रामलीला में परशुराम संवाद व चारों भाइयों का विवाह का मंचन
रामेश्वर प्रजापति नगरा (बलिया)! सार्वजनिक रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे रामलीला महोत्सव का छठवां दिन श्रद्धा और उल्लास से परिपूर्ण रहा। मुख्य सेवक के रूप में विधायक उमाशंकर सिंह के अनुज श्री रमेश सिंह (डायरेक्टर, छात्र शक्ति लिमिटेड), सेन्ट जॉन्स कॉन्वेंट स्कूल के प्रधानाचार्य जगन्नाथ पत्रा व डॉ. आर.एस. वर्मा एवं उनकी पुत्री डॉ. शिल्पी वर्मा ने संयुक्त रूप से भगवान श्रीराम का माल्यर्पण, तिलक एवं आरती कर मंचन की विधिवत शुरुआत की। समिति की ओर से सभी मुख्य अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मंचन की शुरुआत परशुराम संवाद से हुई। लक्ष्मण जी और भगवान परशुराम के बीच हुआ यह संवाद दर्शकों के लिए रोमांचकारी और भावनात्मक रहा। कलाकारों ने परशुराम के क्रोध और लक्ष्मण के तेजस्वी वचनों को जीवंत कर उपस्थित जनसमूह से खूब वाहवाही लूटी। इसके बाद जनकपुर नगरी में भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का अनुपम मंचन किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार और मंगल ध्वनियों के बीच जयमाल एवं फेरे की रस्मों का सजीव चित्रण हुआ। इसी क्रम में महाराज दशरथ के अन्य पुत्रों—लक्ष्मण-उर्मिला, भरत-मांडवी और शत्रुघ्न-श्रुतकीर्ति के पावन विवाह का भी भावपूर्ण मंचन किया गया। पूरे पंडाल में इस अवसर पर “जय श्रीराम” और “सीता-राम” के उद्घोष गूंज उठे। श्रद्धालु दर्शकों ने पूरे भाव से इस अद्भुत दृश्य का आनंद लिया। इस अवसर पर पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, राजेश गुप्ता, रामायण ठाकुर, संजय वर्मा, शशि प्रकाश कुशवाहा, आलोक शुक्ला, मनु मद्धेशिया, गणपति, रिंकू गुप्ता, गुड्डू सैनी, ओके जायसवाल, राजू चौहान, सुनील गुप्ता, हरेराम गुप्ता, केपी यादव सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। समिति पदाधिकारियों ने बताया कि आगामी दिनों में रामलीला महोत्सव में और भी रोचक व भक्तिपूर्ण प्रसंगों का मंचन किया जाएगा।
शिक्षक स्वयं के अनुभव और अनुभवात्मक ज्ञान को उपलब्ध संसाधनों से जोड़ सकेंगे*: एकीकृत प्रशिक्षण के आठवें बैच का डाइट पर हुआ समापन
संजीव सिंह बलिया!सामाजिक परिवर्तन और विकास एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षा की निर्णायक भूमिका होती है। शिक्षा न केवल व्यक्ति को प्रगति की दिशा देती है बल्कि समाज के सर्वांगीण उत्थान का आधार भी है। इसी उद्देश्य के तहत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) बलिया में एकीकृत प्रशिक्षण के आठवें बैच का सफल समापन किया गया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों को अपने अनुभव और अनुभवात्मक ज्ञान को उपलब्ध संसाधनों से जोड़कर विद्यार्थियों के लिए शिक्षण को रोचक एवं आनंददायक बनाने पर विशेष जोर दिया गया।बच्चों के सीखने को बनाया जाए अनुभवात्मकराष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप, इस प्रशिक्षण में गतिविधि-आधारित शिक्षण, खोज और अन्वेषण पर आधारित शिक्षा की वकालत की गई। यह बताया गया कि प्रत्येक बच्चे की सीखने की समझ और क्षमता उसकी रुचि, अनुभव, पूर्वज्ञान और प्रेरक तत्वों से निर्मित होती है। इसलिए शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे पारंपरिक शिक्षण विधियों को नई तकनीकों, सूचना-संचार माध्यमों और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़कर बच्चों के लिए शिक्षा को बोझ नहीं, बल्कि एक आनंदमय अनुभव बनाएं।शामिल रहे विभिन्न महत्वपूर्ण विषयआठवें बैच के इस प्रशिक्षण में लगभग 1500 शिक्षकों को गणित और भाषा शिक्षण, पर्यावरण अध्ययन, नैतिक शिक्षा, जीवन कौशल, अनुभवात्मक शिक्षण, आकलन, कला एवं संगीत, क्राफ्ट, समावेशी शिक्षा, नेतृत्व क्षमता का विकास, खेल एवं स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि महत्वपूर्ण विषयों से अवगत कराया गया।प्रशिक्षकों के प्रेरणादायी सत्रप्रशिक्षण प्रभारी रवि रंजन खरे ने विद्यालय में प्रतिदिन समय पर प्रार्थना सभा आयोजित कर उसे उत्सव के रूप में संपन्न करने पर बल दिया।डाइट प्रवक्ता जानू राम ने रोचक कहानियों और गतिविधियों से शिक्षकों को नए दृष्टिकोण से अवगत कराया।डॉ. अशफाक ने सीपीआर तकनीक सिखाकर इसे जीवन रक्षा हेतु अनिवार्य बताया।सड़क सुरक्षा संबंधी सुझाव राम प्रकाश ने दिए।मनोविज्ञान प्रवक्ता देवेंद्र सिंह ने बच्चों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करने की विधियां समझाईं।प्रवक्ता राम यश योगी ने सामाजिक एवं पर्यावरणीय अध्ययन पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम प्रभारी डॉ. मृत्युंजय सिंह ने अनुशासन के मूल्यों पर बल देते हुए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और संदेशप्रशिक्षण के अंतिम दिन शिक्षकों द्वारा प्रेरणा गीत, अभियान गीत और पढ़ने के महत्व पर आधारित एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। इसमें अनामिका ओझा, अभय कुमार पांडे, रश्मि दुबे, अमित सिंह सहित अनेक शिक्षकों ने शिक्षा की अलख जगाने का संदेश दिया।सम्मानित हुए सक्रिय शिक्षकप्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन और सक्रिय भागीदारी हेतु कई शिक्षकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख नाम हैं:अनामिका ओझा (प्राथमिक विद्यालय रोहुआ बेलहरी)रश्मि दुबे (प्राथमिक विद्यालय नंदपुर बेलहरी)राजेश कुमार सिंह (प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय मेघा मठ)निशा मौर्य (कंपोजिट विद्यालय पिपरा)मोनिका शर्मा (कंपोजिट विद्यालय तिरुनाई खिदिरपुर सीयर)सुनीता यादव (प्राथमिक विद्यालय चकिया शेर)अरुण कुमार पाठक (कंपोजिट विद्यालय कटहीं बेलहरी)अमित कुमार सिंह (कंपोजिट विद्यालय मुराडीह बेलहरी)अभय कुमार पांडे (प्राथमिक विद्यालय तरवा पंदह)अर्चना कुमारी (प्राथमिक विद्यालय पहेसर)रानी चौहान (प्राथमिक विद्यालय खपटही)चंदा कुमारी चौरसिया (प्राथमिक विद्यालय सहूलाई पंदह)निधि सिंह (प्राथमिक विद्यालय सीहोरीडीह)अनामिका (प्राथमिक विद्यालय जहांगीरपुर)रंजू चौहान (प्राथमिक विद्यालय बभनौली लहसनी, नगरा)श्रीराम (प्राथमिक विद्यालय गढ़मलपुर)सहयोग और तकनीकी समर्थननगर क्षेत्र के पूर्व एआरपी डॉ. शशिभूषण मिश्र द्वारा कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया गया। साथ ही संतोष कुमार और चंदन मिश्र का तकनीकी सहयोग उल्लेखनीय रहा।इस प्रशिक्षण का समापन शिक्षकों के उत्साह, सक्रिय सहभागिता और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के संकल्प के साथ हुआ।
शांभवी धाम कसेसर शंकरपुर में भागवत कथा से मिली मानस सुसंस्कृति और राष्ट्र जागरण की प्रेरणा: मानस सुसंस्कृत जीवन जीना सिखाती है, भागवत सुमृत्यु
संजीव सिंह बलिया! शांभवी धाम कसेसर शंकरपुर में भागवत कथा से मिली मानस सुसंस्कृति और राष्ट्र जागरण की प्रेरणा: मानस सुसंस्कृत जीवन जीना सिखाती है, तो भागवत से सीखते हैं सुमृत्यु का वरण
शांभवी धाम कसेसर शंकरपुर में वृन्दावन से अंतर्राष्ट्रीय भागवत कथा का भव्य आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें कथा व्यास वागीश जी महाराज ने भागवत ज्ञान की अमृत वर्षा कराई। उन्होंने संवाद के माध्यम से यह सन्देश दिया कि मानस जीवन को सुसंस्कृत और समृद्ध बनाता है, और भागवत से सुमृत्यु अर्थात उत्तम मृत्यु का मार्ग सीखा जा सकता है। कथा का मूल उद्देश्य सिर्फ कथा सुनाना नहीं, बल्कि वैचारिक परिमार्जन और राष्ट्र जागरण के लिए मानसिक पुनर्निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि जैसे आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक विकास आवश्यक है, उसी तरह राष्ट्र का सांस्कृतिक विकास भी अतिआवश्यक है, तभी हम भारतीय अस्मिता को सशक्त कर सकेंगे।वागीश जी महाराज ने महाभारत की पौराणिक कथा के संदर्भ में पितामह भीष्म और गिद्धराज जटायु की तुलना प्रासंगिक रूप से प्रस्तुत की। भीष्म पितामह शूल पर अंतिम सांसें ले रहे थे जबकि उनके मौन रहने के विपरीत, भगवान राम के समय गिद्धराज जटायु ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इसी कारण भीष्म पितामह को जीवन के अंत में शूल मिला, जबकि गिद्धराज को भगवान का गोद प्राप्त हुआ, जो भारतीय संस्कृति की रक्षा का प्रतीक है।कथा उनके सरस और संगीतमय वर्णन शैली द्वारा भक्तों के हृदयों में गहराई से उतर गई। उन्होंने उत्तरा की गर्भ से परीक्षित के जन्म, कलि युग का आगमन, ऋषि श्रृंगी के शाप, और शुकदेव जी के भागवत कथा आरंभ के मनोहर विवरण के साथ कथा को जीवन्त किया। भगवान कपिल के सांख्य दर्शन और प्रकृति-पुरुष के विषय पर विचार रखते हुए दिव्य द्वैत और अद्वैत मतों में समानता का विश्लेषण किया, जिससे दर्शकों में गहन आध्यात्मिक समझ विकसित हुई।वागीश जी ने यह भी स्पष्ट किया कि कथा का उद्देश्य लोक कल्याण है, किन्तु इसके लिए कथा में नौटंकी और हास्य-विकार न हो, बल्कि गंभीरता और गुणवत्ता बनी रहनी चाहिए। इससे ही कथा का संदेश समाज तक प्रभावी ढंग से पहुँच सकता है।कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में बलिया जनपद की संत परंपरा और अध्यात्मिक परिदृश्य पर गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान की। उन्होंने महर्षि भृगु, वाल्मीकि, कपिल, पराशर, दुर्वासा, भरद्वाज, सुदृष्टि बाबा, चैन राम बाबा, खपड़िया बाबा, महाराज बाबा, कुकुरिया बाबा, गंगाराम बाबा, श्रीराम बाबा, खाकी बाबा, मोरार नाथ बाबा, नवका बाबा, बुढ़वा बाबा, लहसनी के ब्रह्म बाबा सहित विभिन्न ब्रह्म स्थलों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व दर्शाया। साथ ही, गंगा-सरयू-तमसा के संगम पर बलिया और वाल्मीकि का गहरा संबंध, और वैदिक ऋचाओं में संतुलित आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण की तुलनात्मक व्याख्या प्रस्तुत की, जिसने उपस्थित लोगों को विज्ञान और धर्म के समन्वय की समझ दी।इस पुण्य आयोजन के सफल संचालन में शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज, पूर्व ब्लॉक प्रमुख अक्षय लाल यादव, व्यवस्थापक गुड्डू मिश्रा, अशिष तिवारी, ओम नारायण सिंह, मनोज गुप्ता सहित अनेक श्रद्धालु एवं आयोजक, बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे और मन लगाकर कथा श्रवण किया।यह कथा महोत्सव न केवल भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और जीवनपरिवर्तन का माध्यम बना, बल्कि राष्ट्रहित में सांस्कृतिक चेतना और वैचारिक जागरण को भी बल प्रदान करता हुआ दिखाई दिया। शांभवी धाम का यह आयोजन क्षेत्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल के रूप में प्रतिष्ठित हुआ और आने वाले समय में ऐसे आयोजन और अधिक व्यापक स्तर पर होने की उम्मीद जताई गई।इस प्रकार शांभवी धाम कसेसर शंकरपुर में वृन्दावन से आयातित भागवत कथा ने श्रोताओं को न केवल जीवन के सच्चे अर्थ समझाए, बल्कि सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्र चेतना के महत्वपूर्ण संदेश भी दिए।
भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अशोक सिंह और विकास कुमार की राजस्थान में निर्मम हत्या, 6 आरोपियों गिरफ्तार; 9 लाख का जेनरेटर सस्ते फंसाया
संजीव सिंह बलिया!भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अशोक सिंह और उनके साथी विकास कुमार की राजस्थान के बहरोड़ स्थित शाहजहांपुर इलाके में हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दोनों के शव अलग-अलग कुओं से बरामद किए गए हैं, जबकि पुलिस ने इस हत्या के आरोप में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।जानकारी के अनुसार, अशोक सिंह 19 सितंबर को जयपुर के लिए निकले थे। उन्हें 9 लाख रुपये के जेनरेटर को मात्र 3.5 लाख में दिलाने का झांसा दिया गया था। इसी बहाने से ठगों ने उन्हें जाल में फंसा लिया। इसके दो दिन बाद उनका मोबाइल बंद हो गया, जिससे परिजनों को शक हुआ और उन्होंने दिल्ली में गुमशुदगी दर्ज कराई। मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने पर पुलिस को दोनों की अंतिम लोकेशन शाहजहांपुर के पास मिली।पुलिस ने मौके पर जांच कर दो अलग-अलग कुओं से दोनों के शव बरामद कर शिनाख्त अशोक सिंह और विकास कुमार के रूप में की। अशोक सिंह का अंतिम संस्कार लखनऊ में तथा विकास कुमार का अंतिम संस्कार बलिया में किया गया।बहरोड़ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी अपराधी अशोक सिंह और विकास कुमार को जयपुर से बहरोड़ एक गाड़ी में बिठाकर ले गए और फिर मृत्युदंड देते हुए शव कुओं में फेंक दिए। हत्या में शामिल आरोपियों की पहचान अजीत उर्फ दाना, इंद्रजीत उर्फ कोतवाल, नरवीर यादव उर्फ कालिया, मनजीत उर्फ बोहरा, नितिन उर्फ खोटा और राकेश यादव उर्फ टकली के रूप में हुई है। ये सभी पहले से हत्या, लूट, और मारपीट के मामलों में पुलिस के रडार पर हैं।पुलिस ने हत्या की पुष्टि करते हुए कहा है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अन्य संदिग्धों की भी तलाश जारी है ताकि इस घटना के पीछे के कारणों और कथित साजिश का खुलासा हो सके।यह घटना इलाके में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा रही है और स्थानीय लोगों में भय का माहौल बन गया है। पुलिस प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ाने तथा जांच को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया है।
सीएचसी नगरा में 1 अक्टूबर को लगेगा विशाल स्वास्थ्य शिविर, जिले के विशेषज्ञ डॉक्टर देंगे सेवाएँ
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर बलिया। क्षेत्र के आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नगरा में 1 अक्टूबर 2025 को एक दिवसीय स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर में जिले के विभिन्न विभागों के नामचीन विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल होंगे, जो ग्रामीणों को निःशुल्क परामर्श एवं उपचार प्रदान करेंगे। शिविर में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुलिका सिंह और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश कुमार सिंह, जनरल सर्जन डॉ. अशोक कुमार, त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अबू तलहा, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक सिंह तथा बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप सिंह सहित कई वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहेंगे। इन डॉक्टरों की मौजूदगी से मरीजों को जिला स्तर की चिकित्सा सुविधा सीएचसी नगरा पर ही उपलब्ध होगी। इस स्वास्थ्य शिविर के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. योगेन्द्र दास हैं। उन्होंने बताया कि शिविर का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के उन लोगों तक विशेषज्ञ सेवाएँ पहुँचाना है, जो आर्थिक या अन्य कारणों से बड़े अस्पतालों तक नहीं पहुँच पाते। सीएचसी नगरा के प्रभारी डॉ. राहुल सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि यह शिविर ग्रामीण जनता के लिए बड़ा अवसर है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अधिक से अधिक संख्या में पहुँचकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कराएँ। साथ ही उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों और जागरूक नागरिकों से भी अनुरोध किया कि इस शिविर की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ, ताकि कोई भी ज़रूरतमंद व्यक्ति उपचार से वंचित न रह जाए।
सीता स्वयन्वर देख दर्शकों ने लगाया जय सीयाराम का उद्घोश नगरा के रामलीला में पांचवें दिन सीता स्वयंवर, बाणासुर रावण संवाद, शिव धनुष यज्ञ का मंचन
आचार्य ओम प्रकाश वर्मा नगरा, बलिया। सार्वजनिक रामलीला समिति नगरा द्वारा जनता इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित रामलीला में शुक्रवार को पांचवे दिन रात्रि में सीता स्वयंवर, बाणासुर रावण संवाद, शिव धनुष यज्ञ का शानदार मंचन किया गया। सीता स्वयंवर के मंचन के बाद दर्शकों के जय सियाराम के उद्घोष से पूरा पंडाल गूंज उठा।अवध आदर्श रामलीला मंडल अयोध्या से आए कलाकारों द्वारा मंचित लीला के भगवान राम स्वयंवर में जैसे ही प्रवेश करते हैं, सभी उनके मनमोहक रूप को देखकर मोहित हो जाते हैं। स्वयंबर में लंकापति रावण बिना निमंत्रण के पहुंचता है, इसी बात को लेकर बाणासुर और रावण में जमकर संग्राम होता है और दोनों स्वयंबर से चले जाते है। महाराजाधिराज जनक ने घोषणा की कि जो भी राजा शिव के धनुष का प्रत्यंचा चढ़ाएंगे, मेरी पुत्री सीता से विवाह करेगा। राजा जनक के घोषणा पर दुनिया के विभिन्न राज्यों से आए राजाओं ने एक-एक करके शिव के पिनाक पर प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन सभी राजा विफल रहे। धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाना तो दूर कोई भी राजा धनुष को हिला तक नहीं सका। यह सब देखकर महाराजाधिराज जनक भरी सभा में कहते हैं कि विश्व में कोई भी वीर नहीं बचा जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा सके। उनकी बात से आश्चर्यचकित होकर लक्ष्मण क्रोधित हो जाते हैं। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से राम धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा देते है तथा धनुष को दो टुकड़े कर देते है। जैसे ही धनुष टूटता है, पूरा वातावरण राममय हो गया। व्यास पीठ से झुक जइयो तनिक रघुवीर लली मेरी छोटी सी ललना.... की ध्वनि आती हैं और सीता जी राम जी के गले में वरमाला डालती है। सभी देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा कर दोनों को आशीर्वाद दिया और सीता स्वयंवर से जनकपुर में उल्लास छा गया। जनकपुर में सीता की साखियाँ आज मिथिलानगरिया निहाल सखियाँ, चारो दूल्हे में बड़का कमाल सखियाँ आदि गीत गाती है। पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, रामायण ठाकुर, राजेश गुप्ता, हरे राम गुप्ता, मन्नू मद्धेशिया, गणपति गोड़,  जयप्रकाश जायसवाल, राजू चौहान आदि मौजूद रहे।
धान, मक्का, बाजरा और ज्वार की सरकारी खरीद हेतु किसानों का पंजीकरण प्रारम्भ
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर। लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने धान, मोटे अनाज/मिलेट्स (श्री अन्न), मक्का, बाजरा एवं ज्वार की सरकारी खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण प्रारम्भ कर दिया है। किसान खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in अथवा मोबाइल एप UP Kisan Mitra पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि पंजीकृत किसानों से ही इन फसलों की खरीद की जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) इस प्रकार हैं— धान (कॉमन) : ₹2369/- प्रति क्विंटल धान (ग्रेड-ए) : ₹2389/- प्रति क्विंटल मक्का : ₹2400/- प्रति क्विंटल बाजरा : ₹2775/- प्रति क्विंटल ज्वार (हाईब्रीड) : ₹3699/- प्रति क्विंटल ज्वार (मालदंडी) : ₹3749/- प्रति क्विंटल खरीद अवधि धान (पूर्वांचल) : 1 अक्टूबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) : 1 नवम्बर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक मक्का, बाजरा एवं ज्वार : 1 अक्टूबर 2025 से 31 फरवरी 2026 तक जिलों का चयन मक्का खरीद वाले जिले : बुलंदशहर, मुरादाबाद, अमरोहा, फिरोजाबाद, बरेली, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बस्ती, बाराबंकी, बहराइच, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, देवरिया, गोंडा, लखीमपुरखीरी। बाजरा खरीद वाले जिले : बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, कासगंज, एटा, मैनपुरी। ज्वार खरीद वाले जिले : कानपुर देहात, कानपुर नगर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर, मिर्जापुर, उन्नाव, हरदोई। खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और किसानों को भुगतान PFMS प्रणाली के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। खाद्य एवं रसद विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे पंजीकरण के समय आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि संबंधी दस्तावेज और मोबाइल नंबर अपने पास रखें। विस्तृत जानकारी के लिए किसान UP Kisan Mitra App डाउनलोड कर सकते हैं अथवा टोल-फ्री नंबर 1800-1800-150 पर संपर्क कर सकते हैं।
रामलीला नगरा में जयंत पंछी का अंग भंग और मुन्नी मिलन का मंचन
आचार्य ओमप्रकाश वर्मा नगरा बलिया ! नगर की रामलीला में पांचवें दिन गुरूवार की शाम रामलीला मैदान में जयंत पक्षी का अंग-भंग, मुनी मिलन एवं सती अनुसुइया के विभिन्न प्रसंगों केका कलाकारों ने जीवंत तथा भावपूर्ण अभिनय किया। इसे देख दर्शक भाव-विह्वल हो उठे। वन गमन के दौरान जब मां जानकी डा अपनी कुटियां के बाहर बैठी हुई थी कि की उसी समय इंद्रदेव का पुत्र जयंत पक्षी नी का वेश धारण कर जानकी के पैरो में । चोंच मारकर लहुलूहान कर दिया। यह की देख भगवान श्रीराम उस पक्षी के मारने ह के तीर छोड़ दिए। जयंत पक्षी अपनी जान बचाने के लिए विभिन्न देवी में देवताओं सहित नारद जी के शरण में डीं गया, जहां उनके द्वारा बताया गया कि डी तुमने मां सीता के पैरों में चोंच मारकर नघोर पाप किया है। इसके लिए तुम्हें प्रभु श्रीराम के चरणों में गिरकर माफी र मांगनी होगी। जब तक जयंत श्रीराम से के माफी मांगता, तब तक उनके द्वारा का छोड़ा गया तीर उसकी एक आंख को भंग कर दिया। तत्पश्चात श्रीराम, सीता एवं लक्ष्मण जंगल में विचरण करने चल दिए। इस दौरान वहां तपस्या कर रहे यत्री मुनी एवं भारद्वाज मुनी से मुलाकात हुई, जहां दोनों मुनियों ने तपस्या पस्या के दौरान राक्षसों के अत्याचार के बारे में बताया गया। इस पर श्रीराम ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। साथ ही यत्री मुनी की धर्मपत्नी सती अनुसुइया ने सीता को नारी धर्म, पति धर्म सहित अनेक प्रसंगों पर ज्ञान प्रदान किया। इन तीनों प्रसंगों को देखने के लिए हजारों की भीड़ रामलीला मैदान में जमी रही। मुनि आगमन व ताड़का वध का मंचन नगरा। सार्वजनिक रामलीला समिति के तत्वावधान में जनता इण्टर कालेज के प्रांगण में चल रहे रामलीला में मुनि आगमन एवं ताड़का वध का मंचन किया गया। राक्षसों के उत्पात एवं अत्याचार से दुखी मुनि श्रीराम को मनाने चित्रकूट पहुंच गये भरत नगरा। प्राचीन आदर्श रामलीला कमेटी के तत्वावधान में पुरानी दुर्गा मंदिर प्रांगण में आयोजित रामलीला में राजा दशरथ के देहावसान पर दाह संस्कार के बाद श्रीराम को मनाने भरत चित्रकूट गए, जहां श्रीराम ने भरत को पिता को दिए वचन का पालन करने को कहा। भरत के हठ करने पर श्रीराम ने अपनी खड़ाऊ देकर उन्हें लौटने के लिए कहा। इसके बाद भरत खड़ाऊ लेकर लौट आये। श्रीराम के वन से लौटने तक भरत ने खड़ाऊ को सिंहासन पर रखकर शासन किया। यह दृश्य देखकर लोगों की आंखें छलक पड़ी। इस मौके पर राजकुमार गोंड, सपा नेता उमाशंकर राम, गोविन्द खरवार, राम सनेही गोंड, अमित सिंह सप्पू, सभासद संजय सिंह, दीपू पाठक, रविप्रकाश पाठक, उमेश पाठक, पवन पाठक, रवि पाठक आदि मौजूद रहे। विश्वामित्र राजा दशरथ के दरबार में पहुंचे और राक्षसी अत्याचार को बताते हुए रक्षा हेतु श्रीराम एवं लक्ष्मण को मांगा। राजा दशरथ काफी सोच में पड़ जाते है, लेकिन वशिष्ठ मुनि के समझाने पर वह तैयार हो जाते है। श्रीराम-लक्ष्मण अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेकर मुनि विश्वामित्र के साथ चल दिए। वन में पहुंचते ही श्रीराम-लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र का आदेश पाकर ताड़का वध, मारिच संहार, सुबाहु वध करते है। इस दौरान दर्शक जय श्रीराम का नारा लगाने लगे। इसके पहले मुख्य सेवक मनमोहन सिंह एवं विनय यादव ने संयुक्त रुप से श्रीराम का पूजन अर्चन कर आरती उतारी। इस मौके पर पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, राजेश दीपू, ओके जायसवाल, हरेराम, रामायण ठाकुर, काशीनाथ टेका जायसवाल, जयप्रकाश जायसवाल, गणपति मुन्ना, अजीत चौहान, मुन्नी लाल, रिंकू, राहुल ठाकुर, राजकुमार आदि मौजूद रहे।
ब्लाक स्तरीय गणित ओलम्पियाड के प्रतिभागी 90 बच्चे परीक्षा में हुए शामिल
आचार्य ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)! राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आयोजित गणित ओलंपियाड प्रतियोगिता के तत्वावधान में आज ब्लॉक संसा धन केंद्र नगरा पर ब्लॉक स्तरीय गणित ओलंपियाड का आयोजन किया गया। जिसमें विकासखंड नगरा के कंपोजिट/ उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से दो प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले कुल 90 बच्चों की परीक्षा संपन्न हुई । जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार बलिया की प्रवक्ता किरण सिंह डायट मेंटर ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि ,दीप प्रज्ज्वलन एवं सुगंध अर्पण के साथ प्रतियोगिता का आरंभ कराया। कार्यक्रम राम प्रताप सिंह खंड शिक्षा अधिकारी नगरा के दिशा निर्देश में प्रतियोगिता 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक संपन्न हुई तथा कुल 20 शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जिसमें अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले क्रमशः 10 बच्चों का चयन हुआ जिन्हें डायट प्रवक्ता किरण सिंह जी द्वारा उपहार एवं माल्यार्पण कर उत्साहवर्धित एवं पुरस्कृत किया गया ।कार्यक्रम में दयाशंकर, विसुनदेव राम, परशुराम तिवारी, राम प्रवेश वर्मा, अशोक वर्मा, अशोक शर्मा, पुष्पांजलि श्रीवास्तव, मीना मिश्रा, बच्चा लाल आदि शिक्षकों ने उल्लेखनीय सहयोग किया । दस विजेता प्रतिभागियों में क्रमशः करण चौहान, मयंक पांडेय ,रागिनी चौहान ,राकेश, अंशु यादव, आयुष वर्मा, नीलम , प्रियांशु ,राजकुमार पांडेय ,दीपक गौड़ थे। कार्यक्रम का प्रबंधन ए आर पी दयाशंकर तथा संचालन राम कृष्ण मौर्य ने किया।

रामलीला महोत्सव में अहिल्या उद्धार और प्रभु राम का मिथिला आगमन
रामेश्वर प्रजापति नगरा/रसड़ा (बलिया) ! सार्वजनिक रामलीला समिति के तत्वाधान में चल रहे रामलीला महोत्सव का चौथा दिन भक्तिमय और भावपूर्ण रहा। मंचन में भगवान श्रीराम के चरणों से अहिल्या का उद्धार हुआ और माँ गंगा के अवतरण की कथा प्रस्तुत की गई। इसके बाद प्रभु राम का मिथिला नगर आगमन दर्शकों के लिए उत्साह और श्रद्धा का क्षण बना। कथा अनुसार, अहिल्या को इंद्रदेव के छल के कारण श्राप मिला और वे शिला बन गई थीं। श्रीराम के चरण स्पर्श मात्र से अहिल्या पुनः जीवित हो गईं, जिससे रामलीला मैदान "जय श्रीराम" के नारों से गूंज उठा। मंचन में ऋषि विश्वामित्र ने माँ गंगा के अवतरण की कथा भी सुनाई। बताया गया कि भगीरथ के तप और भगवान शिव की कृपा से गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई और अपने पवित्र जल से पापियों का उद्धार करती हैं। भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र के मिथिला नगर आगमन पर नगरवासियों ने भव्य स्वागत किया। मुख्य सेवक मनोज पांडे ने भगवान श्री राम को माला पहनाकर कर तिलक एवं आरती की, जबकि पूर्व ब्लॉक प्रमुख निर्भय प्रकाश ने उन्हें अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में राजेश गुप्ता, शशि प्रकाश,हरे राम गुप्ता,राजू चौहान, रामायण ठाकुर, गणपति, मुन्ना, रिंकू गुप्ता, सुनील गुप्ता, राहुल ठाकुर, राजकुमार यादव, केपी यादव, राजू सोनी, राकेश गुप्ता सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अयोध्या से आए हुये रामलीला कालकारों ने बताया कि यह प्रसंग श्रद्धा, धर्म और प्रभु के चरण-स्पर्श की महिमा का प्रतीक है।