माघ मेला क्षेत्र में संस्कार भारती का भूमि-पूजन कार्यक्रम संपन्न
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संजय द्विवेदी, प्रयागराज।संस्कार भारती प्रयागराज द्वारा माघमेला- 2026 के पावन-पुनीत अवसर पर माघमेला क्षेत्र में 19 जनवरी से 29 जनवरी 2026 तक आयोजित किये जाने 11 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव "अवलोकन तीरथराजु चलो रे-2026के सन्दर्भ में भूमि- पूजन कार्यक्रम मेला क्षेत्र में किला-चौराहा के निकट आवंटित भूमि पर किया गया।पंडित राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी के मंत्रोच्चार के साथ डा•ज्योति मिश्रा,अध्यक्ष महानगर इकाई ने श्रद्धा-आस्था के साथ पूजन किया।
इस अवसर पर संस्कार भारती के उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र त्रिपाठी उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज के निदेशक सुदेश शर्मा प्रो•(डा•)प्रेम कुमार मल्लिक अखिल भारतीय संगठन मंत्री अभिजीत गोखले उत्तर प्रदेश पूर्वी के क्षेत्र प्रमुख काशी प्रांत के संगठन मंत्री दीपक शर्मा डा•योगेन्द्र कुमार मिश्र"विश्वबन्धु संरक्षक महानगर इकाई महामंत्री प्रयागराज महानगर एवं मेला संयोजक विभव शंकर मिश्र कोषाध्यक्ष शम्भूनाथश्रीवास्तव काशी-प्रांत के कला-संयोजक सुशील राय लोककला संयोजक प्रेमलता मिश्रा दृश्यकला संयोजक काशी प्रांत डा•सचिन सैनी विश्वविद्यालय के महामंत्री मनीष तिवारी महानगर इकाई के दृश्य कला संयोजक एवं मीडिया प्रभारी कलाकार रवीन्द्र कुशवाहा राजनजी अध्यक्ष जिला इकाई डा•इन्दु शर्मा अध्यक्ष विश्वविद्यालय इकाई सन्तोष पाण्डेय रागिनी चन्द्रा प्रियंका चौहान आलोक मिश्रा श्रेयस शुक्ला मंजिला सक्सेना ईश्वर चन्द विश्वकर्मा अनंत अग्रवाल सत्यनारायण मौर्या बाबा (मध्य प्रदेश)थीप्ति त्रिपाठी,ज्योति मिश्रा एवं सत्यप्रकाश भारती बच्चा आदि गणमान्य उपस्थित रहे।
बैठक उपरांत माघमेला कार्यक्रम के सन्दर्भ में राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने सभी सदस्यो के साथ बैठक।











संजय द्विवेदी प्रयागराज।माइम एक सशक्त कला विधा है जो बिना शब्दो के भाव संवेदना और सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त करने की अद्भुत क्षमता रखती है।शरीर की भंगिमाओ चेहरे के भावो और मौन संवाद के माध्यम से माइम कलाकार दर्शको के हृदय तक सीधे पहुँचते है।इसी मौन की भाषा ने 27 तारीख को प्रयागराज में आयोजित माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली और स्मरणीय बना दिया।यह कार्यक्रम सांस्कृतिक संस्था अभिनव के 47 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उसके संस्थापक स्व. प्रकाश नारायण की स्मृति को समर्पित था।आयोजन के माध्यम से संस्था ने अपने संस्थापक द्वारा स्थापित कला संस्कृति और सामाजिक चेतना के मूल्यो को जीवंत रूप में मंच पर प्रस्तुत किया जो अभिनव की चार दशको से अधिक की सांस्कृतिक यात्रा और उसकी सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।असम से पधारे अंतरराष्ट्रीय माइम दिग्गज मोईनुल हक एवं उनके सहयोगी कंगकन तालुकदार के नेतृत्व में अभिनव(सांस्कृतिक संगठन) प्रयागराज द्वारा स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के प्रांगण में यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी (अवकाशप्राप्त)उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ न्यायमूर्ति राजीव मिश्र एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की गरिमामयी उपस्थिति रही।कार्यक्रम में अभिनव संस्था के पंद्रह नवयुवाओ ने सहभागिता की।प्रथम प्रस्तुति‘नारी सशक्तिकरण’विषय पर आधारित थी.जिसमें एक संघर्षशील नारी के जीवन उसके आत्मबल और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से मंच पर उकेरा गया।सरगम लता ने उस माँ की भूमिका निभाई जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी बेटी को उच्च अधिकारी बनने तक पहुँचाया।आदित्य सिंह ने लापरवाह शराबी तथा सर्वेश प्रजापति ने अय्याश अमीर की भूमिका में अपने सशक्त अभिनय से दर्शको को प्रभावित किया।दूसरी प्रस्तुति ‘यूज़ मी’के माध्यम से स्वच्छता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का सशक्त संदेश दिया गया।नेत्रहीन व्यक्ति की भूमिका में अभिषेक कुमार सिंह का अभिनय विशेष रूप से सराहनीय रहा जिसे दर्शको ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया।इसके अतिरिक्त सेल्फी के अति प्रयोग से उत्पन्न सामाजिक विकृतियो को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।इन प्रस्तुतियो में भाग लेने वाले कलाकार राहुल यादव समृद्धि गौर ऋचा शुक्ला सारिका केसरवानी संस्कृति केसरवानी निष्ठा केसरवानी गुंजन शर्मा शुभिक्षा तिवारी सहित अन्य कलाकारो ने अपने सजीव अभिनय से दर्शको को हँसाया सोचने पर विवश किया और सामाजिक चेतना की नई सीख भी दी।कार्यक्रम के समापन अवसर पर माइम महागुरु मोईनुल हक की एकल प्रस्तुतियो ने पूरे वातावरण को जीवंत और ऊर्जावान बना दिया।Childhood of Moinul. Balloonwala Moinul.I Love You Moinul Moinul in Buffet तथा Boxing Champion Moinul जैसे पांच सशक्त आइटम्स के माध्यम से उन्होंने हास्य संवेदना और सामाजिक व्यंग्य का अनुपम समन्वय प्रस्तुत किया।उनकी प्रत्येक भंगिमा भाव और मौन संवाद में वर्षों की साधना और अनुभव की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उनकी प्रस्तुति ने दर्शको को हँसाया भावुक किया और आत्ममंथन के लिए प्रेरित भी किया।अभिनय की समाप्ति पर पूरा प्रेक्षागृह खड़े होकर देर तक तालियो की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। यह दृश्य न केवल माइम महागुरु मोईनुल हक के प्रति दर्शको के अपार सम्मान और प्रेम का प्रतीक था बल्कि संस्था अभिनव द्वारा अपने संस्थापक स्व.प्रकाश नारायण की स्मृति में निरन्तर सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने के संकल्प का भी सशक्त प्रमाण बना।
पुलिस आयुक्त प्रयागराज द्वारा ब्रीफिंग के दौरान दिये गये महत्वपूर्ण निर्देश
भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।
1 hour and 40 min ago
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