औरंगाबाद में पुल निर्माण को लेकर बवाल: घटिया मटेरियल के आरोप पर ग्रामीणों का हंगामा, खनन विभाग ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
औरंगाबाद बिहार से धीरेन्द्र पाण्डेय
औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड स्थित मोहन बिगहा गांव के समीप बन रहे पुल को लेकर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत बटाने नदी पर करीब 16 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस पुल पर ग्रामीणों ने घटिया मटेरियल के इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण एजेंसी की ओर से नदी से अवैध तरीके से मिट्टी युक्त बालू निकालकर उसे निर्माण में उपयोग करने की तैयारी है, जिससे पुल की मजबूती पर असर पड़ेगा और भविष्य में जान-माल का खतरा बढ़ सकता है। यह पुल तैयार होने पर कुटुंबा और बारुण प्रखंड के दर्जनों गांवों को सीधा लाभ देगा। लंबे समय से आवाजाही की समस्या झेल रहे हजारों लोगों को प्रखंड मुख्यालय व बाजारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। निर्माण कार्य कुमार एंड राय कंस्ट्रक्शन को सौंपा गया है।
ग्रामीणों ने जताई सुरक्षा को लेकर चिंता
ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा नदी से निकाली गई खराब क्वालिटी की बालू को बेस कैंप पर जमा किया जा रहा है और उसी का उपयोग पुल के बेस निर्माण में किया जाएगा। उनका कहना है कि प्रदेश के कई हिस्सों में घटिया निर्माण सामग्री के कारण पुल टूटने की घटनाएं सामने आती रही हैं। ऐसे में वे अपने क्षेत्र में घटिया काम नहीं होने देंगे।
खनन विभाग की टीम ने दिया निर्देश
शिकायत मिलने पर खनन विभाग व रिसियप पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने निर्माण एजेंसी को नदी से अवैध बालू उठाव तुरंत बंद करने का निर्देश दिया और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। थाना अध्यक्ष संजीत राम ने बताया कि औपचारिक शिकायत मिलने पर FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
छठ घाट को भी खतरा
रिसियप पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि पुटू यादव ने बताया कि जिस स्थान से बालू निकाला जा रहा है, उसके पास ही छठ पूजा के दौरान अस्थायी घाट बनाया जाता है। आसपास के कई गांवों के लोग यहां आकर सूर्य देव की उपासना करते हैं। ऐसे में अवैध खनन से घाट की संरचना व श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर संकट मंडरा सकता है। ग्रामीण विक्की कुमार सहित अन्य लोगों ने निर्माण में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की मांग की है। साथ ही खनन विभाग से कड़ी कार्रवाई की अपील की है।
पुल बनने से होगा दो विधानसभा क्षेत्रों का जुड़ाव
पुल निर्माण के बाद कुटुंबा और नबीनगर विधानसभा क्षेत्र का सीधा संपर्क स्थापित होगा। वर्तमान में नदी के उस पार रहने वाले लोगों को 10 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर रिसियप या अंबा बाजार जाना पड़ता है। पुल के बन जाने से आवाजाही बेहद सुगम हो जाएगी।
ठेकेदार ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
वहीं, मौके पर मौजूद संवेदक अनुज कुमार सिंह ने सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि पुल का वास्तविक निर्माण कार्य अभी शुरू ही नहीं हुआ है और फिलहाल केवल डायवर्सन बनाया जा रहा है। नदी की खुदाई में निकली बालू को चास में स्टॉक किया गया है, जिसका इस्तेमाल अभी नहीं किया जा रहा। उन्होंने दावा किया कि कुछ ग्रामीणों ने काम की मांग की थी, और मना करने पर उन्होंने साजिशन हंगामा खड़ा कर दिया।
ग्रामीणों और निर्माण एजेंसी के बीच यह विवाद अब खनन विभाग की जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकेगा, लेकिन फिलहाल पुल निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवालों ने प्रशासन को सतर्क जरूर कर दिया है।



औरंगाबाद के ब्लॉक मोड़ के पास सनसनीखेज वारदात


2 hours and 29 min ago
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