नई दिल्ली में 21 नवंबर को मनाया जाएगा विश्व मत्स्य दिवस, ट्रेसिबिलिटी की राष्ट्रीय रूपरेखा होगी जारी
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दिल्ली ब्यूरो
नई दिल्ली । मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत संचालित मत्स्य पालन विभाग 21 नवंबर को नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में विश्व मत्स्य दिवस 2025 का आयोजन करेगा। इस वर्ष का ध्येय वाक्य है— "भारत की जलजनित अर्थव्यवस्था में बदलाव: समुद्री खाद्य वस्तुओं के निर्यात में मूल्यवर्धन", जिसका उद्देश्य भारत के समुद्री और अंतर्देशीय जलीय उत्पादों को उच्च मूल्य वाले वैश्विक प्रतिस्पर्धी उत्पादों में रूपांतरित करना है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह आभासी रूप से शामिल होंगे, जबकि नई दिल्ली में राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन की उपस्थिति रहेगी। भारत सहित कई देशों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि इस वृहद आयोजन में भाग लेंगे।
इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग मत्स्य और जलीय कृषि में ट्रेसिबिलिटी पर राष्ट्रीय रूपरेखा जारी करेगा। इसका लक्ष्य एक केंद्रीकृत डिजिटल ट्रेसिबिलिटी प्रणाली तैयार करना है, जो उत्पाद के स्रोत, प्रसंस्करण केंद्र और बिक्री स्थान की स्पष्ट जानकारी देकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन, खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और बाजार पहुंच को मजबूत करेगी।
कार्यक्रम में संधारणीय मत्स्य प्राप्ति और जलीय कृषि के लिए कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की जाएंगी, जिनमें समुद्री कृषि के लिए मानक संचालन प्रक्रिया, स्मार्ट व एकीकृत बंदरगाहों के दिशानिर्देश, फिश लैंडिंग सेंटर संबंधी दिशानिर्देश, जलाशय मत्स्य प्रबंधन ढांचा और तटीय जलीय कृषि दिशानिर्देश शामिल हैं। यह पहल भारत के जलीय क्षेत्र के समग्र विकास के लिए व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करती है।
आयोजन में दो तकनीकी सत्र भी होंगे। पहला सत्र “मूल्य संवर्धन के माध्यम से मत्स्य पालन और जलीय कृषि के विकास को बढ़ावा” पर केंद्रित होगा, जिसमें समुद्री खाद्य उत्पादों के विविधीकरण, नवाचार, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मानक व प्रमाणन सुधार और अवसंरचना विकास पर चर्चा होगी। दूसरा सत्र “भारतीय अंतर्देशीय जल स्रोतों की निर्यात क्षमता के उपयोग” पर आधारित होगा, जिसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की नदियों, झीलों, तालाबों और मीठे जल स्रोतों की मत्स्य प्रजातियों की क्षमता पर विशेषज्ञ विमर्श करेंगे।









2 hours and 29 min ago
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