ममता की छाँव खोई, संस्कारों की रोशनी छोड़ गईं बड़ी माँ शीला देवी:लव सिंह प्रमुख

मीडिया दर्शन ,औरंगाबाद बड़ेम थाना क्षेत्र एवं औरंगाबाद आज गहरे भावनात्मक माहौल से भर उठा, जब समता पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व जिला अध्यक्ष रहे स्वर्गीय संतन प्रसाद सिंह की धर्मपत्नी, तथा नवीनगर प्रमुख लव कुमार सिंह की बड़ी माँ शीला देवी का निधन हो गया। ग्राम बड़ेम की यह मातृशक्ति अपने पीछे ऐसी अनगिनत स्मृतियाँ और संस्कार छोड़ गई हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को हमेशा दिशा देते रहेंगे। जदयू नेता संजीव कुमार सिंह ने नम आँखों से बताया कि बड़ी माँ केवल एक परिवार की मुखिया नहीं थीं, बल्कि प्रेम, त्याग और स्नेह की सजीव मूर्ति थीं। उन्होंने कहा, “हम तीनों भाइयों और हमारी बहन को माँ-पिता दोनों का स्नेह देकर बड़ा करने वाली हमारी बड़ी माँ आज हमें छोड़कर चली गईं। त्याग, प्रेम और ममता का आँचल हमारे सिर से उठ गया, पर उनका आशीर्वाद हमारा जीवनभर मार्गदर्शन करेगा।”

वहीं राजीव कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतिम यात्रा आज 03 दिसंबर 2025, बुधवार, सुबह 09:00 बजे ग्राम बड़ेम में लव कुमार सिंह के घर से निकलेगी, जहाँ परिवार और क्षेत्र के लोग इस महान आत्मा को अंतिम विदाई देंगे।

ग्रामवासियों के अनुसार, स्वर्गीय संतन प्रसाद सिंह के निधन (2013) के बाद शीला देवी ने परिवार को संभालने में जो धैर्य, हिम्मत और ममत्व दिखाया, वह आज भी सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके व्यक्तित्व में सरलता थी, व्यवहार में मिठास और जीवन में संस्कारों की ऐसी सजल धारा थी जो हर किसी के दिल तक पहुँचती थी।

बड़ी माँ का जाना केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र का अपूरणीय नुकसान है।

परंतु उनके द्वारा बोए गए संस्कार, उनके आशीष और उनके जीवन मूल्य आने वाली पीढ़ियों में उजाला करते रहेंगे।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और शोकाकुल परिवार को धैर्य दे।

मछली नहीं बनाने पर मनचलों ने होटल में लगा दी आग, लाखों की संपत्ति जलकर खाक

औरंगाबाद के ब्लॉक मोड़ के पास सनसनीखेज वारदात

औरंगाबाद। नगर थाना क्षेत्र के ब्लॉक मोड़ के समीप स्थित एक होटल को असामाजिक तत्वों ने मंगलवार की देर रात आग के हवाले कर दिया। घटना लगभग पूर्वाह्न 3 बजे की है, जब इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ था। आग इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते होटल का सारा सामान राख में तब्दील हो गया। वहीं होटल से सटे खटाल में भी आग फैल गई, जिससे मवेशी झुलस गए। घटना में होटल संचालक की पत्नी भी घायल हो गईं और उनके हाथ झुलस गए। होटल संचालक शिवकुमार सिंह, जो ओबरा के मनौरा बाजीतपुर के निवासी हैं, ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से इस स्थान पर होटल चला रहे थे। उनके होटल में शाकाहारी और मांसाहारी भोजन की व्यवस्था रहती थी और इसी से उनका परिवार चलता था। उन्होंने बताया कि सोमवार की शाम कुछ युवक होटल पर पहुंचे और मछली बनाने की मांग करने लगे। उस समय गैस सिलेंडर खत्म होने के कारण वे ऑर्डर पूरा नहीं कर सके। इस पर उन युवकों ने न केवल उनसे बहस की, बल्कि धमकी भी दी कि “अब यहां रहना मुश्किल कर देंगे।” धमकी देकर वे वहां से चले गए।शिवकुमार के अनुसार, रात करीब 3 बजे उन्हें अचानक तेज जलने की गंध आई। बाहर निकलकर देखा तो होटल और बगल में बना खटाल धू-धू कर जल रहा था। आसपास पेट्रोल जैसी गंध भी महसूस हो रही थी, जिससे यह आशंका और मजबूत हो गई कि आग जानबूझकर लगाई गई है। स्थानीय लोगों की मदद से आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन लपटें इतनी तेज थीं कि प्रयास विफल रहा। घटना की जानकारी नगर थाना को दी गई, जिसके बाद दमकल दस्ता मौके पर पहुंचा और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। तब तक होटल का लगभग सारा सामान नष्ट हो चुका था। आग में दो फ्रिज, एक बाइक, काउंटर सामग्री, किचन उपकरण तथा खटाल से संबंधित सामान समेत लाखों की संपत्ति जलकर खाक हो गई। शिवकुमार ने अनुमान लगाया कि उन्हें लगभग 7 से 10 लाख रुपये तक का नुकसान हुआ है।

संचालक ने बताया कि जिन लोगों ने धमकी दी थी, उन्होंने पहले भी विवाद खड़ा किया था। इस घटना के बाद उन्होंने नगर थाना में नामजद आवेदन देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

औरंगाबाद में राजनीतिक रंजिश से तड़प उठा शहर: विवाद में विधायक समर्थक को मारी गोली

,औरंगाबाद शहर के श्रीकृष्ण नगर (अहरी) मोहल्ला, वार्ड संख्या 19 में रविवार देर शाम राजनीतिक तनाव उस समय हिंसा में बदल गया, जब एक युवक को सोशल मीडिया स्टेटस को लेकर हुए विवाद में गोली मार दी गई। घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैलाते हुए राजनीति की गरमाहट को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है।

घटना में घायल हुए युवक की पहचान ओबरा थाना क्षेत्र के कुशा गांव निवासी अनिल शर्मा के पुत्र राहुल शर्मा के रूप में की गई है, जो वर्तमान में अहरी मोहल्ला में किराए पर रहता है। गंभीर रूप से घायल राहुल को तत्काल सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका उपचार किया जा रहा है।

शपथ ग्रहण का स्टेटस बना विवाद की वजह

घायल राहुल शर्मा ने सदर अस्पताल में अपना बयान देते हुए बताया कि उसने ओबरा के नव–निर्वाचित विधायक प्रकाश चन्द्रा के शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीर अपने सोशल मीडिया स्टेटस पर लगाई थी। इसी बात से नाराज़ होकर पिसाय गांव के चुन्नू पांडेय, अंकित पांडेय, खुदवा के बृजेश पांडेय, ढूढ़ा के कुणाल कुमार, मखरा के राजीव कुमार और अरुंजय शर्मा रविवार शाम उसके किराए के घर पहुंच गए। राहुल के अनुसार, आरोपियों ने पहले स्टेटस को लेकर उससे बहस शुरू की, जो देखते ही देखते उग्र विवाद में बदल गई। तनाव बढ़ने पर चुन्नू पांडेय और अंकित पांडेय ने अचानक गोलीबारी कर दी।

जांघ और घुटने में फंसी तीन गोलियां

हमलावरों ने कुल तीन गोलियां चलाईं, जिनमें एक गोलि राहुल की जांघ में और दो गोली घुटने में धंस गई। गोली लगते ही राहुल किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागा और सीधे डॉक्टर नागेंद्र शर्मा के क्लिनिक पहुंचा। वहां मौजूद उसके रिश्तेदार सुबोध पांडेय ने उसे अपनी गाड़ी से सदर अस्पताल पहुंचाया।

डॉक्टरों ने बताया कि तीनों गोलियां शरीर में फंसी हुई हैं, जिसके कारण स्थिति गंभीर हो सकती है। प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे हायर हेल्थ सेंटर रेफर कर दिया गया है। घायल के परिजन अस्पताल पहुंचकर इलाज की प्रक्रिया में लगे हुए हैं।

पुलिस ने दर्ज की FIR, आरोपियों की तलाश तेज

घटना की सूचना मिलते ही नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे और राहुल का बयान दर्ज किया।

एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने बताया कि सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह मामला राजनीतिक वर्चस्व और पुराने विवाद से जुड़ा प्रतीत होता है। सूत्रों के अनुसार, शनिवार को भी चुन्नू पांडेय और राहुल शर्मा के बीच किसी मुद्दे को लेकर बहसबाजी हुई थी, जिसका परिणाम रविवार को गोलीबारी के रूप में सामने आया।

घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और सभी बिंदुओं पर छानबीन जारी है।

यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि स्थानीय राजनीति किस तरह आम लोगों के जीवन में हिंसा और तनाव फैला रही है। पुलिस प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती है कि वह ऐसे मामलों पर शीघ्र कार्रवाई कर शांति बहाल करे।

एनटीपीसी पर भारी आरोप: ओवरलोड व खुले ट्रकों ने बिगाड़ा जनजीवन, प्रशासन मूकदर्शक!

औरंगाबाद (संवाददाता) — नबीनगर प्रखंड के माधे गांव के समाजसेवी आदित्य सिंह उर्फ़ मुन्ना सिंह ने एनटीपीसी और इसके ठेकेदार संस्थानों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि एनटीपीसी से प्रतिदिन बड़ी संख्या में ओवरलोडेड और बिना ढंके ट्रक निकल रहे हैं, जिनसे उड़ने वाली फ्लाई ऐश ने स्थानीय लोगों का जीना दूभर कर दिया है।

समाजसेवी के मुताबिक, ये ट्रक नरारी थाना क्षेत्र और नबीनगर रोड से होकर गुजरते समय रास्ते भर राख गिराते चलते हैं। इससे सड़कें फिसलनभरी हो जाती हैं और दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बावजूद इसके, प्रशासन की भूमिका सिर्फ कागज़ी कार्रवाई तक सीमित दिख रही है। मुन्ना सिंह ने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत देने के बाद भी प्रशासन की कार्रवाई “नाम मात्र की” होती है और कुछ ही दिनों में परिस्थितियाँ पहले जैसी हो जाती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि “जब ओवरलोडिंग कानूनन अपराध है, तो ऐसे ट्रकों को चालान कैसे जारी कर दिए जाते हैं?

क्या इसके पीछे मिलीभगत नहीं है हाल ही में छापेमारी के दौरान कुछ ओवरलोडेड राख लदे ट्रकों के पकड़े जाने की सूचना सामने आई है। समाजसेवी ने अधिकारियों को इसकी सराहना करते हुए कहा कि वे इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। उनके अनुसार, प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण जनता को रोजाना प्रदूषण, दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। समाजसेवी ने कड़ा संदेश देते हुए कहा,

“जब कमजोर व्यक्ति अन्याय से लड़ते-लड़ते थक जाता है, तब प्रकृति स्वयं न्याय करती है।”

उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनता की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

मेंहदी का रंग सूखने से पहले उजड़ गया सुहाग: सड़क हादसे में नवविवाहित की दर्दनाक मौत, गांव में पसरा मातम

औरंगाबाद। खुशियों से भरे घर में अभी तक शादी की रस्मों की महक बसी ही थी कि किस्मत ने ऐसा क्रूर खेल खेला कि पूरा परिवार मातम में डूब गया। मदनपुर थाना क्षेत्र के झीकटिया मोड़ पर शनिवार देर रात हुए सड़क हादसे में नवविवाहित युवक प्रमोद रिकियासन की मौत से इलाके में शोक छा गया है। कुछ महीनों पहले ही सात फेरे लेने वाले इस दंपति की जिंदगी में खुशी का रंग अभी गहरा भी नहीं पड़ा था कि मौत ने दरवाज़ा खटखटा दिया।

जानकारी के अनुसार, चांदपुर निवासी बिगन भुइयां का 26 वर्षीय पुत्र प्रमोद शनिवार की रात अपना निजी काम निपटाकर मदनपुर बाज़ार से घर लौट रहा था। झीकटिया मोड़ के पास सामने से आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉली से उसकी बाइक की जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि प्रमोद सड़क पर गिरते ही गंभीर रूप से घायल हो गया। राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मदनपुर थाना के एसआई सुरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। घायल अवस्था में उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

हादसे की जानकारी मिलते ही प्रमोद के घर में कोहराम मच गया। वृद्ध पिता बिगन भुइयां का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार बस यही कह रहे थे कि “बाबू अभी शादी के कुछ महीने ही तो हुए थे… घर की दीवारों पर अभी भी रस्मों की खुशबू बाकी है।” बुज़ुर्ग पिता की यह बात सुनते ही मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं। नवविवाहिता पत्नी पर तो मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मेंहदी का रंग गहराने से पहले ही उसका सुहाग छिन गया। रिश्तेदारों और गांववालों की सिसकियों के बीच घर का हर कोना मातम में डूबा है।

थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया है और चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की उम्मीद है।

चांदपुर गांव में इस हादसे के बाद शोक की लहर दौड़ गई है। गांववालों का कहना है कि तेज़ रफ्तार और लापरवाही ने एक नहीं, कई सपनों को उजाड़ दिया। सड़क पर बिखरे मलबे ने मानो एक परिवार की टूट चुकी उम्मीदों की गवाही दी।

नवविवाहिता की हथेलियों की मेंहदी का रंग अभी पूरी तरह सूखा भी नहीं था, लेकिन किस्मत ने उसके जीवन से सुहाग का चिराग बुझा दिया। यह हादसा न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि क्षेत्र में सड़क सुरक्षा पर बड़े सवाल भी खड़े करता है।

औरंगाबाद में शराबबंदी कानून का उल्लंघन: कुटुंबा थाना के एएसआई गिरफ्तार

सरकारी आवास से अवैध शराब बरामद, कोर्ट परिसर से हुई गिरफ्तारी

,औरंगाबाद, जिले में शराबबंदी कानून के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुटुंबा थाना में पदस्थापित एएसआई महेंद्र पासवान को पुलिस ने अवैध शराब रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को यह कार्रवाई तब हुई जब पुलिस को सूचना मिली कि थाना परिसर स्थित उनके सरकारी आवासनुमा कमरे में अवैध शराब छुपाकर रखी गई है। थानाध्यक्ष इमरान आलम ने बताया कि सूचना की पुष्टि के बाद मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गई। उसके बाद ओडी पदाधिकारी मिक्कू कुमार के साथ पुलिस टीम ने बैरक स्थित एएसआई के बंद कमरे का ताला तोड़कर तलाशी ली। जांच में कमरे से 500 एमएल के छह कैन बियर बरामद किए गए। बरामदगी के आधार पर थानाध्यक्ष के स्वलिखित आवेदन पर बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत एएसआई महेंद्र पासवान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

कोर्ट परिसर से की गई गिरफ्तारी

विशेष बात यह रही कि एएसआई महेंद्र पासवान को उसी दिन कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया गया। वह मारपीट मामले में फरार चल रहे आरोपियों को पकड़कर रिमांड प्रक्रिया के लिए कोर्ट पहुंचे थे। इसी दौरान पुलिस टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक कानूनी औपचारिकताओं के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एएसआई ने बताया खुद को निर्दोष, पुलिस कर रही जांच

पूछताछ में एएसआई ने खुद को निर्दोष बताते हुए दावा किया कि उनके कमरे के पिछले दरवाजे की कुंडी कई दिनों से खराब थी। इसी का फायदा उठाकर किसी ने साजिश के तहत कमरे में शराब रख दी और सूचना अधिकारियों तक पहुंचा दी। पुलिस उनके दावे की जांच कर रही है। घटना सामने आते ही क्षेत्र में आक्रोश देखा गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि शराबबंदी लागू कराने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, उन्हीं द्वारा कानून का उल्लंघन राज्य की शराबबंदी नीति पर सवाल खड़े करता है।

एसडीपीओ बोले—कानून से ऊपर कोई नहीं

एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि शराब बरामदगी, गिरफ्तारी और एएसआई के दावे—सभी की गहन जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे, चाहे वह कोई भी हो। मामले की जांच जारी है और आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि एएसआई महेंद्र पासवान दोषी हैं या किसी साजिश का शिकार।

औरंगाबाद में मासूम की दर्दनाक मौत: पानी भरे गड्ढे में डूबकर चार साल की बच्ची ने गंवाई जान, निर्माण एजेंसी पर लापरवाही के आरोप

 ,औरंगाबाद जिले के अंबा थाना क्षेत्र के भलुआड़ी बरवाडीह गांव में शनिवार की शाम एक हृदयविदारक हादसा सामने आया, जिसमें चार साल की मासूम बच्ची राधा प्रिया की मौत हो गई। पानी से भरे गड्ढे में गिरकर डूबने के कारण उसकी जान चली गई। गांव में पसरा मातम और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल इस हादसे की गंभीरता को बयां करता है। बताया जाता है कि गांव के पास सड़क निर्माण कार्य के दौरान संबंधित एजेंसी ने जेसीबी से मिट्टी काटकर एक गहरा गड्ढा बनाया था। गड्ढे में बारिश और नाली का पानी भर गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, ग्रामीणों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था किए बिना इसे खुला छोड़ दिया गया था। इसी बीच, शनिवार शाम राधा अन्य बच्चों की तरह घर के पास खेल रही थी। खेल-खेल में वह पानी से भरे उसी गड्ढे की ओर चली गई और अनजाने में उसमें गिर पड़ी। काफी देर तक घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। खोज के दौरान जब बच्ची पानी भरे गड्ढे में मिली, तो परिजन उसे तुरंत सदर अस्पताल ले गए। उन्होंने उसे जिंदा समझकर इलाज की उम्मीद में दौड़ लगाई, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई।

निर्माण एजेंसी पर आरोप, कर्मी मौके से फरार

ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए भारत माला परियोजना के तहत वाराणसी–कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में लगी पीएनसी कंपनी पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि गांव से निकलने वाली नाली का पानी सड़क किनारे न बह सके, इसके लिए घर के पास ही अस्थायी गड्ढा खोदा गया था, जिसकी कोई सुरक्षा घेराबंदी नहीं की गई थी। लगातार पानी भरने से यह दुर्घटना का कारण बना। घटना के बाद निर्माण कार्य में लगे सभी कर्मी मौके से फरार हो गए। इससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक निर्माण एजेंसी सुरक्षित कार्य नहीं करेगी, ग्रामीण काम बंद कराने को मजबूर होंगे। स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि निर्माण कंपनी के वाहन चालक भी बिना किसी नियम-कानून की परवाह किए तेज रफ्तार में वाहनों का संचालन करते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। 

पुलिस की कार्रवाई जारी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया। अंबा थानाध्यक्ष राहुल राज ने बताया कि परिजनों को लिखित आवेदन देने को कहा गया है। आवेदन मिलते ही प्राथमिकी दर्ज कर मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई पूरी गंभीरता से की जाएगी। राधा प्रिया की मौत न सिर्फ एक परिवार का उजड़ना है, बल्कि यह निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की बड़ी कीमत भी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कंपनी समय रहते सुरक्षा इंतजाम करती, तो यह मासूम आज जीवित होती। अब गांव के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि प्रशासन इस लापरवाही पर सख्त कदम उठाएगा।

झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण महिला एवं नवजात बच्चे की गई जान

परिजनों के हंगामे के बाद स्थानीय विधायक और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे।

रफीगंज के महादेव हॉस्पिटल में महिला एवं नवजात के मृत्यु के बाद परिजनों हंगामा खड़ा कर दिया। सूचना पाकर स्थानीय विधायक एवं पुलिस प्रशासन के लोग मौके पर पहुंच मामले को शांत करवाया। इस मामले में मृतक महिला के पति महुआइन गाँव निवासी अखिलेश चौधरी द्वारा रफीगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि मैं अपनी पत्नी शोभा देवी (उम्र लगभग 27 वर्ष) को प्रसव के लिए 27 नवंबर 2025 को दोपहर रफीगंज के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। सरकारी अस्पताल में डॉक्टर लालजी यादव और एक ANM द्वारा जाँच के बाद बताया गया कि मरीज की स्थिति ठीक' है, और प्रसव सामान्य हो जाएगा, जिसमें थोड़ा समय लगेगा। इसी बीच ललीता देवी ने उन्हें सरकारी अस्पताल में प्रसव ठीक से न होने की बात कहकर 'महादेव अस्पताल' जाने की सलाह दी।पति अखिलेश चौधरी का कहना है कि उन्होंने 27 नवंबर की पूरी रात सरकारी अस्पताल में इंतजार किया, लेकिन वहाँ किसी डॉक्टर या नर्स ने उनकी पत्नी को कोई इलाज नहीं दिया। आशा कार्यकर्ता की सलाह पर परिवार ने अपनी मरीज को 28 नवंबर 2025 को दोपहर महादेव अस्पताल में भर्ती कराया। महादेव अस्पताल में डॉ. महादेव यादव और अवकाश प्राप्त ANM राधा देवी ने कथित तौर पर परिजनों को बताया कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है और जितनी जल्दी हो सके, ऑपरेशन कराना होगा। ऑपरेशन से पहले उनसे ₹30,000 जमा करने के लिए कहा गया।परिजनों ने तुरंत ₹30,000 जमा कर दिए, जिसके बाद शोभा देवी का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि महिला और नवजात दोनों सीरियस हैं।

डॉ महादेव द्वारा कासमा रोड स्थित मां बच्चा अस्पताल में हमारे बच्चे को साथ ले जाकर भर्ती करवाया गया। जहां बच्चा अस्पताल के डॉ विकास कुमार द्वारा बताया गया कि बच्चा सीरियस है 20 हजार रुपए जमा करें। इसके कुछ देर बाद बताया गया कि बच्चे की स्थिति ठीक नहीं है रेफर करना होगा। जब बच्चे को देखा तो वो मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। दूसरी तरफ डॉ महादेव के द्वारा एंबुलेंस बुलाकर हमारे परिजन के साथ मेरी पत्नी को गयाजी के किसी अस्पताल में भेज दिया गया तथा डॉ महादेव एवं स्टाफ सभी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए।

सूत्रों के अनुसार महिला और नवजात की मौत की खबर मिलते ही परिजनों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता पर लापरवाही और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सूचना पाकर रफीगंज विधायक प्रमोद कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने औरंगाबाद डीएम श्रीकांत शास्त्री से फोन पर बातचीत कर रफीगंज में चल रहा है अवैध क्लिनिको पर छापा मारने की बात कही। तथा इस मामले में निष्पक्ष जांच करते हुए डॉक्टर पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने कि बात कही।

नव निर्वाचित विधायक प्रमोद कुमार सिंह का भव्य स्वागत, विकास को लेकर दिखा उत्साह

रफीगंज प्रखंड के भदवा,भदवा डीह,कजपा और बराही में मंगलवार दोपहर नवनिर्वाचित विधायक प्रमोद कुमार सिंह के सम्मान में भव्य स्वागत समारोह सह जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। क्षेत्र के सैकड़ों लोगों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने अंगवस्त्र एवं फूल-मालाओं से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पूरे मार्ग में उत्साह और जश्न का माहौल देखने को मिला।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में बिहार में चौतरफा विकास हो रहा है। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं का लाभ हर घर तक पहुंचाने का प्रयास लगातार जारी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि क्षेत्र में भ्रष्टाचार और दलाली को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। “मैं इस विधानसभा क्षेत्र को भ्रष्टाचारमुक्त बनाकर ही दम लूंगा,” उन्होंने दृढ़ता से कहा कि ना मैं गलत करूंगा न गलत होने दूंगा।

दौरे के दौरान विधायक ने विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना कर प्रसाद चढ़ाया और आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में भाजपा वरिष्ठ नेता अवधेश कुमार सिंह, पैक्स अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह, जदयू प्रखंड अध्यक्ष मधुकर लाल कुशवाहा,भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष बबलू सिंह, रामनायक सिंह, विपिन सिंह, मुन्ना सिंह, निखिल सिंह, सिंटू सिंह, रणजीत सिंह, शिव कुमार सिंह, पिंटू सिंह, कपिल देव सिंह, देव प्रसाद सिंह, अनूप कुमार सिंह, मुकुल सिंह, शंकर सिंह, पंकज कुमार, नीरज सिंह,रामानुज मिश्रा, मुकेश कुमार, सौरभ कुमार, संजीव कुमार, अखिलेश शर्मा समेत सैकड़ों समर्थक उपस्थित रहे। पूरे आयोजन में उत्साह, उमंग और विकास की नई उम्मीदें झलकती रहीं।

विधायक प्रमोद कुमार सिंह ने जताया शोक,रेगनियाँ पहुंच दिवंगत बलिन्द्र सिंह को दी श्रद्धांजलि

नवीनगर विधानसभा क्षेत्र के रेगनियाँ गांव में कुछ दिनों पूर्व स्वर्गीय बलिन्द्र सिंह के निधन से पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई थी। इसी शोक-संवेदना को साझा करने हेतु रफीगंज विधानसभा के विधायक प्रमोद कुमार सिंह शुक्रवार को रेगनियाँ पहुँचे।

विधायक प्रमोद कुमार सिंह ने स्व. बलिन्द्र सिंह के आवास पर पहुँचकर परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि परिवार जिस कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है, उसमें वे हर संभव सहयोग के लिए सदैव तैयार हैं। विधायक ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान श्रीहरि नारायण से प्रार्थना की कि वे स्व. बलिन्द्र सिंह को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को इस दुखद समय में धैर्य प्रदान करें।

ग्रामीणों ने बताया कि अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बीच विधायक का अचानक पहुँच जाना उनके संवेदनशील स्वभाव और जनसेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। क्षेत्रवासियों ने विधायक के इस मानवीय पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे कदम जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच विश्वास को और मजबूत करते हैं।

रेगनियाँ में विधायक की मौजूदगी और शोक-संवेदना ने लोगों के दिलों को छू लिया, जिसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है।