उत्तर प्रदेश बना वित्तीय अनुशासन का मॉडल राज्य

*पूंजीगत व्यय, निवेश में यूपी शीर्ष पर - CAG रिपोर्ट*

*CM के मार्गदर्शन में राज्य की वित्तीय सेहत मजबूत*

*UP ने निवेश और पूंजीगत खर्च में रचा नया इतिहास*

लखनऊ। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रकाशित राज्य के वित्त लेखे 2022-2023 के अनुसार, उत्तर प्रदेश वित्तीय अनुशासन और निवेश के मामले में देश के सभी 28 राज्यों में अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 1,03,237 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय किया, जो देश में सबसे अधिक है। यह राशि राज्य की शुद्ध लोक ऋण प्राप्तियों का 210.68% है, जो यह दर्शाता है कि सरकार ने लिया गया ऋण केवल विकास और पूंजी निर्माण के कार्यों पर खर्च किया है। यह एक आदर्श वित्तीय स्थिति मानी जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने न केवल राजस्व व्यय पर नियंत्रण रखा, बल्कि निवेश और पूंजीगत खर्च में नया इतिहास रचा है। वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और विकास उन्मुख व्यय ने यूपी को देश का “फाइनेंशियल रोल मॉडल स्टेट” बना दिया है।
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां उसके राजस्व व्यय से अधिक रही हैं, अर्थात राज्य राजस्व बचत की स्थिति में है। राज्य का स्वयं का राजस्व (कर एवं करेतर) राजस्व प्राप्तियों का 45% रहा, जबकि हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे औद्योगिक राज्यों में यह 70-80% के बीच रहा। प्रदेश ने कुल व्यय का 9.39% निवेश पर खर्च किया, जो महाराष्ट्र (3.81%), गुजरात (3.64%) और बिहार (1.65%) से कहीं अधिक है। इसके साथ ही, 2013-14 से 2022-23 में केंद्रीय करों में सर्वाधिक राशि उत्तर प्रदेश को ही प्राप्त हुई है।
उत्तर प्रदेश ने प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान) पर कुल राजस्व व्यय का 42.57% खर्च किया, जो हरियाणा (55.27%) और तमिलनाडु (50.97%) से कम है। प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 12.43% वेतन पर खर्च किया, जबकि 16 राज्यों ने 20% से अधिक खर्च किया। वहीं, पेंशन पर व्यय कुल व्यय का 12.15% रहा, जो कई राज्यों (जैसे हिमाचल प्रदेश 15%+) से कम है। इसी तरह, ब्याज भुगतान कुल व्यय का 8.90% रहा, जबकि 10 राज्यों ने इस मद में 10% से अधिक खर्च किया। सब्सिडी पर व्यय मात्र 4.40% रहा, जबकि पंजाब ने अपने व्यय का 17% सब्सिडी पर व्यय किया।
राज्य ने वृहद निर्माण कार्यों पर कुल व्यय का 11.89% खर्च किया, जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सहायता अनुदान (सामान्य एवं वेतन) पर 22.85% व्यय किया, जो अन्य बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से कम है। इसी तरह, सहायता अनुदान (पूंजी सृजन) पर 2.27% व्यय किया, जबकि असम, झारखंड और त्रिपुरा में यह 5% से अधिक रहा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश ने एफ.आर.बी.एम. एक्ट के सभी मानकों का पालन किया। राज्य की कुल देयता जीएसडीपी का 29.32% रही, जबकि कुल प्रत्याभूतियां मात्र 7.56% रहीं। यह सरकार के वित्तीय अनुशासन और स्थिरता का प्रमाण है।
ग्रामीण आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम- गोवर्धन योजना से जगमगाए गांव

*प्रदेश के 72 जिलों में स्थापित हो रहे बायोगैस संयंत्र, ऊर्जा से लेकर आय तक आत्मनिर्भरता का नया मॉडल*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में गोवर्धन योजना अब नई रोशनी लेकर आई है। पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी 72 जिलों में बायोगैस टैंक स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक जिले को 50 लाख रुपये तक की धनराशि स्वीकृत की गई है। अब तक 117 में से 115 बायोगैस संयंत्र पूर्ण रूप से क्रियाशील हो चुके हैं, जहां से न केवल स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है, बल्कि ग्रामीणों की आमदनी के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।

*टंडवा महंत बना आदर्श ग्राम— बायोगैस से चल रही आटा चक्की*

श्रावस्ती जनपद की टंडवा महंत ग्राम पंचायत इस योजना की सफलता का सशक्त उदाहरण है। यहां 24 लाख रुपये की लागत से स्थापित अत्याधुनिक बायोगैस प्लांट ने गांव की ऊर्जा व्यवस्था को आत्मनिर्भर बना दिया है। इस प्लांट से संचालित आटा चक्की पूरी तरह बायोगैस से चल रही है, जो प्रतिदिन 2 से 3 क्विंटल गेहूं पीसने में सक्षम है। पहले जहां चक्की के संचालन में बिजली और डीजल पर निर्भरता थी, वहीं अब ग्रामीणों को सस्ती दर पर केवल 1 रुपये प्रति किलो में पिसाई सुविधा उपलब्ध है। इससे ग्रामीणों को सीधा आर्थिक लाभ हो रहा है।

*पर्यावरण संरक्षण में योगदान*

बायोगैस संयंत्रों में गोबर और जैविक कचरे का उपयोग किया जा रहा है, जिससे न केवल ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, बल्कि जैविक खाद का निर्माण भी संभव हुआ है। इससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हुई और खेती अधिक टिकाऊ बनी है।

*ग्रामीणों को निश्चित आय और प्रशिक्षण का अवसर*

इस योजना के संचालन में स्थानीय युवाओं को बायोगैस यूनिट के रखरखाव एवं संचालन का प्रशिक्षण दिया गया है, जबकि महिलाएं खाद निर्माण और स्वच्छता अभियानों में सक्रिय रूप से जुड़ी हैं। इस प्रकार यह योजना रोजगार, सामाजिक सहभागिता और आत्मनिर्भरता — तीनों लक्ष्यों को एक साथ पूरा कर रही है।

*सौर ऊर्जा से हो रही अतिरिक्त आय*

टंडवा महंत ग्राम पंचायत में स्थापित सोलर प्लांट से अब तक ₹51,151 की अतिरिक्त आय अर्जित की जा चुकी है, जो ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में उपयोग की जा रही है। इसी प्रकार बायोगैस से चलने वाली चक्की से ₹2,100 की आय दर्ज की गई है, जिससे पंचायत को स्थायी आर्थिक आधार प्राप्त हुआ है।

*ऊर्जा से आय तक आत्मनिर्भरता का मॉडल*

पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि
“टंडवा महंत ग्राम पंचायत का बायोगैस प्लांट आत्मनिर्भरता और नवाचार का जीवंत उदाहरण है। यह न केवल ऊर्जा बचत कर रहा है, बल्कि ग्रामीणों को निश्चित आय और समय की बचत भी प्रदान कर रहा है। यह मॉडल ‘ऊर्जा से आय’ की दिशा में राज्य के लिए प्रेरक है।”

*पंचायती राज विभाग के निदेशक अमित कुमार बोले*

अत्याधुनिक बायोगैस इकाइयाँ केवल ऊर्जा उत्पादन का माध्यम नहीं हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का बहुआयामी उपकरण हैं। गोवर्धन योजना उत्तर प्रदेश को ग्रामीण आत्मनिर्भरता के नए युग में ले जा रही है।
*डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जयंती पर मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का किया जाए आयोजन : दानिश*
लखनऊ। भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती *15 अक्टूबर* के अवसर पर उत्तर प्रदेश के समस्त मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण  राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने प्रमुख सचिव को पत्र के माध्यम से बताया कि इस कार्यक्रम को बृहत रूप से मनाए जाने उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि बढ़ाना और डॉ. कलाम जी के वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं जीवन मूल्यों से उन्हें प्रेरित करना है।
उन्होंने कहा कि इस अवसर पर सभी मदरसों में विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें छात्र-छात्राएं अपने वैज्ञानिक मॉडल और प्रोजेक्ट प्रस्तुत करेंगे। साथ ही डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्राप्त महान उपलब्धियों पर आधारित संगोष्ठियों का भी आयोजन किया जाएगा।
राज्य मंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए तथा विज्ञान प्रदर्शनी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम का जीवन हर विद्यार्थी के लिए प्रेरणास्रोत है। विज्ञान, तकनीक और मानवता के प्रति उनका दृष्टिकोण राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक मार्गदर्शक है।
स्वदेशी का ढोंग कर रही सरकार, गांवों और स्वदेशी उत्पादों की हो रही अनदेखी :सुनील सिंह

जब तक गांवों का उत्पाद गांवों से बाहर नहीं निकलेगा, तब तक चौधरी चरण सिंह जी का सपना कभी पूरा नहीं होगा:लोकदल


लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने स्वदेशी उत्पादों को लेकर सरकार द्वारा स्वदेशी का नौटंकी अपने जाने को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार सिर्फ “स्वदेश” और “आत्मनिर्भर भारत” का नारा लगाकर जनता को भ्रमित कर रही है।

हकीकत यह है कि सरकार की नीतियाँ विदेशी कंपनियों के हित में और गांवों के स्वदेशी उत्पादों के खिलाफ़ काम कर रही हैं।अगर सरकार वास्तव में स्वदेशी वस्तुओं के प्रति गंभीर होती, तो गांवों में बने उत्पादों की खरीद और मार्केटिंग का जिम्मा खुद उठाती। परंतु आज स्थिति यह है कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी कंपनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि गांवों में मेहनत से तैयार किए गए स्वदेशी सामानों को बाजार तक पहुंचाने वाला कोई नहीं।

सुनील सिंह ने गांव और किसान की तस्वीर और समृद्धि  के लिए लेकर  मांग की  है कि सरकार तुरंत एक “राष्ट्रीय स्वदेशी ई-कॉमर्स मंच” स्थापित करे — जहां देशभर के गांवों के उत्पादों का प्रचार, बिक्री और वितरण सरकारी निगरानी में हो। तभी किसानों, बुनकरों, कारीगरों और छोटे उत्पादकों को उनका असली हक मिलेगा।
जब तक गांवों का उत्पाद गांवों से बाहर नहीं निकलेगा, तब तक चौधरी चरण सिंह जी का सपना कभी पूरा नहीं होगा।
सरकार स्वदेश की बात छोड़कर स्वार्थ की राजनीति कर रही है।
लोकदल गांव की ताकत से इस छलावे का जवाब देगा।
45वां राष्ट्रीय कलमवीर दिवस का आयोजन सम्पन्न

लखनऊ। 45वें राष्ट्रीय कलमवीर दिवस समारोह का आयोजन आज सम्पन्न हुआ।नवसृजन साहित्यिक एवं सास्कृतिक संस्था, अखिल भारतीय अगीत परिषद, अवध साहित्य अकादमी एवं मीडिया फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में विभिन्न भाषाओं में 60 से अधिक महत्वपूर्ण पुस्तकों के लेखक, वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार एवं शिक्षाविद  डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी के जन्मोत्सव के अवसर पर 'राष्ट्रीय कलमवीर दिवस का आयोजन।आज, निराला सभागार,उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान में प्रोफेसर डॉ. वी जी गोस्वामी (पूर्व अधिष्ठाता विधि संकाय लखनऊ विश्वविद्यालय) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।

मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति अता-उर-रहमान मसूदी एवं अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रताप सिंह,(पूर्व अध्यक्ष हिन्दी संस्थान), डॉ. अनीस अंसारी, (आईएएस, पूर्व कुलपति ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय), प्रोफेसर डॉ उषा सिन्हा (पूर्व अध्यक्ष भाषा विज्ञान विभाग), प्रोफेसर डॉ. साबिरा हबीब (रूसी भाषा लखनऊ विश्वविद्यालय) एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री हेमन्त तिवारी (अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति),वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ इक़्तेदार हुसैन फारूकी बिशप डॉ एस. सी. सेत मौजूद थे।

कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी अब्दुल वहीद ने बताया कि डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी के जन्मोत्सव के मौके पर अनेक संस्थाओं द्वारा विभिन्न शहरों में हर्षोल्लास के साथ वर्ष 1980 से निरंतर मनाया जाता रहा है, डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी जिन्होंने साठ से अधिक पुस्तकें विभिन्न भाषाओं में लिखी जो प्रकाशित हो कर लोकप्रियता अर्जित कर रहीं है। उन्होंने एक पत्रकार के रूप में कई दशकों से ख्याति अर्जित की और समाज सेवा में भी उनका योगदान अद्वितीय है।

योजना आयोग भारत सरकार में सलाहकार सदस्य के रूप में भी उनकी सेवाएं सराहनीय रही हैं। इस मौके पर प्रो. वी. जी. गोस्वामी ने कहा कि डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी हिन्दी, उर्दू एवं अंग्रेजी साहित्य के एक गौरवशाली स्तम्भ है, जिन्होंने अपने  साहित्य के द्वारा नये आयाम स्थापित किए हैं, जो आने वाली पीढ़ी के लिए भी मील का पत्थर होगा, उन्होंने कहा हिन्दी, उर्दू एवं अंग्रेज़ी में साठ से अधिक महत्वपूर्ण पुस्तकों का लेखन करके डॉ. हाशमी ने साहित्य पर उपकार किया है। वह एक प्रखर वक्ता और नेक इसान के रूप में जाने जाते हैं।

न्यायमूर्ति अता-उर-रहमान मसूदी ने डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी की लेखनी और उनके व्यक्तित्व को वक्त की अहम् ज़रूरत बताया उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों में डॉ. हाशमी की लोकप्रियता एक जीता जागता प्रमाण है। वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रताप सिंह ने डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी के साहित्य, पत्रकारिता एवं विशेषकर उनकी समाज सेवा को रेखांकित किया करते हुए कहा कि उन्होंने समाजवाद पर छः अहम् पुस्तकें लिखी है जो अद्वितीय है।डॉ अनीस अंसारी ने कहा कि किसी साहित्यकार के जीवन में उसके नाम के साथ राष्ट्रीय कलमवीर दिवस के नाम से पैंतीस वर्षों से मनाया जाना अपने आप में एक मिसाल है। हेमन्त तिवारी ने कहा कि डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी की साहित्यिक विद्वत्ता की छाप उनकी पत्रकारिता में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है यही कारण है कि उन्होंने एक पत्रकार के मे भी ख्याति अर्जित की है।

जहां प्रोफेसर उषा सिन्हा ने डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी की भाषाओं से मुहब्बत को सामाजिक सौहार्द और राष्ट्र प्रेम का अनमोल संगम बताते हुए  कहा कि मैंने डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी की अनेक पुस्तकों को पढ़ा है एवं उनकी अनेक पुस्तकों पर अपनी भूमिका लिखी है, जिसे देखकर मैं कह सकती हूँ कि यह एक महान लेखक है इनकी निस्वार्थ सेवाओं से समाज लाभान्वित हो रहा है। वही प्रो. सबिरा हबीब ने डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी को नफ़ीस शख्सीयत और इन्सान दोस्ती का पैकर बताया। बिशप आर. सी. ंंसेत ने डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी को सभी धर्मों की समान विचारों ज्ञाता बताते हुए उनके साहित्य और समाज के लिए समर्पण अद्वितीय बताया।

इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकारों को अतिविशिष्ट सम्मानों से सम्मानित किया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों की मूर्धन्य हस्तियों को कलमवीर चक्र सम्मान-2025 एवं कलमवीर रत्न सम्मान-2025 से नवाजा गया।
इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष कलमवीर चक्र सम्मान-2025 वरिष्ठ साहित्यकार पद्‌मश्री विद्या बिन्दु सिंह, प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह(कुलपति, उत्तर प्रदेश मेडिकल साइंसेज़ विश्वविद्यालय) प्रोफेसर डॉ मनुका खन्ना (कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय) वरिष्ठ साहित्यकार अवधेश बहादुर सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार अखिलेश मिश्र (आई.ए.एस) अध्यक्ष राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान,वरिष्ठ साहित्यकार अखिलेश निगम 'अखिल' पुलिस उप महानिरीक्षक उत्तर प्रदेश पुलिस, वरिष्ठ पत्रकार श्री शरत प्रधान, वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर जमाल नुसरत, वरिष्ठ साहित्यकार सूर्य कुमार पाण्डेय को दिया जा रहा है इसी के साथ कलमवीर-रत्न सम्मान-2025 वरिष्ठ पत्रकार श्री सिद्धार्थ कलहंस, वरिष्ठ साहित्यकार त्रिवेणी प्रसाद दुबे 'मनीष', वरिष्ठ उर्दू शायर श्री मोहम्मद अली 'साहिल', शिक्षाविद् साहित्यकार डॉ. अनूप अर्पण, उर्दू शायर शाहबाज़ तालिब के साथ ही ग़ज़ल गायक मिथिलेश लखनवी को भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी सम्मान 2025, वरिष्ठ साहित्यकार रवीन्द्रनाथ तिवारी को "डॉ. रंगनाथ मिश्र 'सत्य' स्मृति सम्मान 2025 के साथ ही समाज सेवा एवं विशेषकर पंजाब और हिमांचल प्रदेश में बाढ़ आपदा से प्रभावित लोगों की युद्ध स्तर पर मदद करने एवं मानव सेवा के अमूल्य योगदान को देखते हुए टीम लखनऊ के मुर्तुजा अली,अब्दुल वहीद,जुबैर अहमद,कुदरत उल्ला खान,जशबीर गांधी,वामिक खान,शाहबाज खान,
एडविन,निहिल,इरफान शेख आदि को सम्मानित किया गया।इसी के साथ ही टीम लखनऊ की सहयोगी संस्था अमन शांति समिति के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। प्रिन्ट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय सलाहकार एवं पत्रकार सैय्यद गुलाम हुसैन व दंत चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. राधे श्याम यादव आदि को भी सम्मानित किया गया एवं विशेष रूप से समारोह में उपस्थित सौ से अधिक कलमकार अतिथियों को कलमवीर सम्मान-2025 से सम्मानित किया गया।समारोह का शुभारंभ रूपा पाण्डेय 'सतरूपा की वाणी वन्दना एवं डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी द्वारा लिखित ग़ज़लें, ग़जल गायक मिथिलेश लखनवी की गायकी से हुआ जिसने समारोह में समां बांध दिया। संचालन डॉ.योगेश गुप्त एवं स्वागत भाषण डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी के द्वारा हुआ एवं डॉ सुधा मिश्रा ने सम्मानित मनीषियों के जीवन परिचय का वाचन प्रस्तुत किया।। उपस्थित अतिथियों द्वारा सुल्तान शाकिर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की सराहना की गयी। डॉ. योगेश ने कहा, किसी साहित्यकार के जन्मोत्सव को राष्ट्रीय कलमवीर दिवस के रूप में साहित्यकारों द्वारा मनाया जाना इनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन शाहजेब हाशमी ने किया। समारोह में मंजू सक्सेना, देवेश द्विवेदी 'देवेश' एवं मनु बाजपेयी का सहयोग सराहनीय रहा।
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ की बैठक

लखनऊ। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा वर्ष 2017 के अपने स्वयं के आदेश का उल्लंघन कर छटनी करने,55 वर्ष का हवाला देकर कार्य से हटाने, वर्टिकल व्यवस्था लागू करने आदि समस्याओं के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ लखनऊ द्वारा आज प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में तालकटोरा में बैठक आहूत किया गया जिसका संचालन प्रदेश मिडिया प्रभारी रंजित कन्नौजिया ने किया।

बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री ने कहा कि पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन द्वारा अपने स्वयं के आदेश का उलंघन कर लगभग 25000 बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को कार्य से हटा दिया गया है जिससे उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।

बैठक में उपस्थित जिला महामंत्री राकेश पाठक ने कहा कि पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन द्वारा लखनऊ जनपद में वर्तमान व्यवस्था के स्थान पर वर्टिकल व्यवस्था लागू किया जा रहा है जिससे जहां एक तरफ उपभोक्ताओं को भारी बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा वहीं दूसरी तरफ लखनऊ जनपद में लगभग 1200 बिजली के आउटसोर्स कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।

डांडिया रास में जमकर झूमीं सहेलियां

लखनऊ। 12 अक्टूबर 2025 को सहेली शक्ति संस्था द्वारा होटल गंगा ग्रीन, मवैया में डांडिया रास का आयोजन किया गया। संस्था की अध्यक्ष संगीता त्रिवेदी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्यातिथि नम्रता पाठक विशिष्ट अतिथि उपाध्यक्ष लखनऊ नगर निगम चरणजीत गांधी , शिखा गोयल व दीपिका चतुर्वेदी रही वह सहेली शक्ति संस्था की पदाधिकारियों के साथ डांडिया की धुन में जम कर झूमीं। मुख्यातिथि द्वारा डांसिंग क्वीन मोना, बेस्ट ड्रेस किरण अग्रवाल और डांडिया क्वीन निर्मता जैन को चुना गया, विजेताओं को पुरस्कार दिया मुख्यातिथि द्वारा दिया गया।

कार्यक्रम में मुख्यरूप से अध्यक्ष संगीता त्रिवेदी,रितु जायसवाल,आरती गुप्ता,रीता सोनी,प्रियंका सिंह,शालिनी जैन,रूपाली अग्रवाल, कीर्ति गुप्ता, प्रिय मिश्र,पूनम,तूलिका बाजपेई, कुसुम लता त्रिवेदी, सुनीता बाजपेई, ममता त्रिवेदी, मीनल अग्रवाल, रुचि अग्रवाल सहित तमाम महिलाएं उपस्थित रही।

इसके अलावा कार्यक्रम का संचालन नंदनी अग्रवाल द्वारा किया गया साथ ही डांडिया रास के स्पॉन्सर उत्तर प्रदेश टिंबर एसोसिएशन व बीट बस्टर रहे।

*यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने मुंबई में आयोजित सरदार पटेल रन फॉर यूनिटी मैराथन की शुरुआत की*


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज  *दानिश आजाद अंसारी* ने रविवार को मुंबई में आयोजित *सरदार पटेल रन फॉर यूनिटी मैराथन* की शुरुआत की। 10 किलोमीटर, 5 किलोमीटर एवं 3 किलोमीटर के इस मैराथन में मुंबई के हजारों युवाओं ने भाग लिया।

मैराथन में आए हुए युवाओं को संबोधित करते हुए मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि आज मुंबई की सड़कों से पूरे देश में एकता और भाईचारे का एक संदेश गया है, हजारों की यह भीड़ बताने के लिए काफी है कि प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत 2047 का जो संकल्प है उसे संकल्प पर पूरा भारत एकजुट होकर आगे बढ़ रहा है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए श्री अंसारी ने कहा कि आज इसी एकजुटता को देखकर विपक्ष परेशान है और लगातार समाज के बीच में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश को समृद्धि और विकास की तरफ आगे ले जाना चाहती है लेकिन विपक्ष देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की नियत रखता है। युवाओं से खासतौर पर अपील करते हुए उन्होंने कहा कि हमें फिट इंडिया मुहिम के साथ जुड़कर अपने भारत को फिट और हेल्दी रखना है, भारत के विकास में हर भारतीय  की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अखंड भारत के निर्माता थे सरदार पटेल : सीएम योगी

*लौह पुरुष की जयंती पर देशभर में होंगे अनेक आयोजन*

लखनऊ। सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें "लौह पुरुष" और अखंड भारत का शिल्पी कहा जाता है, की 150वीं जयंती को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। सरदार पटेल ने आज़ादी के बाद भारत की एकता और अखंडता के लिए जो कार्य किया, वह इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। जूनागढ़ और हैदराबाद जैसी बड़ी रियासतों को भारत में मिलाने में उनका अद्वितीय योगदान रहा। उनके अदम्य साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने इन रियासतों के नवाबों को भी झुकना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रेस वार्ता में यह बात कही।

भारतीय जनता पार्टी सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को प्रतिवर्ष "रन फॉर यूनिटी" जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से मनाती है। गुजरात के केवड़िया में स्थित "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" आज देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है और यह जनआस्था का केंद्र भी है। इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती को खास बनाने के लिए खेल एवं युवा मंत्रालय ने "हम सरदार पोर्टल की शुरुआत की है। इसके तहत प्रत्येक जनपद से पांच युवा चुने जाएंगे, जो केवड़िया तक यात्रा करेंगे और मार्ग में अनेक सांस्कृतिक व जनजागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि इस अवसर पर सभी कार्यक्रम "वोकल फॉर लोकल" थीम पर आधारित होंगे, जिनमें ब्रांडिंग, टेक्नोलॉजी कनेक्ट और पैकेजिंग जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही योग एवं स्वास्थ्य शिविर तथा स्वदेशी मेले भी आयोजित किए जाएंगे, जो पूरे प्रदेश की शान बनेंगे। सरदार पटेल की विचारधारा आज भी युवाओं को प्रेरित करती है और देश की एकता को मजबूत करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
इतिहास की पुनरावृत्ति तालिबान से मित्रता :तुहिन

लखनऊ। अटल बिहारी बाजपेई के शासन काल में 26 साल पहले कन्दहार में भारत के तत्कालीन विदेशमंत्री जसवंत सिंह ने तालिबान के विदेश मंत्री मुट्ठावकिल से समझौता किया था ।

उद्देश्य था IC 415 एयर इंडिया फ्लाइट जिसे पाक और तालिबान समर्थित आतंकवादियों ने अगवा किया था के मुद्दे को सुलझाना।इस समझौते के आधार पर जैस ए मुहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को रिहा किया गया और पाकिस्तान भेजा गया।
उस समय भी भाजपा की सरकार थी।26 साल बाद इसी भाजपा की सरकार ने तालिबान को औपचारिक मान्यता दी है और हाल ही में दिल्ली में तालिबान के वर्तमान विदेश मंत्री अमीर खान मुस्तकी के साथ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक की और समझौता हुआ।

ये तालिबान कौन है ? अफगानिस्तान में प्रगतिशील सरकार और अफगानिस्तान के प्रगतिशील ताकतों को खत्म करने के लिए अस्सी के दशक में अमरीकी साम्राज्यवाद ने पाकिस्तान के सहयोग से इस्लामिक कट्टरपंथियों को हथियारबंद करके और भलीभांति प्रशिक्षित कर तालिबान को तैयार किया।

जिस तालिबान ने वामपंथी सरकार के पतन के बाद गृह युद्ध में नॉर्दर्न एला