राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार, पूछा-आपको कैसे पता चला चीन ने जमीन हड़प ली

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सुप्रीम कोर्ट ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने उनसे पूछा, आपको कैसे पता है कि चीन ने भारत की जमीन हड़प ली है? सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर, 2022 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के बाद भारतीय सेना पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की फजीहत की है। राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान भारतीय सेना के बारे में कथित तौर पर ये टिप्पणी की थी, जिसमें उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया।

भारतीय सेना पर कथित टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सासंद को बड़ी राहत दी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से चीन के भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने को लेकर दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। अदालत ने कहा कि जब सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति है, तब विपक्ष के नेता को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी नसीहत

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने यह आदेश दिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने को नसीहत भी दी। जस्टिस दीपांक दत्ता ने राहुल गांधी से पूछा, ‘भारतीय होने की वजह से आपकी टिप्पणी ठीक नहीं। आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर कब कब्जा कर लिया? विश्वसनीय जानकारी क्या है? एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा। जब सीमा पार कोई विवाद हो तो क्या आप ये सब कह सकते हैं?

संसद में सवाल क्यों नहीं किया?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर आपने यह संसद में क्यों नहीं कहा और सोशल मीडिया पर क्यों कहा? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके पास भले ही अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता है, लेकिन यह क्यों कहा। एक सच्चे भारतीय के तौर पर सेना को लेकर क्या ऐसी टिप्पणी करनी चाहिए? आप एक जिम्मेदार नेता हैं।

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत भी

सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को मानहानि केस में राहत भी प्रदान की है। इस संबंध में निचली अदालत में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने लखनऊ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। दरअसल, मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत की ओर से पारित समन आदेश को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यहां राहुल गांधी को राहत मिल गई।

वोट चोरी” के दावों के बीच राहुल गांधी के घर पर 7 अगस्त को इंडिया गठबंधन की बड़ी बैठक, क्या होगा मीटिंग का मुद्दा?

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संसद में सियासी घमासान लगातार जारी है। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के अलावा इस मॉनसून सत्र में अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही ठीक ढंग से नहीं चल सकी है। दूसरी ओर उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो चुका है। इस बीच इंडिया गठबंधन के नेताओं की बड़ी बैठक सात अगस्त को बुलाई गई है। इस बैठक में गठबंधन के ज्यादातर प्रमुख चेहरे शामिल होंगे। बैठक के बाद डिनर का भी कार्यक्रम रखा गया है। इस डिनर बैठक के लिए राहुल गांधी ने सहयोगी दलों के नेताओं को न्यौता दिया है। राहुल गांधी के नए सरकारी आवास पांच सुनहरी बाग रोड पर यह डिनर-बैठक हो सकती है।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में होने वाली इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में मुख्य रूप से चुनाव आयोग द्वारा करवाए जा रहे वोटरलिस्ट के विशेष सघन पुनरीक्षण यानी एसआईआर प्रकिया के ख़िलाफ़ रणनीति बनाई जाएगी। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने पर विपक्षी दल चिंतित हैं। वे इस मुद्दे को अन्य राज्यों में भी उठाने की योजना बना रहे हैं।

'वोट चोरी' के सबूत पेश करेंगे राहुल?

राहुल गांधी इस बैठक में कथित 'वोट चोरी' के सबूत पेश करेंगे। विपक्षी दल बिहार में संयुक्त आंदोलन और कानूनी विकल्पों पर भी विचार करेंगे। कुछ नेताओं ने बताया कि राहुल गांधी के घर होने वाली बैठक में कांग्रेस सांसद बेंगलुरु में कथित चुनावी अनियमितताओं के बारे में एक प्रेजेंटेशन देंगे। इसके बाद वे INDIA ब्लॉक की बैठक में 'वोट चोरी और चुनाव आयोग की भूमिका' के बारे में सबूत पेश करेंगे।

उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर भी मंथन

इस बैठक संसद में जारी गतिरोध और उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की अगली रणनीति पर भी राहुल गांधी के घर बैठक में विचार किया जाएगा। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। विपक्षी दल इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि चुनाव में उम्मीदवार खड़ा किया जाए या नहीं। यह चुनाव बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA के लिए आसान माना जा रहा है, क्योंकि उनके पास स्पष्ट बहुमत है। विपक्षी दल हर पहलू पर सावधानीपूर्वक विचार कर रहे हैं। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा हो और चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष हो।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, दिल्ली के अस्पताल में ली आखिरी सांस

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आज सुबह नई दिल्ली में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शिबू सोरेन का गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा था।

उनके बेटे और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, 'आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं...'

भारतीय डाक विभाग ने बंद की दशकों पुरानी रजिस्ट्री सेवा: 1 सितंबर से लागू होगा नया नियम

नई दिल्ली। भारत की सबसे पुरानी और भरोसेमंद सेवाओं में से एक, रजिस्ट्री सेवा, अब इतिहास बन जाएगी, क्योंकि भारतीय डाक विभाग ने ऐलान किया है कि 1 सितंबर 2025 से देशभर में पारंपरिक रजिस्ट्री सेवा बंद कर दी जाएगी। अब पार्सल या महत्वपूर्ण दस्तावेज भेजने के लिए केवल स्पीड पोस्ट सेवा ही उपलब्ध रहेगी।

डाक विभाग का कहना है कि रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट, दोनों सेवाएं एक जैसी कार्यप्रणाली पर आधारित थीं, जिसके कारण दोहरी व्यवस्था बनाए रखने में अतिरिक्त मैनपावर और संसाधनों की जरूरत पड़ रही थी। विभाग के अनुसार, इन दोनों सेवाओं को समानांतर चलाना "अनावश्यक दोहराव" बन गया था, जिससे लागत और मानव संसाधन दोनों प्रभावित हो रहे थे।

रजिस्ट्री सेवा एक समय में न्यायिक दस्तावेजों, सरकारी पत्राचार और महत्वपूर्ण व्यक्तिगत संचार के लिए सबसे विश्वसनीय माध्यम मानी जाती थी। इसे कानूनी मान्यता भी प्राप्त थी और इसकी ट्रैकिंग सुविधा ने इसे विशिष्ट बनाया था। लेकिन अब डाक विभाग ने तकनीकी प्रगति और सेवाओं के डिजिटलीकरण के तहत इसे समाप्त करने का फैसला किया है।

विभाग का कहना है कि स्पीड पोस्ट सेवा अधिक तेज, पारदर्शी और डिजिटल रूप से ट्रैक योग्य है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव मिलेगा। हालांकि, रजिस्ट्री सेवा से जुड़ी कई यादें और भावनात्मक जुड़ाव रखने वाले नागरिकों के लिए यह निर्णय थोड़ा भावुक कर देने वाला है।

इस फैसले के लागू होने के बाद डाक सेवाओं में एक युग का अंत होगा, और अब स्पीड पोस्ट ही देशभर में महत्वपूर्ण दस्तावेजों और पार्सलों को भेजने का मुख्य माध्यम बनेगा।

अरूण जेटली ने बंद कमरे में धमकाया…” आरोप लगाकर यूं घिरे राहुल गांधी, रोहन जेटली ने निकाली दावे की हवा

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी इन दिनों लगातार सुर्खियों में हैं। बिहार में वोटर लिस्‍ट के संशोधन (एसआईआर) हो या ऑपरेशन सिंदूर से लेकर डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत कहे जाने पर दी गई प्रतिक्रिया हो, राहुल गांधी के बयान अखबारों की हेडलाइन बनी हुई है। इस बीच राहुल गांधी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली पर धमकाने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को सालाना लीगल कॉन्क्लेव-2025 में हिस्‍सा लिया। उन्‍होंने कहा, मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर आप सरकार का विरोध करते रहे और कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ते रहे, तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी। तब मैंने उनकी तरफ देखा और कहा कि मुझे नहीं लगता कि आपको पता है कि आप किससे बात कर रहे हैं।

अरूण जेटली के बेटे ने याद दिलाई तारीख

राहुल गांधी के आरोपों पर अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने प्रतिक्रिया दी है। रोहन जेटली ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'राहुल गांधी का दावा है कि कृषि कानूनों को लेकर मेरे पिता ने उन्हें धमकाया। मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ था। कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता के स्वभाव में किसी को भी धमकाना नहीं था। वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे। अगर कभी ऐसी स्थिति आती भी, जैसा कि राजनीति में अक्सर होता है, तो वह सभी के लिए एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए स्वतंत्र और खुली चर्चा का आह्वान करते थे। वह बस ऐसे ही थे और आज भी उनकी यही विरासत है। मैं राहुल गांधी की सराहना करूंगा कि अगर वे उन लोगों के बारे में बोलते समय सचेत रहें जो हमारे साथ नहीं हैं। उन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के लिए भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की, उनके अंतिम दिनों का राजनीतिकरण किया, वह भी बेहद ही घटिया था।'

देश का राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो', समर्थकों ने लगाए नारे तो कांग्रेस सांसद ने दिया ये जवाब

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका के टैरिफ को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को वार्षिक कानूनी सम्मेलन-2025 को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राजतंत्र को लेकर बड़ी बात कही। कांग्रेस नेता ने कहा कि वे राजा के कॉन्सेप्ट के खिलाफ हूं। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति बराबर होता है और किसी की भी राजा बनाने की सोच सही नहीं है।

राहुल गांधी ने वार्षिक कानूनी सम्मेलन-2025 के कार्यक्रम में पहुंचे थे। कार्यक्रम में राहुल के संबोधन के दौरान समर्थकों और राहुल को चाहने वालों ने उनके लिए नारेबारी की। जैसे ही राहुल गांधी ने अपना संबोधन शुरू किया, विज्ञान भवन हॉल में मौजूद दर्शकों ने 'देश का राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो' के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर राहुल ने कहा कि मैं राजा नहीं हूं। राजा बनना भी नहीं चाहता हूं। मैं राजा के कॉन्सेप्ट के खिलाफ हूं।

देश को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी की नींव वकीलों ने रखी थी। अगर वकील नहीं होते, तो देश को न आज़ादी मिलती और न ही संविधान बन पाता। गांधी, नेहरू, पटेल, अम्बेडकर सब वकील थे, आप सब कांग्रेस की बैकबोन हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जो देश आपने बनाया है, आज उसी को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है, और इसे रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है।

लोकसभा चुनाव में धांधली के सबूत जल्द पेश करेंगे- राहुल गांधी

नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस पार्टी के वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव 2025 में बोलते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि उनकी पार्टी जल्द ही यह सबूत पेश करेगी कि लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी। उन्होंने कहा, हम आने वाले कुछ दिनों में आपको यह साबित करके दिखाएंगे कि लोकसभा चुनाव कैसे और किस तरह से रिग किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी बहुत मामूली बहुमत से सत्ता में आई है।

15 सीटें कम होती मोदी पीएम नहीं बन पाते- राहुल

राहुल ने कहा कि 2014 से ही मुझे लगता था कि चुनाव प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ है। गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश में एक भी सीट नहीं मिलना मुझे चौंकाता था। तब मैं कुछ नहीं बोलता था क्योंकि मेरे पास सबूत नहीं थे। लेकिन महाराष्ट्र में कुछ ऐसा हुआ। जिसने मुझे सोचने पर मजबूर किया। हम लोकसभा में बंपर जीते लेकिन विधानसभा में जबरदस्त रूप से हार गए। चुनावी गड़बड़ी का जो डाटा हमारे पास है, हम रिलीज करेंगे, यह एटम बम जैसा है। राहुल ने कहा कि जो बूथ स्तरीय सूची की कॉपी दी जाती है, वो स्कैन नहीं हो सकती है। 6.5 लाख लोग वोट करते हैं और 1.5 लाख वोट फेक हैं। अगर 10 -15 सीटें कम आती तो मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं बनते। मेरे पास राफेल डील को लेकर सबूत थे कि पीएमओ और एनएसए ने कैसे उस डील को प्रभावित किया।

रूस से अभी भी तेल खरीद रहा भारत, ट्रंप का दावा हुआ “फुस्स”

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। उसके बाद रॉयटर्स ने खबर दी थी कि भारतीय कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अब खबर आई है कि भारत, रूस के सप्लायर्स से तेल खरीदना जारी है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से शनिवार को बताया कि भारतीय रिफाइनर (भारतीय कंपनियां) ऑयल इंपोर्ट से जुड़े फैसले किसी दबाव में नहीं करती हैं। उनकी खरीद का फैसला देश का आर्थिक हितों पर निर्भर करता है। कंपनियां मूल्य, कच्चे तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स और अन्य आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर लेते हैं।

सूत्रों का कहना है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वह रोजाना करीब 95 लाख बैरल तेल निकालता है, जो दुनिया की मांग का लगभग 10% है। रूस तेल बेचने के मामले में भी दूसरे नंबर पर है। वह रोजाना लगभग 45 लाख बैरल कच्चा तेल और 23 लाख बैरल रिफाइन किया हुआ तेल दूसरे देशों को भेजता है। यूक्रेन युद्ध के बाद डर था कि रूसी तेल बाजार से बाहर हो जाएगा। इस कारण मार्च 2022 में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।

रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर

सूत्रों ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। वह अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल दूसरे देशों से खरीदता है। मुश्किल समय में भारत ने समझदारी से काम लिया और अपनी जरूरत के हिसाब से तेल खरीदा ताकि उसे सस्ता तेल मिल सके। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी पालन किया। यूक्रेन युद्ध से भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी थी जो अब करीब 37 फीसदी हो गई है। रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर है।

ट्रंप के दावों की हवा निकली

यह रिएक्‍शन रॉयटर्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले सप्ताह रूस से स्पॉट क्रूड ऑयल खरीदना बंद कर दिया है। रिपोर्ट में इसके पीछे छूट में कमी और बढ़ते जीयो-पॉलिटिकल प्रेशर का हवाला दिया गया था। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया था कि उन्हें सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे एक अच्छा कदम बताया था।

ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने पर दी थी चेतावनी

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत को रूस से तेल न खरीदने को कहा था।

पीएम मोदी का कांग्रेस-सपा पर हमला, काशी में बोले- इनसे सहन नहीं होता पाकिस्तान का दुख

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने भोजपुरी में काशीवासियों का अभिवादन किया। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने वाराणसी के सेवापुरी के गांव बनौली में 2183.45 करोड़ की 52 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त भी जारी की।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत भोजपुरी में करते हुए कहा कि सावन का महीना हो काशी जैसा पवित्र स्थान हो देश के किसानों से जुड़ने को मिले इससे बड़ा सौभाग्य क्या होगा। उन्होंने कहा हम काशी के लोगन के प्रणाम करत हईं। आज आपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार काशी आया हूं। पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तब मैं बाबा विश्वनाथ से यही मना रहा था सभी पीड़ित परिवारों को यह दुख सहने की हिम्मत दें। मैंने अपनी बेटियों को वचन दिया था, वह भी पूरा हुआ। जय महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुआ। मैं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को उनके चरणों में समर्पित करता हूं।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पर जो वार करेगा वो पाताल में भी नहीं बचेगा। मोदी ने कहा, शिव का एक रूप कल्याण है तो दूसरा रौद्र रूप है… ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने भारत का यही रूप देखा है, भारत पर जो वार करेगा वह पाताल में भी नहीं बचेगा। दुर्भाग्य है कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से अपने देश के भी कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। ये कांग्रेस पार्टी और उनके चेले चपाटे इस बात को पचा नहीं पा रहे कि भारत ने आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया। मैं अपने भारतीयों से पूछना चाहता हूं कि आपको ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर गर्व है कि नहीं।

पीएम ने पूछा- सपा से पूछकर आतंकियों को मारें क्या?

कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा कहा है, आप मुझे बताइए सिंदूर कभी भी तमाशा हो सकता है क्या। क्या कोई सिंदूर को तमाशा कह सकता है क्या? कोई मुझे बताए क्या आतंकवादियों को भी मारने के लिए इंजतार करना चाहिए क्या? यह सपाई संसद में कह रहे थे पहलगाम के आतंक‍ियों को क्‍यों मारा। सपा को फोन करूं क्या कि आतंकियों को मार दें क्या?

नया भारत भोलेनाथ को भी पूजता है, दुश्मनों के सामने कालभैरव भी बन जाता- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि नया भारत भोलेनाथ को भी पूजता है। दुश्मनों के सामने कालभैरव भी बन जाता है। मैं यूपी का सांसद हूं, इस नाते मुझे खुशी है कि ब्रह्मोस मिसाइल यूपी में भी बनेगी। ये मिसाइल लखनऊ में तैयार होंगी। अगर पाकिस्तान ने फिर कोई पाप किया तो यूपी में बनी मिसाइल आतंकियों को तबाह कर देंगी। आज यूपी विकास कर रहा है, तो इसके पीछे भाजपा सरकार की नीतियां हैं। यूपी में भाजपा सरकार ने अपराधियों में खौफ भर दिया। मैं यूपी सरकार को बधाई देता हूं।

रूस से भारत ने बंद की तेल खरीद? डोनाल्ड ट्रंप का एक और विस्फोटक दावा, फिर मचेगा बवाल

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में सियासी बवाल बढ़ाने वाला बयान दिया है। रूस के साथ भारत के तेल खरीदने से नाखुश ट्रंप ने उन मीडिया रिपोर्ट्स के दावों का स्वागत किया है जिनमें ये कहा गया कि भारत अब रूस के साथ तेल व्यापार नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस मामले में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

ट्रंप ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के लिए कोई संख्या तय की है। साथ ही क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करने वाले हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा । मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। हम देखेंगे कि क्या होता है।

भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के बाद ट्रंप का बयान

ट्रंप की यह टिप्पणी भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और रूस के साथ हथियार और कच्चे तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त दंड की चेतावनी देने के बाद आई है। ट्रंप प्रशासन भारत की रूसी ऊर्जा खरीद से नाराज है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते समय और पहले भी इस बारे में खुलकर इजहार किया है। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को पुतिन की युद्ध मशीनरी को समर्थन बताया है, जो यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है।

रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप के इस बयान से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में रूस से आने वाला तेल अचानक ठहर सा गया है। देश की चार सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनियों- IOC, BPCL, HPCL और MRPL- ने बीते एक हफ्ते से रूसी कच्चा तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में रूसी तेल पर मिलने वाली छूट पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। ऐसे में भारत की सरकारी कंपनियां अब स्पॉट मार्केट यानी तत्काल खरीद-बिक्री वाले बाजार की ओर रुख कर रही हैं। यहां से वे अबू धाबी का मुरबान ग्रेड और पश्चिमी अफ्रीका से आने वाला कच्चा तेल खरीद रही हैं। 14 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई देश तब तक रूस से तेल खरीदेगा जब तक वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने को लेकर बड़ा शांति समझौता नहीं करता, तो अमेरिका 100% टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाएगा।

रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का रूख

वहीं, इससे पहले शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी थी, जिनमें कहा गया था कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। जायसवाल ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। ब्रीफिंग के दौरान जायसवाल ने कहा, आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष बात की जानकारी नहीं है।'

कौन हैं खालिद जमील जो बने भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के मुख्य कोच नियुक्त, जानें उनके बारे में

#khalid_jamil_has_been_appointed_as_head_coach_of_indian_mens_national_football_team

भारतीय फुटबॉल टीम के नए कोच का ऐलान हो गया है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की एग्जीक्यूटिव कमिटी ने टेक्निकल कमिटी की सिफारिश पर भारतीय नेशनल फुटबॉल टीम के हेड कोच के रूप में खालिद जमील के नाम पर मुहर लगा दी है। इस तरह से वह पिछले 13 वर्षों में प्रतिष्ठित पद पर आसीन होने वाले पहले भारतीय बन गए। भारतीय टीम का कोच बनने की दौड़ में जमील के अलावा भारत के पूर्व मुख्य कोच स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन और और स्लोवाकिया के मुख्य कोच रह चुके स्टीफन टारकोविच शामिल थे।

पूर्व भारतीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और वर्तमान में इंडियन सुपर लीग की टीम जमशेदपुर एफसी के प्रभारी 48 वर्षीय जमील को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारी समिति ने इस पद के लिए चुना। एआईएफएफ की टेक्निकल कमेटी ने 22 जुलाई को नेशनल टीम के निदेशक सुब्रत पाल से सलाह लेने के बाद कोच के लिए तीन लोगों की सूची तैयार की थी। इसमें पूर्व नेशनल कोच स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन, स्लोवाकियाई मैनेजर स्टीफन टारकोविक और खालिद जमील का नाम शामिल था। शुक्रवार, एक अगस्त को खालिद जमील को भारतीय टीम के नया कोच बनाने की घोषणा कर दी गई।

साल बाद नेशनल टीम को मिला भारतीय हेड कोच

महासंघ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि टेक्निकल समिति के सदस्यों द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता अरमांडो कोलाको और ध्यानचंद पुरस्कार विजेता शब्बीर अली ने अपने विचार व्यक्त किए कि एआईएफएफ को सीनियर नेशनल फुटबॉल टीम के लिए एक भारतीय कोच के चयन को प्राथमिकता देनी चाहिए। खालिद 13 साल बाद भारतीय नेशनल फुटबॉल टीम के पहले ऐसे फुल टाइम हेड कोच बने हैं, जो भारत के ही हैं। राष्ट्रीय पुरुष टीम के मुख्य कोच का पद संभालने वाले अंतिम भारतीय सावियो मेडेइरा थे, जो 2011 से 2012 तक इस पद पर रहे।

खालिद जमील मनोलो मार्केज की जगह लेंगे

खालिद जमील स्पेन के मनोलो मार्केज की जगह लेंगे, जिन्होंने पिछले महीने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके समय में भारतीय टीम पिछले एक साल में कोई भी मैच नहीं जीत पाई थी।

2016-17 का आई-लीग खिताब जीतना जमील की बड़ी उपलब्धि

जमील की नई भूमिका में पहला काम सेंट्रल एशियन फुटबॉल एसोसिएशन (सीएएफए) नेशंस कप होगा, जो 29 अगस्त से ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में खेला जाएगा। जमील लंबे समय से भारतीय फुटबॉल से जुड़े हुए हैं। कोच के रूप में अपने एक दशक से भी अधिक समय के करियर की उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि आइज़ॉल एफसी के साथ 2016-17 का आई-लीग खिताब जीतना था। तब इस क्लब ने मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और बेंगलुरु एफसी जैसी बड़ी टीमों को हराया था। मुंबई के रहने वाले जमील को इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में कोचिंग का अच्छा खासा अनुभव है।