बारा में इंडस्ट्रियल टेरर!बारा के PP GCL प्लांट में 11 केबी ब्रेकर ब्लास्ट—तीन घायल,एक की हालत नाज़ुक;फ्रेसरो से जबरन करवाया गया था जोखिमभरा काम
इंजीनियरो की प्रताड़ना धौंस और गाली-गलौज की खुली पोल;घायल पड़े मजदूर—अब गेटपास कैंसिल कर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश!
बारा से सबसे बड़ी खबर—PP GCLकम्पनी में बड़ा धमाका इंजीनियरों की मनमानी और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़।
संजय द्विवेदी।प्रयागराज।यमुनानगर क्षेत्र के बारा स्थित PP GCLपावर प्लांट में एक बड़ा हादसा हो गया।पावरमेक कंपनी के अंतर्गत CH P के इलेक्ट्रिकल सेक्शन में 11 केबी का ब्रेकर जोरदार धमाके के साथ ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में कुल तीन युवा वर्कर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें निखिल शुक्ला (निवासी– कर्मा करछना) की हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार उसकी जान बचने की संभावना बेहद कम है। घायल अन्य वर्करों में मनीष पाण्डेय (गढ़ी त्योंथर निवासी) शामिल हैं, जो बुरी तरह झुलस चुके हैं।
फ्रेसर से कराया गया खतरनाक काम—इलेक्ट्रिकल लाइसेंस तक नहीं था!
जानकारी के मुताबिक निखिल शुक्ला को कंपनी में अभी सिर्फ छह महीना ही हुआ है। उसके पास इलेक्ट्रिकल लाइसेंस भी नहीं है, बावजूद इसके उसे इंजीनियरों ने जबरन हाई- वोल्टेज क्षेत्र में काम करने को मजबूर किया। हादसे के वक्त इलेक्ट्रिकल इंचार्ज संदीप कुमार और इंजीनियर जीतेन्द्र यादव मौके पर मौजूद थे। आरोप है कि दोनों ने बिना सुरक्षा उपकरणों के निखिल को रुकवाकर खतरनाक काम कराया, जबकि उसकी जनरल ड्यूटी शाम 5 बजे समाप्त हो चुकी थी।
इंजीनियर प्रतीक और अमित पर गंभीर आरोप—गाली-गलौज धमकी और टर्मिनेशन की दहशत
वर्करों का कहना है कि PP GCL CH P के इंजीनियर प्रतीक और अमित रोजमर्रा की गाली-गलौज, मां-बहन की गंदी भाषा और टर्मिनेट करने की धमकी देकर जबरदस्ती खतरनाक काम करवाते हैं।लोकल लड़कों को कम वेतन और अधिक जोखिम वाले कामों में धकेलना इस प्लांट की पुरानी नीति बन चुकी है।
हादसे के बाद इंजीनियरो की चालबाज़ी—अब गेटपास कैंसिल करवाने में जुटे!
सबसे हैरानी की बात ये है कि हादसा होते ही घायल वर्करों को इलाज दिलाने और जिम्मेदारी लेने के बजाय कंपनी के इंजीनियर गेटपास कैंसिल कराने में लग गए, ताकि मामले को दबाया जा सके और अपनी जिम्मेदारी से बचा जा सके।
स्थानीय कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी हर बार हादसों को अंदर ही अंदर रफा-दफा कर देती है, ताकि प्लांट की साख पर सवाल न उठें।
जिलाधिकारी प्रयागराज से कार्रवाई की माँग—अगर निखिल को कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार इंजीनियर प्रतीक अमित संदीप और जीतेन्द्र यादव!
घायल मजदूरों के परिवार व स्थानीय लोग प्रयागराज डीएम व जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि: इंजीनियर प्रतीक,अमित, इलेक्ट्रिकल इंचार्ज संदीप कुमार, इंजीनियर जीतेन्द्र यादव, के खिलाफ तुरंत गम्भीर धाराओ में FIR दर्ज की जाए। क्योंकि उन्हीं की जबरदस्ती, प्रताड़ना, गाली- गलौज और बिना सुरक्षा के फ्रेसरों से काम कराने की वजह से ये बड़ा हादसा हुआ है।
प्रशासन के लिये बड़ा सवाल—कब तक चलता रहेगा मजदूरों पर यह औद्योगिक अत्याचार?
यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि वर्करों के शोषण और प्लांट के अंदर फैले भ्रष्टाचार का नतीजा है। अगर आज भी प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाया तो आने वाले दिनों में ऐसे हादसे और भी बड़े रूप में सामने आएंगे।
1 hour and 25 min ago
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