बिहार चुनावः पहले चरण में सुबह 9 बजे तक 13.13% वोटिंग, लालू परिवार ने किया मतदान

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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग चल रही है। राज्य की 243 सीटों में से 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हो रहा है।9 बजे तक की वोटिंग के आंकड़े आ चुके हैं और इस समय तक 13.13 फीसदी वोट पड़े हैं।

सुबह 9 बजे तक मतदान प्रतिशत

पूरे बिहार में – 13.13%

मधेपुरा- 13.74%

सहरसा- 15.27%

खगड़िया- 14.15%

दरभंगा- 12.48%

पटना- 11.2%

भोजपुर- 13.11%

बक्सर- 13.28%

समस्तीपुर- 12.86%

शेखपुरा- 12.97%

मुज़फ़्फ़रपुर – 14.38%

सारण- 13.3%

बेगूसराय- 14.6%

नालंदा- 12.45%

मुंगेर- 13.37%

वैशाली- 14.3%

लखीसराय- 13.39%

गोपालगंज- 13.97%

सीवान- 13.35%

लालू परिवार ने डाला वोट

पहले चरण के मतदान के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडू) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव ने पटना में अपना वोट डाला। लालू परिवार में तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव और उनकी बहन मीसा भारती भी मतदान करने के लिए मौजूद थीं।

14 नवंबर को बदलाव आएगा-तेजस्वी

वोट डालने के बाद महागठबंधन में सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि 14 नवंबर को बदलाव आएगा, बदलाव लाएं, नई सरकार बनाएं। इस मौके पर मीसा भारती ने मतदाताओं से "अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वोट" करने का आग्रह किया। वोट डालने के बाद उन्होंने आत्मविश्वास जताया कि युवाओं और जनता ने मन बना लिया है, और महागठबंधन भारी बहुमत से जीतेगा।

तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट पर वोटिंग जारी, क्या जीत का लगाएंगे चौका?

बिहार विधानसभा चुनाव के इस दौर में बीजेपी ने अपना जोर केवल प्रचार-रैली तक सीमित नहीं रखा है. पार्टी ने इस बार विपक्ष के मजबूत गढ़ों को सीधे निशाने पर लिया है. इन्हीं में से एक है वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट, जिसे लंबे समय से राजद और लालू प्रसाद यादव के परिवार का राजनीतिक केंद्र माना जाता है. तेजस्वी यादव इसी सीट से दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं. लेकिन इस बार मुकाबला पहले जितना सरल नहीं दिख रहा.

राघोपुर की पहचान सिर्फ एक आम विधानसभा सीट की नहीं, बल्कि राजनीतिक वंश और परंपरा की सीट के रूप में रही है. लालू प्रसाद यादव ने 1995 में इसे अपना चुनाव क्षेत्र बनाया था और तब से यह इलाका लगातार सुर्खियों में रहा. बाद में राबड़ी देवी ने भी यहां से प्रतिनिधित्व किया. 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने यहां से वापसी की और परिवार की पकड़ बरकरार रखी.

Live Updates…

पटना में वोट डालने के बाद राघोपुर से प्रत्याशी तेजस्वी यादव ने कहा कि 14 नवंबर को राज्य में नई सरकार बनेगी.

बड़ी संख्या में वोटर्स पोलिंग बूथ पर पहुंचने लगे हैं.

राघोपुर सीट पर भी वोटिंग शुरू हो चुकी है.

राघोपुर सीट हाई प्रोफाइल सीट है और यहां पर चुनाव को लेकर खासी तैयारी की गई है.

बीजेपी का दांव: सतीश कुमार यादव की वापसी

इस चुनाव में बीजेपी ने तेजस्वी यादव को चुनौती देने के लिए सतीश कुमार यादव का नाम आगे किया है. 2010 के चुनाव में सतीश ने जदयू उम्मीदवार रहते हुए राबड़ी देवी को हराया था, जो उस समय राज्य की सबसे चर्चित महिला नेता थीं. उसी जीत ने सतीश को राघोपुर की राजनीति का महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया. सतीश 2015 और 2020 में भी तेजस्वी के खिलाफ चुनाव लड़े, पर वह जीत नहीं सके. लेकिन इस बार परिस्थिति अलग है, जदयू फिर से बीजेपी के साथ है और लोजपा भी एनडीए खेमे में. इससे समीकरण पहले से अधिक सतीश के पक्ष में माने जा रहे हैं.

वोट बंटवारे से तेजस्वी की चुनौती हुई और कठिन

पिछले चुनाव में लोजपा उम्मीदवार राकेश रौशन को 25,000 से अधिक वोट मिले थे, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था और सतीश का अंतर कम रह गया था. इस बार राकेश रौशन ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है. इससे एनडीए का वोट बैंक एकजुट होने की संभावना और तेजस्वी के लिए चुनौती और कठिन मानी जा रही है. एनडीए के बड़े चेहरे लगातार यहां डेरा डाले हुए हैं.

63 साल से इस सीट पर यदुवंशी वर्ग का कब्जा

राघोपुर की राजनीति में एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि पिछले छह दशकों से इस सीट का प्रतिनिधित्व यदुवंशी वर्ग करता आया है. उदय नारायण राय, उसके बाद लालू प्रसाद, फिर राबड़ी देवी और बाद में तेजस्वी यादव, ये सिलसिला अब तक कायम है. 2010 में पहली बार इस परंपरा में दरार तब पड़ी जब सतीश ने राबड़ी देवी को मात दे दी.

माहौल में बदलाव या परंपरा की जीत?

राघोपुर का चुनाव इस बार केवल दो उम्मीदवारों की लड़ाई नहीं, बल्कि दो राजनीतिक विचारधाराओं और दो तरह की पहचान की जंग है. एक तरफ हैं तेजस्वी यादव, जिन्हें युवा नेतृत्व और सामाजिक न्याय की राजनीति का चेहरा कहा जा रहा है. दूसरी ओर हैं सतीश यादव, जिनके साथ सत्तारूढ़ गठबंधन की ताकत, पुराना जनसंपर्क और पिछली जीत का इतिहास है. किसी एक नतीजे से सिर्फ सत्ता का संतुलन नहीं बदलेगा, बल्कि यह भी तय होगा कि राघोपुर अपनी पारंपरिक निष्ठा निभाता है या बदलते राजनीतिक समीकरणों के साथ कदम बढ़ाता है.

पहले मतदान, फिर जलपान...पीएम मोदी की बिहार के मतदाताओं से अपील

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बिहार चुनाव 2025 के लिए वोटिंग जारी है। 2025 विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले पीएम मोदी ने बिहार के वोटरों से अधिक वोटिंग की अपील की है।

पीएम मोदी ने कहा, "बिहार में आज लोकतंत्र के उत्सव का पहला चरण है। विधानसभा चुनावों में इस दौर के सभी मतदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे पूरे उत्साह के साथ मतदान करें। इस मौके पर पहली बार वोट डालने जा रहे राज्य के अपने सभी युवा साथियों को मेरी विशेष बधाई। याद रखना है- पहले मतदान, फिर जलपान!"

चुनाव आयोग ने कहा- लोकतंत्र के त्योहार के लिए बिहार तैयार

वहीं, चुनाव आयोग ने भी एक्स पर पोस्ट कर कहा कि चुनाव के लिए बिहार तैयार है। चुनाव आयोग ने कहा कि लोकतंत्र के त्योहार के लिए बिहार है तैयार। मतदान केंद्र में सभी मतदाताओं का स्वागत है।

लोकतंत्र के उत्सव में बढ़ चढ़ कर भाग ले- राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में आज पहले दौर की वोटिंग है। सभी मतदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में बढ़ चढ़ कर भाग लें। इस मौके पर पहली बार वोट करने जा रहे युवा मतदाताओं को बहुत-बहुत बधाई!

बिहार में पहले चरण की वोटिंग आज, 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान

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बिहार में आज पहले चरण का चुनाव होना है। सुबह 7 बजे से बिहार की 121 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई।पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होने जा रहा है। यह जिले हैं, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर।

नीतीश सरकार के इन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

भाजपा कोटे से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (सीवान), बांकीपुर से नितिन नवीन, तारापुर से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, लखीसराय से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, दरभंगा के जाले से नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, दरभंगा शहरी से राजस्व मंत्री संजय सरावगी, कुढ़नी से पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, साहेबगंज से पर्यटन मंत्री राजू कुमार, अमनौर से सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू, बिहारशरीफ से पर्यावरण मंत्री सुनील कुमार और बछवाड़ा से खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता चुनाव मैदान में हैं। वहीं, जद(यू) के पांच मंत्रियों में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी (सराय रंजन), नालंदा से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, बहादुरपुर से समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, कल्याणपुर से सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी और सोनबरसा से मंत्री रत्नेश सदा शामिल हैं।

पहले चरण में इन दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला

पहले चरण में कई चर्चित उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद होगी। इनमें महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, लोकगायिका मैथिली ठाकुर, भोजपुरी फिल्म स्टार खेसारी लाल यादव, जनशक्ति जनता दल के तेज प्रताप यादव, जनता दल (यूनाइटेड) प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और भोला यादव शामिल हैं। अलीनगर सीट पर भी सबकी नजर है, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विनोद मिश्रा से है। वहीं, हाल ही में मोकामा में दुलार चंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार जद(यू) प्रत्याशी अनंत सिंह की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होना है।

पहले चरण में तीन करोड़ 75 लाख से अधिक मतदाता

पहले चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाता मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। एक करोड़ 98 लाख 35 हजार 325 पुरुष, एक करोड़ 76 लाख 77 हजार 219 महिलाएं और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।। इसके अलावा, 1, 00, 904 सर्विस वोटर भी इस चरण में वोट डालेंगे।

दीघा में सबसे अधिक मतदाता

निर्वाचन क्षेत्रों के लिहाज से दीघा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 4,57,657 मतदाता हैं, जबकि बरबीघा में सबसे कम 2,31,998 मतदाता पंजीकृत हैं। क्षेत्रफल के अनुसार बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र सबसे छोटा (16.239 वर्ग किलोमीटर) और सूर्यगढ़ा सबसे बड़ा (62.247 वर्ग किलोमीटर) है।

एनक्वास प्रमाणीकरण की दिशा में तेजी - औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना उदाहरण

-राज्यस्तरीय टीम ने किया गहन निरीक्षण, गुणवत्ता सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए

पूर्णिया, 09 अक्टूबर

स्वास्थ्य सेवा को सभी नागरिकों तक सुरक्षित, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पहुँचाना भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक, जिसे सामान्यतः एनक्वास कहा जाता है, लागू किया गया है। यह मानक अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता, स्वच्छता, रोगियों की संतुष्टि, संसाधनों का प्रबंधन और समग्र सेवा प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। एनक्वास प्रमाणीकरण किसी भी स्वास्थ्य संस्था के लिए केवल उसकी कार्यकुशलता का प्रमाण नहीं होता, बल्कि स्थानीय जनता के विश्वास को भी मजबूती प्रदान करता है। बड़राहा कोठी प्रखंड के औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने इस दिशा में लगातार कदम बढ़ाते हुए अपने प्रयासों को गति दी है और एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को व्यवस्थित तरीके से अंजाम दे रहा है।

राज्यस्तरीय निरीक्षण और व्यापक समीक्षा :

राज्यस्तरीय टीम का निरीक्षण बुधवार को आयोजित किया गया, जिसका नेतृत्व राज्यस्तरीय असेसर विश्वजीत कुमार और सुमन सिन्हा ने किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने केंद्र के विभिन्न विभागों का गहन मूल्यांकन किया। इसमें प्रयोगशाला, मैटरनिटी वार्ड, ऑक्सिलरी सर्विस और जनरल प्रशासन विभाग शामिल थे। निरीक्षण के दौरान टीम ने प्रत्येक विभाग की कार्यप्रणाली, स्वच्छता स्तर, उपकरणों की उपलब्धता और कार्यकुशलता का बारीकी से आकलन किया। उन्होंने केंद्र में चल रही सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों के अनुभव का भी मूल्यांकन किया। निरीक्षण के दौरान कई कमियों की पहचान हुई और उनके समाधान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। राज्यस्तरीय टीम ने कहा कि यह मूल्यांकन केवल निरीक्षण का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य तकनीकी, प्रशासनिक और बुनियादी खामियों को दूर करना है, ताकि प्रमाणीकरण प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। वही कर्मियों के साथ बैठक करके सुधार की प्राथमिकताएं तय की गईं और सभी को अपनी जिम्मेदारी का बोध कराया गया।

सुधार और सामूहिक प्रयास पर जोर :

एसेसर सुमन सिन्हा ने कहा कि केंद्र के कर्मचारी मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी।पहले ही एनक्वास मानकों के अनुरूप सेवाएं प्रदान करने में सक्रिय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शेष कमियों को निर्धारित समयसीमा में समाप्त करने के लिए सभी कर्मचारियों का सामूहिक प्रयास और समर्पण आवश्यक है। उन्होंने आगे बताया कि गुणवत्ता सुधार एक सतत प्रक्रिया है और इसमें सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी सफलता की कुंजी है। राज्य स्वास्थ्य समिति के आंतरिक आकलनकर्ताओं ने भी केंद्र के कर्मचारियों के उत्साह की सराहना की और कहा कि उनके प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को नए स्तर तक ले जाने में अहम योगदान देंगे।

प्राथमिक लक्ष्य - राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण :

डीसीक्यूओ डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान केंद्र के लिए बायोवेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छता व्यवस्था, मरीज फीडबैक सर्वे, हाउसकीपिंग, लांड्री, इलेक्ट्रिकल ऑडिट और फायर सेफ्टी मैनेजमेंट के क्षेत्रों में सुधार हेतु सुझाव दिए गए। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी सुझावों को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर ने कहा कि एनक्वास राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण प्राप्त करना केंद्र का मुख्य लक्ष्य है और इसके लिए अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मिलकर लगातार कार्य कर रहे हैं।

मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी :

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि स्थानीय नागरिकों के लिए यह प्रयास एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में सामने आ सकता है। एनक्वास प्रमाणीकरण मिलने के बाद औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में उपचार लेने वाले मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी। यह न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच को भी मजबूत करेगा। सिविल सर्जन ने नागरिकों से अपील की कि वे केंद्र की सेवाओं का लाभ लें और अपनी प्रतिक्रिया साझा करें, ताकि सेवाओं में और सुधार किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र में आने वाले प्रत्येक मरीज की सुरक्षा और संतुष्टि सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

एनक्वास प्रमाणीकरण की दिशा में यह कदम केवल केंद्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे बिकोठी प्रखंड के स्वास्थ्य ढांचे के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वास में स्थायी सुधार की उम्मीद है।

पत्नी ज्योति सिंह के इल्ज़ाम पे पवन सिंह ने फेसबुक पोस्ट में दी सफाई, कहा – "जनता मेरे लिए भगवान है

भोजपुरी सुपरस्टार और राजनेता पवन सिंह एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए ज्योति सिंह से जुड़ी घटनाओं पर सफाई दी है। पवन सिंह ने लिखा कि उनके लिए जनता भगवान के समान है और वे कभी भी जनभावनाओं को ठेस नहीं पहुँचा सकते।

अपने पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट किया कि ज्योति सिंह खुद उनके सोसाइटी में आई थीं, जहाँ उन्होंने ससम्मान उन्हें घर बुलाया और करीब डेढ़ घंटे बातचीत हुई। पवन सिंह का कहना है कि उस दौरान ज्योति सिंह बार-बार यही कह रही थीं कि उन्हें किसी भी तरह से चुनाव लड़वाया जाए, जबकि यह फैसला उनके बस में नहीं था।

उन्होंने यह भी लिखा कि पुलिस को उन्होंने नहीं बुलाया था। पुलिस पहले से ही वहाँ मौजूद थी ताकि किसी तरह की अनहोनी या विवाद से बचा जा सके।

हालांकि, सोशल मीडिया पर उनके इस बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है। कुछ लोग पवन सिंह के स्पष्टीकरण को सही ठहरा रहे हैं, तो वहीं कई यूजर्स सवाल उठा रहे हैं कि आखिर यह विवाद क्यों बढ़ा और क्या भोजपुरी स्टार की राजनीति में एंट्री को लेकर अंदरखाने कुछ और चल रहा है?

अब सवाल उठता है कि ज्योति सिंह आज से 5 दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए लाइव आकर पवन सिंह के घर से रिलेटेड अपनी बात कही थी 5 दिन बाद पवन सिंह ने ज्योति सिंह के सवालों का जवाब सोशल मीडिया के माध्यम से दिया है सवाल यह है कि 5 दिन बाद पवन सिंह ने आखिर अपनी चुप्पी क्यों तोड़ी है हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि पवन सिंह के इस पोस्ट के बाद ज्योति सिंह के तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया सामने आती है।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का प्रशांत किशोर पर तीखा प्रहार — कहा, “चंदे के पैसे से राजनीति करने वाले ठग हैं, पहले खुद का हिसाब दें”

जहानाबाद बिहार की सियासत में एक बार फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) पर तीखा हमला बोला है। मांझी ने जहानाबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रशांत किशोर अब जनता को गुमराह करने की राजनीति कर रहे हैं और बिहार की जनता उनकी सच्चाई जान चुकी है।

मांझी ने कहा, “प्रशांत किशोर कोई दूध का धुला हुआ इंसान नहीं हैं। वह दूसरों पर आरोप लगाने से पहले यह बताएं कि चंदे के पैसे से चलने वाला उनका अभियान आखिर कहां से फंडेड है। अगर उन्हें राजनीति करनी है, तो पहले अपने पैसे और उद्देश्य का स्रोत स्पष्ट करें।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब प्रशांत किशोर देशभर में चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम करते थे, तब उन्हीं नेताओं से पैसे लेकर प्रचार करते थे, जिन्हें आज कोस रहे हैं। “यह दोहरा चरित्र है और जनता अब इस ठगी को भली-भांति समझ चुकी है,” मांझी ने कहा।

उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर खुद को बिहार की राजनीति का नया चेहरा बताकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। “राजनीति कोई नाटक नहीं, बल्कि जनसेवा का कार्य है। चंदे के पैसे से राजनीति करना और दूसरों को भ्रष्ट कहना अपने आप में विरोधाभास है,” मांझी ने जोड़ा।

मांझी ने यह भी कहा कि अगर प्रशांत किशोर को सच में बिहार की चिंता है, तो वे पहले यह बताएं कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने राज्य के लिए क्या किया है। “सिर्फ बयानबाजी और प्रचार से बिहार नहीं बदलेगा,” उन्होंने कहा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने जन सुराज अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अभियान जनता का नहीं, बल्कि कुछ खास लोगों द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है। “इसके पीछे कौन फंड दे रहा है, यह साफ होना चाहिए,” उन्होंने कहा।

मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी पर प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा कि “अगर किसी कोसने से राजनीति होती है, तो जनता उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगी। आज बिहार में जो विकास कार्य हो रहे हैं, वह किसी भाषण से नहीं बल्कि सरकार की योजनाओं से संभव हुआ है।”

उन्होंने कहा कि “बिहार की राजनीति अब भावनाओं से नहीं, बल्कि विकास और विश्वास से चलती है। जनता बहुत समझदार है और ठगी की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगी।”

मांझी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि उनके इस तीखे बयान से बिहार की सियासत में एक बार फिर प्रशांत किशोर बनाम पारंपरिक नेताओं की जंग गहराने वाली है।

बिहार के दानापुर आशोपुर स्थित वस्तु विहार सोसाइटी में फ़ाइलेरिया उन्मूलन की अनूठी पहल

पटना- परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और बिहार सरकार, राज्य से फाइलेरिया उन्मूलन हेतु दृढ़ संकल्पित है. इसी को दृष्टिगत रखते हुए गाँधी जयंती एवं विजयदशमी के अवसर पर दानापुर आशोपुर स्थित वास्तु विहार सोसाइटी में एक अनूठी पहल की गयी. राज्य सलाहकार फाइलेरिया, डॉ अनुज सिंह रावत की निगरानी में फाइलेरिया से बचाव के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क प्रदान की जाने वाली दवा का सामूहिक सेवन कर अपने सोसाइटी, समाज और राष्ट्र से फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन का संकल्प लिया गया.

डॉ रावत ने सभी सम्मानित सदस्यों को बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है और यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में बिहार के सभी 38 जिलों में यह बीमारी अपने व्यापक प्रसार पर है और वर्तमान में 1.58 लाख व्यक्ति हाथीपांव से ग्रसित का आंकड़ा सरकार के पास पंजीकृत है, जबकि संख्या इससे बहुत अधिक है.

डॉ रावत ने बताया कि इस बीमारी से बचाव का तरीका बहुत ही आसान है कि सरकार द्वारा साल में एक बार प्रदान की जाने वाली एलबेंडाजोल और डी.ई.सी. की दवा का सेवन स्वयं करें और अपने परिवार के सभी सदस्यों को कराएं. यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं आता है.

डॉ रावत ने सभी को अवगत कराया कि दवा का सेवन हमेशा भरपूर पेट खाना खाने के बाद ही करना है. कभी भी खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है.

इस मौके पर डॉ. अरविन्द, उमाकांत चौधरी, मुकुंद झा, मुकेश सिंह, आदित्य झा, बी.के. सिंह, प्रभात कुमार सहित अदिति ब्लाक ए, बी एवं गंगा ब्लाक ए, बी, सी के अनेक गणमान्यों ने दवा सेवन किया और फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन का संकल्प लिया.

पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक आज, दिल्ली के बदले बिहार में मंथन के क्या है सियासी मायने?

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पटना में 24 सितंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होने वाली है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस इस बार बड़ी गंभीर है। राहुल गांधी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। ऐसे में आज बिहार की राजधानी पटना में होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। यही नहीं, आजादी के बाद बिहार में कांग्रेस कार्यसमिति की यह पहली बैठक है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा देशभर के करीब 170 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

देशभर के 170 से ज्यादा नेताओं का जुटान

सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल होने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, डीके शिवकुमार सहित ज्यादातर वरीय नेता पटना पहुंच गए हैं। वहीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज पटना पहुंचेंगे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया भी शिरकत करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, सीएलपी लीडर, सांसद और विधायक भी इस बैठक का हिस्सा बनेंगे। बैठक में देशभर के 170 से ज्यादा नेता, तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।

तेलंगाना की तर्ज पर बनेगी रणनीति

पार्टी का दावा है कि यह बैठक बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन का नया अध्याय लिख सकती है। पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक ऐतिहासिक मानी जा रही है। पार्टी का फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर है और तेलंगाना की तरह यहां भी रणनीति बनाने का दावा किया जा रहा है।

कांग्रेस ने कहा 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई'

बता दें कि इससे पहले 1940 में पटना कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर बिहार कांग्रेस के नेता 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई' बता रहे हैं। जिसके ज़रिए कांग्रेस आज़ादी की दूसरी लड़ाई का बिगुल फूंकना चाहती है। उसका कहना है कि बमुश्किल मिली आज़ादी, लोकतंत्र और संविधान को वोट चोरी के ज़रिए छीनने की बीजेपी को कोशिश से आज़ादी की लड़ाई की तर्ज पर ही लड़ा जाएगा। इस नारे के साथ कि तब लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

जहानाबाद पहुंचे बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन, कहा – मगध में इस बार एनडीए की होगी जीत

जहानाबाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज़ हुसैन आज पटना से गया जी जाते समय जहानाबाद पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और पत्रकारों से भी बातचीत की।

मगध जीतने का बनाया रणनीति

शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि मगध क्षेत्र में बीजेपी और एनडीए अब तक पूरी मजबूती से कब्जा नहीं जमा पाए थे, लेकिन इस बार पार्टी ने पूरी रणनीति बना ली है। उन्होंने विश्वास जताया कि मगध की सभी सीटों पर एनडीए उम्मीदवार विजयी होंगे।

उन्होंने कहा, “जहानाबाद की तीनों विधानसभा सीटों पर एनडीए के ही उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे और जनता उन्हें जीताकर भेजेगी।”

विपक्ष पर साधा निशाना

पत्रकारों से बातचीत में शाहनवाज़ हुसैन ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्राओं को “ठगी यात्रा” और “असफल यात्रा” करार दिया।

उन्होंने कहा, “विपक्ष के पास न कोई मुद्दा है, न कोई विकल्प। जनता उनके राज और उनकी नाकामियों को अच्छी तरह याद रखती है। बिहार की जनता अब भी 2005 से पहले का दौर नहीं भूली है।”

जनता का भरोसा एनडीए के साथ

बीजेपी नेता ने कहा कि एनडीए की नीतियों और केंद्र-राज्य सरकार की योजनाओं से जनता संतुष्ट है और इस बार मगध क्षेत्र पूरी तरह एनडीए के पक्ष में वोट करेगा।