डंकी रूट से गए थे अमेरिका, हरियाणा के 50 युवक डिपोर्ट, बेड़ियों में बांधकर लाया गया दिल्ली

#disappointed50haryanvipeoplelivingillegallyin_america

Image 2Image 3Image 4Image 5

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारी वापसी के बाद से ही अवैध प्रवासियों पर सख्त हैं। अमेरिकी प्रशासन ने एक बार फिर सख्तू दिखाते हुए अवैध भारतीयों को डिपोर्ट किया। डंकी रूट के जरिये अमेरिका पहुंचने वाले 50 युवाओं को अमेरिका ने शनिवार देर रात डिपोर्ट कर भारत भेज दिया। डिपोर्ट किए गए लोगों में हरियाणा के 50 युवक शामिल हैं।

बेड़ियों में बांधकर लाया गया

विशेष विमान द्वारा इन युवाओं को दिल्ली एयरपोर्ट पर बेड़ियों में बांधकर लाया गया। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने इन्हें आधिकारिक प्रक्रिया के तहत भारतीय इमिग्रेशन अधिकारियों के हवाले किया। एयरपोर्ट पर हरियाणा पुलिस की विशेष टीमें पहले से मौजूद थीं। जिन युवाओं के खिलाफ आपराधिक और गिरोह से जुड़े मामलों की जानकारी थी, उन्हें मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया। बाकी युवाओं को कागजी कार्रवाई के बाद उनके गृह जिलों में भेज दिया गया।

किस जिले से कितने युवा लौटे

शनिवार देर शाम अमेरिका के एक विशेष विमान में ये सभी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट उतरे। सूचना पाकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची हरियाणा की स्थानीय पुलिस को उनके-उनके जिले के निवासी लोगों को सौंपा गया। कैथल से 16, करनाल से 16 और अंबाला से पांच युवकों को डिपोर्ट किया गया है। यमुनानगर के चार, कुरुक्षेत्र के पांच, जींद के तीन, रोहतक व पानीपत का एक-एक युवक शामिल है। सभी की उम्र 18 से 42 साल के बीच है। ये सभी डंकी रूट से अमेरिका गए थे। वहां छह महीने से लेकर डेढ़ साल तक विभिन्न जेलों में रहे और अब बेड़ियों में वतन लौटे हैं।

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य लाखा भी लौटा

वहीं इनमें सबसे बड़ा मामला कैथल के गांव तितरम निवासी लखविंद्र उर्फ लाखा का है। लाखा लॉरेंस बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है और 2022 से अमेरिका में बैठकर हरियाणा-पंजाब के व्यापारियों से फिरौती मांगने के नेटवर्क का संचालन कर रहा था। हरियाणा एसटीएफ की अंबाला यूनिट ने गैंगस्टर लॉरेंस के करीबी लखविंद्र उर्फ लाखा को गिरफ्तार कर लिया। कैथल के अलावा अन्य जिलों में भी उस पर फिरौती मांगने जैसे कई मामले दर्ज हैं।

मोस्ट वांटेड सुनली सरधानिया भी डिपोर्ट

इसके अलावा डिपोर्ट होकर आए दूसरे मोस्ट वांटेड सुनली सरधानिया का नाम भी शामिल हैं। जो हत्या सहित 24 आपराधिक वारदातों में वांछित है। सुनील को भिवानी में एक हत्या के केस में उम्र कैद और पंचकूला में डकैती के मामले में 10 साल की सजा हुई थी। दोनों मामलों में कोर्ट से जेल से जमानत आने के बाद उसने फर्जी पते पर अपना पासपोर्ट बनवाया था। इसके बाद 2024 में है विदेश भाग गया था। अमेरिका द्वारा रिपोर्ट किए गए युवकों में से एसटीएफ में दोनों आरोपियों तुरंत हिरासत में ले लिया। अब दोनों पुलिस रिमांड पर लिया है।

ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति

इस साल जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद, देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। ट्रंप ने चुनावों के दौरान अमेरिका की जॉब्स पहले अमेरिकी नागरिकों को देने का वादा किया था। ट्रंप समर्थकों का मानना है कि अवैध तरीके से आए प्रवासी अमेरिकियों की नौकरियां छीन रहे हैं।

अभिनेता सतीश शाह का निधन, 74 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

#actorsatishshahpassesaway

फेमस एक्टर सतीश शाह का निधन हो गया है। भारतीय फिल्म निर्माता और निर्देशक अशोक पंडित ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया है कि अभिनेता इस दुनिया में नहीं रहे। शनिवार दोपहर किडनी फेलियर के चलते उन्हें हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली।

Image 2Image 3Image 4Image 5

किडनी फेल होने के कारण निधन

अशोक पंडित ने इंस्टाग्राम पर निधन की खबर साझा करते हुए लिखा- 'दुख और सदमे के साथ आपको यह सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे प्रिय मित्र और शानदार अभिनेता सतीश शाह का कुछ घंटे पहले किडनी फेल होने के कारण निधन हो गया। उन्हें तुरंत हिंदुजा अस्पताल ले जाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह हमारे उद्योग के लिए एक बड़ी क्षति है। ओम शांति।'

लगभग 250 फिल्मों में काम किया

सतीश शाह बॉलीवुड के उन कलाकारों में रहे हैं जो अपनी कमाल की कॉमिक टाइमिंग के लिए पहचाने जाते थे। जितनी पहचान उन्हें फिल्मों से मिली, उतने ही पॉपुलर वे टेलीविजन की दुनिया में भी थे। सतीश शाहग ने ने अपने चुलबुले अंदाज से दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है। सतीश शाह ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 250 फिल्मों में काम किया।

1980 के दशक में शुरू सतीश शाह का सफर

सतीश शाह का सफर 1980 के दशक से शुरू हुआ। 1984 के सिटकॉम ये जो है जिंदगी में वह कमाल के रोल में नजर आए थे। इसका निर्देशन कुंदन शाह और मंजुल सिन्हा ने किया था। वो 55 एपिसोड में नजर आए और हर एपिसोड में उनका एक अलग ही किरदार हुआ करता था। इस तरह उन्होंने एक ही सीरियल में 55 किरदार निभाए। ‘साराभाई वर्सेज साराभाई' में किरदार निभाकर वे घर-घर मशहूर हो गए। इसमें उन्होंने इंद्रवर्धन साराभाई का किरदार निभाया था। इसके अलावा वे जीटीवी के 1995 में आएओ शो फिल्मी चक्कर से भी लोकप्रिय हुए। इन दोनों ही सीरियल में वह रत्ना शाह पाठक के साथ नजर आए। इसके अलावा वह घर मजाई और ऑल द बेस्ट में भी नजर आए। इसके अलावा कॉमेडी सर्कस में बतौर जज भी उन्होंने काम किया।

छठ को लेकर ट्रेनों में भारी भीड़ पर भड़के राहुल, पूछा-कहां हैं 12 हजार स्पेशल ट्रेनें

#chhathspecialbihartrainovercrowdingrahulgandhicriticismindian_railways

Image 2Image 3Image 4Image 5

आस्था के महापर्व छठ के दौरान ट्रेनों में भारी भीड़ और बदइंतजामी को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया है कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें ?

आज नहाय खाय से महापर्व छठ की शुरूआत हो गई है। नहाय खान के दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि त्योहारों का महीना है। दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।

राहुल गांधी ने आगे लिखा है, बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 गुना तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं।

राहुल के तीखे सवाल

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।

एनडीए की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत-राहुल

राहुल ने लिखा कि ये सिर्फ़ मजबूर यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।

लालू प्रसाद यादव ने भी सरकार को घेरा

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने भी एनडीए सरकार पर हमला बोला। राजद प्रमुख ने ‘एक्स’ पर लिखा, “झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने शेखी बघारते हुए कहा था कि देश की कुल 13,198 ट्रेनों में से 12,000 रेलगाड़ियां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जायेंगी। यह भी सफेद झूठ निकला। मेरे बिहार वासियों को अमानवीय तरीके से ट्रेनों में यात्रा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”

सरकार के दावों की खुली पोल

दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनावों और महापर्व छठ से पहले ही केंद्र सरकार ने 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने की बात कही थी। ऐसा दावा किया गया था कि किसी को भी घर जाने में किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि इन दिनों ट्रेनों में लोगों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिल पा रही है।

हाथ पर सुसाइड नोट लिख महिला डॉक्टर ने दी जान, आरोपों के घेरे में “खाकी” से लेकर “खादी” तक

#femaledoctorendedherlifeinphaltanareaofsataradistrictinmaharashtra 

Image 2Image 3Image 4Image 5

महाराष्ट्र के सतारा जिले के फलटण इलाके में एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले डॉक्टर ने अपने हाथ की हथेली पर स्याही से लिखे नोट के अलावा चार पन्नों का डिटेल सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इस नोट में उन्होंने आरोप लगाया है कि एक पुलिस अधिकारी ने उनका चार बार बलात्कार किया और उन्हें पुलिस मामलों में अभियुक्तों के लिए फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का दबाव डाला। अब यह भी सामने आया है कि उन पर न केवल पुलिस अधिकारियों बल्कि एक सांसद और उनके पीए यानी निजी सहायकों का भी दबाव था।

डॉक्टर पिछले कुछ महीनों से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच चल रहे एक विवाद में फंसी हुई थीं। बताया जा रहा है कि एक मेडिकल जांच से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारियों से उनके बीच वाद-विवाद हुआ था, जिसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई थी। डॉक्टर ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत दी थी कि मेरे साथ अन्याय हो रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो मैं आत्महत्या कर लूंगी। दुर्भाग्यवश, बीती रात उन्होंने यह कदम उठा लिया। हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में मृतका डॉक्टर ने बलात्कार का आरोप लगाया है। 

सुसाइड नोट में क्या लिखा?

अपने चार पन्नों के सुसाइड नोट में डॉक्टर ने लिखा कि पुलिस अधिकारी उन्हें अभियुक्तों के लिए फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दबाव डालते थे। कई बार तो अभियुक्तों को मेडिकल जांच के लिए लाया भी नहीं जाता था। जब उन्होंने मना किया तो सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने और अन्य लोग उन्हें परेशान करते थे। उन्होंने नोट में कहा कि मेरी मौत का कारण सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने है जिन्होंने मेरा बलात्कार किया और प्रशांत बानकर है जिन्होंने 4 महीने तक मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। गोपाल बदाने एक पुलिस अधिकारी हैं, जबकि प्रशांत बानकर उस मकान के मालिक का बेटा है जहां डॉक्टर रहती थीं।

सांसद की धमकी का भी जिक्र

सुसाइड नोट के मुताबिक, अलग-अलग अधिकारियों को इस बात की 21 बार शिकायतें कीं, लेकिन उनके उत्पीड़कों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। अपने नोट में एक घटना का जिक्र करते हुए डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने एक प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद एक सांसद के दो निजी सहायकों ने अस्पताल आकर उनसे फोन पर सांसद से बात कराई। उन्होंने नोट में कहा कि उस बातचीत के दौरान सांसद ने उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से धमकी दी थी।

एसपी-डीएसपी ने भी एक्शन नहीं लिया

महिला डॉक्टर की एक और रिश्तेदार ने बताया, उस पर पिछले कुछ समय से काफी पुलिस प्रशासन का दबाव था। गलत तरीके से पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने या मरीज को हॉस्पिटल में न लाकर भी फिटनेस रिपोर्ट बनाकर देना। अस्पताल में सिक्योरिटी को लेकर भी उसने शिकायत की थी। वो अस्पताल के एरिया में अकेले रहती थी। एसपी, डीएसपी को पत्र लिखने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। उसने अपनी जान को भी खतरा बताया था। उसने अपनी हथेली दो लोगों का नाम खास तौर पर लिखा है। एक पुलिस निरीक्षक गोपाल बदने है और एक प्रशांत बनकर है। पहले जो उसने शिकायत दी थी, उसमें महादिक वगैरह और भी दो चार लोगों के नाम हैं। उन सबको अरेस्ट होकर कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए।

बॉन्ड अवधि पूरा होने में बचा था एक महीना

हिला डॉक्टर पिछले 23 महीने से अस्पताल में कार्यरत थी और उसकी बॉन्ड अवधि पूरी होने में बस एक महीना बाकी था, जिसके लिए वह ग्रामीण इलाके में सेवा दे रही थी। इसके बाद वह स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करना चाहती थी। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्र में सेवा की अपनी बॉन्ड अवधि पूरी करने में उन्हें सिर्फ एक महीना बाकी था, जब उन्होंने यह कदम उठाया।

मरना मंजूर लेकिन आरजेडी में वापस नहीं जायेंगे तेज प्रताप, बिहार चुनाव के बीच बड़ा बयान

#iwilldiebutwillnotreturntorjdtejpratapsaidamidbiharelections

Image 2Image 3Image 4Image 5

बिहार विधानसभा चुनाव में नई पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' बनाकर ताल ठोंक रहे लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने दो टूक कहा, आरजेडी में वापस जाने से बेहतर हम मरना मंजूर करेंगे। लालू के बड़े बेटे के इस बयान ने राज्य की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। बता दें कि तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं और वे लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं।

तेज प्रताप ने की स्वाभिमान की बात

शुक्रवार को महुआ में एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में वापसी की संभावना को पूरी तरह से खारिज करते हुए साफ शब्दों में कहा कि हम मरना कबूल करेंगे, लेकिन वापस उस पार्टी में नहीं जाएंगे। तेज प्रताप ने साफ कहा कि मेरे लिए मेरा स्वाभिमान बड़ी चीज है। मुझे बड़ा से बड़ा पद भी मिले तो भी मैं वापस उस पार्टी में नहीं जाऊंगा।

मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं-तेज प्रताप

तेज प्रताप ने कहा, मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मेरे लिये सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा, जनता की सेवा करना मेरे लिये सबसे बड़ी बात है। लोग मुझ पर भरोसा करते हैं।

तेजस्वी के सीएम फेस पर कहा

तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किए जाने के बाद जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैं क्या करूं। मैं किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नेता नहीं जनता मुख्यमंत्री चुनती है। जनता के पास ही अधिकार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम वहां पर थे तब तक हमने उनको आशीर्वाद दिया।

14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा-तेज प्रताप

बिहार में एक रैली में पीएम मोदी के बयानों पर तेज प्रताप यादव ने कहा, बिहार की जनता जनार्दन का क्या मूड है ये तो समय बताएगा..14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा।

आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं तेज प्रताप

मालूम हो कि तेज प्रताप यादव को राजद सुप्रीमो ने कुछ महीनों पहले अपनी पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित किया था। तेज प्रताप पर यह कार्रवाई तब हुई थी जब उनकी कुछ तस्वीरें एक लड़की के साथ साथ सोशल मीडिया पर सामने आई थी।

नहाय-खाय के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का शुभारंभ, कल से शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत

#chhath_puja_2025_nahay_khay_today

Image 2Image 3Image 4Image 5

लोक आस्था का महान पर्व छठ पूजा आज से शुरू हो गया है। छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो रही है। इस दिन व्रती स्नान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं और सात्विक भोजन करते हैं। नहाय-खाय के बाद अगले दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य के साथ व्रत का समापन होता है।

छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नहाय खाय से होती है। पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य सप्तमी को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है। इस चार दिवसीय त्योहार में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करना बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत को कठोर नियमों के अनुसार 36 घंटे तक रखा जाता है।

भगवान भास्कर की आराधना के महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय से शुरू हो गया। छठ महापर्व के पहले दिन में नहाय-खाय में लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चने की दाल, आंवला की चासनी के सेवन का खास महत्व है। वैदिक मान्यता है कि इससे संतान प्राप्ति को लेकर व्रती पर छठी मैया की कृपा बरसती है। खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा समाप्त हो जाते है। इसके प्रसाद से तेजस्विता, निरोगिता व बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है।

मोहसिन नकवी का खून खौला देने वाला बयान, भारतीय खिलाड़ियों को बताया आतंकवादी जैसा

#mohsinnaqvitreatedindiancricketteamlike_terrorists

Image 2Image 3Image 4Image 5

एशिया कप 2025 के ट्रॉफी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष मोहसिन नकवी विनिंग ट्रॉफी को अब भी अपने कार्यालय में रखे हुए हैं। उनका कहना है कि वह ट्रॉफी को किसी भारतीय सदस्य के हाथों ही सौंपना चाहते हैं। वह भी एक औपचारिक समारोह के दौरान। हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कहना है कि वह उनके हाथों ट्रॉफी न लेकर किसी भी अन्य शख्स के हाथों ट्रॉफी लेने के लिए तैयार है। इसी मामले पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें नकवी की हरकत दुनिया के सामने आ गई है।

क्या है इस वीडियो में?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियों में मोहसिन नकवी के बगल में खड़ा एक शख्स एशिया कप ट्रॉफी की घटना को बेहद आपत्तिजनक शब्दों में बयान करता है। एसीसी प्रमुख की भारतीय टीम के साथ कथित तौर पर ‘आतंकवादियों’ की तरह व्यवहार करने के लिए प्रशंसा करता है। खास बात ये है कि पीसीबी और एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी पूरे वीडियो में मुस्कुराते भी रहे, जिससे ये संकेत मिलता है कि वे कही जा रही बातों से सहमत हैं।

भारतीय खिलाड़ियों को बताया आतंकवादियों की तरह

वीडियो में मोहसिन नकवी के साथ खड़ा एक व्यक्ति भारत के खिलाफ घृणित टिप्पणी करता नजर आ रहा है। वीडियो में वह कहता है, “जब ये ग्राउंड में खड़े थे और भारतीय टीम ट्रॉफी नहीं ले रही थी, इन्होंने सब्र का मुजाहिरा किया। खड़े रहे, खड़े रहे। वो चाहते थे कि ये अगर हट जाएंगे तो हम किसी और से ले लेंगे। लेकिन उनको नहीं पता था कि हमारा चेयरमैन वजीर-ए-दाखला (गृहमंत्री) भी है। उन्होंने टीम को बाद में आतंकवादियों की तरह हैंडल किया, ट्रॉफी गाड़ी में रख के साथ ले आए। अब पूरा भारत ट्रॉफी के पीछे भाग रहा है।”

मुस्कुराते हुए नजर आए मोहसिन नकवी

चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो में मोहसिन नकवी उस व्यक्ति की बातों पर मुस्कुराते हुए नजर आए और किसी तरह का विरोध नही किया। इस रवैये ने भारत में क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों के बीच गुस्सा और नाराजगी फैला दी है।

भारतीय टीम ने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था

बता दें कि 28 सितंबर को दुबई में पाकिस्तान पर टीम इंडिया की पांच विकेट की जीत के बाद ट्रॉफी प्रजेंटेशन में 90 मिनट से ज्यादा की देरी हुई, जिससे भारतीय खिलाड़ी मैदान पर ही मौजूद रही जबकि पाकिस्तानी टीम अपने ड्रेसिंग रूम में लौट गई। हालांकि भारतीय टीम ने स्पॉन्सर से व्यक्तिगत पुरस्कार स्वीकार किए, लेकिन उन्होंने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। इससे नाराज होकर मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर होटल चले गए।

बिहार में अब लालटेन की जरूरत नहीं है…” समस्तीपुर से पीएम मोदी का आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना

#pmmodibjpndarallyinsamastipur

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार मे विधानसबा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान का शंखनाद कर दिया है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को बिहार के समस्तीपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम ने बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनाने का दावा किया। प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार फिर बिहार में सुशासन की सरकार आने वाली है। बिहार को अब लालटेन और उसके साथी नहीं चाहिए और आप झुकेगा नहीं बिहार। नई रफ्तार के साथ बिहार आगे बढ़ेगा।

Image 2Image 3Image 4Image 5

फिर एक बार एनडीए सरकार का लगाया नारा

पीएम मोदी ने मैथिली भाषा में लोगों को नमन किया। भाषण के शुरुआत में ही उन्होंने फिर से एक बार एनडीए सरकार के नारे लगाए। उन्होंने कहा, इस समय आप जीएसटी बचत उत्सव का भी खूब आनंद ले रहे हैं और कल से छठी मईया का महापर्व भी शुरू होने जा रहा है। ऐसे व्यस्त समय में भी आप इतनी विशाल संख्या में यहां आए हैं, समस्तीपुर का जो ये माहौल है, मिथिला का जो मूड है उसने पक्का कर दिया है- नई रफ्तार से चलेगा बिहार, जब फिर आएगी एनडीए सरकार। उन्होंने कहा- लोकतंत्र के महापर्व का बिगुल बन चुका है और पूरा बिहार कह रहा है। फिर एक बार एनडीए सरकार, फिर एक बार सुशासन सरकार, जंगलराज वालों को दूर रखेगा बिहार।

बिहार के कोने-कोने में हो रहा विकास-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, आज बिहार का ऐसा कोई कोना नहीं है, जहां विकास का कोई भी कोई काम न हो रहा हो। आपको कोई न कोई विकास का काम चलता हुआ जरूर दिखाई देगा। एनडीए सरकार सड़क, बिजली, पानी, इंटरनेट, गैस कनेक्शन... इनको सिर्फ सुविधा नहीं मानती, ये सशक्तीकरण और समृ्द्धि के भी माध्यम हैं। सरकार ने बिहार के विकास के लिए दिया है। जब तीन गुना पैसा आएगा तो विकास भी तीन गुना ज्यादा होगा ही होगा।

एनडीए सरकार जननायक कर्पूरी ठाकुर को प्रेरणापुंज मानती है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को प्रेरणापुंज मानती है। हमलोग गरीबों की सेवा में लगे हैं। आप बताइए गरीबों को पक्का घर, मुफ्त अनाज, मुफ्त इलाज, शौचालय, नल का जल और सम्मान का जीवन जीने के लिए हर तरह की सुविधा देना क्या उनकी सेवा नहीं है? एनडीए सरकार कर्पूरी ठाकुर की विचारधार को सुशासन का आधार बनाया है। हमने गरीब, दलित, पिछड़े और अति पिछड़ों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।

लालू यादव के परिवार पर तंज

समस्तीपुर से पीएम ने लालू यादव के परिवार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, कहा कि इन्होंने क्या किया है? यह मुझे आपको बताने की जरूरत नहीं है। यह लोग हजारों करोड़ के घोटाले के मामले में जमानत पर चल रहे हैं। इन्होंने तो जननायक की उपाधि भी चोरी कर ली है। लेकिन, बिहार के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

राजद वालों ने बिहार का विकास नहीं होने दिया-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने नीतीश के सुशासन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 2005 का अक्टूबर महीना ही था, जब बिहार ने जंगलराज से मुक्ति पाई थी। नीतीश कुमार ने नेतृत्व में एनडीए का सुशासन शुरू हुआ था। लेकिन, 10 साल तक कांग्रेस और राजद की सरकार रही। यूपीए सरकार ने बिहार को नुकसान पहुंचाने में कोई कमी नहीं रखी। राजद वाले आपलोगों से दस साल तक बदला लेते रहे कि आपलोगों ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री क्यों बनाया? राजद वाले कांग्रेस को धमकाते थे कि अगर बिहार में नीतीश कुमार की कोई बात मानी, बिहार में कोई प्रोजेक्ट शुरू किया तो हमलोग आपसे समर्थन वापस ले लेंगे। राजद वालों ने बिहार का विकास नहीं होने दिया। नीतीश कुमार ने दिन-रात बिहार के लिए काम करते रहे। बिहार को बड़ी मुसीबत से बाहर निकाला।

बिहार को अब लालटेन की जरूरत नहीं-पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने जनसभा में आए लोगों से मोबाइल की लाइट जलाने के लिए कहा। इसके बाद जब लोग मोबाइल का लाइट जलाकर खड़े हुए तो पीएम मोदी ने कहा कि जब इतनी लाइटें हैं तो आपको लालटेन की जरूरत है क्या? बिहार में अब लालटेन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आज भारत में सबसे ज्यादा सस्ता इंटरनेट उपलब्ध है। एक कप चाय जितनी कीमत में एक जीबी डाटा उपलब्ध हो जाता है। बिहार के युवा इंटरनेट के माध्यम से अच्छी कमाई भी करते हैं। मिथिला का यह क्षेत्र खेती, मछलीपालन और पशुपालन के लिए जाना जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार को पहले दूसरे राज्यों से मछली मंगवानी पड़ती थी लेकिन आज बिहार दूसरे राज्यों को मछली भेजता है।

पीएम मोदी के बिहार दौरे से पहले कांग्रेस हमलावर, जयराम रमेश ने पूछे तीखे सवाल

#pmshouldexplainwhy65percentreservationwasnotincludedinninthschedule_congress

Image 2Image 3Image 4Image 5

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार दौरे पर हैं। समस्तीपुर और बेगूसराय में उनकी जनसभा है। पीएम मोदी पहले समस्तीपुर पहुंचे, वहां पर भारत रत्न और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देने उनके गांव पहुंचे। उनको नमन किया। साथ ही इस बीच परिजनों से भी मिलें। इसके बाद पीएम जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के साथ मंच पर सीएम नीतीश कुमार समेत एनडीए के सभी दिग्गज नेता रहेंगे।

पीएम के बिहार दौरे से पहले कांग्रेस का सवाल

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे से पहले जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को संविधान की नौवीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला गया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'प्रधानमंत्री आज कर्पूरी ठाकुर जी के गांव जा रहे हैं। उनके लिए तीन सीधे सवाल हैं।' उन्होंने कहा, 'कर्पूरी ठाकुर जी ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी। क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज जनसंघ और आरएसएस ने उनकी आरक्षण नीति का खुलकर विरोध किया था? क्या उस समय जनसंघ-आरएसएस ने सड़कों पर कर्पूरी ठाकुर जी के खिलाफ अपमानजनक और घृणा से भरे नारे नहीं लगाए थे? क्या उस दौर में जनसंघ-आरएसएस खेमे के प्रमुख नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर सरकार को अस्थिर करने और गिराने में अहम भूमिका नहीं निभाई थी?'

ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों की ओर से माफी मांगेंगे?

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, क्या प्रधानमंत्री आज उस ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों, जनसंघ और आरएसएस की ओर से माफ़ी मांगेंगे? रमेश ने कहा, ‘क्या आपने कांग्रेस पार्टी की जाति जनगणना की मांग को “अर्बन नक्सल एजेंडा” कहकर दलितों, पिछड़ों, अति-पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों का अपमान नहीं किया? क्या आपकी सरकार ने संसद (20 जुलाई 2021) और उच्चतम न्यायालय (21 सितंबर 2021) में जाति जनगणना कराने से इनकार नहीं किया? बहुसंख्यक वंचित वर्गों के करोड़ों लोगों की इस वैध मांग को आपकी सरकार ने लंबे समय तक जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया – क्या आप इससे इनकार करेंगे?’

बिहार के 65 प्रतिशत आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?

जयराम रमेश ने आगे यह सवाल भी किया, ‘आपने और आपके ‘ट्रबल इंजन’ सरकार ने बिहार के जातिगत सर्वे के बाद पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण को 65 प्रतिशत करने के विधानसभा प्रस्ताव को 9वीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला?’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि कांग्रेस सरकार ने 1994 में तमिलनाडु के 69 प्रतिशत आरक्षण को जैसे 9वीं अनुसूची में शामिल कर सुरक्षा दी थी, वैसे ही बिहार के 65 प्रतिशत आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?

आंध्र प्रदेश के कुरनूल में भीषण सड़क हादसा, बस में लगी आग, 20 यात्री जिंदा जले

#hyderabadbangalorebusaccidentmanypeoplefeareddeadafterbuscatches_fire

Image 2Image 3Image 4Image 5

आंध्र प्रदेश में बड़ा बस हादसा हुआ है। हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर कुरनूल में बाइक से टक्कर के बाद बस में आग लग गई। बस में आग लगने से अब तक 20 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये लोग बस में आग लगने के बाद बाहर नहीं निकल पाए और जिंदा जलकर उनकी मौत हो गई।

यह हादसा शुक्रवार तड़के तब हुआ, जब तेज रफ्तार बस की हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर एक बाइक में टक्कर हो गई। इस टक्कर के बाद बस में भयंकर आग लग गई। आग लगने के बाद हाहाकार मच गया। लोग आनन-फानन में निकलने की कोशिश करने लगे। मगर आग की लपेटें इतनी तेज थीं कि वे अंदर ही फंस गए। बताया जाता है कि 20 लोग बस से बाहर निकलने में कामयाब रहे। यह घटना हैदराबाद-बेंगलुरु राजमार्ग पर कुरनूल जिले के चिन्ना टेकुरु गांव की है। जिस बस में आग लगी है वह कावेरी ट्रैवल्स की प्राइवेट बस है।

41 यात्रियों में से 21 को सुरक्षित बचाया गया

कुरनूल के जिला कलेक्टर डॉ ए सिरी ने बताया, यह दुर्घटना सुबह 3 से 3:10 बजे के बीच हुई जब बस एक बाइक से टकरा गई, जिससे ईंधन रिसाव हुआ और आग लग गई। 41 यात्रियों में से 21 को सुरक्षित बचा लिया गया है। बाकी 20 में से 11 के शवों की अब तक पहचान हो पाई है। बाकी की पहचान के प्रयास जारी हैं।

राष्ट्रपति ने हादसे के बाद शोक प्रकट किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर लिखा, आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बस में आग लगने की दुखद घटना में हुई जान-माल की हानि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।

पीएम ने जताया दुख, मुआवजे का किया ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस हादसे पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में हुई दुर्घटना में लोगों की मौत से बेहद दुखी हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी हादसे पर दुख जताया

आंध्र के पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कुरनूल जिले के चिन्ना टेकुर गांव के पास हुई दुखद बस आग दुर्घटना की खबर बेहद दुखद है। मैं उन परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में घायलों और प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।