बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार को बड़ा झटका, आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार केस में चलेगा केस
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बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। यानी, अब इन लोगों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलेगा।
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कोर्ट ने माना- लालू की जानकारी में घोटाले की साजिश
दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ आईआरसीटीसी केस में आरोप तय करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने माना कि लालू यादव की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई। कोर्ट ने कहा इस मामले में आरोपी व्यापक साजिश में शामिल थे। लालू फैमिली को इस मामले में फायदा पहुंचा। कॉन्ट्रेक्ट देने के बदले राबड़ी और तेजस्वी को बेहद कम कीमत पर जमीन मिली।
अलग-अलग धाराओं में आरोप तय
दिल्ली की कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका के आधार पर अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए थे। जिन धाराओं के तहत आरोप तय किए है, उनमें IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) शामिल हैं। बता दें कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगी है। कोर्ट ने लालू यादव से पूछा क्या आप अपना अपराध मानते हैं तो लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। वहीं राबड़ी यादव ने कहा कि ये गलत केस है।
क्या है जॉब फॉर लैंड केस?
लालू यादव जब साल 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, सीबीआई का आरोप है कि उस समय रेलवे की ग्रुप डी नौकरियों के बदले कैंडिडेट्स से उनकी जमीन या संपत्ति को कम कीमतों पर लालू फैमिली के नाम पर करवा दिया गया था। इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लालू की बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। जांच एजेंसी ने दावा किया कि पटना में कई जमीनें लालू फैमिली के सदस्यों और उनके करीबियों के नाम पर ट्रांसफर की गई थी।
Oct 13 2025, 12:42