झारखंड सरकार के 2 मंत्रियों को जान से मारने की धमकी, पटना से दबोचा गया आरोपी

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झारखंड सरकार के दो मंत्रियों सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने धर दबोचा है। झारखंड के गिरिडीह पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 21 वर्षीय युवक को पटना से गिरफ्तार किया। गिरिडीह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने एक वीडियो में दावा किया था कि उसके गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संबंध हैं।

आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने धमकी भरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। बुधवार सुबह से ही वीडियो तेजी से वायरल होने लगा था जिसमें आरोपी युवक खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताते हुए मंत्रियों को धमकाता दिख रहा था। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद महज 24 घंटे के भीरत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

24 घंटे के भीतर पुलिस ने दबोचा

गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बिमल कुमार ने बताया कि बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी।कुमार ने कहा, 'गिरिडीह के एक निवासी द्वारा युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराए जाने के बाद हमने एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने तकनीकी जानकारी और खुफिया जानकारी की मदद से आरोपी को बिहार के पटना से गिरफ्तार कर लिया।

छोटे-मोटे अपराधों के लिए जा चुका है जेल

आरोपी मिश्रा का किसी संगठित आपराधिक गिरोह से कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह कई बार छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल जा चुका है। पुलिस ने बताया कि मिश्रा के खिलाफ धमकी देने और अशांति फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया जाएगा।

दुमका में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म, पांच आरोपी गिरफ्तार

दुमका: दुमका जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र में आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय की एक नाबालिग युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस घटना में शामिल पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

यह घटना उस समय हुई जब नाबालिग युवती अपने प्रेमी से मिलने गुमरा पुल के पास गई थी। इसी दौरान पांच युवक वहां पहुंचे और दोनों से पूछताछ करने लगे। उन्होंने पहले युवती के प्रेमी के साथ मारपीट की और उसे वहां से भगा दिया, फिर बारी-बारी से युवती के साथ दुष्कर्म किया।

पुलिस ने तुरंत लिया एक्शन

घटना की जानकारी मिलते ही काठीकुंड थाना पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा और उसकी शिकायत पर गैंगरेप के पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

पीड़िता का प्रेमी कोयला ढोने वाले एक ट्रक में हेल्पर का काम करता है। वह पाकुड़ से कोयला लेकर दुमका आया था। उसने ट्रक ड्राइवर से कहा कि वह काठीकुंड में ही रुक जाएगा और वापसी में ट्रक पर सवार होगा। इसी दौरान उसने अपनी प्रेमिका को मिलने के लिए बुलाया था, जिसके बाद यह वारदात हुई। पुलिस इस मामले की आगे की जांच कर रही है।

भाजपा झूठ और दुष्प्रचार की सबसे बड़ी फैक्ट्री: विनोद पांडेय

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा को 'झूठ और दुष्प्रचार की सबसे बड़ी फैक्ट्री' बताया है। पांडेय ने कहा कि भाजपा जनता का विश्वास खो चुकी है और अब सांप्रदायिक जहर और झूठे आरोपों का सहारा ले रही है।

घुसपैठ के लिए केंद्र जिम्मेदार

विनोद पांडेय ने भाजपा के घुसपैठ के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि झारखंड की कोई सीमा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से नहीं जुड़ती। ऐसे में अगर कहीं घुसपैठ हुई है तो इसके लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और उसकी एजेंसियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके पास कोई पुख्ता सबूत है तो वे झारखंड सरकार को दें, ताकि राज्य सरकार केंद्र से हस्तक्षेप की मांग कर सके।

भाजपा पर आदिवासियों को गुमराह करने का आरोप

पांडेय ने आरोप लगाया कि बाबूलाल मरांडी आदिवासी-मूलवासी समाज को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में झारखंड बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार की दलदल में फंस गया था। उन्होंने कहा कि अब जब हेमंत सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए काम कर रही है, तो भाजपा बौखलाकर अफवाह फैला रही है।

विनोद पांडेय ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासी-मूलवासी की पहचान और अधिकारों को सर्वोपरि मानता है। उन्होंने कहा कि भाजपा जितना भी भ्रम फैलाए, जनता उसकी असलियत जान चुकी है और आने वाले समय में उसे करारा जवाब देगी। पांडेय ने एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए और कहा कि भाजपा इसके माध्यम से अपने पक्ष में मतदान कराने की साजिश रच रही है।

झारखंड सरकार का बड़ा फैसला: ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले 3 कर्मियों के परिजनों को 1-1 करोड़ की मदद

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले राज्य सरकार के तीन कर्मियों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा। यह राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की विशेष बीमा कवरेज योजना के तहत दी गई है, जिसका लाभ सरकारी कर्मचारियों को मिलता है।

जिन दिवंगत कर्मियों के परिजनों को यह सहायता मिली है, उनमें शामिल हैं:

कांस्टेबल अजीत कुमार (जिला पुलिस बल, गुमला)

आरक्षी अनिल कुमार झा (जिला पुलिस बल, सरायकेला)

शिक्षक सुशील कुमार मरांडी (जामताड़ा)

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उन सभी कर्मियों के परिजनों के साथ खड़ी है, जिनकी सेवा के दौरान दुर्घटना में मौत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इन परिवारों को उनका पूरा हक और सम्मान मिले।

दिवंगत कर्मियों के आश्रितों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इस आर्थिक सहायता से उनके परिवार का भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई में काफी मदद मिलेगी। इस अवसर पर मंत्री राधा कृष्ण किशोर और डॉ. इरफान अंसारी के साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

रांची: जनजातीय विकास के लिए 'आदि कर्मयोगी अभियान' की शुरुआत, 545 गांवों को मिलेगा लाभ

रांची: जनजातीय समुदायों के सर्वांगीण विकास और सशक्तीकरण के लिए रांची जिला प्रशासन ने 'आदि कर्मयोगी अभियान' की शुरुआत की है। इस अभियान का लक्ष्य जिले के 545 अनुसूचित जनजाति (अ.ज.जा.) बहुल गांवों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाना और विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है।

अभियान का शुभारंभ आज समाहरणालय के सभागार में उप-विकास आयुक्त (DDC) श्री सौरभ भुवनिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान के क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

'उत्तरदायी शासन का मॉडल'

उप-विकास आयुक्त सौरभ भुवनिया ने कहा, "आदि कर्मयोगी अभियान केवल सशक्तीकरण का माध्यम नहीं है, बल्कि यह उत्तरदायी शासन और सामुदायिक विकास का एक मॉडल भी है।" उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत स्थानीय संस्थाओं और व्यक्तियों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता दी जाएगी, ताकि वे अपने समुदाय के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

अभियान के प्रमुख उद्देश्य:

सामुदायिक सशक्तीकरण: ग्राम स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करना।

आर्थिक विकास: स्वयं सहायता समूहों (SHG) को बढ़ावा देना और स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ना।

शिक्षा और कौशल विकास: जनजातीय युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण और शैक्षणिक अवसरों का सृजन।

स्वास्थ्य और स्वच्छता: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना।

संस्कृति संरक्षण: जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को सुरक्षित रखना।

इस मौके पर अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने सामूहिक रूप से शपथ ली कि वे "जल, जंगल, जमीन और जीवन" को समृद्ध कर न्याय आधारित समाज का निर्माण करने के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे। इस कार्यक्रम में परियोजना निदेशक आईटीडीए संजय कुमार भगत और निदेशक डीआरडीए सुदर्शन मुर्मू सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

झारखंड विधानसभा में शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित

रांची: झारखंड विधानसभा में आज झारखंड आंदोलन के महानायक और आदिवासियों के सबसे बड़े नेता शिबू सोरेन को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया है। यह प्रस्ताव भूमि सुधार व परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने सदन में पेश किया।

दीपक बिरुआ ने कहा कि शिबू सोरेन का पूरा जीवन आदिवासियों के हक और अधिकारों के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने अलग झारखंड राज्य आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। उनके संघर्षों को हमेशा याद किया जाएगा।

बाबूलाल मरांडी ने दो और नाम सुझाए

इस प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष दोनों ने सहमति जताई। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शिबू सोरेन के साथ-साथ दो और नामों को भारत रत्न देने की अनुशंसा की। उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जयपाल सिंह मुंडा और विनोद बिहारी महतो को भी यह सम्मान दिया जाना चाहिए।

झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री और मधुपुर विधायक हफीजुल हसन की आज गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए रांची स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी समेत कई अन्य मंत्री और विधायक भी पारस अस्पताल पहुंचे।

हफीजुल हसन की गुरुवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें सीने में दर्द और ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत हुई, जिसके बाद तुरंत रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उन्हें आईसीयू में रखा गया है और डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही है। जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत सरकार के कई मंत्री अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया

डॉक्टरों ने बताया कि सांस लेने में परेशानी और बीपी लो होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। तत्काल इलाज के बाद अब उनकी हालत स्थिर है और फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं। डॉक्टरों के अनुसार, हफीजुल हसन को फूड एलर्जी और निमोनिया जैसी समस्या की आशंका जताई गई है। चूंकि उनका पहले ओपन हार्ट सर्जरी हो चुका है, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। उन्हें फिलहाल 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

पिछले माह हुई थी ओपेन हार्ट सर्जरी

बता दें कि पिछले माह जुलाई में ही मंत्री हफीजुल हसन की दिल्ली में गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में हार्ट सर्जरी हुई थी। सफल सर्जरी के बाद वह वापस रांची लौट आये थे। हालांकि मंत्री बेड रेस्ट पर ही थे। इसी बीच गुरुवार की सुबह अचानक मंत्री की तबीयत फिर से बिगड़ गयी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

वोटबैंक की राजनीति के लिए एसआईआर का विरोध कर रहे हैं कांग्रेस, झामुमो और राजद

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी ने कहा कि झारखंड सरकार ने जिस प्रकार से एसआईआर का विरोध किया है तो यह वोट बैंक की राजनीति है। झारखंड प्रदेश में जिस प्रकार से जो डेमोग्राफी बदली है या बदल रही है, बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को वोट बैंक बनाए रखना इनका मकसद है। इसका एक उदाहरण राज्य सरकार ने कल स्पष्ट रूप से बता दिया है कि वह इन्हें केवल झारखंड में बसाना ही नहीं चाहती है बल्कि साथ में उन्हें मतदाता भी बनाना चाहती है ताकि झारखंड की चुनाव कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल अपने पक्ष में करा सके। आप सब ने कल झारखंड की विधानसभा की कार्यवाही को देखा और आज सवेरे अखबारों में प्रमुखता से छपी इन मुद्दों से जुड़े समाचार को भी देखा होगा। श्री मरांडी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड की अलार्मिंग सिचुएशन है। इससे तो पूरा राज्य, देश प्रभावित होगा ही लेकिन इससे सीधा और तत्काल कोई प्रभावित होगा तो वह आदिवासी समाज होगा। संथाल परगना और झारखंड में दर्जनों आदिवासी महिला है जिससे इन रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमानों ने ना केवल शादी किया बल्कि मुखिया, जिला परिषद भी बने हैं। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में इसी तरह से आदिवासी महिलाओं से शादी करके रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमान सांसद, विधायक भी बनेंगे। यह दृश्य साफ दिख रहा है।

1951 में जब पहला जनगणना हुआ था तब झारखंड में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत थी। जबकि मुस्लिम की आबादी 8.9% थी। 2011 के जनगणना में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत से घटकर 26.20% हो गई। वहीं मुसलमानों की जनसंख्या 8.9% से बढ़कर 14.53% हो गई। आदिवासियों की जनसंख्या में गिरावट आई जबकि मुसलमानों की आबादी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। यही जब ओवरऑल बात किया जाए तो 1951 में सनातनियों की आबादी 87.79% थी। 2011 में सनातनियों की संख्या घटकर 81.17% हो गई।

श्री मरांडी ने कहा कि यह नेचुरल तरीके से नहीं बढ़ सकती है। यह कृत्रिम तरीके से बढ़ी और बढ़ाई गई है। बांग्लादेश से लगातार घुसपैठ होना इसका प्रमुख कारण है। कांग्रेस, झामुमो, राजद जैसे दल इसके पक्षधर हैं। ऐसे घुसपैठियों का वोटर कार्ड, राशनकार्ड बनाना, जन्म प्रमाण पत्र बनाना, उनकी जमीन उपलब्ध कराना, उनको बसाना इनकी मंशा है। ताकि वोट में इसका फायदा उठाया जा सके। कल के विधानसभा में उनकी मंशा साफ दिखी।

अभी मतदाता सूची ज्वलंत मुद्दा है इस संबंध में एक और उदाहरण देते हुए श्री मरांडी ने कहा कि 2014 से 2019 के बीच देश के अंदर में मतदाताओं में 9.3% की वृद्धि दर्ज हुई। जबकि झारखंड में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं 2019 से 2024 के बीच देश में मत प्रतिशत में 10.1% वृद्धि हुई जबकि झारखंड में यह वृद्धि 16.7% दर्ज की गई। यह गौर करने वाली बात है। 2019 से 2024 के बीच यहां किसकी सरकार रही या बताने की जरूरत नहीं है। 2019 से 2024 के बीच राष्ट्रीय ग्रोथ से भी झारखंड में मत प्रतिशत की वृद्धि अधिक दर्ज होना, आईने की तरह सब कुछ साफ कर रहा है। यह काफी चिंता का विषय है कि इस रफ्तार से आखिर यहां पर आबादी कैसे बढ़ी, यह भी एक गहन जांच का विषय है। चूंकि 2014 से 2019 में झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार थी इसलिए यहां पर अवैध घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं थी इसलिए अधिक वृद्धि दर्ज नहीं हुई। आज वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ऐसे लोगों को इन दलों के द्वारा वोटर बनाकर बसाया जा रहा है, इसलिए इन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है और ये दल हंगामा कर रहे हैं।

श्री मरांडी ने कुछ रिजर्व विधानसभा क्षेत्रों का आंकड़ा भी इस संदर्भ में पेश किया जो काफी चौंकाने वाले हैं। श्री मरांडी ने कहा कि सिमडेगा विधानसभा में 2019 में 2.21 लाख मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 2.44 लाख हो गए। इसमें ओवरऑल 10.2% की वृद्धि दर्ज हुई। यहां पर 2019 में 9308 मुस्लिम मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 16605 हो गए। यहां मुस्लिम मतदाताओं में 78.4% की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि नन मुस्लिम में 7.2% की ही वृद्धि दर्ज हुई है। यह चिंता का विषय है नहीं। यह संताल परगना का मामला नहीं है। एक प्लानिंग के तहत सब कुछ अंजाम दिया जा रहा है। इसी प्रकार कोल्हान के जगन्नाथपुर विधानसभा में 2019 में 1.71 लाख वोट थे 2024 में 1.98 लाख वोट हुए। ओवरऑल कुल वृद्धि 15.7% की थी। जबकि मुस्लिम वोटरों में यह वृद्धि 52 फ़ीसदी है वहीं गैर मुस्लिम मतों में 13% की ही वृद्धि हुई। एक कुछ चंद उदाहरण है जो दर्शाते हैं कि पूरे राज्य की डेमोग्राफी एक सुनियोजित तरीके से बदली जा रही है। इनका नाम मतदाता सूची में दर्ज कराया जा रहा है। यह केवल झारखंड नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।

श्री मरांडी ने कहा कि आपने पूर्व में भी देखा कि चाकुलिया, घाटशिला जैसे क्षेत्रों में जहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है वहां एक-एक गांव में किस प्रकार सैकडों की संख्या में जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया। इसी प्रकार जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी नहीं है वहां भी कैसे मईयां योजना का लाभ लिया गया, आप सभी ने देखा। जब जांच हुई तब कोई मुर्शिदाबाद तो कोई मालदा का पाया गया। इसी प्रकार चतरा के प्रतापपुर में कुछ पंचायत में इतने जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए जितनी वहां की शायद जनसंख्या भी नहीं है।

श्री मरांडी ने कहा कि जब झारखंड सहित पूरे देश में डेमोग्राफी बदल रही है। चुनाव आयोग जब इन फर्जी और विदेशी मतदाताओं को हटाने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की बात करता है तो उसे रोकने और इन फर्जी मतदाताओं को बचाने के लिए वोटबैंक की राजनीति के लिए विधान सभा में विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं, एसआईआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करेगी।

श्री मरांडी ने कहा कि हम चुनाव आयोग से मांग करेंगे कि इस प्रकार जो मतदाताओं की वृद्धि हुई है। अब एक-एक वास्तविक मतदाताओं को सत्यापित किया जाए। जो यहां के नागरिक हैं वही सूची में रहें। फर्जी मतदाताओं को तत्काल सूची से हटाया जाए। झारखंड में अभी तो चुनाव नहीं है, क्यों नहीं साल भर का ही वक्त लगे लेकिन एक एक मतदाता सत्यापित कराना भाजपा सुनिश्चित करेगी। तब ही डेमोग्राफी ठीक होगी, नहीं तो यह लोकतंत्र पर एक बड़ा खतरा साबित होगा।

इस दौरान प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी श्री योगेंद्र प्रताप सिंह जी और प्रदेश प्रवक्ता श्री रामाकांत महतो जी भी मौजूद थे।

नीरज सिंह हत्याकांड: 8 साल बाद आया फैसला, धनबाद कोर्ट ने संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को किया बरी

धनबाद: धनबाद के बहुचर्चित पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में 8 साल 5 महीने बाद फैसला आ गया है। बुधवार को धनबाद की अदालत ने झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दुर्दश चंद्र अवस्थी की अदालत ने सबूतों के अभाव में यह फैसला सुनाया।

बचाव पक्ष के वकील मोहम्मद जावेद ने बताया कि अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। वहीं, नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने इस फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि वे इसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

गौरतलब है कि 23 मार्च 2017 की रात नीरज सिंह और उनके तीन साथियों की सरायढेला में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें संजीव सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इस मामले की सुनवाई 408 तारीखों तक चली। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने संजीव सिंह को जमानत भी दी थी, जिसके बाद वह जेल से बाहर आए थे। इस फैसले को लेकर धनबाद में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।

झारखंड सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमान को बसाने के साथ मतदाता भी बनाएंगे - बाबूलाल मरांडी

रांची : बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) चल रहा है। भले ही झारखंड में इसकी शुरुआत नहीं हुई है लेकिन अभी से यहां आंदोलन चरम पर है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा विधानसभा में इंडिया गठबंधन जिस तरह के SIR का विरोध कर रही है। इससे स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन पार्टी राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ और रोहिंग्या मुसलमानो को बसाना ही नहीं बल्कि मतदाता भी बनाना चाहती है।

उन्होंने यह भी कहा कि संथाल परगना में रोहिंग्या बांग्लादेशी आदिवासी महिलाओं के साथ शादी करते हैं। और फिर उन महिलाओं को मुखिया भी बनाते हैं। सबसे ज्यादा डेमोग्राफी चेंज संथाल में देखने को मिल रहा है। कांग्रेस, राजद, झारखंड मुक्ति मोर्चा वोट बैंक की राजनीति करती है। विधानसभा में स्पष्ट दिखा की ये पार्टियां क्या चाहती है।झारखंड में 2014 से 2019 की तुलना में 2019 से 24 में वोटरों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसलिए चुनाव आयोग से मांग है इसकी जांच करे ताकि यह स्पष्ट हो सके वोटर संख्या में वृद्धि हुई है वह सच में इस राज्य के वोटर है या फिर रोहिंग्या और बांग्लादेश ही है।

दरअसल, इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि झारखंड में एक बड़ी आबादी आदिवासी, ओबीसी और मुसलमानों की है, जो इंडिया गठबंधन के दलों के लिए वोटबैंक का काम करती है। बीजेपी भले ही पिछले चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ और वोटर लिस्ट में अवैध नाम हटाने के मुद्दे पर वोट लाने में सफल नहीं हुई लेकिन चुनाव आयोग के माध्यम से इसे बड़ा हथियार बनाकर बड़ा गेम प्लान करने की तैयारी में है। जिससे इंडिया गठबंधन को हानि हो सकती है।