राजमिस्त्री का बेटा खेलेगा आईपीएल
पंजाब किंग्स ने विशाल निषाद को 30 लाख में खरीदा, संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक कहानी गोरखपुर।गोरखपुर के लिए यह गर्व का क्षण है। एक साधारण परिवार से निकलकर गोरखपुर के युवा क्रिकेटर विशाल निषाद ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है। आईपीएल ऑक्शन में पंजाब किंग्स (PBKS) ने विशाल निषाद को उनकी बेस प्राइस 30 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया। 21 वर्षीय विशाल एक राइट आर्म मिस्ट्री स्पिन गेंदबाज हैं और अपनी घातक गेंदबाजी के लिए पहचाने जाते हैं। विशाल निषाद बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह राजघाट थाना क्षेत्र के जंगल अयोध्या प्रसाद लहसड़ी गांव के निवासी हैं। उनके पिता उमेश निषाद पेशे से राजमिस्त्री हैं, जबकि मां सुनीता देवी गृहिणी हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद विशाल ने कभी अपने सपनों से समझौता नहीं किया। वह कई बार अपने पिता के साथ मजदूरी के काम में हाथ बंटाते थे, लेकिन दिल में क्रिकेटर बनने का जज्बा हमेशा जिंदा रहा। विशाल की मेहनत और लगन को देखते हुए उनके पिता ने सीमित आय के बावजूद क्रिकेट प्रशिक्षण दिलाने का साहसिक निर्णय लिया। क्रिकेट अकादमी की फीस, किट और आने-जाने के खर्चों को किसी तरह पूरा किया गया। माता-पिता के इस संघर्ष और समर्थन ने विशाल को आगे बढ़ने की ताकत दी। विशाल ने यूपी-टी20 लीग में गोरखपुर लायंस की ओर से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। इसी दौरान उन्होंने अनुभवी बल्लेबाज नीतीश राणा को पवेलियन भेजकर क्रिकेट विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनकी जादुई मिस्ट्री स्पिन गेंदबाजी के चलते यह माना जाने लगा था कि आईपीएल में उन पर जरूर बोली लगेगी। वर्तमान में विशाल संस्कृति क्रिकेट एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं, जहां उन्हें कोच कल्याण सिंह का मार्गदर्शन मिल रहा है। कोच का कहना है कि विशाल में एक बड़े खिलाड़ी बनने की पूरी क्षमता है और आने वाले समय में वह पंजाब किंग्स के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। आईपीएल में चयन की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने मिठाइयां बांटी और विशाल की सफलता को संघर्ष और मेहनत की जीत बताया। विशाल निषाद आज हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
झुग्गी-झोपड़ीवासियों के वेरिफिकेशन से मचा हड़कंप

*फुटपाथ दुकानदारों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, प्रशासन ने स्पष्ट की स्थिति*

गोरखपुर। शहर के विभिन्न इलाकों—जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने, रेलवे स्टेशन के सामने सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर अवैध तरीके से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों और फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे इन लोगों के बारे में न तो यह स्पष्ट है कि वे किस जनपद, किस प्रदेश अथवा किस देश के निवासी हैं और न ही अब तक उनका समुचित सत्यापन किया गया है। शासन के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा वेरिफिकेशन अभियान शुरू होते ही इन झुग्गी-झोपड़ीवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इसी क्रम में आज सैकड़ों महिलाएं और पुरुष जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और डीएम कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी (डे अफसर) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वे लोग माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय, कैंपस रोड के पास प्रत्येक मंगलवार को अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे, लेकिन अब पुलिस द्वारा उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि उन्हें किस कारण से हटाया जा रहा है, जिससे उनमें भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। डीएम कार्यालय में मौजूद ड्यूटी अफसर ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन शहर में अवैध रूप से रह रहे लोगों का सत्यापन कर रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो भी व्यक्ति जिस जनपद, प्रदेश या स्थान का निवासी है, उसका वैध साक्ष्य पुलिस विभाग को उपलब्ध कराए। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद वे नियमानुसार अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी चला सकते हैं और किसी को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने और रेलवे स्टेशन के आसपास वर्षों से बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद अब तक उनका विधिवत सत्यापन नहीं कराया गया। अब जब शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है और पहचान व पते की जांच शुरू की गई है, तो स्वाभाविक रूप से इन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जांच के दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने कथित तौर पर फर्जी तरीके से अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा लिए हैं। डीएम कार्यालय पहुंचे कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास राशन कार्ड है और वोटर लिस्ट में भी उनका नाम दर्ज है। किसी ने खुद को गुजरात का निवासी बताया, तो किसी ने मेरठ अथवा अन्य जनपदों का रहने वाला होने की बात कही। अलग-अलग बयानों से प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि आखिर इन लोगों ने राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र किस आधार पर और किन प्रक्रियाओं के तहत बनवाए। इसके लिए संबंधित विभागों से रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता या फर्जीवाड़ा सामने आता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि किसी को भी बिना कारण परेशान करने का उद्देश्य नहीं है, लेकिन शहर की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि शहर में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि स्पष्ट हो। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र लोगों को नियमों के तहत जीवनयापन करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह मामला गोरखपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक जांच के नतीजों पर सबकी नजर टिकी है।
काकोरी ट्रेन एक्शन नायकों की स्मृति में ‘शहादत से शहादत तक’ तीन दिवसीय आयोजन
गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।
*विशेष रोल प्रेक्षक ने एसआईआर कार्यों की समीक्षा की*
*शहर विधानसभा क्षेत्र के निरीक्षण में निर्वाचन आयोग के ऑब्जर्वर ने जताई संतुष्टि*


गोरखपुर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त विशेष रोल प्रेक्षक सिद्धार्थ जैन आईएएस, संयुक्त सचिव सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने गोरखपुर जनपद के शहर विधानसभा क्षेत्र में चल रहे एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) एवं एआईआर (एनुअल इंटेंसिव रिवीजन) कार्यों का निरीक्षण एवं समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शहर विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 302, 303, 304 एवं 305 स्थित सेंट एंड्रयूज कॉलेज पहुंचकर बीएलओ द्वारा किए जा रहे कार्यों की गहन जांच की। निरीक्षण के समय बीएलओ इंदु श्रीवास्तव, पूनम गुप्ता, ज्योति सिंह एवं स्वाति सोनकर द्वारा मतदाता सूची से संबंधित किए जा रहे सत्यापन, संशोधन एवं अद्यतन कार्यों की जानकारी प्रेक्षक को दी गई। विशेष रोल प्रेक्षक ने घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन, नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, मृतक एवं स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने तथा फार्मों के निस्तारण की प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने मौके पर उपस्थित मतदाताओं से भी बातचीत कर कार्यों की प्रगति एवं पारदर्शिता की जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान एडीएम वित्त विनीत सिंह, उप जिलाधिकारी सदर दीपक गुप्ता, राजू सिंह, धनंजय कुमार श्रीवास्तव सहित भाग संख्या 301 से 310 तक के सुपरवाइजर तथा बड़ी संख्या में बीएलओ एवं मतदाता उपस्थित रहे। अधिकारियों ने शहर विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किए जा रहे कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। विशेष रोल प्रेक्षक सिद्धार्थ जैन ने शहर विधानसभा क्षेत्र में एसआईआर एवं एआईआर के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने बीएलओ की सक्रियता और मतदाताओं की सहभागिता की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि सभी पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में अनिवार्य रूप से शामिल हो तथा किसी भी प्रकार की त्रुटि न रहे। उन्होंने समयबद्ध, निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से कार्य पूर्ण करने पर विशेष जोर दिया। शहर विधानसभा क्षेत्र के निरीक्षण से पूर्व विशेष रोल प्रेक्षक ने बांसगांव विधानसभा क्षेत्र का भी भ्रमण किया। वहां उन्होंने बीएलओ एवं मतदाताओं से सीधा संवाद कर एसआईआर कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मतदाता जागरूकता बढ़ाने तथा लोगों को मतदान के अधिकार के प्रति प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बांसगांव समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व कौड़ीराम पीएचसी पर काम रोको हड़ताल, सभा का हुआ आयोजन

गोरखपुर। राज्य स्तरीय हड़ताल के तहत बांसगांव समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व कौड़ीराम पीएचसी पर काम रोको हड़ताल, सभा आयोजित की गई। राज्य स्तरीय हड़ताल के आह्वान आशा वर्कर यूनियन ने किया। जो 15,16,17,18 तक चलेगा ।आज पहले दिन बांसगांव समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व कौड़ी राम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आशा एवं आशा संगिनियों द्वारा काम रोको हड़ताल सफलतापूर्वक की गई। हड़ताल के दौरान आशा कर्मियों की ज्वलंत मांगों को लेकर एक सभा का आयोजन भी किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के जिला सचिव राकेश सिंह ने कहा कि आशा आज कि हड़ताल से डरी प्रदेश कि योगी सरकार डर कर प्रदेश भर में हड़ताल पर 6 माह के लिए प्रतिबन्ध  लगाकर मेहनतकश और महिलाओं विरोधी चरित्र को उजागर करता है उन्होंने कहा कि आशा स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं, लेकिन सरकार उनसे स्थायी कर्मचारी जैसा काम लेकर मानदेय के नाम पर शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि आशा कर्मियों को मानदेय नहीं बल्कि नियमित कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए उन्होंने कहा कि अगर योगी सरकार दमन के द्वारा आशा कर्मियों के आंदोलन को दबाने की कोशिश करती है तो भाकपा-माले आशा वर्कर के साथ खड़ी है।

सभा की अध्यक्षता कौड़ी राम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की अध्यक्ष आशा गुप्ता मालती देवी निरज मिश्रा सबनम योशोधरा तिपाणी  ने की। सभा को संबोधित करते हुए बांसगांव की आशा नेता पुष्पा राय निशा शुक्ल अंजु अनुराधा गीता राय संध्या भारती प्रेम शीला रेनू मिश्रा रिता  ने कहा कि वर्षों से आशा कर्मी अल्प मानदेय, लंबित भुगतान और असुरक्षित कार्य परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं। सरकार को उनकी सभी मांगों पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए। हड़ताल और सभा के माध्यम से मांग की गई कि आशा एवं आशा संगिनियों को नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, मानदेय में बढ़ोतरी की जाए, लंबित भुगतान तत्काल किया जाए तथा सभी श्रम और सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

हड़ताल में विनीता सरोज पांडे मंजू शर्मा तारासिंह पुष्पा सोना देवी उषा देवी धनराशि वंदना वंदना दुबे अनीता पुष्पा गौड पुष्पा पांडे सुनीता गीता देवी संध्या सिंह आज आशा बहू शामिल थी।
14 दिसंबर 2025 की रात्रि को दिखाई देंगे टूटते हुए तारे / उल्का वृष्टि

अलविदा होते हुए वर्ष 2025 में अंतरिक्ष प्रेमियों को मिलेगा एक और शानदार खगोलीय घटना देखने का मौका


गोरखपुर।खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि पृथ्वी  अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है और पृथ्वी अपने अक्ष पर सतत  घूमते हुए सूर्य का चक्कर भी लगाती है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने के  कारण ही हमें दिन और रात का अनुभव होता है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने को घूर्णन ( रोटेशन) कहा जाता है, और पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने को परिभ्रमण ( रिवोल्यूशन) कहा जाता है, पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाले समय को हम बर्ष कहते हैं, जब पृथ्वी अपने वार्षिक परिभ्रमणीय यात्रा के दौरान सूर्य का चक्कर लगाते हुए  किसी धूमकेतु द्वारा जोकि लंबी दीर्घब्रत्ताकर कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं उनसे निकले हुए छोटे एवं बड़े कण उनकी कक्षाओं में चक्कर लगाते रहते हैं उनके द्वारा छोड़े गए मलबे से गुजरती है तो उसी दौरान छोटे, बड़े आकार के ये टुकड़े जो कि कंकड़ पत्थर, जलवाष्प, गैसों ,धूल कणों आदि के बने हुए होते हैं ।

ये अंतरिक्षीय मलबे के टुकड़े जब पृथ्वी के वायुमंडल में अचानक से दाखिल होने पर गुरूत्वाकर्षण बल और वायुमंडलीय घर्षण के कारण क्षण भर के लिए चमक लिए जल उठते हैं और रात्रि के आकाश में चमकते हुए दिखाई देते हैं और फिर कुछ समय में ही गायब हो जाते हैं , उसे ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्का और सामान्य भाषा में टूटता हुआ तारा ( शूटिंग स्टार) कहा जाता है जिनकी गति लगभग 70 किलोमीटर प्रति सेकंड से भी अधिक हो सकती है, इसी वजह से अधिकांश उल्काएं 130 से 180 किलोमीटर की ऊंचाई पर ही जलकर राख हो जाती हैं।

यही आकाश में टूटते हुए तारों का आभास कराते हैं, जिन्हें ही आम बोलचाल की भाषा में टूटते हुए तारे भी कहा जाता है, जबकि बास्तब में ये टूटते हुए तारे नहीं होते हैं, इन्हें ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्काएं कहा जाता है, जो कि वैसे तो छिटपुट तौर से तो वर्षभर होता रहता है लेकिन ये कुछ  ख़ास महीनों में ज्यादा नज़र आती हैं, जैसे दिसम्बर में होने वाली मिथुन (जैमिनिड्स ) उल्का वृष्टि उनमें से एक महत्वपूर्ण उल्का बर्षा होती है।

कब दिखाई देंगी उल्काएं _ खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो लगभग रात्रि आठ बजे के बाद से ही यह नज़ारा दिखना शुरू हो जाएगा लेकिन गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में 14 दिसंबर 2025 की मध्य रात्रि से चार बजे भोर तक यह उल्का ब्रष्टि का नज़ारा बेहद ही शानदार नज़र आएगा, दिसंबर माह में होने बाली उल्का ब्रष्टि को जैमिनिड्स ( मिथुन ) उल्का ब्रष्टि कहा जाता है, क्योंकि यह उल्काएं मिथुन (जेमिनी) तारामंडल से आती हुई दिखाई देती हैं, उल्काएं जिस तारामंडल के बिंदु की तरफ़ से आती हुई दिखाई देती हैं उसे खगोल विज्ञान की भाषा में मीटियर रेडिएंट प्वाइंट ( उल्का बिकीर्णक बिंदु) कहा जाता है ।

मगर यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि किसी तारामंडल के एक बिंदु से उल्काओँ के बिकीर्णन का यह नज़ारा सिर्फ़ एक दृष्टि भ्रम है, वास्तव में तारे हमसे बहुत दूर हैं, लेकिन उल्काएं करीब 100 से 120 किलोमीटर ऊपर ही बायुमंडल में पहुंचने पर उद्दीप्त हो जाती हैं, वैसे तो उल्का ब्रष्टि किसी न किसी धूमकेतु से ही संबन्धित होती हैं, लेकिन दिसंबर माह के मिथुन (जैमिनिड्स) उल्का ब्रष्टि के सम्बंध में सबसे अनोखी बात यह है कि ये किसी धूमकेतु (Comet) से नहीं, बल्कि एक क्षुद्रग्रह 3200 फेथॉन (Asteroid 3200 Phaethon) से आती हैं। इसे दुनिया की उन गिनी-चुनी उल्का वर्षाओं में शामिल करता है, जिनका स्रोत क्षुद्रग्रह (asteroid ) है, न कि धूमकेतु (comet )से। यह इसको और ख़ास बनाती है।

क्या है खासियत और कितनी उल्काएं दिखेंगी इस बार_खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस बार दिसंबर 14 की रात्रि में गोरखपुर से एक घण्टे में कम से कम लगभग 40–70 उल्काएँ/घंटा भी दिख सकती हैं जबकि इनका दिखना मौसमी घटनाओं पर भी निर्भर करता है,

कब से कब तक होता है यह अनोखा नज़ारा _ इस बर्ष दिसंबर माह में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में 14 तारीख की रात्रि के दौरान यह उल्का ब्रष्टि अपने चरम सीमा पर होंगी, जिस से इन उल्काओं की ब्रष्टि को और भी अच्छे से देखा जा सकता है,

आकाश में किस तरफ़ से आती हुई दिखाई देंगी उल्काएं _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो आकाश में किसी भी दिशा से आती हुई दिख सकती हैं, लेकिन दिसंबर माह में होने वाली उल्का मिथुन (जैमिनिड्स) उल्का ब्रष्टि को देखने के लिए आपको रात्रि के आकाश में उत्तर-पूर्व (North-East) से शुरुआत कर सकते हैं, फिर पूरा आसमान में देखें लेकिन आकाश में उत्तर-पूर्व दिशा की ओर से आती हुई कुछ ज्यादा दिखाई देंगी , और इनकी दृश्यता भी उच्च कोटि की होगी,

कैसे देखें _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि आप रात्रि के आकाश का अनुसरण करें और इन्हें देखने के लिए बिना किसी ख़ास दूरबीन या बायनोक्यूलर्स या अन्य सहायक उपकरणों के भी यह नज़ारा स्पष्ट दिखाई देगा, इसके लिए किसी भी प्रकार के खास उपकरणों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी,आप सीधे तौर पर अपने घरों से ही किसी भी साफ़ स्वच्छ अंधेरे वाली जगह से सावधानी पूर्वक ही अपनी साधारण आंखों से ही इस नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं, शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रकाश प्रदूषण होने के कारण कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले लोगों को यह नज़ारा और भी मनोहारी दृश्य जैसा दिखाई देगा,
नोट _ध्यान रखें यदि अचानक से बादल, आंधी, बरसात , तूफ़ान आदि की स्थिति उत्पन्न होती हैं तो यह खूबसूरत नज़ारा दिखाई देना कठिन भी हो सकता है।
बीएलओ/बीएलए की बैठक सदर तहसील सभागार में, मतदाता सूची की गहन जांच के निर्देश

गोरखपुर। विशेष पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत तहसील सभागार में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) एवं बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसडीएम सदर दीपक गुप्ता ने की। बैठक में नायब तहसीलदार आकांक्षा पासवान सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में एसडीएम सदर दीपक गुप्ता ने बीएलओ एवं बीएलए को निर्देशित किया कि मतदाता सूची का गहन एवं निष्पक्ष सत्यापन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सूची के आधार पर यह जांच की जाए कि कितने मतदाता अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके हैं, कितने मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है तथा कितने मतदाताओं के नाम दो अलग-अलग स्थानों पर दर्ज हैं। ऐसे सभी मामलों की स्थलीय जांच कर समयबद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

बैठक के दौरान बीएलओ/बीएलए को संबंधित मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराई गई। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि विशेष पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी और सूची को पूरी तरह त्रुटिरहित बनाया जाएगा।

इसी क्रम में निर्वाचन कार्यालय द्वारा बीएलए विवरण संकलन की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। इसके लिए निर्धारित प्रपत्र जारी किए गए हैं, जिनमें प्रत्येक मतदेय स्थल पर नियुक्त बीएलए की पूरी जानकारी भरकर जमा करना अनिवार्य होगा।

निर्वाचन विभाग के अनुसार प्रपत्र में बीएलए के हस्ताक्षर, नाम/पदनाम, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का नाम तथा संबंधित मतदेय स्थल की संख्या व नाम स्पष्ट रूप से अंकित किया जाना आवश्यक है। एक ही मतदेय स्थल पर अधिकृत एजेंटों की सूची अलग-अलग क्रमांक में भरी जाएगी, ताकि सत्यापन प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे।

प्रपत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि मतदाता सूची से संबंधित कार्यों—जैसे नाम जोड़ना, संशोधन, विलोपन एवं अन्य दावे-आपत्तियों—के लिए अधिकृत एजेंटों की सूची समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराना आवश्यक है। अधिकारियों ने कहा कि अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और पारदर्शी बनाना है, जिसमें बीएलओ और बीएलए की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन: मुख्यमंत्री योगी ने पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाया

गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को गोरखपुर दौरे पर गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और वहां आयोजित जनता दर्शन में आम जनता की समस्याएं सुनीं। करीब 200 लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपने मुद्दे साझा किए, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक रही।जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और हर समस्या का त्वरित समाधान कराने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि किसी को परेशान होने या चिंता करने की जरूरत नहीं है।

संपत्ति और हिंसा से जुड़े मामलों में कड़ा रुख

कुछ लोगों ने जमीन पर अवैध कब्जे और मकान जलाने की शिकायतें प्रस्तुत कीं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कठोर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को सौंपते हुए उन्होंने कहा कि हर शिकायत का निस्तारण तेज, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिप्रद होना चाहिए।

स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता पर विशेष ध्यान

जनता दर्शन में कई लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाज में धन की कमी रोक नहीं बनेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल के इस्तीमेट की प्रक्रिया जल्द पूरी कर शासन को भेजी जाए। जरूरत पड़ने पर विवेकाधीन कोष से पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

गोसेवा और प्राकृतिक प्रेम की झलक

जनता दर्शन से पूर्व मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर की गोशाला में गायों को गुड़-रोटी खिलाई और मोर को अपने हाथों से दाना दिया। मंदिर परिसर में गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा के समक्ष शीश झुकाने के बाद मुख्यमंत्री ने परंपरागत दर्शन पूजन किया। मुख्यमंत्री की इस सरल और स्नेहिल दिनचर्या को देखकर वहां मौजूद लोग खुश नजर आए।इस दौरे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता के करीब पहुंचकर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनने और त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का संदेश दिया।

काटन–रोधी परियोजनाओं पर ग्राम डुमरी में बाढ़ खंड गोरखपुर की चौपाल सम्पन्न

ग्राम डुमरी, जनपद गोरखपुर। कटान–रोधी परियोजनाओं को लेकर बाढ़ खंड गोरखपुर द्वारा ग्राम डुमरी में आज 02.12.2025 को चौपाल आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता गंडक बाढ़ मंडल गोरखपुर के अधीक्षण अभियंता के.पी. सिंह ने की। अधीक्षण अभियंता ने ग्रामीणों को वर्ष 2025–26 में प्रस्तावित नई परियोजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि ग्राम पंचायत डुमरी में दो महत्वपूर्ण कार्यों की योजना तैयार की गई है।

अधीक्षण अभियंता ने बताया कि पहला कार्य ग्राम हथियापरास के पास स्थित बखरिया रिंग तटबंध पर प्रस्तावित है, जहाँ कुल 660 मीटर लंबाई में सुरक्षा कार्य किया जाएगा। इसमें 310 मीटर में बोल्डर कार्य तथा 350 मीटर में पर्कयूपाइन लगाने की योजना है। यह कार्य नदी कटान को नियंत्रित करने तथा तटबंध को सुरक्षित करने में सहायक होगा।

दूसरी परियोजना में डुमरी गांव के पास 430 मीटर लंबाई में पर्कयूपाइन लगाने एवं दो अदद कटर निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार यह कार्य क्षेत्र में हो रहे निरंतर कटान को रोकने तथा नदी की धारा को संतुलित रखने में मदद करेगा।

चौपाल में ग्राम प्रधान वीरेंद्र कुमार, भाजपा के वरिष्ठ नेता हरि जी पांडे, भाजपा मंडल अध्यक्ष मुकेश चौधरी, अन्य जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने प्रस्तावित परियोजनाओं का स्वागत करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र को दीर्घकालिक बाढ़ सुरक्षा मिलेगी।

विभागीय टीम से जूनियर इंजीनियर डी.एन. कुशवाहा तथा विवेक कुमार चौहान व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।ग्रामीणों ने सरकार एवं बाढ़ खंड गोरखपुर द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।

*गोरखपुर में मतदाता सूची सुधार अभियान तेज़ : 51% इंस्टॉजेशन पूरा, 46% गणना प्रपत्र फीड; ऑनलाइन पोर्टल भी हुआ सक्रिय*

गोरखपुर। मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम को गति देने के लिए जिलाधिकारी दीपक मीणा ने शुक्रवार को विस्तृत कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता कर अब तक की प्रगति, चुनौतियों और आगामी कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी दी। डीएम ने बताया कि कुल 51 प्रतिशत इंस्टॉजेशन कार्य पूरा कर लिया गया है, जिसमें 46 प्रतिशत गणना प्रपत्रों की फीडिंग सफलतापूर्वक की गई है। शेष 5 प्रतिशत प्रपत्र ऐसे पाए गए हैं, जिनमें परिवार के मृतक सदस्यों, दो स्थानों पर नाम होने और परिवार के बाहर स्थानांतरित व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त हुई है। इन सभी को 51 प्रतिशत प्रगति में एक साथ समाहित करते हुए सत्यापन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

डीएम ने कहा कि जिले में वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 7 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का फीडिंग कार्य किया जा रहा है। अब अभियान के अंतिम सात दिनों में लक्ष्य 100 प्रतिशत हासिल करने पर प्रशासन पूरी तरह केंद्रित है। डीएम ने स्पष्ट कहा कि यह कार्य चुनावी पारदर्शिता और मतदाता अधिकारों की सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए प्रत्येक नागरिक को इसमें अपनी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।

ऑनलाइन पोर्टल सक्रिय, स्वयं भर सकते हैं विवरण

डीएम ने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल (ICI Net) सक्रिय है। नागरिक अपने घर बैठे गणना प्रपत्र भरकर जमा कर सकते हैं बीएलओ के पास सूचना ऑन लाइन पहुंच जायेगा।2003 की मतदाता सूची भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध है, जिससे परिवार के सदस्य अपने घर के पुराने विवरण—माता का नाम, पिता का नाम, भाग संख्या और बूथ संख्या सहित—आसानी से खोज सकते हैं।

उन्होंने विशेष रूप से बताया कि जिन लोगों का नाम ओटर लिस्ट में नहीं है, वे फॉर्म-6 भरें। ऑफलाइन फॉर्म-6 बीएलओ के पास उपलब्ध हैं। “ऑनलाइन फॉर्म-6 की सुविधा भी पोर्टल खुलने के साथ जारी है,18 वर्ष पूर्ण कर चुके मतदाता ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।

महिला मतदाताओं के लिए विशेष निर्देश

डीएम ने कहा कि 2003 के बाद विवाह कर अन्य परिवार में चली गई महिलाओं को पंजीयन के समय अपने माता-पिता का नाम, 2003 में दर्ज भाग संख्या (Part Number) और बूथ संख्या (Booth Number) अनिवार्य रूप से भरना चाहिए। बाद में पता या अन्य सूचना संशोधन हेतु वे फॉर्म-8 भर सकती हैं।

बीएलओ को दिया गया है विशेष उत्तरदायित्व

जिलाधिकारी ने दोहराया कि बीएलओ द्वारा घर-घर वितरित किया गया गणना प्रपत्र ही इस अभियान की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है।उन्होंने कहा—

“बीएलओ आपको दो गणना प्रपत्र देते हैं। एक की रिसीविंग अवश्य प्राप्त कर लें और दूसरा फॉर्म भरकर बीएलओ के पास जमा कर दें। जो भी कमी होगी, वह प्रशासन स्वयं भरकर पूरा कर देगा। केवल माता-पिता का नाम, भाग संख्या, बूथ संख्या और आधारभूत विवरण सही-सही भरें—आपका नाम मतदाता सूची में सुरक्षित रूप से दर्ज हो जाएगा। कोई भी इसे हटाने में सक्षम नहीं होगा।

दो स्थानों से फॉर्म मिलने पर एक स्थान पर भरे फार्म डीएम

डीएम मीणा ने स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति को दो अलग स्थानों से गणना पत्र प्राप्त हुए हैं, तो वह एक स्थान पर ही अपना सही विवरण भरकर जमा करे,

दूसरे स्थान के बीएलओ को एक सरल आवेदन देकर सूचित करे कि उसका पंजीकरण अन्य पते पर किया जा चुका है,

और आवेदन की रिसीविंग अवश्य ले ले।

मृतक या बाहर गए नागरिकों के नाम हटाने की प्रक्रिया

जिन परिवारों के सदस्य अब जीवित नहीं हैं, या स्थायी रूप से अन्य स्थान चले गए हैं, उनकी जानकारी फॉर्म में भरने पर वह सीधे टोल-फ्री सिस्टम और बीएलओ पोर्टल पर पहुँच जाएगी। इसके बाद बीएलओ सत्यापन कर उचित प्रक्रिया के तहत उसे सूची से हटाने का कार्य करेंगे।

सभी नागरिक समय पर बीएलओ के पास फॉर्म जमा करें : डीएम

डीएम ने कहा—अंतिम तारीख का इंतजार न करें। गणना प्रपत्र तुरंत भरकर बीएलओ को दे दें। प्रशासन प्रत्येक फॉर्म को फीड करेगा और अपडेट करेगा। जिले में कोई भी योग्य व्यक्ति मतदाता सूची से छूटने न पाए—यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने जोड़ा कि अभी कई लोग फॉर्म लेने के बाद उसे जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे नागरिक स्वयं भी ICI Net पोर्टल पर जाकर अपने विवरण भर सकते हैं।

लक्ष्य : सात दिनों में 100 प्रतिशत

जिलाधिकारी ने विश्वास जताया कि हमने 51 प्रतिशत इंस्टॉजेशन और 46 प्रतिशत फीडिंग का महत्वपूर्ण चरण पूरा कर लिया है। शेष सात दिनों में लक्ष्य 100 प्रतिशत प्राप्त कर लिया जाएगा।