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कौन हैं साबिर अली जिन्हें जेडायू ने अमौर से उतारा, कभी मोदी की प्रशंसा पर पार्टी से निकाले गए

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बिहार में पूर्णिया की अमौर सीट अचानक से हाई प्रोफाइल सीट बन गई है। इसकी वजह बनें हैं, राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार को एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली को अमौर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि यही साबिर अली वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने पर पार्टी से निष्कासित कर दिए गए थे।

आखिरी समय में जेडीयू का बड़ा फैसला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने पर 11 वर्ष पहले जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) से निष्कासित किए गए राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली की फिर से पार्टी में वापसी हो गई है। साबिर अली को पार्टी ने शनिवार को अमौर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया। जेडीयू ने आखिरी समय में बड़ा फैसला लेते हुए पूर्णिया की अमौर सीट पर कैंडिडेट बदल दिया। पूर्णिया की अमौर सीट से पार्टी ने नामांकन की अंतिम तारीख से ठीक एक दिन पहले अपने घोषित प्रत्याशी सबा ज़फर का टिकट काट दिया है। जेडीयू ने अमौर से अपना प्रत्याशी बदल दिया। 

नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे साबिर

कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले, राज्यसभा में जेडीयू का चेहरा रहे साबिर अली आज फिर उसी पार्टी में लौट आए हैं, जहां से उन्होंने सियासत की शुरुआत की थी। राजनीति में उनका आगमन 2000 के दशक में हुआ और नीतीश कुमार के नेतृत्व से प्रभावित होकर उन्होंने जेडीयू जॉइन की। 

2008 में जेडीयू से पहुंचे राज्यसभा

जेडीयू ने उनकी मेहनत और प्रभाव को देखा और 2008 में उन्हें राज्यसभा भेजा गया। वहां वे 2008 से 2014 तक जेडीयू के चेहरे बने रहे। राज्यसभा में जेडीयू की आवाज बनकर उन्होंने पार्टी के मुद्दों को मजबूती से उठाया। साबिर अली मुस्लिम समुदाय में लोकप्रिय थे। सीमांचल और पूर्वी चंपारण में उनकी अच्छी पकड़ थी। लोग उन्हें एक मेहनती और प्रभावशाली नेता के रूप में जानने लगे। लेकिन, साबिर अली के चढ़ाव के बाद उतार का दौर भी आया।

पीएम मोदी की तारीफ के बाद सियासी पतन

बिहार के पूर्वी चंपारण में जन्मे साबिर अली को 2014 में ही पीएम मोदी की तारीफ करने के चलते जदयू ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। जेडीयू से निकाले जाने के बाद वे लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में चले गए और फिर वहां से भाजपा की ओर रुख किया। लेकिन उन पर लगे पुराने दाग साबिर अली पर भारी पड़े और फिर उन्हें बीजेपी ने भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी। दरअसल, कुछ भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक रूप से उनके बयानबाज़ी पर सवाल उठाए। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि उन्हें इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल से जोड़ने के आरोप लगे। 2014 में ही भाजपा उनकी एंट्री रोक दी गई। इन घटनाओं ने साबिर अली को सियासत के निचले पायदान पर ला दिया और वे कुछ समय के लिए गुमनामी में चले गए।

सोनम वांगचुक को बड़ा झटका, रद्द हुआ NGO का लाइसेंस, विदेशी फंडिंग पर लग गई रोक

#whysonamwangchukngoforeignfundinglicence_cancelled

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। उपद्रवियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय को आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा। सरकार ने इस हिंसा के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। अगले दिन उनके एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया।

सोनम वांगचुक की स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उनके एनजीओ पर विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप है। सीबीआई ने सोनम वांगचुक के एक संस्थान के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू कर दी है।

क्यों हुआ पंजीकरण रद्द?

सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि संस्था के कामकाज में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। सरकारी जांच में सामने आया कि संस्था को स्वीडन के एक दाता से करीब 4.93 लाख रुपये मिले थे, जो युवा जागरूकता कार्यक्रमों पर खर्च होने थे। इन कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और खाद्य सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे। लेकिन सरकार ने इस दान को ‘राष्ट्रीय हित के खिलाफ’ बताया। इसके अलावा 19,600 रुपये और 79,200 रुपये जैसी छोटी रकमों के गलत तरीके से एफसीआरए खाते में दाखिल होने की बात भी नोटिस में दर्ज की गई। इन सब बिंदुओं के आधार पर मंत्रालय ने 10 सितंबर को नोटिस जारी किया था, और जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर संस्था का पंजीकरण रद्द कर दिया।

क्या बोले वांगचुक?

वांगचुक ने इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का दोष उन पर मढ़ा गया है। सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख में दो महीने बाद चुनाव आने वाले हैं, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि पहले जो वादा किया था उसे पूरा करें। इसमें बड़ी आवाज मेरी थी इसलिए उन्होंने मुझे टारगेट किया और डेढ़ महीना पहले मुझे बताया गया कि आपके ऊपर देशद्रोह का एक एफआईआर है। इसके बाद सीबीआई की जांच की बात हुई। 

विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं- वांगचुक

वांगचुक ने कहा, सीबीआई के नोटिस में ये लिखा है कि 2022-24 में आपकी संस्था को विदेशों से फंड मिला, जिसकी अनुमति आपको नहीं है। आपके पास एफसीआरए नहीं है। हमने एफसीआरए नहीं लिया क्योंकि विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं था। संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने हमें फीस अदा की। इसी तरह हमारे आर्टिफिशियल ग्लेशियर को स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी और इटली की एक संस्था से पैसे मिले।

क्या करता है हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख?

सोनम वांगचुक ने 1994 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की. इसका मकसद लद्दाख के युवाओं को स्थानीय जरूरतों और संस्कृति से जोड़ते हुए प्रासंगिक और व्यावहारिक शिक्षा देना था. बाद में इसी सोच के विस्तार के रूप में उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की नींव रखी. SECMOL की नींव 1994 में रखी गई ताकि बच्चे केवल कागजी डिग्री के बोझ तले न दबें बल्कि वास्तविक जीवन कौशल भी सीखें.

HIAL लगभग 2017-18 में आकार लेता है, जिसके पीछे विचार था लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र के लिए ऐसे समाधान खोजना जो पर्यावरण-संवेदनशील हों. इसका स्पष्ट उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों का स्थानीय अनुभवों के आधार पर हल निकालना तय किया गया था

*VISION 2028 FOURTH PHASE CONCLUDES*

Sports

Khabar kolkata sports Desk : The fourth phase of Vision 2028, which began on April 21, concluded today at the JU 2nd Campus Ground, Salt Lake.

On Wednesday, on the last day of the camp, the first session was attended by Bengal Under-16 boys where Manoj Tiwary was the batting coach, while the bowling department was looked after by Ashok Dinda. Coach Ajay Verma was also present to guide the boys.

The second session on the day, which was scheduled for Under-19 boys, was cancelled due to heavy rain.

The fourth phase of the camp was divided into two sessions every day.

On every session, Tiwary and Dinda delivered inspirational and motivation words to the young boys. The duo told the boys to use the camp as a learning experience.

The coaches looked at the proceedings and watched the boys’ practice with hawk eyes. As sessions went on, the coaches talked to the talents individually.

The short-term goal of Vision 2028 will be to get the various age group squads ready for the domestic season by improving their skills while the long-term goals will be to nurture the future talents and make them fit for various Bengal age group squads.

Pic Courtesy by: CAB

अमेरिका में क्यों कैंसिल हो रहा स्टूडेंट वीजा? भारत के 3 लाख स्टूडेंट्स की बढ़ी परेशानी

#whyusstudentvisacancelled

टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका में अब विदेशी छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। ट्रंप की सरकार में इमिग्रेशन नीतियों को कड़ा किया गया है। सैकड़ों छात्रों को स्टूडेंट वीजा रद्द कर उन्हें डिपोर्ट किया गया है। अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर भी एक्शन लिया गाय है। मौजूदा सरकार की नीतियों की वजह विदेशी छात्रों और यूनिवर्सिटीज दोनों की परेशानी बढ़ गई है।

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे छात्रों के F-1 वीजा को मामूली अपराधों के आधार पर रद्द करना शुरू कर दिया है। इनमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन, डिंक एंड ड्राइव, ओवर स्पीडिंग और शॉप-लिफ्टिंग जैसे अपराध शामिल हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि फिलिस्तीन समर्थक बयानबाजी, विरोध-प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर पोस्टिंग को लेकर भी वीजा कैंसिल हुए हैं। अधिकारी आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम के तहत शायद ही कभी इस्तेमाल की जाने वाली शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे छात्र अनिश्चितता में हैं।

वीजा कैंसिल होने से स्टूडेंट परेशान

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की वजह से दुनिया में नया टैरिफ वॉर छिड़ गया है। इससे सभी देश पहले ही परेशान हैं। अब ट्रंप सरकार ने जिस तरह से छात्रों के खिलाफ रुख अपनाया है उसने एक नई समस्या को जन्म दे दिया है। अमेरिका ने दुनिया के कई छात्रों को अमेरिका छोड़ने की हिदायत दी है, इनमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं। इनका वीजा रद्द कर दिया गया है और मेल भेजकर इन्हें इस बात की जानकारी भी दे दी गई है। इनसे कह दिया गया है कि वह खुद डिपोर्ट हो जाएं।

कई छात्रों ने दावा किया कि उनकी पुरानी गलतियों को आधार बना जा रहा है, जिनकी सभी कानूनी कार्रवाई पूरी हो चुकी हैं। एक छात्र ने बताया कि उसने 2 साल पहले स्पीडिंग का उल्लंघन किया था और जुर्माना भर दिया था। एक अन्य ने शराब पीकर गाड़ी चलाने के बाद सभी शर्तें पूरी की थीं।

वीजा पर नई नीति काफी सख्त

अमेरिका ने हाल ही में वीजा के लिए एक नया नियम बनाया था। अमेरिका में F-1 , M-1 और J-1 वीजा दिए जाते हैं, जिन्हें स्टूडेंट वीजा के तौर पर जाना जाता है। इस वीजा के जरिए स्टूडेंट्स अमेरिका के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने जाते हैं। स्टूडेंट वीजा विदेश विभाग द्वारा जारी किया जाता है। छात्रों को फुल-टाइम स्टूडेंट के तौर पर पढ़ने के लिए वीजा मिलता है। वीजा मिलने के बाद उन्हें सख्त नियमों का पालन करना होता है। पहले किसी का वीजा रद्द होने पर भी उन्हें पढ़ने की इजाजत थी, लेकिन नई नीतियों के बाद अब उन्हें तुरंत देश छोड़ना होगा।

वीजा अप्लाई करने वालों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर

यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो ने खुद ये बताया था कि मार्च से अमेरिका में वीजा के लिए अप्लाई करने वालों का सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाला जाएगा। इसका उद्देश्य ये था कि जिन लोगों ने किसी भी तरह इजराइल या अमेरिका की सोशल मीडिया पर आलोचना की है उन्हें अमेरिका आने से रोका जा सके। इसके अलावा रूबियो ने अमेरिका में पढ़ रहे विदेशी छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर रखने को कहा था। इसके बाद से अमेरिका में वीजा रद्द करने का काम तेजी पकड़ चुका है।

मोहम्मद यूनुस ने अपने ही राजदूत का पासपोर्ट किया रद्द, सच बोलने की दी सजा

#bangladeshgovtcancelledpassportofambassadorharunalrashid

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार अपने ही राजदूत हारून रशीद का पासपोर्ट रद्द करने जा रही है। उनके साथ ही उनके परिवार के पासपोर्ट भी रद्द किए जाएँगे। दरअसल, मोरक्को में बांग्लादेश के राजदूत हारुन अल रशीद ने अपनी ही सरकार को घेरा था। राजदूत हारुन अल रशीद ने मोहम्मद यूनुस पर कट्टरपंथियों का समर्थन करने और देश में अराजकता फैलाने का गंभीर आरोप लगाए थे। रशीद के इस फेसबुक पोस्ट से जब यूनुस सरकार ने अपनी पोल खुलती देखी, तो फिर दबाव में आ गए।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में दावा किया कि रशीद को दिसम्बर, 2024 में ही अपना पद छोड़कर बांग्लादेश वापस बुलाया गया था। विदेश मंत्रालय ने बताया कि रशीद इसमें आनाकानी करते रहे और फरवरी, 2025 में उन्होंने अपना पद भी छोड़ दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रशीद अब कनाडा चले गए हैं।

मोहम्मद यूनुस सरकार की आलोचना को विदेश मंत्रालय ने एजेंडा करार दिया है। यूनुस सरकार ने कहा है कि रशीद के बयान सच्चाई से इतर हैं। विदेश मंत्रालय ने यूनुस सरकार की आलोचना को सिम्पथी बटोरने का एक साधन करार दिया है।

बांग्लादेश की पहचान को नष्ट करने का आरोप

इससे पहले हारून रशीद ने 14 मार्च को फेसबुक पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट किया था। हारुन अल रशीद ने पोस्ट में लिखा कि बांग्लादेश आतंक और अराजकता की गिरफ्त में है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहम्मद यूनुस के शासन में कट्टरपंथियों को खुली छूट दी गई है और मीडिया को दबा दिया गया है, जिससे अत्याचार की खबरें सामने नहीं आ रही हैं। रशीद ने लिखा, यूनुस के नेतृत्व में कट्टरपंथी बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष और सांस्कृतिक पहचान को नष्ट करने में लगे हैं। ये लोग संग्रहालयों, सूफी दरगाहों और हिंदू मंदिरों को नष्ट कर रहे हैं।

कट्टरपंथी संगठनों को समर्थन देने का आरोप

रशीद ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद से मुहम्मद यूनुस ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। वह अब एक सुधारक नहीं बल्कि एक अत्याचारी शासक बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने जिस बांग्लादेश का निर्माण किया था, यूनुस ने उसके खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। यहीं नहीं उन्होंने आगे कहा कि यूनुस के शासन के दौरान महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ गए हैं। कट्टरपंथी संगठन जैसे हिजब-उत-तहरीर, इस्लामिक स्टेट और अल कायदा खुलेआम इस्लामी शासन की मांग कर रहे हैं और इन्हें यूनुस का समर्थन मिल रहा है।

यूनुस पर चरमपंथियों को शह देने का आरोप

रशीद ने आगे कहा कि, बांग्लादेश एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में स्थापित हुआ था, लेकिन अब कट्टरपंथी इस पहचान को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान और उनकी बेटी शेख हसीना दोनों ही चरमपंथियों के निशाने पर रहे हैं, और अब यूनुस भी इन्हें शह दे रहे हैं।

माता-पिता का नहीं रखा ध्यान तो हाथ से जाएगी ट्रांसफर की गई प्रॉपर्टी, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा?

#scsaidgiftdeedcanbecancelledifparentsnottakingcareoftheirchild

मां-बाप की सेवा और देखभाल प्रत्येक संतान की जिम्मेदारी है। हमारी संस्कृति इसे जीवन का महत्वपूर्ण अंग मानती है परंतु आधुनिक समाज में अनेक संतानों ने अपनी इस जिम्मेदारी को भुला दिया है। इसलिए आज चंद माता-पिता अपनी संतानों के हाथों ही उत्पीड़ित और अपमानित हो रहे हैं। अनेक संतानें शादी के बाद अपने माता-पिता की ओर से आंखें ही फेर लेती हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी भी तरह उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करना ही रह जाता है तथा इसके बाद वे उन्हें घर से निकालने और उन पर अत्याचार करने में जरा भी संकोच नहीं करतीं। ऐसे समय में सुप्रीम कोर्ट ने बुजुर्गों के लेकर बहुत अहम फैसला सुनाया है।सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर बच्चे माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं,तो माता-पिता की ओर से बच्चों के नाम पर की गई संपत्ति की गिफ्ट डीड को रद्द किया जा सकता है।

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा करने की जरूरत पर जोर देते हुए इस फैसले को सामने रखा। कई पेरेंट्स को उनके बच्चे प्रॉपर्टी और गिफ्ट लेने के बाद नजरअंदाज कर देते हैं और उन्हें खुद की देखभाल करने के लिए छोड़ दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा, अगर बच्चे पेरेंट्स की देखभाल करने में विफल रहते हैं तो माता-पिता ने उन्हें जो प्रॉपर्टी और गिफ्ट दिए हैं वो वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत रद्द किया जा सकता है। अदालत ने कहा, संपत्ति का ट्रांसफर शून्य घोषित किया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों के हितों की होगी रक्षा

वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई वरिष्ठ नागरिक हैं जिन्हें उनके बच्चे अनदेखा कर देते हैं और संपत्ति हस्तांतरित करने के बाद उन्हें अपने हाल पर छोड़ देते हैं। जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की पीठ ने कहा कि यह अधिनियम एक लाभकारी कानून है जिसका उद्देश्य उन बुजुर्गों की मदद करना है जिन्हें संयुक्त परिवार प्रणाली के कमजोर होने के कारण अकेला छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए इसके प्रावधानों की व्याख्या उदारतापूर्वक की जानी चाहिए,न कि संकीर्ण अर्थों में।

हाई कोर्ट के फैसले को क्यों पलटना पड़ा?

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया जिसमें कहा गया था कि गिफ्ट डीड में बच्चों को माता-पिता की देखभाल करने के लिए बाध्य करने वाला एक खंड होना चाहिए और इसकी अनुपस्थिति में गिफ्ट डीड को रद्द नहीं किया जा सकता है। अधिनियम की धारा 23 कहती है कि जहां कोई वरिष्ठ नागरिक इस अधिनियम के प्रारंभ होने के बाद उपहार या अन्यथा अपनी संपत्ति को इस शर्त के अधीन स्थानांतरित करता है कि प्राप्तकर्ता ट्रांसफर करने वाले को बुनियादी सुविधाएं और बुनियादी शारीरिक आवश्यकताएं प्रदान करेगा। यदि ऐसा प्राप्तकर्ता ऐसी सुविधाएं और शारीरिक आवश्यकताएं प्रदान करने से इनकार करता है या करने में विफल रहता है, तो संपत्ति का ट्रांसफर धोखाधड़ी या जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव से किया गया माना जाएगा और हस्तांतरणकर्ता के विकल्प पर न्यायाधिकरण द्वारा शून्य घोषित किया जाएगा।

स्विट्जरलैंड ने भारत से छीना ये खास दर्जा? जानें क्या हो सकता है असर?
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स्विट्ज़रलैंड ने भारत को दिए 'सर्वाधिक तरजीही देश' यानी मोस्ट फ़ेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्ज़ा रद्द कर दिया है। स्विट्ज़रलैंड ने यह फ़ैसला नेस्ले विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद लिया है। इस फैसले में कहा गया था कि डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) तब तक लागू नहीं होगा जब तक इसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत अधिसूचित नहीं किया जाता। इस फैसले का सीधा असर नेस्ले जैसी अन्य स्विस कंपनियों पर पड़ेगा, जिन्हें अब डिविडेंड पर अधिक टैक्स चुकाना होगा। इसका असर देश में मौजूद स्विस कंपनियों और स्विट्जरलैंड में काम कर रही भारतीय कंपनियों पर भी होगा। नेस्ले के खिलाफ अदालत के प्रतिकूल फैसले के बाद स्विट्जरलैंड ने भारत को दिया गया एमएफएन का दर्जा वापस ले लिया। स्विट्जरलैंड ने एक बयान में आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचने के लिए स्विस परिसंघ और भारत के बीच समझौते में एमएफएन खंड का प्रावधान निलंबित करने की घोषणा की। स्विट्जरलैंड ने अपने इस फैसले के लिए नेस्ले से संबंधित एक मामले में भारत के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया। *क्या होता है मोस्ट-फेवर्ड-नेशन?* मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी एमएफएन एक खास दर्जा होता है। टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (जीएटीटी), 1994 के अनुच्छेद 1 के अनुसार, प्रत्येक डब्ल्यूटीओ (World Trade Organization) सदस्य देश को अन्य सभी सदस्य देशों को एमएफएन का दर्जा (या टैरिफ और व्यापार बाधाओं के संबंध में तरजीही व्यापार शर्तें) प्रदान करना आवश्यक है। इसमें एमएफएन राष्ट्र को भरोसा दिलाया जाता है कि उसके साथ भेदभाव रहित व्यापार किया जाएगा। डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार ऐसे दो देश एक-दूसरे से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं कर सकते। इसमें यह भी कहा गया है कि अगर व्यापार सहयोगी को खास दर्जा दिया जाता है तो डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य राष्ट्रों को भी वैसा ही दर्जा दिया जाना चाहिए। *क्‍या है इस फैसले का मतलब?* एमएफएन का दर्जा वापस लेने का मतलब है कि स्विट्जरलैंड एक जनवरी, 2025 से भारतीय कंपनियों के उस देश में अर्जित लाभांश पर 10 फीसदी टैक्‍स लगाएगा। जब किसी देश को यह दर्जा दिया जाता है तो उससे उम्मीद की जाती है कि वह शुल्कों में कटौती करेगा। अलावा उन दोनों देशों के बीच कई वस्तुओं का आयात और निर्यात भी बिना किसी शुल्क के होता है। मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा जिस किसी भी देश को दिया जाता है, उस देश को व्यापार में अधिक प्राथमिकता दी जाती है। विकासशील देशों के लिए एमएफएन फायदे का सौदा है। इससे इन देशों को एक बड़ा बाजार मिलता है। जिससे वे अपने सामान को वैश्विक बाजार में आसानी से पहुंचा सकते हैं। *भारतीय सुप्रीम कोर्ट के नेस्ले के फैसले से जुड़ा है ये कदम* यह कदम भारत के सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल आए एक फैसले के बारे में उठाया गया है। स्विट्जरलैंड ने अपने इस फैसले के लिए 2023 में नेस्ले से जुड़े एक मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में अपने फैसले में कहा था कि डीटीएए तब तक लागू नहीं हो सकता जब तक कि इसे भारतीय इनकम टैक्स एक्ट के तहत नोटिफाई ना किया जाए। स्विस सरकार के बयान के मुताबिक नेस्ले मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने 2021 में डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) में मोस्ट फेवर्ड सेगमेंट को ध्यान में रखते हुए बकाया टैक्स रेट के कंप्लाइंस को बरकरार रखा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 19 अक्टूबर, 2023 के एक फैसले में इस आदेश को पलट दिया था। पैकेज्ड फूड के कारोबार में लगी नेस्ले का हैडक्वार्टर स्विट्जरलैंड के वेवे शहर में है। स्विस वित्त विभाग ने अपने बयान में इनकम पर टैक्स के डबल टैक्सेशन से बचने के लिए दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत एमएफएन प्रोविजन को निलंबित करने की घोषणा की है।
कनाडा में दिवाली सेलिब्रेशन रद्द, भड़के लोगों ने कहा-राजनीतिक तुष्टीकरण और सांस्कृतिक असंवेदनशीलता का प्रतीक

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भारत में आज दिवाली मनाई जा रही है। भारत के इस त्योहार को दुनियाभर के कई देशों में सेलिब्रेट किया जाता है। यहां तक की दुनिया का सबसे ताकतवर कहे जाने वाले देश अमेरिका में भी दिवाली का जश्न मनाया जा रहा है। व्हाइट हाउस में खुज राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिवाली मनाई। यहां तक की अमेरिका में तो दिवाली पर स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। हालांकि, कनाडा तो मानों भारत के साथ दुश्मनी निभाने में लगा हुआ है। दरअसल, भारत संग तल्खी के बीच कनाडा में दिवाली का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। यह कार्यक्रम पार्लियामेंट में होना था।

कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे ने पार्लियामेंट हिल में दिवाली पर होने वाले समारोह को रद्द कर दिया है। ओटावा स्थित पार्लियामेंट हिल में ही देश की संसद है। इसका मतलब है कि इस बार कनाडा की संसद में दिवाली उत्सव नहीं होगा। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पोइलिवरे ने दिवाली से ठीक पहले कार्यक्रम में ना जाने का फैसला लिया है। पियरे की ओर से ये कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद कनाडा के चलते दोनों मुल्कों के रिश्ते तनाव के दौर में हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली का यह कार्यक्रम बुधवार 30 अक्टूबर को होना था, लेकिन इसे बिना किसी कारण के रद्द कर दिया गया। इस समारोह का आयोजन प्रवासी भारतीय समूह, ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) ने किया था और और इसकी मेजबानी कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी को करनी थी। कनाडा में पिछले 23 सालों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। यह आयोजन पिछले 23 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है और इसमें कनाडा में रहने वाले हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध भाग लेते हैं। मगर इस बार कनाडा में दिवाली उत्सव पर रोक लग गई।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम के आयोजक ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) को दिवाली उत्सव रद्द करने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। कार्यक्रम बुधवार (30 अक्टूबर) को कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी द्वारा आयोजित किया जाना था। अब ये कार्यक्रम नहीं किया जाएगा।

विपक्षी नेता पॉइलीवरे के फैसले से कनाडा में रहने वाले हिंदू काफी नाराज हैं। ओएफआईसी के अध्यक्ष शिव भास्कर ने पॉइलीवरे को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने समारोह रद्द होने पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि यह कार्यक्रम दिवाली के सम्मान में एक खुशी का अवसर होता। यह त्योहार न केवल भारतवंशी कनाडाई समुदाय के लिए बहुत अहम है, बल्कि कनाडा की बहुसांस्कृतिक भावना का भी प्रतीक है, जिस पर उसे गर्व है। भारत और कनाडा के बीच मौजूदा राजनयिक स्थिति के कारण इस कार्यक्रम से नेताओं के अचानक पीछे हटने से हमें विश्वासघात और अन्याय का एहसास हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद चिंताजनक है।

कोहरे के कारण संरक्षा के मद्देनजर ट्रेनों के परिचालन में बदलाव, जानिए पूरा डिटेल*
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हाजीपुर : कोहरे के कारण संरक्षित रेल परिचालन को सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से दिनांक 01.12.24 से 28.02.25 तक कुछ ट्रेनों का परिचालन रद्द/आंशिक रूप से रद्द तथा कुछ ट्रेनों के परिचालन के दिनों में कमी की गयी है जिनका विवरण निम्नानुसार है - (क) पूर्णतः रद्द ट्रेनें (Trains fully cancelled):- 1. गाड़ी सं. 12538 प्रयागराज रामबाग-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस - 02.12.24 से 08.01.25 तक 2. गाड़ी सं. 12537 मुजफ्फरपुर-प्रयागराज रामबाग एक्सप्रेस - 02.12.24 से 08.01.25 तक 3. गाड़ी सं. 22198 वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी)-कोलकाता एक्स. - 06.12.24 से 10.01.25 तक 4. गाड़ी सं. 22197 कोलकाता-वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी) एक्स. - 08.12.24 से 12.01.25 तक 5. गाड़ी सं. 15903 डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस - 02.12.24 से 28.02.25 तक 6. गाड़ी सं. 15904 चंडीगढ-डिब्रूगढ़़ एक्सप्रेस - 04.12.24 से 02.03.25 तक 7. गाड़ी सं. 15620 कामाख्या-गया एक्सप्रेस - 02.12.24 से 24.02.25 तक 8. गाड़ी सं. 15619 गया-कामाख्या एक्सप्रेस - 03.12.24 से 25.02.25 तक 9. गाड़ी सं. 15621 कामाख्या-आनंद विहार एक्सप्रेस - 05.12.24 से 27.02.25 तक 10. गाड़ी सं. 15622 आनंद विहार-कामाख्या एक्सप्रेस - 06.12.24 से 28.02.25 तक 11. गाड़ी सं. 12873 हटिया-आनंद विहार एक्सप्रेस - 02.12.24 से 09.01.25 तक 12. गाड़ी सं. 12874 आनंद विहार-हटिया एक्सप्रेस - 03.12.24 से 10.01.25 तक 13. गाड़ी सं. 22857 संतरागाछी-आनंद विहार एक्सप्रेस - 02.12.24 से 06.01.25 तक 14. गाड़ी सं. 22858 आनंद विहार-संतरागाछी एक्सप्रेस - 03.12.24 से 07.01.25 तक 15. गाड़ी सं. 18103 टाटा-अमृतसर एक्सप्रेस - 02.12.24 से 26.02.25 तक 16. गाड़ी सं. 18104 अमृतसर-टाटा एक्सप्रेस - 04.12.24 से 28.02.25 तक 17. गाड़ी सं. 14003 मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस - 03.12.24 से 01.03.25 तक 18. गाड़ी सं. 14004 नई दिल्ली-मालदा टाउन एक्सप्रेस - 01.12.24 से 27.02.25 तक 19. गाड़ी सं. 14524 अम्बाला-बरौनी हरिहर एक्सप्रेस - 03.12.24 से 25.02.25 तक 20. गाड़ी सं. 14523 बरौनी-अम्बाला हरिहर एक्सप्रेस - 05.12.24 से 27.02.25 तक 21. गाड़ी सं. 14618 अमृतसर-पूर्णिया कोर्ट जनसेवा एक्सप्रेस - 01.12.24 से 28.02.25 तक 22. गाड़ी सं. 14617 पूर्णिया कोर्ट-अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस - 03.12.24 से 02.03.25 तक 23. गाड़ी सं. 12327 हावड़ा-देहरादून उपासना एक्सप्रेस - 03.12.24 से 28.02.25 तक 24. गाड़ी सं. 12328 देहरादून-हावड़ा उपासना एक्सप्रेस - 04.12.24 से 01.03.25 तक (ख) परिचालन के दिनों में कमी कर के चलायी जाने वाली ट्रेनें (Reduction in Frequency of trains) :- दिनांक 01.12.2024 से 28.02.2025 तक प्रारंभिक स्टेशन (Originating station) से खुलने वाली निम्नलिखित ट्रेनों का परिचालन उनके आगे अंकित दिन को रद्द रहेगा :- 1. गाड़ी सं. 11123 ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस - प्रत्येक सोमवार एवं गुरूवार को रद्द 2. गाड़ी सं. 11124 बरौनी-ग्वालियर एक्सप्रेस- प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को रद्द 3. गाड़ी सं. 12988 अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल, गुरू एवं शनिवार को रद्द 4. गाड़ी सं. 12987 सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध, शुक्र एवं रविवार को रद्द 5. गाड़ी सं. 12505 कामाख्या-आनंद विहार नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि एवं बुधवार को रद्द 6. गाड़ी सं. 12506 आनंद विहार-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल एवं शुक्रवार को रद्द 7. गाड़ी सं. 15483 अलीपुरद्वार-दिल्ली सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध एवं शनिवार को रद्द 8. गाड़ी सं. 15484दिल्ली-अलीपुरद्वार सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस - प्रत्येक शुक्र एवं सोमवार को रद्द 9. गाड़ी सं. 12523 न्यू जलपाईगुड़ी-नई दिल्ली एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को रद्द 10. गाड़ी सं. 12524 नई दिल्ली-न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को रद्द 11. गाड़ी सं. 15909 डिब्रूगढ़-लालगढ़ अवध आसाम एक्सप्रेस - प्रत्येक शनिवार को रद्द 12. गाड़ी सं. 15910 लालगढ-डिब्रूगढ़़ अवध आसाम एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को रद्द 13. गाड़ी सं. 12529 पाटलिपुत्र-लखनऊ एक्सप्रेस - प्रत्येक सोम, मंगल एवं बुधवार को रद्द 14. गाड़ी सं. 12530 लखनऊ-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस - प्रत्येक सोम, मंगल एवं बुधवार को रद्द 15. गाड़ी सं. 15079 पाटलिपुत्र-गोरखपुर एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि, सोम, बुध एवं शुक्रवार को रद्द 16. गाड़ी सं. 15080 गोरखपुर-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि, सोम, बुध एवं शुक्रवार को रद्द 17. गाड़ी सं. 15074 टनकपुर-सिंगरौली त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को रद्द 18. गाड़ी सं. 15073 सिंगरौली-टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक गुरूवार को रद्द 19. गाड़ी सं. 15076 टनकपुर-शक्तिनगर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल एवं शनिवार को रद्द 20. गाड़ी सं. 15075 शक्तिनगर-टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध एवं रविवार को रद्द 21. गाड़ी सं. 22405 भागलपुर-आनंद विहार गरीबरथ एक्सप्रेस - प्रत्येक गुरूवार को रद्द 22. गाड़ी सं. 22406 आनंद विहार-भागलपुर गरीबरथ एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को रद्द 23. गाड़ी सं. 13019 हावड़ा-काठगोदाम एक्सप्रेस - प्रत्येक रविवार को रद्द 24. गाड़ी सं. 13020 काठगोदाम-हावड़ा एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को रद्द (ग) आंशिक रूप से रद्द ट्रेनें (Partially cancelled trains) :- 1. गाड़ी सं. 12177 हावड़ा-मथुरा जं. चंबल एक्सप्रेस- 06.12.24 से 10.01.25 तक आगरा कैंट और मथुरा जं के बीच रद्द रहेगी । 2. गाड़ी सं. 12178 मथुरा जं.-हावड़ा चंबल एक्सप्रेस- 02.12.24 से 06.01.25 तक मथुरा जं और आगरा कैंट के बीच रद्द रहेगी। पटना से मनीष प्रसाद
BULLETIN 1 :- See the list of closure and route change of Chakradharpur Division due to train accident

Due to derailment of 12810 (HWH-CSMT) JCO 29.07.2024 at BRM (TATA-CKP) Section of CKP division. The following trains are cancelled, diverted, short-terminated & short- originated.

Cancelled:

1) 13512/13511 (ASN-TATA-ASN) Exp JCO 30.07.2024 is cancelled.

2) 08650 (PRR-ADRA) MEMU JCO 30.07.2024 is cancelled. Rake is return from PRR to ADRA as empty rake.

3) 08697/08698 (JGM-PRR-JGM) MEMU JCO 30.07.2024 is cancelled.

4) 18019/18020 (JGM-DHN-JGM) MEMU Exp JCO 30.07.2024 is cancelled. 5) 18116/18115 (CKP-GMO-CKP) MEMU Exp JCO 30.07.2024 is cancelled.

6) 08647/08648 (ADRA-BBM-ADRA) JCO 30.07.2024 is cancelled

Short-terminated/short-originated:

1) 18011(HWH-ADRA-CKP) Exp JCO 30.07.25024 is short-terminated at ADRA. 2) 13301/13302 (DHN-TATA-DHN) JCO 30.07.2024 is short-terminated/short-originated at

ADRA.

3) 08173/08174 (ASN-TATA-ASN) MEMU JCO 30.07.2024 is short-terminated/short- originated at ADRA.

4) 18602 (HTE- TATA) Exp. JCO-30/07/2024 Short terminated at MURI and return E/Rake Ex MURI to HTE 18602 will remain cancelled between MURI to TATA on 30/07/2024.

5) 08152 (BRKA- TATA) Exp. JCO- 30/07/2024 is Short Terminated at MURI on 30/07/2024 and same rake will Run as 08151 passengers Ex MURI to BRKA at its Schedule time on 30/07/2024.

Diverted:

1) 13288 (ARA-DURG) Exp JCO 29.07.2024 diverted via ASN-JOC-BJE-BKSCKSX-MURI instead of ASN-JOC-PRR-CNI. 2) 13287 (DURG-ARA) Exp JCO 29.07.2024 diverted via ROU-NXN-MURI-KSX-BKSC-BJE-

JOC-ASN instead of CNI-PRR-JOC-ASN.

3) 18112 (YPR-TATA) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA NXN-HTE-MURI-KSX-PRR-TATA. 4) 20821 (PUNE-SRC) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA NXN-HTE-MURI-KSX-BKSC-BJE-ADRA-

MDN-KGP.

5)

12221 (PUNE-HWH) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA NXN-HTE-MURI-KSX-PRR-TATA.

6) 12890 (SMVB-TATA) J.C.O 29.07.24 NXN-MURI-CNI-TATA.

7) 12101 (LTT-SHM) J.C.O 28.07.24 DIVERTED VIA NXN-KSX-BKSC-BJE-ADA-MDN-KGP. 8) 12860 (HWH-CSMT) J.C.O 30.07.24 DIVERTED VIA TATA-CNI-PRR-KSX-NXN-ROU.

9) 12810 (HWH-CSMT) J.C.O 30.07.24 DIVERTED VIA KGP-MDN-ADA-BJE-BKSC-KSX-NXN- ROU.

10) 12767 (NED-SRC) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA NXN-KSX-BKSC-BJE-ADA-MDN-KGP. 11) 18477 (PURI-YNRK) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA TATA-CNI-BJE-GMO-GAYA-DDU-

CAR-MKP-VGMJ(JHANSHI).

12) 12130 (HWH-PUNE) EXP. J.C.O 29.07.24, DIVERT VIA SINI-KND-PRR-HTE-NXN-ROU. 13) 12834 (HWH-ADI) J.C.O 29.07.24 VIA CNI-PRR-HTE-ROU.

14) 18029 (LTT-SHM) J.C.O 28.07.2024, VIA ROU-HTE-PRR-TATA. 15) 12859 (CSMT-HWH) J.C.O 29.07.24, VIA ROU-HTE-PRR-TATA.

16) 12833 (ADI-HWH) J.C.O 28.07. 24, VIA ROU-HTE-PRR-TATA.

17) 18005 (HWH-JDB) J.C.O 29.07.2024 VIA CNI-MURI-HTE-ROU.

कौन हैं साबिर अली जिन्हें जेडायू ने अमौर से उतारा, कभी मोदी की प्रशंसा पर पार्टी से निकाले गए

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बिहार में पूर्णिया की अमौर सीट अचानक से हाई प्रोफाइल सीट बन गई है। इसकी वजह बनें हैं, राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार को एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली को अमौर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि यही साबिर अली वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने पर पार्टी से निष्कासित कर दिए गए थे।

आखिरी समय में जेडीयू का बड़ा फैसला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने पर 11 वर्ष पहले जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) से निष्कासित किए गए राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली की फिर से पार्टी में वापसी हो गई है। साबिर अली को पार्टी ने शनिवार को अमौर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया। जेडीयू ने आखिरी समय में बड़ा फैसला लेते हुए पूर्णिया की अमौर सीट पर कैंडिडेट बदल दिया। पूर्णिया की अमौर सीट से पार्टी ने नामांकन की अंतिम तारीख से ठीक एक दिन पहले अपने घोषित प्रत्याशी सबा ज़फर का टिकट काट दिया है। जेडीयू ने अमौर से अपना प्रत्याशी बदल दिया। 

नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे साबिर

कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले, राज्यसभा में जेडीयू का चेहरा रहे साबिर अली आज फिर उसी पार्टी में लौट आए हैं, जहां से उन्होंने सियासत की शुरुआत की थी। राजनीति में उनका आगमन 2000 के दशक में हुआ और नीतीश कुमार के नेतृत्व से प्रभावित होकर उन्होंने जेडीयू जॉइन की। 

2008 में जेडीयू से पहुंचे राज्यसभा

जेडीयू ने उनकी मेहनत और प्रभाव को देखा और 2008 में उन्हें राज्यसभा भेजा गया। वहां वे 2008 से 2014 तक जेडीयू के चेहरे बने रहे। राज्यसभा में जेडीयू की आवाज बनकर उन्होंने पार्टी के मुद्दों को मजबूती से उठाया। साबिर अली मुस्लिम समुदाय में लोकप्रिय थे। सीमांचल और पूर्वी चंपारण में उनकी अच्छी पकड़ थी। लोग उन्हें एक मेहनती और प्रभावशाली नेता के रूप में जानने लगे। लेकिन, साबिर अली के चढ़ाव के बाद उतार का दौर भी आया।

पीएम मोदी की तारीफ के बाद सियासी पतन

बिहार के पूर्वी चंपारण में जन्मे साबिर अली को 2014 में ही पीएम मोदी की तारीफ करने के चलते जदयू ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। जेडीयू से निकाले जाने के बाद वे लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में चले गए और फिर वहां से भाजपा की ओर रुख किया। लेकिन उन पर लगे पुराने दाग साबिर अली पर भारी पड़े और फिर उन्हें बीजेपी ने भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी। दरअसल, कुछ भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक रूप से उनके बयानबाज़ी पर सवाल उठाए। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि उन्हें इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल से जोड़ने के आरोप लगे। 2014 में ही भाजपा उनकी एंट्री रोक दी गई। इन घटनाओं ने साबिर अली को सियासत के निचले पायदान पर ला दिया और वे कुछ समय के लिए गुमनामी में चले गए।

सोनम वांगचुक को बड़ा झटका, रद्द हुआ NGO का लाइसेंस, विदेशी फंडिंग पर लग गई रोक

#whysonamwangchukngoforeignfundinglicence_cancelled

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। उपद्रवियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय को आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा। सरकार ने इस हिंसा के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। अगले दिन उनके एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया।

सोनम वांगचुक की स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उनके एनजीओ पर विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप है। सीबीआई ने सोनम वांगचुक के एक संस्थान के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू कर दी है।

क्यों हुआ पंजीकरण रद्द?

सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि संस्था के कामकाज में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। सरकारी जांच में सामने आया कि संस्था को स्वीडन के एक दाता से करीब 4.93 लाख रुपये मिले थे, जो युवा जागरूकता कार्यक्रमों पर खर्च होने थे। इन कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और खाद्य सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे। लेकिन सरकार ने इस दान को ‘राष्ट्रीय हित के खिलाफ’ बताया। इसके अलावा 19,600 रुपये और 79,200 रुपये जैसी छोटी रकमों के गलत तरीके से एफसीआरए खाते में दाखिल होने की बात भी नोटिस में दर्ज की गई। इन सब बिंदुओं के आधार पर मंत्रालय ने 10 सितंबर को नोटिस जारी किया था, और जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर संस्था का पंजीकरण रद्द कर दिया।

क्या बोले वांगचुक?

वांगचुक ने इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का दोष उन पर मढ़ा गया है। सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख में दो महीने बाद चुनाव आने वाले हैं, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि पहले जो वादा किया था उसे पूरा करें। इसमें बड़ी आवाज मेरी थी इसलिए उन्होंने मुझे टारगेट किया और डेढ़ महीना पहले मुझे बताया गया कि आपके ऊपर देशद्रोह का एक एफआईआर है। इसके बाद सीबीआई की जांच की बात हुई। 

विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं- वांगचुक

वांगचुक ने कहा, सीबीआई के नोटिस में ये लिखा है कि 2022-24 में आपकी संस्था को विदेशों से फंड मिला, जिसकी अनुमति आपको नहीं है। आपके पास एफसीआरए नहीं है। हमने एफसीआरए नहीं लिया क्योंकि विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं था। संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने हमें फीस अदा की। इसी तरह हमारे आर्टिफिशियल ग्लेशियर को स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी और इटली की एक संस्था से पैसे मिले।

क्या करता है हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख?

सोनम वांगचुक ने 1994 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की. इसका मकसद लद्दाख के युवाओं को स्थानीय जरूरतों और संस्कृति से जोड़ते हुए प्रासंगिक और व्यावहारिक शिक्षा देना था. बाद में इसी सोच के विस्तार के रूप में उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की नींव रखी. SECMOL की नींव 1994 में रखी गई ताकि बच्चे केवल कागजी डिग्री के बोझ तले न दबें बल्कि वास्तविक जीवन कौशल भी सीखें.

HIAL लगभग 2017-18 में आकार लेता है, जिसके पीछे विचार था लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र के लिए ऐसे समाधान खोजना जो पर्यावरण-संवेदनशील हों. इसका स्पष्ट उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों का स्थानीय अनुभवों के आधार पर हल निकालना तय किया गया था

*VISION 2028 FOURTH PHASE CONCLUDES*

Sports

Khabar kolkata sports Desk : The fourth phase of Vision 2028, which began on April 21, concluded today at the JU 2nd Campus Ground, Salt Lake.

On Wednesday, on the last day of the camp, the first session was attended by Bengal Under-16 boys where Manoj Tiwary was the batting coach, while the bowling department was looked after by Ashok Dinda. Coach Ajay Verma was also present to guide the boys.

The second session on the day, which was scheduled for Under-19 boys, was cancelled due to heavy rain.

The fourth phase of the camp was divided into two sessions every day.

On every session, Tiwary and Dinda delivered inspirational and motivation words to the young boys. The duo told the boys to use the camp as a learning experience.

The coaches looked at the proceedings and watched the boys’ practice with hawk eyes. As sessions went on, the coaches talked to the talents individually.

The short-term goal of Vision 2028 will be to get the various age group squads ready for the domestic season by improving their skills while the long-term goals will be to nurture the future talents and make them fit for various Bengal age group squads.

Pic Courtesy by: CAB

अमेरिका में क्यों कैंसिल हो रहा स्टूडेंट वीजा? भारत के 3 लाख स्टूडेंट्स की बढ़ी परेशानी

#whyusstudentvisacancelled

टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका में अब विदेशी छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। ट्रंप की सरकार में इमिग्रेशन नीतियों को कड़ा किया गया है। सैकड़ों छात्रों को स्टूडेंट वीजा रद्द कर उन्हें डिपोर्ट किया गया है। अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर भी एक्शन लिया गाय है। मौजूदा सरकार की नीतियों की वजह विदेशी छात्रों और यूनिवर्सिटीज दोनों की परेशानी बढ़ गई है।

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे छात्रों के F-1 वीजा को मामूली अपराधों के आधार पर रद्द करना शुरू कर दिया है। इनमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन, डिंक एंड ड्राइव, ओवर स्पीडिंग और शॉप-लिफ्टिंग जैसे अपराध शामिल हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि फिलिस्तीन समर्थक बयानबाजी, विरोध-प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर पोस्टिंग को लेकर भी वीजा कैंसिल हुए हैं। अधिकारी आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम के तहत शायद ही कभी इस्तेमाल की जाने वाली शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे छात्र अनिश्चितता में हैं।

वीजा कैंसिल होने से स्टूडेंट परेशान

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की वजह से दुनिया में नया टैरिफ वॉर छिड़ गया है। इससे सभी देश पहले ही परेशान हैं। अब ट्रंप सरकार ने जिस तरह से छात्रों के खिलाफ रुख अपनाया है उसने एक नई समस्या को जन्म दे दिया है। अमेरिका ने दुनिया के कई छात्रों को अमेरिका छोड़ने की हिदायत दी है, इनमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं। इनका वीजा रद्द कर दिया गया है और मेल भेजकर इन्हें इस बात की जानकारी भी दे दी गई है। इनसे कह दिया गया है कि वह खुद डिपोर्ट हो जाएं।

कई छात्रों ने दावा किया कि उनकी पुरानी गलतियों को आधार बना जा रहा है, जिनकी सभी कानूनी कार्रवाई पूरी हो चुकी हैं। एक छात्र ने बताया कि उसने 2 साल पहले स्पीडिंग का उल्लंघन किया था और जुर्माना भर दिया था। एक अन्य ने शराब पीकर गाड़ी चलाने के बाद सभी शर्तें पूरी की थीं।

वीजा पर नई नीति काफी सख्त

अमेरिका ने हाल ही में वीजा के लिए एक नया नियम बनाया था। अमेरिका में F-1 , M-1 और J-1 वीजा दिए जाते हैं, जिन्हें स्टूडेंट वीजा के तौर पर जाना जाता है। इस वीजा के जरिए स्टूडेंट्स अमेरिका के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने जाते हैं। स्टूडेंट वीजा विदेश विभाग द्वारा जारी किया जाता है। छात्रों को फुल-टाइम स्टूडेंट के तौर पर पढ़ने के लिए वीजा मिलता है। वीजा मिलने के बाद उन्हें सख्त नियमों का पालन करना होता है। पहले किसी का वीजा रद्द होने पर भी उन्हें पढ़ने की इजाजत थी, लेकिन नई नीतियों के बाद अब उन्हें तुरंत देश छोड़ना होगा।

वीजा अप्लाई करने वालों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर

यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो ने खुद ये बताया था कि मार्च से अमेरिका में वीजा के लिए अप्लाई करने वालों का सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाला जाएगा। इसका उद्देश्य ये था कि जिन लोगों ने किसी भी तरह इजराइल या अमेरिका की सोशल मीडिया पर आलोचना की है उन्हें अमेरिका आने से रोका जा सके। इसके अलावा रूबियो ने अमेरिका में पढ़ रहे विदेशी छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर रखने को कहा था। इसके बाद से अमेरिका में वीजा रद्द करने का काम तेजी पकड़ चुका है।

मोहम्मद यूनुस ने अपने ही राजदूत का पासपोर्ट किया रद्द, सच बोलने की दी सजा

#bangladeshgovtcancelledpassportofambassadorharunalrashid

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार अपने ही राजदूत हारून रशीद का पासपोर्ट रद्द करने जा रही है। उनके साथ ही उनके परिवार के पासपोर्ट भी रद्द किए जाएँगे। दरअसल, मोरक्को में बांग्लादेश के राजदूत हारुन अल रशीद ने अपनी ही सरकार को घेरा था। राजदूत हारुन अल रशीद ने मोहम्मद यूनुस पर कट्टरपंथियों का समर्थन करने और देश में अराजकता फैलाने का गंभीर आरोप लगाए थे। रशीद के इस फेसबुक पोस्ट से जब यूनुस सरकार ने अपनी पोल खुलती देखी, तो फिर दबाव में आ गए।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में दावा किया कि रशीद को दिसम्बर, 2024 में ही अपना पद छोड़कर बांग्लादेश वापस बुलाया गया था। विदेश मंत्रालय ने बताया कि रशीद इसमें आनाकानी करते रहे और फरवरी, 2025 में उन्होंने अपना पद भी छोड़ दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रशीद अब कनाडा चले गए हैं।

मोहम्मद यूनुस सरकार की आलोचना को विदेश मंत्रालय ने एजेंडा करार दिया है। यूनुस सरकार ने कहा है कि रशीद के बयान सच्चाई से इतर हैं। विदेश मंत्रालय ने यूनुस सरकार की आलोचना को सिम्पथी बटोरने का एक साधन करार दिया है।

बांग्लादेश की पहचान को नष्ट करने का आरोप

इससे पहले हारून रशीद ने 14 मार्च को फेसबुक पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट किया था। हारुन अल रशीद ने पोस्ट में लिखा कि बांग्लादेश आतंक और अराजकता की गिरफ्त में है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहम्मद यूनुस के शासन में कट्टरपंथियों को खुली छूट दी गई है और मीडिया को दबा दिया गया है, जिससे अत्याचार की खबरें सामने नहीं आ रही हैं। रशीद ने लिखा, यूनुस के नेतृत्व में कट्टरपंथी बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष और सांस्कृतिक पहचान को नष्ट करने में लगे हैं। ये लोग संग्रहालयों, सूफी दरगाहों और हिंदू मंदिरों को नष्ट कर रहे हैं।

कट्टरपंथी संगठनों को समर्थन देने का आरोप

रशीद ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद से मुहम्मद यूनुस ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। वह अब एक सुधारक नहीं बल्कि एक अत्याचारी शासक बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने जिस बांग्लादेश का निर्माण किया था, यूनुस ने उसके खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। यहीं नहीं उन्होंने आगे कहा कि यूनुस के शासन के दौरान महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ गए हैं। कट्टरपंथी संगठन जैसे हिजब-उत-तहरीर, इस्लामिक स्टेट और अल कायदा खुलेआम इस्लामी शासन की मांग कर रहे हैं और इन्हें यूनुस का समर्थन मिल रहा है।

यूनुस पर चरमपंथियों को शह देने का आरोप

रशीद ने आगे कहा कि, बांग्लादेश एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में स्थापित हुआ था, लेकिन अब कट्टरपंथी इस पहचान को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान और उनकी बेटी शेख हसीना दोनों ही चरमपंथियों के निशाने पर रहे हैं, और अब यूनुस भी इन्हें शह दे रहे हैं।

माता-पिता का नहीं रखा ध्यान तो हाथ से जाएगी ट्रांसफर की गई प्रॉपर्टी, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा?

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मां-बाप की सेवा और देखभाल प्रत्येक संतान की जिम्मेदारी है। हमारी संस्कृति इसे जीवन का महत्वपूर्ण अंग मानती है परंतु आधुनिक समाज में अनेक संतानों ने अपनी इस जिम्मेदारी को भुला दिया है। इसलिए आज चंद माता-पिता अपनी संतानों के हाथों ही उत्पीड़ित और अपमानित हो रहे हैं। अनेक संतानें शादी के बाद अपने माता-पिता की ओर से आंखें ही फेर लेती हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी भी तरह उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करना ही रह जाता है तथा इसके बाद वे उन्हें घर से निकालने और उन पर अत्याचार करने में जरा भी संकोच नहीं करतीं। ऐसे समय में सुप्रीम कोर्ट ने बुजुर्गों के लेकर बहुत अहम फैसला सुनाया है।सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर बच्चे माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं,तो माता-पिता की ओर से बच्चों के नाम पर की गई संपत्ति की गिफ्ट डीड को रद्द किया जा सकता है।

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा करने की जरूरत पर जोर देते हुए इस फैसले को सामने रखा। कई पेरेंट्स को उनके बच्चे प्रॉपर्टी और गिफ्ट लेने के बाद नजरअंदाज कर देते हैं और उन्हें खुद की देखभाल करने के लिए छोड़ दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा, अगर बच्चे पेरेंट्स की देखभाल करने में विफल रहते हैं तो माता-पिता ने उन्हें जो प्रॉपर्टी और गिफ्ट दिए हैं वो वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत रद्द किया जा सकता है। अदालत ने कहा, संपत्ति का ट्रांसफर शून्य घोषित किया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों के हितों की होगी रक्षा

वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई वरिष्ठ नागरिक हैं जिन्हें उनके बच्चे अनदेखा कर देते हैं और संपत्ति हस्तांतरित करने के बाद उन्हें अपने हाल पर छोड़ देते हैं। जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की पीठ ने कहा कि यह अधिनियम एक लाभकारी कानून है जिसका उद्देश्य उन बुजुर्गों की मदद करना है जिन्हें संयुक्त परिवार प्रणाली के कमजोर होने के कारण अकेला छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए इसके प्रावधानों की व्याख्या उदारतापूर्वक की जानी चाहिए,न कि संकीर्ण अर्थों में।

हाई कोर्ट के फैसले को क्यों पलटना पड़ा?

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया जिसमें कहा गया था कि गिफ्ट डीड में बच्चों को माता-पिता की देखभाल करने के लिए बाध्य करने वाला एक खंड होना चाहिए और इसकी अनुपस्थिति में गिफ्ट डीड को रद्द नहीं किया जा सकता है। अधिनियम की धारा 23 कहती है कि जहां कोई वरिष्ठ नागरिक इस अधिनियम के प्रारंभ होने के बाद उपहार या अन्यथा अपनी संपत्ति को इस शर्त के अधीन स्थानांतरित करता है कि प्राप्तकर्ता ट्रांसफर करने वाले को बुनियादी सुविधाएं और बुनियादी शारीरिक आवश्यकताएं प्रदान करेगा। यदि ऐसा प्राप्तकर्ता ऐसी सुविधाएं और शारीरिक आवश्यकताएं प्रदान करने से इनकार करता है या करने में विफल रहता है, तो संपत्ति का ट्रांसफर धोखाधड़ी या जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव से किया गया माना जाएगा और हस्तांतरणकर्ता के विकल्प पर न्यायाधिकरण द्वारा शून्य घोषित किया जाएगा।

स्विट्जरलैंड ने भारत से छीना ये खास दर्जा? जानें क्या हो सकता है असर?
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स्विट्ज़रलैंड ने भारत को दिए 'सर्वाधिक तरजीही देश' यानी मोस्ट फ़ेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्ज़ा रद्द कर दिया है। स्विट्ज़रलैंड ने यह फ़ैसला नेस्ले विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद लिया है। इस फैसले में कहा गया था कि डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) तब तक लागू नहीं होगा जब तक इसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत अधिसूचित नहीं किया जाता। इस फैसले का सीधा असर नेस्ले जैसी अन्य स्विस कंपनियों पर पड़ेगा, जिन्हें अब डिविडेंड पर अधिक टैक्स चुकाना होगा। इसका असर देश में मौजूद स्विस कंपनियों और स्विट्जरलैंड में काम कर रही भारतीय कंपनियों पर भी होगा। नेस्ले के खिलाफ अदालत के प्रतिकूल फैसले के बाद स्विट्जरलैंड ने भारत को दिया गया एमएफएन का दर्जा वापस ले लिया। स्विट्जरलैंड ने एक बयान में आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचने के लिए स्विस परिसंघ और भारत के बीच समझौते में एमएफएन खंड का प्रावधान निलंबित करने की घोषणा की। स्विट्जरलैंड ने अपने इस फैसले के लिए नेस्ले से संबंधित एक मामले में भारत के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया। *क्या होता है मोस्ट-फेवर्ड-नेशन?* मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी एमएफएन एक खास दर्जा होता है। टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (जीएटीटी), 1994 के अनुच्छेद 1 के अनुसार, प्रत्येक डब्ल्यूटीओ (World Trade Organization) सदस्य देश को अन्य सभी सदस्य देशों को एमएफएन का दर्जा (या टैरिफ और व्यापार बाधाओं के संबंध में तरजीही व्यापार शर्तें) प्रदान करना आवश्यक है। इसमें एमएफएन राष्ट्र को भरोसा दिलाया जाता है कि उसके साथ भेदभाव रहित व्यापार किया जाएगा। डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार ऐसे दो देश एक-दूसरे से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं कर सकते। इसमें यह भी कहा गया है कि अगर व्यापार सहयोगी को खास दर्जा दिया जाता है तो डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य राष्ट्रों को भी वैसा ही दर्जा दिया जाना चाहिए। *क्‍या है इस फैसले का मतलब?* एमएफएन का दर्जा वापस लेने का मतलब है कि स्विट्जरलैंड एक जनवरी, 2025 से भारतीय कंपनियों के उस देश में अर्जित लाभांश पर 10 फीसदी टैक्‍स लगाएगा। जब किसी देश को यह दर्जा दिया जाता है तो उससे उम्मीद की जाती है कि वह शुल्कों में कटौती करेगा। अलावा उन दोनों देशों के बीच कई वस्तुओं का आयात और निर्यात भी बिना किसी शुल्क के होता है। मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा जिस किसी भी देश को दिया जाता है, उस देश को व्यापार में अधिक प्राथमिकता दी जाती है। विकासशील देशों के लिए एमएफएन फायदे का सौदा है। इससे इन देशों को एक बड़ा बाजार मिलता है। जिससे वे अपने सामान को वैश्विक बाजार में आसानी से पहुंचा सकते हैं। *भारतीय सुप्रीम कोर्ट के नेस्ले के फैसले से जुड़ा है ये कदम* यह कदम भारत के सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल आए एक फैसले के बारे में उठाया गया है। स्विट्जरलैंड ने अपने इस फैसले के लिए 2023 में नेस्ले से जुड़े एक मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में अपने फैसले में कहा था कि डीटीएए तब तक लागू नहीं हो सकता जब तक कि इसे भारतीय इनकम टैक्स एक्ट के तहत नोटिफाई ना किया जाए। स्विस सरकार के बयान के मुताबिक नेस्ले मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने 2021 में डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) में मोस्ट फेवर्ड सेगमेंट को ध्यान में रखते हुए बकाया टैक्स रेट के कंप्लाइंस को बरकरार रखा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 19 अक्टूबर, 2023 के एक फैसले में इस आदेश को पलट दिया था। पैकेज्ड फूड के कारोबार में लगी नेस्ले का हैडक्वार्टर स्विट्जरलैंड के वेवे शहर में है। स्विस वित्त विभाग ने अपने बयान में इनकम पर टैक्स के डबल टैक्सेशन से बचने के लिए दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत एमएफएन प्रोविजन को निलंबित करने की घोषणा की है।
कनाडा में दिवाली सेलिब्रेशन रद्द, भड़के लोगों ने कहा-राजनीतिक तुष्टीकरण और सांस्कृतिक असंवेदनशीलता का प्रतीक

#diwali_celebrations_cancelled_in_canada

भारत में आज दिवाली मनाई जा रही है। भारत के इस त्योहार को दुनियाभर के कई देशों में सेलिब्रेट किया जाता है। यहां तक की दुनिया का सबसे ताकतवर कहे जाने वाले देश अमेरिका में भी दिवाली का जश्न मनाया जा रहा है। व्हाइट हाउस में खुज राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिवाली मनाई। यहां तक की अमेरिका में तो दिवाली पर स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। हालांकि, कनाडा तो मानों भारत के साथ दुश्मनी निभाने में लगा हुआ है। दरअसल, भारत संग तल्खी के बीच कनाडा में दिवाली का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। यह कार्यक्रम पार्लियामेंट में होना था।

कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे ने पार्लियामेंट हिल में दिवाली पर होने वाले समारोह को रद्द कर दिया है। ओटावा स्थित पार्लियामेंट हिल में ही देश की संसद है। इसका मतलब है कि इस बार कनाडा की संसद में दिवाली उत्सव नहीं होगा। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पोइलिवरे ने दिवाली से ठीक पहले कार्यक्रम में ना जाने का फैसला लिया है। पियरे की ओर से ये कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद कनाडा के चलते दोनों मुल्कों के रिश्ते तनाव के दौर में हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली का यह कार्यक्रम बुधवार 30 अक्टूबर को होना था, लेकिन इसे बिना किसी कारण के रद्द कर दिया गया। इस समारोह का आयोजन प्रवासी भारतीय समूह, ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) ने किया था और और इसकी मेजबानी कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी को करनी थी। कनाडा में पिछले 23 सालों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। यह आयोजन पिछले 23 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है और इसमें कनाडा में रहने वाले हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध भाग लेते हैं। मगर इस बार कनाडा में दिवाली उत्सव पर रोक लग गई।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम के आयोजक ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) को दिवाली उत्सव रद्द करने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। कार्यक्रम बुधवार (30 अक्टूबर) को कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी द्वारा आयोजित किया जाना था। अब ये कार्यक्रम नहीं किया जाएगा।

विपक्षी नेता पॉइलीवरे के फैसले से कनाडा में रहने वाले हिंदू काफी नाराज हैं। ओएफआईसी के अध्यक्ष शिव भास्कर ने पॉइलीवरे को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने समारोह रद्द होने पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि यह कार्यक्रम दिवाली के सम्मान में एक खुशी का अवसर होता। यह त्योहार न केवल भारतवंशी कनाडाई समुदाय के लिए बहुत अहम है, बल्कि कनाडा की बहुसांस्कृतिक भावना का भी प्रतीक है, जिस पर उसे गर्व है। भारत और कनाडा के बीच मौजूदा राजनयिक स्थिति के कारण इस कार्यक्रम से नेताओं के अचानक पीछे हटने से हमें विश्वासघात और अन्याय का एहसास हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद चिंताजनक है।

कोहरे के कारण संरक्षा के मद्देनजर ट्रेनों के परिचालन में बदलाव, जानिए पूरा डिटेल*
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हाजीपुर : कोहरे के कारण संरक्षित रेल परिचालन को सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से दिनांक 01.12.24 से 28.02.25 तक कुछ ट्रेनों का परिचालन रद्द/आंशिक रूप से रद्द तथा कुछ ट्रेनों के परिचालन के दिनों में कमी की गयी है जिनका विवरण निम्नानुसार है - (क) पूर्णतः रद्द ट्रेनें (Trains fully cancelled):- 1. गाड़ी सं. 12538 प्रयागराज रामबाग-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस - 02.12.24 से 08.01.25 तक 2. गाड़ी सं. 12537 मुजफ्फरपुर-प्रयागराज रामबाग एक्सप्रेस - 02.12.24 से 08.01.25 तक 3. गाड़ी सं. 22198 वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी)-कोलकाता एक्स. - 06.12.24 से 10.01.25 तक 4. गाड़ी सं. 22197 कोलकाता-वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी) एक्स. - 08.12.24 से 12.01.25 तक 5. गाड़ी सं. 15903 डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस - 02.12.24 से 28.02.25 तक 6. गाड़ी सं. 15904 चंडीगढ-डिब्रूगढ़़ एक्सप्रेस - 04.12.24 से 02.03.25 तक 7. गाड़ी सं. 15620 कामाख्या-गया एक्सप्रेस - 02.12.24 से 24.02.25 तक 8. गाड़ी सं. 15619 गया-कामाख्या एक्सप्रेस - 03.12.24 से 25.02.25 तक 9. गाड़ी सं. 15621 कामाख्या-आनंद विहार एक्सप्रेस - 05.12.24 से 27.02.25 तक 10. गाड़ी सं. 15622 आनंद विहार-कामाख्या एक्सप्रेस - 06.12.24 से 28.02.25 तक 11. गाड़ी सं. 12873 हटिया-आनंद विहार एक्सप्रेस - 02.12.24 से 09.01.25 तक 12. गाड़ी सं. 12874 आनंद विहार-हटिया एक्सप्रेस - 03.12.24 से 10.01.25 तक 13. गाड़ी सं. 22857 संतरागाछी-आनंद विहार एक्सप्रेस - 02.12.24 से 06.01.25 तक 14. गाड़ी सं. 22858 आनंद विहार-संतरागाछी एक्सप्रेस - 03.12.24 से 07.01.25 तक 15. गाड़ी सं. 18103 टाटा-अमृतसर एक्सप्रेस - 02.12.24 से 26.02.25 तक 16. गाड़ी सं. 18104 अमृतसर-टाटा एक्सप्रेस - 04.12.24 से 28.02.25 तक 17. गाड़ी सं. 14003 मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस - 03.12.24 से 01.03.25 तक 18. गाड़ी सं. 14004 नई दिल्ली-मालदा टाउन एक्सप्रेस - 01.12.24 से 27.02.25 तक 19. गाड़ी सं. 14524 अम्बाला-बरौनी हरिहर एक्सप्रेस - 03.12.24 से 25.02.25 तक 20. गाड़ी सं. 14523 बरौनी-अम्बाला हरिहर एक्सप्रेस - 05.12.24 से 27.02.25 तक 21. गाड़ी सं. 14618 अमृतसर-पूर्णिया कोर्ट जनसेवा एक्सप्रेस - 01.12.24 से 28.02.25 तक 22. गाड़ी सं. 14617 पूर्णिया कोर्ट-अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस - 03.12.24 से 02.03.25 तक 23. गाड़ी सं. 12327 हावड़ा-देहरादून उपासना एक्सप्रेस - 03.12.24 से 28.02.25 तक 24. गाड़ी सं. 12328 देहरादून-हावड़ा उपासना एक्सप्रेस - 04.12.24 से 01.03.25 तक (ख) परिचालन के दिनों में कमी कर के चलायी जाने वाली ट्रेनें (Reduction in Frequency of trains) :- दिनांक 01.12.2024 से 28.02.2025 तक प्रारंभिक स्टेशन (Originating station) से खुलने वाली निम्नलिखित ट्रेनों का परिचालन उनके आगे अंकित दिन को रद्द रहेगा :- 1. गाड़ी सं. 11123 ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस - प्रत्येक सोमवार एवं गुरूवार को रद्द 2. गाड़ी सं. 11124 बरौनी-ग्वालियर एक्सप्रेस- प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को रद्द 3. गाड़ी सं. 12988 अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल, गुरू एवं शनिवार को रद्द 4. गाड़ी सं. 12987 सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध, शुक्र एवं रविवार को रद्द 5. गाड़ी सं. 12505 कामाख्या-आनंद विहार नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि एवं बुधवार को रद्द 6. गाड़ी सं. 12506 आनंद विहार-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल एवं शुक्रवार को रद्द 7. गाड़ी सं. 15483 अलीपुरद्वार-दिल्ली सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध एवं शनिवार को रद्द 8. गाड़ी सं. 15484दिल्ली-अलीपुरद्वार सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस - प्रत्येक शुक्र एवं सोमवार को रद्द 9. गाड़ी सं. 12523 न्यू जलपाईगुड़ी-नई दिल्ली एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को रद्द 10. गाड़ी सं. 12524 नई दिल्ली-न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को रद्द 11. गाड़ी सं. 15909 डिब्रूगढ़-लालगढ़ अवध आसाम एक्सप्रेस - प्रत्येक शनिवार को रद्द 12. गाड़ी सं. 15910 लालगढ-डिब्रूगढ़़ अवध आसाम एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को रद्द 13. गाड़ी सं. 12529 पाटलिपुत्र-लखनऊ एक्सप्रेस - प्रत्येक सोम, मंगल एवं बुधवार को रद्द 14. गाड़ी सं. 12530 लखनऊ-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस - प्रत्येक सोम, मंगल एवं बुधवार को रद्द 15. गाड़ी सं. 15079 पाटलिपुत्र-गोरखपुर एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि, सोम, बुध एवं शुक्रवार को रद्द 16. गाड़ी सं. 15080 गोरखपुर-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि, सोम, बुध एवं शुक्रवार को रद्द 17. गाड़ी सं. 15074 टनकपुर-सिंगरौली त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को रद्द 18. गाड़ी सं. 15073 सिंगरौली-टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक गुरूवार को रद्द 19. गाड़ी सं. 15076 टनकपुर-शक्तिनगर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल एवं शनिवार को रद्द 20. गाड़ी सं. 15075 शक्तिनगर-टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध एवं रविवार को रद्द 21. गाड़ी सं. 22405 भागलपुर-आनंद विहार गरीबरथ एक्सप्रेस - प्रत्येक गुरूवार को रद्द 22. गाड़ी सं. 22406 आनंद विहार-भागलपुर गरीबरथ एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को रद्द 23. गाड़ी सं. 13019 हावड़ा-काठगोदाम एक्सप्रेस - प्रत्येक रविवार को रद्द 24. गाड़ी सं. 13020 काठगोदाम-हावड़ा एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को रद्द (ग) आंशिक रूप से रद्द ट्रेनें (Partially cancelled trains) :- 1. गाड़ी सं. 12177 हावड़ा-मथुरा जं. चंबल एक्सप्रेस- 06.12.24 से 10.01.25 तक आगरा कैंट और मथुरा जं के बीच रद्द रहेगी । 2. गाड़ी सं. 12178 मथुरा जं.-हावड़ा चंबल एक्सप्रेस- 02.12.24 से 06.01.25 तक मथुरा जं और आगरा कैंट के बीच रद्द रहेगी। पटना से मनीष प्रसाद
BULLETIN 1 :- See the list of closure and route change of Chakradharpur Division due to train accident

Due to derailment of 12810 (HWH-CSMT) JCO 29.07.2024 at BRM (TATA-CKP) Section of CKP division. The following trains are cancelled, diverted, short-terminated & short- originated.

Cancelled:

1) 13512/13511 (ASN-TATA-ASN) Exp JCO 30.07.2024 is cancelled.

2) 08650 (PRR-ADRA) MEMU JCO 30.07.2024 is cancelled. Rake is return from PRR to ADRA as empty rake.

3) 08697/08698 (JGM-PRR-JGM) MEMU JCO 30.07.2024 is cancelled.

4) 18019/18020 (JGM-DHN-JGM) MEMU Exp JCO 30.07.2024 is cancelled. 5) 18116/18115 (CKP-GMO-CKP) MEMU Exp JCO 30.07.2024 is cancelled.

6) 08647/08648 (ADRA-BBM-ADRA) JCO 30.07.2024 is cancelled

Short-terminated/short-originated:

1) 18011(HWH-ADRA-CKP) Exp JCO 30.07.25024 is short-terminated at ADRA. 2) 13301/13302 (DHN-TATA-DHN) JCO 30.07.2024 is short-terminated/short-originated at

ADRA.

3) 08173/08174 (ASN-TATA-ASN) MEMU JCO 30.07.2024 is short-terminated/short- originated at ADRA.

4) 18602 (HTE- TATA) Exp. JCO-30/07/2024 Short terminated at MURI and return E/Rake Ex MURI to HTE 18602 will remain cancelled between MURI to TATA on 30/07/2024.

5) 08152 (BRKA- TATA) Exp. JCO- 30/07/2024 is Short Terminated at MURI on 30/07/2024 and same rake will Run as 08151 passengers Ex MURI to BRKA at its Schedule time on 30/07/2024.

Diverted:

1) 13288 (ARA-DURG) Exp JCO 29.07.2024 diverted via ASN-JOC-BJE-BKSCKSX-MURI instead of ASN-JOC-PRR-CNI. 2) 13287 (DURG-ARA) Exp JCO 29.07.2024 diverted via ROU-NXN-MURI-KSX-BKSC-BJE-

JOC-ASN instead of CNI-PRR-JOC-ASN.

3) 18112 (YPR-TATA) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA NXN-HTE-MURI-KSX-PRR-TATA. 4) 20821 (PUNE-SRC) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA NXN-HTE-MURI-KSX-BKSC-BJE-ADRA-

MDN-KGP.

5)

12221 (PUNE-HWH) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA NXN-HTE-MURI-KSX-PRR-TATA.

6) 12890 (SMVB-TATA) J.C.O 29.07.24 NXN-MURI-CNI-TATA.

7) 12101 (LTT-SHM) J.C.O 28.07.24 DIVERTED VIA NXN-KSX-BKSC-BJE-ADA-MDN-KGP. 8) 12860 (HWH-CSMT) J.C.O 30.07.24 DIVERTED VIA TATA-CNI-PRR-KSX-NXN-ROU.

9) 12810 (HWH-CSMT) J.C.O 30.07.24 DIVERTED VIA KGP-MDN-ADA-BJE-BKSC-KSX-NXN- ROU.

10) 12767 (NED-SRC) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA NXN-KSX-BKSC-BJE-ADA-MDN-KGP. 11) 18477 (PURI-YNRK) J.C.O 29.07.24 DIVERTED VIA TATA-CNI-BJE-GMO-GAYA-DDU-

CAR-MKP-VGMJ(JHANSHI).

12) 12130 (HWH-PUNE) EXP. J.C.O 29.07.24, DIVERT VIA SINI-KND-PRR-HTE-NXN-ROU. 13) 12834 (HWH-ADI) J.C.O 29.07.24 VIA CNI-PRR-HTE-ROU.

14) 18029 (LTT-SHM) J.C.O 28.07.2024, VIA ROU-HTE-PRR-TATA. 15) 12859 (CSMT-HWH) J.C.O 29.07.24, VIA ROU-HTE-PRR-TATA.

16) 12833 (ADI-HWH) J.C.O 28.07. 24, VIA ROU-HTE-PRR-TATA.

17) 18005 (HWH-JDB) J.C.O 29.07.2024 VIA CNI-MURI-HTE-ROU.