एवं गणमान्य अतिथियों ने वेस्ट पॉइंट प्रीस्कूल का भ्रमण किया एवं इस कॉन्सेप्ट का सहृदय स्वागत किया स्कूल में प्राइमरी सेक्शन की साज-सज्जा की सराहना की और बच्चों की पढ़ाई से संबंधित खिलौने एवं दिलचस्प उपकरणों को देखकर मनमोहित हुए!

इस मौके पर नालंदा लर्निंग के सीईओ तमल मुखर्जी निदेशक तिमिर मुखर्जी वेस्ट प्वाइंट प्रीस्कूल की निदेशिका शहला रिजवाना बिहार सरकार के पूर्व नागरिक परिषद के महासचिव सैयद शाहजहां अहमद एसोसिएशन के महासचिव डॉ उमेश प्रसाद सिंह मौसमी महापात्रा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे!

वेस्ट प्वाइंट प्री स्कूल की प्राचार्य फौजिया खान ने अतिथियों का स्वागत किया एवं धन्यवाद ज्ञापन दिया!

 

पटना: एग्रो बिहार, राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आज तीसरा दिन, किसानों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक

पटना: गाँधी मैदान, पटना में कृषि विभाग, बिहार द्वारा सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजित एग्रो बिहार, राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आज तीसरा दिन है। 

इन तीन दिनों में राज्य के किसान बड़ी मात्रा में पूरे जिज्ञासा एवं उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं। किसानों द्वारा इस मेला में विभिन्न प्रकार के बड़े एवं छोटे कृषि यत्रों की खरीददारी बड़ी मात्रा में गई है। सरकार द्वारा उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ भी दिया जा रहा है। इस मेला में किचेन गार्डेन के उपयोग में आने वाले छोटे कृषि यंत्रों से लेकर कम्र्बाइंड हार्वेस्टर तक बड़े यंत्र उपलब्ध है। 

यह मेला किसानों के लिए ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायक सिद्ध हो रहा है। कल इस मेला का आखिरी दिन है।

कृषि विभाग द्वारा आज मेला परिसर में क्वीज प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें कुल 21 विद्यालयों ने भाग लिया।

 इस प्रतियोगिता में एस॰भी॰एम॰ रेजिडेंसियल स्कूल को प्रथम, इंटरनेशनल स्कूल को द्वितीय एवं डी॰पी॰एस॰ स्कूल को तृतीय पुरस्कार दिया गया। विजेता स्कूलों को प्रथम पुरस्कार के रूप मेें 3000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2000 रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 1000 रूपये के साथ-साथ मेडल दिया गया। 

आज इस मेला में राज्य के 23 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये, जिनमें आत्मा योजना के माध्यम से आज इस मेला में पटना सहित भागलपुर, बाँका, मुँगेर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, पूर्णियाँ, कटिहार, अररिया तथा किशनगंज 13 जिले के किसानों ने भ्रमण किया। इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। आज इस मेला में विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर-कम-बाईंडर, राईस मिल, मल्टी क्राॅप थ्रेसर, सीड-कम-फटिलाईजर ड्रील, थ्रेसर सहित 204 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 1,24,85,800 रूपये अनुदान दिया गया। इस प्रकार, 03 दिनों में कुल 551 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 405.54 लाख रूपये का अनुदान दिया गया।

इस मेला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्शन किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का विशेष रूप से प्रदर्शन एवं बिक्री किया जा रहा है। सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। 

कृषक अपनी पसंद एवं इच्छा से इन कृषि यंत्रों का क्रय सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कर रहे हैं। मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया जा रहा है।

संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

एग्रो बिहार 2023 का मुख्य आकर्षण:

लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 125 से अधिक स्टाॅल लगाये गए हैं।

इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।

राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्यमी भी मेला में भाग ले रहे हैं।

राज्य के सभी जिलों से 4500 किसानों को प्रतिदिन आत्मा के माध्यम से मेला भ्रमण की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, राज्य के सभी जिलों से लगभग 500 कृषि यंत्र व्यवसायियों के भाग ले रहे हैं।

प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महत्व, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रण व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मेला परिसर में चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला भी कार्यरत है, जहाँ किसान भाई मिट्टी की जाँच करवा कर जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।

मेला में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य पालन, गव्य विकास, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, कम्फेड से संबंधित योजनाओं/क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया गया है।

मेला में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।

चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना ने की प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन सम्मेलन की मेजबानी

पटना: चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना (CIMP) ने वित्तीय प्रबंधन में वर्तमान रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा करने के लिए अनुसंधान विद्वानों, शिक्षाविदों और उद्योग के प्रतिभागियों को एक साथ लाने के लिए प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन सम्मेलन की मेजबानी की।

कार्यक्रम की शुरुआत सीआईएमपी के निदेशक प्रोफेसर डॉ. राणा सिंह, प्रोफेसर डॉ. रंजीत तिवारी , संयोजक (आईएफएमसी) और प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार , चेयरपर्सन (आईएफएमसी) ने दीप प्रज्वलित कर की।

चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना के निदेशक प्रोफेसर डॉ राणा सिंह ने कहा, "हम इस साल के सम्मेलन के लिए पेशेवरों के इतने विविध और प्रतिभाशाली समूह को एक साथ लाकर रोमांचित हैं।"

 "यह कार्यक्रम उपस्थित लोगों को नेटवर्क बनाने, सीखने और एक-दूसरे के साथ जुड़ने का एक अमूल्य अवसर प्रदान करता है, और हमें अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में वित्त की महत्वपूर्णता को दर्शाते हुए इसका एक हिस्सा बनने के लिए सम्मानित किया जाता है।"

सम्मेलन के दौरान, विशिष्ट वक्ता प्रो. डॉ. संकर्षण बास, प्रोफेसर, आईआईएम बैंगलोर द्वारा "भारत में गैर-पारंपरिक डेरिवेटिव्स के भविष्य और संभावनाएं" पर मुख्य भाषण दिया गया। इसके अलावा सम्माननीय अतिथि, श्री गोविंद शानभोग, वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक, प्रायोजक एम एंड ए समूह, सैंटेंडर इन्वेस्टमेंट बैंक (यूके) ने विदाई नोट के रूप में अपने ज्ञान के शब्दों के साथ उपस्थित लोगों की हौसला को बढ़ाया।

सम्मेलन में भुगतान संतुलन, परिसंपत्ति मूल्य निर्धारण, मुद्रा ऋण, जिम्मेदार निवेश, हरित वित्तपोषण, वित्तीय समावेशन, सतत निवेश, जिम्मेदार पर्यटन, फंड आकार और वापसी जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला भी शामिल थी, जिसमें विभिन्न आर्थिक और कॉर्पोरेट मुद्दों पर चर्चा की गई और चुनौतियों का प्रदर्शन किया गया। समकालीन औद्योगिक प्रवृत्तियों से संबंधित लचीलापन।

आईआईएम रांची, आईबीएस पुणे, एनआईटीआईई मुंबई, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार, निरमा यूनिवर्सिटी, आसनसोल गर्ल्स कॉलेज, एनएल डालमिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, मुंबई, बीआईटी जैसे विभिन्न संस्थानों से कुल 15 शोध पत्रों के साथ दो समानांतर तकनीकी सत्रों में सम्मेलन आयोजित किया गया था। 

मेसरा, आदि 2 तकनीकी दौरों के लिए अंतिम प्रस्तुति के लिए पूर्ण कागजात और सार सहित कुल 22 प्रस्तुतियाँ चुनी गईं

सम्मेलन, जिसने दुनिया भर से उपस्थित लोगों को आकर्षित किया, को वित्तीय पेशेवरों को अपनी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस आयोजन ने उपस्थित लोगों को वित्त, अर्थशास्त्र और व्यापार रणनीति में दुनिया के कुछ प्रमुख विशेषज्ञों से सुनने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया।

सम्मानित अतिथि के रूप में, श्री गोविंद शानबोग, वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक, प्रायोजक एम एंड ए समूह, सैंटेंडर इन्वेस्टमेंट बैंक (यूके) ने विदाई नोट के रूप में अपने ज्ञान के शब्दों के साथ उपस्थित लोगों की हौसला को बढ़ाया।

प्राप्त कुल प्रस्तुतियों में से, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी से डॉ. सुब्रत रॉय और मोनिका पाल द्वारा 'इंडियन इकोनॉमिक ग्रोथ एंड इट्स मैक्रोइकॉनॉमिक डिटर्मिनेंट्स: एन एम्पिरिकल स्टडी' नामक पेपर को सर्वश्रेष्ठ पेपर का पुरस्कार दिया गया।

कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र और पुरस्कार वितरण के साथ हुआ जिसके बाद आयोजन अध्यक्ष प्रो. संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

जमुई को कुल 352 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजना की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री का जताया आभार:-चिराग पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद आदरणीय श्री चिराग पासवान जी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में

 अपने संसदीय क्षेत्र जमुई को कुल 352 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजना की सौगात देने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी का आभार जताया है।

अपने संसदीय क्षेत्र जमुई के दौरे पर गए श्री चिराग ने आज उक्त परियोजना को लेकर जमुई की जनता की ओर से बधाई देते हुए अपने ट्वीट में लिखा है

 कि जमुई को कुल 352 करोड रुपए की रेलवे परियोजना की सौगात देने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी का जमुई की जनता की ओर से आभार एवं धन्यवाद!         

उक्त आशय की जानकारी लोजपा (रा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुंदन पासवान ने दी।

आखिर क्या रिश्ता है भाजपा और अडानी के बीच - देश की जनता जानना चाहती है,चित्तरंजन गगन


 

पटना 10 फरवरी 2023 ; राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने हिंडनवर्ग के खुलासे के बाद भाजपा द्वारा उधोगपति गौतम अडानी का बचाव किये जाने पर कहा है कि आखिर भाजपा और अडानी के बीच कौन सा रिश्ता है जिसे देश की जनता जानना चाह रही है। चुंकि इस खुलासे के बाद देश की जनता के गाढी कमाई का हजारों करोड़ रूपया डूब गया है। जिसे उन्होंने अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए एलआईसी और विभिन्न बैंकों में जमा कराया था।

    

 राजद प्रवक्ता ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने में विफल केन्द्र की सरकार द्वारा जहां खाद सब्सिडी में कटौती कर दी गई , मनरेगा, प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना, पीएम किसान योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मनरेगा, समग्र शिक्षा अभियान जैसे योजनाओं के बजट आवंटन को कम कर गांवों,किसानों, मजदूरों और नौजवानों को दोहरी मार का शिकार बनाया है

 वहीं दूसरी ओर अडानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को बेजा फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रहित को नजरंदाज करते हुए बैंक कर्ज का 72000 करोड़ रूपया बट्टे खाते ( अंडर राईट ) में डाल दिया गया जो अप्रत्यक्ष रूप से कर्जमाफी हीं है। एलआईसी और विभिन्न बैंकों के माध्यम से लगभग 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिलवाया गया है और बड़े पैमाने पर ऊंची किमतों में अंबानी कम्पनियों के शेयर खरीदे गए हैं। जो आज डूबने की स्थिति में है और एलआईसी के साथ हीं एसबीआई के उपर आर्थिक संकट का खतरा पैदा हो गया है । एक ओर जहां देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आम लोगों की आय में लगातार कमी होती जा रही है वहीं 2014 में विश्व के अमीर लोगों की सूची में 609 वें स्थान पर रहने वाले अडानी 2022 में जबरदस्त छलांग लगाकर दूसरे स्थान पर पहुंच गए। 2014 में जिस अडानी की सम्पत्ति मात्र 8 बिलियन की थी वह 2022 में यानी मात्र 8 वर्षों में 140 बिलियन पहुंच गई । जबकि सबसे आश्चर्य की बात यह है कि देश के टॉप 10 कर दाताओं में अडानी जी का एक भी कंपनी नहीं है।

   

 राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के खिलाफत करने वालों के यहां ईडी , आईटी और सीबीआई जैसी संस्थाएं जहां स्वत: संज्ञान लेकर सक्रिय हो जाती है वहीं इतने बड़े घोटाले के पर्दाफाश होने के बाद भी इन संस्थाओं की चुप्पी काफी आश्चर्यजनक है। शेयर मार्केट का मोनिटरिंग करने वाली संस्था "सेबी" की भूमिका तो और हैरान करने वाली है। 

   राजद प्रवक्ता ने कहा कि हिंडनवर्ग के खुलासे के अनुसार अडानी ने मॉरीशस जैसे टैक्स हेवन देशों में कई मुखौटा कंपनी खोल रखा है जिसके माध्यम से हेराफेरी कर अडानी ग्रुप के शेयरों के दाम ऊंचे लगाकर मार्केट में अडानी ग्रुप के शेयरों के दाम को वास्तविक दाम से काफी बढ़ा दिया जाता है।

    

 राजद प्रवक्ता ने कहा कि अडानी मात्र एक उधोगपति हीं नहीं हैं बल्कि उनसे देश की आर्थिक व्यवस्था के साथ हीं देश की सुरक्षा और अन्तर्राष्ट्रीय संबंध भी जुड़ा हुआ है। देश के पोर्ट , एअरपोर्ट के अलावा कोयला, बिजली, सड़क , तेल और रेल के साथ हीं रक्षा उपकरण विनिर्माण आदि भी अडानी ग्रुप के हवाले किया जा रहा है। 

   

 राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस प्रकार देश के सारे आर्थिक संसाधनों पर कभी ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया था आज उसी की पुनरावृत्ति हो रही है और देश के तमाम आर्थिक संसाधनों को एक खास कॉरपोरेट घराने के नियंत्रण में दिया जा रहा है। 

  

 राजद प्रवक्ता ने कहा कि अडानी पर हिंडनवर्ग की रिपोर्ट से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है और देश के साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसलिए इस पुरे प्रकरण की जांच संयुक्त संसदीय समिति ( जेपीसी ) से करवाई जाए। पूर्व में भी बोफोर्स तोप मामले में स्वीडन के एक रेडियो प्रसारण के आधार पर हीं जेपीसी द्वारा जांच करवाई गई थी।

 भ्रष्टाचार के इतने गंभीर और बड़े मामले में केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक जांच की स्वीकृति नहीं दिए जाने और भाजपा द्वारा खुलकर अडानी का बचाव किए जाने से भाजपा आज स्वयं कटघरे में खड़े हो गई है। इसलिए देश की जनता यह जानना चाहती है कि आखिर भाजपा और अडानी के बीच कौन सा रिश्ता है ? 

यदि कोई गड़बड़ी नहीं है तो फिर जेपीसी जांच करवाने से केन्द्र की सरकार क्यों भाग रही है ? प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश प्रवक्ता सारीका पासवान, प्रदेश महासचिव संजय यादव, ई.अशोक यादव, धर्मेंद्र पटेल, देवकिशुन ठाकुर एवं प्रमोद राम भी उपस्थित थे।