एक देश टैरिफ लगाएगा तो हम 10 नए देशों में रास्ते खोलेंगे : यूएस टैरिफ पर बोले योगी*

भदोही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया 49वें अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला और चौथे कार्पेट एक्सपो का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कालीन उद्योग से जुड़े उद्यमियों से कहा- यूएस टैरिफ से घबराने की जरूरत नहीं, चुनौतियां अवसर लेकर आती हैं

भदोही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को भदोही में 49वें अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला और चौथे कार्पेट एक्सपो का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने देश-विदेश से आए कालीन उद्यमियों और निर्यातकों के साथ संवाद करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार हर स्थिति में उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए नए अवसरों के द्वार खोलने का समय है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “जब भी चुनौतियां आती हैं, वे अपने साथ अवसर भी लाती हैं। अमेरिका ने टैरिफ लगाया है, लेकिन यह केवल एक देश का निर्णय है। हम यूएई, यूके और अन्य देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में ये समझौते हमारे उद्योगों के लिए नए बाजार खोलेंगे।” उन्होंने बताया कि सरकार ने इस विषय पर हाई लेवल कमेटी का गठन किया है जो टैरिफ से उत्पन्न स्थिति पर लगातार काम कर रही है।

ग्लोबल मार्केट में बढ़ी है भदोही के कालीन की मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 वर्ष पहले कार्पेट उद्योग बंदी के कगार पर था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भदोही, मीरजापुर और वाराणसी के कार्पेट क्लस्टर को नई ऊर्जा मिली। भदोही को केंद्र बनाकर कार्पेट एक्सपो मार्ट की स्थापना की गई। जब पहला एक्सपो हुआ था, तब विदेशी खरीदारों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन आज 88 देशों से तीन से चार सौ फॉरेन बायर्स यहां आ रहे हैं। यह बताता है कि ग्लोबल मार्केट में आपके कालीनों की मांग कितनी बढ़ी है। योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन में कहा कि यूपी सरकार ने कार्पेट सेक्टर सहित एमएसएमई और ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट) योजना के तहत प्रत्येक जिले में विशिष्ट उद्योगों को प्रोत्साहित किया है। भदोही के कालीन, मुरादाबाद के पीतल, फिरोजाबाद के ग्लास और वाराणसी के सिल्क को नई पहचान मिली है। 2017 में जब हमने ओडीओपी योजना शुरू की थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यूपी दो लाख करोड़ से अधिक का निर्यात करेगा, यह अब वास्तविकता बन चुकी है।

कार्पेट उद्योग महिला स्वावलंबन का यह सबसे बड़ा माध्यम

मुख्यमंत्री ने बताया कि कार्पेट उद्योग केवल व्यापार नहीं है, यह हमारे कारीगरों और हस्तशिल्पियों की जीवंत परंपरा है। आज यह उद्योग 25 से 30 लाख लोगों को रोजगार देता है और हर साल करीब 17 हजार करोड़ रुपए का निर्यात करता है। महिला स्वावलंबन का यह सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है। सरकार का प्रयास है कि इस उद्योग को और अधिक महिलाओं से जोड़ा जाए ताकि वे घर पर रहकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भदोही को छोटा मत समझिए, यह प्रदेश और देश की आर्थिक ताकत का प्रतीक है। 2014 से पहले यह उद्योग लगभग मृतप्राय हो चुका था, लेकिन आज यह यूपी की पहचान बन चुका है। उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भदोही की कालीनों के विशेष स्टॉल लगाए गए हैं।

कार्पेट उद्यमियों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद

रवि पाटेरिया ने कहा कि “कालीन उद्योग हाथों का जादू है। हमने विश्व का सबसे बड़ा कालीन बनाकर कजाकिस्तान भेजा है। इस कला को विशेष दर्जा मिलना चाहिए।” इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विचार समिति के गठन पर सरकार विचार कर रही है, ताकि उद्यमियों के सुझावों को नीतिगत निर्णयों में शामिल किया जा सके।

हाजी हमीद ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “आपकी प्रतिबद्धता ने कालीन उद्योग को नया जीवन दिया है। भदोही और प्रदेश दोनों को इस उद्योग के माध्यम से वन ट्रिलियन इकॉनमी में सहभागी बनाया जा सकता है।”

अनिल सिंह ने मीरजापुर-विंध्य कॉरिडोर के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि आसपास के क्षेत्रों को भी एनसीआर की तरह विकसित किया जाए, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “भदोही, वाराणसी और मीरजापुर को जोड़कर विकास क्षेत्र के रूप में तैयार करने की दिशा में कार्य चल रहा है।”

आदर्श पूर्णिमा, जो चार दशकों से इस उद्योग से जुड़ी हैं, ने कहा कि “आध्यात्म और राजनीति का संगम हो तो सफलता निश्चित है।” वहीं निर्यातक आलोक बरनवाल ने बुनकरों की कमी और श्रमिकों के पलायन की समस्या उठाई, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “हम उद्योग को महिलाओं और स्थानीय श्रमिकों से जोड़कर आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहे हैं।“

मुख्यमंंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल उद्योग को बचाना नहीं, बल्कि इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है। जब एक देश टैरिफ लगाएगा तो हम 10 नए देशों के लिए अपने रास्ते खोलेंगे। यही आत्मनिर्भर भारत की भावना है। चुनौतियों से घबराना नहीं है, बल्कि उन्हें अवसर में बदलना है। सरकार आपके साथ है, आपका भविष्य उज्ज्वल है।

इस अवसर पर सांसद डॉ विनोद बिंद, विधायकगण दीनानाथ भास्कर, विपुल दुबे, जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, विकास आयुक्त हस्तशिल्प भारत सरकार अमृत राज, सीपीसी के चेयरमैन कुलदीप, पद्मश्री डॉ रजनीकांत, भदोही कार्पेट उद्योग से जुड़े पदाधिकारीगण, स्टेक होल्डर्स सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।

*भदोही में बनी हैंड टफ्टेड कालीन को दुनिया की सबसे बड़ी कालीन का खिताब, जानें- क्या है इसकी खासियत*

रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही जिले की हैंड टफ्टेड कालीन को विश्व की सबसे बड़ी कालीन का खिताब मिला है। पाटोदिया कॉन्ट्रैक्ट द्वारा बनाई गई टफ्टेड कालीन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया है। यह कालीन मध्य एशिया की सबसे बड़ी कजाखस्तान के अस्ताना ग्रैंड मस्जिद में बिछी है। 12464.28 वर्ग मीटर की कालीन को एक हजार कारीगरों ने छह महीने में तैयार किया। कोविड काल के दौरान भारतीय व कजाखास्तान में भारतीय मूल के कारीगरों ने 50 दिनों की मेहनत के बाद इसे मस्जिद में बिछाया। 125 टुकड़ों में कालीन को कजाखस्तान की मस्जिद में पहुंचाया गया। मंगलवार को आनलाइन सेरेमनी में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की ओर से कंपनी को रिकार्ड होल्डर प्रमाण पत्र मिला। कालीन का कुल मूल्य 15 लाख अमेरिकी डॉलर यानि भारतीय रुपयों में कुल 13 करोड़ 20 लाख रुपये है। साल 2021 जब कोविड की महामारी से पूरा विश्व संकट में था। उस समय कंपनी के पास मध्य एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद के लिए कालीन निर्माण कराए जाने प्रस्ताव मिला। करीब 12464.28 वर्ग मीटर की मस्जिद के लिए वहीं से ही डिजाइन भी दिखाए गए। आठ पिलर वाली इस मस्जिद को देखने के बाद कंपनी ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और काफी राय मशविरे के बाद कंपनी ने कालीन निर्माण के लिए हामी भरी। विश्व के सबसे बड़े हैंड टफ्टेड कालीन निर्माण की शुरूआत 2021 में की गई। इस दौरान कुल एक हजार कारीगर करीब छह महीने तक कालीन निर्माण में लगे रहे। कालीन को 125 टुकड़ों में तैयार किया गया। इसके बाद उसे मस्जिद में बिछाना एक बड़ी चुनौती रही। जिसके लिए यहां से कुशल कारीगर कजाखस्तान भेजे गए। भारतीय व कजाखस्तान में भारतीय मूल के कारीगरों ने 50 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद से मस्जिद में बिछाया। कालीन बिछाए जाने के बाद इसी साल मार्च में कंपनी ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में आवेदन किया। जिसके बाद उनकी टीम ने सर्वे इत्यादि के बाद इसको चुना।

यह है कालीन की खासियत

यह कालीन सिर्फ साइज के हिसाब से ही खास नहीं है, बल्कि अन्य कई मायनों में भी यह खास है। कंपनी के रवि पाटोदिया ने बताया कि 12464.28 वर्ग मीटर वाले इस कालीन में पूरी तरह ऊन का इस्तेमाल हुआ है। इसमें 70 मीटर व्यास वाला आकर्षक मध्य चक्र (मेडलियन) है। ईरान के परसियन डिजाइन वाली इस कालीन का प्रेरणा स्रोत मस्जिद के बगीचे और जन्नत-उल-फिरदौस के तत्वों से लिया गया है। मस्जिद के मुख्य भाग जिसमें यह बिछाया गया है। उसमें आठ पिलर भी हैं। जिनकी बारीकियों को मस्जिद के मध्य केन्द्र से मिलाना भी एक बड़ी चुनौती थी

चाइना और अमेरिका को पछाड़ कर मिला आर्डर

रवि पाटोदिया ने बताया कि विश्व रिकार्ड होल्डर इस कालीन को बनाए जाने के लिए मस्जिद की ओर से चाइना और अमेरिका जैसे देशों के कालीन निर्माताओं से भी संपर्क किया था, लेकिन अपनी विशिष्ट और आकर्षक कलाकारी के लिए जाने वाली भदोही की कारीगरों की बदौलत कंपनी की ओर से खुद एक अंर्तराष्ट्रीय संस्था से सर्वे कराने के बाद कंपनी को यह आर्डर मिला। इस निर्माण के लिए चाइना और अमेरिका जैसे देशों ने हाथ खड़ा कर दिया था।

इसके पहले ईरान की हैंड नॉटेड कालीन ने बनाया था कीर्तिमान

विश्व की सबसे बड़ी हैंड नॉटेड (हाथ से बुनी) कालीन, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, 5,630 वर्ग मीटर की है। जिसे संयुक्त अरब अमीरात की शेख जायद ग्रैंड मस्जिद के लिए ईरान कालीन कंपनी द्वारा बनाया गया था। इस कालीन को जटिल इस्लामी पदक के साथ बनाया गया था और इसे 2007 में मापा गया था। हैंड टफ्टेड के क्षेत्र में अब तक कोई भी इतनी बड़ी कालीन नहीं बनी है।

दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम स्वरूप दे रहे कारीगर

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। शारदीय नवरात्र की तैयारी हर तरफ तेज हो गई है। मां दुर्गा पूजनोत्सव समितियों द्वारा आकर्षक पंडाल बनाने के साथ ही अन्य तैयारियां तेज होने लगी है। आदि शक्ति मां दुर्गा की प्रतिमाओं को कारीगर अंतिम स्वरूप देने में लगे हैं। ज्ञानपुर के पास स्थित पटेल नगर पर मां दुर्गा की प्रतिमाएं आकर्षक ढंग से बनाए जा रहे हैं।

समितियों द्वारा प्रतिमाओं का आर्डर भी दिया जा चुका है। जिस स्तर से बुकिंग हो रही है। उसी के अनुसार कारीगर प्रतिमाओं को बना रहें हैं। प्रतिमा बना रहे कारीगर दीपक पाल ने बताया कि चार माह पूर्व से ही मूर्तियां बनाने की तैयारी शुरू हो जाती है। बाहर से आए कारीगर मिट्टी,पुआल , लकड़ी समेत अन्य सामग्री को एकत्रित कर लेते हैं। ऐसे में चार माह से प्रतिमाओं को बनाने का काम चल रहा है।

गणेश पूजनोत्सव को लेकर पूर्व में ही बना दी गई थी। उन प्रतिमाओं को क्रय कर समितियों द्वारा पंडालों में स्थापित करने के साथ ही तिथि के अनुसार नहरों में विसर्जन भी कर दिया जा रहा है। अब हर तरफ नवरात्र की तैयारी चल रही है।

दिन-रात प्रतिमाओं को बनाने के बाद पेंटिंग का काम चल रहा है। दस से पंद्रह हजार रुपए में आकर्षक मूर्तियों को तैयार कर बिक्री किया जाएगा। नवरात्र के प्रथम दिन से ही पूजा पंडालों में प्रतिमाओं को बनाने में कुल सात लोग लगे हैं। जो प्रत्येक दिन 12 से 16 घंटा मूर्तियां बनाने और पेंटिंग करने काम कर रहे हैं।

अमेरिका में भारतीय कालीन 50% महंगे, भदोही - मिर्जापुर के 30 लाख श्रमिकों का भविष्य दांव पर,17 हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगातार कालीन उद्योग को बड़ा झटका दिया है। इस फैसले से भारत का 17 हजार करोड़ का कालीन व्यापार प्रभावित होगा। पहले अमेरिका ने भारतीय कालीनों पर 250% आयात शुल्क लगाया था। अब रुस से तेल आयात के मुद्दे पर 25% अतिरिक्त टैक्स और लगा दिया है। इससे अमेरिका में भारतीय कालीन 50% तक महंगे हो गए हैं। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भदोही - मिर्जापुर क्षेत्र के कालीन निर्यातकों और मजदूरों पर पड़ेगा।

भदोही में करीब 80% परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से से कालीन उद्योग से जुड़े हैं। कालीन उद्योग से जुड़े 30 लाख श्रमिकों के रोजगार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। निर्यातकों को चिंता है कि इस टैरिफ से उद्योग में मंदी आ सकती है। अमेरिका भारतीय कालीनों का सबसे बड़ा बाजार है।

*कार्पेट एक्सपो: पहले ही दिन 65% स्टाॅल बुक, ग्राउंड फ्लोर पर 80% बुकिंग*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। अमेरिकी टैरिफ से कालीन उद्योग में उठी मंदी की आशंकाओं के बीच अंतराष्ट्रीय कालीन मेले की स्टाॅल बुकिंग शुरू हो गई। पहले ही दिन एक्सपो मार्ट की 65 फीसदी स्टाॅल की बुकिंग हो गई। इसमें भी ग्राउंड फ्लोर की 80 फीसदी दुकानें बुक हो गई। निर्यातकों में ग्राउंड फ्लोर की दुकानों की खूब मांग रही। इस साल 225-250 स्टाॅल बुक किए जाने हैं। ग्राउंड फ्लोर पर 2600 वर्ग मीटर स्टाॅल में से 3000 वर्ग मीटर की बुकिंग पहले ही दिन हो ग‌ई‌।भदोही में इस वर्ष आगामी 11 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच कार्पेट एक्सपो मार्ट में जिले का चौथा और कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) का 49 वां अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला लगने जा रहा है। इस साल सीईपीसी मेले में 225-250 दुकानें लगवाने की तैयारी में है। अमेरिका टैरिफ, वैश्विक मंदी समेत अन्य समस्याओं को देखते हुए इस बार कालीन मेले के आयोजन पर संशय के बादल मंडरा रहे थे। लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर सीईपीसी ने भदोही एक्सपो आयोजन का निर्णय लिया।

बीते साल 230 निर्यातकों ने लगाए थे स्टाॅल

पिछले साल अक्टूबर में इंडिया कार्पेट एक्सपो में कुल 230 कालीन निर्यातकों ने स्टाॅल लगाए थे। इनमें करीब 450 बायर और उनके प्रतिनिधि कालीन मेले में शामिल होने आए थे। इस बार वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए सीपीसी विशेष तैयारी में जुटा है। अमेरिका के अलावा अन्य देशों के बायरों पर अधिक फोकस रखा जा रहा है।

ब्रिटेन और यूरोपीय देशों को निर्यात बढ़ाने का होगा अवसर

अमेरिका की ओर से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ थोपने के तत्काल बाद इंडिया कार्पेट एक्सपो का आयोजन होने जा रहा है। इससे कहा जा रहा है कि अमेरिकी आयातक कम ही आएंगे। इस पर सीईपीसी चैयरमैन कुलदीप राज वाटल ने कहा कि ब्रिटेन में भारतीय उत्पादों पर टैरिफ शून्य हो जाने से हमारे पास ब्रिटेन और यूरोपीय देशों से अच्छे करोबार की उम्मीद है कहा कि एशिया उपमहाद्वीप का यह सबसे बड़ा कार्पेट एक्सपो होता है, जिसमें 65 देशों के 500 से अधिक खरीदार और आयातक प्रतिनिधि भाग लेते हैं। ऐसे में हमें अमेरिका के साथ दूसरे को निर्यात बढ़ाने का भी यह अच्छा अवसर मिलने जा रहा है।

इस बार कालीन मेले में कुल 5500 वर्ग मीटर एरिया में स्टाॅल लगाए जाएंगे। इसमें से 3000 वर्ग मीटर की बुकिंग पहले ही दिन हो चुकी है। निर्यातकों ने बुकिंग को लेकर जिस तरह उत्साह दिखाया है, उससे मेला इस बार भी सफल रहने का अनुमान है। पहले दिन ही 65 फीसदी बुकिंग पूरी हो चुकी है।

कुलदीप राज वाटल चेयरमैन सीईपीसी

*पीईटी के लिए जिले में बने 17 केंद्र 32 हजार परीक्षार्थी होंगे शामिल*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) के लिए जिले में 17 केंद्र बनाए गए हैं। छह और सात सितंबर को दो-दो पालियों में परीक्षा होगी। इसमें 32 हजार 160 अभ्यर्थी शामिल होंगे। पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 से 12 बजे और दूसरी पाली दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक होगी। पत्र आने पर शिक्षा विभाग आयोग ने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में कई भर्तियों के लिए प्रारंभिक अर्हता परीक्षा अनिवार्य है। यूपीएसएसएससी की ओर से प्रारंभिक अर्हता परीक्षा छह और सात सितंबर को कराई जाएगी। परीक्षा को अभी एक माह से भी कम समय बचा है।

इससे पूर्व ही शिक्षा विभाग की तरफ से केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। पीईटी के लिए भी राजकीय, वित्तपोषित और सीबीएसई के विद्यालयों को ही केंद्र बनाया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि एक पाली में 8040 अभ्यर्थी समेत चार पालियों में कुल 32 हजार 160 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे। 17 केंद्रों पर होने वाली परीक्षा की निगरानी के लिए केंद्र व्यवस्थापक, स्टेटिक, सेक्टर मजिस्ट्रेट संग कक्ष निरीक्षकों की जल्द ही तैनाती की जाएगी।

इन केंद्रों पर होगी पीईटी

विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज ज्ञानपुर,काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर में एक और बी, जिला पंचायत बालिका इंटर कॉलेज ज्ञानपुर,श्री इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज भदोही, ज्ञानदेवी बालिका इंटर कॉलेज भदोही,प्रेम बहादुर सिंह पब्लिक स्कूल भदोही,मदर हलीमा पब्लिक स्कूल,एम‌ए समद इंटर कॉलेज भदोही,ओम पब्लिक स्कूल,बुनमैक्स कान्वेंट स्कूल, ग्रीन व्यू पब्लिक स्कूल,श्री काशीराज महाविद्यालय इंटर कॉलेज औराई, सेंट थॉमस स्कूल ज्ञानपुर,सनबीम स्कूल,टेंडर्स हर्ट स्कूल घोसियां और वुडवर्ड पब्लिक स्कूल भदोही शामिल हैं।

*डेंगू पीड़ितों की निगरानी करेगी 12 रैपिड रिस्पांस टीम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में बारिश के बाद डेंगू व मलेरिया से बचाव की तैयारी तेज हो गई है। विभागीय स्तर पर डेंगू की निगरानी के लिए 12 रैपिड रिस्पांस टीम (आरआटी) का गठन किया गया है। हर सीएचसी पर दो टीमें होंगी। चार सदस्यीय टीम में चिकित्सक, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन और वार्ड बॉय को रखा गया है। जिले में इस साल अब तक डेंगू के दो मरीज मिले हैं। वहीं बीते साल डेंगू पीड़ितों की संख्या 40 के करीब थी। 2023 में जिले में मिले रिकाॅर्ड 208 डेंगू मरीजों के बाद से ही विभागीय स्तर पर जिले में डेंगू को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। जिले में छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें भदोही, गोपीगंज, सुरियावां, भानीपुर, डीघ, औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो-दो आरआरटी लगा दी गई हैं। एक टीम में चिकित्सक, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन के अलावा वार्ड बॉय को रखा गया है। विभागीय स्तर से संक्रामक बीमारियों को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है लेकिन इसके बाद भी ग्रामीण इलाकों में साफ-सफाई में कमी और गड्ढों में जमा पानी के कारण डेंगू व मलेरिया के मरीज पनपने लगते हैं।

आरआरटी टीम की जिम्मेदारी डेंगू पीड़ितों की निगरानी के साथ चिह्नित हॉट-स्पाॅट और मरीजों के मिलने वाले स्थानों पर साफ-सफाई और दवाओं के छिड़काव की होगी। गांवों में आशा कार्यकर्ता से जानकारी मिलने के बाद आरआरटी वहां पहुंचकर आसपास के 50 घरों तक दवाओं का छिड़काव कराएगी। इसके अलावा नियमित तौर पर मरीजों की निगरानी भी करेगी। इस समय जिले में 40 हाटस्पॉट चिह्नित हैं। यह वे स्थान हैं, जहां बीते साल डेंगू पीड़ित मिले थे।

मच्छरजनित बीमारियों को लेकर जुलाई में संचारी रोग नियंत्रण अभियान शहर से लेकर गांव तक चलाया गया था। स्वास्थ्यकर्मियों ने लोगों को संक्रमित बीमारी के प्रति जागरूक किया। बीमारी के बचाव, लक्षण और कारण के बारे में लोगों को बताया गया। लक्षण दिखने पर त्वरित नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर संपर्क करें।

छह सीएचसी पर 12 आर‌आरटी गठित की गई है,जो डेंगू पीड़ितों की निगरानी करेंगी। नियमित इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजेंगे।इस साल दो टीबी मरीज भी मिले हैं।

डॉ एसके चक सीएमओ भदोही

भदोही में दो अपराधी 6 महीने के लिए जिला बदर: गिरोह के साथ करते थे लूट,एसपी ने नोटिस चस्पा कराया

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही पुलिस ने दो शातिर अपराधियों को 6 माह के लिए जिला बदर कर दिया है। जिला मजिस्ट्रेट शैलेश कुमार और अपर जिलाधिकारी न्यायिक विजय नारायण सिंह ने यूपी गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत यह आदेश जारी किया। पहला आरोपी पिंटू शाह है,जो सिविल लाइन जलालपुर का रहने वाला है। वह आम लोगों से मारपीट और अनुसूचित जाति के लोगों को प्रताड़ित करने का आरोपी है‌। दूसरा आरोपी आलिम उर्फ नन्हका है,जो सरदार बाजार खां का निवासी है। वह अपने है। वह अपने गिरोह के साथ लूट और छिनैती की वारदातों को अंजाम देता था।

एसपी अभिमन्यु मांगलिक के निर्देश पर पुलिस ने दोनों अपराधियों के घरों पर जाकर जिला बदर का नोटिस चस्पा किया। डुग - डुग बजाकर आदेश की घोषणा भी की गई। पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगले 6 महीनों में अगर ये अपराधी जिले की सीमा में पाए गए,तो उन्हें गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई जिले में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए की गई है। पुलिस लगातार ऐसे शातिर अपराधियों पर नजर रख रही हैं ‌और उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

सूखे पड़े बने खतरा, जिम्मेदार मौन,बाराबंकी में वाहन पर पेड़ गिरने की घटना के बाद भी अफसर उदासीन, लोगों में नाराजगी

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। हरे-भरे पेड़-पौधे जिंदगी देते हैं तो सूखे पेड़ जान भी ले सकते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं सड़क के किनारे महीनों से सूखे पड़े पेड़ों की, जो घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं। लेकिन, इस ओर न तो वन विभाग ना ही स्थानीय प्रशासन या निजी स्वामित्व रखने वालों का ध्यान है। बाराबंकी में अभी हाल ही में रोडवेज बस पर सूखे पेड़ के गिरने से चार लोगों की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए। इसके बाद भी अफसरों ने सबक नहीं लिया।

जिले की मुख्य सड़कों, आसपास के गांवों में बस्ती के बीच और सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में सूखे पड़े हैं। बरसात के दिनों में इन सूखे पेड़ों के गिरने का खतरा बढ़ जाता है। बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग इन्हें कटवाने को लेकर संवेदनशील नहीं हैं। लोगों की मानें तो तेज हवा से ये पेड़ कभी भी धराशायी हो सकते हैं। आंधी चलने से सूखे पेड़ों के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, जिससे सड़क पर आने-जाने वाले राहगीरों को क्षति हो सकती है। मुख्यालय मार्ग और पटेल नगर में करीब सालभर से सूखा पेड़ सड़क के किनारे खड़ा है। मुख्यालय मार्ग से लेकर, ज्ञानपुर भदोही मार्ग, ज्ञानुपर पाली मोढ़ मार्ग, पटेल नगर, वेदपुर, औराई, सीतामढ़ी आदि मार्गों पर भी सूखे पेड़ हैं। यदि समय रहते इन पेड़ों को नहीं काटा गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है। डीएफओ विवेक यादव ने बताया कि सूखे पड़ों की लाट बनाकर वन निगम मिर्जापुर को भेजा जाता है। पेड़ों को कटवाने का काम वन निगम ही करता है। किसी विशेष परिस्थति में ही वन विभाग कटवा सकता है। वह भी वन निगम से अनुमति लेने के बाद। एक साल पूर्व सड़क चौड़ीकरण होने से ज्ञानपुर-नथईपुर मार्ग पर 347 पेड़ों की लाट बनाई गई थी, जिसे काटा गया। सूखे पेड़ों की सूची बनाकर भेजी जाएगी।

बारिश के सीजन में अभी तक 60 से 65 स्थानों पर शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों के विभिन्न मार्गों पर हरे पेड़ गिरे थे। थोड़ी बहुत लकड़ी रेंज कार्यालय पर आती है। बाकी बाहर ही बेच दिए जाते हैं। सबसे अधिक पेड़ गिरने की सूचना ज्ञानपुर रेंज अंतर्गत आती है। रेंज के अधीन तीन ब्लाॅक सुरियावां, ज्ञानपुर, अभोली है। गिरे हुए पेड़ को विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से बाहर ही बाहर क्रय कर दिया गया। उच्चाधिकारियों को भनक तक नहीं लगती है।

शव लेकर लौट रही एंबुलेंस कंटेनर से टकराई:, दो बहनों की मौके पर मौत,6 घायल, मृतक का शव लेकर बिहार जा रहे थे

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही में एक सड़क हादसे में एंबुलेंस सवार दो महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई है जबकि एंबुलेंस में सवार चार अन्य लोग घायल हुए हैं वहीं जिस कंटेनर से एंबुलेंस की टक्कर हुई है उस कंटेनर का चालक और खलासी भी घायल हुआ है। घटना गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के नेशनल हाईवे 19 की है तेज रफ्तार एंबुलेंस हाईवे के किनारे खड़े एक कंटेनर से टकराई जिसमें यह हादसा हुआ यह हादसा इतना भीषण था कि एंबुलेंस के परखच्चे उड़ गए हैं

। बताया जाता है कि वरुण नाम के एक शख्स की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हुई थी वरुण के शव को लेकर उनकी पत्नी और परिवार के अन्य लोग दिल्ली से एंबुलेंस के जरिए बिहार गया अपने घर जा रहे थे जैसे ही एंबुलेंस गोपीगंज के पास गोपपुर में पहुंची है तभी तेज रफ्तार एंबुलेंस ने खड़े कंटेनर में टक्कर मार दी हादसे में वरुण की पत्नी ममता और उनकी एक रिश्तेदार बेबी नाम की दोनों महिलाओं की मौत हो गई है। जबकि एंबुलेंस में सवार चालक समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनको इलाज के लिए गोपीगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है जबकि जिस कंटेनर में एंबुलेंस ने टक्कर मारी है उस कंटेनर का ड्राइवर और खलासी भी घायल हुआ है मौके पर पहुंची पुलिस के द्वारा दोनों शवो को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है ।