दिव्यांगजनो में दिव्य रचनात्मक क्षमता होता है-न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र
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संजय द्विवेदी, प्रयागराज।दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं उत्तर प्रदेश मूक बधिर विद्यालय प्रयागराज के संयुक्त सहयोग से उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज में त्रिदिवसीय दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति विपिन चन्द्र दीक्षित उच्च न्यायालय इलाहाबाद रहे।
न्यायमूर्ति ने दिव्यकला एवं कौशल प्रदर्शनी में दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत एवं सरकारी विभागो के स्टालों का अवलोकन किया।न्यायमूर्ति ने दिव्यांगजनों के हितार्थ उत्तर प्रदेश मूक बधिर विद्यालय द्वारा संचालित कौशल प्रशिक्षण स्टाल का भी अवलोकन किया।उक्त कार्यक्रम में न्यायमूर्ति द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि दिव्यांगजनों में दिव्य रचनात्मक क्षमता होता है।
इस अवसर पर 50 दिव्यांग बच्चों को श्रवण यंत्र एम०आर० किट एवं टिफिन बॉक्स वितरित किया। त्रिदिवसीय इस प्रर्दशनी के समापन सत्र में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। इस त्रिदिवसीय प्रदर्शनी में बचपन डे केयर सेण्टर प्रयागराज उत्तर प्रदेश मूक बधिर विद्यालय प्रयागराज भाविनी वेलफेयर सोसाइटी माता कलावती कालेज उडान स्पेशल स्कूल ट्रेन ट्रस्ट जन चेतना संस्थान सक्षम इत्यादि स्वैच्छिक एवं विभागीय संस्था ने प्रतिभाग किया।
इस समापन सत्र में अभय कुमार श्रीवास्तव उपनिदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग प्रयागराज मण्डल प्रयागराज अशोक कुमार गौतम जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी प्रयागराज डा० के०एन० मिश्र प्रधानाचार्य उत्तर प्रदेश मूक बधिर विद्यालय प्रयागराज विकास पाण्डेय जिला समन्वयक समेकित शिक्षा प्रयागराज एवं सन्देश मिश्र पाठ्यक्रम समन्वयक उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता डा०प्रभाकर त्रिपाठी द्वारा किया गया।






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