बिहार: दरभंगा के हायाघाट में बीजेपी उम्मीदवार रामचंद्र साहू का विरोध, ग्रामीणों ने गांव से बाहर जाने को किया मजबूर
दरभंगा जिला के हायाघाट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी और स्थानीय विधायक रामचंद्र साहू को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा. क्षेत्र के अटहर पंचायतों के अटहर चौक पर ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की और उन्हें गांव से बाहर जाने को मजबूर कर दिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पिछले पांच साल में क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ.
सड़क, नाला, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की हालत बद से बदतर है. लोगों का कहना है कि विधायक रहते हुए क्षेत्र की समस्याओं पर कभी ध्यान नहीं दिया. ग्रामीण ने बताया कि इनकी जीत सिर्फ बीजेपी के नाम पर होती है. जनता पार्टी को देखकर वोट दे देती है, लेकिन ये उसका फायदा उठाते हैं. वहीं, विधायक फिलहाल अपना पक्ष रखने से इनकार कर दिया.
वापस जाओ, वापस जाओ के लगे नारे
रामचंद्र साहू को जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. विरोध के दौरान ग्रामीणों ने वापस जाओ, वापस जाओ और अब गांव में मत आओ के नारे भी लगाए. हायाघाट एक सामान्य सीट है. यह 1967 में स्थापित हुई और अब तक यहां 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. कमला और बागमती नदियों के कारण हर साल बाढ़ की समस्या बनी रहती है. यह सीट कांटे की टक्कर वाली सीट मानी जाती है. यहां एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला रहता है. पिछले विधानसभा चुनाव में रामचंद्र साहू ने आरजेडी के भोला यादव को हराया था.
हायाघाट में राजनीतिक सरगर्मियां तेज
हायाघाट में राजनीतिक सरगर्मियां तेज होने की उम्मीद है. बीजेपी अपनी जीती हुई सीट को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत लगाएगी. वहीं, आरजेडी के नेतृत्व वाला महागठबंधन इस सीट को वापस पाने की कोशिश करेगा. 2020 के चुनाव में राजद के भोला यादव ने कड़ी टक्कर दी थी, जिससे यह तय है कि यहां मुकाबला कांटे का हो सकता है.
2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू से अमर नाथ गामी ने जीत हासिल की थी. उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के रमेश चौधरी को हराया था. 2010 के चुनाव में गामी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्होंने जीत हासिल की थी. उन्होंने आरजेडी के भोला यादव को हराया था.






Oct 24 2025, 09:56
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