भ्रष्टाचार: वाह! प्रधान जी वाह आपने तो ग़ज़ब ही कर दिया, दो बार भुगतान फिर भी नहीं बना कुएं का जगत
![]()
ग्रामीणों ने की जिलाधिकारी से जांच कराकर कार्रवाई कि मांग
अरविंद कुमार दूबे, मीरजापुर। सरकार के ग्रामीण विकास के सपने को किस प्रकार से और कैसे साकार किया जा रहा है इसकी बानगी देखनी हो तो आप चलें आइए हलिया विकास खंड क्षेत्र में जहां आपको धरातल पर तो विकास नहीं दिखेगा, लेकिन प्रधान ज़ी और अधिकारियों के कागजों में जरुर यह विकास कार्य दिखाई दे जायेगा। ऐसे ही एक गांव की मिशाल आपके सामने ला रहे हैं जहां का भ्रष्टाचार देख आप भी हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल यह पूरा मामला उसी हलिया विकास खंड क्षेत्र का है जो मनरेगा घोटाले की जांच में फंसा हुआ है। इसी हलिया विकास खंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां सरकार की विकास परक योजनाओं को पलीता लगा बिना कार्य कराएं ही भुगतान करा लिया गया है। इस मामले में गांव निवासी अब्दुल समद ने जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार को तीन सौ पेज का शिकायती पत्र सौंपकर गांव में लाखों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। मनिगढ़ा गांव निवासी अब्दुल समद ने जिलाधिकारी को सौंपे गए पत्रक में आरोप लगाया कि उसके घर के सामने स्थित प्राचीन कुएं के जगत के निर्माण के नाम पर दो बार भुगतान किया जा चुका है, लेकिन निर्माण नहीं कराया गया। कुआं और कुएं का जगत आज भी जस-तस हालात में पड़ा हुआ है। इसी कुएं से उनके परिवार सहित आसपास के घरों परिवार के लोग भी पानी पीते हैं, जो पूरी तरह से जर्जर होने के साथ जीर्णोद्धार की आस लगाए बैठा है। ग्रामीण बताते हैं कि कुएं का जगत निर्माण न होने से आसपास के लोगों को खतरा भी बना रहता है। कुएं के बगल से रास्ता होने से उनका आना जाना होता है। बरसात के समय में स्थित नारकीय होने के साथ इधर से आना जाना भी जोखिम भरा हो जाता है। बावजूद इसके कुएं का जगत निर्माण न कराकर सरकारी धन का बंदरबांट कर कागजों पर काम होना दर्शा दिया जाना न केवल सरकार की ग्रामीण विकास योजनाओं की मंशा पर पानी फेरने जैसा है बल्कि एक गंभीर अपराध भी बनता है। यही नहीं गांव के अन्य विकास कार्य भी कागजों पर तो करवा दिए गए हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। आरोप है कि ग्राम प्रधान का पूरा लेखा-जोखा, लेन-देन कोई और करता है। पिछड़ी जाति की महिला प्रधान को यह भी पता नहीं है कि उसके गांव के विकास कार्य पर कितनी धनराशि खर्च की गई है और कहां कहां खर्च किया गया है। गांव के विकास कार्य के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये गबन करने की आशंका जताते हुए कहा है कि बिना कार्य कराए ही कागज पर कार्य पूर्ण दिखाकर रुपये निकाल लिए गए हैं। डीएम ने जांच कराके कारवाई का आश्वासन दिए है। वहीं डीएम ने इस संबंध में डीपीआरओ को निर्देशित किए है कि मामले की जांच कर तत्काल रिपोर्ट सौंपी जाए।
मनरेगा घोटाले की जांच में रहा है हलिया*
गौरतलब हो कि वर्ष 2007-2010 में राज्य के कई जिलों में हुए मनरेगा योजना अन्तर्गत घोटाले में मीरजापुर का हलिया विकास खंड क्षेत्र भी शामिल रहा है यहां के 54 लोगों जिनमें कई अधिकारी कर्मचारी और ग्राम प्रधान इस भ्रष्टाचार घोटाले की जांच में घिरे थे, मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामला सीबीआई के हवाले होने पर कई बार सीबीआई की टीम भी हलिया धमक चुकी है। बावजूद गांवों के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार थमा नहीं है।













Nov 01 2025, 18:24
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
7.7k