अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता को बनाने के पीछे वसूली,तस्करी,अवैध उत्खनन,रंगदारी ,भयादोहन..... बाबूलाल मरांडी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले किया विरोध,फिर सस्पेंड, फिर सेवा विस्तार, और त्यागपत्र लेने की कहानी
अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की जांच नहीं ,मतलब अवैध कमाई की हिस्सेदारी
मुख्यमंत्री को मुफ्त सलाह...अनुराग गुप्ता को बना लें सलाहकार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज फिर एकबार अवैध रूप से नियुक्त पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर हेमंत सरकार पर बड़ा निशाना साधा।
श्री मरांडी ने कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को 2 वर्षों तक निलंबित रखने,फिर उन्हें डीजीपी बनाने, रिटायरमेंट के बाद भी सेवा विस्तार देने और अंत में इस्तीफा लेने के पीछे के रहस्य को राज्य की जनता जानना चाहती है।आखिर इसके पीछे कारण क्या है?
उन्होंने कहा कि आज तक जो बातें सामने आ रही है उसके पीछे अवैध वसूली,तस्करी,अवैध उत्खनन,रंगदारी और भयादोहन है।
कहा कि अनुराग गुप्ता ने मुख्यमंत्री के संरक्षण में वसूली केलिए इंस्पेक्टर गणेश सिंह,सिपाही रंजीत राणा,बिचौलिया मनोज गुप्ता, हरियाणा के किशन जी जैसे लोगों को कलैक्टर बहाल किया था।और ये इतने प्रभावी हो गए हैं कि इन लोगों पर भी आजतक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। हेमंत सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की संरक्षक बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने शराब घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से आगाह किया था लेकिन मुख्यमंत्री ने जानबूझकर अनसुना किया। और बाद में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड पहुंच गई,वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे की गिरफ्तारी हुई।
कहा कि यहां भी राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया,90 दिनों तक चार्जशीट दाखिल नहीं कर जमानत का रास्ता प्रशस्त किया। आज तक घोटाले से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई।
कहा कि हेमंत सरकार भ्रष्टाचार को रोकना नहीं चाहती।यदि ऐसा नहीं होता तो बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी कानून बनाते,अवैध संपत्ति जब्त की जाती।
कहा कि अवैध कफ सिरप को बढ़ावा देकर राज्य सरकार बच्चों के जान से भी खिलवाड़ करने में नहीं चुकी।जब गुजरात की टीम कार्रवाई करती है तो वही अवैध डीजीपी ने सीआईडी जांच कराने वीके बहाने अपराधियों को छोड़ने केलिए टेलीफोन किया।
कहा कि अवैध डीजीपी के कारनामे एक नहीं अनेक हैं।जब उन्हें सीआईडी,एसआईटी के डीजी से हटाया गया तो वे अपने ऑफिस से रातों रात कागजात हटाते रहे,,पेनड्राइव में सेव किया और सीएम को मामला उजागर करने केलिए धमका भी रहे।
कहा कि अवैध डीजीपी का कार्यालय लूट का अड्डा बना हुआ था,आज सूचना मिल रही है कि वे ।दिल्ली,हरियाणा से मुख्यमंत्री को धमका रहे हैं।
कहा कि आम तौर पर कुख्यात अपराधी को उसके गृह जिला से बाहर की जेलों में रखा जाता है लेकिन अनुराग गुप्ता ने सुजीत सिन्हा को पलामू की जेल में रखा, राजेश राम जैसे अपराधी की बैठकी अनुराग गुप्ता की गोपनीय शाखा में होती थी,मिलकर वसूली करते थे,झारखंड को लगातार लूट रहे थे।
कहा कि यह सब मुख्यमंत्री के संरक्षण में राज्य में पल बढ़ रहे भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के संरक्षण, पालन पोषण की सच्चाई है।
उन्होंने कहा कि इतना के बावजूद मुख्यमंत्री ने अबतक कोई जांच नहीं बैठाया। इसका सीधा अर्थ मामला लेन देन का है। मुख्यमंत्री को हिस्सेदारी नहीं मिलने की लड़ाई है अवैध डीजीपी का इस्तीफा।और जांच नहीं होना।
श्री मरांडी ने कहा कि राज्य के कुछ अधिकारी आज हेमंत सरकार के टूल किट बन रहे।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को कानून के आधार पर जनहित में कार्य करना चाहिए।नहीं तो जांच होने पर वे भी कभी मुश्किल में पड़ सकते हैं।
श्री मरांडी ने कहा कि भस्मासुर को वरदान देना महंगा पड़ता है। अच्छा होगा मुख्यमंत्री उन्हें अपना सलाहकार बना लें ताकि सुरक्षित रहें।
प्रेसवार्ता में सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह,प्रवक्ता प्रतुल शाह देव भी उपस्थित थे।
Nov 18 2025, 19:03
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