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पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में मॉक ड्रिल रद्द, जानें क्या है वजह

#operationshieldmockdrillcivildefenceexercise_postponed

पाकिस्तान की सीमा से लगे चार राज्यों- गुजरात, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) आयोजित करने का फैसला फिलहाल रद्द कर दिया गया है। पहले यह मॉक ड्रिल 29 मई को होना था, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि नई तारीखों का ऐलान जल्द ही कर दिया जाएगा।

आज शाम होनी थी मॉक ड्रिल

पहले बुधवार को पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल कराने का फैसला किया गया था। गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक दुश्मन देश के हमलों के खिलाफ नागरिक संरक्षण की तैयारियों को बढ़ाने के लिए देश के पश्चिमी सीमा से लगे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में नागरिक संरक्षण अभ्यास ‘ऑपरेशन शील्ड’ आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत गुरुवार यानी आज गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और चंडीगढ़ समेत केंद्र शासित प्रदेशों के कई जिलों में शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल होनी थी।

प्रशासनिक कारणों से टला अभ्यास

हालांकि, बुधवार देर शाम प्रशासनिक कारणों की वजह से फिलहाल टाल दिया गया।सरकारी आदेश में कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारियों और हितधारकों को सूचित किया जाए कि ऑपरेशन शील्ड सिविल डिफेंस एक्सरसाइज अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। अगली तारीख बाद में जारी की जाएगी। जम्मू-कश्मीर सभी 20 जिलों में मॉक ड्रिल रद्द कर दी गई है। वहीं राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों ने भी केंद्र के आदेश के बाद मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट स्थगित कर दिए हैं।

देशभर के 244 जिलों में किया गया था मॉक ड्रिल

इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में यानी 7 मई को मॉक ड्रिल की गई थी। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर से चंद घंटे पहले सरकार ने देशभर के 244 जिलों में पहली बार सिविल डिफेंस अभ्यास कराया था। इस दौरान ब्लैकआउट ड्रिल, हवाई हमले के सायरन, निकासी प्रक्रिया के साथ ही जनता को जागरूक करने जैसे अभ्यास किए गए थे।

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा विवाद

दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 300 से 400 ड्रोन भेजे गए। हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन ड्रोन्स को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया। ये हमला जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के कई सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाकर किया गया था। ड्रोन और मिसाइलों से किए गए हमले की कोशिश के कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में ब्लैकआउट और सायरन बजने लगे थे। इसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई थी। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की वार्ता के स्तर पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम की शुरुआत की गई, जिसके बाद सीजफायर की घोषणा की गई।

आज से शुरू हो रहा पाकिस्‍तान का पोल खोल अभियान, श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में पहला सर्वदलीय दल हो रवाना

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भारत ने पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब करने की मुहिम छेड़ दी है। आतंकवाद को पनाह दे रहे पाकितान के खिलाफ भारत ने कूटनीतिक कदम बढ़ाया है। पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तानी साजिश और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया को भारत का रुख बताने के लिए सरकार का पहला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज रवाना हो रहा है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल बुधवार को यूएई पहुंचेगा। यह प्रतिनिधिमंडल लाइबेरिया, कांगो तथा सिएरा लियोन का भी दौरा करेगा।

प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के मामले में भारत की खींची गई नई सीमा रेखा की जानकारी देने के साथ ही पहलगाम आतंकी हमले और उसके खिलाफ की गई जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया के देशों को परिचित कराएगा। मंगलवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने शिंदे समेत तीन प्रतिनिधिमंडलों को पाकिस्तानी धरती से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई, पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की घटनाओं तथा सरकार द्वारा खींची गई नई सीमा रेखा पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी।

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी ताकत ये रही कि इसको लेकर पूरा भारत राजनीतिक तौर पर भी एकजुट नजर आया। भारतीय सशस्त्र सेना ने इस ऑपरेशन में अपना लक्ष्य बहुत ही सटीकता से हासिल किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के 9 बड़े ठिकानों को पूरी तरह से मिट्टी में मिलाने में सफलता भी हासिल की। आतंकवाद और पाकिस्तान के संबंधों के इस कनेक्शन की पोल दुनिया के सामने खोलने के लिए ऑल पार्टी डेलिगेशन दुनियाभर के दौरे पर जाने वाला है।

ऑपरेशन सिंदूर तो बहुत छोटा युद्ध है...' कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम को घेरा

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक विपक्ष पाकिस्तान को उसकी हरकत के लिए मुहंतोड़ जवाब देने के लिए केंद्र सरकार का साथ दे रहा था। अब दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। जिस ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को तबाह कर दिया, सेना के उसी मिशन पर सवाल उठ रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को छोटा सा युद्ध बताया है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘बस एक छोटी-सी जंग’ बताते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले ही खतरे की आशंका थी। उन्होंने कहा, 17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पीएम मोदी इसलिए नहीं गए क्योंकि खबर थी कि वहां गड़बड़ हो सकती है। आपने (मोदी) पर्यटकों को जाने से मना क्यों नहीं किया? पहलगाम में मोदी सरकार ने पर्यटकों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई।

खरगे ने पीएम मोदी को घेरा

कर्नाटक में समर्पण संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया, मुझे जानकारी मिली है कि हमले से तीन दिन पहले मोदी जी को एक खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी और इसीलिए मोदी जी ने कश्मीर का अपना दौरा रद्द कर दिया। जब एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आपकी सुरक्षा के लिए वहां जाना उचित नहीं है, तो आपने लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी सुरक्षा, खुफिया, स्थानीय पुलिस और सीमा बल को सूचित क्यों नहीं किया?

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिनका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें एयर बेस, रडार साइट्स, और कमांड सेंटर शामिल हैं।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

मोदी सरकार ने चली पाक को बेनकाब करने की चाल, भारतीय सांसदों का दल दुनिया को बताएंगे ऑपरेशन सिंदूर का सच

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आतंकपरस्त पाकिस्तान को भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई के बल पर घूटने टेकने को मजबूर कर दिया। हालांकि, पाकिस्तान ने दुनिया में झूठे दावों को बौछार कर दी। पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए अब मोदी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी चाल चल दी है। ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सरकार ने सांसदों के एक दल को विदेश भेजने का फैसला किया है। इसके बाद अब संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है। शुक्रवार से संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर सांसदों के दल का समूह बनाने की कवायद शुरू की है।

मोदी सरकार फिलहाल विपक्षी दलों से बातचीत कर रही है। सरकार मल्टी पार्टी डेलिगेशन यानी प्रतिनिधिमंडल की संरचना और कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले उन्हें साथ लाना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में सांसदों के 8 ग्रुप बनाए जाएंगे। सांसदों के ये 8 ग्रुप, 8 अलग-अलग देशों का दौरा कर भारत का पक्ष रखेंगे। 8 ग्रुप में हर पार्टी के सांसदों होंगे। इन ग्रुप को विदेश भेजने का मकसद पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखना है। इसे लेकर कांग्रेस का कहना है कि सरकार की इस पहल का वो हिस्सा होगी।

इस मामले को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीटीआई को बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस बारे में बात की है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा देश हित के साथ खड़ी रहती है। भाजपा की तरह कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है। इसलिए कांग्रेस इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी।

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने मार गिराए ये 5 बड़े आतंकवादी, सेना ने दी पूरी लिस्ट

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भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। भारत ने 7 मई की तड़के पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन शुरू किया था। इस मिशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंक के अड्डे चला रहे आतंकियों को निशाना बनाया गया था। अब खबर आ रही है कि इस मिशन में पांच खूंखार आतंकी ढेर हो गए है। जिन आतंकियों की सूची समने आई है, उसमें मसूद अजहर का भाई और उसके बीवी का भाई भी शामिल है। वह आईसी-814 अपहरण मामले में वांछित था।

सेना के स्ट्राइक में जो 5 बड़े आतंकी मारे गए हैं, इनमें मुदस्सर खादियान, खालिद, हाफिज जमील, यूसुफ अजहर और हसन खान का नाम शामिल हैं। ये सभी आतंकवादी लश्कर और जैश से जुड़े थे। जो हाफिज सईद और मसूद अजहर के इशारे पर आतंकी वारदातों को अंजाम देता था।

भारत में 'ऑपरेशन सिंदूर' में मारे गए आतंकियों के बारे में-

1.मुदस्सर खादियन खास उर्फ अबू जुंदाल

भारतीय बलों की ओर से मुरीदके में किए गए हमले में लश्कर-ए-तैयबा के इस आतंकी को मार गिराया था। यह मुरीदके में मरकज तैयबा का प्रभारी था। उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की तरफ से उसके लिए श्रद्धांजलि दी गई। उसके जनाजे की नमाज एक सरकारी स्कूल में पढ़ी गई। इसकी अगुवाई आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के कुख्यात हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया। पाकिस्तानी सेना के एक लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी इसमें हिस्सा लिया।

2.हाफिज मुहम्मद जमील

जमील को संगठन के मुख्यालय बहावलपुर में हुए हमले में निशाना बनाया गया। यह मसूद अजहर की सबसे बड़ी बहन का पति और बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह की कमान संभाल रहा था। युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश-ए-मोहम्मद के लिए फंडिंग जुटाने में सक्रिय था।

2.मोहम्मद यूसुफ अजहर

जैश के इस आतंकवादी को उस्ताद और मोहम्मद सलीम के नाम से भी जाना जाता था। यह मसूद अजहर का साला था। जैश के मदरसे में अजहर हथियारों की ट्रेनिंग संभालता था। अजहर जम्मू के कई आतंकवादी हमलों में शामिल था। आईसी-814 अपहरण मामले में उसे वांछित माना गया था।

4. खालिद उर्फ अबू आकाश

लश्कर-ए-तैयबा का यह आतंकवादी अफगानिस्तान से हथियार सप्लाई का काम करता था। जिस दिन हमला हुआ, उस दिन वह अपने घर में सो रहा था। खालिद पर जम्मू में आतंक फैलाने का आरोप था। खालिद का अंतिम संस्कार फैसलाबाद में किया गया, जहां वरिष्ठ पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए।

5. मोहम्मद हसन खान

जैश का यह आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। इसने पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई थी।

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी’, सर्वदलीय बैठक में बोले राजनाथ सिंह, तो क्या पिक्चर अभी बाकी?

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ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में हड़कंप है। पहले से ही हमले का अंदेशा लगा रहे पाकिस्तान पर भारत 6 और 7 मई की आधी रात को कहर बनकर टूटा। भारत ने पाकिस्तान के 9 ठिकानों एयर स्ट्राइक किया। देखते ही देखते जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के आंतकी ठिकाने नेस्तनाबूद हो गए। करीब 70 से अधिक आतंकवादी मिट्टी में मिल गए। फिर भी भारत ने ये इशारा कर दिया कि पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर अभी झांकी है...दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है और यह जारी है।

क्या है बयान के मायने?

करीब डेढ़ घंटे चली बैठक से बहार आने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी रक्षा मंत्री के बयान को दोहराया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है। सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'आज सर्वदलीय बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बहुत अच्छी से हुई है। गंभीर विषय था इसलिए सभी नेताओं ने गंभीरता से अपने बात को रखा है। ऑपरेशन सिंदूर ongoing प्रोसेस है। सबसे पहले रक्षा मंत्री ने सभी नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी और परिस्थिति, हालात के बारे में जानकारी दी। इसके बाद सभी ने अपना मत रखा और सुझाव भी दिए। सभी नेताओं ने सेनाओं को बधाई भी दी। सभी ने कहा कि हम एकजूटता से सरकार का साथ देंगे और सेना के हर कार्रवाई में साथ देंगे...मैं सभी नेताओं को धन्यवाद करता हूं और ये सकारात्मक बैठक थी।'

हर दुस्साहस का दिया जाएगा जवाब

ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये पहली बार नहीं है कि जब ऐसा कहा जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के पूरा होने के बाद जब पूरी दुनिया को सबूत के साथ भारत ने जपाब दे दिया, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी यह इशारा किया गया कि पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर अभी झांकी है। अगर पाकिस्तान ने दुस्साहस की तो भारत पूरी तरह से तैयार है और उसे आगे भी जवाब दि जाएगा। यह वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका ने कहा था।

आर्मी के पूर्व चीफ के पोस्ट से भी खलबली

यही नहीं, आर्मी के पूर्व चीफ मनोज नरवणे ने एक्स पर एक पोस्ट कर पाकिस्तान में खलबली मचा दी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा है- अभी पिक्चर बाकी है।

दरअसल, भारत ने जिस तरह से ऑपरेशन सिंदूर के बाद बयान दिया, उससे यह साफ है कि पाकिस्तान अगर दुस्साहस करता है तो भारत कुछ और बड़ा करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद चर्चा में आया यह श्लोक, 'धर्मो रक्षति रक्षितः' इस श्लोक का अर्थ समझे

डेस्क:–मंगलवार देर रात भारत ने Operation Sindoor के तहत पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर घुसकर हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन के जरिए पाक के सभी आतंकी कैंप को नष्ट कर दिया और पहलगाम हमले का बदला ले लिया है। आप सोच भी नहीं सकते है कि उस वक्त हमला होता है जब पुरी दुनिया सो रही थी, आधी रात करीब 2 बजे भारतीय सेनाओं ने पाक के कई आतंकी ठिकानों पर मिसाइलें बरसा दीं। इस बीच महाभारत का एक श्लोक सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड कर रहा है। हालांकि यह पूरा श्लोक नहीं है. धर्मो रक्षति रक्षितः एक लोकप्रिय संस्कृत वाक्यांश है, जिसका उल्लेख महाभारत और मनुस्मृति में देखने को मिलता है.

जानें श्लोक का अर्थ

तो चलिए जानते है इस श्लोक का अर्थ क्या है। श्लोक का अर्थ है, "धर्मो रक्षति रक्षितः एक लोकप्रिय संस्कृत वाक्यांश है, जिसका उल्लेख महाभारत और मनुस्मृति में देखने को मिलता है." पूरा श्लोक इस प्रकार है... धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्। अर्थात इस श्लोक का अर्थ है धर्म को नष्ट करने से वह नष्ट करने वालों का भी नाश कर देता है और रक्षित धर्म रक्षक की रक्षा करता है। इसलिए कभी भी धर्म का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, ताकि नष्ट हुआ धर्म हमारा कभी नाश न कर सके।

पहलगाम आतंकी हमले पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे और ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों की इस कायराना हरकत का कड़ा जवाब है। आतंकियों के इस हमले में माताओं-बहनों के सिंदूर को नष्ट किया गया था, इसलिए भारत की इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में स्थित जैश, लश्कर, हिजबुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया और कम से कम 70 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन के तहत माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद केन्द्र ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष को देगी मिशन की जानकारी

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केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सुबह 11 बजे संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह दूसरी सर्वदलीय बैठक है। मीटिंग में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे पहले 24 अप्रैल को पार्लियामेंट एनेक्सी में 2 घंटे तक सर्वदलीय बैठक हुई थी। इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी।

संवेदनशील मामलों में सबको साथ लेकर चल रही सरकार

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों समेत आतंकी प्रशिक्षण के नौ मरकजों को हमला किया। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर है। हमले के एक दिन बाद सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहेंगे। सरकार का उद्देश्य ऐसे संवेदनशील मामलों पर सबको साथ लेकर चलने का है। पाकिस्तान स्थित आतंकी सेंटरों को ध्वस्त करने के बाद सभी दलों ने सेना के इस अभियान का समर्थन किया है। बैठक में भाग लेने के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को बुलाया गया।

बैठक में पीएम मोदी के शामिल होने की मांग

वहीं, कांग्रेस ने इस बैठक में पीएम मोदी के भी शामिल होने की मांग की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमने 24 अप्रैल को भी प्रधानमंत्री से मीटिंग में शामिल होने की मांग की थी, लेकिन वे नहीं आए। इस बार कम से कम उन्हें आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय नीति पाकिस्तान और पीओके से आने वाले सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और मजबूत है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस बैठक में शामिल होंगे।

13 दिन पहले हुई थी पिछली बैठक

13 दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने माना था कि पहलगाम हमले में सुरक्षा में चूक हुई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मीटिंग में विपक्षी नेताओं को सुरक्षा में हुई चूक के बारे में जानकारी दी।

वहीं, विपक्ष ने कहा कि वे सरकार के साथ हैं। विपक्षी सांसदों ने आतंकी कैंपों को नष्ट करने की मांग की। कहा कि सरकार आतंक के खिलाफ कड़े कदम उठाए। बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा- हर एक्शन पर हमारा सरकार को पूरा सपोर्ट है। सर्वदलीय बैठक दो घंटे चली थी

पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में मॉक ड्रिल रद्द, जानें क्या है वजह

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पाकिस्तान की सीमा से लगे चार राज्यों- गुजरात, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) आयोजित करने का फैसला फिलहाल रद्द कर दिया गया है। पहले यह मॉक ड्रिल 29 मई को होना था, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि नई तारीखों का ऐलान जल्द ही कर दिया जाएगा।

आज शाम होनी थी मॉक ड्रिल

पहले बुधवार को पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल कराने का फैसला किया गया था। गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक दुश्मन देश के हमलों के खिलाफ नागरिक संरक्षण की तैयारियों को बढ़ाने के लिए देश के पश्चिमी सीमा से लगे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में नागरिक संरक्षण अभ्यास ‘ऑपरेशन शील्ड’ आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत गुरुवार यानी आज गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और चंडीगढ़ समेत केंद्र शासित प्रदेशों के कई जिलों में शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल होनी थी।

प्रशासनिक कारणों से टला अभ्यास

हालांकि, बुधवार देर शाम प्रशासनिक कारणों की वजह से फिलहाल टाल दिया गया।सरकारी आदेश में कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारियों और हितधारकों को सूचित किया जाए कि ऑपरेशन शील्ड सिविल डिफेंस एक्सरसाइज अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। अगली तारीख बाद में जारी की जाएगी। जम्मू-कश्मीर सभी 20 जिलों में मॉक ड्रिल रद्द कर दी गई है। वहीं राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों ने भी केंद्र के आदेश के बाद मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट स्थगित कर दिए हैं।

देशभर के 244 जिलों में किया गया था मॉक ड्रिल

इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में यानी 7 मई को मॉक ड्रिल की गई थी। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर से चंद घंटे पहले सरकार ने देशभर के 244 जिलों में पहली बार सिविल डिफेंस अभ्यास कराया था। इस दौरान ब्लैकआउट ड्रिल, हवाई हमले के सायरन, निकासी प्रक्रिया के साथ ही जनता को जागरूक करने जैसे अभ्यास किए गए थे।

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा विवाद

दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 300 से 400 ड्रोन भेजे गए। हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन ड्रोन्स को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया। ये हमला जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के कई सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाकर किया गया था। ड्रोन और मिसाइलों से किए गए हमले की कोशिश के कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में ब्लैकआउट और सायरन बजने लगे थे। इसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई थी। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की वार्ता के स्तर पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम की शुरुआत की गई, जिसके बाद सीजफायर की घोषणा की गई।

आज से शुरू हो रहा पाकिस्‍तान का पोल खोल अभियान, श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में पहला सर्वदलीय दल हो रवाना

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भारत ने पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब करने की मुहिम छेड़ दी है। आतंकवाद को पनाह दे रहे पाकितान के खिलाफ भारत ने कूटनीतिक कदम बढ़ाया है। पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तानी साजिश और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया को भारत का रुख बताने के लिए सरकार का पहला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज रवाना हो रहा है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल बुधवार को यूएई पहुंचेगा। यह प्रतिनिधिमंडल लाइबेरिया, कांगो तथा सिएरा लियोन का भी दौरा करेगा।

प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के मामले में भारत की खींची गई नई सीमा रेखा की जानकारी देने के साथ ही पहलगाम आतंकी हमले और उसके खिलाफ की गई जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया के देशों को परिचित कराएगा। मंगलवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने शिंदे समेत तीन प्रतिनिधिमंडलों को पाकिस्तानी धरती से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई, पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की घटनाओं तथा सरकार द्वारा खींची गई नई सीमा रेखा पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी।

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी ताकत ये रही कि इसको लेकर पूरा भारत राजनीतिक तौर पर भी एकजुट नजर आया। भारतीय सशस्त्र सेना ने इस ऑपरेशन में अपना लक्ष्य बहुत ही सटीकता से हासिल किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के 9 बड़े ठिकानों को पूरी तरह से मिट्टी में मिलाने में सफलता भी हासिल की। आतंकवाद और पाकिस्तान के संबंधों के इस कनेक्शन की पोल दुनिया के सामने खोलने के लिए ऑल पार्टी डेलिगेशन दुनियाभर के दौरे पर जाने वाला है।

ऑपरेशन सिंदूर तो बहुत छोटा युद्ध है...' कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम को घेरा

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक विपक्ष पाकिस्तान को उसकी हरकत के लिए मुहंतोड़ जवाब देने के लिए केंद्र सरकार का साथ दे रहा था। अब दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। जिस ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को तबाह कर दिया, सेना के उसी मिशन पर सवाल उठ रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को छोटा सा युद्ध बताया है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘बस एक छोटी-सी जंग’ बताते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले ही खतरे की आशंका थी। उन्होंने कहा, 17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पीएम मोदी इसलिए नहीं गए क्योंकि खबर थी कि वहां गड़बड़ हो सकती है। आपने (मोदी) पर्यटकों को जाने से मना क्यों नहीं किया? पहलगाम में मोदी सरकार ने पर्यटकों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई।

खरगे ने पीएम मोदी को घेरा

कर्नाटक में समर्पण संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया, मुझे जानकारी मिली है कि हमले से तीन दिन पहले मोदी जी को एक खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी और इसीलिए मोदी जी ने कश्मीर का अपना दौरा रद्द कर दिया। जब एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आपकी सुरक्षा के लिए वहां जाना उचित नहीं है, तो आपने लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी सुरक्षा, खुफिया, स्थानीय पुलिस और सीमा बल को सूचित क्यों नहीं किया?

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिनका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें एयर बेस, रडार साइट्स, और कमांड सेंटर शामिल हैं।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

मोदी सरकार ने चली पाक को बेनकाब करने की चाल, भारतीय सांसदों का दल दुनिया को बताएंगे ऑपरेशन सिंदूर का सच

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आतंकपरस्त पाकिस्तान को भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई के बल पर घूटने टेकने को मजबूर कर दिया। हालांकि, पाकिस्तान ने दुनिया में झूठे दावों को बौछार कर दी। पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए अब मोदी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी चाल चल दी है। ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सरकार ने सांसदों के एक दल को विदेश भेजने का फैसला किया है। इसके बाद अब संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है। शुक्रवार से संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर सांसदों के दल का समूह बनाने की कवायद शुरू की है।

मोदी सरकार फिलहाल विपक्षी दलों से बातचीत कर रही है। सरकार मल्टी पार्टी डेलिगेशन यानी प्रतिनिधिमंडल की संरचना और कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले उन्हें साथ लाना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में सांसदों के 8 ग्रुप बनाए जाएंगे। सांसदों के ये 8 ग्रुप, 8 अलग-अलग देशों का दौरा कर भारत का पक्ष रखेंगे। 8 ग्रुप में हर पार्टी के सांसदों होंगे। इन ग्रुप को विदेश भेजने का मकसद पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखना है। इसे लेकर कांग्रेस का कहना है कि सरकार की इस पहल का वो हिस्सा होगी।

इस मामले को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीटीआई को बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस बारे में बात की है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा देश हित के साथ खड़ी रहती है। भाजपा की तरह कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है। इसलिए कांग्रेस इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी।

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने मार गिराए ये 5 बड़े आतंकवादी, सेना ने दी पूरी लिस्ट

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भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। भारत ने 7 मई की तड़के पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन शुरू किया था। इस मिशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंक के अड्डे चला रहे आतंकियों को निशाना बनाया गया था। अब खबर आ रही है कि इस मिशन में पांच खूंखार आतंकी ढेर हो गए है। जिन आतंकियों की सूची समने आई है, उसमें मसूद अजहर का भाई और उसके बीवी का भाई भी शामिल है। वह आईसी-814 अपहरण मामले में वांछित था।

सेना के स्ट्राइक में जो 5 बड़े आतंकी मारे गए हैं, इनमें मुदस्सर खादियान, खालिद, हाफिज जमील, यूसुफ अजहर और हसन खान का नाम शामिल हैं। ये सभी आतंकवादी लश्कर और जैश से जुड़े थे। जो हाफिज सईद और मसूद अजहर के इशारे पर आतंकी वारदातों को अंजाम देता था।

भारत में 'ऑपरेशन सिंदूर' में मारे गए आतंकियों के बारे में-

1.मुदस्सर खादियन खास उर्फ अबू जुंदाल

भारतीय बलों की ओर से मुरीदके में किए गए हमले में लश्कर-ए-तैयबा के इस आतंकी को मार गिराया था। यह मुरीदके में मरकज तैयबा का प्रभारी था। उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की तरफ से उसके लिए श्रद्धांजलि दी गई। उसके जनाजे की नमाज एक सरकारी स्कूल में पढ़ी गई। इसकी अगुवाई आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के कुख्यात हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया। पाकिस्तानी सेना के एक लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी इसमें हिस्सा लिया।

2.हाफिज मुहम्मद जमील

जमील को संगठन के मुख्यालय बहावलपुर में हुए हमले में निशाना बनाया गया। यह मसूद अजहर की सबसे बड़ी बहन का पति और बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह की कमान संभाल रहा था। युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश-ए-मोहम्मद के लिए फंडिंग जुटाने में सक्रिय था।

2.मोहम्मद यूसुफ अजहर

जैश के इस आतंकवादी को उस्ताद और मोहम्मद सलीम के नाम से भी जाना जाता था। यह मसूद अजहर का साला था। जैश के मदरसे में अजहर हथियारों की ट्रेनिंग संभालता था। अजहर जम्मू के कई आतंकवादी हमलों में शामिल था। आईसी-814 अपहरण मामले में उसे वांछित माना गया था।

4. खालिद उर्फ अबू आकाश

लश्कर-ए-तैयबा का यह आतंकवादी अफगानिस्तान से हथियार सप्लाई का काम करता था। जिस दिन हमला हुआ, उस दिन वह अपने घर में सो रहा था। खालिद पर जम्मू में आतंक फैलाने का आरोप था। खालिद का अंतिम संस्कार फैसलाबाद में किया गया, जहां वरिष्ठ पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए।

5. मोहम्मद हसन खान

जैश का यह आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। इसने पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई थी।

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी’, सर्वदलीय बैठक में बोले राजनाथ सिंह, तो क्या पिक्चर अभी बाकी?

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ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में हड़कंप है। पहले से ही हमले का अंदेशा लगा रहे पाकिस्तान पर भारत 6 और 7 मई की आधी रात को कहर बनकर टूटा। भारत ने पाकिस्तान के 9 ठिकानों एयर स्ट्राइक किया। देखते ही देखते जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के आंतकी ठिकाने नेस्तनाबूद हो गए। करीब 70 से अधिक आतंकवादी मिट्टी में मिल गए। फिर भी भारत ने ये इशारा कर दिया कि पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर अभी झांकी है...दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है और यह जारी है।

क्या है बयान के मायने?

करीब डेढ़ घंटे चली बैठक से बहार आने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी रक्षा मंत्री के बयान को दोहराया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है। सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'आज सर्वदलीय बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बहुत अच्छी से हुई है। गंभीर विषय था इसलिए सभी नेताओं ने गंभीरता से अपने बात को रखा है। ऑपरेशन सिंदूर ongoing प्रोसेस है। सबसे पहले रक्षा मंत्री ने सभी नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी और परिस्थिति, हालात के बारे में जानकारी दी। इसके बाद सभी ने अपना मत रखा और सुझाव भी दिए। सभी नेताओं ने सेनाओं को बधाई भी दी। सभी ने कहा कि हम एकजूटता से सरकार का साथ देंगे और सेना के हर कार्रवाई में साथ देंगे...मैं सभी नेताओं को धन्यवाद करता हूं और ये सकारात्मक बैठक थी।'

हर दुस्साहस का दिया जाएगा जवाब

ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये पहली बार नहीं है कि जब ऐसा कहा जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के पूरा होने के बाद जब पूरी दुनिया को सबूत के साथ भारत ने जपाब दे दिया, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी यह इशारा किया गया कि पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर अभी झांकी है। अगर पाकिस्तान ने दुस्साहस की तो भारत पूरी तरह से तैयार है और उसे आगे भी जवाब दि जाएगा। यह वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका ने कहा था।

आर्मी के पूर्व चीफ के पोस्ट से भी खलबली

यही नहीं, आर्मी के पूर्व चीफ मनोज नरवणे ने एक्स पर एक पोस्ट कर पाकिस्तान में खलबली मचा दी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा है- अभी पिक्चर बाकी है।

दरअसल, भारत ने जिस तरह से ऑपरेशन सिंदूर के बाद बयान दिया, उससे यह साफ है कि पाकिस्तान अगर दुस्साहस करता है तो भारत कुछ और बड़ा करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद चर्चा में आया यह श्लोक, 'धर्मो रक्षति रक्षितः' इस श्लोक का अर्थ समझे

डेस्क:–मंगलवार देर रात भारत ने Operation Sindoor के तहत पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर घुसकर हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन के जरिए पाक के सभी आतंकी कैंप को नष्ट कर दिया और पहलगाम हमले का बदला ले लिया है। आप सोच भी नहीं सकते है कि उस वक्त हमला होता है जब पुरी दुनिया सो रही थी, आधी रात करीब 2 बजे भारतीय सेनाओं ने पाक के कई आतंकी ठिकानों पर मिसाइलें बरसा दीं। इस बीच महाभारत का एक श्लोक सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड कर रहा है। हालांकि यह पूरा श्लोक नहीं है. धर्मो रक्षति रक्षितः एक लोकप्रिय संस्कृत वाक्यांश है, जिसका उल्लेख महाभारत और मनुस्मृति में देखने को मिलता है.

जानें श्लोक का अर्थ

तो चलिए जानते है इस श्लोक का अर्थ क्या है। श्लोक का अर्थ है, "धर्मो रक्षति रक्षितः एक लोकप्रिय संस्कृत वाक्यांश है, जिसका उल्लेख महाभारत और मनुस्मृति में देखने को मिलता है." पूरा श्लोक इस प्रकार है... धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्। अर्थात इस श्लोक का अर्थ है धर्म को नष्ट करने से वह नष्ट करने वालों का भी नाश कर देता है और रक्षित धर्म रक्षक की रक्षा करता है। इसलिए कभी भी धर्म का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, ताकि नष्ट हुआ धर्म हमारा कभी नाश न कर सके।

पहलगाम आतंकी हमले पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे और ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों की इस कायराना हरकत का कड़ा जवाब है। आतंकियों के इस हमले में माताओं-बहनों के सिंदूर को नष्ट किया गया था, इसलिए भारत की इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में स्थित जैश, लश्कर, हिजबुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया और कम से कम 70 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन के तहत माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद केन्द्र ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष को देगी मिशन की जानकारी

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केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सुबह 11 बजे संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह दूसरी सर्वदलीय बैठक है। मीटिंग में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे पहले 24 अप्रैल को पार्लियामेंट एनेक्सी में 2 घंटे तक सर्वदलीय बैठक हुई थी। इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी।

संवेदनशील मामलों में सबको साथ लेकर चल रही सरकार

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों समेत आतंकी प्रशिक्षण के नौ मरकजों को हमला किया। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर है। हमले के एक दिन बाद सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहेंगे। सरकार का उद्देश्य ऐसे संवेदनशील मामलों पर सबको साथ लेकर चलने का है। पाकिस्तान स्थित आतंकी सेंटरों को ध्वस्त करने के बाद सभी दलों ने सेना के इस अभियान का समर्थन किया है। बैठक में भाग लेने के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को बुलाया गया।

बैठक में पीएम मोदी के शामिल होने की मांग

वहीं, कांग्रेस ने इस बैठक में पीएम मोदी के भी शामिल होने की मांग की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमने 24 अप्रैल को भी प्रधानमंत्री से मीटिंग में शामिल होने की मांग की थी, लेकिन वे नहीं आए। इस बार कम से कम उन्हें आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय नीति पाकिस्तान और पीओके से आने वाले सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और मजबूत है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस बैठक में शामिल होंगे।

13 दिन पहले हुई थी पिछली बैठक

13 दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने माना था कि पहलगाम हमले में सुरक्षा में चूक हुई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मीटिंग में विपक्षी नेताओं को सुरक्षा में हुई चूक के बारे में जानकारी दी।

वहीं, विपक्ष ने कहा कि वे सरकार के साथ हैं। विपक्षी सांसदों ने आतंकी कैंपों को नष्ट करने की मांग की। कहा कि सरकार आतंक के खिलाफ कड़े कदम उठाए। बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा- हर एक्शन पर हमारा सरकार को पूरा सपोर्ट है। सर्वदलीय बैठक दो घंटे चली थी