प्रयागराज पुस्तक मेले का दसवां दिन।
भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।
समापन की ओर बढ़ा ग्यारह दिवसीय पुस्तक मेला।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ चला है।शनिवार को मेले का दसवां दिन रहा जबकि रविवार को इसका समापन होगा।दसवे दिन भी पुस्तक प्रेमियो का उत्साह देखते ही बना।बड़ी संख्या में पाठक मेले में पहुंचे और पुस्तकों के प्रति उनका गहरा लगाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन(लक्ष्मी टॉकीज के सामने) में आयोजित इस पुस्तक मेले में हिन्दी पुस्तको की जमकर बिक्री हुई।मुंशी प्रेमचंद मंटो और रवीन्द्रनाथ टैगोर सहित अनेक साहित्यकारो की कहानियो के चित्रकथा संस्करण बच्चो को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे है।मेले में उमड़ी भीड़ के बीच यह तथ्य उभरकर सामने आया कि प्रयागराज (इलाहाबाद)और उससे जुड़े विषयों पर आधारित पुस्तकों का आकर्षण आज भी बना हुआ है।युवा पाठक 1949 में प्रकाशित धर्मवीर भारती के चर्चित उपन्यास गुनाहों के देवता को खोजते और खरीदते नजर आए।युवाओ का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस पुस्तक की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है।इसी क्रम में हाल ही में दिवंगत साहित्यकार विनोद शुक्ल का 1979 में प्रकाशित उपन्यास दीवार में एक खिड़की रहती थी भी पाठको विशेषकर युवाओं को खूब लुभा रहा है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से जुड़े मानव कौल के यात्रा-वृत्तांत/उपन्यास को भी पाठकों ने खास पसंद किया।नए लेखको में दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन’मुसाफिर कैफे तथा प्रेम शंकर चरवाना की ‘सरकारी चाय के लिए जैसी पुस्तकों की मांग बनी रही।वही ‘राग दरबारी‘दिल्ली दरबार’ तथा मुंशी प्रेमचंद के‘गोदान गबन‘सेवासदन’और‘निर्मला आज भी पाठकों की पहली पसंद बनी हुई है।बी.ए. के छात्र नितिन ने बताया कि वे और उनके मित्र सोशल मीडिया के माध्यम से पहले से ही पुस्तको की जानकारी जुटा लेते हैं और पुस्तक मेला लगते ही अपनी पसंद की किताबें खरीदते है।आयोजक मनोज सिंह चन्देल एवं सह-आयोजक मनीष गर्ग ने संयुक्त रूप से बताया कि फोर्स वन बुक्स द्वारा बुकवाला के सहयोग से शनिवार को प्रयागराज पुस्तक मेले में डॉ. पन्ना लाल तथा डॉ.अजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तको भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक और कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस”का विमोचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह रहे जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस.एन.चक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।अतिथियो ने लेखको को बधाई देते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस के अनुभवों पर आधारित ऐसी पुस्तकें समाज को सही दृष्टि और ऐतिहासिक समझ प्रदान करती हैं तथा ऐसे साहित्यिक आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए।प्रयागराज पुस्तक मेला 2025 के अंतर्गत आयोजित एक अन्य समारोह में पुस्तक के लेखक अनूप कुमार गुप्ता(आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र वर्तमान में ओएनजीसी में कार्यरत)है।यह पुस्तक UPSC, IIT-JEE, State PCS और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियो के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका है।पुस्तक के शोध कार्य में भारतीय वायुसेना में सेवारत पंकज कुमार गुप्ता का विशेष योगदान रहा।इसी क्रम में प्रयागराज पुस्तक मेले में साहित्य भण्डार द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कवि एवं आलोचक प्रो.प्रभाकर सिंह की आलोचनात्मक पुस्तक आलोचना के दायरे”के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रो. सन्तोष भदौरिया ने की।आमंत्रित वक्ता डॉ.लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने पुस्तक का परिचय देते हुए बताया कि यह कृति तीन खण्डो— कवि और कविताई‘कथा और कथेतर तथा आलोचना और विचार—में विभाजित है और समकालीन आलोचनात्मक विमर्श को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ.अमृता ने कहा कि प्रो.प्रभाकर सिंह अपनी कविता और आलोचना के माध्यम से भारतीय भाषाओं के लोकपक्ष और नारीवादी सौन्दर्यशास्त्र को प्रमुखता देते है।अपने वक्तव्य में प्रो.प्रभाकर सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में इतिहास-बोध के सहारे आलोचनात्मक लेखो का संकलन किया गया है।अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो.सन्तोष भदौरिया ने पुस्तक को छात्रो और शोधार्थियो के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.अमरजीत राम ने किया।इस अवसर पर डॉ.शांति चौधरी डॉ.मोतीलाल डॉ.अनिल सिंह वर्षा अग्रवाल सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।![]()
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भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।

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माघमेला में प्राथमिकता कल्पवासी व तीर्थपुरोहित होना चाहिए-पूर्व सांसद/मन्त्री
संजय द्विवेदी प्रयागराज।केसरवानी वैश्य सभा के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय साहित्य कला विज्ञान नृत्य प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि महापौर गणेश केसरवानी ने कहा कि केसरवानी वैश्य सभा इस प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओ को राष्ट्रीय चेतना से जोड़ने का कार्य कर रही है जो अत्यंत सराहनीय कार्य है उन्होने कहा कि केसरवानी वैश्य समाज का बच्चा जब बाहर निकल कर खुले मंच पर जाता है तो उसे कडी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है इस प्रकार की प्रतियोगिताएं उन्हे उस प्रतियोगिता में लड़ने की शक्ति प्रदान करती है उनकी सोच उनके चिन्तन उनकी आत्म शक्ति उनकी प्रतिभा को बढ़ाने और निखारने का कार्य करती है और उनके अन्दर रचनात्मकता को कूट-कूट कर भरने का कार्य करती है।महापौर गणेश केसरवानी ने कहा कि हमारे प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का विजन 2047 में आत्मनिर्भर भारत बनाने का इसके लिए हमारी अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत और गतिशील होनी चाहिए और उसे मजबूती और गतिशीलता देश का युवा ही दे सकता है और युवाओ की सोच को प्रतिभा को बढ़ाने का काम ही इस प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओ को आगे ओर बढ़ाया जाएगा।सभा को सम्बोधित करने के महापौर ने दीप प्रज्ज्वलित कर और मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन किया।उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए केसरवानी वैश्य सभा के पूर्व अध्यक्ष राम केसरवानी ने कहा कि हमारी सभा 28 वर्षो में निरन्तर इस प्रतियोगिता आयोजन करती आ रही है इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम अपने समाज के बच्चो को उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए एक मंच प्रदान करते है।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।करेली इलाके में काली माई मंदिर के पास उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई।गोली लगते ही महिला की मौके पर ही मौत हो गई।मृतक का नाम अर्शिया खातून 50 वर्षीय बताया जा रहा है पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हत्या का आरोप महिला के दामाद पर है जिसने कथित तौर पर अपनी सास को गोली मारी।वारदात के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।करेली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी दामाद की तलाश शुरू कर दी गई है।हत्या के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नही है लेकिन पारिवारिक विवाद की आशंका जताई जा रही है यह घटना सिर्फ एक हत्या नही बल्कि घरेलू रिश्तों में बढ़ती हिंसा की भयावह तस्वीर पेश करती है।जिस रिश्ते में भरोसा और सम्मान होना चाहिए उसी रिश्ते में बन्दूक का इस्तेमाल समाज के लिए गम्भीर चेतावनी है पारिवारिक विवाद अगर समय रहते सुलझाए जाएं तो ऐसी घटनाओ को रोका जा सकता है।
2 hours and 52 min ago
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