देशभर में उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व का समापन, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

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देश भर में चार दिनों से मनाए जा रहे लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही हो गया। छठ पर्व पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। बिहार से लेकर दिल्ली तक, घाटों पर अलग ही रौनक देखी गई। झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। पारंपरिक गीतों और पूजा के बीच माहौल आस्थामय नजर आया।

पीएम मोदी ने देशवासियों को दी छठ की शुभकामना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चार दिवसीय छठ पूजा के शुभ समापन पर देशभर के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। साथ ही पीएम मोदी ने सभी श्रद्धालुओं की भलाई और समृद्धि की प्रार्थना की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए समर्पित त्योहार के सफल समापन पर अपनी खुशी व्यक्त की। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, 'आज भगवान सूर्य देव को प्रातःकालीन अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही छठ के महापर्व का पावन समापन हो गया। इस चार दिवसीय अनुष्ठान के दौरान, हमने छठ पूजा की अपनी भव्य परंपरा की दिव्य झलक देखी।

सीएम नीतीश ने अर्पित किया 'उषा अर्घ्य'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी छठ मईया की भक्ति में डूबे नजर आए। सीएम नीतीश ने छठ पूजा के अंतिम दिन पटना स्थित अपने आवास पर उगते सूर्य को 'उषा अर्घ्य' अर्पित किया।

चिराग पासवान ने भी अपने पटना आवास से की छठ पूजा

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने पटना स्थित आवास से छठ पूजा की। इस दौरान उन्होंने कहा, "छठी मैया ने बिना मांगे इतना कुछ दिया है लेकिन हां मैं ये मानता हूं जिस विकसित बिहार की हम कल्पना करते हैं और उस विकसित परिवार तथा उस विकसित बिहार में हर परिवार में खुशियां और समृद्धि आए। यही कामना की है कि छठी मैया का ये आर्शीवाद बिहार और देश के हर व्यक्ति और परिवार को मिले। छठ पर्व के साथ लोकतंत्र का महापर्व भी चल रहा है ऐसे में आज जब हम लोग छठ का उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व को पूर्ण किया। एक महापर्व समाप्ति की ओर है तो दूसरी ओर लोकतंत्र का दूसरा महापर्व वो अपनी चरम सीमा पर अपने पूर्णरूप में आएगा। आज से हम लोग प्रचंड प्रचार की शुरुआत करेंगे और जो भी परिणाम आएंगे हम जानते हैं हमारे पक्ष में आएंगे लेकिन वो परिणाम बिहार और बिहारवासियों के लिए सुखद होंगे।"

चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान, दूसरे फेज में 12 राज्यों में शुरू होगा SIR

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चुनाव आयोग ने देशव्यापी एसआईआर को लेकर बड़ा एलान किया है। दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि दूसरे फेज में देश के 12 राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चुनाव आयोग के अनुसार, एसआईआर में मतदाता सूची में सुधार, नए मतदाताओं का समावेश और सूची में त्रुटियों का निवारण किया जाएगा।

दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्तज्ञानेशकुमार ने कहा, आज हम यहां स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत के ऐलान के लिए मौजूद हैं। मैं बिहार के मतदाताओं को शुभकामनाएं देता हूं और उन 7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई और इसे सफल बनाया। उन्होंने कहा कि आयोग ने देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों से मुलाकात कर प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की।

बिहार के लोगों ने एसआईआर पर भरोसा जताया- ज्ञानेश कुमार

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने आगे कहा कि बिहार के लोगों ने एसआईआर पर भरोसा जताया है। ज्ञानेश कुमार ने आगे कहा कि अब चयनित 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य योग्य मतदाताओं को सूची में जोड़ना और अयोग्य या दोहराए गए नामों को हटाना है।

मतदाता सूची फ्रीज, आज से शुरू होगा SIR का अगला चरण

मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि जिन राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण होने वाला है, वहां की मतदाता सूची आज रात 12 बजे फ्रीज कर दी जाएगी। हर बूथ पर एक बीएलओ और हर विधानसभा क्षेत्र में एक ईआरओ तैनात रहेगा। आज ही सभी मतदाताओं के लिए इन्यूमेरेशन फॉर्म प्रिंट किए जाएंगे। प्रत्येक बीएलओ कम से कम तीन बार हर घर जाकर जानकारी जुटाएंगे। जो मतदाता अपने क्षेत्र से बाहर हैं, वे यह फॉर्म ऑनलाइन भी भर सकेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान किसी अतिरिक्त दस्तावेज या फॉर्म की आवश्यकता नहीं होगी।

21 साल पहले किया गया था आखिरी एसआईआर

इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि देश में 21 साल पहले आखिरी विशेष गहन पुनरीक्षण किया गया था। उन्होंने साफ किया कि एसआईआर में सभी योग्य मतदाताओं को जोड़ा जाएगा और अयोग्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाएगा। सीईसी ने आगे कहा कि चुनावों से पहले एसआईआर किया जाना सबसे ज्यादा जरूरी है।

जस्टिस सूर्यकांत होंगे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश, सीजेआई बीआर गवई ने सरकार से की सिफारिश

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भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई का रिटायरमेंट नजदीक है। इस कारण अगले सीजेआई के चुने जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीजेआई गवई ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस सूर्यकांत का नाम आगे बढ़ाया है। गवई अगले महीने 23 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे। जिसके बाद जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण कर सकते हैं।

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23 अक्टूबर से ही नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू

केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को ही नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और सीजेआई गवई से उनके उत्तराधिकारी का नाम सुझाने का अनुरोध किया था। संविधान के तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया ‘मेमोरेंडम ऑफ प्रोसिजर’ से तय होती है, जिसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को, अगर वे उपयुक्त माने जाएं, मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है।

कैसे होती है सीजेआई की नियुक्ति

परंपरा के अनुसार, कानून मंत्रालय मुख्य न्यायाधीश से उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगता है। इसके बाद वर्तमान चीफ जस्टिस औपचारिक रूप से पद छोड़ने से लगभग 30 दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को 'पद धारण करने के लिए उपयुक्त' मानते हुए उनकी सिफारिश करते हैं।

23 नवंबर को रिटायर हो रहे सीजेआई गवई

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर होंगे।न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के मुख्य न्यायाधीश के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख बनने की कतार में अगले स्थान पर हैं। नियुक्ति के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर को अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और 9 फरवरी, 2027 तक लगभग 15 महीने तक इस पद पर बने रहेंगे।

हरियाणा के रहने वाले हैं जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 मई 1962 को हरियाणा के हिसार में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने 1981 में हरियाणा के हिसार स्थित सरकारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1984 में महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 1984 में हिसार जिला न्यायालय से अधिवक्ता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और अगले वर्ष पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ में कामकाज शुरू किया। साल 2000 में वह हरियाणा के महाधिवक्ता बने और साल 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। वह उसी साल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। इसके बाद वह साल 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। 2019 में उन्हें उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया।

कई ऐतिहासिक फैसलों की कर चुके हैं सुनवाई

पिछले दो दशकों में अपने न्यायिक करियर के दौरान उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र, भ्रष्टाचार, पर्यावरण, लैंगिक समानता और अनुच्छेद 370 से जुड़े कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं। वे उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून (सिडिशन लॉ) को निलंबित किया था। उन्होंने चुनाव आयोग को बिहार में मतदाता सूची से बाहर किए गए नामों का विवरण सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था और बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया था। जस्टिस सूर्यकांत उन पीठों में भी शामिल रहे हैं जिन्होंने पेगासस जासूसी मामले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक, और वन रैंक-वन पेंशन जैसे अहम मामलों की सुनवाई की थी।

ICU में एडमिट हैं श्रेयस अय्यर, सिडनी के अस्पताल में चल रहा इलाज, जानें क्या है मामला

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भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को सिडनी के अस्पताल में भर्ती किया गया है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे वनडे मैच के दौरान टीम इंडिया के उपकप्तान श्रेयस अय्यर को गंभीर चोट लग गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रेयस को पसलियों में चोट लगी जिसके चलते उनके अंदरूनी हिस्से में खून का रिसाव हुआ है। जिसके बाद उन्हें तुरंत सिडनी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में रखा है।

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कैसे चोटिल हुए श्रेयस?

श्रेयस अय्यर को बाईं पसली में चोट लगी थी। श्रेयर को ये चोट तब लगी थी जब वह ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स कैरी को आउट करने के लिए बैकवर्ड पॉइंट से पीछे की ओर दौड़ते हुए कैच लपका था। कैच लेने के बाद वह नीचे गिर गए थे। नीच गिरते हुए अय्यर चोट से कराह उठे थे। इस के बाद फौरन उन्हें मैदान से बाहर ले जाया गया।

फिलहाल अस्पताल में रहना होगा

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक श्रेयस अय्यर को 2 से 7 दिन तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है। इंर्टनल ब्लिडिंग होने के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में उन्हें कम से कम एक सप्ताह तक अस्पताल में रखा जाएगा। इस पूरे मामले पर बीसीसीआई के डॉक्टरों की भी पैनी नजर रहेगी। मैच के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने श्रेयस की हेल्थ पर जानकारी दी थी और बताया था कि इस बल्लेबाज को अस्पताल ले जाया गया है जहां उनका उपचार चल रहा है।

वापसी में लग सकता है ज्यादा समय

पहले उम्मीद थी कि अय्यर तीन हफ्ते में फिट होकर वापसी कर लेंगे, लेकिन अब स्थिति गंभीर होने के चलते यह समय बढ़ सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक अंदरूनी रक्तस्राव पूरी तरह रुक नहीं जाता और संक्रमण का खतरा खत्म नहीं होता, तब तक वे मैदान पर वापसी नहीं कर पाएंगे। सूत्र ने कहा फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि वह कब लौटेंगे। उन्हें आराम और पूर्ण रिकवरी की जरूरत है।

तीसरे वनडे मैच के दौरान हुए थे चोटिल

बता दें कि श्रेयस को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए वनडे टीम के लिए उपकप्तान के लिए चुना गया था, जहां शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया को सीरीज में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। पहले वनडे मैच में खराब प्रदर्शन के बाद अय्यर ने दूसरे वनडे में एडिलेड में कमबैक किया था और अर्धशतकीय पारी खेली थी, लेकिन टीम को फिर भी दूसरे वनडे में हार का सामना करना पड़ा। तीसरे और आखिरी वनडे मैच में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को 9 विकेट से हराया। उस मैच में अय्यर को बैटिंग करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि रोहित शर्मा और विराट कोहली ने मैच विनिंग पारियां खेली और टीम को जीत दिलाई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच जो कि सिडनी में खेला गया था, उस मैच में श्रेयस अय्यर इंजर्ड हो गए थे। कंगारू टीम ने 33.3 ओवर के खेल तक 3 विकेट के नुकसान पर 184 रन बना लिए थे।

डंकी रूट से गए थे अमेरिका, हरियाणा के 50 युवक डिपोर्ट, बेड़ियों में बांधकर लाया गया दिल्ली

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारी वापसी के बाद से ही अवैध प्रवासियों पर सख्त हैं। अमेरिकी प्रशासन ने एक बार फिर सख्तू दिखाते हुए अवैध भारतीयों को डिपोर्ट किया। डंकी रूट के जरिये अमेरिका पहुंचने वाले 50 युवाओं को अमेरिका ने शनिवार देर रात डिपोर्ट कर भारत भेज दिया। डिपोर्ट किए गए लोगों में हरियाणा के 50 युवक शामिल हैं।

बेड़ियों में बांधकर लाया गया

विशेष विमान द्वारा इन युवाओं को दिल्ली एयरपोर्ट पर बेड़ियों में बांधकर लाया गया। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने इन्हें आधिकारिक प्रक्रिया के तहत भारतीय इमिग्रेशन अधिकारियों के हवाले किया। एयरपोर्ट पर हरियाणा पुलिस की विशेष टीमें पहले से मौजूद थीं। जिन युवाओं के खिलाफ आपराधिक और गिरोह से जुड़े मामलों की जानकारी थी, उन्हें मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया। बाकी युवाओं को कागजी कार्रवाई के बाद उनके गृह जिलों में भेज दिया गया।

किस जिले से कितने युवा लौटे

शनिवार देर शाम अमेरिका के एक विशेष विमान में ये सभी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट उतरे। सूचना पाकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची हरियाणा की स्थानीय पुलिस को उनके-उनके जिले के निवासी लोगों को सौंपा गया। कैथल से 16, करनाल से 16 और अंबाला से पांच युवकों को डिपोर्ट किया गया है। यमुनानगर के चार, कुरुक्षेत्र के पांच, जींद के तीन, रोहतक व पानीपत का एक-एक युवक शामिल है। सभी की उम्र 18 से 42 साल के बीच है। ये सभी डंकी रूट से अमेरिका गए थे। वहां छह महीने से लेकर डेढ़ साल तक विभिन्न जेलों में रहे और अब बेड़ियों में वतन लौटे हैं।

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य लाखा भी लौटा

वहीं इनमें सबसे बड़ा मामला कैथल के गांव तितरम निवासी लखविंद्र उर्फ लाखा का है। लाखा लॉरेंस बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है और 2022 से अमेरिका में बैठकर हरियाणा-पंजाब के व्यापारियों से फिरौती मांगने के नेटवर्क का संचालन कर रहा था। हरियाणा एसटीएफ की अंबाला यूनिट ने गैंगस्टर लॉरेंस के करीबी लखविंद्र उर्फ लाखा को गिरफ्तार कर लिया। कैथल के अलावा अन्य जिलों में भी उस पर फिरौती मांगने जैसे कई मामले दर्ज हैं।

मोस्ट वांटेड सुनली सरधानिया भी डिपोर्ट

इसके अलावा डिपोर्ट होकर आए दूसरे मोस्ट वांटेड सुनली सरधानिया का नाम भी शामिल हैं। जो हत्या सहित 24 आपराधिक वारदातों में वांछित है। सुनील को भिवानी में एक हत्या के केस में उम्र कैद और पंचकूला में डकैती के मामले में 10 साल की सजा हुई थी। दोनों मामलों में कोर्ट से जेल से जमानत आने के बाद उसने फर्जी पते पर अपना पासपोर्ट बनवाया था। इसके बाद 2024 में है विदेश भाग गया था। अमेरिका द्वारा रिपोर्ट किए गए युवकों में से एसटीएफ में दोनों आरोपियों तुरंत हिरासत में ले लिया। अब दोनों पुलिस रिमांड पर लिया है।

ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति

इस साल जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद, देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। ट्रंप ने चुनावों के दौरान अमेरिका की जॉब्स पहले अमेरिकी नागरिकों को देने का वादा किया था। ट्रंप समर्थकों का मानना है कि अवैध तरीके से आए प्रवासी अमेरिकियों की नौकरियां छीन रहे हैं।

अभिनेता सतीश शाह का निधन, 74 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

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फेमस एक्टर सतीश शाह का निधन हो गया है। भारतीय फिल्म निर्माता और निर्देशक अशोक पंडित ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया है कि अभिनेता इस दुनिया में नहीं रहे। शनिवार दोपहर किडनी फेलियर के चलते उन्हें हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली।

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किडनी फेल होने के कारण निधन

अशोक पंडित ने इंस्टाग्राम पर निधन की खबर साझा करते हुए लिखा- 'दुख और सदमे के साथ आपको यह सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे प्रिय मित्र और शानदार अभिनेता सतीश शाह का कुछ घंटे पहले किडनी फेल होने के कारण निधन हो गया। उन्हें तुरंत हिंदुजा अस्पताल ले जाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह हमारे उद्योग के लिए एक बड़ी क्षति है। ओम शांति।'

लगभग 250 फिल्मों में काम किया

सतीश शाह बॉलीवुड के उन कलाकारों में रहे हैं जो अपनी कमाल की कॉमिक टाइमिंग के लिए पहचाने जाते थे। जितनी पहचान उन्हें फिल्मों से मिली, उतने ही पॉपुलर वे टेलीविजन की दुनिया में भी थे। सतीश शाहग ने ने अपने चुलबुले अंदाज से दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है। सतीश शाह ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 250 फिल्मों में काम किया।

1980 के दशक में शुरू सतीश शाह का सफर

सतीश शाह का सफर 1980 के दशक से शुरू हुआ। 1984 के सिटकॉम ये जो है जिंदगी में वह कमाल के रोल में नजर आए थे। इसका निर्देशन कुंदन शाह और मंजुल सिन्हा ने किया था। वो 55 एपिसोड में नजर आए और हर एपिसोड में उनका एक अलग ही किरदार हुआ करता था। इस तरह उन्होंने एक ही सीरियल में 55 किरदार निभाए। ‘साराभाई वर्सेज साराभाई' में किरदार निभाकर वे घर-घर मशहूर हो गए। इसमें उन्होंने इंद्रवर्धन साराभाई का किरदार निभाया था। इसके अलावा वे जीटीवी के 1995 में आएओ शो फिल्मी चक्कर से भी लोकप्रिय हुए। इन दोनों ही सीरियल में वह रत्ना शाह पाठक के साथ नजर आए। इसके अलावा वह घर मजाई और ऑल द बेस्ट में भी नजर आए। इसके अलावा कॉमेडी सर्कस में बतौर जज भी उन्होंने काम किया।

छठ को लेकर ट्रेनों में भारी भीड़ पर भड़के राहुल, पूछा-कहां हैं 12 हजार स्पेशल ट्रेनें

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आस्था के महापर्व छठ के दौरान ट्रेनों में भारी भीड़ और बदइंतजामी को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया है कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें ?

आज नहाय खाय से महापर्व छठ की शुरूआत हो गई है। नहाय खान के दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि त्योहारों का महीना है। दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।

राहुल गांधी ने आगे लिखा है, बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 गुना तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं।

राहुल के तीखे सवाल

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।

एनडीए की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत-राहुल

राहुल ने लिखा कि ये सिर्फ़ मजबूर यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।

लालू प्रसाद यादव ने भी सरकार को घेरा

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने भी एनडीए सरकार पर हमला बोला। राजद प्रमुख ने ‘एक्स’ पर लिखा, “झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने शेखी बघारते हुए कहा था कि देश की कुल 13,198 ट्रेनों में से 12,000 रेलगाड़ियां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जायेंगी। यह भी सफेद झूठ निकला। मेरे बिहार वासियों को अमानवीय तरीके से ट्रेनों में यात्रा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”

सरकार के दावों की खुली पोल

दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनावों और महापर्व छठ से पहले ही केंद्र सरकार ने 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने की बात कही थी। ऐसा दावा किया गया था कि किसी को भी घर जाने में किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि इन दिनों ट्रेनों में लोगों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिल पा रही है।

हाथ पर सुसाइड नोट लिख महिला डॉक्टर ने दी जान, आरोपों के घेरे में “खाकी” से लेकर “खादी” तक

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महाराष्ट्र के सतारा जिले के फलटण इलाके में एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले डॉक्टर ने अपने हाथ की हथेली पर स्याही से लिखे नोट के अलावा चार पन्नों का डिटेल सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इस नोट में उन्होंने आरोप लगाया है कि एक पुलिस अधिकारी ने उनका चार बार बलात्कार किया और उन्हें पुलिस मामलों में अभियुक्तों के लिए फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का दबाव डाला। अब यह भी सामने आया है कि उन पर न केवल पुलिस अधिकारियों बल्कि एक सांसद और उनके पीए यानी निजी सहायकों का भी दबाव था।

डॉक्टर पिछले कुछ महीनों से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच चल रहे एक विवाद में फंसी हुई थीं। बताया जा रहा है कि एक मेडिकल जांच से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारियों से उनके बीच वाद-विवाद हुआ था, जिसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई थी। डॉक्टर ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत दी थी कि मेरे साथ अन्याय हो रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो मैं आत्महत्या कर लूंगी। दुर्भाग्यवश, बीती रात उन्होंने यह कदम उठा लिया। हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में मृतका डॉक्टर ने बलात्कार का आरोप लगाया है। 

सुसाइड नोट में क्या लिखा?

अपने चार पन्नों के सुसाइड नोट में डॉक्टर ने लिखा कि पुलिस अधिकारी उन्हें अभियुक्तों के लिए फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दबाव डालते थे। कई बार तो अभियुक्तों को मेडिकल जांच के लिए लाया भी नहीं जाता था। जब उन्होंने मना किया तो सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने और अन्य लोग उन्हें परेशान करते थे। उन्होंने नोट में कहा कि मेरी मौत का कारण सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने है जिन्होंने मेरा बलात्कार किया और प्रशांत बानकर है जिन्होंने 4 महीने तक मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। गोपाल बदाने एक पुलिस अधिकारी हैं, जबकि प्रशांत बानकर उस मकान के मालिक का बेटा है जहां डॉक्टर रहती थीं।

सांसद की धमकी का भी जिक्र

सुसाइड नोट के मुताबिक, अलग-अलग अधिकारियों को इस बात की 21 बार शिकायतें कीं, लेकिन उनके उत्पीड़कों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। अपने नोट में एक घटना का जिक्र करते हुए डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने एक प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद एक सांसद के दो निजी सहायकों ने अस्पताल आकर उनसे फोन पर सांसद से बात कराई। उन्होंने नोट में कहा कि उस बातचीत के दौरान सांसद ने उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से धमकी दी थी।

एसपी-डीएसपी ने भी एक्शन नहीं लिया

महिला डॉक्टर की एक और रिश्तेदार ने बताया, उस पर पिछले कुछ समय से काफी पुलिस प्रशासन का दबाव था। गलत तरीके से पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने या मरीज को हॉस्पिटल में न लाकर भी फिटनेस रिपोर्ट बनाकर देना। अस्पताल में सिक्योरिटी को लेकर भी उसने शिकायत की थी। वो अस्पताल के एरिया में अकेले रहती थी। एसपी, डीएसपी को पत्र लिखने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। उसने अपनी जान को भी खतरा बताया था। उसने अपनी हथेली दो लोगों का नाम खास तौर पर लिखा है। एक पुलिस निरीक्षक गोपाल बदने है और एक प्रशांत बनकर है। पहले जो उसने शिकायत दी थी, उसमें महादिक वगैरह और भी दो चार लोगों के नाम हैं। उन सबको अरेस्ट होकर कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए।

बॉन्ड अवधि पूरा होने में बचा था एक महीना

हिला डॉक्टर पिछले 23 महीने से अस्पताल में कार्यरत थी और उसकी बॉन्ड अवधि पूरी होने में बस एक महीना बाकी था, जिसके लिए वह ग्रामीण इलाके में सेवा दे रही थी। इसके बाद वह स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करना चाहती थी। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्र में सेवा की अपनी बॉन्ड अवधि पूरी करने में उन्हें सिर्फ एक महीना बाकी था, जब उन्होंने यह कदम उठाया।

मरना मंजूर लेकिन आरजेडी में वापस नहीं जायेंगे तेज प्रताप, बिहार चुनाव के बीच बड़ा बयान

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बिहार विधानसभा चुनाव में नई पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' बनाकर ताल ठोंक रहे लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने दो टूक कहा, आरजेडी में वापस जाने से बेहतर हम मरना मंजूर करेंगे। लालू के बड़े बेटे के इस बयान ने राज्य की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। बता दें कि तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं और वे लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं।

तेज प्रताप ने की स्वाभिमान की बात

शुक्रवार को महुआ में एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में वापसी की संभावना को पूरी तरह से खारिज करते हुए साफ शब्दों में कहा कि हम मरना कबूल करेंगे, लेकिन वापस उस पार्टी में नहीं जाएंगे। तेज प्रताप ने साफ कहा कि मेरे लिए मेरा स्वाभिमान बड़ी चीज है। मुझे बड़ा से बड़ा पद भी मिले तो भी मैं वापस उस पार्टी में नहीं जाऊंगा।

मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं-तेज प्रताप

तेज प्रताप ने कहा, मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मेरे लिये सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा, जनता की सेवा करना मेरे लिये सबसे बड़ी बात है। लोग मुझ पर भरोसा करते हैं।

तेजस्वी के सीएम फेस पर कहा

तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किए जाने के बाद जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैं क्या करूं। मैं किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नेता नहीं जनता मुख्यमंत्री चुनती है। जनता के पास ही अधिकार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम वहां पर थे तब तक हमने उनको आशीर्वाद दिया।

14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा-तेज प्रताप

बिहार में एक रैली में पीएम मोदी के बयानों पर तेज प्रताप यादव ने कहा, बिहार की जनता जनार्दन का क्या मूड है ये तो समय बताएगा..14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा।

आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं तेज प्रताप

मालूम हो कि तेज प्रताप यादव को राजद सुप्रीमो ने कुछ महीनों पहले अपनी पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित किया था। तेज प्रताप पर यह कार्रवाई तब हुई थी जब उनकी कुछ तस्वीरें एक लड़की के साथ साथ सोशल मीडिया पर सामने आई थी।

नहाय-खाय के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का शुभारंभ, कल से शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत

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लोक आस्था का महान पर्व छठ पूजा आज से शुरू हो गया है। छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो रही है। इस दिन व्रती स्नान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं और सात्विक भोजन करते हैं। नहाय-खाय के बाद अगले दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य के साथ व्रत का समापन होता है।

छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नहाय खाय से होती है। पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य सप्तमी को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है। इस चार दिवसीय त्योहार में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करना बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत को कठोर नियमों के अनुसार 36 घंटे तक रखा जाता है।

भगवान भास्कर की आराधना के महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय से शुरू हो गया। छठ महापर्व के पहले दिन में नहाय-खाय में लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चने की दाल, आंवला की चासनी के सेवन का खास महत्व है। वैदिक मान्यता है कि इससे संतान प्राप्ति को लेकर व्रती पर छठी मैया की कृपा बरसती है। खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा समाप्त हो जाते है। इसके प्रसाद से तेजस्विता, निरोगिता व बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है।