ड्रिप सिंचाई ने बदली महिला किसानों की तकदीर, 'झिमड़ी' परियोजना से बनीं लखपति

रांची: झारखंड में कृषि और ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर चल रही 'झारखंड माइक्रो ड्रिप इरिगेशन' (झिमड़ी) परियोजना ने राज्य की महिला किसानों की तकदीर बदल दी है। इस परियोजना के तहत करेले से लेकर स्ट्रॉबेरी तक की खेती कर कई महिलाएं 'लखपति दीदी' बन रही हैं।
दुमका की पूजा सोरेन जैसी महिला किसान, जो पहले सिंचाई की कमी के कारण खेती नहीं कर पाती थीं, अब ड्रिप सिंचाई तकनीक से सालभर खेती कर रही हैं। करेले और स्ट्रॉबेरी जैसी नगदी फसलों से उनकी सालाना आय 4 लाख रुपये से अधिक हो गई है। इसी तरह, खूंटी की विनीता देवी ने भी इस परियोजना से जुड़कर फ्रेंच बीन्स और करेले की खेती से सालाना 1.20 लाख रुपये की कमाई की है। रांची की मधुबाला देवी भी ड्रिप सिंचाई की मदद से सालाना लगभग 2 लाख रुपये कमा रही हैं और 'लखपति दीदी' की सूची में शामिल हो चुकी हैं।
परियोजना का हुआ विस्तार
इस परियोजना की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे दो साल का विस्तार दिया है। अब यह योजना 2027 तक जारी रहेगी, जिससे राज्य के 30,000 से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। वर्तमान में, 9 जिलों के 30 प्रखंडों में 28,298 महिला किसान इस तकनीक का उपयोग कर रही हैं।
परियोजना के मुख्य लाभ:
आय में वृद्धि: किसानों की आय दोगुनी हुई है।
फसल उत्पादकता में सुधार: प्रति 0.1 हेक्टेयर में औसत उपज 536 किलो से बढ़कर 1,318 किलो हो गई है।
पानी की बचत: 28,298 माइक्रो ड्रिप इरिगेशन सिस्टम स्थापित किए गए हैं, जिनसे पानी की बचत हुई है।
तकनीकी प्रशिक्षण: 13,000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है।
जैविक खेती को बढ़ावा: वर्मी कंपोस्ट और जैव-कीटनाशकों का उपयोग बढ़ाया गया है।
इसके अलावा, किसानों को अपने उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चैंबर, इम्प्लीमेंट बैंक और सामुदायिक केंद्र जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं, जिनसे वे सीधे बाजार से जुड़कर अपनी आय बढ़ा पा रहे हैं।
Sep 01 2025, 17:19
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