हाईकोर्ट के फैसले से JSSC-CGL अभ्यर्थियों में खुशी की लहर!


CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज; रिजल्ट जारी करने का निर्देश मिलते ही रांची में जश्न

रांची, 4 दिसंबर 2025।

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) के कथित पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर देने के बाद राज्यभर के हजारों अभ्यर्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बुधवार को फैसला आने के कुछ ही घंटों के भीतर, राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जमा हो गए और जमकर जश्न मनाया।

जश्न और अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया

खुशी का इजहार: अभ्यर्थियों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर खुशी जाहिर की और एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर अपनी खुशी बांटी।

राहत की सांस: अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लंबे समय से रिजल्ट जारी होने का इंतजार कर रहे थे, जिससे उनकी तैयारी और रोजगार दोनों प्रभावित हो रहे थे। हाईकोर्ट द्वारा रिजल्ट जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए जाने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है।

नई शुरुआत: कई अभ्यर्थियों ने इस फैसले को अपने 'करियर की नई शुरुआत' बताते हुए सरकार और आयोग से जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने की अपील की।

न्यायालय का फैसला

हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर शामिल थे, ने 3 नवंबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मुख्य निर्णय: अदालत ने बुधवार को सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया और आयोग को परिणाम जारी करने का निर्देश दिया।

रोक: हालांकि, कोर्ट ने उन दस अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लगा दी है, जिन्होंने कथित तौर पर नेपाल में रहकर परीक्षा की तैयारी की थी।

याचिकाकर्ताओं की दलीलें

याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता समीर रंजन ने बहस की थी। उन्होंने सुनवाई के दौरान दावा किया था कि 22 सितंबर 2024 को आयोजित परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र लीक हुआ था। उनकी दलीलों में व्हाट्सएप चैट, संदिग्धों के बयान, नेपाल कनेक्शन और कथित भुगतान के सबूतों का हवाला दिया गया था।

अल्बर्ट एक्का चौक पर जुटे अभ्यर्थियों ने कहा कि हाईकोर्ट का यह निर्णय उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले से लंबे समय से अटकी भर्ती प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है और हजारों युवाओं में नई उम्मीद जगी है।

जमीन घोटाले में फंसे झारखंड CM हेमंत सोरेन को राहत, अब नहीं आना होगा कोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित लैंड स्कैम से जुड़े ED मामले में बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उन्हें MP-MLA कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है. सोरेन ने निचली अदालत के पेशी आदेश को चुनौती दी थी, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. अब वकील ही सोरेन की तरफ से प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, यह फैसला ED की तरफ से दाखिल शिकायत के बाद आया है.

झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई की गई. मामले की सुनवाई जस्टिस एके चौधरी की बेंच ने की. ईडी समन अवहेलना मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को निचली अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट प्रदान कर दी है.

कोर्ट से मिली बड़ी राहत

मुख्यमंत्री की तरफ से दाखिल याचिका में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 12 दिसंबर को अनिवार्य व्यक्तिगत उपस्थिति के आदेश को चुनौती दी गई थी. सुनवाई के दौरान सीएम की ओर से अधिवक्ता दीपांकर ने बताया कि हेमंत सोरेन ने ईडी के सभी समन का जवाब भेजा था, इसलिए व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत दी जानी चाहिए. अदालत ने दलील स्वीकार करते हुए निचली अदालत में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश पर रोक लगा दी. कोर्ट के इस फैसले से सीएम सोरेन को बड़ी राहत मिली है.

कोर्ट पहुंची थी ED

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने सोरेन को अपने ऑफिस में पेश होने के लिए समन जारी किए थे, जिसका उन्होंने कभी पालन नहीं किया. शिकायतकर्ता, ED के असिस्टेंट डायरेक्टर, देवराज झा ने कंप्लेंट फाइल करते हुए कहा कि सोरेन को कथित लैंड स्कैम में शामिल होने के सिलसिले में अथॉरिटी के सामने पेश होने के लिए 10 समन जारी किए गए थे. झा ने कहा था कि सोरेन सिर्फ दो समन के जवाब में पेश हुए थे, जबकि बाकी को इग्नोर कर दिया गया था.

इसके बाद, ED ने 2024 में MP-MLA कोर्ट के स्पेशल जज के सामने एक कंप्लेंट पिटीशन फाइल की. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट द्वारा फाइल की गई कंप्लेंट पिटीशन की सुनवाई के दौरान, स्पेशल जज ने सोरेन को रांची में MP-MLA कोर्ट के सामने पर्सनली पेश होने का ऑर्डर दिया था.

हटिया मजदूर यूनियन ने केंद्र सरकार पर लगाया रणनीतिक PSU को खत्म करने का आरोप, कहा- "घाटा कृत्रिम संकट का परिणाम"

रांची स्थित देश की प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) को बंद करने की केंद्र सरकार की सिफारिश और मंत्रालय से रिपोर्ट तलब किए जाने पर भारी विरोध शुरू हो गया है। हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह ने एक प्रेस बयान जारी कर केंद्र सरकार की नीतियों को 'जन-विरोधी, सीपीएसयू-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी' करार दिया है।

यूनियन ने आरोप लगाया है कि पिछले सात वर्षों के घाटे का हवाला देकर एचईसी को 'अकार्यक्षम' बताने की कोशिश की जा रही है, जबकि यह घाटा सरकार की सुनियोजित नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

सरकार पर लगाए गए मुख्य आरोप (घाटे का कारण)

यूनियन ने स्पष्ट किया कि एचईसी को घाटे में धकेलने के पीछे बाजार की विफलता नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं:

आरोप विवरण

पूंजी और निवेश का अभाव एचईसी को पूंजीगत निवेश नहीं दिया गया, जिससे मशीनरी और संयंत्र का उन्नयन नहीं हो सका।

बकाया भुगतान रोकना केंद्र सरकार ने एचईसी के ₹4300 करोड़ के बकाये का भुगतान रोके रखा, जो विभिन्न परियोजनाओं में किए गए कार्यों के एवज में लंबित है।

नए कॉन्ट्रैक्ट्स से दूरी भारी मशीनरी, खनन, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक विशेषज्ञता के बावजूद, एचईसी को जानबूझकर नए कॉन्ट्रैक्ट्स से दूर रखा गया।

सुनियोजित घाटा 2018-19 से 2024-25 तक घाटा लगातार बढ़ा, जिसे यूनियन ने PSU को पंगु बनाने की नीति का हिस्सा बताया है।

भवन सिंह ने कहा, "बिना पूंजी और बिना आदेश के कोई भी उद्योग लाभ कैसे कमा सकता है? अब इसी कृत्रिम संकट का हवाला देकर इकाई को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है।"

सरकार की वास्तविक मंशा

यूनियन ने आरोप लगाया कि सरकार की वास्तविक मंशा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी पूँजीपतियों के लिए खाली मैदान बनाना और देश की सामरिक औद्योगिक क्षमता (भारी इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष, रक्षा) को निजी हाथों में सौंपना है।

हटिया मजदूर यूनियन की प्रमुख माँगे

यूनियन ने केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए निम्नलिखित माँगे रखी हैं:

तत्काल रोक: एचईसी बंद करने की किसी भी प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।

बैंक गारंटी बहाल: केंद्र सरकार एचईसी की रद्द एसबीआई की बैंक गारंटी को तुरंत बहाल करे।

फंड और कॉन्ट्रैक्ट्स: एचईसी को नए आदेश, आधुनिकीकरण बजट और तकनीकी उन्नयन पैकेज प्रदान किया जाए।

नीतिगत बदलाव: सार्वजनिक उद्योग नीति को पुनः बहाल किया जाए।

कर्मचारियों की सुरक्षा: मजदूरों, इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों की आजीविका की रक्षा सुनिश्चित की जाए; किसी भी प्रकार की छँटनी या विनिवेश स्वीकार नहीं किया जाएगा।

यूनियन ने इस जन-विरोधी निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि एचईसी का निजीकरण या बंदी किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी, क्योंकि यह झारखंड के लाखों परिवारों और भारत की औद्योगिक क्षमता पर सीधा हमला है।

हाईकोर्ट के फैसले से बेनकाब हुई BJP की साजिश; JMM ने कहा- "यह युवाओं और पारदर्शिता की जीत"

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा सीजीएल-2023 (CGL-2023) परीक्षा का परिणाम जारी करने की अनुमति दिए जाने के बाद, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने जारी एक प्रेस बयान में कहा कि न्यायालय के इस फैसले ने भाजपा द्वारा फैलाई गई अफवाहों और संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है।

हाईकोर्ट के फैसले का सार

प्रेस बयान में कहा गया कि न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि:

मामला सीबीआई जांच के योग्य नहीं है।

एसआईटी की निगरानी में जांच जारी रहनी चाहिए।

महाचसिव विनोद पांडेय ने कहा, "इस फैसले ने भाजपा द्वारा पेपर लीक की दुहाई देकर सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक मचाए गए बेवजह हंगामे की सच्चाई को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। अदालत में उनके दावों की कोई सच्चाई साबित नहीं हो सकी।"

भाजपा पर तीखा हमला

झामुमो ने आरोप लगाया कि भाजपा ने केवल अपनी राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए हजारों युवाओं को गुमराह किया, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया और पूरे राज्य में अनिश्चितता का माहौल खड़ा किया।

"शिक्षा माफिया और अफवाह फैलाने वाले तत्व आज एक बार फिर पूरी तरह उजागर हो चुके हैं।"

विनोद पांडेय, महासचिव, JMM

पारदर्शिता और सफलता की पुष्टि

झामुमो ने दोहराया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार का इरादा शुरू से ही साफ और प्रक्रिया पारदर्शी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री के कथन को उद्धृत किया: "नेक इरादा हो तो चौतरफा सफलता मिलती है"—और कहा कि हाईकोर्ट का फैसला उसी बात की पुष्टि करता है।

युवाओं को बधाई और भाजपा से माफी की मांग

झामुमो ने उन हजारों परीक्षार्थियों को बधाई दी, जिनका परिणाम अब जारी होगा और जो जल्द ही राज्य की सेवा में आगे बढ़ सकेंगे।

अंत में, पार्टी ने भाजपा से मांग की कि वह झूठे आरोपों के सहारे युवाओं का मनोबल तोड़ने, भर्ती प्रक्रिया को बदनाम करने और भ्रम का जाल फैलाने के लिए राज्य की जनता से माफी माँगे। झामुमो ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वह युवाओं के अधिकार, पारदर्शी भर्ती और निष्पक्ष अवसर के प्रति समर्पित है और रहेगा।

नाम के शब्दों से भावनात्मक लगाव बढ़ता है....बाबूलाल मरांडी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी तंत्र और भवनों को जनता से जोड़ने केलिए किया पहल

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज भवन का नाम लोक भवन करने केलिए प्रधानमंत्री जी का एवं निर्णय को झारखंड में अविलंब लागू करने पर बधाई शुभकामनाएं दी।

श्री मरांडी ने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता को शासक बोध से हटाकर लोक सेवा के रूप में स्थापित करने की लगातार पहल की है।

कहा कि चाहे मंत्री गण ,वरीय पदाधिकारियों के गाड़ियों से लाल पीली बत्ती हटाने का निर्णय हो या फिर राज पथ को कर्तव्य पथ बनाना,प्रधानमंत्री आवास को लोक कल्याण मार्ग ,केंद्रीय सचिवालय को कर्तव्य भवन,राजभवन को लोक भवन और पीएमओ को सेवा तीर्थ के रूप में नामांकित करना जैसे निर्णय लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने खुद को प्रधानमंत्री की जगह प्रधान सेवक कहलाना तय किया है।

कहा कि इतना ही नहीं विकलांग शब्द को हटाकर दिव्यांग कहना यह बताता है कि प्रधानमंत्री जी भारत के एक एक नागरिक की भावनाओं के कितने करीब हैं।

श्री मरांडी ने कहा कि ये शब्दों का परिवर्तन मात्र नहीं बल्कि मोदी सरकार की नीति और नीयत को दर्शाता है।

झारखंड विधानसभा सत्र: 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू जुलूस, रैली और धरना पर रोक; 5 से 11 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी

झारखंड विधानसभा के षष्ठम झारखंड विधानसभा के चतुर्थ (शीतकालीन) सत्र को देखते हुए, रांची जिला प्रशासन ने विधानसभा परिसर के 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा (धारा 163) लागू कर दी है। यह सत्र 05 दिसंबर 2025 से 11 दिसंबर 2025 तक आहूत किया गया है।

निषेधाज्ञा की मुख्य बातें

अनुमंडल दंडाधिकारी, सदर, रांची द्वारा सुरक्षा की दृष्टिकोण से यह निषेधाज्ञा जारी की गई है।

प्रतिबंध अपवाद

पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी, सरकारी कार्यक्रम एवं शवयात्रा।

किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र (बंदूक, रिवाल्वर, बम आदि) लेकर चलना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

लाठी-डंडा, तीर-धनुष, भाला आदि जैसे हरवे-हथियार लेकर चलना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

धरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आम सभा का आयोजन करना। कोई नहीं।

ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

प्रभावी अवधि: यह निषेधाज्ञा दिनांक 05.12.2025 के प्रातः 08:00 बजे से दिनांक 11.12.2025 के रात्रि 10:00 बजे तक प्रभावी रहेगी।

छूट प्राप्त क्षेत्र: माननीय उच्च न्यायालय झारखंड, रांची को इस निषेधाज्ञा के दायरे से बाहर रखा गया है।

यह आदेश उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची एवं अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था, रांची के संयुक्त आदेश के आलोक में जारी किया गया है।

क्या आप झारखंड विधानसभा के इस शीतकालीन सत्र के संभावित एजेंडा या मुद्दों के बारे में जानकारी चाहते हैं?

झारखंड आंदोलनकारियों का सम्मान: रांची में 3000 से अधिक आंदोलनकारियों को वितरित किए गए प्रमाण-पत्र


झारखंड सरकार के निर्देश पर आज रांची में झारखंड आंदोलनकारियों को प्रमाण-पत्र वितरण हेतु एक जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित इस समारोह में तीन हजार से अधिक अधिसूचित झारखंड आंदोलनकारियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।

मुख्य वितरण और संबोधन

सम्मान व्यक्त: उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजंत्री एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, रांची श्री राकेश रंजन ने सांकेतिक रूप से विशिष्ट आंदोलनकारियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से आंदोलनकारियों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की।

उपायुक्त का वक्तव्य: अपने संबोधन में उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि,

"प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारी हमारे राज्य निर्माण की आधारशिला हैं। उनके संघर्ष और बलिदान ही झारखंड राज्य के निर्माण का आधार हैं।"

प्रशासन की प्रतिबद्धता

उपायुक्त श्री भजंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन राज्य सरकार के निर्देशानुसार आंदोलनकारियों के सामाजिक सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि आंदोलनकारी आगे भी जिला एवं राज्य के सर्वांगीण विकास में सकारात्मक भूमिका निभाते रहेंगे।

उपस्थिति

कार्यक्रम के दौरान अपर जिला दण्डाधिकारी (विधि-व्यवस्था) श्री राजेश्वरनाथ आलोक, नजारत उपसमाहर्त्ता श्री सुदेश कुमार, तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

रांची जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया कि झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग और संघर्ष को राज्य सरकार सर्वोच्च सम्मान देती है और उनकी सुरक्षा, सुविधा और सम्मान सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।

लातेहार पुलिस की बड़ी सफलता: ₹2 लाख का इनामी एरिया कमांडर समेत JJMP के दो नक्सली गिरफ्तार


लातेहार जिला पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल करते हुए प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के दो सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नक्सलियों में ₹2 लाख का इनामी एरिया कमांडर सुनील उरांव और उसका सहयोगी मुकेश लोहरा शामिल है। दोनों लातेहार जिले के ही रहने वाले हैं।

गिरफ्तारी का विवरण

गुप्त सूचना: लातेहार एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली थी कि एरिया कमांडर सुनील उरांव सदर थाना क्षेत्र के नवागढ़ स्थित अपने गांव के पास छिपा हुआ है, जबकि दूसरा नक्सली मुकेश लोहरा मनिका थाना क्षेत्र के पुरनी पल्हेया गांव के आसपास है।

छापेमारी अभियान: एसपी कुमार गौरव के निर्देश पर, डीएसपी अरविंद कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने दोनों गांवों में एक साथ अलग-अलग टीमों द्वारा छापेमारी की।

समय: दोनों नक्सलियों को बुधवार की सुबह 3 से 4 बजे के बीच गिरफ्तार किया गया।

नक्सलियों पर दर्ज मामले

बुधवार को प्रेस वार्ता करते हुए एसपी कुमार गौरव ने बताया कि गिरफ्तार नक्सलियों पर कई गंभीर नक्सल मामले दर्ज हैं:

सुनील उरांव (एरिया कमांडर): लातेहार और आसपास के थाना क्षेत्रों में 7 से अधिक नक्सली मामले दर्ज हैं।

मुकेश लोहरा: इस पर भी 2 नक्सली मामले दर्ज हैं।

मुठभेड़ में संलिप्तता: एसपी ने बताया कि ये दोनों नक्सली पिछले दिनों पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में शामिल थे और पुलिस से बचने के लिए संगठन से अलग होकर गांवों में छिप रहे थे।

संगठन ध्वस्त करने का दावा

लातेहार पुलिस ने दावा किया है कि पिछले 6 महीनों में लगातार चली कार्रवाई से JJMP नक्सली संगठन पूरी तरह ध्वस्त हो गया है:

सफलताएं: 6 माह के भीतर पुलिस ने संगठन के सुप्रीमो समेत दो नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया है, और कई अन्य को गिरफ्तार किया है।

आत्मसमर्पण: पुलिसिया कार्रवाई से डरकर संगठन के सभी बड़े नक्सलियों ने पहले ही पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। बचे हुए नक्सलियों के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है।

छापेमारी दल में महत्वपूर्ण भूमिका

गिरफ्तारी अभियान में डीएसपी अरविंद कुमार के साथ-साथ मनिका थाना प्रभारी शशि कुमार, लातेहार के थाना प्रभारी रमाकांत गुप्ता, सब इंस्पेक्टर विक्रांत उपाध्याय, राहुल कुमार सिन्हा, विकास कुमार, धर्मवीर सिंह और अन्य पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली दौरे से जल्द लौटेंगे रांची, नये समीकरण और कयासों का बाजार गर्म!

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का चार दिवसीय दिल्ली दौरा आज बुधवार को समाप्त होने की उम्मीद है। बिना किसी सरकारी एजेंडे के उनके इतने लंबे प्रवास ने राज्य के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।

  • लंबा प्रवास: मुख्यमंत्री सोरेन पिछले चार दिनों से अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए थे।
  • आज वापसी: सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री आज दिल्ली से रांची लौटने वाले हैं।
  • सियासी कयास: चर्चाएँ गर्म हैं कि दिल्ली प्रवास के दौरान उनकी भाजपा आलाकमान से मुलाकात हुई है। राजनीतिक विश्लेषक राज्य में एक नया सियासी समीकरण बनने की संभावना जता रहे हैं।
  • झामुमो की चुप्पी: इन कयासों पर झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, जिससे सस्पेंस और बढ़ गया है।
  • आगे का घटनाक्रम: माना जा रहा है कि राजनीतिक खिचड़ी की पूरी रूपरेखा खरमास खत्म होते ही सामने आ सकती है।

मुख्यमंत्री की वापसी के साथ ही अब सभी की निगाहें राज्य के अगले राजनीतिक घटनाक्रम पर टिकी हैं।

जनता दरबार में ताबड़तोड़ कार्रवाई: राँची के सभी अंचलों में सैकड़ों आवेदनों का हुआ मौके पर निष्पादन, Panji-2 और मुआवज़े के मामले निपटे

राँची।

उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, राँची श्री मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशानुसार, मंगलवार (02 दिसंबर 2025) को जिले के सभी अंचलों में एक व्यापक जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस दौरान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए सैकड़ों लोगों की समस्याओं और आवेदनों का मौके पर ही त्वरित निष्पादन किया गया, जो प्रशासन की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हुआ।

राजस्व से लेकर प्रमाण पत्रों तक की सेवाएं

जनता दरबार के माध्यम से जिलेवासियों को आवश्यक सरकारी सेवाएं त्वरित और सुगम रूप से उपलब्ध कराई गईं। इन सेवाओं में प्रमुख थे:

प्रमाण पत्र निर्गमन (आवासीय, आय, जाति, पारिवारिक सदस्यता)।

राजस्व से संबंधित कार्य और पंजी-2 सुधार।

सामाजिक सुरक्षा और पेंशन के मामले।

भू-अर्जन मुआवज़ा प्रक्रिया को आगे बढ़ाना।

केसीसी (KCC) सहित अन्य आवश्यक कार्य।

अंचल अधिकारियों ने आवेदकों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए तत्काल उनके समाधान की दिशा में कदम उठाए।

अंचलवार कार्यों का त्वरित निष्पादन

जनता दरबार में कई लंबित और महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा हुआ:

अंचल प्रमुख निष्पादन कार्य आवेदनों की संख्या

बेड़ो राजस्व, प्रमाण पत्र और सामाजिक सुरक्षा/पेंशन से संबंधित 144 मामले। 144

राहे आय, जाति, स्थानीयता, पारिवारिक सदस्यता एवं राजस्व संबंधी 88 आवेदनों का निपटारा। 88

ईटकी आवासीय, जाति, आय प्रमाण पत्र, पंजी-2 सुधार और आपदा प्रबंधन सहित कुल 71 मामलों का समाधान। 71

अनगड़ा लंबित राजस्व मामलों का निपटारा किया गया। चमरु महतो का पंजी-2 में सुधार हुआ। भू-अर्जन से संबंधित मुआवजा राशि भुगतान की प्रक्रिया (जीतराम भोगता) आगे बढ़ाई गई। कई लंबित मामले निपटे।

सोनाहातू दिनेश कुमार महतो को आचरण प्रमाण पत्र और मुटुक देवी को पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र निर्गत किया गया। -

माण्डर कालीचरण महतो को शुद्धि पत्र और बहादुर सिंह को लगान रसीद प्रदान की गई। -

ये सभी कार्य नागरिकों के भूमि संबंधी अधिकारों को सुदृढ़ करने और सरकारी सेवाओं को सरल बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुए।

DC ने बताया 'सेवा का अधिकार' को मजबूती देने वाला कदम

उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने जनता दरबार को पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन की दिशा में एक प्रभावी कदम बताया। उन्होंने कहा कि जनता दरबार का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुविधाओं के लिए भटकने से बचाना और सरकारी सेवाओं को जन-जन तक तत्परता के साथ पहुँचाना है।

उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को प्रत्येक मंगलवार को जनता दरबार का नियमित आयोजन कर नागरिकों की समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके से करने के निर्देश को दोहराया।