केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने जीएसटी स्लैब में बदलाव को बताया ‘ऐतिहासिक निर्णय’, कहा - 'इससे विकसित भारत की दिशा होगी मजबूत'

सरायकेला: केंद्रीय मंत्री और कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल द्वारा टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव के फैसले का जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने इस कदम को एक 'ऐतिहासिक निर्णय' बताते हुए कहा कि इससे देश में 'ईज ऑफ लिविंग' को एक नया बल मिलेगा और 'नेक्स्ट-जेन जीएसटी' से 'विकसित भारत' की दिशा और भी मजबूत होगी।

अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में जीएसटी परिषद ने कर ढांचे को सरल बनाने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत, अब केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब को ही बरकरार रखा जाएगा, जबकि 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण कदम से आम जनता को सीधी राहत मिलेगी। रोजमर्रा की जरूरत के सामान, किसानों के लिए उपकरण, शिक्षा से जुड़ी सामग्री, स्वास्थ्य सेवाएं और इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान अब सस्ते हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सुधार मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ-साथ महिलाओं, किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगा।

केंद्रीय मंत्री ने इस फैसले को प्रधानमंत्री मोदी के 'ईज ऑफ लिविंग' और 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन की दिशा में एक ठोस पहल बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करेगा और 'विकसित भारत' के लक्ष्य को और अधिक सशक्त बनाएगा।

रांची के रिनपास ने पूरे किए 100 साल: सीएम हेमंत सोरेन ने किया डिजिटल अकादमी और टेली मेंटल हेल्थ सेवा का शुभारंभ

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइकेट्री एंड एलाइड साइंस (RIMS) के 100 साल पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने रिनपास की टेली मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा और डिजिटल अकादमी का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस गौरवशाली अवसर पर रिनपास से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी और संस्थान को बेहतर बनाने का आश्वासन दिया।

"मानसिक समस्याओं के इलाज में आधुनिक तकनीकों का हो इस्तेमाल"

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में मानसिक अवसाद बढ़ रहा है, ऐसे में रिनपास जैसे संस्थानों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रिनपास में आधारभूत संरचना और शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करेगी और मरीजों को अत्याधुनिक इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। उन्होंने विशेष रूप से मनोरोगियों के इलाज में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि कई बार परिजन अपने मानसिक रूप से बीमार सदस्यों को यहां छोड़कर चले जाते हैं और वापस लेने नहीं आते, जबकि कुछ लोग उन्हें घरों में ही "कैद" करके रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जिससे मानसिक रूप से बीमार मरीजों तक हमारी सेवाएं आसानी से पहुंच सकें।

"रिनपास की नींव रखने वाले दूरदर्शी थे"

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1925 में जब रिनपास की स्थापना हुई थी, तब मनोचिकित्सा के क्षेत्र में इसकी जरूरत को समझना दूरदर्शिता का प्रमाण था। उन्होंने कहा, "जिसने भी 100 साल पहले इसकी नींव रखी होगी, वे काफी दूरदर्शी होंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि इस संस्थान की सेवा भावना को अनवरत जारी रखा जाएगा।

समारोह के मुख्य आकर्षण

रिनपास पर आधारित एक पोस्टल स्टैम्प जारी किया गया।

रिनपास की एक स्मारिका और चार पुस्तकों का विमोचन हुआ।

कई सेवानिवृत्त निदेशकों और फैकल्टी सदस्यों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, विधायक श्री राजेश कच्छप, श्री सुरेश कुमार बैठा और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

सीएम हेमंत सोरेन करम पूजा महोत्सव में हुए शामिल, कहा- "हमारी समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाना जरूरी"

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन ने आज रांची महिला महाविद्यालय (साइंस ब्लॉक) स्थित आदिवासी छात्रावास परिसर में आयोजित "करम पूजा महोत्सव-2025" में हिस्सा लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अखरा में स्थापित करम डाली की पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

'करम पर्व हमारी विशिष्ट संस्कृति का प्रतीक'

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम सभी लोग अपनी परंपरा और संस्कृति से बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि करम पर्व हमारी विशिष्ट संस्कृति, सभ्यता और जीवनशैली का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी बहनें हर मौसम की चुनौती को पार करते हुए इस परंपरा का हर्ष और उल्लास के साथ निर्वहन करती हैं, जो प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंध का उदाहरण है।" उन्होंने कहा कि यह पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते, सामाजिक सौहार्द और प्रकृति के प्रति हमारी आस्था को दर्शाता है।

'आने वाली पीढ़ियों को भी जोड़ना है'

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जिस तरह हमारे पूर्वजों ने इन परंपराओं को हम तक पहुंचाया है, उसी तरह हमारी और आने वाली पीढ़ियों की यह जिम्मेदारी है कि वे इन समृद्ध परंपराओं को श्रद्धा और सद्भाव के साथ आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है कि हमारी संस्कृति और मजबूत हो।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, झारखंड सरकार में मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की और विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

झारखंड में प्रकृति का प्रमुख पर्व 'करमा' आज, जानें पूजा विधि और महत्व

रांची: झारखंड का प्रमुख प्रकृति पर्व करमा आज, 3 सितंबर 2024 को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व आदिवासी संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, जो झारखंड के अलावा बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और प्रकृति के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

पूजा विधि और परंपराएं

करमा पूजा से पहले, घरों और पूजा स्थल की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाती है। पूजा के लिए कर्म वृक्ष की डालियां गाड़कर उनकी पूजा की जाती है। महिलाएं पूजा की थाली सजाकर करम देव का पूजन करती हैं और अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना करती हैं। इस दौरान करम और धर्म से जुड़ी लोककथाएं सुनाई जाती हैं, जो अच्छे कर्मों के महत्व को बताती हैं। इस पर्व की एक खास परंपरा यह है कि विवाहित महिलाएं अपने मायके आकर इसे मनाती हैं। पूजा समाप्त होने पर, भाई अपनी बहनों से व्रत का कारण पूछते हैं और खीरे के साथ आशीर्वाद देते हैं।

करमा पर्व का महत्व

आदिवासी समाज में करमा पर्व को बहुत शुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन अविवाहित कन्याएं उपवास रखकर फसलों की रक्षा और अच्छी उपज की कामना करती हैं। कहा जाता है कि जो कन्याएं सच्ची निष्ठा से यह व्रत करती हैं, उन्हें योग्य पति की प्राप्ति होती है। यह पर्व परिवार की भलाई, समृद्धि और संतान सुख की मंगलकामनाओं से भी जुड़ा हुआ है। यह त्योहार प्रकृति और मानव के बीच के गहरे संबंध को भी दर्शाता है।

दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे संभालेंगे पिता की राजनीतिक विरासत, सोमेश सोरेन लड़ेंगे घाटशिला उपचुनाव

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झारखंड के पूर्व शिक्षा एवं निबंधन मंत्री स्व. रामदास सोरेन के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत अब उनके बेटे सोमेश सोरेन संभालेंगे। झामुमो के दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद अब उनके बड़े बेटे सोमेश सोरेन घाटशिला विधानसभा से उपचुनाव लड़ेंगे। घाटशिला विधानसभा कमेटी ने सर्वसम्मति से उनके नाम की घोषणा कर दी है, जिसकी जानकारी प्रदेश आलाकमान को भी दी गई है।

उपचुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान किया

दिवगंत विधायक एवं राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र सोमेश सोरेन मंगलवार को सक्रिय रूप से राजनीति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निकले। जमशेदपुर के घोड़ाबांधा स्थित आवास में पिता स्वर्गीय रामदास सोरेन की तस्वीर को नमन और माता का चरण स्पर्श कर पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन ने घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान किया।

सोशल मीडिया पर शोयर किया पोस्ट

रामदास सोरेन की तस्वीर पर नमन कर सोमेश ने अपने सोशल मीडिया पेज पर संवाद साझा किया। लिखा- पिताजी का आशीर्वाद लेकर मैं घाटशिला विधानसभा क्षेत्र की ओर प्रस्थान कर रहा हूं। विधानसभा के स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों की समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना ही मेरा प्रमुख उद्देश्य है।

पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प

सोमेश चंद्र सोरेन ने कहा कि वे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ायेंगे और घाटशिला की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शिक्षा, विकास और समाज सेवा उनकी प्राथमिकता होगी तथा क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।

रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई सीट

बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और तीन बार विधायक रहे रामदास सोरेन का 15 अगस्त 2025 को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद घाटशिला विधानसभा की राजनीति में हलचल बढ़ गयी है। घाटशिला विधानसभा सीट के उप चुनाव को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। मंगलवार को निर्वाचक सूची का प्रकाशन भी कर दिया गया।

झारखंड को मिलेगी बड़ी सौगात: 6 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल

रांची: झारखंड के लिए एक बड़ी खबर है। केंद्र सरकार ने राज्य के 6 जिलों में मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल खोलने की मंजूरी दे दी है। ये नए मेडिकल कॉलेज धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के सदर अस्पतालों को अपग्रेड कर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड में स्थापित किए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस संबंध में राज्य सरकार को सहमति पत्र भेजा है।

स्वास्थ्य मंत्री सुदिव्य सोनू ने किया था आग्रह

झारखंड के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने जुलाई महीने में नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर राज्य में मेडिकल कॉलेज खोलने का आग्रह किया था, जिसके बाद केंद्र की ओर से यह सहमति पत्र भेजा गया है। मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने इस सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया है।

मंत्री सोनू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार झारखंड के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से राज्य की जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी और यह झारखंड में 'यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज' के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

राष्ट्रीय मानकों से काफी पीछे है झारखंड

मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने केंद्रीय मंत्री को भेजे गए पत्र में बताया था कि झारखंड की करीब 3.92 करोड़ की आबादी के लिए केवल 9 मेडिकल कॉलेज (7 सरकारी और 2 निजी) हैं। यह स्थिति राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के प्रति 10 लाख की आबादी पर एक मेडिकल कॉलेज के मानक से बहुत कम है। उन्होंने यह भी बताया कि कई जिलों में राष्ट्रीय औसत (1000 की आबादी पर 1.5 बेड) की तुलना में अस्पतालों में बेड की संख्या भी कम है। इन नए मेडिकल कॉलेजों के खुलने से इस कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और पेंशन समेत कई अहम फैसलों को मिली मंजूरी

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2025 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, पेंशन और रोजगार से संबंधित कई अहम नीतियां शामिल हैं।

शिक्षा और सामाजिक कल्याण

"झारखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई, जो बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

"झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025" को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई, जिसका उद्देश्य कोचिंग सेंटरों को नियंत्रित करना है।

"धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)" के तहत अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी गई।

"प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN)" के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) बहुल क्षेत्रों में 109 आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति दी गई।

"मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना, 2020" में कोटिवार छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने को मंजूरी मिली, जिससे अधिक छात्रों को विदेश में पढ़ने का अवसर मिलेगा।

"हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों से संबंधित विषय" को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्यदायित्व में शामिल किया गया।

बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाएं

पुनासी जलाशय योजना के लिए ₹1851.67 करोड़ के तीसरे पुनरीक्षित प्राक्कलन को मंजूरी।

सत्संगनगर-भिरखीबाद (जसीडीह) में रेलवे क्रॉसिंग पर ₹49.10 करोड़ की लागत से रोड ओवर ब्रिज (ROB) बनाने की स्वीकृति।

रामगढ़ और धनबाद जिले में सड़कों के निर्माण, चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए क्रमशः ₹34.36 करोड़ और ₹58.07 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

चाईबासा में हाता-चाईबासा-बड़ाचिरू पथ के लिए ₹75.97 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

डाल्टेनगंज में आरओबी-उत्तरी कोयल सेमरा माइंस पथ के लिए ₹104.25 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

विभिन्न स्थानों पर नए ग्रिड सब-स्टेशन और संचरण लाइनों के निर्माण के लिए ₹74.95 करोड़ से लेकर ₹174.36 करोड़ तक की योजनाओं को मंजूरी दी गई।

धनबाद हवाई अड्डे पर पीपीपी मोड पर एयरो पार्क शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली।

गिरिडीह में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए ₹244.73 करोड़ की योजना को मंजूरी।

स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुधार

"झारखंड मृतक दाता अंग और ऊतक प्रत्यारोपण दिशानिर्देश" (Jharkhand Deceased Donor Organ and Tissue Transplantation Guidelines) जारी करने की मंजूरी।

"झारखंड बजट स्थिरीकरण कोष (Jharkhand Budget Stabilisation Fund) नियमावली, 2025" के गठन को स्वीकृति।

कई चिकित्सा अधिकारियों, जिनमें डॉ. फरहाना, डॉ. ज्योति कुमारी, डॉ. भावना और डॉ. रिंकु कुमारी सिंह शामिल हैं, को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी।

कई मामलों में दैनिक वेतनभोगी/अस्थायी कर्मियों की सेवा नियमित करने और पेंशन लाभ देने की स्वीकृति।

"झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग (गठन, कार्य एवं दायित्व) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई।

निबंधन कार्यालयों में 1 दिसंबर 2004 के बाद के अस्थायी लिपिकों की सेवा को पेंशन के लिए मान्य करने की स्वीकृति।

सीएम हेमंत सोरेन ने 'करम पूर्व संध्या समारोह' में लिया हिस्सा, कहा- "समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी"

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित "करम पूर्व संध्या समारोह-2025" में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने सभी झारखंडवासियों को करम महोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें एक समृद्ध सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत सौंपी है, जिसे आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है।

एकजुट होकर राज्य के विकास में योगदान दें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज कई कारणों से बिखर रहा है, लेकिन नई पीढ़ी विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं को निरंतर आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को एकजुट होकर राज्य के विकास में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

श्री सोरेन ने कहा कि यह खुशी का माहौल है कि करम महोत्सव न केवल झारखंड में, बल्कि जहां-जहां भी आदिवासी समुदाय के लोग बसे हैं, वहां धूमधाम से मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर समाज एक साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेगा, तो परिणाम निश्चित रूप से बेहतर होंगे।

सरकार और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी

हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार आदिवासी समाज की कमियों को दूर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन यह प्रयास तभी सफल होगा जब पूरा समाज एकजुट होकर सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि जिस उत्साह के साथ लोग अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं, वह उन्हें प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और 'जोहार! जय झारखंड!' के नारे के साथ अपने संबोधन का समापन किया।

इस अवसर पर मंत्री चमरा लिंडा, विधायक जिगा सुसारन होरो सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने JAC टॉपर्स को किया सम्मानित, नेतरहाट विद्यालय में छात्राओं के प्रवेश की घोषणा

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज, 2 सितंबर 2025 को झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के टॉपर्स को सम्मानित किया। इस समारोह में जैक बोर्ड के साथ-साथ अन्य बोर्ड के टॉपरों को भी सम्मानित किया गया। टॉपर्स को सुजुकी की 125 सीसी की स्कूटी, लैपटॉप, मोबाइल फोन और 3 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नव-नियुक्त पीजीटी शिक्षकों, सहायक आचार्यों (गणित और विज्ञान) और लैब सहायकों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे। समारोह में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, राज्यसभा सांसद महुआ माझी और श्रम, नियोजन प्रशिक्षण मंत्री संजय प्रसाद यादव भी उपस्थित थे।

नेतरहाट में अब छात्राएं भी पढ़ेंगी

छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रतिष्ठित नेतरहाट आवासीय विद्यालय में अब केवल छात्र ही नहीं, बल्कि छात्राएं भी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसमें आर्थिक सहायता के अलावा लैपटॉप और मोबाइल फोन देना भी शामिल है।

विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप

सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जो बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश में पढ़ाई करने के लिए स्कॉलरशिप प्रदान करता है, जिस पर राज्य करोड़ों रुपये खर्च करता है। उन्होंने छात्रों से कहा, "अगर आप सफलता की ओर एक कदम चलेंगे, तो हम आपको दस कदम चलने के लिए सहयोग करेंगे।"

सीएम हेमंत सोरेन आज मैट्रिक-इंटर के टॉपर्स को करेंगे सम्मानित, स्कूटी और देंगे 3 लाख रुपये

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज, 2 सितंबर 2025 को झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के टॉपर्स को सम्मानित करेंगे। यह सम्मान समारोह दोपहर 12:30 बजे प्रोजेक्ट भवन के नए सभागार में आयोजित किया जाएगा।

टॉपर्स के लिए सम्मान और पुरस्कार

इस समारोह में, राज्य के फर्स्ट टॉपर्स को सुजुकी की 125 सीसी की स्कूटी, 3 लाख रुपये, एक लैपटॉप और एक मोबाइल फोन प्रदान किया जाएगा। इसी तरह, सेकेंड टॉपर्स को 2 लाख रुपये, लैपटॉप और मोबाइल और थर्ड टॉपर्स को 1 लाख रुपये, लैपटॉप और मोबाइल देकर सम्मानित किया जाएगा। अन्य बोर्ड के टॉपर्स को भी इस समारोह में सम्मान मिलेगा। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और श्रम, नियोजन प्रशिक्षण मंत्री संजय प्रसाद यादव भी मौजूद रहेंगे।

नियुक्ति पत्र और शिक्षकों का सम्मान

टॉपर्स के सम्मान के साथ-साथ, मुख्यमंत्री नव नियुक्त पीजीटी शिक्षकों, सहायक आचार्यों (गणित और विज्ञान) और लैब सहायकों को भी नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। राज्य स्तर पर कुल 170 शिक्षकों, 33 प्लस टू शिक्षकों और 33 लैब सहायकों को नियुक्ति पत्र देने की योजना है। इसके अलावा, विद्यालय प्रमाणीकरण के पहले चरण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को भी सम्मानित किया जाएगा। इस चरण में 49 विद्यालयों को स्वर्ण पदक, 467 को रजत और 27 को कांस्य पदक मिला है।