झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सत्तापक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक
मरांडी ने कहा- 'सरकार ने छात्र-किसानों को ठगा', मंत्री सुदिव्य कुमार का पलटवार- 'दिल्ली जाकर बकाया केंद्रीय हिस्सेदारी का समाधान कराएँ'
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झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने छात्रवृत्ति और किसानों की समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान सदन के बाहर भी सियासत की गर्माहट महसूस की गई, जहाँ सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए।
विपक्ष का हमला: 'सरकार ने सबको ठगा है'
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने छात्र हो या किसान, सबों को ठगा है।
छात्रवृत्ति का मुद्दा: उन्होंने कहा कि पिछले दो-दो वर्ष से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, जिसके कारण एससी/एसटी, ओबीसी और गरीब तबके के कुछ बच्चों को पढ़ाई छोड़कर होटल में थाली धोने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भले ही नौजवानों के लिए होने का दावा करे, लेकिन हकीकत में सबसे ज्यादा उन्हीं को ठगा और लूटा जा रहा है।
किसानों का छल: मरांडी ने किसानों को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बार देर से धान खरीद शुरू हुई और ₹2300 प्रति क्विंटल की दर से ही भुगतान हुआ, जबकि घोषणा पत्र में ₹3200 प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने की बात की गई थी।
इस वर्ष की स्थिति: उन्होंने कहा कि इस साल स्थिति और भी खराब है। किसान खेत से धान काटकर बाजार में औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि राज्य सरकार सोई हुई है और धान खरीद की दर व तिथि का कोई अता पता नहीं है।
सत्तापक्ष का पलटवार: 'दिल्ली जाकर समस्या सुलझाएँ'
बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने पलटवार करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।
जनता ने ठुकराया रंग: मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि "भाजपा के हमारे मित्र जिस रंग की चश्मे से झारखंड को देखना चाहते हैं, उस रंग को यहाँ की जनता ने ठुकरा चुकी है।"
केंद्रीय बकाया: उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जिन छात्रवृत्ति और किसानों के मुद्दों पर रो रहे हैं, उन्हें वे दिल्ली जाकर समाधान कराने का काम करें। मंत्री ने दावा किया कि राज्य को केंद्रीय करों की जो हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी, उसमें 10 महीने में मात्र 55 फीसदी हिस्सेदारी मिली है।
सहयोग की अपील: उन्होंने विपक्ष से मांग की कि जो बकाया राशि है, उसका भुगतान कराने में राज्य सरकार का सहयोग करना चाहिए।
विधानसभा के बाहर हुई इस बयानबाजी से साफ है कि शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार राजनीतिक टकराव जारी रहेगा।











1 hour and 6 min ago
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