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राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जानें किस बात को लेकर चिंतित हैं नेता प्रतिपक्ष

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार के तट पर खनन को लेकर सरकार के फैसले की निंदा की है। अपने पत्र में, राहुल गांधी ने कहा कि ऑफशोर माइनिंग के लिए निविदाएं पर्यावरणीय परिणामों का आकलन किए बिना जारी की गईं, जिससे तटीय समुदायों में व्यापक विरोध भड़क उठा है। 

राहुल गांधी ने लिखा कि मैं केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार के तट पर अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे तटीय समुदाय बिना पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन किए अपतटीय खनन के लिए निविदाएं जारी करने के तरीके का विरोध कर रहे हैं। लाखों मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली पर इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।उन्होंने कहा कि मैं सरकार से अपतटीय खनन ब्लॉकों के लिए जारी निविदाओं को रद्द करने की अपील करता हूं। 

कांग्रेस सांसद ने कहा, ऑफशोर एरियाज मिनरल (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) अमेंडमेंट एक्ट, 2023 का भी विरोध हुआ था। लोगों को चिंता थी कि बिना किसी जांच के प्राइवेट कंपनियों को ऑफशोर माइनिंग के ब्लॉक दे दिए जाएंगे। स्टडीज बताती हैं कि इससे समुद्री जीवन को खतरा है। कोरल रीफ्स को नुकसान पहुंच सकता है और मछली की संख्या घट सकती है। मिनिस्ट्री ऑफ माइंस ने जब 13 ऑफशोर ब्लॉक के लिए लाइसेंस देने के लिए टेंडर निकाले, तो इसका विरोध शुरू हो गया। इन 13 ब्लॉक में से तीन कोल्लम के तट पर कंस्ट्रक्शन सैंड माइनिंग के लिए हैं। यह मछली के प्रजनन का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। तीन ब्लॉक ग्रेट निकोबार द्वीप के तट पर पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स के लिए हैं। यह समुद्री जैव विविधता का हॉटस्पॉट है।

पत्र में राहुल ने आगे लिखा कि केरल में 11 लाख से ज़्यादा लोग मछली पकड़ने पर निर्भर हैं। यह उनका पारंपरिक व्यवसाय है और उनकी जीवनशैली का अहम हिस्सा है। ग्रेट निकोबार अपनी विविध पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जाना जाता है। यह कई दुर्लभ प्रजातियों का घर है। ऑफशोर माइनिंग से होने वाले नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे समय में जब तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के कटाव से चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं का असर बढ़ गया है, सरकार बिना वैज्ञानिक आंकलन के गतिविधियों को हरी झंडी दे रही है, जो चिंताजनक है।

उनका पत्र उन तटीय समुदायों के चल रहे प्रदर्शनों के बीच आया है जो इस फैसले से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और उनकी जीवन शैली पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका जता रहे हैं।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

#amitshahloksabhaimmigrationandforeign_bills

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

राहुल गांधी का गंभीर आरोप, बोले-संसद में बोलने नहीं दिया जाता, ओम बिरला ने मुझे कराया चुप

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लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा, एक कन्वेंशन है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है। मैं जब भी खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है।

संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर अपनी आवाज दबाए जाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है। यह एक नया तरीका है जहां केवल सरकार की बात सुनी जाती है। प्रधानमंत्री ने कुंभ मेले का जिक्र किया, मैं उस पर बोलना चाहता था। बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दे उठाना चाहता था, लेकिन मुझे अनुमति नहीं मिली।

राहुल गांधी ने कहा, जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता। पता नहीं यह सदन कैसे चल रहा है। राहुल गांधी ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई है।

राहुल गांधी ने बिल्कुल सही कहा- शत्रुघ्न सिन्हा

राहुल गांधी के बयान पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, राहुल गांधी ने बिल्कुल सही कहा है। राहुल गांधी हमारे नेता प्रतिपक्ष हैं, वे हम सभी के नेता हैं। ऐसा पहले भी हुआ है कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और आज भी ऐसा ही हुआ है। यह बहुत निंदनीय बात है। मैं अध्यक्ष की बहुत इज्जत करता हूं मगर मुझे नहीं पता कि उन पर क्या दबाव है? विपक्ष में एक से बढ़कर एक दमदार नेता हैं।

स्पीकर ओम बिरला ने दी नसीहत

इससे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह सदन के नियमों और परंपराओं के अनुरूप आचरण करें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे सदन के उच्च मानकों और गरिमा को बनाए रखने के लिए ऐसा आचरण करें। अध्यक्ष ने कहा, मेरे संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं, जहां सदस्यों का आचरण मानकों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, इस सदन में पिता और पुत्री, माता और पुत्री, पति और पत्नी सदस्य रहे हैं। इस संदर्भ में मैं विपक्ष के नेता से अपेक्षा करता हूं कि वे नियम 349 के अनुसार आचरण करें, जो सदन में सदस्यों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों से संबंधित है।

महाकुंभ में अनेक अमृत निकले, एकता का अमृत पवित्र प्रसाद, लोकसभा में महाकुंभ को लेकर बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को लोकसभा को संबोधित किया। बजट सत्र के दूसरे फेज के पांचवें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को लेकर संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए यूपी खासतौर से प्रयागराज के लोगों का धन्यवाद किया।

लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए-पीएम मोदी

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने महाकुंभ पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं। इसमें एकता का अमृत निकाला है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण में कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया।

महाकुंभ भारतीय इतिहास में मील का पत्थर-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। है। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की तुलना भारतीय इतिहास के मील के पत्थरों से की। उन्होंने कहा कि हर राष्ट्र के जीवन में ऐसे पल आते हैं जब सदियों के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। प्रयागराज महाकुंभ को ही ऐसे ही पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागरूक होते हुए देश का प्रतिबिंब नजर आता है।

त्रिवेणी का जल मॉरिशस लेकर गया था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने मॉरीशस यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा ये उमंग ये उत्साह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था। बीते हफ्ते मैं मॉरिशस में था। त्रिवेणी से महाकुंभ के समय का पावन जल लेकर गया था। जब उस पवित्र जल को मॉरिशस के गंगा तालाब में अर्पित किया गया, जो श्रद्धा-आस्था और उत्सव का महौल देखते ही बनता था। ये दिखाता है कि आज हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति और संस्कारों को आत्मसात करने की, उत्सव मनाने की भावना कितनी प्रबल हो रही है। मैं ये भी देख रहा हूं कि पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारों के आगे बढ़ने का क्रम कितनी सहजता से आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बोलने वालों को जवाब

पीएम महाकुंभ की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन तत्वों पर भी कड़ा प्रहार किया जिन्होंने महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बातें कीं। मोदी ने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन ने उन शंकाओं को भी उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था। पीएम मोदी ने कहा कि बिखराव के दौर में हमारी एकता अहम बिंदु है। उन्होंने कहा कि युवा परंपरा और संस्कृति को अपना रहे हैं।

घरों में जकूजी, झोपड़ियों में फोटो सेशन', लोकसभा में पीएम मोदी का राहुल-केजरीवाल पर हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब देते हुए पीएम मोदी ने स्टाइलिश बाथरूम, शीशमहल समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। इसके साथ ही गरीबी उन्मूलन पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया।

हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया-पीएम मोदी

पीएम ने इशारों ही इशारों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में घोटाले न होने से भी देश के लाखों करोड़ रुपए बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले..10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। पीएम मोदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा - कुछ लोगों का फोकस आलीशान घरों में जकूजी और शॉवर पर है। पीएम ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है। हमारा फोकस तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल दिया, हमारा फोकस गरीबों के घर बनाने पर है

कुछ लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ विपक्षी नेताओं ने असली गरीबी नहीं देखी है, इसलिए संसद में गरीबों की बात उन्हें बोरिंग लगती है, जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबी की समस्या का हल नहीं चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए।

जगदंबिका पाल ने ओम बिरला को सौंपी वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट, बजट सत्र में संसद में की जाएगी पेश

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वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने गुरुवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया।जेपीसी ने एक दिन पहले ही ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई।

समिति ने बुधवार को 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया था, जिसमें बीजेपी के सदस्यों की ओर से दिए गए सुझाव को शामिल किया गया है। वहीं विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक बताया है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी दे दी गई। इस समिति की रिपोर्ट को विपक्षी सदस्यों ने असहमति के नोट दिए हैं। विपक्षी पार्टी के सदस्यों का आरोप है कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।

बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।

8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी

जेपीसी में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स

जेपीसी की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।

संसद में पहले भी मिल चुकी है नोटों की गड्डी, कभी 1 करोड़ कैश लेकर सदन में पहुंचे थे तीन सांसद

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राज्यसभा में 5 दिसंबर 2024 को कांग्रेस सांसद की बेंच से नोटों के बंडल मिलने का मामला सामने आया। गुरुवार को कार्यवाही के बाद सदन की जांच के दौरान ये गड्डी बरामद हुई। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे गंभीर मामला बताया। साथ ही इसकी जांच कराने की बात कही है।फिलहाल नोटों की गड्डी मिलने की जांच की मांग की जा रही है। संदन में पैसे से जुड़ा ये कोई पहला विवाद नहीं है। पहले भी इस पैसे जुड़े अलग-अलग मामले आते रहे हैं। कभी सांसदों पर पैसे लेकर वोट देने का आरोप लगा तो कभी पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा। कभी खुद सांसदों ने ही सदन में नोटों की गड्डियां लहराईं तो कभी पैसे लेकर राज्यसभा चुनाव में वोट डालने का आरोप किसी विधायक पर लगा।

22 जुलाई 2008 का वो दिन जब एक करोड़ कैश लेकर पहुंचे तीन सांसद

राज्यसभा हो या लोकसभा, सदन में सत्र की कार्यवाही के दौरान असहज कर देने वाली घटनाओं का पुराना इतिहास रहा है। ऐसा ही एक वाक्या है 22 जुलाई 2008 का, जब संसद का मानसून सत्र चल रहा था। 2008 में अमेरिका के साथ मनमोहन सिंह की सरकार ने न्यूक्लियर डील किया। इस समझौते के खिलाफ सीपीएम ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसके तुरंत बाद बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। संसद में इस अविश्वास प्रस्ताव पर खूब बहस हुई, लेकिन जब बारी वोटिंग की आई तो बीजेपी के 3 सांसदों ने नोट लहरा दिए। यह नोट तत्कालीन लोकसभा के स्पीकर सोमनाथ चटर्जी के टेबल पर लहराए गए।

बीजेपी के उन तीन सांसदों के नाम थे अशोक अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा, जिन्होंने लोकसभा में एक करोड़ रुपए नकदी के बंडल टेबल पर रखकर दावा किया कि उन्हें यूपीए सरकार के सदस्यों द्वारा रिश्वत दी गई थी ताकि वो सरकार के विश्वास मत में उनका साथ दें। ये एक करोड़ रुपए उन्हें एडवांस के बतौर दिए गए जबकि 9 करोड़ रुपए और देने की बात कही गई। बस इतना सुनते ही सदन में भारी हंगामा शुरू हो गई. कार्यवाही बाधित हो गई। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर “काला धब्बा” कहा। सरकार ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसे विपक्ष की साजिश बताया।

संसद की विशेष समिति ने इस मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने भी मामले की जांच की। भाजपा सांसदों, कांग्रेस नेताओं, और अन्य दलों के नेताओं से पूछताछ की गई। 2011 में सीबीआई ने अमर सिंह और अन्य पर आरोप लगाए, लेकिन ठोस सबूतों के अभाव में मामला ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका। 2013 में, दिल्ली की एक अदालत ने अमर सिंह, भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और अन्य आरोपियों को जमानत दी। केस की लंबी प्रक्रिया के कारण इसमें कोई निर्णायक निष्कर्ष नहीं निकला।

जब शिबू सोरेन और उनके चार सांसदों पर लगे रिश्वत लेने के आरोप

इससे पहले 1991 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बनाए गए थे। चुनाव के करीब दो साल बाद जुलाई 1993 में नरसिम्हा राव सरकार को अविश्वास मत का सामना करना पड़ा। हालांकि, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 14 वोटों से गिर गया जब पक्ष में 251 वोट और विरोध में 265 वोट पड़े।

996 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद सूरज मंडल ने एक खुलासा किया। मंडल के मुताबिक 1993 में पैसे बंटने की वजह से राव की सरकार बच पाई। मंडल का कहना था कि सरकार बचाने के लिए एक-एक सांसदों को 40 लाख रुपए दिए गए थे। शिबू सोरेन और उनके चार सांसदों पर तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगा था। अल्पमत में रही नरसिम्हा राव सरकार उनके समर्थन से अविश्वास प्रस्ताव से बच गई। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (पीसीए) के तहत एक शिकायत दर्ज की गई जिसमें आरोप लगाया गया कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने के लिए कुछ सांसदों को रिश्वत दी गई थी।आगे चलकर यह मामला देश की सर्वोच्च अदालत पहुंच गया, लेकिन केस में सभी आरोपी बरी हो गए

*...तो बीजेपी 246 सीट भी नहीं जीत पाती, राहुल गांधी ने यूएस में बैठकर लोकसभा चुनाव पर उठाया सवाल*

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कांग्रेस के नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिकी दौरे पर लगातार बीजेपी और नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। बीजेपी पर हमलावर कांग्रेस नेता ने अमेरिका में बैठकर हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 को वह स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखते। उन्होंने कहा कि अगर निष्पक्ष चुनाव हुए होते तो बीजेपी सत्ता में नहीं होती।

कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनावों से पहले, हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया गया है...हमारे पास निष्पक्ष खेल का मैदान नहीं था। उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे...चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे। राहुल गांधी ने कहा कि ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी।

इसे एक नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं-राहुल गांधी

एक इंटरव्यू में राहुल गांधी ने कहा कि मैं लोकसभा चुनाव 2024 को स्वतंत्र चुनाव नहीं मानता। मैं इसे एक नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं। राहुल गांधी ने कहा कि पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी पूरे देश में अपनी बात कह सकें। जिन राज्यों में वे कमजोर थे, उन्हें अलग तरीके से डिजाइन किया गया था। चुनाव आयोग भी हमारी बातों और शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा था।

मीडिया और जांच एजेंसियों पर उनका कब्जा-राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि मीडिया और जांच एजेंसियों पर सरकार का कब्जा है। हम यह लगातार कहते रहे लेकिन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था। मैंने संविधान को सामने रखना शुरू किया और मैंने जो कुछ भी कहा वह अचानक से फूट पड़ा। गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत, भारत ने समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा।

हमने उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया-राहुल गांधी

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रचार अभियान के आधे समय में मोदी को नहीं लगा कि वे 300-400 सीटों के करीब पहुंच गए हैं। जब उन्होंने कहा कि मैं सीधे भगवान से बात करता हूं, तो हमें पता चल गया था। हमें पता था कि हमने उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। हमने इसे मनोवैज्ञानिक पतन के रूप में देखा। नरेंद्र मोदी को सत्ता में लाने वाला गठबंधन टूट गया है। सरकार और दो या तीन बड़े व्यवसायों के बीच बहुत बड़ी सांठगांठ है।

బీజేపీ అంటే భయం పోయింది.. ప్రజాస్వామ్యంపై దాడిని ప్రజలు అంగీకరించరు : రాహుల్‌

కేంద్రంలోని బీజేపీపై కాంగ్రెస్‌ ఎంపీ, లోక్‌సభలో ప్రధాన ప్రతిపక్ష నేత రాహుల్‌ గాంధీ తీవ్రస్థాయిలో విరుచుకుపడ్డారు.

కేంద్రంలోని బీజేపీపై కాంగ్రెస్‌ ఎంపీ, లోక్‌సభలో ప్రధాన ప్రతిపక్ష నేత రాహుల్‌ గాంధీ తీవ్రస్థాయిలో విరుచుకుపడ్డారు. ప్రస్తుతం అమెరికా పర్యటనలో ఉన్న రాహుల్‌.. అక్కడ ప్రవాస భారతీయులతో ముచ్చటించారు. ఈ సందర్భంగా బీజేపీ, ఆర్‌ఎస్‌ఎస్‌పై విరుచుకుపడ్డారు. భారత్‌లో బీజేపీ, ప్రధాని మోదీకి ఎవరూ భయపడరనే (fear of BJP vanished) విషయాన్ని ఇటీవల జరిగిన ఎన్నికలు నిరూపించాయన్నారు. భారత సంప్రదాయాలు, భాషలపై బీజేపీ దాడి చేస్తోందని ఆరోపించారు.

మన సంప్రదాయాలు, భాషపై బీజేపీ దాడి చేస్తోందని ప్రజలు అంటున్నారు. ఆ పార్టీ ఎలాంటిదో వారు గ్రహించారు. లోక్‌సభ ఎన్నికల ఫలితాలు ( Lok Sabha polls) వెలువడిన వెంటనే భారత్‌లో బీజేపీ, భారత ప్రధాని మోదీకి ఎవరూ భయపడరనే విషయం అర్థమైంది.

ప్రజాస్వామ్యంపై దాడిని తాము ఎన్నటికీ అంగీకరించబోమని ప్రజలు ఈ ఎన్నికల ద్వారా స్పష్టంగా చెప్పారు’ అని రాహుల్‌ వ్యాఖ్యానించారు. అయితే, రాహుల్‌ వ్యాఖ్యలపై బీజేపీ ఘాటుగా స్పందించింది. భారతదేశాన్ని అవమానించే అలవాటు గాంధీకి ఉందంటూ తీవ్ర వ్యాఖ్యలు చేసింది.

ओम बिरला चुने गए लोकसभा के अध्यक्ष, पीएम मोदी ने कहा- आपसे बहुत कुछ सीखने योग्य

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लोकसभा में स्पीकर का पद एनडीए के हिस्से आ गया है। ओम बिरला स्पीकर पद के लिए चुन लिए गए हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार अपनी पहली अग्निपरीक्षा में पास हो गई है।सत्ता पक्ष और विपक्ष में इस पद को लेकर तनातनी चलती रही और फैसला एनडीए के हिस्से आया है।बीजेपी से लगातार दूसरी बार एक ही व्यक्ति का स्पीकर चुने जाने का ये पहला मौका है।

आज सदन में एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्ष की ओर से के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया।इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए प्रस्ताव का सभी के सामने रखा। ध्वनिमत के आधार पर उन्होंने ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए आमंत्रित किया। 

इस दौरान खास बात यह भी रही कि आम बिरला को आसन तक ले जाने के लिए पीएम मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी साथ आए। राहुल को बीती रात ही कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है।

आपसे युवा सांसदों को प्रेरणा मिलेगी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आप (ओम बिरला) जिस प्रकार से एक सांसद के रूप में कार्य करते हैं, वह भी जानने योग्य है और बहुत कुछ सीखने योग्य है। मुझे विश्वास है कि एक सांसद के रूप में आपकी कार्यशैली हमारे फर्स्ट टाइमर और युवा सांसदों को जरूर प्रेरणा देगी। 18वीं लोकसभा में स्पीकर का कार्यभार दूसरी बार आपने संभाला है, ये अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनते हुए हम देख रहे हैं। श्रीमान बलराम जाखड़ जी ऐसे पहले अध्यक्ष थे, जिन्हें 5 साल का कार्यकाल पूरा करके, फिर दोबारा स्पीकर बनने का अवसर मिला था। उनके बाद आप हैं, जिन्हें 5 साल पूर्ण करने के बाद दोबारा इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के रूप में एक बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है। हम सबको विश्वास है कि आप आने वाले 5 साल हम सब का मार्गदर्शन करेंगे और देश की आशाओं-अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए ये सदन जो दायित्व निभाएगा, उसमें आपकी बहुत बड़ी भूमिका रहेगी।’

राहुल गांधी ने ओम बिरला को दी बधाई, कहा- विपक्ष देश की आवाज

पीएम मोदी के संबोधन के बाद राहुल गांधी ने सदन को संबोधित किया। सबसे पहले राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बधाई दी। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष देश की आवाज है। सरकार के पास ताकत है तो विपक्ष के पास देश की आवाज। उम्मीद है कि हमारी आवाज को सदन में नहीं दबाया जाएगा।हमें बोलने की आजादी मिलेगी।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जानें किस बात को लेकर चिंतित हैं नेता प्रतिपक्ष

#lok_sabha_lop_rahul_gandhi_writes_to_pm_modi 

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार के तट पर खनन को लेकर सरकार के फैसले की निंदा की है। अपने पत्र में, राहुल गांधी ने कहा कि ऑफशोर माइनिंग के लिए निविदाएं पर्यावरणीय परिणामों का आकलन किए बिना जारी की गईं, जिससे तटीय समुदायों में व्यापक विरोध भड़क उठा है। 

राहुल गांधी ने लिखा कि मैं केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार के तट पर अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे तटीय समुदाय बिना पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन किए अपतटीय खनन के लिए निविदाएं जारी करने के तरीके का विरोध कर रहे हैं। लाखों मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली पर इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।उन्होंने कहा कि मैं सरकार से अपतटीय खनन ब्लॉकों के लिए जारी निविदाओं को रद्द करने की अपील करता हूं। 

कांग्रेस सांसद ने कहा, ऑफशोर एरियाज मिनरल (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) अमेंडमेंट एक्ट, 2023 का भी विरोध हुआ था। लोगों को चिंता थी कि बिना किसी जांच के प्राइवेट कंपनियों को ऑफशोर माइनिंग के ब्लॉक दे दिए जाएंगे। स्टडीज बताती हैं कि इससे समुद्री जीवन को खतरा है। कोरल रीफ्स को नुकसान पहुंच सकता है और मछली की संख्या घट सकती है। मिनिस्ट्री ऑफ माइंस ने जब 13 ऑफशोर ब्लॉक के लिए लाइसेंस देने के लिए टेंडर निकाले, तो इसका विरोध शुरू हो गया। इन 13 ब्लॉक में से तीन कोल्लम के तट पर कंस्ट्रक्शन सैंड माइनिंग के लिए हैं। यह मछली के प्रजनन का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। तीन ब्लॉक ग्रेट निकोबार द्वीप के तट पर पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स के लिए हैं। यह समुद्री जैव विविधता का हॉटस्पॉट है।

पत्र में राहुल ने आगे लिखा कि केरल में 11 लाख से ज़्यादा लोग मछली पकड़ने पर निर्भर हैं। यह उनका पारंपरिक व्यवसाय है और उनकी जीवनशैली का अहम हिस्सा है। ग्रेट निकोबार अपनी विविध पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जाना जाता है। यह कई दुर्लभ प्रजातियों का घर है। ऑफशोर माइनिंग से होने वाले नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे समय में जब तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के कटाव से चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं का असर बढ़ गया है, सरकार बिना वैज्ञानिक आंकलन के गतिविधियों को हरी झंडी दे रही है, जो चिंताजनक है।

उनका पत्र उन तटीय समुदायों के चल रहे प्रदर्शनों के बीच आया है जो इस फैसले से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और उनकी जीवन शैली पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका जता रहे हैं।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

राहुल गांधी का गंभीर आरोप, बोले-संसद में बोलने नहीं दिया जाता, ओम बिरला ने मुझे कराया चुप

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लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा, एक कन्वेंशन है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है। मैं जब भी खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है।

संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर अपनी आवाज दबाए जाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है। यह एक नया तरीका है जहां केवल सरकार की बात सुनी जाती है। प्रधानमंत्री ने कुंभ मेले का जिक्र किया, मैं उस पर बोलना चाहता था। बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दे उठाना चाहता था, लेकिन मुझे अनुमति नहीं मिली।

राहुल गांधी ने कहा, जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता। पता नहीं यह सदन कैसे चल रहा है। राहुल गांधी ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई है।

राहुल गांधी ने बिल्कुल सही कहा- शत्रुघ्न सिन्हा

राहुल गांधी के बयान पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, राहुल गांधी ने बिल्कुल सही कहा है। राहुल गांधी हमारे नेता प्रतिपक्ष हैं, वे हम सभी के नेता हैं। ऐसा पहले भी हुआ है कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और आज भी ऐसा ही हुआ है। यह बहुत निंदनीय बात है। मैं अध्यक्ष की बहुत इज्जत करता हूं मगर मुझे नहीं पता कि उन पर क्या दबाव है? विपक्ष में एक से बढ़कर एक दमदार नेता हैं।

स्पीकर ओम बिरला ने दी नसीहत

इससे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह सदन के नियमों और परंपराओं के अनुरूप आचरण करें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे सदन के उच्च मानकों और गरिमा को बनाए रखने के लिए ऐसा आचरण करें। अध्यक्ष ने कहा, मेरे संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं, जहां सदस्यों का आचरण मानकों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, इस सदन में पिता और पुत्री, माता और पुत्री, पति और पत्नी सदस्य रहे हैं। इस संदर्भ में मैं विपक्ष के नेता से अपेक्षा करता हूं कि वे नियम 349 के अनुसार आचरण करें, जो सदन में सदस्यों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों से संबंधित है।

महाकुंभ में अनेक अमृत निकले, एकता का अमृत पवित्र प्रसाद, लोकसभा में महाकुंभ को लेकर बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को लोकसभा को संबोधित किया। बजट सत्र के दूसरे फेज के पांचवें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को लेकर संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए यूपी खासतौर से प्रयागराज के लोगों का धन्यवाद किया।

लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए-पीएम मोदी

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने महाकुंभ पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं। इसमें एकता का अमृत निकाला है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण में कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया।

महाकुंभ भारतीय इतिहास में मील का पत्थर-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। है। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की तुलना भारतीय इतिहास के मील के पत्थरों से की। उन्होंने कहा कि हर राष्ट्र के जीवन में ऐसे पल आते हैं जब सदियों के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। प्रयागराज महाकुंभ को ही ऐसे ही पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागरूक होते हुए देश का प्रतिबिंब नजर आता है।

त्रिवेणी का जल मॉरिशस लेकर गया था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने मॉरीशस यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा ये उमंग ये उत्साह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था। बीते हफ्ते मैं मॉरिशस में था। त्रिवेणी से महाकुंभ के समय का पावन जल लेकर गया था। जब उस पवित्र जल को मॉरिशस के गंगा तालाब में अर्पित किया गया, जो श्रद्धा-आस्था और उत्सव का महौल देखते ही बनता था। ये दिखाता है कि आज हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति और संस्कारों को आत्मसात करने की, उत्सव मनाने की भावना कितनी प्रबल हो रही है। मैं ये भी देख रहा हूं कि पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारों के आगे बढ़ने का क्रम कितनी सहजता से आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बोलने वालों को जवाब

पीएम महाकुंभ की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन तत्वों पर भी कड़ा प्रहार किया जिन्होंने महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बातें कीं। मोदी ने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन ने उन शंकाओं को भी उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था। पीएम मोदी ने कहा कि बिखराव के दौर में हमारी एकता अहम बिंदु है। उन्होंने कहा कि युवा परंपरा और संस्कृति को अपना रहे हैं।

घरों में जकूजी, झोपड़ियों में फोटो सेशन', लोकसभा में पीएम मोदी का राहुल-केजरीवाल पर हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब देते हुए पीएम मोदी ने स्टाइलिश बाथरूम, शीशमहल समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। इसके साथ ही गरीबी उन्मूलन पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया।

हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया-पीएम मोदी

पीएम ने इशारों ही इशारों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में घोटाले न होने से भी देश के लाखों करोड़ रुपए बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले..10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। पीएम मोदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा - कुछ लोगों का फोकस आलीशान घरों में जकूजी और शॉवर पर है। पीएम ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है। हमारा फोकस तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल दिया, हमारा फोकस गरीबों के घर बनाने पर है

कुछ लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ विपक्षी नेताओं ने असली गरीबी नहीं देखी है, इसलिए संसद में गरीबों की बात उन्हें बोरिंग लगती है, जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबी की समस्या का हल नहीं चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए।

जगदंबिका पाल ने ओम बिरला को सौंपी वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट, बजट सत्र में संसद में की जाएगी पेश

#reportofjointcommitteeonwaqfamendmentbillsubmittedtoloksabhaspeaker

वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने गुरुवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया।जेपीसी ने एक दिन पहले ही ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई।

समिति ने बुधवार को 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया था, जिसमें बीजेपी के सदस्यों की ओर से दिए गए सुझाव को शामिल किया गया है। वहीं विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक बताया है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी दे दी गई। इस समिति की रिपोर्ट को विपक्षी सदस्यों ने असहमति के नोट दिए हैं। विपक्षी पार्टी के सदस्यों का आरोप है कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।

बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।

8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी

जेपीसी में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स

जेपीसी की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।

संसद में पहले भी मिल चुकी है नोटों की गड्डी, कभी 1 करोड़ कैश लेकर सदन में पहुंचे थे तीन सांसद

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राज्यसभा में 5 दिसंबर 2024 को कांग्रेस सांसद की बेंच से नोटों के बंडल मिलने का मामला सामने आया। गुरुवार को कार्यवाही के बाद सदन की जांच के दौरान ये गड्डी बरामद हुई। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे गंभीर मामला बताया। साथ ही इसकी जांच कराने की बात कही है।फिलहाल नोटों की गड्डी मिलने की जांच की मांग की जा रही है। संदन में पैसे से जुड़ा ये कोई पहला विवाद नहीं है। पहले भी इस पैसे जुड़े अलग-अलग मामले आते रहे हैं। कभी सांसदों पर पैसे लेकर वोट देने का आरोप लगा तो कभी पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा। कभी खुद सांसदों ने ही सदन में नोटों की गड्डियां लहराईं तो कभी पैसे लेकर राज्यसभा चुनाव में वोट डालने का आरोप किसी विधायक पर लगा।

22 जुलाई 2008 का वो दिन जब एक करोड़ कैश लेकर पहुंचे तीन सांसद

राज्यसभा हो या लोकसभा, सदन में सत्र की कार्यवाही के दौरान असहज कर देने वाली घटनाओं का पुराना इतिहास रहा है। ऐसा ही एक वाक्या है 22 जुलाई 2008 का, जब संसद का मानसून सत्र चल रहा था। 2008 में अमेरिका के साथ मनमोहन सिंह की सरकार ने न्यूक्लियर डील किया। इस समझौते के खिलाफ सीपीएम ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसके तुरंत बाद बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। संसद में इस अविश्वास प्रस्ताव पर खूब बहस हुई, लेकिन जब बारी वोटिंग की आई तो बीजेपी के 3 सांसदों ने नोट लहरा दिए। यह नोट तत्कालीन लोकसभा के स्पीकर सोमनाथ चटर्जी के टेबल पर लहराए गए।

बीजेपी के उन तीन सांसदों के नाम थे अशोक अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा, जिन्होंने लोकसभा में एक करोड़ रुपए नकदी के बंडल टेबल पर रखकर दावा किया कि उन्हें यूपीए सरकार के सदस्यों द्वारा रिश्वत दी गई थी ताकि वो सरकार के विश्वास मत में उनका साथ दें। ये एक करोड़ रुपए उन्हें एडवांस के बतौर दिए गए जबकि 9 करोड़ रुपए और देने की बात कही गई। बस इतना सुनते ही सदन में भारी हंगामा शुरू हो गई. कार्यवाही बाधित हो गई। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर “काला धब्बा” कहा। सरकार ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसे विपक्ष की साजिश बताया।

संसद की विशेष समिति ने इस मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने भी मामले की जांच की। भाजपा सांसदों, कांग्रेस नेताओं, और अन्य दलों के नेताओं से पूछताछ की गई। 2011 में सीबीआई ने अमर सिंह और अन्य पर आरोप लगाए, लेकिन ठोस सबूतों के अभाव में मामला ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका। 2013 में, दिल्ली की एक अदालत ने अमर सिंह, भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और अन्य आरोपियों को जमानत दी। केस की लंबी प्रक्रिया के कारण इसमें कोई निर्णायक निष्कर्ष नहीं निकला।

जब शिबू सोरेन और उनके चार सांसदों पर लगे रिश्वत लेने के आरोप

इससे पहले 1991 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बनाए गए थे। चुनाव के करीब दो साल बाद जुलाई 1993 में नरसिम्हा राव सरकार को अविश्वास मत का सामना करना पड़ा। हालांकि, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 14 वोटों से गिर गया जब पक्ष में 251 वोट और विरोध में 265 वोट पड़े।

996 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद सूरज मंडल ने एक खुलासा किया। मंडल के मुताबिक 1993 में पैसे बंटने की वजह से राव की सरकार बच पाई। मंडल का कहना था कि सरकार बचाने के लिए एक-एक सांसदों को 40 लाख रुपए दिए गए थे। शिबू सोरेन और उनके चार सांसदों पर तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगा था। अल्पमत में रही नरसिम्हा राव सरकार उनके समर्थन से अविश्वास प्रस्ताव से बच गई। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (पीसीए) के तहत एक शिकायत दर्ज की गई जिसमें आरोप लगाया गया कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने के लिए कुछ सांसदों को रिश्वत दी गई थी।आगे चलकर यह मामला देश की सर्वोच्च अदालत पहुंच गया, लेकिन केस में सभी आरोपी बरी हो गए

*...तो बीजेपी 246 सीट भी नहीं जीत पाती, राहुल गांधी ने यूएस में बैठकर लोकसभा चुनाव पर उठाया सवाल*

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कांग्रेस के नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिकी दौरे पर लगातार बीजेपी और नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। बीजेपी पर हमलावर कांग्रेस नेता ने अमेरिका में बैठकर हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 को वह स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखते। उन्होंने कहा कि अगर निष्पक्ष चुनाव हुए होते तो बीजेपी सत्ता में नहीं होती।

कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनावों से पहले, हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया गया है...हमारे पास निष्पक्ष खेल का मैदान नहीं था। उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे...चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे। राहुल गांधी ने कहा कि ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी।

इसे एक नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं-राहुल गांधी

एक इंटरव्यू में राहुल गांधी ने कहा कि मैं लोकसभा चुनाव 2024 को स्वतंत्र चुनाव नहीं मानता। मैं इसे एक नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं। राहुल गांधी ने कहा कि पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी पूरे देश में अपनी बात कह सकें। जिन राज्यों में वे कमजोर थे, उन्हें अलग तरीके से डिजाइन किया गया था। चुनाव आयोग भी हमारी बातों और शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा था।

मीडिया और जांच एजेंसियों पर उनका कब्जा-राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि मीडिया और जांच एजेंसियों पर सरकार का कब्जा है। हम यह लगातार कहते रहे लेकिन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था। मैंने संविधान को सामने रखना शुरू किया और मैंने जो कुछ भी कहा वह अचानक से फूट पड़ा। गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत, भारत ने समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा।

हमने उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया-राहुल गांधी

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रचार अभियान के आधे समय में मोदी को नहीं लगा कि वे 300-400 सीटों के करीब पहुंच गए हैं। जब उन्होंने कहा कि मैं सीधे भगवान से बात करता हूं, तो हमें पता चल गया था। हमें पता था कि हमने उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। हमने इसे मनोवैज्ञानिक पतन के रूप में देखा। नरेंद्र मोदी को सत्ता में लाने वाला गठबंधन टूट गया है। सरकार और दो या तीन बड़े व्यवसायों के बीच बहुत बड़ी सांठगांठ है।

బీజేపీ అంటే భయం పోయింది.. ప్రజాస్వామ్యంపై దాడిని ప్రజలు అంగీకరించరు : రాహుల్‌

కేంద్రంలోని బీజేపీపై కాంగ్రెస్‌ ఎంపీ, లోక్‌సభలో ప్రధాన ప్రతిపక్ష నేత రాహుల్‌ గాంధీ తీవ్రస్థాయిలో విరుచుకుపడ్డారు.

కేంద్రంలోని బీజేపీపై కాంగ్రెస్‌ ఎంపీ, లోక్‌సభలో ప్రధాన ప్రతిపక్ష నేత రాహుల్‌ గాంధీ తీవ్రస్థాయిలో విరుచుకుపడ్డారు. ప్రస్తుతం అమెరికా పర్యటనలో ఉన్న రాహుల్‌.. అక్కడ ప్రవాస భారతీయులతో ముచ్చటించారు. ఈ సందర్భంగా బీజేపీ, ఆర్‌ఎస్‌ఎస్‌పై విరుచుకుపడ్డారు. భారత్‌లో బీజేపీ, ప్రధాని మోదీకి ఎవరూ భయపడరనే (fear of BJP vanished) విషయాన్ని ఇటీవల జరిగిన ఎన్నికలు నిరూపించాయన్నారు. భారత సంప్రదాయాలు, భాషలపై బీజేపీ దాడి చేస్తోందని ఆరోపించారు.

మన సంప్రదాయాలు, భాషపై బీజేపీ దాడి చేస్తోందని ప్రజలు అంటున్నారు. ఆ పార్టీ ఎలాంటిదో వారు గ్రహించారు. లోక్‌సభ ఎన్నికల ఫలితాలు ( Lok Sabha polls) వెలువడిన వెంటనే భారత్‌లో బీజేపీ, భారత ప్రధాని మోదీకి ఎవరూ భయపడరనే విషయం అర్థమైంది.

ప్రజాస్వామ్యంపై దాడిని తాము ఎన్నటికీ అంగీకరించబోమని ప్రజలు ఈ ఎన్నికల ద్వారా స్పష్టంగా చెప్పారు’ అని రాహుల్‌ వ్యాఖ్యానించారు. అయితే, రాహుల్‌ వ్యాఖ్యలపై బీజేపీ ఘాటుగా స్పందించింది. భారతదేశాన్ని అవమానించే అలవాటు గాంధీకి ఉందంటూ తీవ్ర వ్యాఖ్యలు చేసింది.

ओम बिरला चुने गए लोकसभा के अध्यक्ष, पीएम मोदी ने कहा- आपसे बहुत कुछ सीखने योग्य

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लोकसभा में स्पीकर का पद एनडीए के हिस्से आ गया है। ओम बिरला स्पीकर पद के लिए चुन लिए गए हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार अपनी पहली अग्निपरीक्षा में पास हो गई है।सत्ता पक्ष और विपक्ष में इस पद को लेकर तनातनी चलती रही और फैसला एनडीए के हिस्से आया है।बीजेपी से लगातार दूसरी बार एक ही व्यक्ति का स्पीकर चुने जाने का ये पहला मौका है।

आज सदन में एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्ष की ओर से के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया।इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए प्रस्ताव का सभी के सामने रखा। ध्वनिमत के आधार पर उन्होंने ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए आमंत्रित किया। 

इस दौरान खास बात यह भी रही कि आम बिरला को आसन तक ले जाने के लिए पीएम मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी साथ आए। राहुल को बीती रात ही कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है।

आपसे युवा सांसदों को प्रेरणा मिलेगी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आप (ओम बिरला) जिस प्रकार से एक सांसद के रूप में कार्य करते हैं, वह भी जानने योग्य है और बहुत कुछ सीखने योग्य है। मुझे विश्वास है कि एक सांसद के रूप में आपकी कार्यशैली हमारे फर्स्ट टाइमर और युवा सांसदों को जरूर प्रेरणा देगी। 18वीं लोकसभा में स्पीकर का कार्यभार दूसरी बार आपने संभाला है, ये अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनते हुए हम देख रहे हैं। श्रीमान बलराम जाखड़ जी ऐसे पहले अध्यक्ष थे, जिन्हें 5 साल का कार्यकाल पूरा करके, फिर दोबारा स्पीकर बनने का अवसर मिला था। उनके बाद आप हैं, जिन्हें 5 साल पूर्ण करने के बाद दोबारा इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के रूप में एक बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है। हम सबको विश्वास है कि आप आने वाले 5 साल हम सब का मार्गदर्शन करेंगे और देश की आशाओं-अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए ये सदन जो दायित्व निभाएगा, उसमें आपकी बहुत बड़ी भूमिका रहेगी।’

राहुल गांधी ने ओम बिरला को दी बधाई, कहा- विपक्ष देश की आवाज

पीएम मोदी के संबोधन के बाद राहुल गांधी ने सदन को संबोधित किया। सबसे पहले राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बधाई दी। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष देश की आवाज है। सरकार के पास ताकत है तो विपक्ष के पास देश की आवाज। उम्मीद है कि हमारी आवाज को सदन में नहीं दबाया जाएगा।हमें बोलने की आजादी मिलेगी।