नवीनगर: सरपंच बिगहा में 110 लीटर शराब बरामद, 300 लीटर महुआ पास्स नष्ट

नवीनगर: नवीनगर थाना क्षेत्र के सरपंच बिगहा गांव में पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 110 लीटर महुआ शराब बरामद की और मौके पर ही 300 लीटर महुआ पास्स (शराब बनाने का कच्चा माल) को नष्ट कर दिया।

थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह छापेमारी की गई थी। पुलिस टीम ने घटनास्थल पर महुआ पास्स को नष्ट किया और बरामद शराब को जब्त कर थाने ले आई। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

इस अभियान में पुलिस अवर निरीक्षक विशाल शेखर और एएलटीएफ पीटीसी रूपकमला सिंह सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।

ओबरा में सवारियों से भरा ऑटो ट्रक से टकराया, दो की मौत, पाँच घायल

ओबरा. औरंगाबाद-पटना मुख्य पथ में ओबरा थाना क्षेत्र के सदीपुर डिहरी गांव के समीप सवारियों से भरा ऑटो ट्रक से टकरा गया. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि पाच लोग घायल हो गये. मृतकों में जम्होर थाना क्षेत्र के कोसडीहरा गांव निवासी 33 वर्षीय ऑटो चालक व जयकिशोर यादव के पुत्र नागेंद्र यादव व नगर थाना क्षेत्र के निवासी 25 वर्षीय वसीम शौकत अली शामिल है.

घायलों में औरंगाबाद निवासी 25 वर्षीय मो सुफियान, नगर थाना कागजी मुहल्ला निवासी मेराजुद्दीन, 22 वर्षीय रसीदा खातून शामिल है, जिसका इलाज किया जा रहा है. घटना बुधवार की अहले सुबह की बतायी जा रही है. इधर, घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष नीतीश कुमार, पुलिस पदाधिकारी दीपक कुमार व अंकित कुमार दल बल के साथ पहुंचे और सभी घायलों को पुलिस गाड़ी से इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल पहुंचाया.

हालांकि, सभी घायलों की स्थिति गंभीर स्थिति देखते हुए डॉक्टरों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया. घटना से संबंधित जानकारी के अनुसार सभी घायल पटना से परीक्षा देकर विंगर से दाउदनगर पहुंचे थे. वहां से किराये पर ऑटो लेकर औरंगाबाद जा रहे थे. सदीपुर डिहरी गांव के समीप औरंगाबाद की ओर से आ रहे एक ट्रक से ऑटो की टक्कर हो गयी. इस घटना में ऑटो सवार सभी पांच लोग घायल हो गये, जिनमें दो की मौत इलाज के दौरान हो गयी.

थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर सभी घायलों को पुलिस की गाड़ी से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया. इस संदर्भ मे आवेदन प्राप्त होते ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.

इधर, पुलिस मुख्यालय द्वारा बताया गया है कि ऑटो चालक की मौत सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हुई, जबकि दूसरे व्यक्ति की मौत वाराणसी ले जाने के क्रम में हो गयी. घटना के बाद आसपास के लोगों का बयान दर्ज किया गया है. एफएसएल की टीम द्वारा साक्ष्य संकलन कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

ब्लड बैंक कर्मियों पर ब्लड नहीं देने का आरोप लगाते हुए किया मारपीट ,प्राथमिकी दर्ज

औरंगाबाद सदर अस्पताल में मंगलवार की रात हंगामा हुआ है। यहां अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने हंगामा करते हुए ब्लड बैंक कर्मियों पर ब्लड नहीं देने का आरोप लगाते हुए मारपीट करना शुरू कर दिया।

परिजनों का आक्रोश देखकर ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मी ब्लड बैंक बंद कर भाग खड़े हुए। मृतक की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बिजौली बसडीहा गांव निवासी 35 वर्षीय रामकरण पासवान के रूप में की गई है। मरीज की मौत के बाद नशे की हालत में अस्पताल पहुंचे कुछ परिजनों ने ब्लड बैंक के कर्मियों पर ब्लड नहीं देने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया और ड्यूटी में तैनात कर्मी रवि मिश्रा का पिटाई कर दिया।

सदर अस्पताल में हंगामा और ब्लड बैंक कर्मी की मरीज के परिजनों के पिटाई किए जाने के दौरान सदर अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मी, नगर थाना के एसआई गोपाल कुमार, सुनील कुमार, मो अख्तर, सहायक अवर निरीक्षक के बी यादव व अन्य ब्लड बैंक के कर्मियों के पहुंचने पर मामले को नियंत्रित किया गया।

मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

काफी देर तक सदर अस्पताल हंगामे का गवाह बना रहा। घटना के बाद आक्रोशित हुए ब्लड बैंक कर्मियों ने हंगामा व मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए ब्लड बैंक को बंद कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल के कर्मी भी ब्लड बैंक सदर अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर पुलिस प्रशासन से ऐसे असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग की। लैब टेक्नीशियन अमित कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को मरीज के परिजन ब्लड बैंक पहुंचे और मरीज को चढ़ाने के लिए ब्लड की मांग की। लेकिन ब्लड देने वाला डोनर अनफिट पाया गया। परिजनों से दूसरे डोनर के लिए कहा गया। मगर वे फिर दुबारा नहीं आए और रात में मरीज की मौत के बाद ब्लड नहीं देने की बात कहकर ड्यूटी में रहे रवि मिश्रा की जमकर पिटाई कर दी।

सदर अस्पताल से मरीज को कर दिया गया था रेफर

रामकरण पासवान को इलाज के लिए सोमवार को सदर अस्पताल लाया गया था। मगर उनकी स्थिति को गंभीर देखते हुए उन्हें रेफर कर दिया गया। परिजन मरीज को लेकर नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जमुहार लेकर चले गए। लेकिन वहां से फिर से सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डॉक्टरों ने पहले किए गए रेफर का हवाला देते हुए उन्हें हायर सेंटर जाने के लिए कहा। क्योंकि मरीज का फीवर 105 डिग्री से नीचे नहीं आ रहा था। ऐसी स्थिति में ब्लड चढ़ाना संभव नहीं था। लेकिन परिजन मरीज को लेकर कही नहीं गए और उनकी मौत हो गई।

उपाधीक्षक बोले होगा कार्रवाई

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अरविन्द कुमार ने बताया कि हमको रात 10 बजे जानकारी मिला कि कुछ शराब के नशे में आकर ब्लड बैंक में हंगामा एवं मारपीट कर रहे हैं आगे सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अरविंद कुमार ने कहा की दोषियों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिन्हित किया जा रहा है सभी को चिन्हित कर भी लिया गया है और एफआईआर दर्ज करने के लिए नगर थाना पुलिस को आवेदन दे दिया गया है

एवं10 गार्ड का वेतन काटा गया है और फटकार लगाया गया है बिना डंडा का डियूटी करने पर यहाँ से हटा दिया जायेगा और सदर अस्पताल में तैनात बिहार पुलिस के जवानों को भी कहा कि यहाँ आपलोग सोने नहीं आए हैं अगर दुबारा डियूटी में लापरवाही हुआ तो इसका शिकायत वरीय अधिकारियों को दे दिया जाएगा

विहंगम योग संत समाज द्बारा लगाया गया निशुल्क चिकित्सा शिविर

100से 150मरीजों का किया निशुल्क चिकित्सा परामर्श 

औरंगाबाद। दोमुहान रिसियप के समीप मंगलवार को विहंगम योग संत समाज के तरफ से निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया। एके अस्पताल के निदेशक डा. अभिषेक कुमार सिंह द्बारा लगभग 100 से 150 मरीजों का निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिए। बताया कि यह सेवा का कार्य अपने आप में अदभुत है।

शिविर में मस्तिष्क, रीढ़, पेट, छाती, शुगर और रक्तचाप से संबंधित सभी प्रकार के रोगियों की जांच की गई और उन्हें सलाह दी गई। बताया कि ब्लड शुगर एवं ब्लडप्रेशर का हृदयरोग से सीधा संबंध है। जी मचलना, सीने का दर्द, बाएं हाथ में दर्द, अनायास पसीना आना, छोटी छोटी बातों में घबराहट सहित हृदयरोग के लक्षण है। इस प्रकार की शिकायत रहने पर तुरंत ही चिकित्सीय परामर्श लें।

विलंब होने या लापरवाही करने पर परेशानी बढ़ सकती है। बताया कि खानपान में घी, अत्यधिक मसाला, रेड मीट सहित का सेवन न करें। साथ ही नियमित योगा व व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करने की जरूरत है। शिविर में बड़ी संख्या में रोगियों ने शामिल होकर चिकित्सीय परामर्श कराया।

साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में साफ-सफाई के अभाव में होने वाली बीमारियों के बारे में भी जागरूक किया। शहर और ग्रामीण क्षेत्र से आए मरीजों ने चिकित्सक को धन्यवाद दिया। कहा कि इस शिविर से मरीज को काफी सहूलियत मिली है। लोगों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है। इस मौके पर विहंगम योग संत समाज के सदस्य मौजूद रहे।

औरंगाबाद में प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा की मौत.. शादी के 15 सालों के बाद सेरोगेसी प्रक्रिया से हो रही थी प्रसव।

औरंगाबाद शहर के एमजी रोड स्थित महिला चिकित्सक डॉ. लालसा सिन्हा के निजी अस्पताल में आज शाम एक गर्भवती महिला के साथ बच्चे के भी मौत हो गई है. मृतक महिला माली थाना के शाहपुर निवासी विनोद यादव की पत्नी पूनम देवी(उम्र 32 वर्ष) बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार, शादी के 15 सालों के बाद भी बच्चा नहीं होने पर सेरोगेसी प्रक्रिया से कराया जा रहा था जिसमें महिला की नौ महीनों से इसी अस्पताल से इलाज चल रही थी और आज दोपहर में तीन बजे महिला को अस्पताल लाया गया जहां प्रसव के लिए ऑपरेशन किया गया

उसके बाद जच्चा और बच्चा की स्थिति ठीक नहीं रहने पर चिकित्सक द्वार दूसरे जगह ले जाने को कहा गया लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों की मौत हो गई। इसके बाद परिवार वालों ने महिला चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा कि ये शुरुआत में ही बोल देना चाहिए था ताकि हमलोग दूसरे जगह ले कर जाते। वहीं, हम(से.)छात्र जिलाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि इलाज सही ढंग से नहीं करने और लापरवाही के कारण महिला और बच्चे की मौत हुई है।

जिला परिषद अध्यक्ष सह कांग्रेस नेत्री नैना कुमारी के नेतृत्व में वोटर अधिकार न्याय यात्रा में शामिल होने के सैकड़ो गाड़ियां से पटना रवाना हुए

गयाजी: बिहार के गयाजी शहर के जिला परिषद आवास से रविवार को जिला परिषद अध्यक्ष सह कांग्रेस नेत्री नैना कुमारी के नेतृत्व में 1 सितंबर 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित वोटर अधिकार न्याय यात्रा में शामिल होने के सैकड़ो गाड़ियां से हजारों-हजार की संख्या में लिए रवाना हुए. इस दौरान अपने-अपने हाथों में कांग्रेस पार्टी का झंडा लिए वोट चोर, गद्दी छोड़, भरो हुंकार, बदलो बिहार के नारों को बुलंद करते हुए पटना के लिए रवाना हुए.

इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष सह कांग्रेस नेत्री नैना कुमारी ने कहा कि पटना में आयोजित वोटर अधिकार न्याय यात्रा में कल शामिल होने के लिए सैकड़ो गाड़ियां से हजारों हजार की संख्या में पटना के लिए जा रहे हैं. केंद्र और बिहार की डबल इंजन एनडीए सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग अपना काम कर रही है,

जो देश हित के लिए सही नहीं है. राहुल गांधी के नेतृत्व में आयोजित वोटर अधिकार न्याय यात्रा से केंद्र और एनडीए की सरकार में बौखलाहट है. इस यात्रा को बिहार की जनता ने अपार समर्थन मिला है और जनता केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार को बेखूबी से समझ रही है, इसका जवाब चुनाव में मिल जाएगी.

जिला परिषद अध्यक्ष के पति धर्मवीर सरदार ने कहा कि विगत 16 दिनों से राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार में वोटर अधिकार न्याय यात्रा का कल पटना के गांधी मैदान में समापन होने जा रहा है, उसमें शामिल होने के लिए गयाजी से पटना जा रहे हैं और राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के हाथों को हम लोग मजबूत करेंगे।

गयाजी में गो हत्या के विरोध में मौन मार्च निकाला गया, हिंदू संगठनों के नेता, कार्यकर्ता और भाजपा से जुड़े लोग शामिल हुए

गयाजी में रविवार दोपहर शहर की सड़कों पर गो हत्या के विरोध में मौन मार्च निकाला गया। इसमें विभिन्न हिंदू संगठनों के नेता, कार्यकर्ता और भाजपा से जुड़े लोग शामिल हुए।

मार्च आजाद पार्क से शुरू होकर डीएम ऑफिस परिसर में जाकर समाप्त हुआ। डीएम ऑफिस में प्रदर्शनकारियों ने सदर सीओ को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

इसमें मांग की गई कि गयाजी में चल रहे अवैध बूचड़खानों को तत्काल बंद कराया जाए। शहर में खुलेआम बूचड़खाना चल रहा है, जो पवित्र स्थल की गरिमा के खिलाफ है। मार्च के संयोजक प्रिंस जैन ने कहा कि गयाजी पौराणिक और धार्मिक महत्व वाला स्थल है।

ऐसे स्थान पर बूचड़खाना होना न सिर्फ नियम विरुद्ध है बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाता है. उन्होंने कहा कि गो वंश और भैंस वंश की हत्या कानून के विपरीत है, मगर न सरकार इस पर. सख्ती दिखा रही और न ही जिला प्रशासन. शिकायत करने पर भी पुलिस कार्रवाई से बचती है। इसी लापरवाही के खिलाफ आज मौन जुलूस निकाला गया है।

औरंगाबाद में दो गांवों के बीच हिंसक मारपीट, डेढ़ दर्जन से अधिक घायल

औरंगाबाद ग्रामीण.

नवीनगर प्रखंड के माली थाना क्षेत्र के सिमरी धमनी और मोती बिगहा गांव के बीच आपसी विवाद को लेकर हिंसक मारपीट की घटना घटी. इस घटना में दोनों पक्ष से लगभग डेढ़ दर्जन लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए. जख्मियों में सिमरी धमनी गांव निवासी ईश्वर मेहता के 55 वर्षीय पुत्र उपेंद्र कुमार मेहता, उपेंद्र कुमार मेहता के 35 वर्षीय पुत्र ओमप्रकाश मेहता, 30 वर्षीय पुत्र विकास मेहता,

राजा मेहता के 55 वर्षीय पुत्र नंदन मेहता, धनेश्वर रविदास के 40 वर्षीय पुत्र विजय रविदास, नंदन मेहता के 25 वर्षीय पुत्र सुभाष कुमार, विजय मेहता के 22 वर्षीय पुत्र शशिकांत कुमार, प्रमोद शर्मा के 17 वर्षीय पुत्र विपिन कुमार, अवधेश मेहता के 25 वर्षीय पुत्र चुनमुन कुमार, रामराज चौहान के 35 वर्षीय पुत्र धर्मेंद्र चौहान, संजय मेहता के 20 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार सहित अन्य लोग शामिल है.

वहीं दूसरे पक्ष से मोती बिगहा गांव निवासी महेंद्र यादव, सुशील कुमार, अमरेंद्र कुमार, बिट्टू कुमार, बीरेंद्र यादव सहित अन्य लोग शामिल है. घटना रविवार की सुबह की बताई जा रही है. वैसे घटना से संबंधित दोनों पक्षों ने अलग-अलग कारण बताया है. सदर अस्पताल में इलाज के दौरान एक पक्ष से जख्मी विजय रविदास ने बताया कि वह रविवार की सुबह अपने घर से बधार तरफ धान की सोहनी करने गया था. इसी दौरान मोती बिगहा गांव के कुछ लोग पहुंचे और जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करने लगे. जब इसका विरोध किया तो उक्त लोगों ने मारपीट की. किसी तरह वहां से जान बचाते हुए अपने गांव पहुंचा. इसके बाद मोती बिगहा गांव के लोग पीछा करते हुए सिमरी धमनी गांव पहुंचे और हमला कर दिया. चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीण बचाने पहुंचे. इसी दौरान मोती बिगहा के ग्रामीण भारी संख्या में लाठी-डंडे व धारदार हथियार लेकर पहुंचे और सभी पर हमला कर दिया. इस दौरान दोनों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले. विजय रविदास ने यह भी कहा कि मोती बिगहा गांव के लोग सिमरी धमनी के विद्यालय में पढ़ाई करने आते है.

स्कूली बच्चों द्वारा भी जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया जाता था. पूर्व में भी इसी बात को लेकर बहसबाजी हुई थी. इधर दूसरे पक्ष के जख्मियों ने बताया कि मोती बिगहा गांव के ही सुशील कुमार अपने घर से बाइक पर सवार होकर सिमरी बाजार सीमेंट की खरीदारी करने गया था. इसी दौरान सिमरी धमनी गांव के कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया. हालांकि हमले के पीछे का विवाद क्या है इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है. आरोप है कि उक्त लोगों ने सुशील के पास से दस हजार रुपये की छिनतई भी कर ली और उसकी बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया. मारपीट के दौरान उक्त गांव में अफरा-तफरी की स्थिति रही. दोनों तरफ से जमकर लाठी-डंडे चले. कुछ लोगों ने घटना की सूचना माली थाना की पुलिस को दी.

सूचना पर माली थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल में जुट गई. हालांकि मामला बढ़ते देख अंबा, कुटुंबा और नरारी कला खुर्द थाना की पुलिस को भी बुलाया गया. इसके साथ ही गश्ती दल की टीम भी वहां पहुंची और गांव में कैंप करने लगी. मामला शांत होने के बाद तीन थाना की पुलिस चली गई. फिलहाल माली थाना की पुलिस और गश्ती दल को सिमरी धमनी और मोती बिगहा गांव में तैनात किया गया है. चारों तरफ पुलिस की टीम पहरा दे रही है. माली थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष सुबोध कुमार मंडल ने बताया कि सिमरी धमनी और मोती बिगहा गांव के लोगों के बीच मारपीट हुई है.

हालांकि किस बात को लेकर मारपीट हुई, इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है. घटना की सूचना पर पुलिस की टीम पहुंची और मामले को शांत कराया. इसके बाद जख्मियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भिजवाया गया है. इलाज के उपरांत दोनों पक्षों के ज़ख्मियों द्वारा जो आवेदन प्राप्त होगा, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. दोनों गांव में किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए पुलिस गांव में कैंप कर रही है.

औरंगाबाद में कैदी की मौत पर बवाल, सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोग पुलिस से भिड़े हुआ लाठीचार्ज

,औरंगाबाद औरंगाबाद मंडल कारा के एक बंदी की इलाज के दौरान शनिवार को हुई मौत पर दिनभर बवाल मचा रहा। पहले तो मरने के बाद भी कैदी के हाथों में हथकड़ी लगाए रखने से मानवता शर्मसार हुई। इसके बाद जेल प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोपों को अनसुना करने पर परिजन भड़क उठे।

परिजनों ने पुलिस को पोस्टमार्टम कराने के लिए मृतक का शव ले जाने से पुलिस को रोक दिया। इसके बाद परिजन और उनके गांव वाले शव को सदर अस्पताल से लेकर शहर के रमेश चौक चले आए और सड़क को चारों ओर से जाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। मामले में पुलिस ने पक्ष सुनने के बजाय उल्टे परिजनों और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे अफरा तफरी मच गई। मृतक बारूण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र राम के परिजनों का आरोप है कि जेल में धर्मेंद्र की जेल पुलिस ने पिटाई की है, जिससे उसकी मौत हुई है। यह भी कहा कि धर्मेंद्र पर शराब बेंचने का आरोप झूठा है। उसे जान बूझकर फंसा कर जेल भेजा गया। वह दिल्ली में काम करता था और 15 दिन पहले अपने गांव आया था। गांव आने पर ही उसे साजिश के तहत शराब बेंचने के आरोप में फंसा कर जेल भेजा गया और जेल में पीटे जाने से ही उसकी मौत हुई है। धर्मेंद्र के दो मासूम बच्चे एक बेटा और एक बेटी है, जो उसके मरने से अनाथ हो गए है। घर में अब कोई कमाउं सदस्य नही बचा है।रमेश चौक को चारो ओर से जाम किए परिजनों और ग्रामीणों ने धर्मेंद्र की मौत के बाद भी उसके हाथ में लगी हथकड़ी नही खोले जाने पर भड़ास निकाली। कहा कि यह अन्याय है। इसके लिए भी जेल प्रशासन पर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि जब तक जेल प्रशासन पर कार्रवाई नहीं होगी, हम सड़क से नहीं हटेंगे।

नगर थाना अध्यक्ष से भी उलझ पड़े आक्रोशित

सड़क जाम की सूचना मिलने पर औरंगाबाद नगर थाना की पुलिस शहर के रमेश चौक पर पहुंची। करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस ने परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वें समझने के बजाय पुलिस से ही उलझ पड़े। नगर थानाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह पर उपद्रवी चढ़ बैठे। उन्हे घेर कर सभी ने पीटने लगे। मामले को बिगड़ते देख पुलिस को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा।

पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। लोगों को दौड़ा दौड़ा कर पीटने लगा। मौके पर अफरा तफरी मच गई। कई लोगों को चोटें आई। इसके बाद पुलिस के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होने पहल कर मामले को संभाला। परिजनों को जेल प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोपों की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम हटवाया। इसके बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम कराने ले गई।

मामले की जानकारी मिलने पर परिजनों के जख्म पर मरहम लगाने पहुंचे नबीनगर के राजद विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डबल्यू सिंह मौके का नजारा देख मूकदर्शक बन खड़े रहने पर मजबूर हो गए। बाद में उन्होने कहा कि यह घटना नीतीश सरकार के सुशासन की कलई खोलने वाली है। कहा कि पहले तो उत्पाद विभाग की पुलिस ने निर्दोष को दारू बेंचने के झूठे आरोप में जेल भेज दिया। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे पीट कर मार डाला। मामले में कार्रवाई नही होने से परिजन भड़के। यदि पुलिस कार्रवाई करती तो ऐसी नौबत नही आती।

मामले में औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि परिजन और ग्रामीण पुलिस के पुलिस से बदसलूकी पर उतर आए थे। इस वजह से हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। लाठीचार्ज से किसी को भी गंभीर चोट नही आई है। मामले में औरंगाबाद के एसडीपीओ-1 संजय कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिस उपद्रवियों को चिन्हित कर कार्रवाई करेगी। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है।

शरीर में जान नहीं... पर हाथ में लगी हथकड़ी, पुलिस ने मानवता को मारा, क्या लाश भी उठकर भाग जाती?

औरंगाबाद इस दृश्य को देख मानवता भी शर्मा गई। जेल प्रशासन ने एक बीमार कैदी को इलाज के लिए हथकड़ी लगाकर अस्पताल लाया। अस्पताल में कैदी की मौत हो गई लेकिन मरने के बाद भी कैदी के हाथ में हथकड़ी लगी रही और मानवता का सीना छलनी होता रहा। हालांकि घटना की जानकारी मिलने पर जब मीडियाकर्मी अस्पताल पहुंचे और उनके द्वारा जब इस ओर ध्यान दिलाया गया, तब जाकर कैदी के हाथों की बेड़ियां खोली गई।

मामला औरंगाबाद मंडल कारा से जुड़ा हैं। मृतक कैदी की पहचान बारुण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार राम के रूप में की गई है। मामले में जेल प्रशासन आगे की कार्रवाई में जुटी हैं। मिली जानकारी के मुताबिक बारुण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार राम को उत्पाद विभाग की टीम ने बुधवार को आठ लीटर शराब के साथ गांव से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उसे गुरुवार को न्यायालय में पेश किया था।

इसके बाद अदालती आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया था। जेल जाने के बाद शनिवार को उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। इसके बाद जेल प्रशासन द्वारा शनिवार को ही उसे हथकड़ी लगाकर इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हद यह कि कैदी को डॉक्टरो द्वारा मृत घोषित किए जाने के बावजूद उसके हाथ में हथकड़ी लगी रही। कैदी के मरने के बाद भी जेल पुलिस ने मृत कैदी के हाथ से हथकड़ी नहीं खोली। घटना की जानकारी मिलने पर जब मीडिया कर्मी सदर अस्पताल पहुंचे और उनके द्वारा इस ओर ध्यान दिलाया गया, तब जाकर कैदी का इलाज कराने आए पुलिसकर्मी

ने उसके हाथ से हथकड़ी खोली

मामले में मृतक की पत्नी संजू देवी ने बताया कि शुक्रवार को वह अपने पति से मुलाकात करने जेल के मुख्य द्वार पर गई थी लेकिन जेल प्रशासन के द्वारा उसकी पति से मुलाकात नहीं कराई गई। शनिवार को सुबह में जेल से सूचना दी गई कि मेरे पति की तबीयत खराब हैं। आप सदर अस्पताल आकर मुलाकात कर लीजिए। जब वह अस्पताल पहुंची तो देखा कि उसके पति मृत पड़े हैं।

कहा कि मेरे पति को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। मामले में औरंगाबाद मंडल कारा के अधीक्षक डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि कैदी का इलाज कराने में कोई कोताही नही हुई है। कहा कि जैसे ही कैदी की तबीयत खराब हुई, वैसे ही उसे इलाज के लिए जेल से सदर अस्पताल भेजा गया। कैदी की मौत कैसे और किन कारणों से हुई, यह इलाज करने वाले डॉक्टर ही बताएंगे।

साथ ही कैदी के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।सदर अस्पताल में कैदी की मौत की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची औरंगाबाद नगर थाना की पुलिस ने पंचनामा और कागजी प्रक्रिया पूरी कर शव को कब्जे में ले लिया है। पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराने की कार्रवाई में जुटी हैं।