आबकारी राजस्व लक्ष्य को प्राप्त न करने पर अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: नितिन अग्रवाल
*प्रदेश में 63 हजार करोड़ आबकारी राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश*

लखनऊ। प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में आबकारी विभाग को 63 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य प्राप्त करना है, जिसे हर हाल में हासिल किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित मासिक राजस्व लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किया जाए। जिन जनपदों का प्रदर्शन अक्टूबर माह में कमजोर रहा है या लगातार अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक विभाग ने 32,500 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 30,657.54 करोड़ रुपये की प्राप्ति की है, जो 94.33 प्रतिशत है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि में प्राप्त 26,330.87 करोड़ रुपये की तुलना में 4,326.67 करोड़ रुपये अधिक है। इस प्रकार विभाग ने गतवर्ष की तुलना में 116.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। आबकारी मंत्री ने अधिकारियों को आगामी महीनों में राजस्व वृद्धि के हर संभव प्रयास करने तथा वर्षांत तक 63 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

प्रदेश के सीमावर्ती और असेवित क्षेत्रों में नई शराब दुकानों की संभावनाओं का सर्वे कर 15 दिन में प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा गया। मंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक किसी भी जनहानि जैसी अप्रिय घटना नहीं हुई है। उन्होंने अधिकारियों को और अधिक सतर्क रहकर प्रवर्तन कार्य संचालित करने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में भी ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

अवैध मदिरा के निर्माण, परिवहन और बिक्री पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए। साथ ही अन्य राज्यों की शराब की अवैध बिक्री पर पूर्ण रोक लगाने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने को कहा गया। कच्ची शराब के निर्माण एवं बिक्री पर पूर्ण नियंत्रण हेतु ठोस कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभागीय अधिकारियों, निरीक्षकों एवं फील्ड स्टाफ के लिए समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएं, ताकि उन्हें कानूनों, नीतियों और नवाचारों की जानकारी अद्यतन रूप में मिलती रहे। शराब माफिया एवं अवैध गिरोहों के खिलाफ समन्वित अभियान चलाकर उनके समूल उन्मूलन का भी संकल्प दोहराया गया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती वीना कुमारी, आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह, विशेष सचिव अभिषेक आनंद, अपर आयुक्त (प्रशासन) नवनीत सेहारा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे, जबकि जनपदीय अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।
सारनाथ: मूलगंध कुटी विहार की वर्षगांठ पर निकली भगवान बुद्ध की शोभायात्रा, हजारों अनुयाई हुए शामिल

*सारनाथ के प्रति बढ़ती वैश्विक रुचि दर्शाती है उत्तर प्रदेश आज भी बौद्ध पर्यटन का प्रमुख केंद्र : जयवीर सिंह*
लखनऊ। सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार की 94वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को दर्शनार्थ रखा गया। देश-विदेश से पहुंचे हजारों बौद्ध श्रद्धालुओं ने तथागत के पवित्र अस्थि अवशेषों के दर्शन किए। कल 5 नवंबर, 2025 कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों सहित थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और लाओस से आए बौद्ध श्रद्धालु सम्मिलित हुए।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि सारनाथ में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष दर्शन के लिए रखे जाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री सम्मिलित होते हैं। इस वर्ष तीन दिवसीय (03 से 05 नवंबर) आयोजन में पिछले वर्ष से करीब दोगुना श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले देशों के अलावा कोलकाता, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, लद्दाख और हिमालयी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सारनाथ पहुंचे। यह आयोजन महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया, सारनाथ केंद्र और वियतनामी बौद्ध संघ के सहयोग से आयोजित किया गया।

  पर्यटन मंत्री ने बताया कि सारनाथ में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। विशेष शोभा यात्रा और पूजा-अर्चना के बीच देश-विदेश से आए 22,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बुद्ध के पावन अस्थि अवशेषों के दिव्य दर्शन कर आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त की। विदेशी श्रद्धालुओं में श्रीलंका और वियतनाम से सबसे अधिक आगंतुकों ने सहभाग किया। उन्होंने बताया, कि सारनाथ वही पुण्य भूमि है जहां भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश धर्मचक्र प्रवर्तन दिया था।

जयवीर सिंह ने बताया कि भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेष के भारत वापसी ने बौद्ध श्रद्धालुओं में नई आस्था और उत्साह का संचार किया है। सारनाथ में महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रधान भिक्षु भंते सुमिथानंद थेरो ने इसे अत्यंत हर्ष और आध्यात्मिक गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों से 127 साल बाद यह संभव हुआ। इस ऐतिहासिक वापसी के स्वागत में इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु सारनाथ पहुंचे और पवित्र अवशेषों के दर्शन कर स्वयं को धन्य पाया।
सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है यूपी सरकार : एके शर्मा

दोहरीघाट में विकास की नई इबारत, मंत्री ने 36 करोड़ की 79 परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने अपने मऊ भ्रमण के दौरान आदर्श नगर पंचायत दोहरीघाट में सरयू नदी के तट पर आयोजित एक भव्य जनसमारोह में 36 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 79 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।इन परियोजनाओं में वंदन योजना, दीनदयाल नगर विकास योजना तथा अन्य नगर विकास योजनाओं के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं -जैसे पेयजल आपूर्ति नेटवर्क का विस्तार, जल निकासी एवं नाली निर्माण, सड़क सुदृढ़ीकरण, ओपन जिम, पार्क एवं हरित क्षेत्र विकास, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, स्ट्रीट लाइटिंग, सार्वजनिक शौचालय और नगर सौंदर्यीकरण के कार्य।

इस दौरान मंत्री एके शर्मा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि विकास जनता की सेवा का माध्यम है, इसे रुकने नहीं देंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विकास कार्य जनता की सेवा का सबसे सशक्त माध्यम है। यह सरकार न तो कार्य से पीछे हटती है और न ही जिम्मेदारी से। हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक नगर, प्रत्येक मोहल्ला और प्रत्येक नागरिक को बेहतर जीवन-स्तर और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नगर विकास विभाग ने ‘स्वच्छ नगर – स्वस्थ नागरिक – सशक्त प्रदेश’ के संकल्प को लेकर कार्य प्रारंभ किया है। हर नगर में पेयजल, जल निकासी, सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएँ तेजी से विकसित की जा रही हैं। सरकार का उद्देश्य केवल ईंट और सीमेंट से निर्माण कराना नहीं है, बल्कि लोगों के जीवन में वास्तविक सुधार लाना है। हर नागरिक को सुविधाजनक, सुरक्षित और सम्मानजनक शहरी जीवन देना हमारी प्राथमिकता है।उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है — “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास”, और इसी भावना के साथ सरकार गांवों से लेकर नगरों तक विकास की अलख जगा रही है।

मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि जनता की भागीदारी के बिना कोई भी योजना पूर्ण नहीं हो सकती। नगरों के विकास में नागरिकों की सक्रिय भूमिका बहुत आवश्यक है। सरकार योजनाएं बनाती है, लेकिन उन्हें सफल तभी बनाया जा सकता है जब जनता उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझे। दोहरीघाट के नागरिकों ने जिस समर्पण से स्वच्छता और विकास में योगदान दिया है, वह पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है।

उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि प्रत्येक कार्य में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

कार्यक्रम में जनप्रतिनिधिगण,संबंधित अधिकारी एवं भारी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। लोगों ने मंत्री श्री शर्मा का गर्मजोशी से स्वागत किया और सरकार की विकासपरक नीतियों की सराहना की। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि इन परियोजनाओं से नगर का कायाकल्प होगा और नागरिकों को वर्षों से चली आ रही समस्याओं से राहत मिलेगी।

*कार्तिक पूर्णिमा पर काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब*

कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में आस्था का महा उत्सव, श्रद्धा और संस्कृति ही हमारी असली शक्ति - जयवीर सिंह

लखनऊ। कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी में गंगा घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाई। अस्सी घाट से राजघाट तक और गंगा-गोमती के संगम पर भी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। बुधवार तड़के से ही लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा नदी की ओर प्रस्थान करने लगे। सूर्य की पहली किरण के साथ गंगा में पूर्णिमा का स्नान आरंभ हुआ। देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित किया। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा की पहली किरण के साथ ही घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का सैलाब देखने को मिला। गूंजते मंत्रों, आरती और दीपों की ज्योति से वातावरण दिव्यमय हो उठा। पर्यटन विभाग की ओर से देव दीपावली के आयोजन के लिए भव्य तैयारियां की गई हैं। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस वर्ष देव दीपावली को और अधिक भव्य, सुव्यवस्थित और आकर्षक स्वरूप देने के लिए विशेष प्रबंधन किए गए हैं। घाटों से लेकर नगर की प्रमुख सड़कों तक रोशनी, सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विस्तृत खाका तैयार किया गया है।

जयवीर सिंह ने बताया कि वाराणसी के विभिन्न घाटों पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान विदेशी पर्यटकों ने भी पवित्र गंगा में विधि-विधान के साथ डुबकी लगाकर आस्था व्यक्त की। घाटों पर आयोजित गंगा आरती, भजन-कीर्तन और दीपदान के दृश्य ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। मंत्री ने बताया कि वाराणसी की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक गरिमा दुनियाभर के लोगों को आकर्षित करती है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यह अपने चरम पर दिखाई दिया।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह काशी की जीवंत आध्यात्मिक विरासत को भी दर्शाता है। प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु काशी पहुंचते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा (देव दीपावली) के दिन दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में एक काशी उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि का वैश्विक प्रतीक बन जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। महादेव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इस दिन किया गया दान कई यज्ञों के बराबर फल देता है। काशी की देव दीपावली विश्वविख्यात है।

"वंदे मातरम्” केवल गीत नहीं बल्कि भारत की आत्मा की आवाज: भूपेन्द्र चौधरी

150 वर्ष पूरे होने पर मनाया जाएगा राष्ट्रव्यापी उत्सव

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने आज लखनऊ स्थित भाजपा राज्य मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज है। यह वह स्वर है जिसने गुलामी की बेड़ियों में जकड़े भारत को आज़ादी की राह दिखाई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत हर आंदोलन और बलिदान का प्रेरणास्रोत रहा और आज भी यह हर भारतीय के हृदय में नई ऊर्जा, साहस और एकता का संचार करता है।

प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि “वंदे मातरम्” में केवल मातृभूमि की स्तुति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति श्रद्धा, त्याग और समर्पण की भावना निहित है। यह गीत हमें याद दिलाता है कि हमारा राष्ट्र केवल सीमाओं से नहीं, बल्कि साझा संस्कृति, भावनाओं और कर्तव्यबोध से निर्मित हुआ है।

उन्होंने बताया कि “वंदे मातरम्” की रचना वर्ष 1875 में श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने की थी और इसका प्रथम वाचन वर्ष 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा कोलकाता में किया गया। वर्ष 1950 में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसे राष्ट्रगीत का दर्जा प्रदान किया। स्वतंत्रता संग्राम में यह गीत राष्ट्रवाद, एकता और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रतिरोध का प्रतीक बना।

चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 को “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रव्यापी उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में भाजपा ने भी विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 7 नवम्बर 2025 को 18 स्थानों पर 150 कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक “वंदे मातरम्” गायन और सभाओं का आयोजन होगा। इसके बाद 8 से 15 नवम्बर तक सभी जिला मुख्यालयों, विधानसभा और मण्डल स्तर पर भी सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में कार्यक्रम होंगे, जिनमें आमजन की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

अभियान के अंतर्गत तिरंगा यात्राएँ, प्रभात फेरियाँ, बाइक रैलियाँ, प्रदर्शनियाँ और साहित्यिक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। विद्यालयों व महाविद्यालयों में निबंध, कविता एवं चित्रकला प्रतियोगिताएँ कराई जाएंगी, ताकि नई पीढ़ी राष्ट्रगीत की प्रेरणा और उसके महत्व से परिचित हो सके।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि “वंदे मातरम्” नवभारत के उस संकल्प का प्रतीक है, जिसमें हर नागरिक भारत माता के प्रति श्रद्धा, सेवा और समर्पण की भावना को जीवित रखे — यही भावना भारत को “वसुधैव कुटुम्बकम्” के संदेशवाहक के रूप में विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करती है।

8 से 11 नवंबर तक यूपी में नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री

*सर्वर ट्रांसफर के चलते ऑनलाइन कार्य रहेगा बाधित*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 8 नवंबर से 11 नवंबर तक जमीनों की रजिस्ट्री का कार्य नहीं होगा। उत्तर प्रदेश महानिरीक्षक निबंधन (IG Registration) आईएएस नेहा शर्मा ने इस संबंध में सभी सहायक महानिरीक्षकों को आदेश जारी किए हैं।

पत्र के अनुसार, स्टांप एवं पंजीकरण विभाग के ऑनलाइन पोर्टल को NIC द्वारा संचालित मेघराज क्लाउड सर्वर से नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड (NGC) पर ट्रांसफर किया जा रहा है। इस तकनीकी प्रक्रिया के चलते इन चार दिनों के दौरान ऑनलाइन लेखपत्र पंजीकरण और उससे संबंधित सभी आवेदन कार्य अस्थायी रूप से बाधित रहेंगे।

विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे इन तिथियों के दौरान रजिस्ट्री संबंधी कार्य की योजना न बनाएं और आवश्यक कार्य 8 नवंबर से पहले या 11 नवंबर के बाद करवाएं।
बहराइच-लखनऊ हाई-वे पर दर्दनाक हादसा, ट्रेलर की चपेट में आने से चार की मौत


लखनऊ/बहराइच। बुधवार सुबह बहराइच-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मदन कोठी चौराहे के पास बड़ा हादसा हो गया। फखरपुर की ओर से आ रहा गिट्टी से भरा ट्रेलर अचानक अनियंत्रित हो गया और सामने से आ रही बाइक में जा टकराया।
हादसा इतना भीषण था कि बाइक सवार चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में एक वर्ष का मासूम बच्चा भी शामिल है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सभी की मौत ट्रेलर के पहिए के नीचे आने से हुई है। घटना के बाद ट्रेलर चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
फिलहाल मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
यूपी पंचायत चुनाव 2026 : ग्राम पंचायत सदस्य से प्रधान पद तक नामांकन शुल्क और खर्च की सीमा तय



लखनऊ । उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव 2026 को लेकर राज्य सरकार ने नामांकन शुल्क, जमानत राशि और चुनाव खर्च की सीमा तय कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग की नई अधिसूचना के अनुसार ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर ग्राम प्रधान पद तक के उम्मीदवारों के लिए शुल्क और खर्च की स्पष्ट व्यवस्था बनाई गई है।

ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए सामान्य उम्मीदवारों को नामांकन शुल्क ₹200 और जमानत राशि ₹800 जमा करनी होगी। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला उम्मीदवारों के लिए यह शुल्क ₹100 और जमानत राशि ₹400 निर्धारित की गई है।

ग्राम प्रधान पद के लिए सामान्य श्रेणी के प्रत्याशियों को नामांकन शुल्क ₹600 और जमानत राशि ₹3000 देनी होगी। जबकि आरक्षित श्रेणी (SC/ST/OBC/महिला) के उम्मीदवारों के लिए यह राशि क्रमशः ₹300 शुल्क और ₹1500 जमानत तय की गई है।

चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा भी तय कर दी गई है। अब कोई भी उम्मीदवार पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार, जनसंपर्क और अन्य अनुमन्य गतिविधियों पर अधिकतम ₹1,25,000 तक ही खर्च कर सकेगा। इस सीमा से अधिक खर्च करने पर निर्वाचन आयोग की कार्रवाई का प्रावधान रहेगा।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, यह निर्णय पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। आयोग का मानना है कि खर्च सीमा तय होने से चुनाव में पैसे का प्रभाव घटेगा और आम ग्रामीण उम्मीदवारों को भी बराबरी का मौका मिलेगा। पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उम्मीदवारों को निर्धारित तिथियों के भीतर नामांकन पत्र दाखिल करना होगा।
निर्माण श्रमिकों को 15 नवम्बर तक कराना होगा लेबर कार्ड नवीनीकरण, अन्यथा सूची से नाम होगा निष्क्रिय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के हितार्थ अनेक कल्याणकारी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इनमें कन्या विवाह सहायता योजना, मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना, सन्त रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना, निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना तथा अटल आवासीय विद्यालय योजना प्रमुख हैं।

इन योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं निर्माण श्रमिकों को प्राप्त होगा, जो बोर्ड में विधिवत पंजीकृत हैं तथा जिनका पंजीयन नियमानुसार नवीनीकृत किया गया है। अपर श्रमायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे श्रमिक, जिनका लेबर कार्ड या श्रमिक पंजीकरण कार्ड चार वर्ष या उससे अधिक समय से नवीनीकृत नहीं कराया गया है, उन्हें 15 नवम्बर 2025 के उपरान्त निष्क्रिय सूची में सम्मिलित कर दिया जायेगा। निष्क्रिय सूची में सम्मिलित श्रमिकों की गणना पंजीकृत निर्माण श्रमिकों में नहीं की जाएगी और वे योजनाओं के पात्र नहीं रहेंगे।

उन्होंने सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों से अपील की है कि वे शीघ्र अपने लेबर कार्ड का नवीनीकरण अपने नजदीकी C.S.C. ई-डिस्ट्रिक्ट सेंटर, C.S.C. ई-गवर्नेंस सेंटर अथवा बोर्ड की वेबसाइट upbocw.in के माध्यम से करा लें। बोर्ड की सभी योजनाओं, पंजीकरण प्रक्रिया एवं नवीनीकरण की विस्तृत जानकारी उक्त वेबसाइट पर उपलब्ध है।
चावल मिलों को नॉन हाइब्रिड धान की कुटाई के लिए रिकवरी प्रतिशत में मिली एक प्रतिशत की छूट
राइस मिलों में कार्यरत लगभग 2 लाख लोगों के रोजगार में आएगी सुदृढ़ता

राईस मिलों से जुड़े अनुमानित 13 से 15 लाख किसान होंगे लाभान्वित

लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा राइस मिलर उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तथा नॉन हाइब्रिड धान की कुटाई को प्रोत्साहित करने के लिए इसके रिकवरी प्रतिशत में 01 प्रतिशत की छूट प्रदान की है। इस छूट से चावल मिलें सरकारी क्रय केन्द्रों पर खरीदे गये नान हाईब्रिड धान की कुटाई करने हेतु प्रोत्साहित होंगी तथा चावल मिलों में आपसी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इस प्रकार चावल मिल उद्योग को नई ऊर्जा प्राप्त होगी व चावल मिल उद्योग सुदृढ़ होगा तथा उद्यमियों द्वारा चावल मिल उद्योग लगाने के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा। इससे राइस मिलों में कार्यरत लगभग 2 लाख लोगों के रोजगार में सुदृढ़ता आएगी तथा राईस मिलों से जुड़े अनुमानित 13 से 15 लाख किसान लाभान्वित होंगे। नॉन हाइब्रिड की कुटाई में रिकवरी प्रतिशत की छूट की मात्रा के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा अपने बजट से इस वर्ष से किया जायेगा, जिसके लिए अनुमानित रू166.51 करोड़ धनराशि आंकलित की गयी है।

प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंगलवार को लोकभवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि  विगत वर्षों में कतिपय चावल मिलें ऐसी थीं, जो नान हाईब्रिड धान की रिकवरी प्रतिशत कम होने के कारण सरकारी क्रय केन्द्रों के धान की कुटाई में रूचि नहीं लेती थी। चावल मिलों के पास पर्याप्त पूँजी न होने के कारण वे अपनी मशीनों को समय से आधुनिकीकृत नहीं कर पाती थी। अब छूट की प्रतिपूर्ति से प्राप्त धनराशि को वे अपनी क्षमता को बढ़ाने में व्यय कर सकेंगी, जिससे प्रदेश में धान कुटाई की अतिरिक्त क्षमता सृजित होगी। प्रदेश के राइस मिलर्स धान खरीद प्रक्रिया की रीढ़ ही नहीं है बल्कि इनमें भारी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलता है। राइस मिलों की संख्या बढ़े, इस उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। विगत वर्षों में प्रदेश में चावल मिल उद्योग की संख्या में प्रतिवर्ष कमी परिलक्षित हो रही है, जिसका प्रमुख कारण धान कुटाई में रिकवरी प्रतिशत कम प्राप्त होना था। राइस मिलर द्वारा 67 प्रतिशत मानक का चावल तैयार कर भाखानि को सम्प्रदानित करने से उन्हें आर्थिक हानि होती थी।

श्री खन्ना ने बताया कि पूरे देश में धान से चावल निर्मित करने हेतु 67 प्रतिशत रिकवरी निर्धारित की गयी है। जब प्रदेश सरकार को इस समस्या से अवगत कराया गया कि हाइब्रिड धान की कुटाई में ब्रोकन राइस का प्रतिशत ज्यादा होने के कारण रिकवरी कम प्राप्त होती है तो सरकार द्वारा इसका संज्ञान लेते हुए वर्ष 2018-19 से चावल मिलर्स को कुटाई में 3 प्रतिशत रिकवरी की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार के बजट से की जा रही है। विगत वर्ष इस मद में लगभग रू० 94.79 करोड़ की प्रतिपूर्ति चावल मिलर्स को की गयी। इस वर्ष सरकार के संज्ञान में लाया गया कि नॉन-हाइब्रिड धान में भी अपेक्षित रिकवरी प्राप्त नहीं हो रही है, जिससे राइस मिलों के अस्तित्व पर संकट आ सकता है। प्रदेश की चावल मिलों को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष से नॉन हाईब्रिड धान की कुटाई में भी रिकवरी में 01 प्रतिशत की छूट की मात्रा के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा अपने बजट से की जायेगी, जिसमें लगभग रू0 166.51 करोड़ की धनराशि व्यय होगी। चूंकि प्रदेश में सीएमआर की अग्रिम लॉट के सापेक्ष धान दिये जाने का प्राविधान है, अतः चावल मिले यथाशीघ्र सीएमआर का सम्प्रदान भारतीय खाद्य निगम को करके धान प्राप्त करने हेतु इच्छुक रहेंगी। इसका लाभ यह होगा कि जून तक सम्प्रदानित होने वाले सीएमआर के अप्रैल माह तक ही केन्द्रीयपूल में शत-प्रतिशत सम्प्रदान होने की सम्भावना बढ़ जायेगी। रिकवरी प्रतिशत में छूट के कारण कुटाई में चावल मिलों की प्रतिस्पर्धा होने से किसानों द्वारा लाये गये किसी भी प्रकार की धान की प्रजाति को सरकारी क्रय केन्द्रों पर खरीदा जा सकेगा। किसानों द्वारा हाईब्रिड धान के अतिरिक्त अन्य प्रजातियों के धान की फसल को भी लगाये जाने में प्रोत्साहन मिलेगा। इससे धान की देशी प्रजातियों की बुआई को बढ़ावा भी मिलेगा। केन्द्रों पर खरीद बढ़ जाने के फलस्वरूप बाहर के प्रदेशों से भारतीय खाद्य निगम द्वारा पीडीएस योजना में वितरण हेतु चावल की रैक प्रदेश के बाहर से नहीं मंगानी पड़ेगी, जिससे केन्द्र सरकार की इन रैकों पर व्यय होने वाली धनराशि की बचत होगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में प्रस्तावित 4000 धान क्रय केन्द्रों के सापेक्ष अबतक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में 1244 केन्द्र एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में 2856 केन्द्र कुल 4100 क्रय केन्द्रों संचालित हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिनांक 01.10.2025 से एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिनांक 01.11.2025 से खरीद प्रारम्भ हो गयी है। समस्त जनपदों के क्रय केन्द्रों पर खरीद सम्बन्धी समस्त व्यवस्थाएं एवं कृषकों की सुख-सुविधा की व्यवस्थाएं पूर्ण हैं। प्रदेश में अब तक 2,53,339 कृषकों द्वारा धान विक्रय के लिए पंजीकरण कराया गया है।

गत वर्ष अब तक 0.58 लाख मीटन धान खरीद हुयी थी, जब कि इस वर्ष अब तक 1.41 लाख मी टन धान खरीदा जा चुका है. जो 2.5 गुना है।