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पहले ट्रंप के खिलाफ खोला मोर्चा अब जताया अफसोस, मस्क ने कहा- जो भी हुआ, बहुत ज्यादा हो गया

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच की खींचतान इन दिनों चर्चा में है। अब तक अच्छी दोस्ती का दंभ भर रहे ट्रंप और मस्क बीते कई दिनों से एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बोल रहे थे। ट्रंप के समर्थक रहे अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने उनकी नीतियों की मुखर आलोचना करने के करीब एक हफ्ते बाद अपने बयानों पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि एक्स पर जारी वार-पलटवार का मामला लंबा खिंच गया।

कई गंभीर आरोप लगाने के बाद जताया अफसोस

एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर चल रही सावर्जनिक कलह के बाद पोस्ट करते हुए कहा है कि मुझे डोनाल्ड ट्रंप के लिए किए गए अपने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए खेद है, क्योंकि वह हद से ज्यादा आगे चल गए।

दरअसल, मस्क ने पीछले हफ्ते कई चौंकाने वाली पोस्ट शेयर की थीं। उन्होंने जोर देकर कहा, मेरे बिना, ट्रंप चुनाव हार जाते। एलन मस्क ने सोशल मीडिया के जरिए ट्रंप पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।

दोनों दिग्गजों के बीच यह टकराव उस समय शुरू हुई जब सबसे पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, मुझे एलन हमेशा पसंद रहे हैं... मैं चाहूंगा कि वे बिल की बजाय मेरी आलोचना करें, क्योंकि बिल अविश्वसनीय है। यह हमारे देश के इतिहास में सबसे बड़ी कटौती है। यह लगभग 1.6 ट्रिलियन डॉलर की कटौती है। यह सबसे बड़ी कर कटौती है। लोगों पर लगने वाले टैक्स बहुत कम हो जाएंगे। हम उस बिल में ऐसी चीजें कर रहे हैं जो अविश्वसनीय हैं... एलन इसलिए परेशान हैं क्योंकि हमने इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) से जुड़े फैसले लिए। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बहुत अधिक धन दिया जा रहा था। कटौती के बाद मस्क को मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है। वे चाहते हैं कि सरकार सब्सिडी के रूप में अरबों डॉलर का भुगतान करे।

ट्रंप के बयान के मस्क ने एक्स पर लिखा, अगर उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन नहीं किया होता, तो ट्रंप 2024 का राष्ट्रपति चुनाव हार जाते। मस्क ने दावा किया कि ऐसी स्थिति में डेमोक्रेट्स को अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में बहुमत मिल जाता और संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी सिर्फ 51-49 के अंतर से सीनेट में बढ़त बना पाती।

इसके बाद मस्क ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर आम जनता के बीच सर्वेक्षण कराना शुरू कर दिया। मस्क ने एक्स पर जो सर्वेक्षण शुरू किया है, इसमें पूछा गया है कि क्या अमेरिका को एक नए राजनीतिक दल की आवश्यकता है 'जो वास्तव में मध्य वर्ग के 80% लोगों का प्रतिनिधित्व करता हो।' सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय मस्क के सवाल पर लोग जवाब भी तत्परता से दे रहे हैं।

एलन मस्क ने छोड़ा डोनाल्ड ट्रंप का साथ, DOGE विभाग से इस्तीफे का ऐलान

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की दोस्ती में दरार आ गई है। डोनाल्ड ट्रंप के खास माने जाने वाले एलन मस्क ने ट्रंप का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया है। मस्क ने ऐलान किया है कि वह ट्रंप प्रशासन से बाहर हो रहे हैं। मस्क अब सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के प्रमुख नहीं होंगे। मस्क ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। मस्क का इस तरह से अचानक ट्रंप सरकार से नाता तोड़ना हैरान कर रहा है। खासकर तब जब मस्क, ट्रंप के धुर समर्थक रहे और मस्क ने चुनाव प्रचार के दौरान न सिर्फ ट्रंप की प्रचार टीम को करीब दो हजार करोड़ रुपये की भारी-भरकम फंडिंग की बल्कि ट्रंप के पक्ष में जमकर रैलियां भी कीं।

मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट किया, चूंकि विशेष सरकारी कर्मचारी के रूप में मेरा निर्धारित समय खत्म हो रहा है, इसलिए मैं राष्ट्रपति ट्रंप को फिजूलखर्ची को कम करने के अवसर के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। DOGE मिशन समय के साथ और मजबूत होगा क्योंकि यह सरकार चलाने का एक तरीका बन जाएगा। उन्होंने इस ऐलान से पहले ट्रंप के ‘बड़े, सुंदर’ बिल की आलोचना की थी।

क्या है मस्क और ट्रंप के बीच मतभेद की वजह

टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे अहम विधेयक 'बिग ब्यूटीफुल बिल' की खुलकर आलोचना की है। टैक्स में कटौती और कड़ी अप्रवासन नीति को बढ़ावा देने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है। इस विधेयक को अमेरिकी संसद के निचले सदन से मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे उच्च सदन सीनेट में पेश किया जाएगा। एलन मस्क इस विधेयक से नाराज बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि इस विधेयक से सरकारी खर्च और सरकारी घाटा, दोनों बढ़ेंगे। उन्होंने विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि यह कानून ने केवल भारी खर्च वाला है बल्कि यह विधेयक उनके सरकारी दक्षता विभाग की कोशिशों को कमजोर भी करेगा। मस्क ने खुलकर इस विधेयक की आलोचना की थी। माना जा रहा है कि मस्क और ट्रंप के बीच मतभेद की ये एक बड़ी वजह है।

चार महीने में खत्म हुआ सरकारी सेवाकाल

ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने के साथ मस्क की सरकारी सेवा की घड़ी भी चल पड़ी थी और अब मई के अंत में वह सीमा पूरी हो रही है। एलन मस्क को सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख के तौर पर सरकारी खर्च में कटौती का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए मस्क ने कई गैरजरूरी विभागों को या तो बंद करने की सलाह दी या फिर उनकी फंडिंग कम करने का सुझाव दिया। इसके चलते अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां गईं। नौकरियां जाने से लोगों के मन में एलन मस्क के प्रति नाराजगी आई। इसका असर ये हुआ कि लोगों ने मस्क की इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला और उसकी कारों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इससे टेस्ला की बिक्री कम हुई और उसके शेयरों में भी गिरावट देखी गई। ट्रंप को भी लोगों की नाराजगी का एहसास हुआ और कुछ माह पहले ही मस्क ने ऐसे संकेत दिए थे कि वे जल्द सरकारी दक्षता विभाग प्रमुख का पद छोड़ सकते हैं।

पीएम मोदी और एलन मस्क के बीच हुई बातचीत, टैरिफ वॉर के बीच किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क से फोन पर बात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्स पर खुद मस्क के साथ हुई बातचीत की जानकारी दी है। इस बातचीत में दोनों ने भारत और अमेरिका के बीच तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्रों में मिलकर काम करने की इच्छा जताई। इससे पहले पीएम मोदी और मास्क के बीच फरवरी में मुलाकात हुई थी। डोनाल्‍ड ट्रंप के दोबारा से अमेरिका के राष्‍ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी ने पहली बार वॉशिंगटन का दौरा किया था। इस दौरान उन्‍होंने एलन मस्‍क से भी मुलाकात की थी।

पीएम मोदी ने एक्‍स पर एक पोस्‍ट शेयर कर लिखा, एलन मस्‍क से बातचीत हुई। इस दौरान विभिन्‍न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस साल के शुरुआत में वॉशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान जिन टॉपिक्‍स को हमने कवर किया था, बातचीत के दौरान उनपर भी चर्चा हुई। हमने टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में व्‍यापक संभावनाओं को देखते हुए सहयोग पर चर्चा की। इन क्षेत्रों में अमेरिका के साथ सहयोग और साझेदारी बढ़ाने के प्रति भारत पूरी तरह से समर्पित है।

फरवरी में हुई थी दोनों की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क की पिछली मुलाकात फरवरी में हुई थी, जब पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर गए थे। इस दो दिन की यात्रा के दौरान दोनों ने इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने की संभावनाओं पर अच्छी बातचीत की थी।

इस मुलाकात में पीएम मोदी ने एलन मस्क के बच्चों को भारतीय साहित्य की कुछ खास किताबें तोहफे में दी थीं। इनमें रवींद्रनाथ टैगोर की "द क्रेसेंट मून", आर.के. नारायण की "द ग्रेट आर.के. नारायण कलेक्शन", और पंडित विष्णु शर्मा की "पंचतंत्र" शामिल थीं।

स्टार लिंक की टीम ने की थी पीयूष गोयल से मुलाकात

पीएम मोदी और मस्क के बीच हुई मुलाकात के एक दिन पहले केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से स्टारलिंक की टीम ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गईं थीं, इस मुलाकात में स्टारलिंक की ओर से वाइस प्रेसिडेंट चैड गिब्स और सीनियर डायरेक्टर रायन गुडनाइट मौजूद थे। यह पहला मौका था जब स्टारलिंक के किसी प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय सरकार से औपचारिक मुलाकात की हो, मुलाकात के दूसरे दिन ही पीएम मोदी और एलन मस्क के बीच हुई बातचीत से माना जा रहा है कि अब जल्द ही भारत में स्टारलिंक की एंट्री होने वाली है।

एलन मस्क की कंपनी 'एक्स' ने किया भारत सरकार पर मुकदमा, जानें पूरा मामला

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एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 79(3)(बी) को चुनौती दी गई है। कंपनी का आरोप है कि यह नियम सरकार को अनुचित और गैरकानूनी सेंसरशिप लागू करने की शक्ति देता है, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संचालन पर गंभीर असर पड़ रहा है। एक्स का तर्क है कि यह नियम सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लंघन करता है और ऑनलाइन स्वतंत्र अभिव्यक्ति को कमजोर करता है।

आईटी एक्ट की धारा 79(3)(बी) के तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह कुछ खास परिस्थितियों में इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को हटाने या ब्लॉक करने का आदेश दे सकती है। यदि कोई प्लेटफॉर्म 36 घंटों के भीतर अनुपालन करने में विफल रहता है, तो उसे धारा 79(1) के तहत और उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) सहित विभिन्न कानूनों के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है। यह नियम ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को अवैध सामग्री को हटाने के लिए जवाबदेह बनाने के लिए डिजाइन किया गया है और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ऑनलाइन सामग्री कानूनी और नैतिक मानकों का पालन करती है।

हालांकि, एक्स कॉर्प का दावा है कि सरकार इस प्रावधान का दुरुपयोग कर रही है। कंपनी के मुताबिक, कंटेंट हटाने के लिए सरकार को लिखित में ठोस कारण बताना चाहिए, प्रभावित पक्ष को सुनवाई का मौका देना चाहिए और इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देने का अधिकार भी होना चाहिए। एक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत सरकार ने इनमें से किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

सेंसरशिप के लिए कानून के दुरुपयोग का आरोप

एक्स ने आरोप लगाया है कि सरकार उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने ढंग से सेंसरशिप लागू करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। एक्स का मानना है कि यह प्रावधान सरकार को सामग्री को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक शक्ति प्रदान करता है और ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कमजोर करता है।

ग्रोक को लेकर गहराया विवाद

यह विवाद तब और गहरा गया, जब केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक्स कॉर्प से उसके एआई चैटबॉट ग्रोक को लेकर स्पष्टीकरण मांगा। ग्रोक, जिसे एक्स की मूल कंपनी xAI ने विकसित किया है, हाल ही में कुछ सवालों के जवाब में अभद्र भाषा और गालियों का इस्तेमाल करता पाया गया। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कंपनी से जवाब तलब किया है।

बता दें कि एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रोक ने हाल ही में उपयोगकर्ताओं की तरफ से उकसाने के बाद हिंदी में अपशब्दों से भरी प्रतिक्रिया दी।

पहेल भी हो चुका है तनाव

इससे पहले भी साल 2022 में सरकार ने धारा 69ए के तहत एक्स को कुछ कंटेंट हटाने का निर्देश दिया था, जिसे लेकर कंपनी और सरकार के बीच तनाव देखा गया था।

Airtel के बाद Jio और Starlink के बीच हुई डील, सैटेलाइट से भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट

डेस्क:–नई दिल्ली: Reliance Jio ने Elon Musk के SpaceX से पार्टनरशिप कर ली है, जिसके बाद Starlink सर्विस को भारत में लाया जाएगा. Starlink सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है, जो लंबे समय भारत में अपनी सर्विस शुरू करने की कोशिश कर रहा है. एक दिन पहले ही Airtel ने भी SpaceX के साथ पार्टनरशिप का ऐलान किया था.

एक दिन पहले यानी मंगलवार को Airtel ने बताया था कि Airtel ने SpaceX के साथ पार्टनरशिप की है, जिसके बाद भारतीय कस्टमर को जल्द ही Starlink का हाई स्पीड इंटरनेट मिलेगा. हालांकि अभी SpaceX को भारतीय अथॉरिटीज से लाइसेंस लेना बाकी है, सभी अप्रूवल मिलने के बाद ही भारत में SpaceX की सर्विस भारत में शुरू हो सकेंगी.

Starlink, एक सेटेलाइट बेस्ड हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस है, जिसे खुद Elon Musk की कंपनी SpaceX ने डेवलप किया है. इसके लिए मोबाइल टावर लगाने की जरूरत नहीं होता है. Starlink दुनिया भर में हाई-स्पीड इंटरनेट प्रोवाइड कराना चाहती है.ख खासकर उन इलाकों में जहां वायर ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है.

Starlink में हजारों लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सेटेलाइट होते हैं, जो धरती से लगभग 550 किमी ऊपर होते हैं. ये सेटेलाइट लेजर लिंक की मदद से एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं और डेटा को तेजी से ट्रांसमिट करते हैं.

Starlink की सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए एक छोटी डिश लगानी होती है, जिसे Starlink टर्मिनल भी कहते हैं. इसको कस्टमर को घर पर सेटअप कराना पड़ता है. यह डिश आसमान में मौजूद सैटेलाइट से सिग्नल रिसीव करता है और सेंड करता है. इसके बाद यह डिश WiFi राउटर से कनेक्ट होती है, जो घर के अंदर लगा होता है .

Starlink के काम करने के तरीके को देखें तो ये भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर कर सकता है. इसका फायदा रूरल और रिमोट एरियों में देखने में मिलेगा. भारत में अभी भी बहुत से गांव और पहाड़ी इलाके हैं, जहां फाइबर इंटरनेट नहीं पहुंच पाया है, ऐसे में Starlink से उनको फायदा हो सकता है. रिमोट एरियों में मौजूद स्कूल और अस्पतालों को इससे काफी फायदा हो सकता है.



अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स चलना-फिरना भूलीं, मस्क पर टिकी ट्रंप की उम्मीद

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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर पिछले 8 महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हैं। उनके बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्याएं आने के बाद दोनों स्पेस में ही अटक गए। हालांकि, उन्हें लाने की कई बार कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। इस बीच सुनीता विलियम्स के एक बयान ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। अंतरिक्ष में 237 दिनों से फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कहा कि वह याद करने की कोशिश कर रही हैं कि चलना कैसा होता है।

एक मैगजीन को दिए गये इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने कहा है, कि वो काफी बेसब्री से धरती पर लौटने का इंतजार कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, कि वो अब चलना तक भूल गईं हैं। उन्होंने कहा, कि वो याद कर रही हैं, कैसे चलती थीं। उन्होंने कहा, मैं स्पेस स्टेशन में काफी समय से हूं और मैं यह याद करने की कोशिश कर रही हूं, कि चलना कैसा होता है। मैं नहीं चली हूं। मैं नहीं बैठी हूं। मैं नहीं लेटी हूं। आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आप बस अपनी आंखें बंद कर सकते हैं और जहां आप हैं, वहीं तैर सकते हैं।

मस्क ने कहा वापसी का काम शुरू

इस हालात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मशहूर कारोबारी और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने में मदद मांगी है। एलन मस्क ने कहा है कि उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए काम शुरू कर दिया है। एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, @ ने से पर फंसे 2 अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द से जल्द घर लाने के लिए कहा है। हम ऐसा करेंगे।"

ट्रंप ने क्या कहा?

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा, कि स्पेसएक्स "जल्द ही" दोनों अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक मिशन शुरू करेगा, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर महीनों से फंसे हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर कहा कि "एलन जल्द ही कोशिश शुरू करेंगे और उम्मीद हैं, कि सभी सुरक्षित होंगे। शुभकामनाएं एलन!!!"

अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता विलियम्स?

बता दें, कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गये थे, लेकिन बोइंग स्पेसक्राफ्ट में टेक्निकल दिक्कतें आ गईं और दोनों अंतरिक्षयात्री वहीं फंस गये। सुनीता विलियम्स को सिर्फ 10 दिनों तक ही स्पेस स्टेशन में रहना था, लेकिन पिछले 8 महीनों से वो वहीं फंसी हुई हैं। नासा और बोइंग ने स्पेसक्राफ्ट को ठीक करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार फैसला लिया गया, कि स्पेसक्राफ्ट को वैज्ञानिकों के साथ धरती पर लाना काफी जोखिम भरा कदम होगा।

Gmail को टक्कर देने के लिए ला सकते हैं ‘Xmail’

डेस्क:–Gmail को चुनौती देने की तैयारी X (पहले Twitter) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही एक नया ईमेल फीचर ‘Xmail’ लॉन्च कर सकते हैं, जो Google के Gmail को सीधी टक्कर देगा. इस विचार की शुरुआत एक X अकाउंट DogeDesigner के पोस्ट से हुई, जिसमें लिखा था, “Xmail would be cool.” मस्क ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और लिखा, “Yeah, on the list of things to do।”


सितंबर 2024 तक, वैश्विक ईमेल मार्केट में Apple Mail का दबदबा है, जिसकी हिस्सेदारी 53.67% है. इसके बाद Gmail 30.70%, Outlook 4.38%, Yahoo! Mail 2.64%, और Google Android 1.72% हिस्सेदारी के साथ आते हैं। Times Now World की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और भविष्य के अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव के सहयोगी एलन मस्क द्वारा समर्थित Xmail, Gmail और Apple Mail जैसे दिग्गजों को कड़ी चुनौती दे सकता है।

एलन मस्क के प्रशंसकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस विचार का स्वागत किया है।

Gunther Eagleman, एक प्रसिद्ध दक्षिणपंथी कमेंटेटर, ने लिखा, “xPhone के बारे में क्या ख्याल है? हम इसके लिए तैयार हैं!”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “हां, कृपया इसे जल्द से जल्द लाएं. गूगल के प्रभुत्व से तंग आ चुका हूं. Xmail वैसा ही फ्री बनाएं जैसे X को आजाद किया।”
एक तीसरे व्यक्ति ने लिखा, “मैं नए ईमेल अकाउंट की तलाश में हूं. कृपया इसे जल्दी से लाएं! Xmail
एलन मस्क ने क्यों की भारत में चुनाव की तारीफ, जानें क्या कहा?

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माइक्रा ब्‍लॉगिंग साइट के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर बिजनेस मैन एलन मस्क ने भारत की चुनाव व्यवस्था की तारीफ की है। यही नहीं मस्क ने अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल भी उठाए हैं।मस्क ने कहा है कि भारत ने एक ही दिन में 64 करोड़ वोट गिनकर चुनाव का फैसला सुना दिया। वहीं अमेरिका के कैलिफोर्निया में अभी भी 5 नवंबर को हुए चुनावों के लिए गिनती जारी है। बता दें कि भारत में 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा समेत 13 राज्यों में विधानसभा उप-चुनावों की गिनती हुई। जिसको लेकर मस्क ने ये टिप्पणी की।

एलन मस्क ने भारत के इलेक्‍शन सिस्‍टम का जिक्र अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान कैलिफोर्निया में वोटों की गिनती 18 दिन बाद भी खत्‍म नहीं होने के संदर्भ में किया। मस्क सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट का जवाब दे रहे थे। इस न्‍यूज को शेयर करते हुए उन्‍होंने लिखा “भारत ने एक दिन में 640 मिलियन वोट कैसे गिने”। यूजर द्वारा किए गए पोस्ट के कैप्‍शन में कैलिफोर्निया के नतीजों पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया, “इस बीच भारत में, जहां धोखाधड़ी चुनावों का प्राथमिक लक्ष्य नहीं है” पोस्ट का हवाला देते हुए, मस्क ने कहा, “भारत ने 1 दिन में 640 मिलियन वोट गिने। कैलिफोर्निया अभी भी वोटों की गिनती कर रहा है।” एलन मस्‍क ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट का जवाब दिया जिसमें कहा गया था, “भारत ने एक ही दिन में 640 मिलियन वोटों की गिनती की। कैलिफोर्निया अभी भी 15 मिलियन वोटों की गिनती कर रहा है…18 दिन बाद।

यूएस में वोटों की गिनती में क्यों लगता है समय?

बता दें कि अमेरिका में ज्यादातर वोटिंग बैलेट पेपर या ईमेल बैलेट से होती है। 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में सिर्फ 5% क्षेत्रों में वोटिंग के लिए मशीन का उपयोग किया गया था। ऐसे में यहां काउंटिंग में काफी समय लगता है। कैलिफोर्निया अमेरिका का सबसे बड़ा राज्य है। यहां 3.9 करोड़ लोग रहते हैं। 5 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनावों में 1.6 करोड़ लोगों ने वोट डाले थे। मतदान के दो हफ्ते बाद भी अभी तक लगभग 3 लाख वोटों की गिनती होना बाकी है। अमेरिका में हर साल वोटों की गिनती में हफ्ते लग जाते हैं।

ट्रंप कैबिनेट का हिस्सा बने भारतवंशी विवेक रामास्वामी, एलन मस्क के साथ मिलकर निभाएंगे ये अहम ज़िम्मेदारी

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सरकार के अहम पदों पर नियुक्तियां शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिग्गज कारोबारी एलन मस्क और उद्यमी विवेक रामास्वामी को बड़ी जिम्मेदारी दी है। वे अब सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का नेतृत्व करेंगे। इसे लेकर नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने बड़ा ऐलान किया है. ट्रंप ने कहा है कि मस्क और रामास्वामी गैर-जरूरी खर्च पर लगाम लगाने वाले डिपार्टमेंट ऑफ गर्वमेंट इफिशियंसी को लीड करेंगे। ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए एलन मस्क को 'ग्रेट एलन मस्क' कहा है और विवेक रामास्वामी को 'देशभक्त अमेरिकी' बताया है।

ट्रंप ने एक बयान में कहा, मस्क और रामास्वामी मेरे प्रशासन के लिए सरकारी नौकरशाही को खत्म करने, अतिरिक्त नियमों को कम करने, फिजूल खर्चों में कटौती करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जिम्मेदारी चार जुलाई 2026 को समाप्त हो जाएगी, जब अमेरिकी आजादी की 250वीं वर्षगांठ होगी। यह कुशल सरकार देश के लिए एक 'तोहफा' होगी।

ट्रंप का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ट्रंप ने अरबपति एलन मस्क और कंजरवेटिव नेता/बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी को मंगलवार सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का नेतृत्व करने के लिए नामित किया है। यह विभाग सरकार के नौकरशाह पर हो रहे खर्चे को मॉनिटर करने का काम करेगा। मस्क और ट्रंप ने चुनावी प्रचार में सरकारी खर्च में बड़े स्तर में कटौती की वादा किया था। खास बात ये है कि ट्रंप ने इसकी तुलना ‘द मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ से की है। ट्रंप ने कहा है कि यह सरकार में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा।

‘मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ क्या है जिससे ट्रंप ने की तुलना?

सरकार के खर्च में कटौती और रिस्ट्रक्चर का काम कैसे किया जाएगा इसे लेकर कोई विस्तृत योजना पेश नहीं की गई है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने अपने इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट की तुलना ‘द मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ से की है। दरअसल मैनहट्टन प्रोजेक्ट के जरिए ही अमेरिका ने दुनिया का पहला परमाणु बम बनाया था। जिसका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के हीरोशिमा और नागासाकी पर किया गया था। साल 1942 में न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था। बताया जाता है कि इसमें करीब 1.25 लाख लोग शामिल थे, जो जंगल में छिपकर न्यूक्लियर बम बना रहे

एलन मस्क ने कटौती का किया था दावा

मस्क इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला, सोशल मीडिया मंच एक्स के मालिक हैं। मस्क ने ट्रंप के चुनाव अभियान के लिए लिए लाखों डॉलर का योगदान दिया था और उनके साथ कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी नजर आए थे। एलन मस्क ने चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया था कि वह डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने पर संघीय बजट में 2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करने में मदद करेंगे। लेकिन उन्होंने इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि वह यह काम कैसे करेंगे या फिर वह सरकार के किस विभाग या हिस्से में कटौती करेंगे। ट्रंप ने भी कहा था कि दुनिया के सबसे अमीर शख्स मस्क उनके प्रशासन में सरकारी कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएंगे।

चुनाव में रामास्वामी ने दिया था ट्रंप को समर्थन

वहीं, रामास्वामी एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के संस्थापक हैं। रामास्वामी पिछले साल रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों की दौड़ में शामिल थे। हालांकि, बाद में उन्होंने ट्रंप को समर्थन देने का फैसला किया था। ट्रंप की ओर से अहम जिम्मेदारी मिलने पर विवेक रामास्वामी ने लिखा है- हमलोग नरमी से पेश नहीं आने वाले हैं। यानी विवेक रामास्वामी ने संकेत दे दिया है कि जो ज़िम्मेदारी मिली है, उसे आक्रामकता के साथ लागू करेंगे और ट्रंप यही चाहते भी हैं।

विवेक को ट्रंप ने वही ज़िम्मेदारी दी है, जिसकी वो वकालत करते रहे हैं. जैसे कई सरकारी विभागों और एजेंसियों को बंद करने की वकालत विवेक रामास्वामी करते रहे हैं। एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी सरकार में नौकरशाही, अतिरिक्त नियम-क़ानून और 'अनावश्यक खर्चों' को रोकने के अलावा फेडरल एजेंसियों के पुनर्गठन पर काम करेंगे। ट्रंप ने इसे 'सेव अमेरिका' अभियान के लिए ज़रूरी बताया है

*क्या होगा भारत के 'दुश्मन' ट्रूडो का सियासी भविष्य? ट्रंप के सत्ता में आते ही एलन मस्क ने की भविष्यवाणी

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भारत और कनाडा के बीच इन दिनों तनाव चल रहा है। आए दिन कनाडा की तरफ से भारत विरोधी एजेंडा सेट किया जा रहा है। इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ कनाडा की मुश्किलें बढ़ने की चर्चा हो रही। इसका संकेत खुद डोनाल्ड ट्रंप के दोस्त एलन मस्क ने दिया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अगले साल होने वाले चुनाव में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की हार की भविष्यवाणी की है।

अमेरिका के उद्योगपति एलन मस्क ने भारत से पंगा लेने वाले ट्रूडो का पत्ता साफ होने का दावा किया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भविष्यवाणी की है कि कनाडा में 20 अक्टूबर 2025 में होने वाले चुनाव में जस्टिन ट्रूडो का डाउनफॉल होगा। 

दरअसल, एलन मस्क सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक्टिव रहते हैं। इसी के चलते एक यूजर ने उन्हें टैग करके लिखा, कनाडा को ट्रूडो से छुटकारा पाने के लिए हमें आपकी मदद चाहिए। इस पोस्ट के जवाब में एलन मस्क ने लिखा, आगामी चुनाव में वो सत्ता से चले जाएंगे।

कनाडा में 2025 में होने वाले चुनाव जस्टिन ट्रूडो के लिए काफी अहम है। दरअसल, ट्रूडो साल 2013 से लिबरल पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। ऐसे में यह चुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी। 

मस्क की टिप्पणी संभवतः ट्रूडो की वर्तमान अल्पसंख्यक सरकार की स्थिति से उपजी है, जो उन्हें सत्ता खोने के लिए अधिक संवेदनशील बनाती है। चुनाव में ट्रूडो की लिबरल पार्टी का मुकाबला पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी और जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी सहित अन्य प्रमुख पार्टियों से होगा। ब्लॉक क्यूबेकॉइस और ग्रीन पार्टी भी सीटों के लिए होड़ में होंगी।

भारत से किस बात की 'दुश्मनी' निभा रहे ट्रूडो?

बता दें कि पिछले कई महीनों से भारत के प्रति जस्टिन ट्रूडो का व्यवहार किसी दुश्मन के जैसा है। आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा द्वारा भारत के माथे मढ़ने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ी है। ताजा मामले में भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण के कुछ घंटों बाद एक ऑस्ट्रेलियाई मीडिया प्रतिष्ठान को ब्लॉक कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ के सोशल मीडिया हैंडल और कुछ पेजों को ब्लॉक करने की कनाडा के एक्शन से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति पाखंड की बू आती है।

पहले ट्रंप के खिलाफ खोला मोर्चा अब जताया अफसोस, मस्क ने कहा- जो भी हुआ, बहुत ज्यादा हो गया

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच की खींचतान इन दिनों चर्चा में है। अब तक अच्छी दोस्ती का दंभ भर रहे ट्रंप और मस्क बीते कई दिनों से एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बोल रहे थे। ट्रंप के समर्थक रहे अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने उनकी नीतियों की मुखर आलोचना करने के करीब एक हफ्ते बाद अपने बयानों पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि एक्स पर जारी वार-पलटवार का मामला लंबा खिंच गया।

कई गंभीर आरोप लगाने के बाद जताया अफसोस

एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर चल रही सावर्जनिक कलह के बाद पोस्ट करते हुए कहा है कि मुझे डोनाल्ड ट्रंप के लिए किए गए अपने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए खेद है, क्योंकि वह हद से ज्यादा आगे चल गए।

दरअसल, मस्क ने पीछले हफ्ते कई चौंकाने वाली पोस्ट शेयर की थीं। उन्होंने जोर देकर कहा, मेरे बिना, ट्रंप चुनाव हार जाते। एलन मस्क ने सोशल मीडिया के जरिए ट्रंप पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।

दोनों दिग्गजों के बीच यह टकराव उस समय शुरू हुई जब सबसे पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, मुझे एलन हमेशा पसंद रहे हैं... मैं चाहूंगा कि वे बिल की बजाय मेरी आलोचना करें, क्योंकि बिल अविश्वसनीय है। यह हमारे देश के इतिहास में सबसे बड़ी कटौती है। यह लगभग 1.6 ट्रिलियन डॉलर की कटौती है। यह सबसे बड़ी कर कटौती है। लोगों पर लगने वाले टैक्स बहुत कम हो जाएंगे। हम उस बिल में ऐसी चीजें कर रहे हैं जो अविश्वसनीय हैं... एलन इसलिए परेशान हैं क्योंकि हमने इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) से जुड़े फैसले लिए। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बहुत अधिक धन दिया जा रहा था। कटौती के बाद मस्क को मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है। वे चाहते हैं कि सरकार सब्सिडी के रूप में अरबों डॉलर का भुगतान करे।

ट्रंप के बयान के मस्क ने एक्स पर लिखा, अगर उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन नहीं किया होता, तो ट्रंप 2024 का राष्ट्रपति चुनाव हार जाते। मस्क ने दावा किया कि ऐसी स्थिति में डेमोक्रेट्स को अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में बहुमत मिल जाता और संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी सिर्फ 51-49 के अंतर से सीनेट में बढ़त बना पाती।

इसके बाद मस्क ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर आम जनता के बीच सर्वेक्षण कराना शुरू कर दिया। मस्क ने एक्स पर जो सर्वेक्षण शुरू किया है, इसमें पूछा गया है कि क्या अमेरिका को एक नए राजनीतिक दल की आवश्यकता है 'जो वास्तव में मध्य वर्ग के 80% लोगों का प्रतिनिधित्व करता हो।' सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय मस्क के सवाल पर लोग जवाब भी तत्परता से दे रहे हैं।

एलन मस्क ने छोड़ा डोनाल्ड ट्रंप का साथ, DOGE विभाग से इस्तीफे का ऐलान

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की दोस्ती में दरार आ गई है। डोनाल्ड ट्रंप के खास माने जाने वाले एलन मस्क ने ट्रंप का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया है। मस्क ने ऐलान किया है कि वह ट्रंप प्रशासन से बाहर हो रहे हैं। मस्क अब सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के प्रमुख नहीं होंगे। मस्क ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। मस्क का इस तरह से अचानक ट्रंप सरकार से नाता तोड़ना हैरान कर रहा है। खासकर तब जब मस्क, ट्रंप के धुर समर्थक रहे और मस्क ने चुनाव प्रचार के दौरान न सिर्फ ट्रंप की प्रचार टीम को करीब दो हजार करोड़ रुपये की भारी-भरकम फंडिंग की बल्कि ट्रंप के पक्ष में जमकर रैलियां भी कीं।

मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट किया, चूंकि विशेष सरकारी कर्मचारी के रूप में मेरा निर्धारित समय खत्म हो रहा है, इसलिए मैं राष्ट्रपति ट्रंप को फिजूलखर्ची को कम करने के अवसर के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। DOGE मिशन समय के साथ और मजबूत होगा क्योंकि यह सरकार चलाने का एक तरीका बन जाएगा। उन्होंने इस ऐलान से पहले ट्रंप के ‘बड़े, सुंदर’ बिल की आलोचना की थी।

क्या है मस्क और ट्रंप के बीच मतभेद की वजह

टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे अहम विधेयक 'बिग ब्यूटीफुल बिल' की खुलकर आलोचना की है। टैक्स में कटौती और कड़ी अप्रवासन नीति को बढ़ावा देने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है। इस विधेयक को अमेरिकी संसद के निचले सदन से मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे उच्च सदन सीनेट में पेश किया जाएगा। एलन मस्क इस विधेयक से नाराज बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि इस विधेयक से सरकारी खर्च और सरकारी घाटा, दोनों बढ़ेंगे। उन्होंने विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि यह कानून ने केवल भारी खर्च वाला है बल्कि यह विधेयक उनके सरकारी दक्षता विभाग की कोशिशों को कमजोर भी करेगा। मस्क ने खुलकर इस विधेयक की आलोचना की थी। माना जा रहा है कि मस्क और ट्रंप के बीच मतभेद की ये एक बड़ी वजह है।

चार महीने में खत्म हुआ सरकारी सेवाकाल

ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने के साथ मस्क की सरकारी सेवा की घड़ी भी चल पड़ी थी और अब मई के अंत में वह सीमा पूरी हो रही है। एलन मस्क को सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख के तौर पर सरकारी खर्च में कटौती का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए मस्क ने कई गैरजरूरी विभागों को या तो बंद करने की सलाह दी या फिर उनकी फंडिंग कम करने का सुझाव दिया। इसके चलते अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां गईं। नौकरियां जाने से लोगों के मन में एलन मस्क के प्रति नाराजगी आई। इसका असर ये हुआ कि लोगों ने मस्क की इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला और उसकी कारों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इससे टेस्ला की बिक्री कम हुई और उसके शेयरों में भी गिरावट देखी गई। ट्रंप को भी लोगों की नाराजगी का एहसास हुआ और कुछ माह पहले ही मस्क ने ऐसे संकेत दिए थे कि वे जल्द सरकारी दक्षता विभाग प्रमुख का पद छोड़ सकते हैं।

पीएम मोदी और एलन मस्क के बीच हुई बातचीत, टैरिफ वॉर के बीच किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क से फोन पर बात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्स पर खुद मस्क के साथ हुई बातचीत की जानकारी दी है। इस बातचीत में दोनों ने भारत और अमेरिका के बीच तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्रों में मिलकर काम करने की इच्छा जताई। इससे पहले पीएम मोदी और मास्क के बीच फरवरी में मुलाकात हुई थी। डोनाल्‍ड ट्रंप के दोबारा से अमेरिका के राष्‍ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी ने पहली बार वॉशिंगटन का दौरा किया था। इस दौरान उन्‍होंने एलन मस्‍क से भी मुलाकात की थी।

पीएम मोदी ने एक्‍स पर एक पोस्‍ट शेयर कर लिखा, एलन मस्‍क से बातचीत हुई। इस दौरान विभिन्‍न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस साल के शुरुआत में वॉशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान जिन टॉपिक्‍स को हमने कवर किया था, बातचीत के दौरान उनपर भी चर्चा हुई। हमने टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में व्‍यापक संभावनाओं को देखते हुए सहयोग पर चर्चा की। इन क्षेत्रों में अमेरिका के साथ सहयोग और साझेदारी बढ़ाने के प्रति भारत पूरी तरह से समर्पित है।

फरवरी में हुई थी दोनों की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क की पिछली मुलाकात फरवरी में हुई थी, जब पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर गए थे। इस दो दिन की यात्रा के दौरान दोनों ने इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने की संभावनाओं पर अच्छी बातचीत की थी।

इस मुलाकात में पीएम मोदी ने एलन मस्क के बच्चों को भारतीय साहित्य की कुछ खास किताबें तोहफे में दी थीं। इनमें रवींद्रनाथ टैगोर की "द क्रेसेंट मून", आर.के. नारायण की "द ग्रेट आर.के. नारायण कलेक्शन", और पंडित विष्णु शर्मा की "पंचतंत्र" शामिल थीं।

स्टार लिंक की टीम ने की थी पीयूष गोयल से मुलाकात

पीएम मोदी और मस्क के बीच हुई मुलाकात के एक दिन पहले केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से स्टारलिंक की टीम ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गईं थीं, इस मुलाकात में स्टारलिंक की ओर से वाइस प्रेसिडेंट चैड गिब्स और सीनियर डायरेक्टर रायन गुडनाइट मौजूद थे। यह पहला मौका था जब स्टारलिंक के किसी प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय सरकार से औपचारिक मुलाकात की हो, मुलाकात के दूसरे दिन ही पीएम मोदी और एलन मस्क के बीच हुई बातचीत से माना जा रहा है कि अब जल्द ही भारत में स्टारलिंक की एंट्री होने वाली है।

एलन मस्क की कंपनी 'एक्स' ने किया भारत सरकार पर मुकदमा, जानें पूरा मामला

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एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 79(3)(बी) को चुनौती दी गई है। कंपनी का आरोप है कि यह नियम सरकार को अनुचित और गैरकानूनी सेंसरशिप लागू करने की शक्ति देता है, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संचालन पर गंभीर असर पड़ रहा है। एक्स का तर्क है कि यह नियम सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लंघन करता है और ऑनलाइन स्वतंत्र अभिव्यक्ति को कमजोर करता है।

आईटी एक्ट की धारा 79(3)(बी) के तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह कुछ खास परिस्थितियों में इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को हटाने या ब्लॉक करने का आदेश दे सकती है। यदि कोई प्लेटफॉर्म 36 घंटों के भीतर अनुपालन करने में विफल रहता है, तो उसे धारा 79(1) के तहत और उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) सहित विभिन्न कानूनों के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है। यह नियम ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को अवैध सामग्री को हटाने के लिए जवाबदेह बनाने के लिए डिजाइन किया गया है और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ऑनलाइन सामग्री कानूनी और नैतिक मानकों का पालन करती है।

हालांकि, एक्स कॉर्प का दावा है कि सरकार इस प्रावधान का दुरुपयोग कर रही है। कंपनी के मुताबिक, कंटेंट हटाने के लिए सरकार को लिखित में ठोस कारण बताना चाहिए, प्रभावित पक्ष को सुनवाई का मौका देना चाहिए और इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देने का अधिकार भी होना चाहिए। एक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत सरकार ने इनमें से किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

सेंसरशिप के लिए कानून के दुरुपयोग का आरोप

एक्स ने आरोप लगाया है कि सरकार उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने ढंग से सेंसरशिप लागू करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। एक्स का मानना है कि यह प्रावधान सरकार को सामग्री को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक शक्ति प्रदान करता है और ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कमजोर करता है।

ग्रोक को लेकर गहराया विवाद

यह विवाद तब और गहरा गया, जब केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक्स कॉर्प से उसके एआई चैटबॉट ग्रोक को लेकर स्पष्टीकरण मांगा। ग्रोक, जिसे एक्स की मूल कंपनी xAI ने विकसित किया है, हाल ही में कुछ सवालों के जवाब में अभद्र भाषा और गालियों का इस्तेमाल करता पाया गया। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कंपनी से जवाब तलब किया है।

बता दें कि एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रोक ने हाल ही में उपयोगकर्ताओं की तरफ से उकसाने के बाद हिंदी में अपशब्दों से भरी प्रतिक्रिया दी।

पहेल भी हो चुका है तनाव

इससे पहले भी साल 2022 में सरकार ने धारा 69ए के तहत एक्स को कुछ कंटेंट हटाने का निर्देश दिया था, जिसे लेकर कंपनी और सरकार के बीच तनाव देखा गया था।

Airtel के बाद Jio और Starlink के बीच हुई डील, सैटेलाइट से भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट

डेस्क:–नई दिल्ली: Reliance Jio ने Elon Musk के SpaceX से पार्टनरशिप कर ली है, जिसके बाद Starlink सर्विस को भारत में लाया जाएगा. Starlink सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है, जो लंबे समय भारत में अपनी सर्विस शुरू करने की कोशिश कर रहा है. एक दिन पहले ही Airtel ने भी SpaceX के साथ पार्टनरशिप का ऐलान किया था.

एक दिन पहले यानी मंगलवार को Airtel ने बताया था कि Airtel ने SpaceX के साथ पार्टनरशिप की है, जिसके बाद भारतीय कस्टमर को जल्द ही Starlink का हाई स्पीड इंटरनेट मिलेगा. हालांकि अभी SpaceX को भारतीय अथॉरिटीज से लाइसेंस लेना बाकी है, सभी अप्रूवल मिलने के बाद ही भारत में SpaceX की सर्विस भारत में शुरू हो सकेंगी.

Starlink, एक सेटेलाइट बेस्ड हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस है, जिसे खुद Elon Musk की कंपनी SpaceX ने डेवलप किया है. इसके लिए मोबाइल टावर लगाने की जरूरत नहीं होता है. Starlink दुनिया भर में हाई-स्पीड इंटरनेट प्रोवाइड कराना चाहती है.ख खासकर उन इलाकों में जहां वायर ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है.

Starlink में हजारों लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सेटेलाइट होते हैं, जो धरती से लगभग 550 किमी ऊपर होते हैं. ये सेटेलाइट लेजर लिंक की मदद से एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं और डेटा को तेजी से ट्रांसमिट करते हैं.

Starlink की सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए एक छोटी डिश लगानी होती है, जिसे Starlink टर्मिनल भी कहते हैं. इसको कस्टमर को घर पर सेटअप कराना पड़ता है. यह डिश आसमान में मौजूद सैटेलाइट से सिग्नल रिसीव करता है और सेंड करता है. इसके बाद यह डिश WiFi राउटर से कनेक्ट होती है, जो घर के अंदर लगा होता है .

Starlink के काम करने के तरीके को देखें तो ये भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर कर सकता है. इसका फायदा रूरल और रिमोट एरियों में देखने में मिलेगा. भारत में अभी भी बहुत से गांव और पहाड़ी इलाके हैं, जहां फाइबर इंटरनेट नहीं पहुंच पाया है, ऐसे में Starlink से उनको फायदा हो सकता है. रिमोट एरियों में मौजूद स्कूल और अस्पतालों को इससे काफी फायदा हो सकता है.



अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स चलना-फिरना भूलीं, मस्क पर टिकी ट्रंप की उम्मीद

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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर पिछले 8 महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हैं। उनके बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्याएं आने के बाद दोनों स्पेस में ही अटक गए। हालांकि, उन्हें लाने की कई बार कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। इस बीच सुनीता विलियम्स के एक बयान ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। अंतरिक्ष में 237 दिनों से फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कहा कि वह याद करने की कोशिश कर रही हैं कि चलना कैसा होता है।

एक मैगजीन को दिए गये इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने कहा है, कि वो काफी बेसब्री से धरती पर लौटने का इंतजार कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, कि वो अब चलना तक भूल गईं हैं। उन्होंने कहा, कि वो याद कर रही हैं, कैसे चलती थीं। उन्होंने कहा, मैं स्पेस स्टेशन में काफी समय से हूं और मैं यह याद करने की कोशिश कर रही हूं, कि चलना कैसा होता है। मैं नहीं चली हूं। मैं नहीं बैठी हूं। मैं नहीं लेटी हूं। आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आप बस अपनी आंखें बंद कर सकते हैं और जहां आप हैं, वहीं तैर सकते हैं।

मस्क ने कहा वापसी का काम शुरू

इस हालात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मशहूर कारोबारी और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने में मदद मांगी है। एलन मस्क ने कहा है कि उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए काम शुरू कर दिया है। एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, @ ने से पर फंसे 2 अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द से जल्द घर लाने के लिए कहा है। हम ऐसा करेंगे।"

ट्रंप ने क्या कहा?

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा, कि स्पेसएक्स "जल्द ही" दोनों अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक मिशन शुरू करेगा, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर महीनों से फंसे हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर कहा कि "एलन जल्द ही कोशिश शुरू करेंगे और उम्मीद हैं, कि सभी सुरक्षित होंगे। शुभकामनाएं एलन!!!"

अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता विलियम्स?

बता दें, कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गये थे, लेकिन बोइंग स्पेसक्राफ्ट में टेक्निकल दिक्कतें आ गईं और दोनों अंतरिक्षयात्री वहीं फंस गये। सुनीता विलियम्स को सिर्फ 10 दिनों तक ही स्पेस स्टेशन में रहना था, लेकिन पिछले 8 महीनों से वो वहीं फंसी हुई हैं। नासा और बोइंग ने स्पेसक्राफ्ट को ठीक करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार फैसला लिया गया, कि स्पेसक्राफ्ट को वैज्ञानिकों के साथ धरती पर लाना काफी जोखिम भरा कदम होगा।

Gmail को टक्कर देने के लिए ला सकते हैं ‘Xmail’

डेस्क:–Gmail को चुनौती देने की तैयारी X (पहले Twitter) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही एक नया ईमेल फीचर ‘Xmail’ लॉन्च कर सकते हैं, जो Google के Gmail को सीधी टक्कर देगा. इस विचार की शुरुआत एक X अकाउंट DogeDesigner के पोस्ट से हुई, जिसमें लिखा था, “Xmail would be cool.” मस्क ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और लिखा, “Yeah, on the list of things to do।”


सितंबर 2024 तक, वैश्विक ईमेल मार्केट में Apple Mail का दबदबा है, जिसकी हिस्सेदारी 53.67% है. इसके बाद Gmail 30.70%, Outlook 4.38%, Yahoo! Mail 2.64%, और Google Android 1.72% हिस्सेदारी के साथ आते हैं। Times Now World की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और भविष्य के अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव के सहयोगी एलन मस्क द्वारा समर्थित Xmail, Gmail और Apple Mail जैसे दिग्गजों को कड़ी चुनौती दे सकता है।

एलन मस्क के प्रशंसकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस विचार का स्वागत किया है।

Gunther Eagleman, एक प्रसिद्ध दक्षिणपंथी कमेंटेटर, ने लिखा, “xPhone के बारे में क्या ख्याल है? हम इसके लिए तैयार हैं!”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “हां, कृपया इसे जल्द से जल्द लाएं. गूगल के प्रभुत्व से तंग आ चुका हूं. Xmail वैसा ही फ्री बनाएं जैसे X को आजाद किया।”
एक तीसरे व्यक्ति ने लिखा, “मैं नए ईमेल अकाउंट की तलाश में हूं. कृपया इसे जल्दी से लाएं! Xmail
एलन मस्क ने क्यों की भारत में चुनाव की तारीफ, जानें क्या कहा?

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माइक्रा ब्‍लॉगिंग साइट के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर बिजनेस मैन एलन मस्क ने भारत की चुनाव व्यवस्था की तारीफ की है। यही नहीं मस्क ने अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल भी उठाए हैं।मस्क ने कहा है कि भारत ने एक ही दिन में 64 करोड़ वोट गिनकर चुनाव का फैसला सुना दिया। वहीं अमेरिका के कैलिफोर्निया में अभी भी 5 नवंबर को हुए चुनावों के लिए गिनती जारी है। बता दें कि भारत में 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा समेत 13 राज्यों में विधानसभा उप-चुनावों की गिनती हुई। जिसको लेकर मस्क ने ये टिप्पणी की।

एलन मस्क ने भारत के इलेक्‍शन सिस्‍टम का जिक्र अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान कैलिफोर्निया में वोटों की गिनती 18 दिन बाद भी खत्‍म नहीं होने के संदर्भ में किया। मस्क सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट का जवाब दे रहे थे। इस न्‍यूज को शेयर करते हुए उन्‍होंने लिखा “भारत ने एक दिन में 640 मिलियन वोट कैसे गिने”। यूजर द्वारा किए गए पोस्ट के कैप्‍शन में कैलिफोर्निया के नतीजों पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया, “इस बीच भारत में, जहां धोखाधड़ी चुनावों का प्राथमिक लक्ष्य नहीं है” पोस्ट का हवाला देते हुए, मस्क ने कहा, “भारत ने 1 दिन में 640 मिलियन वोट गिने। कैलिफोर्निया अभी भी वोटों की गिनती कर रहा है।” एलन मस्‍क ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट का जवाब दिया जिसमें कहा गया था, “भारत ने एक ही दिन में 640 मिलियन वोटों की गिनती की। कैलिफोर्निया अभी भी 15 मिलियन वोटों की गिनती कर रहा है…18 दिन बाद।

यूएस में वोटों की गिनती में क्यों लगता है समय?

बता दें कि अमेरिका में ज्यादातर वोटिंग बैलेट पेपर या ईमेल बैलेट से होती है। 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में सिर्फ 5% क्षेत्रों में वोटिंग के लिए मशीन का उपयोग किया गया था। ऐसे में यहां काउंटिंग में काफी समय लगता है। कैलिफोर्निया अमेरिका का सबसे बड़ा राज्य है। यहां 3.9 करोड़ लोग रहते हैं। 5 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनावों में 1.6 करोड़ लोगों ने वोट डाले थे। मतदान के दो हफ्ते बाद भी अभी तक लगभग 3 लाख वोटों की गिनती होना बाकी है। अमेरिका में हर साल वोटों की गिनती में हफ्ते लग जाते हैं।

ट्रंप कैबिनेट का हिस्सा बने भारतवंशी विवेक रामास्वामी, एलन मस्क के साथ मिलकर निभाएंगे ये अहम ज़िम्मेदारी

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सरकार के अहम पदों पर नियुक्तियां शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिग्गज कारोबारी एलन मस्क और उद्यमी विवेक रामास्वामी को बड़ी जिम्मेदारी दी है। वे अब सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का नेतृत्व करेंगे। इसे लेकर नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने बड़ा ऐलान किया है. ट्रंप ने कहा है कि मस्क और रामास्वामी गैर-जरूरी खर्च पर लगाम लगाने वाले डिपार्टमेंट ऑफ गर्वमेंट इफिशियंसी को लीड करेंगे। ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए एलन मस्क को 'ग्रेट एलन मस्क' कहा है और विवेक रामास्वामी को 'देशभक्त अमेरिकी' बताया है।

ट्रंप ने एक बयान में कहा, मस्क और रामास्वामी मेरे प्रशासन के लिए सरकारी नौकरशाही को खत्म करने, अतिरिक्त नियमों को कम करने, फिजूल खर्चों में कटौती करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जिम्मेदारी चार जुलाई 2026 को समाप्त हो जाएगी, जब अमेरिकी आजादी की 250वीं वर्षगांठ होगी। यह कुशल सरकार देश के लिए एक 'तोहफा' होगी।

ट्रंप का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ट्रंप ने अरबपति एलन मस्क और कंजरवेटिव नेता/बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी को मंगलवार सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का नेतृत्व करने के लिए नामित किया है। यह विभाग सरकार के नौकरशाह पर हो रहे खर्चे को मॉनिटर करने का काम करेगा। मस्क और ट्रंप ने चुनावी प्रचार में सरकारी खर्च में बड़े स्तर में कटौती की वादा किया था। खास बात ये है कि ट्रंप ने इसकी तुलना ‘द मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ से की है। ट्रंप ने कहा है कि यह सरकार में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा।

‘मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ क्या है जिससे ट्रंप ने की तुलना?

सरकार के खर्च में कटौती और रिस्ट्रक्चर का काम कैसे किया जाएगा इसे लेकर कोई विस्तृत योजना पेश नहीं की गई है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने अपने इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट की तुलना ‘द मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ से की है। दरअसल मैनहट्टन प्रोजेक्ट के जरिए ही अमेरिका ने दुनिया का पहला परमाणु बम बनाया था। जिसका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के हीरोशिमा और नागासाकी पर किया गया था। साल 1942 में न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था। बताया जाता है कि इसमें करीब 1.25 लाख लोग शामिल थे, जो जंगल में छिपकर न्यूक्लियर बम बना रहे

एलन मस्क ने कटौती का किया था दावा

मस्क इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला, सोशल मीडिया मंच एक्स के मालिक हैं। मस्क ने ट्रंप के चुनाव अभियान के लिए लिए लाखों डॉलर का योगदान दिया था और उनके साथ कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी नजर आए थे। एलन मस्क ने चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया था कि वह डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने पर संघीय बजट में 2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करने में मदद करेंगे। लेकिन उन्होंने इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि वह यह काम कैसे करेंगे या फिर वह सरकार के किस विभाग या हिस्से में कटौती करेंगे। ट्रंप ने भी कहा था कि दुनिया के सबसे अमीर शख्स मस्क उनके प्रशासन में सरकारी कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएंगे।

चुनाव में रामास्वामी ने दिया था ट्रंप को समर्थन

वहीं, रामास्वामी एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के संस्थापक हैं। रामास्वामी पिछले साल रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों की दौड़ में शामिल थे। हालांकि, बाद में उन्होंने ट्रंप को समर्थन देने का फैसला किया था। ट्रंप की ओर से अहम जिम्मेदारी मिलने पर विवेक रामास्वामी ने लिखा है- हमलोग नरमी से पेश नहीं आने वाले हैं। यानी विवेक रामास्वामी ने संकेत दे दिया है कि जो ज़िम्मेदारी मिली है, उसे आक्रामकता के साथ लागू करेंगे और ट्रंप यही चाहते भी हैं।

विवेक को ट्रंप ने वही ज़िम्मेदारी दी है, जिसकी वो वकालत करते रहे हैं. जैसे कई सरकारी विभागों और एजेंसियों को बंद करने की वकालत विवेक रामास्वामी करते रहे हैं। एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी सरकार में नौकरशाही, अतिरिक्त नियम-क़ानून और 'अनावश्यक खर्चों' को रोकने के अलावा फेडरल एजेंसियों के पुनर्गठन पर काम करेंगे। ट्रंप ने इसे 'सेव अमेरिका' अभियान के लिए ज़रूरी बताया है

*क्या होगा भारत के 'दुश्मन' ट्रूडो का सियासी भविष्य? ट्रंप के सत्ता में आते ही एलन मस्क ने की भविष्यवाणी

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भारत और कनाडा के बीच इन दिनों तनाव चल रहा है। आए दिन कनाडा की तरफ से भारत विरोधी एजेंडा सेट किया जा रहा है। इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ कनाडा की मुश्किलें बढ़ने की चर्चा हो रही। इसका संकेत खुद डोनाल्ड ट्रंप के दोस्त एलन मस्क ने दिया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अगले साल होने वाले चुनाव में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की हार की भविष्यवाणी की है।

अमेरिका के उद्योगपति एलन मस्क ने भारत से पंगा लेने वाले ट्रूडो का पत्ता साफ होने का दावा किया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भविष्यवाणी की है कि कनाडा में 20 अक्टूबर 2025 में होने वाले चुनाव में जस्टिन ट्रूडो का डाउनफॉल होगा। 

दरअसल, एलन मस्क सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक्टिव रहते हैं। इसी के चलते एक यूजर ने उन्हें टैग करके लिखा, कनाडा को ट्रूडो से छुटकारा पाने के लिए हमें आपकी मदद चाहिए। इस पोस्ट के जवाब में एलन मस्क ने लिखा, आगामी चुनाव में वो सत्ता से चले जाएंगे।

कनाडा में 2025 में होने वाले चुनाव जस्टिन ट्रूडो के लिए काफी अहम है। दरअसल, ट्रूडो साल 2013 से लिबरल पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। ऐसे में यह चुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी। 

मस्क की टिप्पणी संभवतः ट्रूडो की वर्तमान अल्पसंख्यक सरकार की स्थिति से उपजी है, जो उन्हें सत्ता खोने के लिए अधिक संवेदनशील बनाती है। चुनाव में ट्रूडो की लिबरल पार्टी का मुकाबला पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी और जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी सहित अन्य प्रमुख पार्टियों से होगा। ब्लॉक क्यूबेकॉइस और ग्रीन पार्टी भी सीटों के लिए होड़ में होंगी।

भारत से किस बात की 'दुश्मनी' निभा रहे ट्रूडो?

बता दें कि पिछले कई महीनों से भारत के प्रति जस्टिन ट्रूडो का व्यवहार किसी दुश्मन के जैसा है। आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा द्वारा भारत के माथे मढ़ने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ी है। ताजा मामले में भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण के कुछ घंटों बाद एक ऑस्ट्रेलियाई मीडिया प्रतिष्ठान को ब्लॉक कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ के सोशल मीडिया हैंडल और कुछ पेजों को ब्लॉक करने की कनाडा के एक्शन से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति पाखंड की बू आती है।