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श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरों को किया रिहा, श्रीलंकाई राष्ट्रपति के भारत दौरे पर एस जयशंकर ने फटाया था मुद्दा

#sri_lanka_released_41_indian_fishermen_after_anura_dissanayake_india_visit

श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरे को रिहा कर दिया है। चार महीने से भी ज्यादा वक्त के बाद ये मछुआरे अपने देश लौट आए हैं।श्रीलंका की नौसेना ने इन मछुआरों को 8 सितंबर, 2024 को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। भारत सरकार से उन मछुआरों के परिवारों ने गुहार लगाई थी। जिसके बाद केन्द्र की मोदी सरकार के प्रयास के बाद श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया। ये सभी अब स्वदेश लौट चुके हैं।

तमिलनाडु तटीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, 41 मछुआरों में से 35 रामनाथपुरम के निवासी हैं, जबकि अन्य नागपट्टिनम और पुदुकोट्टई जिलों के रहने वाले हैं। स्वदेश लौटने पर मछुआरों को नागरिकता सत्यापन, सीमा शुल्क जांच और अन्य औपचारिकताओं से गुजरना पड़ा। तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने मछुआरों का स्वागत किया। इसके बाद अलग-अलग वाहनों में उनके गृहनगरों तक परिवहन की व्यवस्था की गई। इससे पहले श्रीलंका ने तमिलनाडु के 15 मछुआरों के एक समूह को रिहा किया था, जो 16 जनवरी को चेन्नई पहुंचे थे।

हाल के महीनों में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के मछुआरों को अनजाने में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमाओं को पार करने के लिए हिरासत में लिए जाने की कई घटनाएँ हुई हैं। तमिलनाडु के मछुआरा संघों ने तटीय जिलों में बड़े पैमाने पर इन गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किए और निर्णायक कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे बीच समुद्र में होने वाली गिरफ्तारियों और मछली पकड़ने वाली मशीनीकृत नावों की जब्ती पर रोक लगाने का आग्रह किया था, जो उनकी आजीविका के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इन चुनौतियों का समाधान करने और मछुआरों की आजीविका की रक्षा करने के लिए निरंतर कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता पर ध्यान दिया। पिछले महीने यानी दिसंबर में श्रीलंका के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे, तब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके के साथ चर्चा की थी और पुरजोर तरीके से मछुयारे की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था। इसके बाद खुद राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके ने भारत को भरोसा दिया था कि श्रीलंका सरकार उन सभी मछुआरों को रिहा कर देगी। स्वदेश लौटते ही जयशंकर की बातों पर श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अमल किया और रिहा करने का आदेश जारी हो गया।

श्रीलंका ने भारत के साथ निभाई दोस्ती, एक जानकारी साझा की और अरब सागर में जब्त किए गए 500 किलो ड्रग्स

#jointoperationofindianandsrilankannavy500kgofdrugsseized

भारत में ड्रग्स तस्करी का कारोबार बढ़ रहा है। इंटरनेशनल नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा है। हालांकि, नशे के इस कारोबार पर शिकंजा करने का प्रयास लगातार जारी है। हाल के दिनों में देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त की गई है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई नौसेना के साथ संयुक्त अभियान में अरब सागर से 500 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की है। जो ड्रग्स जब्त हुई है वह क्रिस्टल मेथ है। इस ड्रग्स को दो नावों से जब्त किया गया। वहीं जब्त की गई दोनों नौकाओं और उन पर सवार दोनों लोगों और ड्रग्स को श्रीलंका सरकार को सौंप दिया गया है, अब उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पूरे ऑपेरशन की जानकारी भारतीय नौसेना ने दी है।भारतीय नौसेना के मुताबिक श्रीलंका की नौसेना की तरफ से भारतीय नौसेना को एक मैसेज मिला कि अरब सागर श्रीलंका फ्लैग फिशिंग वेसेल के जरिए ड्रग की संभावित स्मगलिंग हो रही है। मैसेज मिलते ही नौसेना से तुरंत उस बोट को इंटरसेप्ट करने के लिए ऑपरेशन को लॉंच किया।

भारतीय नौसेना ने अपने लॉग रेंज मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी8आई और ड्रोन को एरियल सर्विलांस के लिए लॉन्‍च किया। गुरुग्राम स्थित नौसेना के इनफार्मेशन फ्यूजन सेंटर से मिले इनपुट के बाद समुद्र में वॉरशिप को भी मूव किया। जिसके बाद 24-25 नवंबर को 2 श्रीलंकाई फिशिंग बोट को पहचाना गया, उसे रोका गया और पकड़ा गया। तलाशी के बाद उसमें से 500 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ ड्रग बरामद की गई। दोनों बोट और उसमें पकड़े गए ड्रग और लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए श्रीलंका के हवाले कर दिया गया।हाल ही में पकड़ी गई थी 5,500 किलो ड्रग्स

बता दें कि हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने 5,500 किलो मेथाम्पटामिन ड्रग्स जब्त की थी, यह जब्ती अंडमान-निकोबार के समुद्री इलाके से की गई थी। तटरक्षक बल के एक पायलट ने रूटीन सर्विलांस के दौरान अंडमान निकोबार के बैरेन आइलैंड पर एक संदिग्ध नौका को देखा। चेतावनी के बाद भी जब क्रू ने नौका को भगाने की कोशिश की तो तटरक्षक बल ने कार्रवाई करते हुए नौका को जब्त कर लिया।

फरवरी में गुजरात तट से 3300 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी

एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों ने फरवरी में गुजरात तट पर 3300 किलो ड्रग्स जब्त की थी। अंडमान की जब्ती से पहले ये साल की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती थी। नवंबर में एक ईरानी जहाज से 700 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी।भारत में बढ़ा ड्रग्स तस्करी का कारोबार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में ड्रग्स तस्करी का मौजूदा बाजार करीब 650 अरब डॉलर का है, जो पूरी दुनिया में अवैध अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत है। भारत का दुर्भाग्य ये है कि देश ड्रग्स तस्करी के गोल्डन ट्रायंगल (गोल्डन त्रिकोण) में फंसा हुआ है। म्यांमार, अफगानिस्तान के बाद अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक और हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर है। इसके चलते म्यांमार से भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में ड्रग्स तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान भी ड्रग्स तस्करी के लिए बदनाम हैं। इन तीनों देशों के अपराधी अपनी ड्रग्स भारत में खपाते हैं, साथ ही भारत के समुद्री इलाकों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी होती है और इसे पश्चिमी और दुनिया के अन्य देशों में भेजा जाता है। यही वजह है कि अक्सर भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की जब्ती के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


श्रीलंका की कमान अब वामपंथी नेता के हाथ, अनुरा कुमारा दिसानायके बने नए राष्ट्रपति

#anurakumaradissanayakesworninassrilanka9th_president 

मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ये पहला मौका है जब श्रीलंका में कोई वामपंथी नेता राष्ट्रपति के पद पर बैठेगा। यही नहीं, श्रीलंका के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव का फैसला दूसरे दौर की मतगणना से हुआ। इसमें वामपंथी अनुरा कुमारा दिसानायके विजेता घोषित किए गए।इससे पूर्व पहले दौर की मतगणना में ही दिसानायके ने अन्य प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त ले ली थी। अनुरा ने तीन नामी उम्मीदवारों- नमल राजपक्षे, साजिद प्रेमदासा और रानिल विक्रमसिंघे को इस चुनाव में मात दी है।जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट बने थे। 

इससे पूर्व निर्वाचन आयोग ने दूसरे दौर की गिनती का आदेश दिया था क्योंकि शनिवार को हुए चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल नहीं हुए थे।मार्क्सिस्ट जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी की आनुषंगिक इकाई नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के दिसानायके को 56.3 लाख वोट मिले, जो कुल मतों का 42.31 प्रतिशत था। विपक्षी नेता सामगी जन बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को 43.6 लाख, यानी 32.80 प्रतिशत मत हासिल हुए। निवर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को सिर्फ 22.9 लाख वोट मिले जो, कुल मतों का 17.27 प्रतिशत रहा।

दिसानायके वामपंथी विचारधारा से प्रभावित

जिसके बाद चुनाव दूसरे प्रेफरेंस दौर में चला गया था।जिसकी गिनती के बाद दिसानायके देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं। जिसके बाद 56 साल के अनुरा कुमार दिसानायके को चीफ जस्टिस जयनान्थ जयसूरिया ने शपथ दिलवाई है। दिसानायके श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सांसद हैं और वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है। वह देश की वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. वे 2019 में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ चुके हैं और 2015 से 2018 तक मुख्य विपक्षी सचेतक भी रहे हैं. देश को कर्जे से बाहर निकालने और भ्रष्टाचार कम करने के लिए दिसानायके ने प्रचार के दौरान अपनी नीतियों को जनता के सामने रखा है

जीत के बाद दिसानायके का सोशल मीडिया पोस्ट

दिसानायके ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'सदियों से हमने जो सपना देखा था, वह आखिरकार सच हो रहा है। यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति के काम का नतीजा नहीं है, बल्कि आप जैसे लाखों लोगों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। आपकी प्रतिबद्धता ने हमें यहां तक पहुंचाया है और इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। यह जीत हम सभी की है। यहां तक पहुंचने का हमारा सफर कई लोगों के बलिदानों से तय हुआ है, जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए अपना पसीना, आंसू और यहां तक कि अपनी जान भी दे दी। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। हम उनकी उम्मीदों और संघर्षों का राजदंड थामे हुए हैं, यह जानते हुए कि इसमें कितनी जिम्मेदारी है। उम्मीद और अपेक्षा से भरी लाखों आंखें हमें आगे बढ़ाती हैं और हम मिलकर श्रीलंका के इतिहास को फिर से लिखने के लिए तैयार हैं। यह सपना केवल एक नई शुरुआत से ही साकार हो सकता है। सिंहली, तमिल, मुस्लिम और सभी श्रीलंकाई लोगों की एकता इस नई शुरुआत का आधार है। हम जिस नए पुनर्जागरण की तलाश कर रहे हैं, वह इस साझा ताकत और दृष्टि से ही उभरेगा।"

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनावः मालदीव-बांग्लादेश के बाद यहां भी चीन समर्थक नेता के आने के आसार

#srilankapresidentialelectionprochiensecandidatemaywin

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान प्रारंभ हो गया। साल 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है। देश भर में 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर एक करोड़ 70 लाख लोग अपने मताधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। चुनाव परिणाम रविवार तक घोषित किए जाने की संभावना है।

श्रीलंका में हो रहे चुनाव पर भारत समेत दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि 1982 के बाद से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट टॉप-3 कैंडिडेट की रैंकिंग के आधार पर तय होता है। अगर टॉप 3 में से किसी को पूर्ण बहुमत मिलता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो 3 उम्मीदवारों के बीच दूसरे दौर की वोटिंग होती है। श्रीलंका में अभी तक दूसरे दौर की वोटिंग नहीं हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार दूसरे दौर की वोटिंग हो सकती है क्योंकि इस बार कई बड़े उम्मीदवार मैदान में हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के नेता अनुरा कुमार दिसानायके, समागी जन बालावेगया(एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा और श्रीलंका पोडु पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) के नमल राजपक्षे टक्कर दे रहे हैं। साजिथ प्रेमदासा पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। 1993 में रणसिंघे की हत्या कर दी गई थी। वहीं, नमल राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं। महिंदा राजपक्षे 2005 से लेकर 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

इस द्वीप राष्ट्र में 39 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेशनल पीपुल्स पांवर गठबंधन के उम्मीदवार अनुरा कुमार दिसानायके और एसजेबी नेता सजित प्रेमदासा के बीच है।निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे विक्रमसिंघे और मुख्य विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा का रुख आमतौर पर भारत समर्थक माना जाता है, जबकि चुनावी सर्वे में सबसे मजबूत स्थिति में नजर आ रहे दिसानायके चीन समर्थक हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का वादा करके युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं।

अनुरा दिसानायके के जीतने के आसार

सर्वे के मुताबिक इस बार अनुरा दिसानायके के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है। विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा सर्वे में दूसरे नंबर पर हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उनसे भी पीछे तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इस रेस में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे भी हैं। सर्वे में उनके जीतने की संभावना भी कम बताई गई है।

भारत विरोध के लिए जाने जाते थे अनुरा

बता दें कि अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता हैं। वे एनपीपी गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक जेवीपी पार्टी भारत विरोध के लिए जानी जाती है। 1980 के दशक में भारत ने श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीस कीपिंग फोर्स को भेजने का फैसला लिया था। तब जेवीपी ने इसका विरोध किया था।

हाल के कुछ सालों में जेवीपी ने अपना भारत विरोधी रुख बदला है। हालांकि, अनुरा ने चुनाव से पहले भारतीय कंपनी अडानी के खिलाफ बयान देकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। जेवीपी नेता ने हाल में ही वादा किया है कि वे 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो श्रीलंका में अडानी ग्रुप की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर देंगे। अनुरा का कहना है कि अडानी प्रोजक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। अडानी ग्रुप ने इसी साल श्रीलंकाई सरकार से विंड पॉवर स्टेशन डेवलप करने को लेकर डील की है। इसके लिए कंपनी 442 मिलियन डॉलर (करीब 367 करोड़) निवेश करने वाली है।

भारत के लिए क्यों अहम है श्रीलंका?

किसी भी देश का उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध बहुत मायने रखता है। श्रीलंका भी भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि श्रीलंका भारत के जिस दक्षिणी स्थान के करीब स्थित है, उन इलाकों में भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र, स्पेस रिसर्च सेंटर और नौसैनिक अड्डे जैसे प्रमुख प्रतिष्ठान हैं, लिहाजा श्रीलंका में किसी भी एंटी-इंडिया स्टैंड रखने वाली सरकार का आना, भारत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

জন্মাষ্টমী ২০২৪ এর বিশেষ প্রতিবেদন

২০২৪ সালের জন্মাষ্টমী তিথি পড়ছে ২৬ আগস্ট, সোমবার। এমন তিথিতে শ্রীকৃষ্ণের আরাধনায় মাতবে বৃন্দাবন থেকে মথুরা। ব্রজভূমি থেকে শুরু করে মায়াপুর, দ্বারকায় সেদিন উৎসবে মাতবেন ভক্তরা। জন্মাষ্টমীর তিথি- জন্মাষ্টমীর তিথি ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৩৯ মিনিটে শুরু হচ্ছে। আর সেই তিথি শেষ হবে ২৭ আগস্ট দুপুর ২ টো ১৯ মিনিটে। রোহিনী নক্ষত্র ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৫৫ মিনিটে শুরু হবে। আর ২৭ আগস্ট সন্ধ্যা ৩ টে ৩৮ মিনিটে শেষ হবে।

জন্মাষ্টমী বা কৃষ্ণজন্মাষ্টমী একটি হিন্দু উৎসব। এটি বিষ্ণুর অবতার কৃষ্ণের জন্মদিন হিসেবে পালিত হয়। এর অপর নাম কৃষ্ণাষ্টমী, গোকুলাষ্টমী, অষ্টমী রোহিণী, শ্রীকৃষ্ণজয়ন্তী ইত্যাদি।

পুরাণ অনুসারে পাঁচ হাজার বছর আগে এই ধরাধামে অবতীর্ণ হন শ্রীবিষ্ণুর অষ্টম অবতার কৃষ্ণ। তাঁর আবির্ভাব তিথি প্রতি বছর জন্মাষ্টমী নামে পালিত হয়। কৃষ্ণ জন্মাষ্টমী ছাড়াও এই দিনটি গোকুলাষ্টমী নামেও পরিচিত। এই বছর ২৬ অগাস্ট পালিত হবে কৃষ্ণ জন্মাষ্টমী। মথুরায় কংসের কারাগারে জন্ম হয় দেবকী ও বসুদেবের অষ্টম গর্ভের সন্তান কৃষ্ণের। কংসের হাত থেকে তাঁকে রক্ষা করতে প্রচণ্ড ঝড় বৃষ্টির রাতে যমুনা পেরিয়ে বৃন্দাবনে যশোদা ও নন্দের সংসারে কৃষ্ণকে রেখে আসেন বসুদেব।

সৌর ভাদ্র মাসের কৃষ্ণপক্ষের অষ্টমীতিথিতে যখন রোহিণী নক্ষত্রের প্রাধান্য হয়, তখন জন্মাষ্টমী পালিত হয়। উৎসবটি গ্রেগরিয়ান ক্যালেন্ডার অনুসারে, প্রতি বছর মধ্য-আগস্ট থেকে মধ্য-সেপ্টেম্বরের মধ্যে কোনো এক সময়ে পড়ে। কৃষ্ণের জীবনের সাংস্কৃতিক কর্মকাণ্ড (গান বা কীর্তন, গীতিনাট্য, নাট্য, যাত্রা ইত্যাদি) এর মাধ্যমে রাসলীলা, কংস বধ ইত্যাদি কর্মকাণ্ড উপস্থাপন করা হয়। মথুরা, বৃন্দাবন, মণিপুর ইত্যাদি স্থানে এই অনুষ্ঠান অত্যন্ত আড়ম্বরের সাথে করা হয়।লীলায় কৃষ্ণের ছোট বয়সের কর্ম-কাণ্ড দেখানো হয়, অন্যদিকে, দহি হাণ্ডি প্রথায় কৃষ্ণের দুষ্টু স্বভাব প্রতিফলিত করা হয় যেখানে কয়েকজন শিশু মিলে উচ্চস্থানে বেঁধে রাখা মাখনের হাড়ি ভাঙতে চেষ্টা করে। এই পরম্পরাকে তামিলনাডুতে উরিয়াদি নামে পালন করা হয়। কৃষ্ণের জন্ম হাওয়ায় নন্দের সকলকে উপহার বিতরণের কাহিনী উদ্‌যাপন করতে কৃষ্ণ জন্মাষ্টমীর পর বহু স্থানে নন্দোৎসব পালন করা হয়।

স্বয়ং বিষ্ণু কারাগৃহে উপস্থিত হয়ে দেবকী ও বাসুদেবকে দর্শন দেন এবং তাঁদের পূর্বজন্মের তপস্যা সম্পর্কে জানান। তার পুণ্যফলের জন্যই দেবকী ও বাসুদেবের কাছে তিন বার অবতার নেওয়ার প্রতিশ্রুতি দেন। বিষ্ণু দেবকীকে জানান যে, প্রথম জন্মে বৃষ্ণীগর্ভ নামক এক পুত্র হয়। দ্বিতীয় জন্মে দেবকী যখন দেবমাতা অদিতি ছিলেন, তখন বিষ্ণু ছিলেন, তার পুত্র উপেন্দ্র, এবং তিনিই বামন অবতারে রাজা বলিকে উদ্ধার করেন। এবার তৃতীয় জন্মে দেবকীর পুত্র কৃষ্ণ হিসেবে জন্মগ্রহণ করে তাঁর প্রতিশ্রুতি পুরো করেন বিষ্ণু।

শ্রীকৃষ্ণ ছিলেন দেবকি ও বাসুদেব এর সন্তান এবং হিন্দু ধর্মাম্বলীরা তার জন্মদিন জন্মাষ্টমী হিসেবে পালন করে। শ্রীকৃষ্ণের জন্মের সময় চারিদিকে অরাজকতা, নিপীড়ন, অত্যাচার চরম পর্যায়ে ছিল। সেই সময় মানুষের স্বাধীনতা বলে কিছু ছিল না। সর্বত্র ছিল অশুভ শক্তির বিস্তার। শ্রীকৃষ্ণের মামা কংস ছিলেন তার জীবনের শত্রু। মথুরাতে শ্রীকৃষ্ণের জন্মের সাথে সাথে সেই রাতে তার বাবা বাসুদেব তাঁকে যমুনা নদী (River Jamuna) পার করে গোকুলে পালক মাতা পিতা যশোদা ও নন্দর কাছে রেখে আসেন।

গোটা বিশ্বজুড়েই কৃষ্ণভক্তেরা এই দিনটি সাড়ম্বরে পালন করেন। পুরাণ অনুসারে বিষ্ণুর মানব অবতারের মধ্যে অন্যতম শক্তিশালী ছিলেন কৃ্ষ্ণ। শ্রীকৃষ্ণের জীবনকথা নিয়ে বহু কাহিনি, উপ-কাহিনি, লোককথা প্রচলিত আছে। জন্মের পর থেকেই কৃষ্ণকে ভগবান হিসেবে পুজো করা শুরু হয়ে যায়।

ভগবদ গীতায় (Gita) কৃষ্ণ বলেছেন, ‘যখনই অসত্য ও পাপে এই পৃথিবী ভরে যাবে, তখনই ধর্ম রক্ষা করতে ও সত্য প্রতিষ্ঠা করতে আমি এই পৃথিবীতে অবতীর্ণ হব।’ জন্মষ্টমী হল অশুভকে বিনাশ করে শুভ শক্তিকে প্রতিষ্ঠা করার উত্‍সব। বিশ্বাস ও একতা ধরে রাখতে উত্‍সাহ দেয় এই উত্‍সব।

হিন্দু ধর্মাবলম্বী বিশেষত বৈষ্ণবদের কাছে জন্মাষ্টমী একটি গুরুত্বপূর্ণ উৎসব। এই উৎসব নানা ভাবে উদ্‌যাপন করা হয়। যেমন – ভগবত পুরাণ অনুযায়ী নৃত্য, নাটক যাকে বলা হয় রাসলীলা বা কৃষ্ণ লীলা, মধ্যরাত্রি তে শ্রীকৃষ্ণের জন্মের মুহূর্তে ধর্মীয় গীত গাওয়া, উপবাস, দহি হান্ডি প্রভৃতি। রাসলীলা তে মূলত শ্রীকৃষ্ণের ছোটবেলার বিভিন্ন ঘটনা দেখানো হয়।অন্যদিকে দহি হান্ডি প্রথায় অনেক উঁচুতে মাখনের হাড়ি রাখা হয় এবং অনেক ছেলে মিলে মানুষের পিরামিড তৈরি করে সেই হাড়ি ভাঙ্গার চেষ্টা করে। তামিলনাড়ুতে এ প্রথা উড়িয়াদি নামে পরিচিত। এই দিন মানুষ কৃষ্ণের প্রতি ভালোবাসা ব্যক্ত করার জন্য অভুক্ত থাকে, ধর্মীয় গান গায় এবং উপবাস পালন করে।

শ্রীকৃষ্ণের জন্ম তিথিতে মধ্যরাতে তার ছোট ছোট মূর্তি কে স্নান করিয়ে কাপড় দিয়ে মোছা হয় এবং দোলনায় সাজানো হয়। তারপর উপাসক মন্ডলী নিজেদের মধ্যে খাদ্য ও মিষ্টান্ন বিনিময় করে উপবাস ভঙ্গ করে। গৃহস্ত মহিলারা বাড়ির বিভিন্ন দরজার বাইরে, রান্নাঘরে শ্রী কৃষ্ণের পদচিহ্ন এঁকে দেন যা শ্রীকৃষ্ণের যাত্রা হিসেবে বিবেচনা করা হয়।

জন্মাষ্টমী ভোগ- জন্মাষ্টমীর দিনে একাধিক ভোগ অর্পণ করা হয়ে থাকে দেবতা শ্রীকৃষ্ণকে (Sri Krishna)। এইদিনে বাড়িতে যে লাড্ডু গোপাল রয়েছে, তাঁর উদ্দেশে দেওয়া হয় ভোগ। এমন দিনে ৫৬ ভোগের গুরুত্ব বেশি। ভাদ্র মাসের তিথিতে জন্মাষ্টমী পালিত হয়। ভাদ্র মাসের তাল দিয়ে তৈরি তালের বড়া, তালের ক্ষীর এমন শুভ দিনে দেবতাকে দেওয়া হয়। এছাড়াও নাড়ু থেকে শুরু করে লুচি পায়েস সহ নানান পদ অর্পণ করা হয় গোপাল দেবকে।

জন্মাষ্টমীতে শ্রীকৃষ্ণের উদ্দেশ্যে শশা নিবেদন করার প্রথা রয়েছে। মনে করা হয় শশা পেলে অত্যন্ত প্রীত হন নন্দলাল। যে ভক্ত তাঁকে শশা নিবেদন করেন তাঁর যাবতীয় দুঃখ কষ্ট তিনি মোচন করেন বলে প্রচলিত বিশ্বাস। জন্মাষ্টমীতে ঠিক রাত ১২টায় কৃষ্ণের জন্মক্ষণে শশা কাটতে হয়। এটি সন্তান ভূমিষ্ঠ হওয়ার পর মায়ের থেকে নাড়ি গ্রন্থি কাটার রূপক বলে মনে করা হয়।

শ্রীকৃষ্ণের (Shree Krishna) জন্মদিন অর্থাৎ জন্মাষ্টমী (Janmashtami) পালিত হয় সারা দেশজুড়ে। শাস্ত্রমতে, ভাদ্রমাসের কৃষ্ণ পক্ষের অষ্টমী তিথিতে ও রোহিণী নক্ষত্রে জন্ম হয়েছিল শ্রীবিষ্ণুর অষ্টম অবতার শ্রী কৃষ্ণের। সেই থেকেই জন্মাষ্টমী পালন করার প্রথা চলে এসেছে। এবছর ১৮ অগাস্ট সারা দেশজুড়েই পালিত হবে জন্মাষ্টমী (Janmasthami 2024)। অনেক প্রদেশে এই দিনে ‘দহি হান্ডি’ও পালন করা হয়। উত্তরভারতের একাধিক এলাকায় ছোট্ট কৃষ্ণ (Krishna) মাখন চুরি করে খেত বলে এই দিনটিকে বিশেষ নাম দিয়ে পালন করা হয়।
                                                           
এবছর জন্মাষ্টমীর তিথি- জন্মাষ্টমীর তিথি ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৩৯ মিনিটে শুরু হচ্ছে। আর সেই তিথি শেষ হবে ২৭ আগস্ট দুপুর ২ টো ১৯ মিনিটে। রোহিনী নক্ষত্র ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৫৫ মিনিটে শুরু হবে। আর ২৭ আগস্ট সন্ধ্যা ৩ টে ৩৮ মিনিটে শেষ হবে। অনেকেই জন্মাষ্টমীর আগের দিন থেকে নিরামিষ আহার করেন। জন্মাষ্টমীর দিন সকাল থেকে রাত পর্যন্ত উপোস করে থাকেন। হরিনাম জপ, শ্রীকৃষ্ণ লীলা শ্রবণ ও ভগবত গীতা পাঠও করে থাকেন অনেকে। নিয়ম হল- জন্মাষ্টমীর পরের দিন সকালে স্নান করে নির্দিষ্ট সময়ের মধ্যে পারণ মন্ত্র পাঠ করে ব্রত সমাপ্ত করার।

প্রথমে বলতে হবে, “সর্বায় সর্বেশ্বরায় সর্বপতয়ে সর্বসম্ভবায় গোবিন্দায় নমো নমঃ।” শেষে বলতে হবে, “”ভূতায় ভূতেশ্বরায় ভূতপতয়ে ভূতসম্ভবায় গোবিন্দায় নমো নমঃ।” জন্মাষ্টমী ব্রত পালনের জন্য উপকরণ হিসেবে ফুল, আতপ চাল, ফলের নৈবেদ্য, তুলসীপাতা, দূর্বা, ধূপ, দীপ, পঞ্চগব্য, পঞ্চগুড়ি, পাট, বালি, পঞ্চবর্ণের গুড়ো, মধুপক্ক, আসন-অঙ্গুরী-সহ পুজোর আয়োজন করতে হয়।                          

তবে অনেকে গোপালকে (Gopal) লাড্ডুও ভোগে দেন। তবে অবশ্যই তা সকালে দিতে হবে। রাতের পুজোয় সেক্ষেত্রে নিয়ম হল চিনি মিছরি এবং শুকনো ফল নিবেদন করা। পুরোহিতরা বলে থাকেন, ব্রতভঙ্গের পর নিরামিষ আহার গ্রহণ করতে হয়। এই দিনে কিছু বিশেষ নিয়ম পালন করলে শ্রীকৃষ্ণের কৃপা পাওয়া যায়। এই ব্যবস্থাগুলি জন্মাষ্টমিতে মেনে চললে মিলবে সুফল দূর হবে সমস্যা, এমনটাই বলা হয়ে থাকে।

श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान, टी20 में सूर्यकुमार यादव को मिली कप्तानी, जानें उपकप्तान से भी कैसे चूके पंड्या

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भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा हो गई है।सूर्यकुमार यादव को टी20 कप्तान बनाया गया है। बड़ी खबर ये है कि हार्दिक पंड्या अब टी20 टीम के उपकप्तान भी नहीं रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। शुभमन गिल को वनडे टीम का भी उपकप्तान बना दिया गया है। वनडे सीरीज की बात करें तो रोहित शर्मा कमान संभालेंगे।

अगर श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया को देखें तो इसमें कई अहम बदलाव हुए हैं। सिलेक्शन कमेटी ने सूर्या पर भरोसा जताया है। सूर्या को टी20 की कप्तानी मिली है। वहीं शुभमन पर भी भरोसा जताया है। उन्हें टी20 के साथ-साथ वनडे टीम का भी उपकप्तान बनाया है। सिलेक्शन से पहले चर्चा थी कि हार्दिक पांड्या और सूर्या में कप्तानी को लेकर होड़ है। लेकिन बोर्ड ने अब इन खबरों पर विराम लगा दिया है।

रोहित शर्मा की टी20 में वापसी से पहले उनको ही अमेरिका और वेस्टइंडीज की मेजबानी में हुए विश्व कप का कप्तान माना जा रहा था। चयनकर्ताओं ने रोहित पर भरोसा जताया और हार्दिक को उप कप्तान बनाकर टी20 टीम का चयन किया। विश्व कप जीतने के बाद जब रोहित शर्मा ने इस फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की तो यह मान कर चला जा रहा था कि हार्दिक को ही कप्तान बनाया जाएगा।

हालांकि, चयनकर्ताओं ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए सूर्या को कप्तान बनाया। अब इस बारे में काफी चर्चा हो रही है कि हार्दिक को कप्तान क्यों नहीं बनाया गया। इसको लेकर इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के मन में हार्दिक को लेकर असहजता की भावना ने सूर्यकुमार को कप्तान बनाने में मदद की।

पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के विश्वास के कारण वोट सूर्यकुमार के पक्ष में गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीसीसीआई को जो 'फीडबैक' मिला, वह यह है कि खिलाड़ियों ने पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा किया और उनके अंदर खेलने को लेकर सहज थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो दिनों में कई घंटों तक चली चयन बैठक किसी भी अन्य बैठक के विपरीत थी, क्योंकि गर्म बहस और विचारों में मतभेद थे। उन खिलाड़ियों को कॉल किए गए, जो चयनकर्ताओं के दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल थे।

भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा

भारत की टी20 टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), यशस्वी जयसवाल, रिंकू सिंह, रियान पराग, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, रवि बिश्नोई , अर्शदीप सिंह, खलील अहमद, मोहम्मद सिराज। 

वनडे टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, रियान पराग, अक्षर पटेल, खलील अहमद, हर्षित राणा।

P K Sunil Kumar..The singer with the evergreen voice

P.K Sunil Kumar , a renowned Playback Singer and Stage Performer , has made a successful mark in the Malayalam and Tamil movie sectors for 35 years. Renowned for his distinct, heartfelt singing and flawless musical abilities, P.K Sunil Kumar has mesmerized crowds on over 3,000 platforms, within India and internationally, such as the Gulf nations.P.K Sunil Kumar started his music journey by learning Carnatic music from well-known musicians like Sri Malabar Sukumaran, Sri Kaduthuruthy Radhakrishnan, and Sri Palai C.K. Ramachandran. He is recognized as a top-tier artist of All India Radio and Doordarshan due to his extensive expertise and talent. During his professional journey, Sri P.K SunilKumar  has performed vocals for more than 40 movie soundtracks and over 250 music albums, showcasing a collection of over 2,000 songs.

Sunil 's musical contributions have received widespread recognition . He has been recognized with various esteemed accolades for his commitment to his art, such as the Devarajan Sangeetha Puraskaram, Kalyanji Anandji Award (2019), SPB Award (2020), M.S. Baburaj Yuva Pratibha Award, and the Cochin Haneefa Best Male Singer Award. He was recently recognized with the Lions International Music Award for his outstanding work in Malayalam cinema.

Sunil  has been fortunate enough to share the stage with some of the industry's most famous singers. He has worked with iconic musicians such as KJ Yesudas, Jayachandran, Brahmanandan, M.G. Sreekumar, S. Janaki, P. Susheela, P. Madhuri, B. Vasantha, Vani Jayaram, L.R. Eswari, Lathika, Ambili, K.S. Chithra, Sujatha, Manjari, Sadhana Sargam, Ranjini Jose, Vidhu Prathap, Anwar Sadath, and Shaan.

P.K Sunil Kumar, in addition to his singing abilities, has collaborated with numerous respected music composers like Dakshinamoorthy, Rajamani, M.K. Arjunan, Kannur Rajan, Rajesh Babu K. Sooranad, Harikumar Hareram, and Pootheri Raghukumar. Working with lyricists such as Sreekumaran Thampi, Kaithapram Damodaran Namboothiri, Gireesh Puthenchery, P.K. Gopi, Vayalar Sarath Chandra Varma, Prabhakaran Narukara, and Nishanth Kodamana have strengthened his position in the industry. Sunil Kumar  is famous for his outstanding live performances in addition to his renowned playback singing. He is recognized for his talent in providing  spontaneous musical performances, demonstrating his unique technique and precise  “Laya”, which enhances the charm of every song. Music enthusiasts from both India and other countries have gathered to witness his performances, establishing him as a dynamic performer.

He is the creator of "Voice of Calicut," a popular band in Kerala that has revived renowned singers from the golden era for live performances. His commitment to music and his captivating presence on stage have garnered him a strong following in the music industry. Sunil's exceptional skills have not only been acknowledged in the Malayalam film industry, but also in his outstanding projects "Zha'' and "Binary." He was awarded the prestigious Kerala Film Critics Award in 2021 for his outstanding singing skills on the song "Shariyeth Thottathu'' from the film "Perfume." This recognition solidifies Sri P.K SunilKumar 's standing as a talented and skilled artist, highlighting his diverse contributions to Malayalam cinema.

SunilKumar 's transformation from a budding artist to a renowned playback singer showcases his skill and commitment. His lasting influence on the Malayalam and Tamil film sectors, along with his steadfast dedication to musical excellence, continues to motivate and delight viewers globally.

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BCCI has announced the men's international cricket schedule for the 2024-25 home season
*Sports News*

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*SB News Bureau:* The Indian Cricket Board has announced the men's international cricket schedule for the 2024-25 home season. Currently the T20 World Cup is going on. The Indian cricket team will start the campaign in the Super Eight phase today. There are tours to Zimbabwe and Sri Lanka after the World Cup. India will play a five-match T20 series in Zimbabwe. ODI series in Sri Lanka. India's domestic season in international cricket starts from September. The schedule has been published by the Indian Cricket Board. India will play series against three countries in all formats. Total 16 matches. Among them, Kolkata's Eden Gardens is getting only one T20. Eden Gardens got India-England second T20. That match on 25 January 2025. *Pic Courtesy by: X*
श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरों को किया रिहा, श्रीलंकाई राष्ट्रपति के भारत दौरे पर एस जयशंकर ने फटाया था मुद्दा

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श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरे को रिहा कर दिया है। चार महीने से भी ज्यादा वक्त के बाद ये मछुआरे अपने देश लौट आए हैं।श्रीलंका की नौसेना ने इन मछुआरों को 8 सितंबर, 2024 को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। भारत सरकार से उन मछुआरों के परिवारों ने गुहार लगाई थी। जिसके बाद केन्द्र की मोदी सरकार के प्रयास के बाद श्रीलंका ने 41 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया। ये सभी अब स्वदेश लौट चुके हैं।

तमिलनाडु तटीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, 41 मछुआरों में से 35 रामनाथपुरम के निवासी हैं, जबकि अन्य नागपट्टिनम और पुदुकोट्टई जिलों के रहने वाले हैं। स्वदेश लौटने पर मछुआरों को नागरिकता सत्यापन, सीमा शुल्क जांच और अन्य औपचारिकताओं से गुजरना पड़ा। तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने मछुआरों का स्वागत किया। इसके बाद अलग-अलग वाहनों में उनके गृहनगरों तक परिवहन की व्यवस्था की गई। इससे पहले श्रीलंका ने तमिलनाडु के 15 मछुआरों के एक समूह को रिहा किया था, जो 16 जनवरी को चेन्नई पहुंचे थे।

हाल के महीनों में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के मछुआरों को अनजाने में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमाओं को पार करने के लिए हिरासत में लिए जाने की कई घटनाएँ हुई हैं। तमिलनाडु के मछुआरा संघों ने तटीय जिलों में बड़े पैमाने पर इन गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किए और निर्णायक कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे बीच समुद्र में होने वाली गिरफ्तारियों और मछली पकड़ने वाली मशीनीकृत नावों की जब्ती पर रोक लगाने का आग्रह किया था, जो उनकी आजीविका के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इन चुनौतियों का समाधान करने और मछुआरों की आजीविका की रक्षा करने के लिए निरंतर कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता पर ध्यान दिया। पिछले महीने यानी दिसंबर में श्रीलंका के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे, तब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके के साथ चर्चा की थी और पुरजोर तरीके से मछुयारे की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था। इसके बाद खुद राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके ने भारत को भरोसा दिया था कि श्रीलंका सरकार उन सभी मछुआरों को रिहा कर देगी। स्वदेश लौटते ही जयशंकर की बातों पर श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अमल किया और रिहा करने का आदेश जारी हो गया।

श्रीलंका ने भारत के साथ निभाई दोस्ती, एक जानकारी साझा की और अरब सागर में जब्त किए गए 500 किलो ड्रग्स

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भारत में ड्रग्स तस्करी का कारोबार बढ़ रहा है। इंटरनेशनल नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा है। हालांकि, नशे के इस कारोबार पर शिकंजा करने का प्रयास लगातार जारी है। हाल के दिनों में देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त की गई है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई नौसेना के साथ संयुक्त अभियान में अरब सागर से 500 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की है। जो ड्रग्स जब्त हुई है वह क्रिस्टल मेथ है। इस ड्रग्स को दो नावों से जब्त किया गया। वहीं जब्त की गई दोनों नौकाओं और उन पर सवार दोनों लोगों और ड्रग्स को श्रीलंका सरकार को सौंप दिया गया है, अब उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पूरे ऑपेरशन की जानकारी भारतीय नौसेना ने दी है।भारतीय नौसेना के मुताबिक श्रीलंका की नौसेना की तरफ से भारतीय नौसेना को एक मैसेज मिला कि अरब सागर श्रीलंका फ्लैग फिशिंग वेसेल के जरिए ड्रग की संभावित स्मगलिंग हो रही है। मैसेज मिलते ही नौसेना से तुरंत उस बोट को इंटरसेप्ट करने के लिए ऑपरेशन को लॉंच किया।

भारतीय नौसेना ने अपने लॉग रेंज मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी8आई और ड्रोन को एरियल सर्विलांस के लिए लॉन्‍च किया। गुरुग्राम स्थित नौसेना के इनफार्मेशन फ्यूजन सेंटर से मिले इनपुट के बाद समुद्र में वॉरशिप को भी मूव किया। जिसके बाद 24-25 नवंबर को 2 श्रीलंकाई फिशिंग बोट को पहचाना गया, उसे रोका गया और पकड़ा गया। तलाशी के बाद उसमें से 500 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ ड्रग बरामद की गई। दोनों बोट और उसमें पकड़े गए ड्रग और लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए श्रीलंका के हवाले कर दिया गया।हाल ही में पकड़ी गई थी 5,500 किलो ड्रग्स

बता दें कि हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने 5,500 किलो मेथाम्पटामिन ड्रग्स जब्त की थी, यह जब्ती अंडमान-निकोबार के समुद्री इलाके से की गई थी। तटरक्षक बल के एक पायलट ने रूटीन सर्विलांस के दौरान अंडमान निकोबार के बैरेन आइलैंड पर एक संदिग्ध नौका को देखा। चेतावनी के बाद भी जब क्रू ने नौका को भगाने की कोशिश की तो तटरक्षक बल ने कार्रवाई करते हुए नौका को जब्त कर लिया।

फरवरी में गुजरात तट से 3300 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी

एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों ने फरवरी में गुजरात तट पर 3300 किलो ड्रग्स जब्त की थी। अंडमान की जब्ती से पहले ये साल की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती थी। नवंबर में एक ईरानी जहाज से 700 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी।भारत में बढ़ा ड्रग्स तस्करी का कारोबार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में ड्रग्स तस्करी का मौजूदा बाजार करीब 650 अरब डॉलर का है, जो पूरी दुनिया में अवैध अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत है। भारत का दुर्भाग्य ये है कि देश ड्रग्स तस्करी के गोल्डन ट्रायंगल (गोल्डन त्रिकोण) में फंसा हुआ है। म्यांमार, अफगानिस्तान के बाद अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक और हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर है। इसके चलते म्यांमार से भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में ड्रग्स तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान भी ड्रग्स तस्करी के लिए बदनाम हैं। इन तीनों देशों के अपराधी अपनी ड्रग्स भारत में खपाते हैं, साथ ही भारत के समुद्री इलाकों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी होती है और इसे पश्चिमी और दुनिया के अन्य देशों में भेजा जाता है। यही वजह है कि अक्सर भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की जब्ती के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


श्रीलंका की कमान अब वामपंथी नेता के हाथ, अनुरा कुमारा दिसानायके बने नए राष्ट्रपति

#anurakumaradissanayakesworninassrilanka9th_president 

मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ये पहला मौका है जब श्रीलंका में कोई वामपंथी नेता राष्ट्रपति के पद पर बैठेगा। यही नहीं, श्रीलंका के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव का फैसला दूसरे दौर की मतगणना से हुआ। इसमें वामपंथी अनुरा कुमारा दिसानायके विजेता घोषित किए गए।इससे पूर्व पहले दौर की मतगणना में ही दिसानायके ने अन्य प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त ले ली थी। अनुरा ने तीन नामी उम्मीदवारों- नमल राजपक्षे, साजिद प्रेमदासा और रानिल विक्रमसिंघे को इस चुनाव में मात दी है।जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट बने थे। 

इससे पूर्व निर्वाचन आयोग ने दूसरे दौर की गिनती का आदेश दिया था क्योंकि शनिवार को हुए चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल नहीं हुए थे।मार्क्सिस्ट जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी की आनुषंगिक इकाई नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के दिसानायके को 56.3 लाख वोट मिले, जो कुल मतों का 42.31 प्रतिशत था। विपक्षी नेता सामगी जन बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को 43.6 लाख, यानी 32.80 प्रतिशत मत हासिल हुए। निवर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को सिर्फ 22.9 लाख वोट मिले जो, कुल मतों का 17.27 प्रतिशत रहा।

दिसानायके वामपंथी विचारधारा से प्रभावित

जिसके बाद चुनाव दूसरे प्रेफरेंस दौर में चला गया था।जिसकी गिनती के बाद दिसानायके देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं। जिसके बाद 56 साल के अनुरा कुमार दिसानायके को चीफ जस्टिस जयनान्थ जयसूरिया ने शपथ दिलवाई है। दिसानायके श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सांसद हैं और वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है। वह देश की वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. वे 2019 में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ चुके हैं और 2015 से 2018 तक मुख्य विपक्षी सचेतक भी रहे हैं. देश को कर्जे से बाहर निकालने और भ्रष्टाचार कम करने के लिए दिसानायके ने प्रचार के दौरान अपनी नीतियों को जनता के सामने रखा है

जीत के बाद दिसानायके का सोशल मीडिया पोस्ट

दिसानायके ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'सदियों से हमने जो सपना देखा था, वह आखिरकार सच हो रहा है। यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति के काम का नतीजा नहीं है, बल्कि आप जैसे लाखों लोगों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। आपकी प्रतिबद्धता ने हमें यहां तक पहुंचाया है और इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। यह जीत हम सभी की है। यहां तक पहुंचने का हमारा सफर कई लोगों के बलिदानों से तय हुआ है, जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए अपना पसीना, आंसू और यहां तक कि अपनी जान भी दे दी। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। हम उनकी उम्मीदों और संघर्षों का राजदंड थामे हुए हैं, यह जानते हुए कि इसमें कितनी जिम्मेदारी है। उम्मीद और अपेक्षा से भरी लाखों आंखें हमें आगे बढ़ाती हैं और हम मिलकर श्रीलंका के इतिहास को फिर से लिखने के लिए तैयार हैं। यह सपना केवल एक नई शुरुआत से ही साकार हो सकता है। सिंहली, तमिल, मुस्लिम और सभी श्रीलंकाई लोगों की एकता इस नई शुरुआत का आधार है। हम जिस नए पुनर्जागरण की तलाश कर रहे हैं, वह इस साझा ताकत और दृष्टि से ही उभरेगा।"

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनावः मालदीव-बांग्लादेश के बाद यहां भी चीन समर्थक नेता के आने के आसार

#srilankapresidentialelectionprochiensecandidatemaywin

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान प्रारंभ हो गया। साल 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है। देश भर में 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर एक करोड़ 70 लाख लोग अपने मताधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। चुनाव परिणाम रविवार तक घोषित किए जाने की संभावना है।

श्रीलंका में हो रहे चुनाव पर भारत समेत दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि 1982 के बाद से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट टॉप-3 कैंडिडेट की रैंकिंग के आधार पर तय होता है। अगर टॉप 3 में से किसी को पूर्ण बहुमत मिलता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो 3 उम्मीदवारों के बीच दूसरे दौर की वोटिंग होती है। श्रीलंका में अभी तक दूसरे दौर की वोटिंग नहीं हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार दूसरे दौर की वोटिंग हो सकती है क्योंकि इस बार कई बड़े उम्मीदवार मैदान में हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के नेता अनुरा कुमार दिसानायके, समागी जन बालावेगया(एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा और श्रीलंका पोडु पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) के नमल राजपक्षे टक्कर दे रहे हैं। साजिथ प्रेमदासा पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। 1993 में रणसिंघे की हत्या कर दी गई थी। वहीं, नमल राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं। महिंदा राजपक्षे 2005 से लेकर 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

इस द्वीप राष्ट्र में 39 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेशनल पीपुल्स पांवर गठबंधन के उम्मीदवार अनुरा कुमार दिसानायके और एसजेबी नेता सजित प्रेमदासा के बीच है।निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे विक्रमसिंघे और मुख्य विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा का रुख आमतौर पर भारत समर्थक माना जाता है, जबकि चुनावी सर्वे में सबसे मजबूत स्थिति में नजर आ रहे दिसानायके चीन समर्थक हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का वादा करके युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं।

अनुरा दिसानायके के जीतने के आसार

सर्वे के मुताबिक इस बार अनुरा दिसानायके के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है। विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा सर्वे में दूसरे नंबर पर हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उनसे भी पीछे तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इस रेस में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे भी हैं। सर्वे में उनके जीतने की संभावना भी कम बताई गई है।

भारत विरोध के लिए जाने जाते थे अनुरा

बता दें कि अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता हैं। वे एनपीपी गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक जेवीपी पार्टी भारत विरोध के लिए जानी जाती है। 1980 के दशक में भारत ने श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीस कीपिंग फोर्स को भेजने का फैसला लिया था। तब जेवीपी ने इसका विरोध किया था।

हाल के कुछ सालों में जेवीपी ने अपना भारत विरोधी रुख बदला है। हालांकि, अनुरा ने चुनाव से पहले भारतीय कंपनी अडानी के खिलाफ बयान देकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। जेवीपी नेता ने हाल में ही वादा किया है कि वे 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो श्रीलंका में अडानी ग्रुप की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर देंगे। अनुरा का कहना है कि अडानी प्रोजक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। अडानी ग्रुप ने इसी साल श्रीलंकाई सरकार से विंड पॉवर स्टेशन डेवलप करने को लेकर डील की है। इसके लिए कंपनी 442 मिलियन डॉलर (करीब 367 करोड़) निवेश करने वाली है।

भारत के लिए क्यों अहम है श्रीलंका?

किसी भी देश का उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध बहुत मायने रखता है। श्रीलंका भी भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि श्रीलंका भारत के जिस दक्षिणी स्थान के करीब स्थित है, उन इलाकों में भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र, स्पेस रिसर्च सेंटर और नौसैनिक अड्डे जैसे प्रमुख प्रतिष्ठान हैं, लिहाजा श्रीलंका में किसी भी एंटी-इंडिया स्टैंड रखने वाली सरकार का आना, भारत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

জন্মাষ্টমী ২০২৪ এর বিশেষ প্রতিবেদন

২০২৪ সালের জন্মাষ্টমী তিথি পড়ছে ২৬ আগস্ট, সোমবার। এমন তিথিতে শ্রীকৃষ্ণের আরাধনায় মাতবে বৃন্দাবন থেকে মথুরা। ব্রজভূমি থেকে শুরু করে মায়াপুর, দ্বারকায় সেদিন উৎসবে মাতবেন ভক্তরা। জন্মাষ্টমীর তিথি- জন্মাষ্টমীর তিথি ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৩৯ মিনিটে শুরু হচ্ছে। আর সেই তিথি শেষ হবে ২৭ আগস্ট দুপুর ২ টো ১৯ মিনিটে। রোহিনী নক্ষত্র ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৫৫ মিনিটে শুরু হবে। আর ২৭ আগস্ট সন্ধ্যা ৩ টে ৩৮ মিনিটে শেষ হবে।

জন্মাষ্টমী বা কৃষ্ণজন্মাষ্টমী একটি হিন্দু উৎসব। এটি বিষ্ণুর অবতার কৃষ্ণের জন্মদিন হিসেবে পালিত হয়। এর অপর নাম কৃষ্ণাষ্টমী, গোকুলাষ্টমী, অষ্টমী রোহিণী, শ্রীকৃষ্ণজয়ন্তী ইত্যাদি।

পুরাণ অনুসারে পাঁচ হাজার বছর আগে এই ধরাধামে অবতীর্ণ হন শ্রীবিষ্ণুর অষ্টম অবতার কৃষ্ণ। তাঁর আবির্ভাব তিথি প্রতি বছর জন্মাষ্টমী নামে পালিত হয়। কৃষ্ণ জন্মাষ্টমী ছাড়াও এই দিনটি গোকুলাষ্টমী নামেও পরিচিত। এই বছর ২৬ অগাস্ট পালিত হবে কৃষ্ণ জন্মাষ্টমী। মথুরায় কংসের কারাগারে জন্ম হয় দেবকী ও বসুদেবের অষ্টম গর্ভের সন্তান কৃষ্ণের। কংসের হাত থেকে তাঁকে রক্ষা করতে প্রচণ্ড ঝড় বৃষ্টির রাতে যমুনা পেরিয়ে বৃন্দাবনে যশোদা ও নন্দের সংসারে কৃষ্ণকে রেখে আসেন বসুদেব।

সৌর ভাদ্র মাসের কৃষ্ণপক্ষের অষ্টমীতিথিতে যখন রোহিণী নক্ষত্রের প্রাধান্য হয়, তখন জন্মাষ্টমী পালিত হয়। উৎসবটি গ্রেগরিয়ান ক্যালেন্ডার অনুসারে, প্রতি বছর মধ্য-আগস্ট থেকে মধ্য-সেপ্টেম্বরের মধ্যে কোনো এক সময়ে পড়ে। কৃষ্ণের জীবনের সাংস্কৃতিক কর্মকাণ্ড (গান বা কীর্তন, গীতিনাট্য, নাট্য, যাত্রা ইত্যাদি) এর মাধ্যমে রাসলীলা, কংস বধ ইত্যাদি কর্মকাণ্ড উপস্থাপন করা হয়। মথুরা, বৃন্দাবন, মণিপুর ইত্যাদি স্থানে এই অনুষ্ঠান অত্যন্ত আড়ম্বরের সাথে করা হয়।লীলায় কৃষ্ণের ছোট বয়সের কর্ম-কাণ্ড দেখানো হয়, অন্যদিকে, দহি হাণ্ডি প্রথায় কৃষ্ণের দুষ্টু স্বভাব প্রতিফলিত করা হয় যেখানে কয়েকজন শিশু মিলে উচ্চস্থানে বেঁধে রাখা মাখনের হাড়ি ভাঙতে চেষ্টা করে। এই পরম্পরাকে তামিলনাডুতে উরিয়াদি নামে পালন করা হয়। কৃষ্ণের জন্ম হাওয়ায় নন্দের সকলকে উপহার বিতরণের কাহিনী উদ্‌যাপন করতে কৃষ্ণ জন্মাষ্টমীর পর বহু স্থানে নন্দোৎসব পালন করা হয়।

স্বয়ং বিষ্ণু কারাগৃহে উপস্থিত হয়ে দেবকী ও বাসুদেবকে দর্শন দেন এবং তাঁদের পূর্বজন্মের তপস্যা সম্পর্কে জানান। তার পুণ্যফলের জন্যই দেবকী ও বাসুদেবের কাছে তিন বার অবতার নেওয়ার প্রতিশ্রুতি দেন। বিষ্ণু দেবকীকে জানান যে, প্রথম জন্মে বৃষ্ণীগর্ভ নামক এক পুত্র হয়। দ্বিতীয় জন্মে দেবকী যখন দেবমাতা অদিতি ছিলেন, তখন বিষ্ণু ছিলেন, তার পুত্র উপেন্দ্র, এবং তিনিই বামন অবতারে রাজা বলিকে উদ্ধার করেন। এবার তৃতীয় জন্মে দেবকীর পুত্র কৃষ্ণ হিসেবে জন্মগ্রহণ করে তাঁর প্রতিশ্রুতি পুরো করেন বিষ্ণু।

শ্রীকৃষ্ণ ছিলেন দেবকি ও বাসুদেব এর সন্তান এবং হিন্দু ধর্মাম্বলীরা তার জন্মদিন জন্মাষ্টমী হিসেবে পালন করে। শ্রীকৃষ্ণের জন্মের সময় চারিদিকে অরাজকতা, নিপীড়ন, অত্যাচার চরম পর্যায়ে ছিল। সেই সময় মানুষের স্বাধীনতা বলে কিছু ছিল না। সর্বত্র ছিল অশুভ শক্তির বিস্তার। শ্রীকৃষ্ণের মামা কংস ছিলেন তার জীবনের শত্রু। মথুরাতে শ্রীকৃষ্ণের জন্মের সাথে সাথে সেই রাতে তার বাবা বাসুদেব তাঁকে যমুনা নদী (River Jamuna) পার করে গোকুলে পালক মাতা পিতা যশোদা ও নন্দর কাছে রেখে আসেন।

গোটা বিশ্বজুড়েই কৃষ্ণভক্তেরা এই দিনটি সাড়ম্বরে পালন করেন। পুরাণ অনুসারে বিষ্ণুর মানব অবতারের মধ্যে অন্যতম শক্তিশালী ছিলেন কৃ্ষ্ণ। শ্রীকৃষ্ণের জীবনকথা নিয়ে বহু কাহিনি, উপ-কাহিনি, লোককথা প্রচলিত আছে। জন্মের পর থেকেই কৃষ্ণকে ভগবান হিসেবে পুজো করা শুরু হয়ে যায়।

ভগবদ গীতায় (Gita) কৃষ্ণ বলেছেন, ‘যখনই অসত্য ও পাপে এই পৃথিবী ভরে যাবে, তখনই ধর্ম রক্ষা করতে ও সত্য প্রতিষ্ঠা করতে আমি এই পৃথিবীতে অবতীর্ণ হব।’ জন্মষ্টমী হল অশুভকে বিনাশ করে শুভ শক্তিকে প্রতিষ্ঠা করার উত্‍সব। বিশ্বাস ও একতা ধরে রাখতে উত্‍সাহ দেয় এই উত্‍সব।

হিন্দু ধর্মাবলম্বী বিশেষত বৈষ্ণবদের কাছে জন্মাষ্টমী একটি গুরুত্বপূর্ণ উৎসব। এই উৎসব নানা ভাবে উদ্‌যাপন করা হয়। যেমন – ভগবত পুরাণ অনুযায়ী নৃত্য, নাটক যাকে বলা হয় রাসলীলা বা কৃষ্ণ লীলা, মধ্যরাত্রি তে শ্রীকৃষ্ণের জন্মের মুহূর্তে ধর্মীয় গীত গাওয়া, উপবাস, দহি হান্ডি প্রভৃতি। রাসলীলা তে মূলত শ্রীকৃষ্ণের ছোটবেলার বিভিন্ন ঘটনা দেখানো হয়।অন্যদিকে দহি হান্ডি প্রথায় অনেক উঁচুতে মাখনের হাড়ি রাখা হয় এবং অনেক ছেলে মিলে মানুষের পিরামিড তৈরি করে সেই হাড়ি ভাঙ্গার চেষ্টা করে। তামিলনাড়ুতে এ প্রথা উড়িয়াদি নামে পরিচিত। এই দিন মানুষ কৃষ্ণের প্রতি ভালোবাসা ব্যক্ত করার জন্য অভুক্ত থাকে, ধর্মীয় গান গায় এবং উপবাস পালন করে।

শ্রীকৃষ্ণের জন্ম তিথিতে মধ্যরাতে তার ছোট ছোট মূর্তি কে স্নান করিয়ে কাপড় দিয়ে মোছা হয় এবং দোলনায় সাজানো হয়। তারপর উপাসক মন্ডলী নিজেদের মধ্যে খাদ্য ও মিষ্টান্ন বিনিময় করে উপবাস ভঙ্গ করে। গৃহস্ত মহিলারা বাড়ির বিভিন্ন দরজার বাইরে, রান্নাঘরে শ্রী কৃষ্ণের পদচিহ্ন এঁকে দেন যা শ্রীকৃষ্ণের যাত্রা হিসেবে বিবেচনা করা হয়।

জন্মাষ্টমী ভোগ- জন্মাষ্টমীর দিনে একাধিক ভোগ অর্পণ করা হয়ে থাকে দেবতা শ্রীকৃষ্ণকে (Sri Krishna)। এইদিনে বাড়িতে যে লাড্ডু গোপাল রয়েছে, তাঁর উদ্দেশে দেওয়া হয় ভোগ। এমন দিনে ৫৬ ভোগের গুরুত্ব বেশি। ভাদ্র মাসের তিথিতে জন্মাষ্টমী পালিত হয়। ভাদ্র মাসের তাল দিয়ে তৈরি তালের বড়া, তালের ক্ষীর এমন শুভ দিনে দেবতাকে দেওয়া হয়। এছাড়াও নাড়ু থেকে শুরু করে লুচি পায়েস সহ নানান পদ অর্পণ করা হয় গোপাল দেবকে।

জন্মাষ্টমীতে শ্রীকৃষ্ণের উদ্দেশ্যে শশা নিবেদন করার প্রথা রয়েছে। মনে করা হয় শশা পেলে অত্যন্ত প্রীত হন নন্দলাল। যে ভক্ত তাঁকে শশা নিবেদন করেন তাঁর যাবতীয় দুঃখ কষ্ট তিনি মোচন করেন বলে প্রচলিত বিশ্বাস। জন্মাষ্টমীতে ঠিক রাত ১২টায় কৃষ্ণের জন্মক্ষণে শশা কাটতে হয়। এটি সন্তান ভূমিষ্ঠ হওয়ার পর মায়ের থেকে নাড়ি গ্রন্থি কাটার রূপক বলে মনে করা হয়।

শ্রীকৃষ্ণের (Shree Krishna) জন্মদিন অর্থাৎ জন্মাষ্টমী (Janmashtami) পালিত হয় সারা দেশজুড়ে। শাস্ত্রমতে, ভাদ্রমাসের কৃষ্ণ পক্ষের অষ্টমী তিথিতে ও রোহিণী নক্ষত্রে জন্ম হয়েছিল শ্রীবিষ্ণুর অষ্টম অবতার শ্রী কৃষ্ণের। সেই থেকেই জন্মাষ্টমী পালন করার প্রথা চলে এসেছে। এবছর ১৮ অগাস্ট সারা দেশজুড়েই পালিত হবে জন্মাষ্টমী (Janmasthami 2024)। অনেক প্রদেশে এই দিনে ‘দহি হান্ডি’ও পালন করা হয়। উত্তরভারতের একাধিক এলাকায় ছোট্ট কৃষ্ণ (Krishna) মাখন চুরি করে খেত বলে এই দিনটিকে বিশেষ নাম দিয়ে পালন করা হয়।
                                                           
এবছর জন্মাষ্টমীর তিথি- জন্মাষ্টমীর তিথি ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৩৯ মিনিটে শুরু হচ্ছে। আর সেই তিথি শেষ হবে ২৭ আগস্ট দুপুর ২ টো ১৯ মিনিটে। রোহিনী নক্ষত্র ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৫৫ মিনিটে শুরু হবে। আর ২৭ আগস্ট সন্ধ্যা ৩ টে ৩৮ মিনিটে শেষ হবে। অনেকেই জন্মাষ্টমীর আগের দিন থেকে নিরামিষ আহার করেন। জন্মাষ্টমীর দিন সকাল থেকে রাত পর্যন্ত উপোস করে থাকেন। হরিনাম জপ, শ্রীকৃষ্ণ লীলা শ্রবণ ও ভগবত গীতা পাঠও করে থাকেন অনেকে। নিয়ম হল- জন্মাষ্টমীর পরের দিন সকালে স্নান করে নির্দিষ্ট সময়ের মধ্যে পারণ মন্ত্র পাঠ করে ব্রত সমাপ্ত করার।

প্রথমে বলতে হবে, “সর্বায় সর্বেশ্বরায় সর্বপতয়ে সর্বসম্ভবায় গোবিন্দায় নমো নমঃ।” শেষে বলতে হবে, “”ভূতায় ভূতেশ্বরায় ভূতপতয়ে ভূতসম্ভবায় গোবিন্দায় নমো নমঃ।” জন্মাষ্টমী ব্রত পালনের জন্য উপকরণ হিসেবে ফুল, আতপ চাল, ফলের নৈবেদ্য, তুলসীপাতা, দূর্বা, ধূপ, দীপ, পঞ্চগব্য, পঞ্চগুড়ি, পাট, বালি, পঞ্চবর্ণের গুড়ো, মধুপক্ক, আসন-অঙ্গুরী-সহ পুজোর আয়োজন করতে হয়।                          

তবে অনেকে গোপালকে (Gopal) লাড্ডুও ভোগে দেন। তবে অবশ্যই তা সকালে দিতে হবে। রাতের পুজোয় সেক্ষেত্রে নিয়ম হল চিনি মিছরি এবং শুকনো ফল নিবেদন করা। পুরোহিতরা বলে থাকেন, ব্রতভঙ্গের পর নিরামিষ আহার গ্রহণ করতে হয়। এই দিনে কিছু বিশেষ নিয়ম পালন করলে শ্রীকৃষ্ণের কৃপা পাওয়া যায়। এই ব্যবস্থাগুলি জন্মাষ্টমিতে মেনে চললে মিলবে সুফল দূর হবে সমস্যা, এমনটাই বলা হয়ে থাকে।

श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान, टी20 में सूर्यकुमार यादव को मिली कप्तानी, जानें उपकप्तान से भी कैसे चूके पंड्या

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भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा हो गई है।सूर्यकुमार यादव को टी20 कप्तान बनाया गया है। बड़ी खबर ये है कि हार्दिक पंड्या अब टी20 टीम के उपकप्तान भी नहीं रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। शुभमन गिल को वनडे टीम का भी उपकप्तान बना दिया गया है। वनडे सीरीज की बात करें तो रोहित शर्मा कमान संभालेंगे।

अगर श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया को देखें तो इसमें कई अहम बदलाव हुए हैं। सिलेक्शन कमेटी ने सूर्या पर भरोसा जताया है। सूर्या को टी20 की कप्तानी मिली है। वहीं शुभमन पर भी भरोसा जताया है। उन्हें टी20 के साथ-साथ वनडे टीम का भी उपकप्तान बनाया है। सिलेक्शन से पहले चर्चा थी कि हार्दिक पांड्या और सूर्या में कप्तानी को लेकर होड़ है। लेकिन बोर्ड ने अब इन खबरों पर विराम लगा दिया है।

रोहित शर्मा की टी20 में वापसी से पहले उनको ही अमेरिका और वेस्टइंडीज की मेजबानी में हुए विश्व कप का कप्तान माना जा रहा था। चयनकर्ताओं ने रोहित पर भरोसा जताया और हार्दिक को उप कप्तान बनाकर टी20 टीम का चयन किया। विश्व कप जीतने के बाद जब रोहित शर्मा ने इस फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की तो यह मान कर चला जा रहा था कि हार्दिक को ही कप्तान बनाया जाएगा।

हालांकि, चयनकर्ताओं ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए सूर्या को कप्तान बनाया। अब इस बारे में काफी चर्चा हो रही है कि हार्दिक को कप्तान क्यों नहीं बनाया गया। इसको लेकर इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के मन में हार्दिक को लेकर असहजता की भावना ने सूर्यकुमार को कप्तान बनाने में मदद की।

पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के विश्वास के कारण वोट सूर्यकुमार के पक्ष में गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीसीसीआई को जो 'फीडबैक' मिला, वह यह है कि खिलाड़ियों ने पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा किया और उनके अंदर खेलने को लेकर सहज थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो दिनों में कई घंटों तक चली चयन बैठक किसी भी अन्य बैठक के विपरीत थी, क्योंकि गर्म बहस और विचारों में मतभेद थे। उन खिलाड़ियों को कॉल किए गए, जो चयनकर्ताओं के दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल थे।

भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा

भारत की टी20 टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), यशस्वी जयसवाल, रिंकू सिंह, रियान पराग, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, रवि बिश्नोई , अर्शदीप सिंह, खलील अहमद, मोहम्मद सिराज। 

वनडे टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, रियान पराग, अक्षर पटेल, खलील अहमद, हर्षित राणा।

P K Sunil Kumar..The singer with the evergreen voice

P.K Sunil Kumar , a renowned Playback Singer and Stage Performer , has made a successful mark in the Malayalam and Tamil movie sectors for 35 years. Renowned for his distinct, heartfelt singing and flawless musical abilities, P.K Sunil Kumar has mesmerized crowds on over 3,000 platforms, within India and internationally, such as the Gulf nations.P.K Sunil Kumar started his music journey by learning Carnatic music from well-known musicians like Sri Malabar Sukumaran, Sri Kaduthuruthy Radhakrishnan, and Sri Palai C.K. Ramachandran. He is recognized as a top-tier artist of All India Radio and Doordarshan due to his extensive expertise and talent. During his professional journey, Sri P.K SunilKumar  has performed vocals for more than 40 movie soundtracks and over 250 music albums, showcasing a collection of over 2,000 songs.

Sunil 's musical contributions have received widespread recognition . He has been recognized with various esteemed accolades for his commitment to his art, such as the Devarajan Sangeetha Puraskaram, Kalyanji Anandji Award (2019), SPB Award (2020), M.S. Baburaj Yuva Pratibha Award, and the Cochin Haneefa Best Male Singer Award. He was recently recognized with the Lions International Music Award for his outstanding work in Malayalam cinema.

Sunil  has been fortunate enough to share the stage with some of the industry's most famous singers. He has worked with iconic musicians such as KJ Yesudas, Jayachandran, Brahmanandan, M.G. Sreekumar, S. Janaki, P. Susheela, P. Madhuri, B. Vasantha, Vani Jayaram, L.R. Eswari, Lathika, Ambili, K.S. Chithra, Sujatha, Manjari, Sadhana Sargam, Ranjini Jose, Vidhu Prathap, Anwar Sadath, and Shaan.

P.K Sunil Kumar, in addition to his singing abilities, has collaborated with numerous respected music composers like Dakshinamoorthy, Rajamani, M.K. Arjunan, Kannur Rajan, Rajesh Babu K. Sooranad, Harikumar Hareram, and Pootheri Raghukumar. Working with lyricists such as Sreekumaran Thampi, Kaithapram Damodaran Namboothiri, Gireesh Puthenchery, P.K. Gopi, Vayalar Sarath Chandra Varma, Prabhakaran Narukara, and Nishanth Kodamana have strengthened his position in the industry. Sunil Kumar  is famous for his outstanding live performances in addition to his renowned playback singing. He is recognized for his talent in providing  spontaneous musical performances, demonstrating his unique technique and precise  “Laya”, which enhances the charm of every song. Music enthusiasts from both India and other countries have gathered to witness his performances, establishing him as a dynamic performer.

He is the creator of "Voice of Calicut," a popular band in Kerala that has revived renowned singers from the golden era for live performances. His commitment to music and his captivating presence on stage have garnered him a strong following in the music industry. Sunil's exceptional skills have not only been acknowledged in the Malayalam film industry, but also in his outstanding projects "Zha'' and "Binary." He was awarded the prestigious Kerala Film Critics Award in 2021 for his outstanding singing skills on the song "Shariyeth Thottathu'' from the film "Perfume." This recognition solidifies Sri P.K SunilKumar 's standing as a talented and skilled artist, highlighting his diverse contributions to Malayalam cinema.

SunilKumar 's transformation from a budding artist to a renowned playback singer showcases his skill and commitment. His lasting influence on the Malayalam and Tamil film sectors, along with his steadfast dedication to musical excellence, continues to motivate and delight viewers globally.

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BCCI has announced the men's international cricket schedule for the 2024-25 home season
*Sports News*

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*SB News Bureau:* The Indian Cricket Board has announced the men's international cricket schedule for the 2024-25 home season. Currently the T20 World Cup is going on. The Indian cricket team will start the campaign in the Super Eight phase today. There are tours to Zimbabwe and Sri Lanka after the World Cup. India will play a five-match T20 series in Zimbabwe. ODI series in Sri Lanka. India's domestic season in international cricket starts from September. The schedule has been published by the Indian Cricket Board. India will play series against three countries in all formats. Total 16 matches. Among them, Kolkata's Eden Gardens is getting only one T20. Eden Gardens got India-England second T20. That match on 25 January 2025. *Pic Courtesy by: X*