कोई भी चिकित्साधिकारी सीएमओ की अनुमति के बगैर नहीं छोड़ेगा मुख्यालय : डीएम
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सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। जिलाधिकारी डा0 राजागणपति आर0 की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि शासन की मंशा के अनुरूप जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं एवं समुचित उपचार उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कड़े निर्देश दिये कि कोई भी चिकित्सा अधिकारी बिना मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अनुमति के मुख्यालय नही छोड़ेगा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि सभी पोर्टलों पर डाटा फीडिंग का कार्य नियमित रूप से कराया जाये। आर0सी0एच0 मेटर्नल हेल्थ पोर्टल पर समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि पोर्टल पर आकड़ों को समय से फीड किया जाये। उन्होंने कहा कि समस्त पोर्टल पर फीडिंग कार्य में कोई लापरवाही न हो, यह सुनिश्चित किया जाये। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि शत प्रतिशत टीकाकरण समय से सुनिश्चित किया जाये, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही ना बरती जाए।
मातृत्व स्वास्थ्य संबंधी बजट की धनराशि को मानकों के अनुरूप समय से व्यय कराया जाये। सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संचालित सभी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का नियमित रूप से अनुश्रवण सुनिश्चित करें तथा खराब प्रगति वाले कार्यक्रमों एवं योजनाओं में सुधार करें। ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वी0एच0एन0डी0) सत्रों के नियमित आयोजन के निर्देश देते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि इसे व्यापक स्तर पर मेले की तरह आयोजित किया जाये तथा सभी सत्रों हेतु नोडल अधिकारी भी तैनात किये जायें। वी0एच0एन0डी0 में संबंधित खण्ड विकास अधिकारी एवं संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारी भी शामिल हों। जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिये कि ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस के दौरान पुष्टाहार का वितरण भी कराया जाये। सत्र में समस्त आंगनबाड़ी, ए0एन0एम0 एवं आशा कार्यकत्रियां आवश्यक उपकरणों एवं दवाओं के साथ उपस्थित रहे। कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों का समुचित उपचार कर उन्हें कुपोषण मुक्त करने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाये।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि सभी गर्भवती महिलाओं से संबंधित समस्त विवरण रजिस्टर में अंकित किया जाये। हाईरिस्क प्रेग्नेंसी का विवरण भी अंकित किया जाये तथा इस प्रकार की महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी भी की जाये, जिससे प्रसव सकुशल हो सके। प्रसव के उपरान्त सामान्य प्रसव के मामले में मरीज को कम से कम 48 घण्टे चिकित्सालय में रखा जाये तथा सिजेरियन प्रसव होने पर 05 से 07 दिनों तक चिकित्सालय में रखा जाये, जिससे ठीक प्रकार से देखभाल हो सके। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अधिक से अधिक प्रसव कराये जायें। आशाओं के भुगतान समय से सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशाओं को सम्मानित भी किया जाये। लेबर रूम में लेबर रजिस्टर पर बर्थ रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य रूप से अंकित किये जाने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिये। एन0बी0एस0यू0 में सी0सी0टी0वी0 लगाये जायें तथा रेफर हुये बच्चों का रजिस्टर बनाया जाये और अंकित किया जाये कि किस कारण से बच्चे रेफर हुये हैं। मातृ एवं बच्चों की मृत्यु दर का ऑडिट किया जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि रेफर किये गये मरीजों की नियमित रूप से ट्रैकिंग की जाये। उन्होंने कहा कि इसके लिये रजिस्टर बनाते हुये ड्यूटी पर कर्मचारी तैनात किये जायें, जो रेफर किये गये मरीज के संबंध में फीडबैक प्राप्त कर रजिस्टर में दर्ज करें। मरीज की हालत का विवरण भी रजिस्टर में अंकित किया जाये। सभी चिकित्सालयों में ड्यूटी पर तैनात गार्ड निर्धारित यूनीफार्म में रहें, यह सुनिश्चित किया जाये। सभी सी0एच0सी0, जिला चिकित्सालय और महिला चिकित्सालय में बेडसीट कलर कोडिंग के साथ हो और उसके अनुरूप ही चेंज की जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जो भी अवैध क्लीनिक चल रहे हैं, इसकी सूचना तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए एवं अवैध संचालित क्लीनिकों के विरूद्ध नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही की जाये।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी प्रणता ऐश्वर्या, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुरेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।




























Nov 04 2025, 15:49
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