ED समन अवहेलना मामला: CM हेमंत सोरेन सिविल कोर्ट में हुए हाजिर


हाईकोर्ट के निर्देश पर सीएम ने दाखिल किए दो बेल बॉन्ड, अगली सुनवाई 12 दिसंबर को; व्यक्तिगत पेशी की अनिवार्यता हटी

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज शनिवार को ईडी समन मामले में हाईकोर्ट के निर्देशानुसार रांची सिविल कोर्ट स्थित विशेष न्यायालय (MP-MLA कोर्ट) पहुँचे। उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश सार्थक शर्मा की अदालत में हाजिरी दी।

कोर्ट में कार्यवाही

पेशी: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सिविल कोर्ट पहुँचे और कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए।

बेल बॉन्ड: सीएम ने इस दौरान सात-सात हजार रुपये के दो बेल बॉन्ड भी भरे।

उपस्थिति: न्यायिक कार्य के दौरान मुख्यमंत्री के साथ महाधिवक्ता राजीव रंजन सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद थे। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीएम सीधे अपने आवास के लिए रवाना हुए।

आगे की कार्यवाही और राहत

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से इस मामले में पक्ष रख रहे अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने महत्वपूर्ण जानकारी दी।

व्यक्तिगत पेशी से छूट: अधिवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आगे मुख्यमंत्री को कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं होना पड़ेगा।

अगली सुनवाई: इस मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी, जिसमें मुख्यमंत्री को उपस्थित होना आवश्यक नहीं है। अगली सुनवाई में अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा जा सकता है।

हाईकोर्ट का फैसला

गौरतलब है कि यह कदम बुधवार (3 दिसंबर) को हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत से मिली बड़ी राहत के बाद उठाया गया। हाईकोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को सिर्फ 6 दिसंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था, साथ ही ट्रायल के दौरान व्यक्तिगत पेशी की अनिवार्यता हटा दी थी।

शर्त: हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि अगर ट्रायल कोर्ट (एमपी-एमएलए कोर्ट) किसी विशेष कारण से उन्हें उपस्थित होने के लिए कहेगा, तो उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या व्यक्तिगत उपस्थिति देनी होगी।

यह पूरा मामला ईडी द्वारा 19 फरवरी 2024 को दर्ज शिकायत से जुड़ा है, जिसमें हेमंत सोरेन पर आठ समन की अवहेलना करने का आरोप है।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा- झारखंड की मिट्टी आदिवासी अस्मिता की प्रतीक; संस्कृति, शिक्षा और प्रकृति की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध

कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में आज देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी प्रतिनिधियों का मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर देशभर के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर अपने हक-अधिकारों के लिए संघर्ष करने और श्री सोरेन से देश भर के आदिवासी संघर्षों को नेतृत्व प्रदान करने का आह्वान किया।

झारखंड की विरासत और अस्मिता

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अपने संबोधन में झारखंड की धरती की विरासत को रेखांकित किया।

वीरों की विरासत: उन्होंने कहा, "झारखंड की धरती हमेशा से वीरता, स्वाभिमान और संघर्ष की प्रतीक रही है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा से लेकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन जैसे अनेक वीर-वीरांगनाओं के त्याग और संघर्ष ने आदिवासी अस्मिता को नई दिशा दी है।"

अस्मिता की शक्ति: उन्होंने जोर दिया कि वीरों की विरासत, स्वाभिमान की प्रतीक — झारखंड की मिट्टी में ही आदिवासी अस्मिता की शक्ति बसती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज ने मानव सभ्यता के निर्माण एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अब एकता व जागरूकता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।

सरकार की अटूट प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री सोरेन ने आदिवासी समाज के हित में झारखंड सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाया:

संस्कृति और शिक्षा: उन्होंने कहा कि सरकार संस्कृति की रक्षा, शिक्षा की प्रगति और प्रकृति के संतुलन के लिए अटूट रूप से प्रतिबद्ध है।

विदेश में उच्च शिक्षा: उन्होंने बताया कि झारखंड आज देश का पहला राज्य है, जहाँ आदिवासी समाज के विद्यार्थी सरकारी खर्च पर विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिससे समाज में एक नई रोशनी जगी है।

प्रकृति का उपासक: मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का उपासक है और पर्यावरण संरक्षण उसकी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने प्रकृति से संतुलन बनाए रखने को सामूहिक जिम्मेदारी बताया।

एकजुटता और भविष्य की रणनीति

मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के सर्वांगीण सशक्तीकरण के लिए दो मुख्य मंत्र दिए: एकजुटता और आत्मनिर्भरता।

सक्रिय भूमिका: उन्होंने प्रतिनिधियों की वर्षों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में वह स्वयं भी देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

राष्ट्रीय एजेंडा: उन्होंने कहा, "हमें एकजुट होकर ऐसा संघर्ष करना होगा, जिससे हमारी समस्याएं केवल आवाज बनकर न रह जाएं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के एजेंडे का हिस्सा बन सकें।" उन्होंने कहा कि आदिवासी एक बिखरे लोग नहीं, बल्कि एक राष्ट्र-समुदाय हैं।

प्रतिनिधियों का सहयोग

गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मणिपुर सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने झारखंड सरकार के प्रयासों की सराहना की और राज्य सरकार के साथ सतत सहयोग का आश्वासन दिया। प्रतिनिधियों ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के त्याग, संघर्ष और योगदान को भी नमन किया।

इस अवसर पर मंत्री श्री दीपक बिरुआ, मंत्री श्री चमरा लिंडा, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन एवं श्री अशोक चौधरी समेत सैकड़ों की संख्या में आदिवासी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

व्हाट्सएप से नहीं चलेगा संगठन': जेपी नड्डा ने झारखंड BJP को दिया 25-30 दिन प्रवास का निर्देश

देवघर बैठक में संगठनात्मक मजबूती पर जोर; कहा- आदिवासी समाज से संवाद बढ़ाएँ और SIR से फर्जी वोटरों को बाहर करें

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को देवघर सर्किट हाउस में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक की। विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड में संगठन को नए सिरे से मजबूत करने के लिए नड्डा ने कई अहम और कड़े निर्देश दिए।

संगठन की मजबूती के लिए कड़े निर्देश

नड्डा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी का संगठनात्मक ढांचा सिर्फ व्हाट्सएप और फोन से नहीं चल सकता। उन्होंने पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों को निम्नलिखित कार्ययोजना पर काम करने को कहा:

प्रवास अनिवार्य: सबको साल में कम से कम 25 से 30 दिन अपने क्षेत्र में प्रवास करना होगा।

रणनीति निर्माण: प्रवास के दौरान स्थानीय राजनीतिक समीकरण, वातावरण और संभावनाओं का आकलन कर एक से पांच साल तक की रणनीति बनानी होगी।

आपसी समन्वय: उन्होंने कहा कि संगठन में आपसी समन्वय जरूरी है और जहाँ भी गैप है, उसे भरना होगा। "संगठन किसी की मर्जी से नहीं, बल्कि सिस्टम से चलता है। सिस्टम तोड़ने वालों पर कार्रवाई तय है।"

आदिवासी संवाद और युवा जुड़ाव पर जोर

नड्डा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रवास के दौरान पार्टी को सभी वर्गों से संवाद बढ़ाना होगा, विशेषकर आदिवासी समुदाय से।

आदिवासी संवाद: समाज के प्रतिनिधि लोगों से बेहतर संबंध स्थापित करते हुए आदिवासी समुदाय के नेतृत्वकर्ताओं और उनके समाज से मिलकर उनकी समस्याएं जाननी होंगी।

युवा शक्ति: संगठन में नई ऊर्जा भरने के लिए 25 से 35 वर्ष आयुवर्ग के अधिक युवाओं को जोड़ना अनिवार्य है।

सरकार की विफलताओं को करें उजागर

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को राज्य सरकार को घेरने की रणनीति भी समझाई:

सीधा कनेक्ट: प्रवास के दौरान स्थानीय लोगों से राज्य सरकार की विफलताओं पर बात करें। चौक-चौराहा, चाय दुकानों और टोले-मोहल्ले में लोगों से सीधे कनेक्ट होने की आदत डालें।

मीडिया का उपयोग: मीडिया के माध्यम से भी वर्तमान राज्य सरकार की नाकामियों को लगातार उजागर करें।

उपलब्धियां बनाम विफलताएं: लोगों तक भाजपा की पिछली सरकार की उपलब्धियां और वर्तमान सरकार की विफलताएं पहुंचाई जाएं। साथ ही, उन योजनाओं के बारे में भी बताया जाए जिन्हें वर्तमान सरकार ने बाधित किया है।

SIR और घुसपैठ का मुद्दा

नड्डा ने एसआइआर (SIR) मुद्दे पर बात करते हुए गंभीर आरोप लगाए:

जनसांख्यिकीय परिवर्तन: उन्होंने कहा कि झारखंड के संताल परगना और कोल्हान में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) में बदलाव हुआ है।

फर्जी वोटर: नड्डा ने कहा कि झारखंड में भी एसआइआर शुरू होने वाला है, जो एक तरह से वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण है। इसके माध्यम से फर्जी वोटर बाहर होंगे और पारदर्शिता के साथ चुनाव होगा।

बूथ स्तर पर तैयारी: उन्होंने निर्देश दिया कि संताल परगना और कोल्हान के इलाके में भाजपा अपने बूथ अध्यक्षों को मजबूत करते हुए वैसे इलाकों को चिह्नित करें, जहाँ बांग्लादेशी घुसपैठियों का प्रवेश हुआ है।

बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आदित्य प्रसाद साहू, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

हजारीबाग में अवैध शराब का बड़ा पर्दाफाश: 2000 लीटर विदेशी शराब जब्त, सरगना का नेटवर्क बिहार तक

हजारीबाग, 5 दिसंबर 2025।

हजारीबाग जिला अब अवैध शराब कारोबार का अड्डा बनता जा रहा है। रांची से आई उत्पाद विभाग की टीम ने आज हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब माफिया के एक संगठित नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस अवैध गोरखधंधे की भनक तक स्थानीय जिला प्रशासन को नहीं थी।

छापेमारी और जब्त सामग्री

उत्पाद विभाग की टीम ने विष्णुगढ़ के आठ माइल और बादीखरना में संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में अवैध विदेशी शराब और उसका कच्चा माल जब्त किया गया।

सामग्री मात्रा/विवरण

तैयार अंग्रेजी शराब 2000 लीटर

स्प्रिट (कच्चा माल) 4000 लीटर

अन्य बरामदगी बोतलों के ढक्कन, महंगे ब्रांड के रैपर, पैकिंग सामग्री और पंचिंग मशीन।

बरामद सामग्री से साफ पता चलता है कि यहाँ लंबे समय से संगठित तरीके से नकली विदेशी शराब तैयार कर इसे बाजार में सप्लाई किया जा रहा था।

नेटवर्क और मुख्य अभियुक्त

अभियान का नेतृत्व: रांची के उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार ने इस अभियान का नेतृत्व किया।

टीम में शामिल: कार्रवाई में हजारीबाग, गिरिडीह और रामगढ़ के उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर और सुरक्षा बल शामिल थे।

मुख्य सरगना: इस पूरे नेटवर्क का सरगना कृष्णा साव बताया जा रहा है, जिसका नेटवर्क विष्णुगढ़ से लेकर बिहार तक फैला हुआ है।

गिरफ्तारी और FIR: मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन कृष्णा साव के अलावा धनेश्वर प्रसाद, टेकलाल पासवान, और मोती साव पर FIR दर्ज की गई है।

उत्पाद विभाग का मानना है कि इस अवैध धंधे को कई स्थानीय संरक्षकों का भी संरक्षण प्राप्त था, जिसके कारण यह कारोबार वर्षों से फल-फूल रहा था। मामले की जांच के बाद कई अन्य साझेदारों के नाम सामने आने की संभावना है।

विधेयकों को रखा गया सभा पटल पर; 8 दिसंबर को पेश होगा द्वितीय अनुपूरक बजट, विपक्ष आक्रामक रुख की तैयारी में

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को शोक प्रकाश से पूर्व कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं पूरी की गईं।

पहले दिन की मुख्य कार्यवाही

आश्वासनों की रिपोर्ट: संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पिछले मानसून सत्र (1 अगस्त से 28 अगस्त की अवधि) के दौरान सरकार के आश्वासनों पर एक्शन टेकेन रिपोर्ट (ATR) को सभा पटल पर रखा।

संसदीय प्रक्रिया: स्पीकर ने सभापति मनोनीत किया और कार्यमंत्रणा समिति का गठन किया गया।

सभा पटल पर विधेयक: प्रभारी सचिव ने राष्ट्रपति और राज्यपाल द्वारा स्वीकृत निम्नलिखित विधेयकों को सभा पटल पर रखा:

कारखाना (झारखंड संशोधन) विधेयक 2025 (राष्ट्रपति द्वारा 1 अगस्त 2025 को स्वीकृत)

झारखंड विनियोग संख्या-3 विधेयक 2025 (राज्यपाल द्वारा 1 सितंबर 2025 को स्वीकृत)

झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विशेष छूट विधेयक (4 नवंबर 2025 को स्वीकृत)

झारखंड व्यवसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क विनियमन विधेयक, 2025 (11 नवंबर 2025 को स्वीकृत)

आगामी सत्र और विपक्ष की रणनीति

पांच दिवसीय इस सत्र के दौरान सदन में गरमाहट रहने की संभावना है।

द्वितीय अनुपूरक बजट: सत्र के दौरान सोमवार (8 दिसंबर) को सरकार चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी।

विधेयक: इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने की भी संभावना है।

विपक्ष का रुख: विपक्ष सरकार को घेरने के लिए बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दों पर हमलावर रुख अपनाने की योजना बना रहा है।

स्पीकर की अपील

इससे पहले, 4 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक के दौरान स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में सहयोग करने की अपील की थी। उन्होंने आग्रह किया था कि सदन के समय का अधिकाधिक सदुपयोग किया जाए ताकि जनहित से जुड़े अधिक से अधिक मुद्दे उठाए जा सकें।

सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर निरंजन कुमार (रि.) ने विधानसभा में की मुख्यमंत्री से मुलाकात


आज झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर निरंजन कुमार (सेवानिवृत्त) ने शिष्टाचार मुलाकात की। ब्रिगेडियर निरंजन कुमार ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' का बैज लगाया।

शुभकामनाएं: बैज लगाए जाने के बाद, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने देश की रक्षा में जुटे सभी सैनिकों और उनके परिवारों को 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' की शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

इस मौके पर सैनिक कल्याण निदेशालय के अपर निदेशक कर्नल एस.पी. गुप्ता, राज्य प्रबंधक, सैनिक बाजार ले. कर्नल पी.के. झा एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू: सरना कोड पर सरकार ने केंद्र को घेरा


मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा- 'केंद्र सरना कोड लटका रहा है'; BJP ने वादों पर माँगा जवाब

झारखंड विधानसभा के षष्ठम झारखंड विधानसभा के चतुर्थ (शीतकालीन) सत्र की शुरुआत आज शुक्रवार से हो गई। नाम के विपरीत, सदन की कार्यवाही में भाग लेने आए सदस्यों के बयानों में शुरू से ही गर्माहट छाई रही, जो इस पांच-दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने का स्पष्ट संकेत है।

सरकार: सवाल-जवाब के लिए तैयार

सदन के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि सरकार विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

सरना कोड पर सवाल: मंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "हम यह भी जानना चाहते हैं कि जिस सरना कोड को यहाँ से पास करने के बाद केंद्र को भेजा गया, उसका क्या हुआ।"

सत्र का एजेंडा: उन्होंने कहा कि यह सत्र काफी अहम है, जिसमें द्वितीय अनुपूरक के अलावा कई विधेयक भी आएंगे, और जनहित के मुद्दों पर चर्चा होगी।

आदिवासी हित: मंत्री ने पूछा कि क्या सिर्फ आदिवासी हितों की बात की जाएगी या उन्हें सरना धर्म कोड देकर उनके मान सम्मान की रक्षा की जाएगी, क्योंकि केंद्र सरकार इसे लटकाने का काम कर रही है।

झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने भी सत्र को खास बताते हुए कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों का समुचित जवाब देने के लिए तैयार है।

विपक्ष: वादों पर माँगा जवाब

भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कार्यकाल का एक साल हो चुका है और राज्य की जनता जानना चाहती है कि उनसे किए गए वादों का क्या हुआ। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से सदन में सरकार से इस पर जवाब माँगा जाएगा।

सत्र का संभावित कार्यक्रम (5 से 11 दिसंबर)

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 से 11 दिसंबर तक चलेगा, लेकिन शनिवार-रविवार को कार्य दिवस नहीं होने के कारण यह सत्र महज पाँच दिनों का होगा।

तिथि मुख्य कार्य

सोमवार, 8 दिसंबर प्रश्नकाल, चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन के पटल पर रखा जाएगा।

मंगलवार, 9 दिसंबर प्रश्नकाल, द्वितीय अनुपूरक पर चर्चा, वाद-विवाद के बाद पारित किया जाएगा, विनियोग विधेयक लाया जाएगा।

बुधवार, 10 दिसंबर प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक पर चर्चा और उपरांत पारित किया जाएगा।

गुरुवार, 11 दिसंबर यदि विधेयकों की संख्या अधिक हुई तो राजकीय विधेयक पेश किया जाएगा।

तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री ने CM सोरेन को दिया ‘ग्लोबल समिट’ में शामिल होने का निमंत्रण

कांके रोड स्थित आवासीय कार्यालय में हुई शिष्टाचार भेंट, दोनों राज्यों के बीच आपसी सहयोग पर हुई चर्चा

रांची, 5 दिसंबर 2025।

झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री श्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने शिष्टाचार भेंट की।

आमंत्रण और चर्चा का विषय

आमंत्रण: उप मुख्यमंत्री श्री विक्रमार्क ने मुख्यमंत्री सोरेन को हैदराबाद में आगामी 8-9 दिसंबर को आयोजित होने वाले ‘तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट’ में शामिल होने हेतु औपचारिक निमंत्रण प्रदान किया।

चर्चा: मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने तेलंगाना एवं झारखंड के बीच आपसी सहयोग के विभिन्न विषयों पर सौहार्दपूर्ण चर्चा की।

उपस्थिति

इस अवसर पर झारखंड कांग्रेस के प्रभारी श्री के. राजू तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री केशव महतो कमलेश भी उपस्थित रहे।

यह मुलाकात दोनों राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

धनबाद के केंदुआडीह में गैस रिसाव से हड़कंप: 2 महिलाओं की मौत, 24 से अधिक लोग बीमार

इलाका भूमिगत आग के कारण डेंजर जोन घोषित; DC आदित्य रंजन ने जांच के लिए कमेटी गठित की


झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत केंदुआडीह इलाके से गैस रिसाव का गंभीर मामला सामने आया है। बुधवार दोपहर को हुई इस घटना में अब तक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग बीमार पड़ गए हैं। बीमार लोगों को उल्टी, चक्कर और बेचैनी की शिकायत के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया है।

घटना का विवरण

समय और स्थान: बुधवार दोपहर, केंदुआडीह इलाका।

घटना: स्थानीय लोगों के मुताबिक, एकाएक तेज दुर्गंध के साथ गैस फैली और रिसाव के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

मृतक: गैस रिसाव के कारण जिन दो महिलाओं की मौत हुई है, उनकी पहचान ललिता देवी और प्रियंका देवी के रूप में हुई है। हालांकि, मौत की सही वजह (गैस रिसाव या कुछ और) पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

डेंजर जोन: केंदुआडीह का यह इलाका भूमिगत कोयले में लगी आग के कारण पहले से ही डेंजर जोन घोषित है।

प्रशासनिक कार्रवाई और आक्रोश

दो महिलाओं की मौत की खबर के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला, जो सड़कों तक पहुँच गया। लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

जांच कमेटी: डिप्टी कमिश्नर आदित्य रंजन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एक जांच कमेटी का गठन किया है।

राहत निर्देश: इसके साथ ही, डीसी ने बीसीसीएल (BCCL) मैनेजमेंट को प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए तुरंत राहत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

खतरे में लोगों की जिंदगी

धनबाद का अग्निप्रभावित और भू-धंसान वाला यह क्षेत्र हमेशा खतरे के साये में रहता है। कब कहाँ जमीन धंस जाए या गोफ बन जाए, यह कोई नहीं जानता, जिससे यहाँ रहने वाले हजारों लोगों की जिंदगी हर पल दांव पर लगी रहती है।

पिछला हादसा: इससे पहले, सितंबर महीने में बाघमारा के कतरास में बीसीसीएल खदान क्षेत्र में जमीन धंसने से एक सर्विस वैन 300 फीट से ज्यादा गहरी खाई में गिर गई थी, जिसमें 6 मजदूरों की मौत हो गई थी।

अगस्त की घटना: अगस्त के महीने में केंदुआ के गोधर एरिया में भी एक महिला अपने घर के बाहर खड़ी थी, जब उनके पैर के नीचे की जमीन धंस गई थी। हालांकि, कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

ट्रायल कोर्ट में 12 दिसंबर की सुनवाई स्थगित, ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश; अगली सुनवाई 18 दिसंबर को


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शिकायतवाद पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) द्वारा लिए गए संज्ञान को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री को बड़ी अंतरिम राहत मिली है।

हाईकोर्ट का निर्देश

ट्रायल स्थगित: कोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए, रांची के एमपी-एमएलए कोर्ट (ट्रायल कोर्ट) को 12 दिसंबर को होने वाली सुनवाई को स्थगित करने को कहा है।

अगली सुनवाई: इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में होगी।

सुनवाई के दौरान दलीलें

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा, दीपांकर राय और श्रेय मिश्रा ने दलील पेश की।

सीएम के अधिवक्ता की मांग: सीएम के अधिवक्ता दीपांकर राय ने बताया कि ईडी ने काउंटर फाइल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था। इस पर यह तर्क दिया गया कि अगर समय दिया गया तो 12 दिसंबर को प्रस्तावित ट्रायल शुरू हो जाएगा। इसलिए, अगली सुनवाई होने तक अंतरिम आदेश देने की मांग की गई थी।

इस दलील को स्वीकार करते हुए जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को सुनवाई स्थगित करने का निर्देश दिया।

पिछली सुनवाई में भी मिली थी राहत

गौरतलब है कि बुधवार (3 दिसंबर) को इसी मामले में सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने उन्हें सिर्फ 6 दिसंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था, साथ ही ट्रायल के दौरान व्यक्तिगत पेशी की अनिवार्यता हटा दी थी। हालांकि, विशेष कारणों से कोर्ट उन्हें व्यक्तिगत या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थित होने को कह सकता है।

यह मामला ईडी द्वारा 19 फरवरी 2024 को दर्ज शिकायत से जुड़ा है, जिसमें हेमंत सोरेन पर आठ समन की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया था।