*बीसीई-एनआईटी पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह में शामिल होकर सीएम नीतीश कुमार ने कॉलेज के दिनों को किया याद, कहा-जब तक जीवित रहूंगा, इसे भूल नहीं स
डेस्क : रविवार को बीसीई-एनआईटी पटना एल्मुनी सोसाइटी की ओर से आयोजित पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपने कॉलेज के पुराने दिनों को याद किया। उन्होने कहा कि एनआईटी जितना बढ़े, बेहतर होगा। जब तक जीवित रहूंगा, इसे भूल नहीं सकूंगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनआईटी पटना को इस तरह विकसित करें कि यह देश का सबसे बड़ा और अधिक क्षमता वाला संस्थान बने। अभी इस संस्थान में 4500 छात्रों की क्षमता है। इसमें नौ हजार और अतिरिक्त क्षमता विकसित करें ताकि अधिक से अधिक छात्र यहां से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकें।
उन्होंने कहा कि मेरे ही प्रयास से इसे एनआईटी का दर्जा मिला। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में जब केंद्र में मंत्री था तो उस समय देश के इंजीनियरिंग कॉलेज को एनआईटी बनाने की बात चली। पटना विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा आज तक नहीं मिला। कम से कम बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज को एनआईटी का दर्जा मिल जाए, इस कोशिश में लगा। केंद्रीय टीम जो निरीक्षण करने आई, वह भी गड़बड़ कर रहा था। लेकिन हस्तक्षेप किया तो केंद्रीय कैबिनेट से 2004 में इसकी मंजूरी मिली।
सीएम ने कहा कि अब एनआईटी के लिए बिहटा में सवा सौ एकड़ जमीन दी गई है। इसलिए इसे नौ हजार अतिरिक्त क्षमता का विकसित किया जाए ताकि अधिक से अधिक छात्र एनआईटी में पढ़ाई कर सकें। एनआईटी की ओर से इस दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर भी इंजीनियरिंग कॉलेज हर जिले में खोले गए हैं। पहले बहुत अधिक बच्चे बिहार से बाहर पढ़ने जाते थे। अब बिहार में ही रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। इंजीनियरिंग के साथ ही मेडिकल के लिए भी काम हुआ। पीएमसीएच को दुनिया का सबसे बड़ी क्षमता (5400 बेड) का अस्पताल बनाया जा रहा है। महिलाओं के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया गया। इंजीनियरिंग व मेडिकल में भी महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण दिया गया।
वहीं पूर्ववर्ती सोसाइटी के सचिव प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि एनआईटी नयी ऊंचाइयों को छू रहा है। इसमें एलुमिनाई का भी योगदान है। मौके पर 1962 एवं 1963 के अभियंताओं को डायमंड, 1972 एवं 1973 के अभियंताओं का गोल्डेन तथा 1997 एवं 1998 1992 एवं 1993 नामांकन बैच के अभियंताओं को सिल्वर जुबली सदस्यों के रूप में सम्मानित किया गया। मौके पर पिछले वर्ष के मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अभियंताओं और प्रोफेसर के बीच क्रिकेट मैच, महिलाओं और बच्चों के खेलकूद आदि अनेक कार्यक्रम हुए।
Feb 06 2023, 09:33