माघ मेला क्षेत्र में कल्पवासियो के सुगम आगमन के लिये प्रस्तावित यातायात प्रबन्ध
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संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला-2026 पौष पूर्णिमा दिनांक 03.01. 2026 से प्रारम्भ हो रहा है।माघ मेलें में आगमन करने वाले समस्त कल्पवासियो के सुगम व सुरक्षित आवागमन हेतु निम्नानुसार मार्ग निर्धारित किये गये है-
झूँसी क्षेत्र के कल्पवासियो हेतु-
1-जौनपुर मार्ग-जौनपुर मार्ग से आने वाले समस्त कल्पवासी अपने हल्के वाहन के साथ सहसों- अन्दावा मार्ग पर रहिमापुर तिराहे से दाहिने मुड़कर ए०जे० मार्ग ओल्ड जी०टी० मार्ग से लोअर संगम मार्ग के रास्ते सम्बन्धित कल्पवास क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
2-वाराणसी मार्ग-वाराणसी मार्ग से आने वाले समस्त कल्पवासी अपने हल्के वाहन के साथ अंदावा तिराहा, कटका तिराहा से दाहिने मुड़कर ओल्ड जी०टी०मार्ग से लोअर संगम मार्ग के रास्ते सम्बन्धित कल्पवास क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
3-मिर्जापुर/चित्रकूट-रीवां मार्ग-मिर्जापुर/चित्रकूट-रीवां मार्ग से आने वाले समस्त कल्पवासी अपने हल्के वाहन के साथ लेप्रोसी चौराहा बांगड़ चौराहा जी०टी० जवाहर चौराहा फ्लाईओवर शास्त्री ब्रिज झुंसी कटका तिराहा से बाँये मुड़कर ओल्ड जी०टी० मार्ग द्वारा लोअर संगम मार्ग के रास्ते सम्बन्धित कल्पवास क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
4-कानपुर मार्ग व प्रयागराज शहर क्षेत्र मार्ग-कानपुर मार्ग व प्रयागराज शहर क्षेत्र से आने वाले समस्त कल्पवासी अपने हल्के वाहन के साथ जी०टी० जवाहर चौराहा से ओल्ड जी०टी० मार्ग थाना दारागंज के सामने से होते हुए पाण्टून पुल नं0-05 से झूसी क्षेत्र में लोअर संगम मार्ग के रास्ते सम्बन्धित कल्पवास क्षेत्र में प्रवेश कर सकेगे।
5-लखनऊ/अयोध्या/प्रतापगढ़ मार्ग-
(क)लखनऊ-अयोध्या-प्रतापगढ़ मार्ग से आने वाले समस्त कल्पवासी अपने हल्के वाहन के साथ बसना नाला पुल पारकर पुराना फाफामऊ बाजार थरवई-सहसो-अंदावा मार्ग पर रहिमापुर तिराहे से दाहिने मुड़कर ए०जे०मार्ग के रास्ते ओल्ड जी०टी० मार्ग होते हुये लोअर संगम मार्ग से सम्बन्धित कल्पवास क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
(ख)लखनऊ-अयोध्या-प्रतापगढ़ मार्ग से आने वाले समस्त कल्पवासी अपने हल्के वाहन के साथ चन्द्रशेखर आजाद सेतु को पारकर बाँये लूप (मेन्हदौरी पुलिस चौकी)रिवरफ्रण्ट मार्ग से बाँये मुड़कर पाण्टून पुल नं0-05 से झुंसी क्षेत्र से लोअर संगम मार्ग के रास्ते सम्बन्धित कल्पवास क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
(ग)लखनऊ-अयोध्या-प्रतापगढ़ मार्ग से आने वाले समस्त कल्पवासी अपने हल्के वाहन के साथ चन्द्रशेखर आजाद सेतु होते हुए एमएलएनआईटी तिराहा मजार तिराहा से बाँये मुड़कर आई०ई०आर०टी० फ्लाईओवर से रिवर फ्रण्ट मार्ग द्वारा बाँये मुड़कर पाण्टून पुल नं0-05 से झूसी क्षेत्र के लोअर संगम मार्ग से सम्बन्धित कल्पवास क्षेत्र में प्रवेश कर सकेगे।
अरैल क्षेत्र के कल्पवासियो हेतु-जो कल्पवासी माघ मेला सेक्टर नं0 07 में रहकर कल्पवास करना चाहते हैं वह लेप्रोसी चौराहा तक पहुँचकर नवप्रयागम अप्रोच मार्ग द्वारा अरैल बाँध मार्ग से सोमेश्वर महादेव रैम्प व महाकाल रैम्प से नीचे उतारने के उपरान्त अपने कैम्पो तक जा सकेंगे।
परेड क्षेत्र के कल्पवासियो हेतु-जो कल्पवासी माघ मेला सेक्टर नं0-01 व 02 में रहकर कल्पवास करना चाहते हैं वह जी०टी० जवाहर व हर्षवर्धन चौराहा से काली मार्ग द्वारा अपने कैम्पों तक जा सकेंगे।
समस्त कल्पवासियो से अनुरोध है कि मेला क्षेत्र में सुगम आवागमन के लिये उक्त निर्धारित मार्ग का ही प्रयोग करें तथा अपने कैम्पो में पहुँचकर अपना सामान उतारने के पश्चात वाहन को नजदीकी निर्धारित पार्किंग में पार्क करे जिससे मेला क्षेत्र के मार्गों पर सुगम व सुरक्षित आवागमन बना रहे।


संजय द्विवेदी प्रयागराज।माइम एक सशक्त कला विधा है जो बिना शब्दो के भाव संवेदना और सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त करने की अद्भुत क्षमता रखती है।शरीर की भंगिमाओ चेहरे के भावो और मौन संवाद के माध्यम से माइम कलाकार दर्शको के हृदय तक सीधे पहुँचते है।इसी मौन की भाषा ने 27 तारीख को प्रयागराज में आयोजित माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली और स्मरणीय बना दिया।यह कार्यक्रम सांस्कृतिक संस्था अभिनव के 47 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उसके संस्थापक स्व. प्रकाश नारायण की स्मृति को समर्पित था।आयोजन के माध्यम से संस्था ने अपने संस्थापक द्वारा स्थापित कला संस्कृति और सामाजिक चेतना के मूल्यो को जीवंत रूप में मंच पर प्रस्तुत किया जो अभिनव की चार दशको से अधिक की सांस्कृतिक यात्रा और उसकी सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।असम से पधारे अंतरराष्ट्रीय माइम दिग्गज मोईनुल हक एवं उनके सहयोगी कंगकन तालुकदार के नेतृत्व में अभिनव(सांस्कृतिक संगठन) प्रयागराज द्वारा स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के प्रांगण में यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी (अवकाशप्राप्त)उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ न्यायमूर्ति राजीव मिश्र एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की गरिमामयी उपस्थिति रही।कार्यक्रम में अभिनव संस्था के पंद्रह नवयुवाओ ने सहभागिता की।प्रथम प्रस्तुति‘नारी सशक्तिकरण’विषय पर आधारित थी.जिसमें एक संघर्षशील नारी के जीवन उसके आत्मबल और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से मंच पर उकेरा गया।सरगम लता ने उस माँ की भूमिका निभाई जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी बेटी को उच्च अधिकारी बनने तक पहुँचाया।आदित्य सिंह ने लापरवाह शराबी तथा सर्वेश प्रजापति ने अय्याश अमीर की भूमिका में अपने सशक्त अभिनय से दर्शको को प्रभावित किया।दूसरी प्रस्तुति ‘यूज़ मी’के माध्यम से स्वच्छता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का सशक्त संदेश दिया गया।नेत्रहीन व्यक्ति की भूमिका में अभिषेक कुमार सिंह का अभिनय विशेष रूप से सराहनीय रहा जिसे दर्शको ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया।इसके अतिरिक्त सेल्फी के अति प्रयोग से उत्पन्न सामाजिक विकृतियो को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।इन प्रस्तुतियो में भाग लेने वाले कलाकार राहुल यादव समृद्धि गौर ऋचा शुक्ला सारिका केसरवानी संस्कृति केसरवानी निष्ठा केसरवानी गुंजन शर्मा शुभिक्षा तिवारी सहित अन्य कलाकारो ने अपने सजीव अभिनय से दर्शको को हँसाया सोचने पर विवश किया और सामाजिक चेतना की नई सीख भी दी।कार्यक्रम के समापन अवसर पर माइम महागुरु मोईनुल हक की एकल प्रस्तुतियो ने पूरे वातावरण को जीवंत और ऊर्जावान बना दिया।Childhood of Moinul. Balloonwala Moinul.I Love You Moinul Moinul in Buffet तथा Boxing Champion Moinul जैसे पांच सशक्त आइटम्स के माध्यम से उन्होंने हास्य संवेदना और सामाजिक व्यंग्य का अनुपम समन्वय प्रस्तुत किया।उनकी प्रत्येक भंगिमा भाव और मौन संवाद में वर्षों की साधना और अनुभव की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उनकी प्रस्तुति ने दर्शको को हँसाया भावुक किया और आत्ममंथन के लिए प्रेरित भी किया।अभिनय की समाप्ति पर पूरा प्रेक्षागृह खड़े होकर देर तक तालियो की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। यह दृश्य न केवल माइम महागुरु मोईनुल हक के प्रति दर्शको के अपार सम्मान और प्रेम का प्रतीक था बल्कि संस्था अभिनव द्वारा अपने संस्थापक स्व.प्रकाश नारायण की स्मृति में निरन्तर सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने के संकल्प का भी सशक्त प्रमाण बना।
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